Finance Bill 2023
     
Finance Minister's Speech
     
MP BUDGET 2022-23 AT A GLANCE
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान आयकर विभाग मप्र-छत्तीसगढ़ द्वारा कर के सकल संग्रहण में पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अवधि की तुलना में 19.21 प्रतिशत की वृद्धि हुईः श्री मोहनिश वर्मा
3 may 2023
भोपाल।वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान दिनांक 31.03.2023 तक आयकर विभाग मप्र-छत्तीसगढ़ द्वारा कर के सकल संग्रहण में पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अवधि की तुलना में 19.21 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान मप्र-छत्तीसगढ़ में 35972.4 करोड़ रुपये का सकल संग्रहण विभाग द्वारा किया गया। यह बात श्री मोहनिश वर्मा, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (मध्य प्रदेश/छत्तीसगढ़) ने बुधवार को आयकर भवन भोपाल में आयोजित प्रेस मीटिंग में कही। उन्होंने बताया कि विभाग ने वित्त वर्ष 2022-23 में बड़ी कुशलतापूर्वक रिफंड (प्रतिदाय) जारी किए। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान मप्र एवं छत्तीसगढ़ में निर्धारितियों को 7377.2 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया। यह तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष 2021-22 की तुलना में 75 प्रतिशत अधिक है। श्री वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 4226.2 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि करदाताओं की सेवाओं में सुधार के लिए विभाग ने रिफंड जारी करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
श्री वर्मा ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रमुख शीर्ष टीडीएस के तहत संग्रह में 25.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 के दौरान 2165 CPGRAMS याचिकाओं का निपटान किया गया। इस प्रकार 31.03.2023 तक 89 प्रतिशत याचिकाओं का निस्तारण किया गया है। उन्होंने कहा कि बेहतर करदाता सेवाएं प्रदान करना आयकर विभाग का मुख्य एजेंडा है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण ने प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग से करदाताओं की संख्या बढ़ाने का अधिकारियों को निर्देश दिया
30 April 2023
नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड को प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के माध्यम से करदाता आधार बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना लागू करने का निर्देश दिया है। वित्त मंत्री सीतारामन ने आज नई दिल्ली में सीबीआईसी के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने सीबीआईसी को अगले सप्ताह तक अपनी स्वचालित जीएसटी रिटर्न जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया।
वित्त मंत्री ने करदाता सेवाओं में निरंतर सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। फर्जी बिलिंग और इनपुट टैक्स क्रेडिट के खिलाफ अपने अभियान को तेज करने के लिए, उन्होंने सीबीआईसी से पहले से दर्ज मामलों के पीछे के मूल कारण का विश्लेषण करने को कहा।
वित्तीय क्षेत्र के लचीलेपन और स्थिरता पर नए सिरे से जोर - आरबीआई गवर्नर
27 April 2023
नई दिल्ली:भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि वित्तीय क्षेत्र के लचीलेपन और स्थिरता पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि बैंकों को वित्तीय, परिचालन और संगठनात्मक रूप से लचीला होने की जरूरत है। कॉलेज ऑफ सुपरवाइजर्स द्वारा मुंबई में आयोजित 'वित्तीय लचीलेपन पर वैश्विक सम्मेलन' को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि किसी भी देश के वित्तीय क्षेत्र, बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को लचीला और आंतरिक रूप से मजबूत होना चाहिए।
श्री दास ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल के वर्षों में बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं के अपने पर्यवेक्षण और नियमों को काफी सख्त किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली लचीली बनी हुई है। हाल में कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई वित्तीय अस्थिरता का हमारी बैंकिंग प्रणाली पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय जेम्स एंड ज्वैलरी पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया
24 April 2023
नई दिल्ली:केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में 49वें भारतीय जेम्स एंड ज्वैलरी पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री गोयल ने कहा कि विश्व बाजार में भारत ने अपने इस उद्योग के अनोखे डिजाइनों, परंपराओं और आधुनिकता को प्रदर्शित किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रत्न और आभूषण उद्योग भारतीय निर्यात क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
केन्द्रीय युवा और खेल तथा सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज कहा कि 2025 तक भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग के सौ अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है
20 April 2023
नई दिल्ली:केन्द्रीय युवा और खेल तथा सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज कहा कि देश में डिजिटल क्रांति आ रही है और सूचना प्रौदयोगिकी क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि 2025 तक भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग के सौ अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि युवा हमारी अर्थव्यवस्था और विकास के वाहक हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में नई प्रतिभाओं का भरमार है और युवाओं को निरंतर सीखने की प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए। श्री ठाकुर ने कहा कि भारत विश्व में दूसरा सबसे बडा मोबाइल फोन निर्माता है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन शुरू करने का निर्णय लिया है और इसके लिये छह हजार 300 करोड रूपये की स्वीकृति दी गई है। भारत क्वांटम मिशन शुरू करने वाला विश्व का सातंवा देश है।
मुंबई के बाद दिल्ली में भी ऐपल का स्टोर, जानिए किसे होगा फायदा और किसे नुकसान
20 April 2023
नई दिल्ली:आईफोन (iPhone) बनाने वाली दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी ऐपल (Apple) मुंबई के बाद अब दिल्ली में भी अपना स्टोर खोलने जा रही है। देश में पहले से ही आईफोन और ऐपल के दूसरे प्रॉडक्ट्स की बिक्री हो रही है। लेकिन ऐपल के स्टोर्स को लेकर देश में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। सवाल उठता है कि आखिर ऐपल के स्टोर खुलने से क्या फायदा होने वाला है? इसकी वजह यह है कि ऐपल ने दुनिया में रिटेल बिजनस को जिस तरह बदला है, उसकी मिसाल कम ही देखने को मिलती है। कंपनी ने अपना पहले रिटेल स्टोर 2001 में कैलिफोर्निया और वर्जीनिया में खोले थे। दूसरे रिटेलर्स पर निर्भरता कम करने और अपने प्रॉडक्ट्स को बेहतर ढंग से शोकेस करने के लिए कंपनी ने खुद ही अपने स्टोर खोलने का फैसला किया था। अब तो यह एक तरह से स्टेटस सिंबल बन गया है। केवल अमेरिका में ऐपल के 272 स्टोर हैं।
आज ऐपल के स्टोर दुनिया के 20 से भी अधिक देशों में है। अमेरिका के बाद इसके सबसे ज्यादा 45 स्टोर चीन में हैं। ब्रिटेन में 39, कनाडा में 28, ऑस्ट्रेलिया में 22, फ्रांस में 20, इटली में 17 और जर्मनी में 16 स्टोर हैं। ऐपल मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी है। ऐपल के स्टोर की सबसे बड़ी खासियत इसका डिजाइन है। ऐपल का अपने स्टोर्स में प्रॉडक्ट्स को डिस्प्ले करने का अपना अलग ही तरीका है। साथ ही इसमें यूजर्स को एक अलग ही अनुभव मिलता है। अमेरिका और यूरोप में नए प्रॉडक्ट के लॉन्च के दौरान ऐपल के स्टोर्स के बाहर भारी भीड़ देखी जाती है। मुंबई में ऐपल का स्टोर काली पीली टैक्सी से प्रेरित है।
क्या फायदा मिलेगा
ऐपल स्टोर्स के सभी कर्मचारियों के पास मोबाइल पीओएस होता है। इससे प्रॉडक्ट्स को बेचने में आसानी होती है। यानी आपको बिल काउंटर पर खड़े रहने की जरूरत नहीं है। आप जिस काउंटर पर प्रॉडक्ट चेक कर रहे हैं, वहीं पर पेमेंट कर सकते हैं। ऐपल स्टोर से प्रॉडक्ट्स खरीदने के सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको वहां एक्सक्लूसिव डील और ऑफर मिलता है। उदाहरण के लिए अगर आप स्टूडेंट हैं आपको बैक टू यूनिवर्सिटी ऑफर का फायदा मिल सकता है। अमेरिका में कंपनी इसके तहत 150 डॉलर का गिफ्ट कार्ड देती है। इतना ही नहीं अगर आप ऐपल के स्टोर से कोई प्रॉडक्ट खरीदते हैं तो आप अपने हिसाब से इसे पर्सनल टच दे सकते हैं।
अब तक कंपनी एक्सक्लूसिव ऐपल प्रीमियम पार्टनर स्टोर्स, बड़े रिटेलर्स और ट्रेड एंड ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपने प्रॉडक्ट्स बेचती थी। कंपनी का कहना है कि नए रिटेल लोकेशंस से उसके बिजनस का भारत में विस्तार होगा। इस स्टोर्स से भारत में कंपनी के ग्राहक नए प्रॉडक्ट्स को एक्सप्लोर कर सकेंगे। माना जा रहा है कि अपने स्टोर्स ने कंपनी ग्राहकों के लिए एक्सपीरिएंस सेंटर भी बनाएगी। इससे रिटेलर्स को कुछ नुकसान होगा। रिटेलर्स को आशंका है कि मुंबई और दिल्ली में एपल का स्टोर खुलने से उनके ग्राहकों की संख्या में 50 से 60 फीसदी तक गिरावट आ सकती है।
किसे होगा नुकसान
भारत में आईफोन की कुल सालाना बिक्री में इन मुंबई और दिल्ली की हिस्सेदारी 20 फीसदी है। कुछ का कहना है कि ऐपल पहले अपने स्टोर्स के लिए स्टॉक रिलीज करेगी। इससे बाकी रिटेलर्स को नुकसान हो सकता है। हालांकि कंपनी के सूत्रों ने इस आशंका को खारिज किया है। उनका कहना है कि ऐपल के रिटेल स्टोर खोलने से पूरे रिटेल ईकोसिस्टम को फायदा होगा। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी नवनीत पाठक ने कहा कि कंपनी नए लॉन्च के दौरान दिल्ली और मुंबई में इसी तरह का हाइप क्रिएट करना चाहेगी। ऐपल के मौजूदा ग्राहक नया प्रॉडक्ट खरीदने से पहले इन स्टोर्स में जाना चाहेंगे। हालांकि कुछ लोग इसे ज्यादा तरजीह नहीं देते। उनका कहना है कि एपल के 80 फीसदी नए ग्राहक छोटे शहरों से आते हैं। ऐसे में ऐपल के दो स्टोर्स ने ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं है।
यंग इंडियंस-वायईए शिखर सम्मेलन 20 अप्रैल को
18 April 2023
भोपाल/व्यापार:कान्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज की इकाई यंग इंडियंस जी20 यंग एंट्रेप्रेन्योर्स अलायन्स (वायईए) द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. खेलकूद एवं युवा मामले मंत्रालय के सहयोग से आयोजित यह सम्मेलन 20 अप्रैल को रायसेन रोड स्थित एल एन सी टी समूह के सभागार में आयोजित होगा. महापौर श्रीमती मालती राय इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं वक्ता होंगी. डिप्टी कलेक्टर, भोपाल निधि चौकसे; यंग इंडियंस, भोपाल चैप्टर के अध्यक्ष शिवेंद्र अग्रवाल; उपाध्यक्षा पूजाश्री चौकसे; नेशनल युवा उपाध्यक्ष अनुज गर्ग; पूर्व अध्यक्षा अंजलि गोयल; तथा भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भक्ति शर्मा; एवं मेग्ना पेरीटस लॉ फर्म के मैनेजिंग डायरेक्टर शांतनु सक्सेना इस दौरान आयोजित पैनल डिस्कशन में अपने विचार व्यक्त करेंगे.
यंग इंडियंस, भोपाल चैप्टर के अध्यक्ष शिवेंद्र अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस सम्मेलन का विषय 'यंग इंडियन अचीवर्स और शहरी एवं ग्रामीण शासकीय संस्थानों के प्रमुखों के बीच संवाद' रखा गया है.
उन्होंने यह भी बताया कि G20 YEA युवा उद्यमिता को आर्थिक नवीनीकरण, रोजगार सृजन, नवाचार और सामाजिक परिवर्तन के एक शक्तिशाली चालक के रूप में बढ़ावा देना चाहता है। प्रत्येक वर्ष, G20 YEA दुनिया के सैकड़ों शीर्ष युवा उद्यमियों को वैश्विक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने के लिए अग्रणी व्यापार और राजनीतिक नेताओं के साथ अपने विचारों को साझा करने के लिए एक साथ लाता है।
रूस के साथ व्यापार बढ़ाने का यह बेहतर मौका : मंत्री श्री सखलेचा रूसी संघ के चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री उद्घाटन समारोह में सम्मिलित हुए
5 April 2023
व्यापार: एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि भारत में रूसी संघ के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना से देश के अंतरराष्ट्रीय सहयोग, साझेदारी और व्यवसाय के विकास को बढ़ावा मिलेगा। रूस के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंध हैं और अब इन संबंधों के साथ व्यापार को बढ़ाने की जरूरत है। मंत्री श्री सखलेचा मंगलवार को दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में रूसी संघ के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि सीसीआई रूसी संघ के भारत प्रमुख श्री इगोर पियासेट्स्की की अध्यक्षता में शुरू किए जा रहे सीसीआई इंडिया का उद्देश्य भारत और रूस के बीच नए वातावरण के निर्माण के माध्यम से दीर्घकालिक सहयोग स्थापित करने के साथ ही घरेलू कंपनियों को सपोर्ट करना है। श्री सखलेचा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एमएसएमई के लिए देश में नया वातावरण निर्मित हुआ है। श्री सखलेचा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में एमएसएमई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की नीतियों पर प्रकाश डाला एवं रूसी संघ के व्यापार प्रतिनिधियों को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि रूस की आपूर्ति श्रंखला के साथ उनकी निर्माण इकाइयाँ, भारतीय बाजारों में प्रवेश कर रही हैं, जो दोनों देशों के उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान और उनके सतत विकास हेतु रूसी संघ का सीसीआई भारत और रूस के बीच सेतु का काम करेगा।
कार्यक्रम में रूसी संघ के सीसीआई के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में व्यापार के अवसरों की तलाश करने के लिए लगभग 350 उद्यमी कार्य कर रहे हैं, जो धातु विज्ञान और मशीन, रक्षा और कृषि प्रसंस्करण में अवसरों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूसी संघ की 20 कंपनियाँ सहयोग/एमओयू के लिए तैयार हैं। उद्घाटन समारोह मेंसी सीआई रूसी संघ के अध्यक्ष श्री सेर्गेई कात्यारिन, सीसीआई रूसी संघ के भारत प्रमुख, श्री इगोर पियासेट्स्की, रूस दूतावास के सचिव श्री इल्दार, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिगंबर कामत, सेवा भारती के श्री पन्ना लाल भंसाली, रूस के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि और व्यापार प्रतिनिधि समेत मध्यप्रदेश सरकार के एमएसएमई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की औद्योगिक इकाइयाँ प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था की आत्मा : मुख्यमंत्री श्री चौहान
29 March 2023
व्यापार: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की औद्योगिक इकाइयाँ ही मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था की आत्मा हैं। यह इकाइयाँ स्थानीय स्तर पर कृषि उत्पादों तथा अन्य सामग्री का वैल्यू एडिशन करने के साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करती हैं। अर्थ-व्यवस्था को गति देने में इन इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उद्यमी हमारे विकास के पार्टनर हैं। राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की इकाइयों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हम प्रदेश में इन इकाइयों का जाल बिछाना चाहते हैं। इस दिशा में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान 1450 एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों को सिंगल क्लिक से 400 करोड़ रूपये की सब्सिडी अंतरित कर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री निवास स्थित कार्यालय भवन समत्व में हुए कार्यक्रम में सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, सचिव श्री पी. नरहरि तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों के उद्यमी, उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि वर्चुअली सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों और उद्यमियों से वर्चुअली संवाद भी किया।
मध्यप्रदेश, भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थ-व्यवस्था आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री के आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के संकल्प के क्रम में ही आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोड मेप विकसित कर गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। मध्यप्रदेश, भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था है। प्रदेश की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ हो गई है। पर केपिटा इनकम एक लाख 40 हजार रूपए है। सिंचाई क्षमता में भी हमने बहुत वृद्धि की है। कृषि हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। कृषि उत्पादों के वैल्यू एडिशन में कौशल उन्नयन से युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर निर्मित किए जा रहे हैं।
उद्यमियों की कठिनाइयों को दूर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती से सफल उद्यमियों को विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। उद्यमियों की कठिनाइयों को दूर करने में क्लस्टर एप्रोच की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य सरकार छोटे उद्योगों को निर्मित अधो-संरचना उपलब्ध कराने की दिशा में भी प्रयास कर रही है। उद्यमियों को दी जाने वाली सब्सिडी उन्हें बिना कठिनाई के उपलब्ध हो और इसमें होने वाले लेन-देन की संभावनाओं को शून्य करने के उद्देश्य से ही सब्सिडी दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना में युवाओं को काम सीखने के बदले प्रतिमाह 8 हजार रूपए का स्टाइफंड उपलब्ध कराया जाएगा। काम सीखने से हुए कौशल उन्नयन से युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उद्यमियों से की चर्चा
मुख्यमंत्री श्री चौहान से लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेश गुप्ता, मंडीदीप इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजीव अग्रवाल, ग्वालियर की उद्यमी श्रीमती अंजू भदौरिया तथा शहडोल के राइस मिल संचालक श्री नवनीत सिंघानिया ने वर्चुअली संवाद किया। श्री महेश गुप्ता ने क्लस्टर प्रणाली में जमीन के साथ अधो-संरचना और मशीनरी के लिए भी राज्य की ओर से सहयोग उपलब्ध कराने का सुझाव रखा। डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई नीति तथा स्टार्टअप नीति लागू होने से अन्य राज्यों से उद्यमी अपनी इकाई स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश आ रहे हैं। श्रीमती अंजू भदौरिया ने महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन व्यवस्था स्थापित करने का निवेदन किया। श्री नवनीत सिंघानिया ने कहा कि अधिकारियों के सहयोग और प्रोत्साहन से ही वे औद्योगिक इकाई की स्थापना और उसका सफल संचालन कर पाए हैं।
वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में सब्सिडी मिलना उद्यमियों के लिए संजीवनी के समान
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में तेजी से औद्योगिक इकाइयाँ विकसित हुई हैं। प्रदेश में 70 से अधिक क्लस्टर बन चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत सरकार ने 13 क्लस्टर स्वीकृत किए हैं। प्रत्येक जिले में युवाओं को मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सब्सिडी के अंतरण से उद्यमियों के लिए कार्य करना आसान हुआ है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में सब्सिडी की राशि जारी करना उद्यमियों के लिए संजीवनी के समान है। मंत्री श्री सखलेचा ने उद्यमियों की ओर से मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार माना।
एलआईसी के आज से चेयरमैन बदलेंगे, सिद्धार्थ मोहंती अब यह पद संभालेंगे
14 March 2023
व्यापार: हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म की रिपोर्ट आने के बाद से उद्योगपति गौतम अडाणी के अडाणी समूह को भारी नुकसान हुआ है. उसके बाद यह जानकारी भी सामने आई कि सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का अडानी समूह की कंपनियों में भारी निवेश है। इस बीच, सरकार ने एलआईसी एमआर के वर्तमान अध्यक्ष को नियुक्त किया है। कुमार ने अपना कार्यकाल बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
सिद्धार्थ मोहंती को एलआईसी का नया अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है
सिद्धार्थ मोहंती को सरकार ने एलआईसी का नया अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह 14 मार्च से कार्यभार संभालेंगे। फिलहाल उनकी नियुक्ति 3 महीने के लिए की गई है। सिद्धार्थ मोहंती वर्तमान में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के एमडी और सीईओ हैं। मोहंती ने 1 फरवरी 2021 को पदभार ग्रहण किया। वह टी.सी. सुशील कुमार का स्थान लिया। सिद्धार्थ मोहंती 30 जून 2023 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं और तब तक इस पद पर बने रहेंगे।
एलआईसी से लेकर शेयर बाजार तक की जानकारी
एलआईसी ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने सिद्धार्थ मोहंती को कंपनी का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है. यह एलआईसी के प्रबंध निदेशक के रूप में उनके कर्तव्यों से अलग प्रभार होगा। वह 14 मार्च 2021 से अंतरिम अध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू करेंगे। उल्लेखनीय है कि एलआईसी ने अडाणी समूह की कंपनियों में 30,127 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
अडानी समूह ने अंबुजा सीमेंट्स की खरीद के लिए वित्त का पूर्व भुगतान किया
14 March 2023
व्यापार : अडानी समूह ने अपने ऋण पूर्व भुगतान के हिस्से के रूप में मार्च-अंत की समय सीमा से पहले ही मार्जिन-लिंक्ड शेयर-समर्थित वित्तपोषण में $2.15 बिलियन का प्री-पेड कर दिया है। इसके अलावा, प्रमोटरों ने अंबुजा सीमेंट की खरीद के लिए वित्तपोषण सुविधा के रूप में लिए गए 50 करोड़ के ऋण का भी पूर्व भुगतान कर दिया है। समूह की ओर से जारी सूची के मुताबिक, यह इक्विटी योगदान बढ़ाने के लिए प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। इस प्रीपेमेंट के बाद, उन्होंने अंबुजा और एसीसी पर खर्च किए गए कुल 6.6 बिलियन डॉलर में से 2.6 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
संपूर्ण $2.65 बिलियन का प्री-पेमेंट कार्यक्रम सप्ताह के दौरान पूरा हो गया है। जो मजबूत तरलता प्रबंधन का प्रमाण है। साथ ही प्रायोजक स्तर पर्याप्त पूंजी प्राप्ति का संकेत देता है। बयान में कहा गया है कि यह सभी पोर्टफोलियो कंपनियों में अपनाई गई मजबूत पूंजी पर्याप्तता का भी पूरक है। अंबुजा सीमेंट्स और उसकी सहायक कंपनी को अडानी परिवार 6. इसे 6 अरब डॉलर में खरीदा गया था। बाद में प्रमोटरों ने अतिरिक्त रुपये का भुगतान किया। 20 हजार करोड़ के निवेश से दोनों कंपनियों की क्षमता 7 करोड़ टन सालाना से बढ़ाकर 14 करोड़ टन सालाना करने पर सहमति बनी। हालांकि, यूएस-आधारित लघु विक्रेता हिंडनबर्ग द्वारा जारी एक शोध रिपोर्ट के बाद, समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में उच्च अस्थिरता के साथ उच्च पूंजी क्षरण देखा गया। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों और प्रीपेड प्रमोटरों के ऋणों को समूह की सभी कंपनियों में गिरवी रखे शेयरों को जारी करने से इनकार किया।.
मध्यप्रदेश के एमएसएमई विभाग को मिला केन्द्र सरकार से अवार्ड
24 Feb 2023
एमपी : मध्यप्रदेश के खाते में एक और उपलब्धि अर्जित हुई है। केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के एमएसमएई के विलंबित भुगतानों के निराकरण के लिये सुक्ष्म और लघु उद्यम फेसिलिटेश्न कॉउन्सिल को स्ट्रांग रिकवरी प्रोसिजर एवं प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिये, एमएसईएफसी एक्सिलेंस अवार्ड-2022 प्रदान किया है।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गत दिवस मध्यप्रदेश के एमएसएमई विभाग के सचिव और उद्योग आयुक्त श्री पी. नरहरि को यह प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड प्रदान किया। केन्द्रीय एमएसएमई के अतिरिक्त सचिव डॉ. रजनीश, लघु उद्योग भारती के सदस्य श्री महेश गुप्ता, राजेश कुमार मिश्रा सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
श्री नरहरि ने बताया कि एक जनवरी 2022 से दिसम्बर 2022 तक कॉउन्सिल की 19 बैठकें हुई, जिसमें कुल 472 प्रकरणों में सुनवाई की और 303 प्रकरणों में अन्तिम निर्णय कर विभागीय पोर्टल में अपलोड किये गये। अवार्ड एवं सुलह के माध्यम से तीस करोड़ 51 लाख 30 हजार 571 रूपये का भुगतान कराया गया। कॉउन्सिल की बैठक प्रत्येक प्रथम एवं तृतीय शुक्रवार को की जाती है और उभय पक्षों को वर्चुअल सुनवाई की सुविधा भी दी जाती है।
श्री पी. नरहरि ने बताया कि केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 की धारा 15 से 23 तक सप्लायर को यह अधिकार होता है कि यदि उसने क्रेता को सामग्री / सेवा प्रदाय की है तो नियत दिनांक से 45 दिवस के पूर्व क्रेता को भुगतान करना आवश्यक है। समायवधि में भुगतान नहीं होता है तो, सप्लायर को अधिनियम अन्तर्गत क्रेता से मूलधन के साथ 3 गुना चक्रवृद्धि मासिक ब्याज पाने का दावा अधिनयम की धारा 18 में कर सकता है।
एमपी में 7775 करोड़ रुपये का निवेश, 5350 लोगों को मिलेगा रोजगार
6 Dec 2022
एमपी : निवेश की दुष्टि से मध्यप्रदेश अब एक आदर्श राज्य बन गया है. मध्यप्रदेश में चार बड़ी कंपनियां निवेश करने वाली है जिसे 5350 लोगों को रोजगार मिलेगा.
मध्य प्रदेश के बेरोजगारों को अब बेरोजगारी से राहत मिलने वाली है. एक बड़े पैमाने पर अब बेरोजगारों के लिए रोजगार की संभावना बन गई है. मध्य प्रदेश में चार बड़ी कंपनियों के निवेश से 5350 लोगों को रोजगार मिलेगा. ये चार कंपनियां मध्य प्रदेश में 7775 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न निवेशकों से चर्चा के दौरान कहा कि निवेश की दुष्टि से मध्यप्रदेश एक आदर्श राज्य बना है. राज्य सरकार भी अपनी नीतियों के अनुरूप अब निवेशकों को पूर्ण सहयोग देगी. इस निवेश से ना केवल मध्यप्रदेश में रॉक फास्फेट से खाद निर्माण की इकाई शुरू करने की राह खुली है बल्कि 7775 करोड़ रुपए के निवेश से 5350 लोगों को रोजगार भी मिलेगा।.
क्या कहा निवेशकों ने?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात के बाद इंडियन फॉस्फेट लिमिटेड के प्रबंध संचालक रविंदर सिंह ने कहा कि वो झाबुआ जिले के मेघनगर में लगभग 200 करोड़ रूपए की लागत से एक संयंत्र की स्थापना करने वाले हैं जिससे मध्यप्रदेश के किसानों को बहुत फायदा मिलने वाला है. अब उन्हें एसएसपी और डीएपी के लिए अन्य प्रदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इंडियन फॉस्फेट लिमिटेड सागर जिले में भी डीएपी प्लांट के लिए भी निवेश कर रहा है. झाबुआ और सागर के प्लांट से लगभग 400 लोगों को रोजगार मिलेगा.
वहीं मेसर्स ग्रीनको ग्रुप के प्रबंध संचालक अनिल कुमार चलमला शेट्टी ने बताया कि नीमच जिले के गांधी नगर में वो 7200 करोड़ रूपए की लागत से 1440 मेगावाट का पम्पड स्टोरेज प्लांट लगा रहे है. जिससे प्रदेश में हॉइड्रो पावर को बढ़ावा देने की यह महत्वपूर्ण परियोजना है. इससे बिजली की दरों में कमी की संभावना है. इस प्रोजेक्ट से लगभग 2500 लोगों को रोजगार मिलेगा.
आईटीसी लिमिटेड के पदाधिकारी वदीराज कुलकर्णी और रजनीकांत राय ने मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से मुलाकात के बाद बताया कि वो सीहोर जिले के औद्योगिक क्षेत्र बढ़ियाखेड़ी में 250 करोड़ रूपए का निवेश कर करीब 200 लोगों को रोजगार देंगे. वहीं बैद्यनाथ के प्रबंध संचालक प्रणव शर्मा ने बताया कि वो छिंदवाड़ा में खैरीटैगांव में जड़ी-बूटियों से दवाओं के निर्माण के लिए 125 करोड़ रुपये की लागत से एक प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे है जिससे करीब 2250 लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, इससे जनजातीय वर्ग को विशेष रूप से लाभ भी होगा.
G-20 शिखर सम्मेलन 2022
4 Dec 2022
एमपी: उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं, लड़कियों और कमज़ोर स्थितियों में रह रहे लोगों के लिये डिजिटल परिवर्तन के सकारात्मक प्रभावों का दोहन करने हेतु डिजिटल कौशल एवं डिजिटल साक्षरता को और अधिक विकसित करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित किया।.
विदेश मंत्रालय भारत सरकार की संस्था आरआईएस (रिसर्च एंड इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज) द्वारा G20 का विशेष सम्मेलन "थिंक 20 ग्लोबल गवर्नेंस विद लाइफ, वैल्यू एंड वेल बीइंग" 16 और 17 जनवरी को भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में किया जाएगा। सम्मेलन में G 20 के चीफ कोऑर्डिनेटर भारत सरकार श्री हर्ष वर्धन श्रींगला, इंडोनेशिया के राष्ट्रीय विकास योजना मंत्रालय में राजनीतिक, कानून, सुरक्षा और रक्षा मामलों के उप मंत्री डॉ.slamet soedarsono, भारत में नीदरलैंड के राजदूत श्री एच. ई. मार्टन वादेन बर्ग और जर्मनी के जर्मन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संस्थान में आर्थिक सहयोग और विकास के प्रमुख और मंत्री श्री उवे गेहलेन विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। G 20 के सदस्य देशों से करीब 70 मंत्री और अतिथि सहित भारत के अन्य राज्यों से 100 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। सभी अतिथियों को ट्राइबल म्यूजियम और यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज सांची का भ्रमण भी कराया जाएगा।.
मध्यप्रदेश में G 20 की बैठक होना प्रदेश के लिये गौरव की बात है। G 20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस समय भारत को G 20 की अध्यक्षता करने का गौरव मिला है। G 20 में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इण्डोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, साउदी अरबिया, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, टर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला और प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रतीक हजेला ने मंत्रालय में सम्मेलन की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
दुनिया की सबसे अव्वल इकॉनोमी में हुआ भारत शामिल
18 February 2020
नई दिल्ली: अब भारत कोई छोटा-मोटा देश नहीं रहा. भारत की गिनती अब दुनिया के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में होने लगी है. हमारा देश इकॉनोमी के मामले में इतना बड़ा हो गया है कि अब यूरोप के सबसे ताकतवर समझे जाने वाले देशों को भी पछाड़ दिया है. ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत अब दुनिया की 5वीं बड़ी इकॉनोमी बन गई है.
जापान और यूरोपीय देशों को भी छोड़ा पीछे
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू (World Population Review) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है. भारत की जीडीपी 2.94 ट्रिलियन डॉलर हो गई है. भारत ने इंग्लैंड और फ्रांस को तो पछाड़ दिया है. साथ ही भारत की जीडीपी (PPP) 10.51 ट्रिलियन डॉलर हो गई है जो जापान और जर्मनी से कहीं ज्यादा है. हालांकि रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा मंदी की वजह से भारत की रफ्तार थोड़ी धीमी ही रहेगी. उल्लेखनीय है कि हाल ही में जारी इकॉनोमिक सर्वे में कहा गया है कि आगामी वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 5 प्रतिशत के आसपास ही रहेगी.
लिबरल इकॉनोमी का फैसला रहा है मददगार
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 में भारतीय अर्थव्यवस्था को लिबरल बनाने का फैसला देश के लिए मददगार रहा है. इस कदम की वजह से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और निजीकरण का फायदा मिला है. इसकी वजह से भारतीय इकॉनोमी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर रही है. बताते चलें कि देश का सर्विस सेक्टर सबसे शानदार काम कर रहा है. भारतीय अर्थव्यवस्था में 60 फीसदी योगदान सर्विस सेक्टर का ही है. इसके अलावा 28 प्रतिशत योगदान इम्प्लॉइमेंट का है.
सुप्रीम कोर्ट की फटकार का एयरटेल पर हुआ तुरंत असर, तत्काल जमा किए 10,000 करोड़ रुपये
18 February 2020
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की फटकार एयरटेल (Airtel) के उपर दबाव बनाने में कामयाब हो गया है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये का बाद एयरटेल ने सोमवार को अडजेस्टड ग्रोस रेवेन्यू (AGR) वैधानिक बकाये में से 10,000 करोड़ का भुगतान कर दिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह बाकी की राशि का भुगतान भी सेल्फ इवैलुएशन के बाद कर देगी. एयरटेल की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारती एयरटेल, भारती हेक्साकॉम और टेलीनॉर की तरफ से कुल 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
जानकारों का कहना है कि सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए कहा था कि टेलीकॉम विभाग, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) के 'तत्काल' स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क व लाइसेंस शुल्क के भुगतान में विफल रहने पर उनके बैंक गारंटी को भुनाने की कार्रवाई कर सकती है. सरकार ने कहा था कि यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते साल 24 अक्टूबर को स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क व लाइसेंस शुल्क को लेकर दिए गए आदेश के अनुपालन के मद्देनजर उठा सकती है.
इससे पहले बीते शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट ने डीओटी को जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा 24 अक्टूबर को दिए गए आदेश के बावजूद डीओटी के एवरेज ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) बकाए को टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से वसूलने में नाकाम रहने पर किया. इसके बाद डीओटी ने बकाया वसूलने के लिए कार्रवाई की. एयरटेल पर 35,500 करोड़ रुपये का ऋण है. एयरटेल ने कहा पिछले हफ्ते ही कहा था कि वह 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी और बाकी का 17 मार्च को अगली सुनवाई से पहले पहले भुगतान करेगी.
देश में उद्योगों के लिये सबसे अनुकूल है मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
14 February 2020
भोपाल.मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज नई दिल्ली में राउण्ड टेबल कान्फ्रेंस में वस्त्र और परिधान तथा खाद्य प्र-संस्करण सेक्टर की प्रमुख उद्योग इकाइयों के प्रमुखों के साथ चर्चा में उद्योग इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिये राज्य शासन द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 100 करोड़ रुपये से कम निवेश वाले लेकिन 500 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले उद्योग 'मेगा उद्योग' की श्रेणी में शामिल होंगे और उन्हें आवश्यक पैकेज मिलेगा। निवेश को बढ़ावा देने के लिए सात दिनों के भीतर 40 सेवाओं के लिए तत्काल मंजूरी और लाइसेंस अनिवार्य रूप से मिल जाएंगे। निवेश पोर्टल द्वारा प्रदान की गई डीम्ड स्वीकृति को वास्तविक स्वीकृति/ मंजूरी के बराबर माना जाएगा और इसकी कानूनी मान्यता होगी। औद्योगिक पार्कों के बाहर स्थापित परिधान इकाइयों को परिधान क्षेत्र को दिये जा रहे पैकेज के तहत प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
3250 करोड़ रुपये का होगा निवेश : 14 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री की सोच और उद्योग मित्र एप्रोच को देखते हुए राउण्ड टेबल कान्फ्रेंस में देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने 3250 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की। इससे 14 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश पूरे देश में उद्योगों के लिए सबसे अनुकूल राज्य है। यहाँ कुशल मानव संसाधन के साथ निवेश के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध है। उन्होंने इन सेक्टरों को आगे बढ़ाने में उद्योगपतियों से सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जैविक कपास से कपड़ा और परिधान बनाने के लिए और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
कॉटन उत्पादक किसानों और निर्माताओं की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी
मुख्यमंत्री ने बताया कि कॉटन उत्पादक किसानों और संबंधित निर्माताओं को शामिल करते हुए राज्य शासन ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। समिति वस्त्र / परिधान के लिए कपास के उपयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर अमल करेगी। राज्य सरकार कपड़ा क्षेत्र में समग्र और एकीकृत इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नीति भी तैयार कर रही है।
निवेश विस्तार को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने बताया कि पांच करोड़ रुपये से अधिक की निवेश विस्तार योजना को भी प्रोत्साहन राशि मिलेगी। अब तक यह प्रावधान था कि प्रोत्साहन राशि मूल निवेश के केवल 30 प्रतिशत राशि पर जो 10 करोड़ रुपये से कम नहीं, पर ही मिलती थी। इससे पहले से निवेश कर चुकी इकाइयों की निवेश विस्तार योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
बडियाखेड़ी (सीहोर) में प्लग एण्ड प्ले औद्योगिक पार्क
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में ग्राम बड़ियाखेड़ी (सीहोर) में 60 एकड़ क्षेत्र में प्लग एंड प्ले औद्योगिक पार्क विकसित किया जाएगा। यह क्षेत्र भोपाल हवाई अड्डे से केवल 28 किलोमीटर दूर है और भोपाल-इंदौर राजमार्ग के करीब है। मुख्यमंत्री ने सभी निजी डेवलपर्स से आग्रह किया कि वे इन्दौर के समीप स्थित बरलाई क्षेत्र में पीपीपी मॉडल पर परिधान पार्क के विकास के लिए आगे आएं। यह स्थान इंदौर से 20 किलोमीटर दूर देवास मार्ग पर स्थित है।
वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के प्रति सतर्क रहे उद्योग जगत
मुख्यमंत्री ने राउण्ड टेबल कान्फ्रेंस में परिधान, वस्त्र एवं खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में स्थापित 70 से अधिक शीर्ष उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक अर्थ-व्यवस्था आज कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इन चुनौतियों को देखते हुए स्थानीय और आर्थिक क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों के प्रति उद्योग जगत को सतर्क रहना होगा। हमें नए बदलावों को अपनाने के साथ अपनी सोच को भी उनके अनुकूल बनाना होगा।
देश का 60 प्रतिशत बाजार मध्यप्रदेश के आसपास
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश आज देश का सबसे बेहतर राज्य है, जहाँ उद्योगों की स्थापना और उनके विकास के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि देश का 60 प्रतिशत बाजार मध्यप्रदेश के आसपास मौजूद है। स्थानीय बाजार की दृष्टि से मध्यप्रदेश में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कान्फ्रेंस के जरिए मैं आप सभी लोगों को सुनने आया हूँ। आपके सुझावों और मार्गदर्शन में हम प्रदेश में निवेश के अनुकूल एक ऐसा वातावरण बनाना चाहते हैं, जो पूरे देश में आदर्श हो। श्री कमल नाथ ने कहा कि निवेशक काम करने में सहूलियत महसूस करें, इसके लिए सरकार ने पिछले एक वर्ष में सेक्टर वाइज नीतियाँ बनाने के साथ ही कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो उद्योगों के विकास को सुनिश्चित करेंगे।
कपड़ा उद्योग से जुड़ी शीर्ष कंपनी ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमेन श्री राजेन्द्र गुप्ता ने 3000 करोड़ का निवेश भोपाल में करने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। गोकलदास एक्सपोर्ट कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री शिवा गणपति ने बताया कि भोपाल में ही 50 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस निवेश से 3 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। इसी प्रकार मयूर यूनिकोटर्स के महाप्रबंधक श्री स्वप्निल व्यास ने ग्वालियर में 150 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी दी। एक हजार लोगों को इस निवेश से रोजगार प्राप्त होगा।
कान्फ्रेंस में प्रतिभा सिंटेक्स कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री श्रेयस्कर चौधरी ने बताया कि इन्दौर में एम.एस.एम.ई यूनिट के लिए 100 करोड़ के निवेश से टेक्सटाईल पार्क स्थापित करेंगे। यह पार्क बनाने के परिधान एक्सपोर्ट प्रमोशन कांउसिल के चेयरमेन श्री ए. शक्तिवेल सहयोग करेंगे।
अल्टरनेट प्रोजेक्ट फायनेन्सिंग कार्यशाला 18 फरवरी को
14 February 2020
भोपाल.अल्टरनेट प्रोजेक्ट फायनेन्सिंग पर 18 फरवरी को मिंटो हॉल में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। वित्त विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में आई.एफ.सी. वर्ल्डबैंक समूह, इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदौर, टाटा प्रोजेक्ट, फीड बैंक इन्फ्रा, यू.एस.एड., इन्वैस्ट इंडिया सहित वित्तीय व औद्योगिक संस्थाओं के विषय विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे।
आसान भाषा में समझें पूरा बजट
1 February 2020
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना दूसरा बजट (Budget 2020) संसद में पेश किया. सरकार ने बजट में आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए पांच लाख रुपये तक की आय पर पूरी तरह से छूट दे दी है. यानी पांच लाख तक की आय वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसी तरह 5-7.5 लाख रुपये की कमाई पर अभी तक 20% टैक्स पड़ता था. उसको सरकार ने घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. 7.5 लाख-10 लाख की इनकम टैक्स स्लैब 20% से घटाकर 15% की गई. इसी तरह 10-12.50 लाख वालों की इनकम टैक्स स्लैब 30% से घटाकर 20% कर दी गई है. 15 लाख से ऊपर की इनकम पर बिना किसी छूट के 30%टैक्स देना होगा. हालांकि इनकम टैक्स का नया स्लैब वैकल्पिक होगा. नए टैक्स का लाभ लेने के लिए पुराने टैक्स में छूट को छोड़ना होगा. यानी इसका फायदा तभी मिलेगा जब आप अपनी मिलने वाली छूट को छोड़ देंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि 15 लाख तक कमाने वाले अभी छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं, उन्हें अब सालाना 78 हजार की बचत होगी.
बजट की अहम बातें:
इकोनॉमी के फंडामेंटल्स काफी मजबूत
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में ऐतिहासिक कामयाबी मिली है
27 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकाले हैं
4 साल में GST में 60 लाख टैक्सपेयर्स जुड़े
गरीबों के विकास के लिए काम जरूरी
FY14-19 में 7.4% औसत जीडीपी रही
भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी
पिछले 5 साल में सरकारी कर्ज 3.5% घटा
मार्च 2019 तक जीडीपी के 48.7% बराबर कर्ज
आंत्र्पयोर्नस को बढ़ावा देने की जरूरत
2020 में जीएसटी का आसान वर्जन आएगा
बजट की थीम सबका साथ सबका विकास
इंफास्ट्रक्चर को सुधारा जाएगा
डिजीटल गर्वेनस से डिलीवरी में सुधार
Aspiration India हमारे बजट की थीम
Competitive फार्मिंग से किसानों की स्थिति में सुधार
2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य
कृषि में सुधार की जरूरत
केंद्रीय नियमों के आधार पर कृषि वाले राज्यों को प्रोत्साहन
ग्रामीण सड़क योजना से किसानों की आय बढ़ी
सरकार का फोकस Irrigation की तरफ
कुसुम योजना से सबको बिजली उपलब्ध कराएंगे
पानी से जुड़ी समस्या काफी गंभीर
सोलर पंप लगाने में मदद करेंगे
खाली पड़ी जमीन पर सोलर प्लांट लगाने में मदद दी जाएगी
इसको सोलर ग्रिड से जोड़ा जाएगा
सोलर पंप से 22 लाख किसानों को फायदा
किसानों के लिए 16 सूत्रीय कार्यक्रम
ब्लॉक और तहसील लेवल पर वेयरहाउस बनाने में सरकार मदद करेगी
वेयरहाउस, FCI और वेयरहाउस कार्पोरेशन के अंतर्गत होगा और मुद्रा योजना से आसान लोन उपलब्ध होगा
कृषि उड़ान योजना शुरू होगी
नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर होगी योजना
कृषि उपज को बढ़ाने के लिए One Product One District योजना
किसान रेल चलाई जाएगी
ग्रामीण गोदाम योजना
किसान रेल में रेफ्रिजरेटिड बोगियां बनाएगी
2025 तक दूध उत्पादन को 53.5 मिलियन मिट्रिक टन से बढ़ाकर 108 मिलियन मीट्रिक टन का लक्ष्य
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत
केमिकल फर्टिलाइजर के इंसेटिव तरीकों में बदलाव
किसानों के लिए 283 लाख करोड़ का आवंटन
इंद्रधनुष योजना में 12 नई बीमारियों का इलाज
मेडिकल डिवाज पर टैक्स का प्रस्ताव
किसानों के लिए करीब 3 लाख करोड़ का
69,000 करोड़ हेल्थ सेक्टर के लिए
कृषि सिंचाई के लिए 2.83 लाख करोड़ का आवंटन
PPP के जरिए देशभर में नए अस्पताल खोले जाएंगे
नई एजुकेशन पॉलिसी का जल्द ऐलान करेंगे
2025 तक TB बीमारी को खत्म
FY21 जल जीवन मिशन पर ~11500 करोड़ का आवंटन
नई शिक्षा नीति पर राज्यों से बातचीत
हर घर जल के लिए ~3.6 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट
भारत को उच्च शिक्षा का हब बनाएंगे
एजुकेशन सेक्टर के लिए ~99300 करोड़ का प्रस्ताव
PPP मॉडल के जरिए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे
स्किल डेवलपमेंट के लिए ~3,000 करोड़ का प्रस्ताव
विदेश में नौकरी के लिए नर्स, टीचर तैयार करेंगे
निवेश के लिए इनवेस्टमेंट क्लियरेंस सेल का प्रस्ताव
Study in India Mission
घरेलू मैन्युफेक्चरिंग, इलेक्ट्रनिक्स प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए योजना का ऐलान जल्द
5 नए स्मार्ट सिटी बनाएंगे
निवेश को आसान बनाने पर जोर
मोबाइल फोन बनाने के लिए नई स्कीम जल्द
'NIRVIK' के तहत एक्सपोर्टस को क्रेडिट सुविधा
'NIRVIK' के तहत कम प्रीमियम पर ज़्यादा बीमा
इंडस्ट्री के विकास के लिए ~27,300 करोड़ का प्रस्ताव
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का ऐलान जल्द
9000 किमी का इकोनॉमिक कोरिडोर बनाएंगे
रेलवे ट्रैक के साथ-साथ सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे
टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए तेजस जैसी नई ट्रेनों का प्रस्ताव
2023 तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पूरा होगा
बंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे बनाएंगे
भारतीय रेल 150 निजी ट्रेन चलाएगी
रेलवे का 27,000 का विद्युतीकरण का लक्ष्य
2024 तक 100 नए एयरपोर्ट
2024 तक 12 हाइवे को मोनेटाइज करेंगे
मुंबई-अहमदाबाद के लिए बुलेट ट्रेन का काम जारी
137000 किमी ऑयल फील्ड EXPLORATION के लिए दिया जाएगा
पोर्ट ट्रस्ट्रस को कारपोरेशन में बदलेंगे
पॉवर, रिन्यबल एनर्जी सेक्टर के लिए 22,000 करोड़ का प्रस्ताव
Discoms का रिफॉर्म का प्रस्ताव
नेशनल गैस ग्रिड को बढ़ाकर 27,000 किमी तक करने का लक्ष्य
बंगलुरु रेल प्रोजेक्ट के लिए 18,600 करोड़ का आवंटन
गैस में प्राइस डिसकवरी के लिए नई पॉलिसी का एलान जल्द
भारतनेट के लिए 6,000 करोड़ का आवंटन
भारतनेट से 1 लाख करोड़ पंचायत को जोड़ेंगे
प्राइवेट सेक्टर में डेटा सेक्टर के लिए प्रोत्साहन
क्ववांटम टेक्नॉलिजी पर 8,000 करोड़ का खर्च
जेनेटिक लैंडस्केप के लिए 2 योजना बनाएंगे
गैस की सही कीमत तय करने के लिए मानक लाएंगे
पोषण अभियान के लिए ~35,600 करोड़ का आवंटन
राज्यों के टैक्स आमदनी का 42% देंगे
महिला विकास के लिए ~28,600 करोड़ का आवंटन
आदिवासी विकास के लिए ~53,700 करोड़ का आवंटन
पिछडे तबके के लिए ~85,000 करोड़ का आवंटन
सीनियर सिटीजन्स के लिए ~9500 करोड़ का आवंटन
SC और OBC के लिए 85,000 करोड़ का आवंटन
रांची में ट्राइबल म्यूजियम बनाएंगे
कल्चर डेवलपमेंट के लिए 3,000 करोड़ का आवंटन
प्रदूषण फैलाने वाले थर्मल पावर प्लांट बद करने का सुझाव
क्लाइमेंट चेंज से निपटने के लिए ~4400 करोड़ का आवंटन
वेल्थ क्रिएटर्स का सम्मान करेंगे
देश की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकिता
टैक्सपेयर्स को परेशान नहीं किया जाएगा
टैक्स मामलों में आपाराधिक मामला नहीं बनेगा
सरकार नेशनल रिक्रूटमेंट एंजेसी बनाएगी
रिक्रूटमेंट एंजेसी के जरिए रोजगान बढ़ाएंगे
कंपनी कानून में बदलाव करेंगे
आजादी की 75वीं सालगिरह पर ~100 करोड़ का आवंटन
Contract एक्ट को और मजबूत करेंगे
बिज़नेस के लिए अच्छा माहौल बनाएंगे
FY21 में 3.5% वित्तीय घाटा का लक्ष्य
कापोरेटिव बैंकों को मज़बूत करने के लिए बैंकिंग एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव
लोन वसूली के लिए nbfc को और अधिकार का प्रस्ताव
बैंक डूबा तो 5 लाख तक के डिपॉजिट वापिस मिलेंगे
J&K और लद्दाख के लिए 30,800 करोड़ आवंटित
IDBI बैंक में सरकार अपना हिस्सा बेचेगी
सरकारी बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाने की मंजूरी
को-ऑपरेटिव बैंकों पर RBI को और अधिकार देंगे
MSME लोन रिस्ट्रक्चर स्कीम को 1 साल और बढ़ाएंगे
नया DEBT ETF लाने का प्रस्ताव
कॉरपोरेट निवेश में NRI की बॉन्ड सीमा बढ़ाकर 15%
LIC का IPO आएगा, इसके जरिये सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी
गिफ्ट सिटी में इंटरनेशन बुलियन एक्सचेंज
15वीं वित्त आयोग की सिफारशों की मंजूरी
FY21 के लिए 10% नॉमिनल GDP ग्रोथ का लक्ष्य
FY20 में 19.32 लाख करोड़ आमदनी का अनुमान
FY21 में ~22.46 लाख करोड़ आमदनी का अनुमान
5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
~5 लाख-7.5 लाख की इनकम टैक्स स्लैब 20 से घटाकर 10%
7.5 लाख-10 लाख की इनकम टैक्स स्लैब 20% से घटाकर 15%
10-12.50 लाख पर इनकम टैक्स 30% से घटाकर 20%
12.50-15 लाख की इनकम पर टैक्स 30% से घटाकर 25%
15 लाख से ऊपर की इनकम पर 30%टैक्स देना होगा बिना किसी छूट के
टैक्सेशन की प्रकिया को आसान करने का प्रस्ताव, IT फॉर्म पहले से भरे आएंगे
DDT पूरी तरह से हटाया गया
DDT: DIRECT DIVIDEND TRANSFER
कंपनियों को डिवीडेंड पर टैक्स नहीं देना होगा
जो डिवीडेंड ले रहा है, टैक्स देना होगा
DDT हटने से सरकार को ~25,000 करोड़ का नुकसान
इंफ्रा में निवेश करने वाले फंड्स को 100% टैक्स छूट
स्टार्ट अप में EPOS नियमों में बदलाव
स्टार्ट अप शुरु करने वालों को टैक्स से राहत
स्टार्ट लिमिट की टर्नओवर 25 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ किया
मार्च 2021 तक हाउसिंग स्कीम की समयसीमा बढ़ी
अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम 1 साल के लिए और बढ़ाई गई
Charity Institution को UID की सुविधा
टैक्स विवाद निपटाने के लिए 'विवाद से विश्वास स्कीम'
Long Term Capital Gain (LTCG) में कोई बदलाव नहीं
FY21 में विनिवेश के लिए ~2.1 लाख करोड़ का लक्ष्य
जूते, फर्नीचर के इंपोर्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई
बैंक जमा पर गारंटी बढ़ी, 1 लाख से बढ़कर हुई 5 लाख रुपये
1 February 2020
नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए शनिवार को आम बजट (Budget 2020) में बैंक जमा पर मौजूदा एक लाख रुपये के बीमा कवर को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का एलान किया. सरकार ने यह फैसला पिछले साल सामने आए पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) घोटाले के बाद लिया है. घोटाले के बाद बैंक के कारोबार को बंद कर दिया गया, जिससे हजारों जमाकर्ताओं को नुकसान भुगतना पड़ा.
एक लाख रुपये की बैंक जमा को बीमा कवर करने की सीमा तय करने को लेकर पिछले कुछ महीनों से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की काफी आलोचना हो रही थी.
आरबीआई के दिशानिर्देश के अनुसार, डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों में जमा राशि बीमा के तहत होती है. यह अभी तक एक लाख रुपये थी.
इसका अर्थ यह था कि बैंक में ग्राहक का चाहे जितना भी धन जमा हो, बैंक के दिवालिया होने या बंद होने पर उसे महज एक लाख रुपये ही वापस दिया जाना होता था. लेकिन, अब इस राशि को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है अर्थात बैंक के डूबने की स्थिति में ग्राहक को उसकी कुल जमा और ब्याज के आधार पर पांच लाख रुपये तक मिलेंगे.
रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा 13.5% बढ़कर 11640 करोड़ रुपए, यह अब तक का सबसे ज्यादा
18 January 2020
मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का मुनाफा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 11,640 करोड़ रुपए रहा। यह अब तक का सबसे ज्यादा है। मुनाफे में सालाना आधार पर 13.5% और तिमाही आधार पर 3.4% इजाफा हुआ है। जुलाई-सितंबर तिमाही में 11,262 करोड़ रुपए और 2018 की दिसंबर तिमाही में 10,251 करोड़ का प्रॉफिट हुआ था। कंपनी ने शुक्रवार को तिमाही नतीजे घोषित किए। कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 9.2 डॉलर प्रति बैरल रहा। सितंबर तिमाही में 9.4 और 2018 की दिसंबर तिमाही में 8.8 डॉलर प्रति बैरल था।
रेवेन्यू सालाना आधार पर 1.4% कम, तिमाही आधार पर 2.5% ज्यादा
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अक्टूबर-दिसंबर 2019 |
जुलाई-सितंबर 2019 |
अक्टूबर-दिसंबर 2018 |
मुनाफा (रुपए करोड़) |
11,640 |
11,262 |
10,251 |
रेवेन्यू (रुपए करोड़) |
1,68,858 |
1,64,769 |
1,71,300 |
जियो का मुनाफा 62.5%, रेवेन्यू 28% बढ़ा
आरआईएल की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो को दिसंबर तिमाही में 1,350 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। यह सालाना आधार पर 62.5% और तिमाही आधार पर 36.4% ज्यादा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में 990 करोड़ रुपए और 2018 की दिसंबर तिमाही में 831 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था। ऑपरेटिंग रेवेन्यू 13,968 करोड़ रुपए रहा। इसमें सितंबर तिमाही के मुकाबले 6.4% और 2018 की दिसंबर तिमाही के मुकाबले 28.3% ग्रोथ दर्ज की गई।
31 दिसंबर तक जियो के सब्सक्राइबर : 37 करोड़ (सालाना 32.1% ग्रोथ)
दिसंबर तिमाही में प्रति यूजर औसत रेवेन्यू (एपीआरयू) : प्रति महीने 128.4 रुपए
दिसंबर तिमाही में मोबाइल डेटा ट्रैफिक : 1,208 करोड़ जीबी (सालाना 39.9% ग्रोथ)
दिसंबर तिमाही में वॉइस ट्रैफिक : 82,640 करोड़ मिनट (सालाना 30.3% ग्रोथ)
कंपनी पर 3 लाख 6 हजार 851 करोड़ रुपए का कर्ज
कंपनी ने 31 दिसंबर को खत्म तिमाही में इतना कर्ज होना बताया है। 31 मार्च तक कर्ज की रकम 2 लाख 87 हजार 505 करोड़ रुपए थी। दिसंबर तिमाही के आखिर में कंपनी के पास 1 लाख 53 हजार 719 करोड़ रुपए की नकदी मौजूद थी। 31 मार्च 2019 तक 1 लाख 33 हजार 27 करोड़ रुपए का कैश मौजूद था। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने नतीजों पर कहा कि दुनिया भर में आर्थिक माहौल सुस्त रहने और एनर्जी मार्केट में उतार-चढ़ाव की वजह से पेट्रोकेमिकल्स बिजनेस का मुनाफा प्रभावित हुआ। लेकिन, इस बात की खुशी है कि कंज्यूमर बिजनेस हर तिमाही में नए आयाम छू रहा है।
आरआईएल के शेयर में 2.79% तेजी
बीएसई पर शेयर शुक्रवार को 2.79% बढ़त के साथ 1,580.65 पर बंद हुआ। एनएसई पर 2.80% ऊपर 1,581 रुपए पर क्लोजिंग हुई। कंपनी ने शेयर बाजार बंद होने के बाद नतीजे घोषित किए। इसलिए, शेयर पर नतीजों का असर सोमवार को दिखेगा।
सीईओ जेफ बेजोस ने मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल समेत प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात की
18 January 2020
मुंबई. अमेजन के फाउंडर और दुनिया के सबसे बड़े अमीर जेफ बेजोस ने शुक्रवार को देश के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात की। मीटिंग में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे बड़े अमीर मुकेश अंबानी शामिल हुए। साथ ही भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल, गोदरेज ग्रुप के चेयरमैन आदि गोदरेज और अन्य प्रमुख कारोबारी भी मौजूद थे। टाटा और बिड़ला ग्रुप से कोई शामिल नहीं हुआ। बेजोस के भारत दौरे का शुक्रवार को आखिरी दिन था। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक बेजोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन संभव नहीं हुआ।
बेजोस की मीटिंग में किशोर बियाणी भी पहुंचे
देश के उद्योगपतियों के साथ मुंबई के ताज होटल में हुई बेजोस की मुलाकात में क्या चर्चा हुई, इस बारे में अमेजन ने कोई जानकारी नहीं दी। मीटिंग में इन्फोसिस के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति, इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख, फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर-सीईओ किशोर बियाणी, शॉपर्स स्टॉप के बी एस नागेश, यूनीलीवर के संजीव मेहता, नेस्ले के सुरेश नारायण और प्रॉक्टर एंड गेम्बल के मधुसूदन गोपालन भी शामिल हुए। बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर से एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार, एचएसबीसी के सुरेन्द्र रोशा, बैंक ऑफ अमेरिका के काकू नाखटे और बजाज फाइनेंस के संजीव बजाज भी बेजोस की मीटिंग में पहुंचे।
पीयूष गोयल ने कहा था- अमेजन भारत में निवेश कर अहसान नहीं कर रही
बेजोस ने बुधवार को कहा था कि अमेजन अगले 5 साल में 71 हजार करोड़ रुपए के मेक इन इंडिया प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करेगी। छोटे-मध्यम कारोबारों को डिजिटाइज करने के लिए 7,100 करोड़ रुपए का निवेश भी किया जाएगा। उन्होंने भारत के लोगों और संस्कृति की तारीफ भी की। इसके बावजूद प्रधानमंत्री तो क्या किसी सरकारी अधिकारी से भी मुलाकात संभव नहीं हो पाई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने तो नाराजगी भरे लहजे में गुरुवार को कहा था कि अमेजन भारत में निवेश कर कोई अहसान नहीं कर रही। हालांकि, उन्होंने कहा कि हर तरह के निवेश का स्वागत करते हैं लेकिन कंपनियों को देश के नियमों का पालन करना पड़ेगा।
गोयल के बयान के बाद बेजोस ने कहा- अमेजन के निवेश से भारत में 10 लाख रोजगार मिलेंगे
बेजोस को मोदी या अन्य किसी मंत्री के सामने बात रखने का मौका नहीं मिल पाया। ऐसे में उन्होंने भारतीय ग्राहकों और व्यापारियों के नाम पत्र लिखकर शुक्रवार को अमेजन की वेबसाइट पर पोस्ट कर दिया। उन्होंने लिखा- मैं जब भी भारत आता हूं तो मेरा लगाव और बढ़ जाता है। भारत के लोगों की ऊर्जा और व्यवहार मुझे हमेशा प्रेरित करता है। अमेजन के निवेश से 2025 तक भारत में 10 लाख नए रोजगार मिलेंगे।
इंडस्ट्री आत्म संदेह की स्थिति न रखे, सरकार के कदमों का असर दिखना शुरू हुआ: वित्त मंत्री
20 December 2019
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इंडस्ट्री को आत्म संदेह की स्थिति से बाहर आना चाहिए। बजट के बाद सरकार ने जो कदम उठाए उनका असर दिखना शुरू हो गया है। सरकार ने सख्त फैसले लेकर और इंडस्ट्री के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित कर व्यवस्थाएं बदलने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। सीतारमण ने उद्योग संगठन एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया (एसोचैम) की सालाना कॉन्फ्रेंस में यह बात कही।
इंडस्ट्री विनिवेश की योजना में हिस्सा ले: सीतारमण
1. सीतारमण ने कहा- पिछले कुछ सालों में सरकार ने जो बड़े कदम उठाए उनसे भारत ने दुनिया में अलग जगह बनाई। इंडस्ट्री भी इन बदलावों का हिस्सा है। मैं आपसे अपील करूंगी कि संशय खत्म करें। नकारात्मक मनोदशा नहीं होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत हैं। महंगाई दर नियंत्रण में है। विदेशी निवेश बढ़ा है, विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है, सरकारी बैंक प्रोफेशनल हो चुके हैं।
2. वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री से ग्रोथ में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि सरकार की विनिवेश की योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। सरकार उद्योगों को बंद नहीं करना चाहती, हम कानूनी और प्रशासनिक बदलावों के जरिए उनकी मदद करना चाहते हैं।
3. सीतारमण ने कहा कि देश पर भरोसा करें, जैसे आप 100 साल से करते रहे हैं। बल्कि अब ज्यादा भरोसा दिखाने की जरूरत है। डेवलपमेंट और ग्रोथ हमारी प्राथमिकताएं हैं, सरकार सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है।
खुदरा महंगाई दर नवंबर में 5.54% पहुंची, बीते 3 साल में सबसे ज्यादा; खाद्य वस्तुएं महंगी होने का ज्यादा असर
13 December 2019
नई दिल्ली. खुदरा (रिटेल) महंगाई दर नवंबर में 5.54% पहुंच गई। यह पिछले 3 साल में सबसे ज्यादा है। इससे अधिक 6.07% जुलाई 2016 में थी। अक्टूबर में यह 4.62% रही थी। यानी लगातार दूसरे महीने आरबीआई के मध्यम अवधि लक्ष्य (4%) से अधिक रही। आरबीआई मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरें तय करते वक्त खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। इस दर में लगातार चौथे महीने बढ़ोतरी हुई है। सांख्यिकी कार्यालय ने गुरुवार को आंकड़े जारी किए। खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से खुदरा महंगाई दर ज्यादा प्रभावित हुई। खाद्य महंगाई दर नवंबर में 10.01% रही। अक्टूबर में 7.89% और पिछले साल नवंबर में (-) 2.61% थी।
महीना | खुदरा महंगाई दर |
जून | 3.18% |
जुलाई | 3.15% |
अगस्त | 3.28% |
सितंबर | 3.99% |
अक्टूबर | 4.62% |
नवंबर |
5.54% |
औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर में 3.8% घटा
सांख्यिकी विभाग ने औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी जारी किए। इसमें लगातार तीसरे महीने कमी आई। इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) में सितंबर में 4.3% और अगस्त में 1.1% गिरावट आई थी। पावर, माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में सुस्ती की वजह से इंडेक्स ज्यादा प्रभावित हुआ। आईआईपी का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में खास महत्व होता है। इससे औद्योगिक विकास की रफ्तार का पता चलता है।
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Bhopal:MMNN: 12 November 2019
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सेंसेक्स 184 अंक की बढ़त के साथ 40653 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद, निफ्टी भी 12000 के पार
7 November 2019
मुंबई. शेयर बाजार ने गुरुवार को लगातार दूसरे रिकॉर्ड बनाया। सेंसेक्स 183.96 अंक की बढ़त के साथ 40,653.74 पर बंद हुआ। यह रिकॉर्ड क्लोजिंग स्तर है। सेंसेक्स इंट्रा-डे में भी अब तक के रिकॉर्ड स्तर 40,688.27 पर पहुंचा। निफ्टी की क्लोजिंग 46 प्वाइंट ऊपर 12012.05 पर हुई। कारोबार के दौरान 12,021.40 तक पहुंचा था। मजबूत विदेशी और घरेलू संकेतों से बाजार में तेजी आई।
सेंसेक्स के 30 में से 16 और निफ्टी के 50 में से 30 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। एनएसई पर 11 में से 9 सेक्टर इंडेक्स फायदे में रहे। मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा 1.09% उछाल आया। दूसरी ओर पीएसयू बैंक इंडेक्स सबसे ज्यादा 1.5% नुकसान में रहा।
रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी बिक्री पर रोक लगाई, कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर
7 November 2019
मुंबई. इंश्योरेंस रेग्युलेटर इरडा ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस (आरएचआईसीएल) को नई पॉलिसी नहीं बेचने के निर्देश दिए हैं। इरडा ने बुधवार को जारी पत्र में रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस से ये भी कहा कि वह 15 नवंबर तक अपने उत्तरदायित्व रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को सौंप दे।आरएचआईसीएल के सॉल्वेंसी मार्जिन में लगातार गिरावट की वजह से इरडा ने ये फैसला लिया। सितंबर के आखिर तक ये मार्जिन 63% रह गया, नियमों के मुताबिक 150% से कम नहीं होना चाहिए। किसी बीमा कंपनी के सॉल्वेंसी मार्जिन से यह पता चलता है उसके पास विपरीत हालातों में दावे निपटाने के लिए पर्याप्त रकम है या नहीं।
रिलायंस हेल्थ को मौका दिया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ: इरडा
>> इरडा के मुताबिक रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस जून से सॉल्वेंसी मार्जिन की अनिवार्यता पूरी नहीं कर पा रही। पॉलिसी बेचने पर रोक लगाने के फैसले से पहले कंपनी को दो बार मौका दिया गया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
>> रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस ने अक्टूबर 2018 में कारोबार शुरू किया था। रिलायंस कैपिटल इसकी प्रमोटर कंपनी है। इसने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के स्वास्थ्य बीमा कारोबार को अलग करते हुए रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस बनाई थी।
>> रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस 15 नवंबर तक दावों के सेटलमेंट के अलावा अन्य किसी भुगतान के लिए अपने एसेट्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इरडा का अनुमान है कि रिलायंस हेल्थ के एसेट्स मौजूदा ग्राहकों के भविष्य में संभावित दावों के निपटारे के लिए पर्याप्त हैं।
>> इरडा ने कहा है कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस का पोर्टफोलियो रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया और दावों के सेटलमेंट पर नजर रखी जाएगी, बीमाधारकों के हितों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।
मध्यप्रदेश में पहली बार बनी इतनी अच्छी रियल एस्टेट पॉलिसी
18 October 2019
भोपाल मध्यप्रदेश में पहली बार सभी के हित में रियल एस्टेट पॉलिसी बनाई गई है। सभी नगरीय निकायों में लालफीताशाही खत्म करने के प्रयास किये जा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन, म्यूटेशन और स्टॉम्प डयूटी सहित अन्य जरूरी कार्यों के लिये सिंगल विण्डो सिस्टम बनाया गया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने मैग्नीफिसेंट एमपी इन्वेस्टर्स समिट-2019 के समानांतर सत्र 'अर्बन मोबिलिटी एण्ड रियल एस्टेट' में यह बातें कहीं। श्री सिंह ने कहा कि शहरों में अगले 5 वर्ष में लगभग एक लाख 8 हजार 722 करोड़ की लागत के विभिन्न विकास कार्य करवाये जायेंगे।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में पहली बार बिल्डरों को प्रोत्साहित करने के लिये मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कलेक्टर गाइड लाइन के रेट में कमी की है। नजूल की एनओसी 30 दिन में देने का प्रावधान किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि नई रियल एस्टेट पॉलिसी में 2 हेक्टेयर से कम जमीन में भी कॉलोनी बनाने की अनुमति दी गई है।
वन स्टेट-वन रजिस्ट्रेशन
श्री सिंह ने बताया कि कॉलोनाइजर्स के लिये वन स्टेट-वन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। इसका हर 5 साल में नवीनीकरण करवाना होगा। लैण्ड यूज सर्टिफिकेट ऑनलाईन मिलेंगे। बड़े शहरों के पास सेटेलाईट टाउनशिप विकसित करने के साथ ही शहरों का विस्तारीकरण भी किया जायेगा। श्री सिंह ने कहा कि बड़े उद्योग हर जगह नहीं है, लेकिन बिल्डर सभी शहरों में है। इनको प्रोत्साहित करना जरूरी है।
रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने कहा कि प्रदेश में मेट्रो ट्रेन के साथ ही रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट पर भी काम किया जायेगा। मेट्रो ट्रेन शहर के अंदर और रैपिड रेल दो शहरों के बीच चलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि अगले 5 साल में शहरों में 2 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चलाई जायेंगी। इसके लिये नई ई-व्हीकल पॉलिसी बनाई गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों में टैक्स मात्र एक प्रतिशत लगेगा।
रेरा के अध्यक्ष श्री अंटोनी डिसा ने कहा कि प्रदेश में नागरिकों, कॉलोनाइजर्स और इंवेस्टर्स के हित में अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये हैं। उन्होंने कहा कि रेरा का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को मकान का पजेशन समय पर दिलवाना है। श्री डिसा ने बताया कि अब कालोनियों में रहवासी संघर्ष समिति के स्थान पर रहवासी सहयोग समिति गठित हो रही हैं।
बिल्डिंग परमिशन के लिये 27 के स्थान पर मात्र 5 डाक्यूमेंट
प्रमुख सचिव श्री संजय दुबे ने एमपी रियल एस्टेट पॉलिसी-2019 और ई-व्हीकल पॉलिसी की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अब बिल्डिंग परमिशन के लिये 27 के स्थान पर मात्र 5 डाक्यूमेंट लगेंगे। 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित कालोनियों में कमर्शियल गतिविधियों के लिये निर्धारित शर्तों पर अनुमति दी जायेगी। मॉर्टगेज प्लॉट को तीन चरण में मुक्त किया जायेगा। कॉलोनियों के चरणबद्ध विकास की अनुमति भी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि ईडब्ल्यूएस बनाने की बाध्यता नहीं होगी। इसके स्थान पर मिलने वाली राशि का उपयोग गरीबों के मकान बनाने के लिये किया जायेगा। अफोर्डेबल हाऊसिंग के लिये अतिरिक्त एफएआर की अनुमति दी जायेगी। इनवेस्टर्स को लैण्ड पूलिंग की सुविधा मिलेगी। रेंटल हाऊसिंग को भी प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने विभिन्न योजनाओं में किये जा रहे कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी भी दी।
मध्यप्रदेश पॉयनियर स्टेट
चेयरमेन एण्ड मैनेजिंग डायरेक्टर इंडिया सीमेंट्स श्री एन. श्रीनिवासन ने कहा कि अर्बन मोबिलिटी और रियल एस्टेट के मामले में मध्यप्रदेश पॉयनियर स्टेट है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राइट ट्रेक पर चल रहा है। श्री श्रीनिवासन ने बताया कि अभी 32 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं। जल्दी ही यह प्रतिशत 40 होगा। उन्होंने कहा कि मेट्रो शहरों के लिये विकास की कुँजी है। श्री श्रीनिवासन ने कहा कि शहरों में गुड लिविंग, चिकित्सा सुविधाएँ, रोजगार और शिक्षा की बेहतर संभावनाएँ होना जरूरी है। वक्ताओं ने श्रोताओं की शंकाओं का समाधान भी किया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री श्रीनिवासन जैन ने किया।
प्रदेश में आईटी पार्क और उद्योग के लिये नॉमिनल चार्ज पर उपलब्ध है जमीन: मंत्री श्री पी.सी.शर्मा
18 October 2019
भोपालइंदौर में मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश में इण्डस्ट्रीज 4.0 द इमेजिंग हब ऑफ इनोवेशन सामान्तर सत्र को सम्बोधित करते हुए जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा उद्योगपति प्रदेश में उद्योग लगाने के लिये आगे आयें। प्रदेश में नॉमिनल चार्ज पर उद्योग स्थापित करने के लिये, आईटी पार्क और आईटी प्रोडेक्ट के लिये जमीन उपलब्ध है। इस सुविधा का सभी भरपूर उपयोग करें। मध्यप्रदेश की सरकार तेज गति से कार्यों का निराकरण करती है। प्रदेश में उद्योगों के लिये अनुकूल माहौल है। यहाँ पानी एवं जमीन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पाँच राज्य से जुड़ा हुआ है, इसलिये यहाँ ग्लोबल मॉर्केटिंग की अपार संभावनाएँ हैं। उद्योगों की स्थापना से लोगों के लिये रोजगार के अवसर पैदा होंगे। श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी विभाग के लिये मैप आईटी कार्य कर रहा है, इससे प्रदेश में सभी विभागों के कार्यों में तकनीकी गुणवत्ता आई है।
मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डिसिजन मेकर हैं। किसानों का ऋण माफ करने से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है और इसका लाभ सीधे-सीधे उद्योगों को हुआ है। महू से मनमाड़ तक रेलवे लाइन स्वीकृत हुई है। इससे एक्सपोर्ट आसान होगा और अर्थ-व्यवस्था मजबूत होगी। श्री शर्मा ने कहा कि लॉजिस्टिक हब के लिये इंदौर सर्वश्रेष्ठ स्थान है। उन्होंने उपस्थित लोगों से आईटी सेक्टर के क्षेत्र में प्रदेश को तेजी से आगे बढ़ाने एवं स्टार्टअप लाने के लिये सुझाव देने को कहा।
मध्यप्रदेश बिजनेस के क्षेत्र में नम्बर वन बन सकता है : नीति आयोग के सीईओ
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने सामान्तर सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश डिजिटल बिजनेस के क्षेत्र में आगे है। यहाँ डिजिटल पेमेंट, डिजिटल टैक्स एवं लगभग हर जगह ई-बैंकिंग के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। इस सब को देखते हुए लग रहा है कि मध्यप्रदेश आने वाले समय में बिजनेस के क्षेत्र में नम्बर वन राज्य बन सकता है। उन्होंने कहा कि भारत की 75 प्रतिशत आबादी मध्यम वर्ग की है। इसी वर्ग को आधार बनाकर हमें योजनाएँ बनानी होंगी। जब तक हम इनोवेशन नहीं करेंगे, तब तक तरक्की नहीं कर सकते हैं। श्री कांत ने कहा कि इंदौर विगत तीन वर्षों से स्वच्छ शहर का अवार्ड ले रहा है। इंदौर एक यूनिक मॉडल का उदाहरण है।
मध्यप्रदेश अगला औद्योगिक डेस्टीनेशन होगा
प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश ने अपने विजन के लिये ठोस कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। गत एक वर्ष में सभी विभागों ने नई तकनीक अपनाई है। प्रदेश में उद्योगों को कार्य करने के बेहतर अवसर मिले, इसके लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है। मध्यप्रदेश अगला औद्योगिक डेस्टीनेशन होगा। आईटी पार्क के लिये सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ई गवर्नेंस एवं आई गवर्नेंस के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। नेस्कॉम की प्रेसीडेंट देवजानी घोष ने कहा कि हमें इजराइल की तरह रिनोवेटिव स्टार्ट-अप में कार्य करना होगा। उन्होंने इस अवसर पर एमओयू भी साईन किया। टीसीएस के श्री तेज बाटला ने कहा कि प्रदेश में उद्योग लगाना हमारे लिये उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि नये उद्योग लगाने में इको सिस्टम का भी ध्यान रखा जाये। श्री बाटला ने कहा कि इंदौर में टीसीएस का कार्य बेहतरीन है। पत्रकार श्री संजय पुगलिया ने सत्र का संचालन किया।
देश के फार्मास्युटिकल उद्योग में मध्यप्रदेश की विशेष पहचान तैयार करने के प्रयास होंगे
18 October 2019
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि मध्यप्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग के क्षेत्र में विकास की बहुत ज्यादा संभावनाएँ हैं। निवेशकों की आशा के अनुरूप नीति तैयार कर मध्यप्रदेश को देश के फार्मास्युटिकल उद्योग के क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाये जाने के लिये ठोस प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस उद्योग के जरिये ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर दिलाये जायेंगे। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट आज मैग्नीफिसेंट एमपी समिट में “एमपी द इमर्जिंग फार्मास्युटिकल डेस्टीनेशन” सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इंदौर का फार्मास्युटिकल उद्योग प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र में छोटी औद्योगिक इकाइयों के हितों का पूरा-पूरा ख्याल रखेगी। उन्होंने निवेशकों से दवा उत्पादन के साथ-साथ हेल्थ केयर, रिसर्च सेक्टर और कॉस्मेटिक सेक्टर में निवेश करने का अनुरोध किया।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि नई सरकार के गठन के बाद फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में 700 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है और 10 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किये गये हैं।
सामानांतर सत्र में सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के श्री दिलीप संघवी ने बताया कि उनका लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण दवाई तैयार कर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना रहा है। उनका उद्योग समूह दवा उत्पादन के साथ रिसर्च के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। मण्डला जिले को मलेरिया मुक्त करने के लिये वेक्सीनेशन पर रिसर्च किया जा रहा है। श्री संघवी ने कहा कि इस क्षेत्र में स्किल ट्रेनिंग में निवेश की अच्छी संभावनाएँ हैं।
बंसल समूह के श्री सुनील बंसल ने बताया कि उनका उद्योग समूह 8 सेक्टर में कार्य कर रहा है। भोपाल में 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को अच्छा रिस्पांस मिला है। इसको बढ़ाकर एक हजार बिस्तर किया जा रहा है। इसके अलावा इंदौर में भी बंसल समूह 300 बिस्तर का अस्पताल शुरू करने जा रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र में एकमुश्त दी जाने वाले सब्सिडी को वर्ष दर वर्ष किये जाने का अनुरोध किया।
उद्योगपति श्री वरूण गैरा ने मेडिकल इक्युपमेंट उत्पादन में निवेश की संभावनाओं को बताया। उद्योगपति एस. ईश्वर रेड्डी ने देश के दवा उद्योग के उत्पादों की विदेश में अच्छी संभावना पर जानकारी दी। हर्बल ड्रीम्स इंदौर के श्री परीक्षित सेठी ने कॉस्मेटिक क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ बताईं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी गोविल ने बताया कि आयुष्मान योजना के बाद हेल्थ केयर में निवेश की संभावनाएँ ज्यादा बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल क्षेत्र में छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा। श्रीमती गोविल ने स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मल्टी अथवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खोलने पर 25 प्रतिशत पूंजी निवेश अनुदान दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मूल निवासी को नर्सिंग तथा पैरामेडिकल स्टाफ के कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिये जाने पर संस्थान की वास्तविक व्यय राशि की 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जायेगी। उन्होंने रियायती दर पर भूमि आवंटन नियम की जानकारी भी दी।
परम्परागत तरीकों से हटकर गरिमापूर्ण तरीके से शुरू हुआ मैग्नीफिसेंट एमपी
18 October 2019
भोपाल.प्रदेश में निवेशकों के लिए विश्वास के वातावरण के बीच इंदौर में मैग्नीफिसेंट एमपी का मुख्य समारोह परम्परागत तरीकों से हटकर गरिमापूर्ण तरीके से शुरू हुआ। फूल-मालाओं और गुलदस्तों से स्वागत की परम्परा की बजाए एक प्रभावी नृत्य-नाटिका के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया। विविध रंगों के साथ आकर्षक नृत्य-नाटिका ने उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया।
प्रदेश में निवेश और उद्योग मित्र वातावरण बनाने के लिए सरकार द्वारा लिए गए निर्णय और प्रयासों को आकर्षक प्रेजेन्टेशन के जरिए रेखांकित किया गया। मध्यप्रदेश की विविधता, सौन्दर्य और संसाधनों की उपलब्धता प्रदर्शित करते एक लघु वृत्तचित्र का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ सहित देशभर से आए सभी शीर्ष उद्योगपति मंच की बजाए मैग्नीफिसेंट एमपी में भाग लेने वाले लोगों के साथ ही बैठे। संभवत: यह पहली बार था कि जब एक प्रतिष्ठापूर्ण समारोह एक नई परम्परा के साथ सम्पन्न हुआ।
प्रदेश को निवेश फ्रेंडली राज्य बनाने के लिए सरकार नए तौर-तरीके अपनाएगी
18 October 2019
भोपाल.मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश को निवेश फ्रेंडली राज्य बनाने के लिए सरकार कोई भी कदम और नए तौर-तरीकों को अपनाने में पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने उद्योग समुदाय का आव्हान किया कि वे प्रदेश के विकास में भागीदार बनें और ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन में मदद करें। सरकार नए निवेश का स्वागत और पूर्व में हुए निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम एक जवाबदेह सरकार के रूप में काम करेंगे और निवेशकों को निराश नहीं होने देंगे। श्री कमल नाथ आज इन्दौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर में "मैग्नीफिसेंट एमपी" इन्वेस्टर समिट के मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि आज का आयोजन दिखावे के लिए नहीं है। यह केवल एमओयू साईन करने का भी वैसा मंच नहीं है, जिसमें हजारों करोड़ रूपए के करार हों और जमीन पर उसकी कोई हकीकत न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि वास्तविक रूप में निवेश हो, रोजगार के ज्यादा अवसर मिले, प्रदेश में आर्थिक समृद्धि आए और पूरे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों का एक ऐसा दौर शुरू हो, जो हर वर्ग के जीवन में खुशहाली लाए। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश को उत्पाद और सेवा देने वाले प्रदेश की श्रेणी से ऊपर ले जाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उद्योग समूहों और निवेशकों को यह बताना चाहता हूँ कि मौजूदा दौर में मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जिस पर वे भरोसा कर सकते हैं। हम बताना चाहते हैं कि मध्यप्रदेश जो कहता है, वही करता है। शायद यही कारण है कि आप और हम यहाँ पर इकट्ठा हुए हैं। हमें अपने आप पर भरोसा है और हमारी विश्वसनीयता अडिग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह जानती है कि उद्योगों की क्या आवश्यकता है। उन्हें सफल निवेश के लिए उत्कृष्ट, भौतिक और सामाजिक अधोसंरचना चाहिए। श्री कमल नाथ ने कहा कि पिछले दस माह में हमने रात-दिन मेहनत कर असंभव लगने वाले कामों को भी संभव करके दिखाया है। रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रापर्टी गाइड लाईन में व्यापक सुधार किए गए हैं। इंदौर-भोपाल में मेट्रो का काम शुरू किया गया है। कॉलोनाईजर्स के अनुमति और लायसेंस शुल्क को घटाकर 27 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह प्रावधान भी किया गया है कि पूरे राज्य के लिये कॉलोनाइजर्स को एक लायसेंस दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में भोपाल, इंदौर इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर का विकास हो रहा है, जिसके अंतर्गत सेटेलाईट सिटी भी बनाई जायेगी। भोपाल और इंदौर को मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए आर.आर.टी.एस. की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ब्रांडेड होटल्स को विशेष सुविधाएँ देने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में भी अतिरिक्त सुविधाएँ उपलब्ध करवाएगी। आई.ई.ई.टी.एस. सिंगापुर के सहयोग से प्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना की जा रही है। इससे प्रदेश में कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहाँ ऊर्जा स्टोरेज की क्षमता स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में दो लाख सोलर पम्प उपलब्ध कराए गए हैं। उद्योगों को कम दाम पर सोलर एनर्जी उपलब्ध करवाई जाएगी। भूमि स्थानांतरण के प्रकरणों में अनुमति लेने के बजाए स्व-आंकलन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही, डायवर्जन शुल्क को भी युक्तियुक्त बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योग मित्र वातावरण बनाने के लिए शासन-प्रशासन की प्रक्रिया में व्यापक सुधार किया जा रहा है। उन्होंने निवेशक समुदाय से अनुरोध किया कि वे राज्य और यहाँ के नागरिकों के लिए क्या बेहतर किया जा सकता है, इसके बारे में राज्य सरकार को अवश्य बतायें। हम एक जवाबदेह सरकार के रूप में उनका सहयोग करेंगे।
मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती ने मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश में आए उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए कहा कि हम निवेशकों की भागीदारी से एक समृद्ध और खुशहाल मध्यप्रदेश बनाना चाहते हैं। मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र के साथ ही वन और खनिज संपदा से भरपूर राज्य है। हमारी भौगोलिक परिस्थितियाँ उद्योग अनुकूल हैं। राज्य शासन ने यह प्रयास किया है कि नियम, प्रक्रियाएँ इतनी सरल हों कि प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक लोगों को कोई कठिनाई न हो। अंत में आभार प्रदर्शन प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा ने किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति, लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री आरिफ अकील, वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और जनम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा एवं वित्त मंत्री श्री तरुण भनोट सहित विभिन्न जन-प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने इंदौर में मध्यप्रदेश पवेलियन का किया शुभारंभ
17 October 2019
भोपाल मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने गुरुवार को मेग्नीफिसेंट एम.पी. समिट-2019 स्थल ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर के परिसर में जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये "मध्यप्रदेश पवेलियन'' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल, श्री राजेश राजौरा, संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी सहित विभिन्न जन-प्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे।
निर्माण कार्यों का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदर्शनी स्थल पर निर्माण कार्यों का शुभारंभ किया। इन कार्यों में इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर, पीथमपुर के स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क, पीथमपुर की नर्मदा-क्षिप्रा लिंक आधारित जल-प्रदाय योजना, अंतर्राष्ट्रीय बस टर्मिनल तथा 25.77 करोड़ रुपये लागत के आई.टी. सेंटर सिहासा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान जनसम्पर्क विभाग द्वारा स्थापित "मध्यप्रदेश पवेलियन" में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग तथा प्रतिष्ठानों द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी स्टॉल का अवलोकन भी किया। इनमें मध्यप्रदेश वेयर हाउस कॉर्पोरेशन, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग, ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट, शहर सरकार आपके द्वार, आयुष्मान भारत निरामयम् मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के स्टॉल
शामिल हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने भारतीय उद्योग परिसंघ तथा मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम द्वारा लगाये गये स्टॉल का भी अवलोकन किया। जिन औद्योगिक घरानों ने अपने स्टॉल यहाँ लगाये हैं, उनमें वर्धमान ग्रुप, बंसल ग्रुप, ट्रायडेंट, प्रिज्म जॉनसन, वोडाफोन, आइडिया, प्रोक्टर एण्ड गेम्बल, मोयरा स्टील सरिया, आईसेक्ट, फॉरचून ऑयल, एम.पी. बिरला सीमेंट, शक्ति पम्प, फोर्स ट्रेवलर्स, भारत-ओमान रिफायनरी एवं आयशर कम्पनियाँ शामिल हैं।
औद्योगिक निवेश के लिये आदर्श राज्य बनेगा मध्यप्रदेश
17 October 2019
भोपाल मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि औद्योगिक निवेश के लिये मध्यप्रदेश पूरे देश में एक आदर्श राज्य बने, इसके लिये सरकार हर संभव कदम उठायेगी। श्री कमल नाथ आज इंदौर में मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश की पूर्व संध्या पर ब्रिलियंट कन्वेशन सेन्टर में उद्योगपतियों से वन-टू-वन मुलाकात कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि पिछले आठ माह के कार्यकाल में सरकार ने अपने निर्णयों से प्रदेश में औद्योगिक मित्र का एक वातावरण तैयार किया है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आये और हमारे नौजवानों को रोजगार मिले।
श्री कमल नाथ ने उद्योग प्रतिनिधियों को मुलाकात के दौरान सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों से भी अवगत कराया।
श्री कमल नाथ से आज आईटी क्षेत्र में काम कर रही इम्पेटस टेक्नोलॉजी यूएसए के सीईओ श्री प्रवीण काकरिया और सिम्बॉटिक फार्मा कम्पनी के प्रबंध संचालक श्री अनिल सतवानी ने मुलाकात की।
वित्त मंत्री ने सरकारी कंपनियों से कहा- 15 अक्टूबर तक सर्विस प्रोवाइडर का बकाया भुगतान करें
28 September 2019
नई दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सरकारी कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक कर पूंजी खर्च पर चर्चा की। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीतारमण ने बताया- कंपनियों से कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर, वेंडरों और ठेकेदारों का बकाया भुगतान 15 अक्टूबर तक करें। इसमें कोई बहाना नहीं चलेगा।
सीतारमण ने कहा कि सरकारी कंपनियों से भुगतान संबंधी मामलों के लिए नया पोर्टल शुरू करने के लिए भी कहा है। ताकि, सर्विस प्रोवाइडर बिल और भुगतान संबंधी जानकारी ट्रैक कर सकें। कंपनियों से अगली चार तिमाही की खर्च योजना भी मांगी है।
242 सरकारी कंपनियां 4 लाख करोड़ रुपए खर्च करेंगी
सीतारमण के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि 34 सरकारी कंपनियां अगस्त तक 48,077 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं। दिसंबर तक 50,159 करोड़ रुपए के खर्च की योजना है। जनवरी-मार्च तिमाही में 54,700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। व्यय सचिव जी सी मुर्मू ने बताया कि सभी 242 सरकारी कंपनियां कुल 4 लाख करोड़ रुपए खर्च करेंगी।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार खर्च बढ़ाने पर जोर दे रही है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ बैठक कर पूंजी खर्चों की समीक्षा की। बैठक के बाद बताया कि मंत्रालयों से सर्विस प्रोवाइर का बकाया भुगतान जल्द करने के लिए कहा है। अगली चार तिमाही के लिए पूंजी खर्च की योजना भी मांगी है।
मेहुल चौकसी ने कहा- ग्राहकों से 8000 करोड़ रु लेने हैं, ये रकम कर्ज चुकाने के लिए काफी
28 September 2019
मुंबई.पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी ने शुक्रवार को कहा कि उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स को ग्राहकों से 8,000 करोड़ रुपए लेने हैं। इतनी रकम कर्ज लौटाने के लिए पर्याप्त होगी। आरोपों के मुताबिक बकाया रकम 6,097.63 रुपए थी। चौकसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) मामलों के विशेष जज वी सी बरदे की बेंच में याचिका दायर कर ये दावा किया।
ईडी को एंटीगुआ आकर पूछताछ के निर्देश दिए जाएं: चौकसी
>> चौकसी की ओर से अपील की गई कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उसकी और फर्मों की संपत्तियां अटैच नहीं करने के निर्देश दिए जाएं। ग्राहकों पर बकाया रकम भी अटैच नहीं की जाए।
>> चौकसी ने एक अन्य याचिका में कहा कि ईडी को एंटीगुआ आकर पूछताछ करने के निर्देश दिए जाएं। उसने भारत लौटने के लिए फिट होने तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेशी की इजाजत भी मांगी। चौकसी की याचिकाओं पर कोर्ट ने ईडी से 10 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। चौकसी कहता रहा है कि गंभीर बीमारियों की वजह से वह भारत नहीं आ सकता।
>> 14000 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का खुलासा पिछले साल फरवरी में हुआ था। चौकसी ने उससे पहले ही एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता हासिल कर ली थी। दो दिन पहले वहां के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा था कि मेहुल चौकसी धोखेबाज है। उसके कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद भारत भेज दिया जाएगा।
अर्थव्यवस्था पर सरकार का बड़ा ऐलान, कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में मिलेगी छूट
20 September 2019
नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की गोवा में होने वाली बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं. वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का प्रस्ताव किया. उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को घटाया जाएगा. फाइनेंस मिनिस्टर ने 1 अक्टूबर 2019 के बाद बनी कंपनियों पर 15 प्रतिशत टैक्स का प्रस्ताव भी किया.
निर्मला सीतारमण की तरफ से की गई घोषणा के तुरंत बाद शेयर बाजार में भी तेजी का रुख देखा गया और सेंसेक्स करीब 900 अंक तक चढ़ गया. वित्त मंत्री ने इस दौरान MAT को पूरी तरह खत्म करने की घोषणा की. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा सरकार की 'मेक इन इंडिया' में निवेश की कोशिश है. साथ ही उन्होंने शेयर बिक्री से कैपिटल गेन पर सरचार्ज नहीं लगाने की भी बात कही.
वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान
- कॉरपोरेट इंडिया के लिए 1.5 लाख करोड़ का राहत पैकेज
- कॉरपोरेट टैक्स को खत्म करने का प्रस्ताव
- MAT पूरी तरह खत्म करने का ऐलान
- FPIS पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगेगा
- बिना किसी छूट के कॉरपोरेट टैक्स 22% होगा
- सेस और सरचार्ज के साथ 25.17 फीसदी टैक्स होगा
- इक्विटी कैपिटल गेन पर सरचार्ज नहीं लगेगा
- STT देने वाले निवेशकों पर बढ़ा सरचार्ज नहीं लगेगा
- 5 जुलाई के पहले का बायबैक पर 20 फीसदी टैक्स नहीं लगेगा
- मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्स घटेगा
MSME को भी दिया था फायदा
इससे पहले गुरुवार को भी वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ाने के लिए बैठक की थी. इसके बाद उन्होंने MSME के कोई भी लोन मार्च 2020 तक NPA नहीं घोषित होने का ऐलान किया है. इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि NBFCs की स्थिति सुधर रही है. देश में लोन लेने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा आगे आएं. बैंक 400 जिलों में लोन मेला लगाएंगे.
सेंसेक्स ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर रचा इतिहास, पहली बार 2284 अंक उछला
20 September 2019
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की तरफ से कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax Cut) में कटौती होने और कैपिटल गेन्स पर सरचार्ज नहीं लगाने के ऐलान के साथ ही शेयर बाजार (Share Market) ने हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन रफ्तार पकड़ ली. सुबह करीब 11 बजे से शुरू हुआ शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला कारोबारी सत्र के अंत तक जारी रहा. इसी के साथ सेंसेक्स ने अपने नाम एक और रिकॉर्ड कर लिया. कारोबारी सत्र के दौरान दोपहर करीब 2.20 बजे सेंसेक्स ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2284.55 अंक की तेजी हासिल कर ली. यह एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी उछाल है.
1809 शेयर में मजबूती का माहौल
हालांकि कुछ देर बाद ही शेयर बाजार में थोड़ी गिरावट देखी गई और कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,921.15 चढ़कर 38014.62 के स्तर पर बंद हो गया. निफ्टी में भी शुक्रवार को रिकॉर्ड तेजी देखी गई और यह 569.4 अंक की उछाल के साथ 11274.20 के स्तर पर बंद हुआ. यह पिछले 10 साल में निफ्टी की एक दिन में सबसे बड़ी बढ़त है. पूरे कारोबारी सत्र में कुल 1809 शेयर में मजबूती, 726 शेयर में गिरावट और 134 शेयर बिना किसी बदलाव के कारोबारी सत्र के अंत में बंद हो गए.
6 प्रतिशत की जोरदार उछाल
सेंसेक्स में कारोबारी सत्र के दौरान दर्ज की गई 6 प्रतिशत की जोरदार उछाल की अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो यह अब तक की सबसे बड़ी उछाल है. इससे पहले 18 मई, 2009 को शेयर बाजार 2,110 अंक उछला था. उस समय तत्कालीन यूपीए सरकार के सत्ता में लौटने का शेयर बाजार ने स्वागत किया था.
इन शेयर में रिकॉर्ड तेजी
शुक्रवार को कारोबार के दौरान ऑटो, बैंक, मेटल, इंफ्रा, एफएमसीजी, फॉर्मा और एनर्जी से जुड़ी कंपनियों के शेयर में तेजी दर्ज की गई. निफ्टी में आयशर मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, इंडसइंड बैक, अल्ट्राटेक सीमेंट और मारुति सुजुकी ने सबसे ज्यादा बढ़त हासिल की. वहीं पावर ग्रिड, इनफोसिस, टीसीएस और एनटीपीसी में गिरावट आई.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के डाटा के अनुसार वित्त मंत्री की तरफ से की गई घोषणा के बाद शेयर बाजार लगातार चढ़ने लगा. कुछ ही देर में निवेशकों के उत्साह से मार्केट कैपिटलाइजेशन 143.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यहीं गुरुवार को कारोबारी सत्र के अंत में 138.54 लाख करोड़ रुपये था. यानी करीब एक घंटे के दौरान ही निवेशकों ने करीब 5 लाख करोड़ रुपये हासिल कर लिए.
केंद्र के रोक लगाने के बाद ऑनलाइन ई-सिगरेट बिक्री पर FDA का नोटिस
18 September 2019
नई दिल्ली : सरकार की तरफ से देशभर में ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर रोक लगाए जाने के एक दिन बाद महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MAHA FDA) ऑनलाइन ई-सिगरेट बिक्री पर नोटिस जारी किया है. एफडीए की तरफ से दिए गए नोटिस में कहा गया है ऑनलाइन ई-सिगरेट की बिक्री करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा. सरकार की तरफ से ई-सिगरेट को तुरंत बंद करने के आदेश के बाद भी कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अभी भी इसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है.
बुधवार को ही कैबिनेट ने लिया फैसला
ई-सिगरेट की बिक्री रोकने के लिए एफडीए की तरफ से विक्रेताओं के खिलाफ छापेमारी और जब्ती की कार्रवाई भी की जाएगी. इससे पहले जनवरी में FDA की तरफ से ई-सिगरेट की बिक्री करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया था, अब दूसरे राउंड का अभियान चलाया जाएगा. आपको बता दें केंद्र सरकार ने बुधवार को ही ई-सिगरेट की बिक्री, इसके बनाने और रखने तीनों पर पाबंदी पर लगा दी है.
क्या है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट में धूम्रपान करने वाला व्यक्ति धुएं के बदले भाप से निकोटीन का सेवन करता है. दवाओं पर सलाहकार समिति ने भी पाबंदी की सिफारिश की थी. ड्रग कंट्रोलर जनरल ने भी राज्यों से ई-सिगरेट की बिक्री और इसके निर्माण पर रोक लगाने के लिए कहा था.
नए साल में लॉन्च होगी TATA की इलेक्ट्रिक कार, बैटरी की 8 साल होगी वारंटी
18 September 2019
नई दिल्ली : ऑटो सेक्टर (Auto Sector) में चल रही अनिश्चितता के बीच टाटा मोटर्स (Tata Motors) के एमडी ने कहा इंडस्ट्री में किसी तरह का कंफ्यूजन नहीं है. उन्होंने कहा आने वाले समय में फ्यूल व्हीकल (Fuel Vehical) और इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehical) साथ-साथ आगे बढ़ेंगे. आपको बता दें सरकार प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम लगाने के लिए लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर दे रही है. ऐसे में कुछ वाहन निर्माता कंपनियों की तरफ से कहा गया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इंडस्ट्री अभी तैयार नहीं है.
ऑटो बिक्री 10 साल के निचले स्तर पर रही
टाटा मोटर्स के एमडी ने कहा इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन का रास्ता काफी लंबा है. चार्जिंग स्टेशन के लिए इंफ्रास्टक्चर तैयार करना काफी चुनौतीपूर्ण है. पिछले महीने कुल ऑटो बिक्री 10 साल के निचले स्तर पर रही है. फेम 2 नियम और इलेक्ट्रिक व्हीकल में जीएसटी कटौती से इंडस्ट्री को फायदा होगा. उन्होंने कहा इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए टाटा ग्रुप के साथ पूरा इको सिस्टम तैयार करेंगे.
इलेक्ट्रिक व्हीकल में सुधार के लिए कंपनी ने जिपट्रोन (ZIPTRON) टेक्नोलॉजी लॉन्च की है. इसमें मोटर और बैटरी की 8 साल की वारंटी होगी. उन्होंने बताया मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही यानी अगले साल की शुरुआत में जिपट्रोन टेक्नोलॉजी वाली पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च की जाएगी.
सेंसेक्स 100 अंक की बढ़त के साथ 36600 के करीब, कारोबार के दौरान 232 प्वाइंट चढ़ा
18 September 2019
मुंबई. शेयर बाजार में आज तेजी बनी हुई है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 232 अंक चढ़कर 36,712.99 के स्तर तक पहुंच गया। निफ्टी में 67 प्वाइंट की बढ़त दर्ज की गई। इसने 10,885.15 का उच्च स्तर छुआ। हालांकि, दोनों इंडेक्स ऊपरी स्तरों पर टिक नहीं पाए।
क्रूड के रेट घटने से एनर्जी सेक्टर के शेयरों में खरीदारी
एनर्जी और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में अच्छी बढ़त देखी जा रही है। विश्लेषकों के मुताबिक मजबूत विदेशी संकेतों की वजह से बाजार में खरीदारी बढ़ी। क्रूड की कीमत सोमवार को रिकॉर्ड तेजी के बाद मंगलवार को नीचे आई।
एसबीआई में 1% बढ़त
सेंसेक्स के 30 में से 20 और निफ्टी के 50 में से 29 शेयरों में तेजी देखी गई। बजाज फाइनेंस के शेयर में 2.6% उछाल आया। कोटक बैंक में 1.4% और टाटा स्टील में 1.3% बढ़त देखी गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई और वेदांता 1-1 फीसदी चढ़े।
हीरो मोटोकॉर्प में 1% गिरावट
दूसरी ओर मारुति के शेयर में 1.3% नुकसान देखा गया। हीरो मोटोकॉर्प करीब 1% लुढ़क गया। इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनीलीवर, एनटीपीसी और एचडीएफसी के शेयरों में 0.3% से 0.5% तक गिरावट दर्ज की गई।
मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- एपल की भारत में बड़ी कारोबारी योजनाएं
18 September 2019
नई दिल्ली. संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां भारतीय बाजार के प्रति आशावान हैं और आईफोन कंपनी एपल की देश में बड़ी कारोबारी योजनाएं हैं। प्रसाद ने बताया कि उन्होंने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों से भी मुलाकात की थी।
प्रसाद ने सोमवार को एपल को इस बात के लिए प्रेरित किया था कि वह भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाए और देश को एक्सपोर्ट हब की तरह इस्तेमाल करे। क्योंकि, इलेक्ट्रॉनिक्स और फोन इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए लिए अगले 2-3 महीने में कदम उठाए जाएंगे। एपल फिलहाल भारत में ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर कंपनी विस्ट्रॉन के जरिए आईफोन 6एस और 7 का प्रोडक्शन कर रही है।
प्रसाद के मुताबिक मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में कंपोनेंट निर्माताओं समेत मोबाइल फैक्ट्रियों की संख्या 2 से बढ़कर 268 पहुंच गई। अब उनका फोकस स्ट्रैटजिक, डिफेंस और मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स पर है। उन्होंने इंडस्ट्री से अपील करते हुए कहा कि मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स के कारोबार में भी शामिल हों। एमआरआई, पैथोलॉजी, एक्स-रे और अन्य जांच मशीनों के बिजनेस में बड़े अवसर हैं।
रियल एस्टेट सेक्टर को उबारने के लिए मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, दिया जाएगा 10,000 करोड़ का फंड
14 September 2019
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को आर्थिक सुधारों (Economic Reforms) पर बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं. पिछले महीने सरकार की ओर से रिफॉर्म के लिए कई कदम उठाए. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस एक्सपोर्ट और होम बायर्स पर है. उन्होंने कहा कि देश में व्यापार करना और आसान हुआ है.
वित्त मंत्री ने कहा कि NBFC को क्रेडिट गारंटी स्कीम का फ़ायदा मिला है. बैंकों के क्रेडिट आउटफ्लो बढ़े हैं. साथ ही इनकम टैक्स में ई-एसेसमेंट लागू किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि 19 सितंबर को PSU बैंकों के साथ एक बैठक भी होनी है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब सभी नोटिस सिस्टम के जरिए लागू हो रहे हैं. अब छोटे टैक्स डिफॉल्ट करने पर मुकदमा नहीं किया जा रहा है. 25 लाख तक के डिफॉल्ट पर 2 बड़े अफसरों की मंजूरी ज़रुरी होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून में इंडस्ट्री के रिवाइवल के संकेत हैं.
वित्त मंत्री द्वारा कही गईं प्रमुख बातें...
-इस साल के आखिर तक टेक्सटाइल में MEIS लाया जाएगा.
-गुड्स एंड सर्विस में MEIS की नई स्कीम.
-एक्सपोर्ट के लिए नई स्कीम का ऐलान.
-एक्सपोर्ट ई-रिफंड इस महीने के आखिर तक लागू.
-MEIS की जगह RDToP स्कीम.
-निर्यात उत्पादों में शुल्क या टैक्स छूट की योजना.
-नई स्कीम से 50,000 करोड़ रुपये का बोझ.
-अगले साल मार्च में 4 बड़े शॉपिंग फेस्टिवल.
-एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार मार्च 2020 में मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी.
-शॉपिंग फेस्टिवल में जेम्स-ज्वेलरी, टेक्सटाइल, लेदर, टूरिज्म, हैंडीक्राफ्ट सेक्टर के ट्रेडर्स सीधे बड़े buyer या खरीददार से संपर्क कर जुड़ सकेंगे.
-यही नहीं, डोमेस्टिक ट्रेड बूस्ट में भी मेगा एनुअल शॉपिंग फेस्टिवल अहम भूमिका निभाएगा.
-सरकार शॉपिंग फेस्टिवल के जरिये एमएसएमई सेक्टर में भी नई जान फूंकना चाहती है.
-एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए एक्शन प्लॉन.
-एसेसमेंट स्कीम दशहरे में शुरू की जाएगी.
-एक्सपोर्ट फाइनेंस इंटर-मिनिस्ट्रियल ग्रुप की निगरानी में काम करेगा.
-रियल एस्टेट सेक्टर को स्लोडाउन से उबरने के लिए को लेकर सरकार का बड़ा ऐलान.
-सरकार मिडिल इनकम हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल विंडो का प्रावधान करेगी.
-अंतिम छोर तक फंडिंग को सुनिश्चित करने के लिए स्पेशल विंडो का प्रावधान.
-सरकार का रियल एस्टेट सेक्टर के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड का ऐलान.
-ऐसे हाउसिंग प्रोजेक्ट जो ना तो एनपीए में है, ना ही NCLT में फंसे हैं और साथ ही प्रोजेक्ट का काम करीब 60 फीसदी का पूरा हुआ है, ऐसे अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट को अब सरकार पूरा करेगी.
-10,000 करोड़ रुपये का फंड सरकार की तरफ से और लगभग 10,000 करोड़ रुपये अन्य सरकारी एजेंसी जैसे LIC, PSB लगाएगी.
-अफोर्डेबल हाउसिंग पर आसान होगी ECB गाइडलाइंस.
सेंसेक्स 150 अंक की बढ़त गंवाकर गिरावट में आया, निफ्टी 11050 के नीचे फिसला
12 September 2019
मुंबई. शेयर बाजार पूरी बढ़त गंवाकर नुकसान में आ गया है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 154 अंक की बढ़त के साथ 37,424.94 पर पहुंच गया। निफ्टी में 45 प्वाइंट की तेजी दर्ज की गई। इसने 11,080.35 का उच्च स्तर छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 21 और निफ्टी के 50 में से 29 शेयरों में बढ़त देखी गई। टाटा स्टील के शेयर में 3% उछाल आया। आईसीआईसीआई बैंक 2.8% और इंडसइंड बैंक 2% ऊपर आ गया। ओएनजीसी में 1.3% और एचडीएफसी में 1% तेजी देखी गई।
दूसरी ओर यस बैंक के शेयर में 2% गिरावट आ गई। भारती एयरटेल 1.6% लुढ़क गया। हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक और मारुति के शेयरों में 0.7% से 0.8% तक नुकसान देखा गया।
विप्रो की बायबैक योजना में अजीम प्रेमजी, प्रमोटर कंपनियों ने 7300 करोड़ रु के शेयर बेचे
12 September 2019
बेंगलुरु. आईटी कंपनी विप्रो की शेयर बायबैक योजना के दौरान अजीम प्रेमजी और प्रमोटर कंपनियों ने 7,300 करोड़ रुपए की वैल्यू के 22.46 करोड़ शेयर बेचे। विप्रो ने 325 रुपए प्रति शेयर के भाव पर कुल 32.3 करोड़ शेयर 10,499.99 करोड़ रुपए में बायबैक किए थे। यह स्कीम पिछले महीने पूरी हुई। विप्रो ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में बुधवार को यह जानकारी दी। विप्रो ने बताया कि बायबैक में एलआईसी ने 1.34 करोड़ शेयर बेचे थे।
नाम बेचे गए शेयरों की संख्या
अजीम प्रेमजी पार्टनर रिप्रेजेंटिंग जैश ट्रेडर्स 6.12 करोड़
अजीम प्रेमजी पार्टनर रिप्रेजेंटिंग प्राजिम ट्रेडर्स 6.03 करोड़
अजीम प्रेमजी पार्टनर रिप्रेजेंटिंग हाशम ट्रेडर्स 5.02 करोड़
अजीम प्रेमजी ट्रस्ट 4.05 करोड़
अजीम प्रेमजी 1.22 करोड़
क्या होता है बायबैक ?
कोई कंपनी जब शेयरधारकों से अपने ही शेयर खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं। कंपनियां कई वजहों से इसका फैसला लेती हैं। सबसे बड़ी वजह कंपनी की बैलेंसशीट में अतिरिक्त नकदी का होना है। शेयर बायबैक के जरिए कंपनियां अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल करती हैं। सबसे पहले कंपनी का बोर्ड शेयर बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी देता है। इसके बाद कंपनी बायबैक के लिए कार्यक्रम का ऐलान करती है। इसमें रिकॉर्ड डेट और बायबैक की अवधि का जिक्र होता है। रिकॉर्ड डेट का मतलब यह है कि उस दिन तक जिन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर होंगे, वो बायबैक के तहत अपने शेयर बेच सकते हैं।
देश के 1600 शहरों में जियो फाइबर सर्विस लॉन्च, वन जीबीपीएस तक होगी इंटरनेट स्पीड
6 September 2019
दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल डाटा नेटवर्क जियो ने आज भारत के 1,600 शहरों में फाइबर टू द होम सर्विस जियो फाइबर शुरू करने का ऐलान कर दिया है। भारत में अभी औसत फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड की स्पीड करीब 25 एमबीपीएस है। यहां तक कि अमेरिका जैसी विकसित अर्थव्यवस्था में भी यह लगभग 90 एमबीपीएस ही है। जियो फाइबर भारत की पहली 100 प्रतिशत ऑल-फाइबर ब्रॉडबैंड सर्विस है। इसकी स्पीड 100 एमबीपीएस से शुरू होकर 1 जीबीपीएस तक जाएगी। ये देश की सबसे ज्यादा तेज चलने वाली इंटरनेट सर्विस भी है।
जियो फाइबर सर्विस से जुड़ी सेवाएं
1. अल्ट्रा-हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड (1 जीबीपीएस तक)
2. मुफ्त घरेलू वॉयस कॉलिंग, कॉन्फ्रेंसिंग और इंटरनेशनल कॉलिंग
3. टीवी वीडियो कॉलिंग और कॉन्फ्रेंसिंग
4. एंटरटेनमेंट ओटीटी ऐप्स
5. गेमिंग
6. होम नेटवर्किंग
7. डिवाइस सिक्योरिटी
8. वर्चुअल रियलिटी का अनुभव
9. प्रीमियम कंटेंट प्लेटफॉर्म
मंथली प्लान्स
1. 699 रुपए से शुरू होकर 8,499 रुपए तक
2. सभी प्लान्स की स्पीड 100 एमबीपीएस से शुरू होगी
3. इसमें 1 Gbps तक की स्पीड का विकल्प मिलेगा
लंबी अवधि वाले प्लान्स
1. इसमें 3, 6 और 12 महीने के प्लान शामिल हैं
2. बैंक टाई-अप के माध्यम से, जियो आकर्षक EMI योजनाएं प्रदान करेगा, जिससे ग्राहकों को केवल मासिक EMI का भुगतान करके वार्षिक योजनाओं का लाभ प्राप्त होता रहेगा
जियो फाइबर वेलकम ऑफर
1. जियो फाइबर यूजर यदि जियो फॉरएवर की वार्षिक योजनाओं की सदस्यता लेता है तो उसे सभी लाभ मिलेंगे...
जियो होम गेटवे
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अपने पसंदीदा ओटीटी एप्लिकेशन की सदस्यता
अनलिमिटेड वॉयस और डेटा
नोट : जियोफाइबर यूजर्स उपलब्ध विभिन्न मूल्यों के वेलकम ऑफर में से किसी एक को चुन सकते हैं।
जियो फाइबर की लॉन्च पर बात करते हुए, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के निदेशक, आकाश अंबानी ने कहा, "हमारे द्वारा की जाने वाली हर चीज के केंद्र में हमारे ग्राहक हैं। जियो फाइबर को डिजाइन करने का बस एक ही मकसद था, आपको एक आनंदमय अनुभव देना। जियो फाइबर का लॉन्च, इसकी क्रांतिकारी सेवाओं के साथ एक नई और रोमांचक यात्रा की शुरुआत है। हमेशा की तरह, हम अनेकों आश्चर्यजनक सेवाओं को लाने और जियोफाइबर को अगले स्तर तक ले जाने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं विशेष रूप से हमारे 5 लाख जियो फाइबर्स प्रिव्यू यूजर्स को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने हमारे उत्पाद और सेवा अनुभव को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मैं जियो फाइबर के अगले स्तर का अनुभव करने के लिए उनका स्वागत करता हूं।"
जियो फाइबर कैसे प्राप्त करें
1. www.jio.com पर जाएं या MyJio ऐप डाउनलोड करें
2. जियोफाइबर सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करें
3. यदि जियोफाइबर आपके क्षेत्र में उपलब्ध होगा, तो कंपनी के प्रतिनिधि आपसे संपर्क करेंगे
मौजूदा ग्राहकों के लिए
1. जियो आपकी सेवाओं के अपग्रेड के लिए आपसे संपर्क करेगा
2. MyJio ऐप डाउनलोड करें, क्योंकि उपयोगकर्ताओं के साथ सभी संपर्क और संचार MyJio ऐप पर होंगे
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1. वॉट्सऐप पर 70008-70008 पर "HELLO" मैसेज भेंजे।
2. संदेश भेजने से पहले आपको अपने कॉन्टैक्ट में 70008-70008 नंबर एड करना होगा।
भूषण पावर एंड स्टील को खरीदने के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की 19700 करोड़ की बोली मंजूर
5 September 2019
नई दिल्ली. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीसीएल) को खरीदने के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील के 19,700 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दे दी। जस्टिस एमएम कुमार की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय प्रधान बेंच ने कहा कि बीपीसीएल के पूर्व प्रमोटरों के खिलाफ पैसों के हेर-फेर के मुकदमों का जेएसडब्ल्यू स्टील पर असर नहीं पड़ेगा।
एनसीएलटी ने यह भी कहा कि दिवालिया प्रक्रिया के दौरान बीपीसीएल ने जो मुनाफा कमाया उसे भूषण पावर के कर्जदाताओं में बांटा जाएगा। एनसीएलटी ने जेएसडब्ल्यू की बोली के खिलाफ टाटा स्टील की आपत्ति भी खारिज कर दी। टाटा स्टील ने जेएसडब्ल्यू द्वारा बोली बढ़ाने पर आपत्ति जताई थी। ट्रिब्यूनल ने अप्रैल में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था।
एनसीएलटी ने 26 जुलाई 2017 को बीपीसीएल के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की थी। कंपनी के प्रमुख कर्जदाता बैंक पीएनबी ने याचिका दायर की थी।
सेंसेक्स 147 अंक की बढ़त के साथ 37641 पर बंद, टाटा मोटर्स के शेयर में 9% तेजी
27 August 2019
मुंबई. शेयर बाजार मंगलवार को लगातार तीसरे सत्र में फायदे में रहा। सेंसेक्स 147.15 अंक की बढ़त के साथ 37,641.27 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान 37,641.27 तक चढ़ा। निफ्टी की क्लोजिंग 47.50 प्वाइंट ऊपर 11105.35 पर हुई। इंट्रा-डे में 11,141.75 के स्तर तक पहुंचा।
तेजी की वजह
विश्लेषकों के मुताबिक आरबीआई द्वारा सरप्लस फंड में से 1.76 लाख करोड़ रुपए सरकार को ट्रांसफर करने की मंजूरी के फैसले से बाजार में खरीदारी बढ़ी है। दूसरी ओर विदेशी बाजारों से भी अच्छे संकेत मिले।
पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2.5% बढ़त
सेंसेक्स के 30 में से 22 और निफ्टी के 50 में से 35 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। एनएसई पर 11 में से 8 सेक्टर इंडेक्स फायदे में रहे। पीएसयू बैंक इंडेक्स में सबसे ज्यादा 2.51% तेजी आई। आईटी इंडेक्स सबसे ज्यादा 1.35% नुकसान में रहा।
रुपया 32 पैसे मजबूत हुआ
डॉलर के मुकाबले रुपए में भी मजबूती आई है। मुद्रा बाजार में कारोबार के दौरान यह 32 पैसे की बढ़त के साथ 71.70 के स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को 36 पैसे कमजोर होकर 72.02 पर बंद हुआ था।
आरबीआई सरकार को रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रु ट्रांसफर करेगा, जालान कमेटी की सिफारिशें मंजूर
27 August 2019
मुंबई. आरबीआई सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर करेगा। रिजर्व बैंक ने बिमल जालान कमेटी की सिफारिशें मानते हुए सोमवार को इसकी मंजूरी दी। आरबीआई के सरप्लस फंड में से सरकार को कितनी रकम मिलनी चाहिए, ये तय करने के लिए पिछले साल दिसंबर में आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी।
1.76 लाख करोड़ करोड़ रुपए में 1 लाख 23 हजार 414 करोड़ 2018-19 के लिए सरप्लस और 52 हजार 637 करोड़ रुपए संशोधित इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ईसीएफ) के मुताबिक तय हुए अतिरिक्त प्रोविजन के तहत दिए जाएंगे।
आरबीआई के पास कुल एसेट के 28% के बराबर रिजर्व फंड
कैश सरप्लस के मुद्दे पर केंद्रीय बैंक और सरकार के विवाद के चलते आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक आरबीआई के पास 9 लाख करोड़ रुपए का सरप्लस फंड है। यह आरबीआई के कुल एसेट का करीब 28% है। सरकार का कहना था कि दूसरे बड़े देशों के केंद्रीय बैंक अपने एसेट का 14% रिजर्व फंड में रखते हैं।
रिजर्व बैंक का सरप्लस फंड मिलने से सरकार को वित्तीय घाटा काबू में रखने में मदद मिलेगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 3.3% के बराबर वित्तीय घाटे का लक्ष्य रखा है। सरप्लस कैपिटल ट्रांसफर के अलावा मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार को आरबीआई से 90 हजार करोड़ रुपए डिविडेंड के रूप में मिलने की उम्मीद है। पिछले साल 68 हजार करोड़ मिले थे।
फंड तय करने के लिए पहले भी 3 समितियां बनी थीं
आरबीआई का रिजर्व फंड तय करने के लिए पहले भी तीन समितियां बनी थीं- वी सुब्रमण्यम (1997), उषा थोराट (2004) और वाई.एस. मालेगाम (2013) समिति। सुब्रमण्यम समिति ने 12% और थोराट समिति ने 18% रिजर्व की सिफारिश की थी। आरबीआई के बोर्ड ने थोराट कमेटी की सिफारिश नहीं मानी थी। बल्कि, सुब्रमण्यम कमेटी की सिफारिश को ही जारी रखा था। मालेगाम कमेटी ने कोई आंकड़ा नहीं बताया था लेकिन कहा था कि आरबीआई को हर साल पर्याप्त रकम ट्रांसफर करनी चाहिए।
27 August 2019
अब आपका पैसा होगा ज्यादा सुरक्षित, SEBI ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए नियम बदले
22 August 2019
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों को हाई रिस्क से और अधिक संरक्षण दिलाना चाहता है. नियामक चाहता है कि सभी म्यूचुअल फंड कंपनियां अपना समूचा निवेश चरणबद्ध तरीके से सूचीबद्ध या सूचीबद्ध होने जा रहे शेयरों या ऋण प्रतिभूतियों में स्थानांतरित करें. इसके अलावा वे बिना रेटिंग वाले ऋण उत्पादों में अपने निवेश को 25 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत पर लाएं.
2020 तक क्रियान्वित किया जाएगा
सेबी के निदेशक मंडल की बुधवार को यहां बैठक हुई. इसमें फैसला किया गया कि म्यूचुअल फंडों को गैर सूचीबद्ध नॉन-कंवर्टिवल डिबेंचरों में निवेश के लिए लचीलापन दिया जाए. यह निवेश किसी स्कीम के ऋण पोर्टफोलियो के अधिकतम 10 प्रतिशत तक हो सकता है. इस तरह का निवेश सुगम ढांचे वाले गैर सूचीबद्ध एनसीडी में किया जाना चाहिए. ये एनसीडी रेटिंग, मासिक कूपन के साथ गारंटी वाले होने चाहिए. इसे चरणबद्ध तरीके से जून, 2020 तक क्रियान्वित किया जाएगा.
कैपिटल मार्केट के निवेशकों के लिए जोखिम वाली ऋण प्रतिभूतियों में निवेश एक प्रमुख जोखिम के रूप में उभरा है. इनमें म्यूचुअल फंड मार्ग से किया जाने वाला निवेश भी है. नियामक इस तरह के जोखिमों के खिलाफ अपना नियामकीय ‘जाल’ मजबूत करने का प्रयास कर रहा है. सेबी की बैठक में बिना रेटिंग वाले ऋण उत्पादों में म्यूचुअल फंड स्कीमों के निवेश की सीमा को 25 से घटाकर 5 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव भी किया गया.
एक अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा बिना रेटिंग वाले ऋण उत्पादों में निवेश के लिए एकल जारीकर्ता की दस प्रतिशत की सीमा को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है. सेबी के एक अधिकारी ने कहा कि नियामक प्रस्तावित सीमा की बाजार की स्थिति के आधार पर समय-समय पर समीक्षा करेगा.
ऑटो सेक्टर के लिए खुशखबरी! मंदी से इस सेक्टर को उबारने के लिए सरकार नहीं बढ़ाएगी रजिस्ट्रेशन फीस
22 August 2019
ऑटो सेक्टर में आ रही मंदी से इस सेक्टर को उबारने के लिए मोदी सरकार कई बड़े प्रयास कर रही है. इसी के मद्देनज़र सरकार ने दो बड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने गाड़ियों की खरीद पर रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने का फैसला अभी के लिए टाल दिया है. साथ ही सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए कोई टाइम लाइन शुरू करने के फैसले को अभी ठंडे बस्ते में डाल दिया है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार के इन दोनों फैसलों से ऑटो कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी. आपको बता दें कि ऑटो सेल्स की थोक बिक्री में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है. यह पिछले 18 साल की सबसे ज्यादा गिरावट है.
मार्च 2020 तक नहीं होगी रजिस्ट्रेशन चार्जेज़ में बढ़ोतरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 3-4 महीनों तक सरकार रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी नहीं करेगी. आपको बता दें कि सरकार ने ई-व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों पर रजिस्ट्रेशन फीस 10 से 20 गुना बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था.
वन टाइम रजिस्ट्रेशन चार्जेज़ में की गई बढ़ोतरी मार्च 2020 तक टाली जा सकती है. पेट्रोल डीजल वाली नई कारों की रजिस्ट्रेशन फीस 600 से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का प्रस्ताव था. पेट्रोल डीज़ल वाली पुरानी कारों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूवल चार्ज बढ़ाकर 15000 रुपये करने का प्रस्ताव था.
तीन महीने में करीब दो लाख लोगों की नौकरी गई
सरकार के इन प्रस्तावों पर ऑटो इंडस्ट्री ने अपना ऐतराज दर्ज कराया था. क्योंकि इन प्रस्तावों का असर ऑटो सेक्टर की सेल्स पर भी पड़ा था. गौरतलब है कि कारों की बिक्री में लगातार जारी गिरावट से ऑटो सेक्टर की हालत ढ़ीली होती जा रही है और इसके साथ ही छंटनी का दौर शुरू हो चुका है. पिछले तीन महीने में ऑटो इंडस्ट्री से करीब दो लाख लोगों को नौकरियों से निकाला जा चुका है.
100 एमबीपीएस स्पीड के साथ जियो फाइबर 5 सितंबर को लॉन्च होगा, अगले साल से जियो पर फर्स्ट डे-फर्स्ट शो
12 August 2019
मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की 42वीं एजीएम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को ब्रॉडबैंड सर्विस जियो गीगा फाइबर कमर्शियली लॉन्च होगी। इसकका बेस प्लान 100 एमबीपीएस स्पीड के साथ मिलेगा। 700 रुपए से 10,000 रुपए तक के अलग-अलग प्लान में अधिकतम 1जीबीपीएस तक की स्पीड मिलेगी। जियो फाइबर फिक्स्ड लाइन फोन से देशभर में वॉइस कॉलिंग फ्री होगी। अगले साल से जियो पर फर्स्ट डे-फर्स्ट शो मूवीज प्लान भी लॉन्च होगा।
अंबानी ने बताया कि रिलायंस ने बीते वित्त वर्ष में 67,320 करोड़ रुपए जीएसटी और 12,191 करोड़ रुपए इनकम टैक्स चुकाया। हम देश के सबसे बड़े टैक्सपेयर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास और वहां के लोगों की जरूरतों के लिए प्रतिबद्ध हैं। रिलायंस जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकासात्मक गतिविधियों के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाएगी।
‘5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं’
1. मुकेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है, यह हासिल किया जा सकता है। कुछ सेक्टर में स्लोडाउन अस्थायी है।
2. ‘‘ऑयल और केमिकल बिजनेस के जरिए जीवन स्तर में सुधार की क्षमता रखते हैं। पेट्रोलियम रिटेलिंग बिजनेस में बीपी के साथ जॉइंट वेंचर किया है।’’
3. ‘‘रिलायंस में सऊदी अरामको 75 अरब डॉलर का निवेश करेगी। यह रिलायंस के इतिहास में सबसे बड़े विदेशी निवेश के साथ देश में भी सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा।’’
4. ‘‘रिलायंस पर पिछले साल के आखिर तक साल 1 लाख 54 हजार 478 करोड़ रुपए का कर्ज था। अगले 18 महीने में पूरी तरह कर्ज मुक्त कंपनी बनाने का लक्ष्य है।’’
‘जियो हर महीने एक करोड़ ग्राहक जोड़ रही’
1. मुकेश के मुताबिक- रिलायंस रिटेल देश की दूसरी बड़ी रिटेलर कंपनी से चार गुना बड़ी है। हमें उम्मीद है कि 2030 तक भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला देश होगा।
2. ‘‘इस साल 5 सितंबर को जियो के 3 साल पूरे हो रहे हैं। कंपनी को शुरू करने का विजन डिजिटिल लाइफ कनेक्टिविटी था। जियो ने भारत को डेटा शाइनिंग ब्राइट बनाया।’’
3. ‘‘जियो हर महीने एक करोड़ ग्राहक जोड़ रही है। यह न सिर्फ देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर है, बल्कि दुनिया की दूसरी बड़ी ऑपरेटर भी है।’’
4. ‘‘जियो के जरिए रेवेन्यू के 4 नए ग्रोथ इंजन- इंटरनेट ऑफ थिंग्स, होम ब्रॉडबैंड सर्विस, एंटरप्राइजेज सर्विस और ब्रॉडबैंड फॉर स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस पर फोकस करेंगे।’’
5. ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स प्लेटफॉर्म 1 जनवरी 2020 से उपलब्ध होगा। जियो गीगा फाइबर नेटवर्क को अगले 12 महीने में पूरा करने की उम्मीद है।’’
6. ‘‘जियो गीगा फाइबर ट्रायल वाले ग्राहक हर महीने 100 जीबी कंज्यूम कर रहे हैं।’’
7. ‘‘इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऑप्टिक फाइबर में जियो ने अब तक 3.5 लाख करोड़ रुपए निवेश किए।’’
‘जियो गीगाफाइबर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकते हैं’
मुकेश के बेटे आकाश अंबानी ने कहा कि 10 करोड़ यूजर हर महीने जियो के जरिए वीडियो कॉलिंग करते हैं। जियो गीगाफाइबर के जरिए ग्राहक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कर सकते हैं। जियो फाइबर प्लान 700 से 10,000 रुपए प्रति महीने में उपलब्ध होगा।
‘जियो गीगाफाइबर अपने तरह की पहली होम वीडियो कॉलिंग सर्विस है।’ केबल टीवी के लिए जियो सेट टॉप बॉक्स लॉन्च किया गया।
मुकेश की बेटी ईशा अंबानी ने कहा, ‘‘इसमें गेमिंग और ग्राफिक्स की क्षमता दुनिया में सबसे अच्छी है।’’
15 हजार इंजीनियरों की भर्ती करेंगे
जियो में अभी 6 हजार इंजीनियर काम कर रहे हैं। 15 हजार इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी। अगले 12 महीने में जियो भारत में दुनिया की सबसे बड़ी ब्लॉक चेन नेटवर्क 1000 नोड्स पर स्थापित करेगी। ये पेमेंट गेटवे के लिए होगी। माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर वर्ल्ड क्लास डेटा सेंटर स्थापित करेंगे।
स्टार्टअप के लिए क्लाउड सर्विस का खर्च फ्री रहेगा। यह सर्विस 1 जनवरी 2020 से उपलब्ध होगी।
माइक्रो, स्मॉल और मीडियम बिजनेस कनेक्टिविटी, प्रोडक्टिविटी और ऑटोमेशन सर्विसेज के लिए अभी 15,000 से 20,000 रुपए दे रहे हैं। इन सर्विसेज के लिए हमारा प्लान 1,500 रुपए प्रति महीने से शुरू होगा।
माइक्रो, स्मॉल और मीडियम बिजनेस कनेक्टिविटी, प्रोडक्टिविटी और ऑटोमेशन सर्विसेज के लिए अभी 15,000 से 20,000 रुपए दे रहे हैं। इन सर्विसेज के लिए हमारा प्लान 1,500 रुपए प्रति महीने से शुरू होगा।
जियो फाइबर ग्राहकों को फॉरएवर एनुअल प्लान के साथ एचडी/4के एलईडी टीवी और सेट टॉप बॉक्स फ्री मिलेगा।
जियो पोस्ट पेड प्लस सर्विस का ऐलान
यह देश का पहला प्रायोरिटी सिम सेटअप होगा। अंतरराष्ट्रीय रोमिंग की दरें काफी कम रहेंगी। फर्स्ट डे फर्स्ट शो मूवीज योजना 2020 में लॉन्च की जाएगी।
क्या है जियो गीगाफाइबर ?
इसके तहत देशभर के छोटे-बड़े 1100 शहरों को जोड़ा जाएगा। इस ब्रॉडबैंड सर्विस के तहत राउटर, सेट टॉप बॉक्स और स्मार्ट होम सॉल्यूशंस की फैसिलिटी मिलेगी। ब्रॉडबैंड सर्विस इंस्टॉल करने में सिर्फ एक घंटे का समय लगेगा। इससे घर पूरी तरह हाईटेक और स्मार्ट बन जाएगा। इसकी मदद से ग्राहक पूरे घर को कंट्रोल कर सकेंगे। जियो गीगा टीवी के जरिए ग्राहक वीडियो कॉलिंग भी कर सकेंगे। कंपनी के दावों के मुताबिक, इस पर दुनिया का बेस्ट एजुकेशनल कंटेंट मिलेगा। बच्चे टीचर की मदद के बिना भी पढ़ सकेंगे। इसके जरिए डॉक्टर दूर बैठकर मरीजों का इलाज कर सकेंगे।
पिछली 3 एजीएम में क्या ऐलान हुए ?
2018
2,999 रुपए में जियो फोन-2
जियो मॉनसून एक्सचेंज ऑफर- किसी भी फीचर फोन के बदले 501 रुपए में नया जियो फोन
फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सर्विस जियो गीगाफाइबर
2017
1,500 रुपए (रिफंडेबल) में जियो फोन
2016
टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो का ऐलान
2,999 रुपए में 4जी डिवाइस, सस्ता डेटा प्लान, 4जी कनेक्शन, जियो टू जियो फ्री वॉइस कॉल
इंटरनेट ऑफ थिंग्स प्लेटफॉर्म का कमर्शियल लॉन्च अगले साल 1 जनवरी को होगा
12 August 2019
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की 42वीं एजीएम में सोमवार को कहा कि जियो के इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) प्लेटफॉर्म का कमर्शियल लॉन्च 1 जनवरी 2020 को होगा। आईओटी फिजिकल डिवाइस और रोजाना इस्तेमाल की वस्तुओं के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार है। इसका उद्देश्य एक अरब डिवाइसेज को जोड़ना है। इससे सालाना 20 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है।
4जी नेटवर्क में अब तक 3.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया :
1. रेवेन्यू जुटाने के लिए अब चार नए ग्रोथ इंजन- इंटरनेट ऑफ थिंग्स, होम ब्रॉडबैंड सर्विसेज, एंटरप्राइजेज ब्रॉडबैंड सर्विसेज और ब्रॉडबैंड फॉर स्मॉल-मीडियम एंटरप्राइजेज तैयार हैं। इसी वित्त वर्ष में इनसे रेवेन्यू मिलना शुरू हो जाएगा।
2. अंबानी ने कहा कि जियो का निवेश चक्र पूरा हो चुका। हाई-स्पीड 4जी नेटवर्क में अब तक 3.5 लाख करोड़ रुपए निवेश किए जा चुके हैं। जियो ना सिर्फ देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी है बल्कि दुनिया की दूसरी बड़ी ऑपरेटर भी है।
3. मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो से पहले देश डेटा डार्क था। जियो ने इसे डेटा शाइनिंग ब्राइट बनाया। तीन साल से भी कम समय में जियो के ग्राहकों की संख्या 34 करोड़ पहुंच गई।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की शापूर पलोनजी समूह के श्री मिस्त्री से चर्चा
8 August 2019
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मुंबई में शापूर पलोनजी समूह के श्री साइरस मिस्त्री के साथ स्मार्ट सिटी के विकास, नये अस्पताल, वित्तीय अधोसंरचना परियोजनाओं और शहरी परियोजनाओं में विदेशी पूंजी निवेश के संबंध में चर्चा की।
बैठक में नगरीय विकास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह, पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती और रेरा के अध्यक्ष श्री अंटोनी डिसा उपस्थित थे।
कईं दिनों बाद शेयर बाजार में आई तेजी, सेंसेक्स 277 अंक चढ़कर हुआ बंद
6 August 2019
मुंबई। कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी नजर आई है। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की चिंता से दुनिया के बाजारों में आई गिरावट और कश्मीर को लेकर सहमा शेयर बाजार सोमवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था।
हालांकि, आज सुबह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 170 अंकों की तेजी के साथ खुला और कुछ ही मिनटों में 200 अंकों की बढ़त के साथ 36,905 के स्तर पर कारोबार करने लगा।
दिनभर के कारोबार के बाद अंत में सेंसेक्स जहां 277 अंकों की बढ़त के साथ 36,976 के स्तर पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 85 अंक चढ़कर 10,948 के स्तर पर बंद हुआ है।
इससे पहले सोमवार को देश में तनाव बढ़ने के कारण सोमवार को सेंसेक्स में 675 अंक तक गिरावट दर्ज की गई। हालांकि यह बेंचमार्क इंडेक्स अंततः 418.38 अंक गिरकर 36,699.84 पर और निफ्टी 134.75 अंकों की गिरावट के साथ 10,862.60 पर बंद हुआ।
5जी स्पेक्ट्रम का बेस प्राइस कम रखे सरकार, CII ने किया अनुरोध
6 August 2019
नई दिल्ली। उद्योग जगत की संस्था CII ने सरकार से 5जी स्पेक्ट्रम का बेस प्राइस कम रखने का अनुरोध किया है। CII का कहना है कि इस तरह की रेडियोवेव का बेस प्राइस ऊंचा रखने से दूरसंचार क्षेत्र का तेज विकास बाधित हो सकता है और जनता दूरसंचार सेवाओं से दूरी बना सकती है। भारतीय उद्योग परिसंघ ने सरकार को आगाह किया है कि चूंकि इस वक्त दूरसंचार कंपनियों का प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू, उद्योग की भाषा में आरपू) कम है। लिहाजा 5जी स्पेक्ट्रम के लिए होने वाली आगामी नीलामी में भारतीय दूरसंचार कंपनियों की भागीदारी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।
ज्ञापन में CII ने कहा कि है कि भारतीय दूरसंचार क्षेत्र ने बढ़त की रफ्तार के कारण वैश्विक मान्यता हासिल कर ली है। भारत में दरें कम होने के कारण दूरसंचार सेवाओं की पहुंच गरीबों तथा सुदूरवर्ती इलाकों तक हो गई है। स्पेक्ट्रम के ऊंचे बेस प्राइस से इस बढ़त पर लगाम लग जाएगी।
CII ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया
मूल्य तय करने का आधार उपयुक्त नहीं CII ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि स्पेक्ट्रम के मूल्य तय करने का मौजूदा मॉडल (जिसमें कीमत का निर्धारण प्रति व्यक्ति, प्रति मेगा हर्ट्ज के हिसाब से डालर में किया जाता है) भारतीय बाजार के लिए अनुपयुक्त है।
राजस्व नहीं प्राप्त होता
CII का कहना है कि भारत में जनसंख्या के अनुपात में राजस्व नहीं प्राप्त होता। नतीजतन मोबाइल आपरेटरों को अपेक्षाकृत कम नकदी आय हासिल होती है। टेलीकॉम जगत के नियामक ट्राई ने वैसे भी रिजर्व कीमत निर्धारित करने के लिए नीलामी मूल्यों को बढ़ाने का दृष्टिकोण इससे पहले कभी नहीं अपनाया है।
देवाशीष चटर्जी माइंडट्री के नए सीईओ-एमडी नियुक्त, इससे पहले कॉग्निजेंट में प्रेसिडेंट थे
2 August 2019
नई दिल्ली. आईटी कंपनी माइंडट्री ने देवाशीष चटर्जी को नया सीईओ और एमडी नियुक्त किया है। चटर्जी इससे पहले अमेरिकी आईटी कंपनी कॉग्निजेंट में प्रेसिडेंट (ग्लोबल डिलीवरी) थे। 5 जुलाई को रोस्तो रावणन के इस्तीफे के बाद सीईओ का पद खाली हुआ था। रावणन लार्सन एंड टूब्रो द्वारा माइंडट्री का अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ थे।
नियुक्ति शुक्रवार से प्रभावी
1. माइंडट्री ने लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के सीईओ और एमडी एस एन सुब्रमणयन को नॉन-एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन बनाया है। कंपनी ने बताया कि दोनों नियुक्तियां शुक्रवार से प्रभावी हो गई हैं।
2. लार्सन एंड टूब्रो ने इसी साल माइंडट्री का टेकओवर किया है। 16 जुलाई को वह माइंडट्री की प्रमोटर कंपनी बन गई। यह देश की आईटी इंडस्ट्री में पहला होस्टाइल टेकओवर था। होस्टाइल इसलिए क्योंकि, एलएंडटी ने कंपनी से डील की बजाय सीधे शेयरधारकों और ओपन मार्केट से हिस्सेदारी खरीदी थी।
3. एलएंडटी ने मार्च में कॉफी डे एंटरप्राइजेज के दिवंगत चेयरमैन वीजी सिद्धार्थ से माइंडट्री के 20.32% शेयर 3,000 करोड़ रुपए में खरीदे थे। बाद में ओपन मार्केट से अतिरिक्त शेयर खरीदकर अपनी हिस्सेदारी 60% कर ली थी। पिछले महीने एलएंडटी के तीन अधिकारी- सुब्रमणयन, जयंत दामोदर और राममूर्ति शंकर रमण माइंडट्री के बोर्ड में शामिल किए गए थे।
सेंसेक्स 100 अंक की बढ़त के साथ 37118 पर, निफ्टी 17 प्वाइंट ऊपर 10997 पर बंद
2 August 2019
मुंबई. दिनभर उतार-चढ़ाव के बाद शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स ने 99.90 अंक ऊपर 37,118.22 पर कारोबार खत्म किया। इंट्रा-डे में 36,607.41 का निचला और 37,375.16 का उच्च स्तर छुआ था। निफ्टी ने 17.35 प्वाइंट ऊपर 10,997.35 पर कारोबार खत्म किया। कारोबार के दौरान 11,080.15 का ऊपरी और 10,848.95 का निचला स्तर छुआ था।
कारोबारियों के मुताबिक अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर तेज होने की आशंका से बाजार में गिरावट आई थी। लेकिन, निचले स्तरों से खरीदारी लौटी। इसलिए, बाजार फायदे में रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि चीन के 300 अरब डॉलर के अतिरिक्त इंपोर्ट पर 1 सितंबर से 10% टैरिफ लगाएंगे।
सेंसेक्स के 30 में से 17 और निफ्टी के 50 में से 25 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। एनएसई पर 11 में से 5 सेक्टर इंडेक्स फायदे में रहे। ऑटो इंडेक्स में सबसे ज्यादा 1.13% तेजी आई। दूसरी ओर मेटल इंडेक्स सबसे ज्यादा 1.9% गिरावट में रहा।
ऑटो सेक्टर की मंदी से मारुति सुजुकी का बुरा हाल, पहली तिमाही में 27.3 फीसदी घटा मुनाफा
26 July 2019
नई दिल्ली। देश के यात्री कार बाजार में अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड पर वाहन उद्योग में छाई मंदी का असर पड़ा है। कंपनी के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के परिणामों में एकल खरा मुनाफा पिछले साल की इसी अवधि के 2015 करोड़ रुपए की तुलना में 31.67 प्रतिशत की भारी गिरावट से 1376.80 करोड़ रुपए रह गया।
कंपनी की आय घटकर 19,720 करोड़ रुपये रह गया
वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में मारुति सुजुकी का मुनाफा 27.3 फीसदी घटकर 1,435.5 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में मारुति सुजुकी का मुनाफा 1,975.3 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में मारुति सुजुकी की आय 12.2 फीसदी घटकर 19,720 करोड़ रुपये रही है। वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में मारुति सुजुकी की आय 22,459 करोड़ रुपये रही थी। सालाना आधार पर पहली तिमाही में मारुति सुजुकी का एबिटडा 3,351 करोड़ रुपये से घटकर 2,048 करोड़ रुपये और एबिटडा मार्जिन 14.9 फीसदी से घटकर 10.4 करोड़ रुपये रहा है।
कंपनी में शेयर बाजार को दी जानकारी में क्या कहा
तिमाही परिणामों की शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कंपनी ने कहा है कि तिमाही के दौरान बिक्री से होने वाली आय 14 प्रतिशत गिरी और 18378.8 करोड़ रुपए रह गई। कंपनी के वाहनों की बिक्री समाप्त तिमाही में पिछले साल की तुलना में 17.9 प्रतिशत घटकर कुल चार लाख दो हजार 594 रह गई। घरेलू बाजार में बिक्री 19.3 प्रतिशत घटकर तीन लाख 74 हजार 481 वाहन रह गई । निर्यात 28 हजार 113 वाहनों का हुआ।
बाबा रामदेव की हुई 'रुचि', रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए एनसीएलटी ने दी मंजूरी
26 July 2019
नई दिल्ली। लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार NCLT ने गुरुवार को रुचि सोया को 4,350 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने के लिए बाबा रामदेव की पंतजलि आयुर्वेद को हरी झंडी दे दी। रुचि सोया का लेंडर्स पर 9,345 करोड़ रुपये और क्रेडिटर्स के प्रति 2,800 करोड़ रुपये का कर्ज है।
इस डील की खास बात यह रही कि स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और सिंगापुर की उधारकर्ता DBS ने पतंजिल आयुर्वेद पर लो बिडिंग (कम पैसे में नीलामी) का आरोप लगाते हुये एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था। इन दोनों उधारकर्ताओं ने चिंता जाहिर की थी कि लो बिडिंग की वजह से उन्हें उनकी पूरी रकम नहीं मिल सकेगी। हालांकि, इस मामले के बावजूद भी अब एनसीएलटी ने पतंजलि आयुर्वेद को हरी झंडी दे दी है।
किन बैंकों पर कितना है रुचि सोया का कर्ज
गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के प्रति रुचि सोया की 9,345 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें एसबीआई द्वारा 1,800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 816 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 743 करोड़ रुपये, स्टैंडर्ड चार्टर्ड द्वारा 608 करोड़ रुपये, डीबीएस द्वारा 243 करोड़ रुपये का कर्ज है। इस प्रकार यह रिजॉल्युशन लेंडर्स के प्रति करीब 60 फीसदी के हेयरकट के बाद पूरा हुआ है।
क्य है एनसीएलटी की शर्त
हालांकि, एनसीएलटी का कहना है कि यह मंजूरी इस बात पर निर्भर करेगी कि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को सुनवाई की अगली तारीख एक अगस्त से पहले 600 करोड़ रुपये के रकम के सही स्रोत के बारे में सूचना देनी होगी। यह रकम भी बिड अमाउंट का हिस्सा है। ट्रिब्यूनल ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल से सुनवाई की अगली तारीख से पहले कॉरपोरेट दिवाला निपटान प्रक्रिया की पूरी वास्तविक लागत का ब्योरा देने को भी कहा है।
Airtel को पछाड़ कर अंबानी की Jio बनी देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी
19 July 2019
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने मई महीने में भारती एयरटेल को पछाड़कर देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी का तमगा हासिल कर लिया है। वोडाफोन-आइडिया अब भी पहले नंबर पर है। भारतीय टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार मई महीने में जियो के ग्राहकों की संख्या 32.29 करोड़ तथा बाजार हिस्सेदारी 27.80 फीसदी पहुंच गई।
2016 में जियो ने शुरु किया परिचालन
जियो ने सितंबर 2016 में परिचालन की शुरुआत की और सस्ती दरों के दम पर बेहद प्रतिस्पर्धी दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से बढ़त हासिल की। एयरटेल ने बहुत पहले 1995 में ही परिचालन की शुरुआत की थी। ऐसे में एयरटेल को जियो के द्वारा पछाड़ा जाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
ट्राई ने दी जानकारी
ट्राई के हालिया आंकड़ों के अनुसार, वोडाफोन आइडिया 39.75 करोड़ ग्राहक और 33.36 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर है। इसके बाद जियो का स्थान है। एयरटेल 32.03 करोड़ ग्राहक और 27.58 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है।
जियो ने मई में 81.80 लाख ग्राहक जोड़े
मई महीने के दौरान जियो ने 81.80 लाख नए ग्राहक जोड़े। इस दौरान वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के क्रमश: 56.97 लाख करोड़ और 15.08 लाख करोड़ ग्राहक कम हुए। इससे पहले अप्रैल महीने में वोडाफोन आइडिया पहले स्थान पर थी। अप्रैल में एयरटेल दूसरे स्थान पर तथा जियो तीसरे स्थान पर थी।
अप्रैल महीने में वोडाफोन आइडिया रही टॉप पर
अप्रैल महीने में वोडाफोन आइडिया पहले स्थान पर थी। अप्रैल में एयरटेल दूसरे स्थान पर तथा जियो तीसरे स्थान पर थी। यहां तक की आर्थिक संकट से जूझ रही भारत संचार निगल लिमिटेड (BSNL) ने मई के महीने में 2,125 नए वायरलेस सब्सक्राइबर्स जोड़े। वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल जैसी दिग्गज कंपनियों ने अच्छे एवरेज रेवेन्यू पर यूजर ( ARPUs) पाने के लिए और आर्थिक स्थिती सुधारने के लिए मिनिमम रिचार्ज स्कीम लॉन्च की थी।
Facebook और Google जैसी कंपनियों पर लगेगा टैक्स, G-7 देश ने दी मंजूरी
19 July 2019
नई दिल्ली। फ्रांस में विकसित देशों के समूह जी-7 वित्त मंत्रियों की बैठक में फेसबुक ( Facebook ) और गूगल ( Google ) जैसी डिजिटल कंपनियों के लिये कर लगाने की योजना पर सहमति जतायी है। इसके तहत ऐसी कंपनियों पर न्यूनतम कर लगाया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में बड़ी-बड़ी कंपनियों पर बी टैक्स ( Tax ) लगना चहिए। देश में फेसबुक और गूगल जैसी करोड़ों की कमाई करने वाली कंपनियों पर टैक्स लगने की दर को भी निर्धारित कर देना चाहिए।
जोखिम में है फेसबुक की क्रिप्टोकरंसी
आपको बता दें कि G-7 मंत्रियों में इस बात पर सहमति बनी हुई है कि फेसबुक की लिब्रा जैसी क्रिप्टोकरेंसी से अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था को जोखिम है। फ्रांस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ‘‘मंत्रियों ने प्रभावी टैक्सेशन पर सहमति जताई है…यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कंपनियों पर जो वाजिब कर बनता है, उसका वे भुगतान करें.’’ फ्रांस G-7 का अभी अध्यक्ष है।
अधिकारियों ने दिया बयान
इसके साथ ही जानकारों ने इस बारे में बयान देते हुए कहा, ‘‘मंत्रियों ने कारोबार के नये मॉडल के लिए नए नियम तैयार करने पर भी सहमति व्यक्त की। इसमे कंपनियों को भौतिक रूप से अपनी मौजूदगी के बिना कारोबार की अनुमति देना शामिल है।’’ फ्रांस के एक अधिकारी ने कहा कि टैक्स की दर के बारे में निर्णय बाद में किया जाएगा।
गूगल, एपल और फेसबुक पर पड़ेगा असर
सूत्रों के अनुसार समूह की गुरुवार को सुबह चली कई घंटों की बातचीत के बाद इस मामले में आम-सहमति बनी। फ्रांस और अमेरिका के बीच पिछले कुछ सप्ताह से जारी विवाद के बाद यह सहमति बनी है। उल्लेखनीय है कि फ्रांस की संसद इस महीने एक नया नियम पारित किया। इसके तहत डिजिटल कंपनियों की देश के भीतर होने वाली आय पर कर लगाने की बात कही गयी है। भले ही उनका यूरोपीय मुख्यालय कहीं और क्यों नहीं हो। इस कदम से अमेरिकी की गूगल, एपल, फेसबुक और अमेजन पर असर पड़ेगा।
जी-7 के सभी सदस्य ने जताई चिंता
फ्रांस के इस कदम से नाराज अमेरिका ने फ्रांस के खिलाफ अप्रत्याशित जांच की घोषणा की। इससे शुल्क लगाया जा सकता है। साथ ही जी-7 मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जतायी कि फेसबुक की लिब्रा जैसी क्रिप्टोकरेंसी से अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली को जोखिम है और वे इसे क्रियान्वित करने को सहमत नहीं हैं। फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रुनो ली मायरे ने संवाददाताओं से कहा कि जी-7 के सभी सदस्य देशों ने लिब्रा जैसी परियोजनाओं को लेकर गंभीर चिंता जतायी।
काॅम्पिस्ट (COMPIST) के अध्यक्ष गोविंद गोयल कमिष्नर, भोपाल संभाग श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव से मिले
17 July 2019
आज काॅम्पिस्ट (COMPIST) के अध्यक्ष श्री गोविंद गोयल जी एवं महासचिव श्री संजय बूलचंदानी जी के नेतुत्व में विदिषाा किराना व्यापारी संध के अध्यक्ष श्री सुरेष मोतियानी, श्री प्रकाष वलेचा (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), मुलायमचंद जैन, निकुंज अग्रवाल, रूपेष कामरानी सहित व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल कमिष्नर, भोपाल संभाग श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव से मिला, जिसमें भारत सरकार के दिये गये आदेष का एक निजी संस्था एनजीओ आजाद एग्रो इंटरप्राइजेज मनमाने ढंग से प्रषिक्षण के नाम पर उपयोग कर छोटे व्यापारियों को परेषाान कर रही है। इस प्रकार की हरकत पूरे म.प्र. में की जा रही है, कमिष्नर महोदया ने पूरे पत्र पर चर्चा की एवं छोटे व्यापारियों को प्रषिक्षण के नाम पर गैर कानूनी रूप से परेषान नहीं किया जावेगा ऐसा आष्वासन दिया गया।
पूर्व में व्यापारियों द्वारा विदिषा में तथाकथित एनजीओ के द्वारा व्यापारियों से प्रषिक्षण के नाम पर की जा रही अवैध वसूली पर विदिषा के किराना व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद भी रखी और कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया उसके बावजूद संस्था आजाद एग्रो इंटरप्राइजेज मनमाने ढंग कार्य कर रहीं है।
इस पत्र के साथ कमिष्नर महोदया को दिये गये पत्र कि प्रतिलिपि संलग्न है जिसमें स्पष्ट है कि प्रषिक्षण के नाम पर 2000/- रूपये केवल खाद्य निर्माताओं से लिये जा सकते है जो कि टेªडर्स से नहीं लिये जा सकता है बावजूद इसके यह संस्था यह कृत्य अनाधिकृत करने की कुचेष्टा लगातार कर रहीं है !
सेंसेक्स 234 अंक चढ़कर 39131 पर, निफ्टी 74 प्वाइंट ऊपर 11663 पर बंद, यस बैंक के शेयर में 14% उछाल
16 July 2019
मुंबई. शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन फायदे में रहा। सेंसेक्स 234.33 अंक की बढ़त के साथ 39,131.04 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान 277 प्वाइंट चढ़कर 39,173.89 तक पहुंचा था। निफ्टी की क्लोजिंग 74 अंक ऊपर 11,662.60 पर हुई। इंट्रा-डे में 82 प्वाइंट की बढ़त के साथ 11,670.05 तक पहुंचा था।
सेंसेक्स के 30 में से 21 और निफ्टी के 50 में से 38 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई पर यस बैंक का शेयर 14% की तेजी के साथ 106.25 रुपए पर बंद हुआ। प्राइवेट इक्विटी फर्म द्वारा यस बैंक में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की दिलचस्पी की रिपोर्ट से शेयर में खरीदारी बढ़ी। बैंक बुधवार को अप्रैल-जून तिमाही के वित्तीय नतीजे भी घोषित करेगा।
अच्छी सड़कें चाहिए तो टोल चुकाना पड़ेगा, यह जिंदगी भर बंद नहीं होगा: नितिन गडकरी
16 July 2019
नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि जनता को अच्छी सड़कें चाहिए तो टोल चुकाना पड़ेगा। गडकरी ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि टोल जिंदगी भर बंद नहीं हो सकता। कम ज्यादा हो सकता है। टोल का जन्मदाता मैं हूं। अगर आपको अच्छी सेवाएं चाहिए तो कीमत चुकानी पड़ेगी। सरकार के पास पर्याप्त फंड नहीं है।
टोल की रकम से ग्रामीण इलाकों में सड़कें बना रहे: गडकरी
- 1. गडकरी अपने मंत्रालय के लिए अनुदान की मांग पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में सरकार ने 40 हजार किलोमीटर हाइवे का निर्माण किया। कुछ सदस्यों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में टोल से जुटाई रकम पर चिंता जताई थी। गडकरी ने कहा कि उन इलाकों में टोल लिया गया जहां लोगों की देने की क्षमता है। इस राशि का इस्तेमाल ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में सड़कें बनाने के लिए किया जा रहा है।
- 2. गडकरी ने यह भी बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय दिल्ली से मुंबई के बीच ग्रीन एक्सप्रेस-वे की योजना पर काम कर रहा है। इसके जरिए दिल्ली से मुंबई की दूरी 12 घंटे में तय करना संभव हो पाएगा। यह राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के अति पिछड़े और आदिवासी इलाकों से होकर गुजरेगा। इससे जमीन अधिग्रहण के 16 हजार करोड़ रुपए भी बचेंगे।
- 3. सड़क निर्माण में जमीन अधिग्रहण को प्रमुख समस्या बताते हुए गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारों को इसका समाधान तलाशना चाहिए। 80% तक जमीन अधिग्रहण के बिना हम प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ाते। इस सिद्धांत का सख्ती से पालन किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल और बिहार में अधिग्रहण की रफ्तार बहुत धीमी है।
- 4. गडकरी का कहना है कि जब 2014 में उन्होंने मंत्रालय संभाला था तब 3.85 लाख करोड़ के 403 प्रोजेक्ट बंद पड़े थे। मोदी सरकार ने इन पर काम शुरू कर बैंकों के 3 लाख करोड़ रुपए के के एनपीए बचाए। अब 90% प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
आयकर दिवस पर ईमानदार करदाताओं को सम्मानित करेगा आयकर विभाग
12 July 2019
आयकर विभाग (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) ने वित्त वर्ष 2018-19 में 23,334 करोड़ रुपये का आयकर संग्रहण किया था, जो पिछले वित्त वर्ष से लगभग 13.4 प्रतिशत अधिक था। इस वित्त वर्ष में आयकर विभाग (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) को 28,967 करोड़ रुपये आयकर संग्रहण का लक्ष्य मिला है। यह बात प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़), आयकर विभाग, भारत सरकार श्री अजय कुमार चौहान ने भोपाल में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ईमानदार करदाताओं को सम्मानित करने जा रहा है। 24 जुलाई को आयकर दिवस के अवसर पर ऐसे करदाताओं को सम्मानित किया जाएगा। श्री चौहान ने कहा कि पहली बार कर चुकाने वाले करदाताओं को भी इस साल आयकर दिवस पर सम्मान दिया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि पिछले साल (2018-19) में 6,85,651 नए करदाताओं को विभाग के साथ जोड़ने का लक्ष्य मिला था और विभाग ने 7,06,487 नए करदाता जोड़े जो लक्ष्य से लगभग 3 प्रतिशत अधिक था। इस साल 2019-20 में 7,05,637 नए करदाता जोड़ने का लक्ष्य आयकर विभाग (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) को मिला है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग अपने आउटरीच कार्यक्रमों के तहत अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है और लोगों को ईमानदारी से टैक्स भरने के लिए प्रेरित कर रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि 24 जुलाई 2019 को मनाए जाने वाले आयकर दिवस के 159वीं वर्ष गांठ के उपलक्ष्य में 10 जुलाई से 24 जुलाई तक आयकर पखवाड़े का आयोजन किया गया है। इसके तहत शुक्रवार को आयकर भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस पखवाड़े में राज्य के सभी जिलों में निशुल्क मेडिकल चेकअप का आयोजन किया जाएगा। पौधरोपण कार्यक्रम का भी आयोजन हो रहा है। करदाताओं से जुड़ने के लिए आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है।
बजट के बाद शेयर बाजार में मायूसी जारी, आज भी अब तक 600 अंक टूटा सेंसेक्स
8 July 2019
मुंबई। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के बाद 5 जुलाई(शुक्रवार) को शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई थी, जो आज बाजार खुलने के बाद भी जारी रही। बजट के बाद बाजार में डर की वजह से बिकवाली का दौर जारी है। इसके चलते सेंसेक्स में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। आज दोपहर तक भी सेंसेक्स में गिरावट नजर आई है।
सुबह 11.50 बजे तक BSE सेंसेक्स में 597 अंकों की गिरावट वहीं निफ्टी में 191 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सभी सेक्टरों गिरावट नजर आई और ये रेड जोन में रहे। बैंकिंग सेक्टर में भी बड़ी गिरावट आई। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 72.75 रुपए प्रति शेयर की कमी के साथ 11 फीसदी की गिरावट सामने आई है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(एसबीआई) के शेयरों में में चार फीसदी की कमी आई है।
बता दें कि बीते शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया गया था। इसके बाद से ही ऑटो सेक्टर, फाइनेंस सेक्टर सहित अन्य सेक्टर्स के शेयरों में गिरावट आ रही है।
न्यूज प्रिंट पर सरकार ने लगाई 10 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी
8 July 2019
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में समाचार पत्र और पत्रिकाएं महंगे हो सकते हैं। बजट में सरकार ने अखबार और पत्रिकाओं की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज पर भारी भरकम 10 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगा दी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2019-20 पेश किया। इसके तहत न्यूज प्रिंट, अखबार की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले अनकोटेड पेपर और पत्रिकाओं की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले पेपर पर 10 % आयात शुल्क लगा दिया है।
इन उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी शून्य थी। न्यूज प्रिंट के दाम बढ़ने से पहले ही समाचार पत्र-पत्रिकाएं परेशान थे।
सरकार ने उस समय विज्ञापन के रेट बढ़ाकर राहत भी दी थी। ऐसे में अब न्यूज प्रिंट पर कस्टम ड्यूटी लगने से समाचार पत्र-पत्रिकाओं की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
सेंसेक्स में 427 अंक की गिरावट, 39500 के नीचे आया; निफ्टी 133 अंक गिरा
5 July 2019
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण खत्म होने के बाद शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 426.48 अंक गिरकर 39,481.58 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी में भी 133.25 अंक की गिरावट आई और यह 11,813.50 के स्तर पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 39,441.39 और निफ्टी ने 11,798.65 के निचले स्तर को छुआ। इससे पहले बजट भाषण के दौरान भी बाजार में उतार-चढ़ाव चल रहा था।
बजट पेश होने से पहले सेंसेक्स 124.35 अंक बढ़कर 40 हजार के पार पहुंच गया। कारोबार के दौरान इसने अभी तक 40,032.41 का उच्च स्तर छुआ। वहीं, निफ्टी में भी 35 अंक की बढ़त हुई। निफ्टी ने कारोबार के दौरान 11,981.75 का उच्च स्तर छुआ था।
यस बैंक का शेयर 5% से ज्यादा गिरा
कारोबार के दौरान सेंसेक्स के 30 में से 25 और निफ्टी के 50 में से 42 शेयर नुकसान में रहे। सेंसेक्स में यस बैंक का शेयर 5.14% गिर गया। इसके अलावा ओएनजीसी, टीसीएस, एनटीपीसी और वेदांता लिमिटेड के शेयरों में भी 3% तक की गिरावट आई। इंडसइंड बैंक का शेयर सबसे ज्यादा 1.45% तक बढ़ा। जबकि, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनीलिवर, एसबीआई और कोटक बैंक का शेयर 1% तक बढ़ा।
विदेशी निवेशकों ने 29 करोड़ की इक्विटी बेची
गुरुवार तक के डेटा के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने 28.95 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची जबकि घरेलू निवेशकों ने 58.59 करोड़ के शेयर खरीदे। वहीं, शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 16 पैसे कमजोर होकर 68.66 रुपए प्रति डॉलर पर खुला।
अंतरिम बजट में मिडिल क्लास से लेकर किसानों तक के लिए बड़े ऐलान हुए थे
5 July 2019
नई दिल्ली. फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों से लेकर मिडिल क्लास तक को साधने की कोशिश की। लोकसभा चुनाव से पहले टैक्स में रिबेट और किसानों को सालाना आय समेत अहम घोषणाएं की गईं। मोदी सरकार के अंतरिम बजट और पिछले 5 पूर्ण बजटों के ऐलानों पर एक नजर डालते हैं।
अंतरिम बजट में सरकार की 5 बड़ी घोषणाएं
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5 एकड़ की खेती योग्य जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपए देने का प्रावधान। इसके लिए किसान सम्मान निधि नाम से योजना शुरू की गई। पशु पालन-मत्स्य पालन करने वाले किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से लिए गए कर्ज पर ब्याज में 2% की छूट की घोषणा की। इसके अलावा, आपदा के स्थिति में एनडीआरएफ की तैनाती होने पर किसानों को फसल ऋण पर 2% और समय पर कर्ज लौटाने वाले पर ब्याज में 3% की छूट का प्रावधान।
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5 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स में पूरी रिबेट। स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 हजार रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया।
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बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा राशि पर ब्याज से आय पर टीडीएस में छूट 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दी गई। किराए से आमदनी पर टीडीएस में छूट 1.80 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपए कर दी गई। 2 करोड़ रुपए तक के कैपिटल गेन पर निवेश की सीमा एक घर से बढ़ाकर दो घर की गई।
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अगर आपके पास दो घर हैं तो दूसरे घर के नोशनल रेंट पर लगने वाला टैक्स खत्म किया। नोशनल रेंट यानी सरकार यह मानती थी कि दूसरे घर से आपको किराए के रूप में आमदनी हो रही है। ऐसे घर पर सरकारी दरों के अनुसार किराया कैलकुलेट कर उस पर टैक्स लगता था।
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असंगठित क्षेत्रों के कर्मियों को 60 साल के बाद हर महीने 3 हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी। हर महीने 100 रुपए का योगदान देना होगा। 21 हजार रुपए महीना कमाने वालों को 7000 रुपए का बोनस मिलेगा। पहले 10 हजार रुपए महीना कमाने वालों को 3500 रुपए का बोनस मिलता था। ईपीएफओ किसी श्रमिक की मौत होने पर परिजनों को 2.5 लाख रुपए की जगह 6 लाख रुपए देगा।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पेश हुए 5 बजटों की बड़ी घोषणाएं
बजट 2014 : आयकर छूट की सीमा 50 हजार रुपए बढ़ी
इनकम टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए की थी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 2.50 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की। 80 सी के तहत बचत की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए की। इसके साथ ही होम लोन पर टैक्स छूट की सीमा भी 1.50 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी।
बजट 2015 : हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन बढ़ाया
इन सबके अलावा एनपीएस में निवेश करने पर अतिरिक्त 50 हजार रुपए पर टैक्स छूट दी। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश से मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री किया। इसके साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन को 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपए किया।
बजट 2016 : 5 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट 3 हजार बढ़ाई
अपने पहले पूर्ण बजट में मोदी सरकार ने 5 लाख रुपए की आमदनी पर टैक्स छूट को 2 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए किया। एचआरए (मकान किराया भत्ता) पर टैक्स छूट 24 हजार रुपए से बढ़ाकर 60 हजार रुपए की। 50 लाख रुपए तक का घर खरीदने पर भी 50 हजार रुपए तक की छूट दी।
बजट 2017 : 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर टैक्स दर घटाई
टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन 2.50 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स दर 10% से घटाकर 5% की। 50 लाख से 1 करोड़ रुपए की कमाई पर 10% सरचार्ज लगाया। 3 लाख रुपए से ज्यादा के नकद लेन-देन पर रोक लगाई।
बजट 2018 : 40 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन
इनकम टैक्स पर लगने वाले सेस को 3% से बढ़ाकर 4% किया गया। वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 40 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया गया। इस बजट में नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम यानी आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की गई, जिसके तहत गरीब परिवार के लोग 5 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त में करवा सकते हैं। 1 लाख रुपए से ज्यादा के निवेश पर 10% कैपिटल गेन टैक्स लगाया।
गुड न्यूज: SBI ने सस्ता किया होमलोन, 30 लाख तक इतना घटा ब्याज
9 February 2019
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने होमलोन सस्ता कर दिया है। आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाए जाने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि बैंक होमलोन कम करेंगे और एसबीआई यह कदम उठाने वाला पहला बैंक बन गया। जानकारी के मुताबिक, एसबीआई ने 30 लाख रुपए तक के होमलोन पर ब्याज में 0.05 की कमी की है।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दी। ऐसे में रिवर्स रेपो रेट भी एडजस्ट होकर 6.0 प्रतिशत रह गई। 18 माह में पहली बार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट कम की है।
इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि कमर्शियल बैंक ब्याज दरों में कटौती करेंगे। इससे आवास, वाहन व अन्य उपभोक्ता कर्ज सस्ते होंगे। इस स्थिति में 20 साल के लिए 40 लाख रुपए तक के आवास कर्ज पर हर माह 660 रुपए की बचत हो सकती है।
आज पेट्रोल के दामों में हुई इतनी कटौती, डीजल का रहा कुछ ऐसा हाल
8 February 2019
नई दिल्ली। देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार राहत जारी है। शुक्रवार को जहां पेट्रोल सस्ता हुआ है वहीं डीजल के दामों में भी कोईं बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली में पेट्रोल 6 पैसे सस्ता हुआ है और इसके बाद राजधानी में पेट्रोल जहां 70.38 रुपए लीटर मिल रहा है वहीं डीजल 65.56 रुपए लीटर मिल रहा है। डीजल के दाम में शुक्रवार को कोईं बदलाव नहीं हुआ जबकि गुरुवार को इनमें 5 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी।
मुंबई की बात करें तो यहां पेट्रोल 76.02 रुपए लीटर मिल रहा है वहीं डीजल 68.65 रुपए लीटर मिल रहा है। चेन्नई की बात करें तो यहां पेट्रोल 73.05 रुपए लीटर मिल रहा है जबकि डीजल 69.25 रुपए लीटर मिल रहा है। कोलकाता में पेट्रोल 73.05 रुपए लीटर मिल रहा है जबकि डीजल 67.25 रुपए लीटर बिक रहा है।
इससे पहले गुरुवार को डीजल 5 पैसे महंगा हुआ था जबकि पेट्रोल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ। गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 70.44 रुपये रहा, वहीं 1 लीटर डीजल 65.56 रुपए प्रति लीटर पर था।
इसी तरह मुंबई में 1 लीटर पेट्रोल के नए दाम 76.08 रुपए प्रति लीटर था, जबकि 1 लीटर डीजल 68.65 रुपए प्रति लीटर था। इसी तरह कोलकाता में 1 लीटर पेट्रोल अब 72.55 रुपये प्रति लीटर हो गया जबकि 1 लीटर डीजल का दाम 67.34 रुपये प्रति लीटर था। वहीं अगर हम चेन्नई की बात करें तो 1 लीटर पेट्रोल 73.13 रुपये में मिलेगा, जबकि 1 लीटर डीजल 69.26 रुपये प्रति लीटर था।
Flipkart बेचकर भारत से बाहर हो सकती है वालमार्टः मॉर्गन
6 February 2019
नई दिल्ली। देश में ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) संबंधी कड़े नियम लागू होने के बाद ई-कॉमर्स कंपनियां काफी परेशान नजर आ रही हैं। पिछले दिनों अमेजन को लेकर आई खबर के बाद अब फ्लिपकार्ट को लेकर ऐसी खबर आ रही है जो आपको चौका देगी।
जानकारी के अनुसार अमेरिकी रिटेल दिग्गज वालमार्ट अपनी भारतीय सब्सिडियरी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट से बाहर निकल सकती है। अमेरिकी निवेश बैंकर मॉर्गन स्टेनले ने यह चेतावनी दी है।
मार्गन स्टेनले ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि फ्लिपकार्ट के बाहर जाने की संभावना से पूरी तरह इन्कार नहीं किया जा सकता है क्योंकि भारत में उसके लिए कारोबार करना पेचीदा हो गया है। अगर ऐसा होता है तो वालमार्ट-फ्लिपकार्ट का मामला वैसा ही होगा जैसा 2017 में अमेजन के साथ हुआ था। चीन में उसके लिए कारोबारी मॉडल उपयुक्त न रहने पर अमेजन ने बाहर निकलने का फैसला किया था। वैसा ही कुछ वालमार्ट के मामले में हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार नियमों में बदलावों से फ्लिपकार्ट का राजस्व प्रभावित हो सकता है और उसके कारोबार में बाधा आ सकती है। नए नियमों के चलते फ्लिपकार्ट को अपने प्लेटफार्म से स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण समेत करीब 25 फीसद उत्पादों को हटाना पड़ सकता है। उसकी कुल बिक्री में इन वस्तुओं की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है।
एक फरवरी से लागू हुए नए नियमों के अनुसार विदेशी निवेश पाने वाली कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी किसी भी निर्माता के साथ एक्सक्लूसिव बिक्री के लिए समझौता नहीं कर सकती है। इसके अलावा उसके प्लेटफार्म से जुड़े विक्रेता की हिस्सेदारी भी ई-कॉमर्स कंपनी नहीं ले सकती है। ये कंपनियां वस्तुओं और सेवाओं का बिक्री मूल्य भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं कर सकती हैं। उन्हें लेवल प्लेइंग फील्ड सुनिश्चित करना होगा।
नए नियम लागू होने के बाद अमेजन इंडिया को अपने प्लेटफार्म से अनेक उत्पाद हटाने पड़े। इन बदलावों के बाद अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों में अमेजन और वालमार्ट के बाजार पूंजीकरण में करीब 50 अरब डॉलर (3.5 लाख करोड़ रुपये) की गिरावट आ चुकी है।
ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए नए एफडीआई नियमों के 1 फरवरी से लागू होने के बाद भारत में दोनों कंपनियों के ई-कॉमर्स कारोबार में दिक्कतें आ रही है।
वालमार्ट इंडिया को ओमनीचैनल व बी2बी में तेज विकास की उम्मीद
कारोबार में वृद्धि के आशावान वालमार्ट इंडिया ने कहा है कि बी2बी ई-कॉमर्स कारोबार पर दबाव आने के बाद ओमनीचैनल रिटेल पर फोकस करेगी ताकि वह प्रतिस्पर्धा में आगे रह सके। गौरतलब है कि वालमार्ट इंडिया भारत में अलग कारोबार करती है जबकि उसकी पेरेंट कंपनी वालमार्ट इंक के पास फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी है और उसका संचालन करती है। ओमनीचैनल के जरिये ग्र्राहकों को ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन शॉपिंग की भी सुविधा दी जाती है।
पिछले सप्ताह एफडीआइ के कड़े नियम लागू होने के बावजूद वालमार्ट इंडिया ने यह संकेत दिया है। वालमार्ट इंडिया के प्रेसिडेंट व चीफ एक्जीक्यूटिव कृष अय्यर ने यहां एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ओमनीचैनल और बी2बी ई-कॉमर्स कारोबारी का दोहरे अंकों में विकास होता रहेगा। हम नए स्टोर खोलने पर निवेश करते रहेंगे। हालांकि उन्होंने निवेश की संभावित राशि का विवरण नहीं दिया है।
सोने में निवेश का बेहतर तरीका जानना हैं तो पढ़ें 3 प्वाइंट, समझ जाएंगे फायदा और नुकसान
4 February 2019
निवेश के लिए ज्यादातर लोग फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते हैं। मसलन गहने, सिक्के और बिस्किट। लेकिन, सोने में निवेश करने कई अन्य तरीके भी हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ अच्छे विकल्प हो सकते हैं। लेकिन, सवाल उठता है कि इनमें से कौन सा जरिया ज्यादा फायदेमंद है। यह समझने के लिए हम इनके फायदों और खामियों की जानकारी दे रहे हैं। फैसला आप खुद कर लें।
गोल्ड ईटीएफ
-गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में कोई लॉक-इन पीरियड नहीं होता।
-3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स।
-3 साल से पहले बेचने पर तय स्लैब रेट के मुताबिक टैक्स लगता है।
-यह बहुत ज्यादा लिक्विड होता है, मतलब कभी भी खरीद-बिक्री की जा सकती है।
खामी
-डीमैट चार्ज अनिवार्य है और कभीकभी इसका वॉल्यूम लो रहता है।
-कोई ब्याज नहीं मिलता, बाजार की तेजी पर रिटर्न निर्भर करता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
-गोल्ड बॉन्ड पर 2018-19 सीरीज 5 केमुताबिक सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है।
-इस स्कीम के तहत कोई भी शख्स 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक सोने में निवेश कर सकता है।
-संयुक्त हिंदू परिवार (एचयूएफ) के लिए 4 किलो और ट्रस्ट के लिए 20 किलो की सीमा है।
-5 साल का लॉक-इन पीरियड, जिसके बाद ही इस निवेश से पैसा निकाला जा सकता है। ह
-गोल्ड बॉन्ड को भुनाने पर निवेशक को किसी तरह का टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं होती।
-3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स।
-अगर 3 साल से पहले इसे बेचा जाता है तो तय स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है।
-कैपिटल गेन व ब्याज, दोनों का लाभ उठाया जा सकता है साथ ही सॉवरेन गारंटी भी रहती है।
खामी
-इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने पर लिक्विडिटी इश्यू आता है। यानी जब चाहें इसे बेचने की सुविधा नहीं होती।
फिजिकल गोल्ड
-कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है। कोई भी व्यक्ति कितनी भी मात्रा में सोना खरीद सकता है।
-लॉक-इन पीरियड या परिपक्वता अवधि नहीं होती। यानी जब चाहें सोना बेचने की आजादी होती है।
-खरीद के 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिटके साथ 20 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स।
-खरीद के 3 साल से पहले सोना बेचने पर इसके लिए तय स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है।
-यदि कोई सोने के गहने बनवा लेता है तो उसे कैपिटल गेन यानी पूंजीगत लाभ का फायदा मिलता है।
खामी
शुद्घता और सुरक्षा अक्सर निवेशकों की चिंता बढ़ाती है।
जाहिर है, फिजिकल गोल्ड पर कोई ब्याज नहीं मिलता।
MSME sector in Budget 2019: छोटे उद्योगों के लिए ये उठाए कदम, 59 मिनट में 1 करोड़ रुपए का लोन मिलेगा
2 February 2019
नई दिल्ली। वित्त मंत्री पीयूष गोयल संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया। इस बजट में सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बजट में एक ऐसी योजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें 59 मिनट में अधिकतम एक करोड़ रुपए तक का ऋण मंजूर किया जाएगा। जीएसटी रिजस्टर्ड लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयों को एक करोड़ रुपए की ऋण वृद्धि पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
पीयूष गोयल ने कहा कि अब सरकारी उपक्रमों द्वारा 25 प्रतिशत संसाधन लघु एवं मध्यम उद्यमों से जुटाए जाएंगे। इसमें से कम से कम 3 प्रतिशत सामग्री महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु एवं मध्यम उद्यमों से प्राप्त की जाएगी।
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) की उपलब्धियों के बारे में भी बजट में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि 17,500 करोड़ रुपए से अधिक लेन-देन किए गए हैं और इसके परिणाम स्वरूप औसतन 25-28 प्रतिशत बचत हुई है। उनके मुताबिक दो साल पहले जीईएम से सार्वजनिक खरीद प्रणाली में सुधार हुआ है, क्योंकि यह पूरी तरह पारदर्शी, समावेशी और प्रभावकारी है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के पास अब जीईएम के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने का अवसर उपलब्ध है।
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अब सभी केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों तक जीईएम प्लेटफॉर्म का विस्तार किया जा रहा है।
बजट 2019-20 पर प्रधानमंत्री का वक्तव्य
1 February 2019
देश को सटीक योजनाओं के माध्यम से शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में एक अहम कदम है इस बजट में मीडिल क्लास से लेकरके श्रमिकों तक किसान उन्नती से लेकर कारोबारियों की प्रगति तक इनकमटैक्स रीलिफ से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक मेन्यूफैक्चरिंग से लेकर एमएसएमई सेक्टर तक हाऊसिंग से लेकर हेल्थ केयर तक, इकोनॅमी को नयी गति से लेकर न्यूइंडिया के निर्माण तक सबका ध्यान इस बजट में रखा गया है।
साथियों हमारी सरकार की योजनाओं ने देश के हर व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। आयुष्मान भारत योजना का लाभ 50 करोड़ गरीबों को मिलना सुनिश्चित हुआ है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और सुरक्षा बीमा योजना का लाभ 21 करोड़ गरीबों को मिल रहा है। स्वच्छ भारत मिशन का लाभ 9 करोड़ से ज्यादा परिवारों को हुआ है। उज्ज्वला योजना के तहत छह करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है। प्रधानमंत्री आवास योजना की वजह से 1.5 करोड़ परिवारो को उनके अपने पक्के घर मिले हैं। अब इस बजट में 12 करोड़ से ज्यादा किसानों को 3 करोड़ से ज्यादा मध्यम वर्ग के टैक्स पेयर परिवारों को और 30, 40 करोड़ श्रमिकों को सीधा लाभ मिलना तय हुआ है। साथियों सरकार के प्रयासों से आज देश में गरीबी रिकार्ड गति से कम हो रही है लाखों करोड़ों लोग गरीबी को परास्त करके न्यू मीडिल क्लास, मीडिल क्लास में प्रवेश कर रहे हैं। देश का यह बहुत बड़ा वर्ग आज अपने सपने साकार करने में और साथ साथ देश के विकास को गति देने में जुटा हुआ है। ऐसे समय में इस बढ़ते मीडिल क्लास की आशा, आकांक्षाओं को कुछ कर दिखाने के जज्बे को हौसला मिले उसको सपोर्ट मिले इसके लिए सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं देश के मीडिल क्लास, सैलरिड मीडिल क्लास को Income Tax की दरो में मिली छूट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हॅू।
ये मध्यम वर्ग और उच्चतम मध्यम वर्ग की उदारता ही उनकी ईमानदारी ही है कानून को मानकर चलने की उनकी प्रतिबद्धता ही है जिसकी वजह से देश को टैक्स मिलता है देश की योजनाएं बनती हैं, गरीब का कल्याण होता है। वर्षों से यह मांग रही है कि पांच लाख रूपए तक की आय को Income Tax से मुक्त घोषित किया जाए। इतने वर्षेां से की जा रही इस मांग को पूरा करने का काम हमारी सरकार ने किया है।
साथियों किसानों के लिए समय-समय पर अलग-अलग योजनाएं अलग-अलग सरकारों ने बनाई हैं लेकिन ऊपरी सतह के दो, तीन करोड़ किसानों से ज्यादा किसान इन योजनाओं के दायरे में आए ही नहीं। अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि यानि जिसे पीएम-किसान योजना कहा जा रहा है उसका लाभ 12 करोड़ से ज्यादा उन किसानों को मिलेगा जिनके पास पांच एकड़ या पांच एकड़ से कम भूमि है। एक प्रकार से आजादी के बाद देश के इतिहास में किसानों के लिए बनी ये सबसे बड़ी योजना है। हमारी सरकार किसानों के लिए एक के बाद एक ठोस कदम उठा रही है। पशुपालन, गौसंवर्द्धन,मछली पालन जैसे ग्रामीण जीवन और कृषि जीवन से जुड़े अहम क्षेत्रों का भी इस बजट में विशेष ध्यान रखा गया है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग, और मछली पालन का अलग डिपार्टमेंट करोड़ों किसानों को अपनी आजीविका बढ़ाने में मदद करेगा। मछवारों की मदद करेगा। हमारा यह पूरा प्रयास है कि किसान को सशक्त करके उसे वो साधन दें, संसाधन देंजिससे वो अपनी आय दोगुनी कर सके। आज के निर्णयों से इस मिशन को और तेजी मिलेगी।
साथियों आज भारत में अनेक क्षेत्रों में विकास हो रहा है नये नये प्रकार के क्षेत्रों में नये-नये विस्तारों में नये नये प्रकार की योजनाओं में प्रगति हो रही है और इन क्षेत्रों काम करने वाले लोगों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है। लेकिन असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, मजदूरों अनऑर्गेनाइज्ड लेबर जिसमें घर पर काम करने वाले लोगा होंया खेतिहर मजदूर हो या ढेले चलाने वाले लोग हों ऐसे समाज तक बहुत बड़ा तबका है मेरे भाइयो-बहनो इन मेरे बंधुओं की चिंता कभी नहीं की गयी है। उन्हें उनके नसीब पर छोड़ दिया गया। हमारे देश में इनकी संख्या अनऑर्गेनाइज्ड लेबर की संख्या करीब करीब 40, 42 करोड़ है उनके लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना उनके जीवन के उत्तरार्द्ध 60 वर्ष की आयु के बाद की जिंदगी के लिए बहुत बड़ा संबल होगी उन्हें आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी अनेक योजनाओं का लाभ तो मिलेगा ही। बुढापे में रोजमर्रा की जिंदगी गुजारने के लिए पेंशन भी मिला करेगा।
भाइयों और बहनों हमारी सरकार देश के हर उस नागरिक को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है जो अब भी कुछ कारणों से विकास का पूरा लाभ नहीं ले पाए हैं। समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने के इस प्रयास में सरकार ने घुमंतु समुदायों जैसे मदारीहै, सपेरा हैं, बंजारा है गाडिया लोहार है आदि के लिए एक वेलफेयर बोर्ड बनाने का भी फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि सही पहचान होने के बाद सरकार के विकास कार्यों का लाभ इन समुदायों को और तेजी से मिलेगा।
साथियों व्यापारी वर्ग के लिए ट्रेडर्स के लिए कोई मंत्रालय हो उस विचार से एक नयी व्यवस्था को विकसित करने की दिशा में हम आगे बढ़े हैं। देश के व्यापारी वर्ग, ट्रेडर्स और अनेक कर्मचारी की आवश्यकताओं को समझते हुए उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए डीआईपीपी को रिस्ट्रक्चर करके उसे विशेष जिम्मेदारी दी गयी है। अब ये विभाग डिपार्टमेंट फार प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्रीज एंड इंटरनल ट्रेड के नाम से जाना जाएगा। मुझे प्रसन्नता है कि अगले दशक के अंत तक की आवश्यकताओं को और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए भी इस बजट में योजनाओं को समाहित किया गया है। ये बजट गरीब को शक्ति देगा, किसान को मजबूती देगा, श्रमिकों को सम्मान देगा, मीडिल क्लास के सपनों को साकार करेगा, ईमानदार टैक्स पेयर के गौरव का गान करेगा, ट्रेडर्स को सशक्त करेगा, इंस्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण को गति देगा अर्थ व्यवस्था को नया बल देगा। देश का विश्वास मजबूत करेगा। ये बजट न्यू इंडिया के लक्ष्यों की प्राति में देश के 130 करोड़ लोगों को नई ऊर्जा देगा। ये बजट सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी है। सर्वोत्कर्ष को समर्पित है।
मैं एक बार फिर हमारे मित्र अरूण जी को और पीयुष जी को और उनकी टीम को इस उत्तम बजट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
धन्यवाद!
Budget 2019: आयकर छूट का ऐलान होते ही 400 अंक उछला Sensex
1 February 2019
मुंबई। बजट से पहले और बजट भाषण के दौरान सभी की नजरें शेयर बाजार पर थी। बजट से पहले शेयर बाजार में उत्साह का मूड था, बजट के दौरान ज्यादा हलचल नजर नहीं आईं, लेकिन बजट के आखिरी हिस्से में जैसे ही 5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट का ऐलान हुआ, शेयर मार्केट में जबरदस्त तेजी आ गई। पढ़िए उतार-चढ़ाव की पूरी कहानी -
इससे पहले शुक्रवार को सेंसेक्स करीब 20 अंकों की बढ़त के साथ खुला। बजट भाषण से ठीक पहले यह बढ़त 156 अंकों तक पहुंच गई। बीएसई 36, 413 पर रहा, वहीं निफ्टी में 39 अंकों की बढ़त रही और इसने 10,870 पर कारोबार किया।
वहीं बजट भाषण के दौरान भी मालूम उतार-चढ़ाव जारी रहे। दोपहर 12 बजे सेंसेक्स 120 अंकों की बढ़त के साथ 36,376 पर है, वहीं निफ्टी में 34 अंकों की बढ़त रही और यहां 10,861 के स्तर पर कारोबार हुआ।
बजट भाषण के बाद शेयर बाजार में 384 अंकों की बढ़त रही और यहां 36,630 अंकों पर कारोबार हुआ। इसी तरह निफ्टी 104 अंक चढ़कर 10,939 अंकों पर रहा।
SBI : एसबीआई को मिल सकती है जेट एयरवेज की 15 फीसद हिस्सेदारी
30 January 2019
नई दिल्ली। जेट एयरवेज के कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) को कर्ज के बदले शेयर प्रस्ताव से एयरलाइन की 15 फीसद हिस्सेदारी मिल सकती है।
वित्तीय संकट में फंसी जेट एयरवेज कर्जदारों को उनके कर्ज के बदले हिस्सेदारी देने की योजना बना रही है।
सोमवार को जेट ने कहा था कि वह अगले महीने अपने हिस्सेदारी से कर्ज के बदले हिस्सेदारी देने के प्रस्ताव पर अनुमति लेगी।
एयरलाइन शेयर कैपिटल बढ़ाकर कर्जदारों को अपने निदेशक नियुक्त करने की अनुमति देगी। इस प्रस्ताव से एसबीआइ समेत कर्जदारों को एयरलाइन की 30 फीसद हिस्सेदारी मिल सकती है।
उसकी पार्टनर एतिहाद एयरवेज ज्यादा पूंजी लगाती है तो उसकी हिस्सेदारी 24 फीसद से बढ़कर 40 फीसद हो जाएगी।
एयरलाइन के पूंजी पुनर्गठन से उसके संस्थापक व चेयरमैन नरेश गोयल की हिस्सेदारी 51 फीसद से घटकर 20 फीसद रह जाएगी। इस मामले में जेट एयरवेज, एतिहाद और एसबीआइ से मांगने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
Steel Production: स्टील उत्पादन में जापान को पछाड़कर भारत पहुंचा दूसरे स्थान पर
29 January 2019
नई दिल्ली। भारत स्टील उत्पादन के मामले में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक बन गया है। वर्ल्डस्टील एसोसिएशन के मुताबिक स्टील उत्पादन में चीन पहले स्थान पर है और वैश्विक स्तर पर कुल स्टील उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी 51 फीसदी है।
वर्ल्डस्टील की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2018 में चीन का रॉ स्टील का उत्पादन 6.6 फीसदी बढ़कर 92.83 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया। 2017 में यह 87.09 करोड़ टन था। इस तरह वैश्विक स्टील उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी 50.3 फीसदी से बढ़कर 51.3 फीसदी हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल भारत में कच्चे स्टील का उत्पादन 4.9 प्रतिशत बढ़कर 10.65 करोड़ टन हो गया, जो 2017 में 10.15 करोड़ टन था। इस दौरान जापान में स्टील का उत्पादन 0.3 फीसदी घटकर 10.43 करोड़ टन रह गया। इस तरह भारत ने इस्पात उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 में स्टील का वैश्विक उत्पादन 4.6 फीसदी बढ़कर 180.86 करोड़ टन रहा, जो 2017 में 172.98 करोड़ टन था।
टॉप 10 स्टील उत्पादक देश
देश सालाना उत्पादन (करोड़ टन में)
चीन 92.83
भारत 10.65
जापान 10.43
अमेरिका 8.67
दक्षिण कोरिया 7.25
रूस 7.17
जर्मनी 4.24
तुर्की 3.73
ब्राजील 3.47
ईरान 2.5
GOLD : अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट के बावजूद भारत में चमका सोना
28 January 2019
इंदौर। सोने की चाल इन दिनों काफी दिलचस्प हो गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट शुरू हो गई है, लेकिन घरेलू बाजार में सोना अब तक के सबसे ऊंचे स्तर के करीब जा पहुंचा है।
अमेरिकी करेंसी में गिरावट के कारण कॉमेक्स में सोना 1,280 डॉलर प्रति औंस तक आ गया। ऊपरी स्तर से इसमें अब तक 70 डॉलर से अधिक की मंदी देखी जा चुकी है।
इसके उलट भारतीय बाजार में शादियों की खरीदी और रुपए की कमजोरी से सोना सर्वकालिक ऊंचे स्तर के करीब है। इस विरोधाभास के दौर में भारतीय बैंक अपनी खरीदी बाजार डिलिवरी आधारित करने पर जोर दे रहे हैं।
सीएमसी के मुख्य बाजार रणनीतिकार माइकल मैकार्थी के अनुसार इस समय कमजोर अमेरिकी डॉलर को देखते हुए सोने में गिरावट बने रहने की आशंका है।
हालांकि, मैककार्थी ने आगाह किया कि तकनीकी तौर पर जो संकेत मिल रहे हैं, वो निवेशकों की खरीद के साथ धीमा सुधार बुलियन में कर सकते है।
उनके अनुसार सोने के भाव 1,290 डॉलर और 1,310 डॉलर के आसपास बने रहने की संभावना है। अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना खरीदी में सहायक हो सकता है।
बाजार स्थिर रहने की संभावना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की तरफ से चीन के साथ व्यापार वार्ता से बाजार में कुछ राहत महसूस की जा रही है। इससे डॉलर में मजबूती और सोने को समर्थन मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
ह्वाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हसेट ने कहा है कि पहले तीन महीनों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था वृद्घि देख सकती इससे फिलहाल सोने में स्थिरता ही रहने की संभावना है।
बहरहाल, फंड आधारित निवेशकों का ध्यान यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) पर है, जो व्यापक रूप से अपनी मौद्रिक नीति को 2019 की अपनी पहली बैठक में अपरिवर्तित रख सकती है।
बाजार पर नजर रखने वाले भी ईसीबी की बैठक को डॉलर के लिए नकारात्मक बता रहे हैं। कॉमेक्स नॉन-कमर्शियल और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में सोने की होल्डिंग बढ़ाई गई है, लिहाजा इसमें अधिक गिरावट जैसी स्थिति भी नजर नहीं आ रही। दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर की होल्डिंग भी जून, 2018 के बाद से उच्चतम स्तर है।
भारतीय बैंकों की खरीदी कमजोर
पिछले दो महीनों के दौरान भारतीय बैंकों ने डिलिवरी आधारित खरीदी पर जोर दिया है। इसके लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों पर सोने की खरीदी सीमित करने के लिए सरकारी दबाव भी है।
सरकार रुपए की कमजोरी के बीच डॉलर रिजर्व को सोने की खरीदी में खपाने से बचाने के लिए इस रणनीति पर काम कर रही है।
बावजूद इसके खरीदी का सर्मथन और शेयर बाजार में म्यूचुअल फंड के जरिए पिछले चार साल के औसत रिटर्न उम्मीद से कम रहने के कारण सोने में एक बार फिर निवेश के लिए खरीदी बढ़ने की बात कही जाने लगी है।
इसके कारण भारतीय बाजार में सोने की कीमत अगस्त, 2013 से अब तक के सबसे ऊंचा स्तर पार कर गया है।
इस भाव पर बाजार पिछले 10 दिन से स्थिर है। इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर कमजोरी बने रहने से सोने की चमक बढ़ी है।
'पेट्रोल-डीजल के दामों में बड़ी राहत, जानिए क्या हैं आज के हाल
24 January 2019
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम पूरे महीने बढ़े हैं लेकिन पिछले दो दिनों से इनमें बड़ी राहत मिली है। बुधवार के बाद अब गुरुवार को भी इनके दाम यथावत रहे। इसके बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 71.27 रुपए लीटर मिल रहा है जबकि डीजल 65.90 रुपए लीटर मिल रहा है। बता दें कि मंगलवार को तेल के दाम बढ़े थे और
मुंबई में तेल के दाम आज 76.90 रुपए लीटर हैं जबकि डीजल 69.01 रुपए लीटर मिल रहा है। इसी तरह चेन्नई की बात करें तो यहां पेट्रोल के दाम 73.99 रुपए लीटर हैं जबकि डीजल 69.62 रुपए लीटर मिल रहा है। कोलकाता की बात करें तो यहां पेट्रोल के दाम 73.36 रुपए लीटर हैं जबकि डीजल 67.68 रुपए लीटर मिल रहा है।
इससे पहले सोमवार को राजधानी में पेट्रोल जहां पेट्रोल 71.14 रुपए लीटर मिल रहा था वहीं डीजल 65.71 रुपए लीटर मिल रहा था।
बता दें नया साल लगते ही अब फिर से पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने लगे हैं। वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद, प्रमुख तेल कंपनियों ने अपना फायदा देखते हुए ईंधन की कीमतों में वृद्धि की है। ताजा कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे का एक कारण कमजोर निवेश भी है।
वहीं, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में भी गिरावट दर्ज की गई है। यही वजह है कि नया साल लगते ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। ईंधन की कीमतों में इजाफा इसलिए हुआ है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड की कीमतों में तेजी नजर आ रही है।
'तेल की धार' पर टिका अर्थव्यवस्था का भविष्य, जानिए क्या कहता है 2019 का अनुमान
23 January 2019
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों की अनिश्चितताओं से निटपने के लिए भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में रोज-रोज बदलाव का सिलसिला जारी है। हालांकि, यह व्यवस्था किसी के लिए भी आसान नहीं है, खासतौर पर मध्यम वर्ग के लिए तो बिल्कुल नहीं, जिसे इस तरह बार-बार कीमतों में बढ़ोतरी की आदत नहीं है। मध्यम वर्ग पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर बहुत संवेदनशील है। हो भी क्यों न? आखिर इन कीमतों का सीधा असर दूसरी चीजों पर पड़ता है और नतीजन महंगाई भी बढ़ती-घटती है।
मौजूदा कीमतों के मायने
पिछले कुछ महीनों से कच्चे तेल की कीमत 55 से 65 डॉलर प्रति बैरल के बीच बनी हुई है। इसी बीच, ओपेक यानि ऑर्गेनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज में शामिल कुछ तेल उत्पादक देशों ने आपूर्ति में कटौती कर कच्चे तेल को बीते कुछ हफ्तों में अपना मजबूत बेस बनाए रखने में मदद की है। इसमें रूस जैसे बड़े गैर-ओपेक तेल उत्पादक देश ने भी सहयोग किया है। ओपेक देशों द्वारा उत्पादन में कटौती से कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता में कमी आएगी और एक स्थिर सीमा पर इसकी ट्रेडिंग होती रहेगी। वहीं दूसरी तरफ, अमेरिका कच्चे तेल का लगातार उत्पादन बढ़ा रहा है और 2019 में उत्पादन का आंकड़ा नई ऊंचाई तक पहुंचने की उम्मीद है। इससे कच्चे तेल की कीमतों में स्थिर रखने में परेशानी आएगी।
तेल उत्पादन पर अमेरिकी रणनीति
अमेरिका अपने यहां ईंधन के वैकल्पिक उपायों जैसे इथेनॉल के इस्तेमाल में तेजी ला रहा है, वहीं शेल ऑयल (पत्थरों से निकाला जाने वाला तेल) का उत्पादन भी बढ़ा रहा है। सवाल उठता है कि तेल की कीमतें ऐतिहासिक रूप से कम होने के बावजूद अमेरिका इसका उत्पादन बढ़ाने पर आमादा क्यों है? कई शेल ऑयल उत्पादक अब ज्यादा मात्रा में तेल निकालने लगे हैं। उन्होंने तेल कुओं को हमेशा चालू रखने का तरीका खोज लिया है। इसी तरह, खाड़ी देशों के कुएं भी बड़ी मात्रा में कच्चा तेल उगल रहे हैं। यही कारण है कि कच्चे तेल की कीमत कम होने के बाद भी उत्पादन नहीं घटाया जा सका है। इन सबके परिणामस्वरूप, बड़े पारंपरिक तेल उद्यमों ने नए भंडार की खोज बंद कर दी है।
मिडिल ईस्ट के महत्वपूर्ण आंकड़े
2019 के पहले हफ्ते के लिए मिडिल ईस्ट से कच्चे तेल का निर्यात 4.28 मिलियन बैरल बढ़ते हुए 122.38 मिलियन बैरल तक पहुंच गया है। निर्यात में अमीरात ने सबको पछाड़ दिया, वहीं यूएई, सऊदी अरब और ओमान का निर्यात भी पहले से ज्यादा रहा। दिसंबर 2018 तक वेनेजुएला में तेल उत्पादन 1.2 मिलियन बैरल प्रति दिन था, जो 2003 में उसके सबसे कम उत्पादन के आंकड़े के करीब रहा। 2003 में हड़ताल के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ था। 2019 में वेस्ट टैक्सस में उत्पादन 2 मिलियन बैरल प्रति दिन तक बढ़ जाएगा।
30 डॉलर पर भी मुनाफा
अमेरिकी कंपनियों के पास कच्चे तेल के 1.14 लाख कुएं हैं और इनमें से कई कंपनियां 30 डॉलर प्रति बैरल का भाव रहने पर भी मुनाफा कमा सकती हैं। अमेरिका में बीते कुछ दिनों से शटडाउन जारी है। इससे आशंका खड़ी हो गई है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस प्रस्ताव पर समय रहते काम शुरू नहीं हो पाएगा, जिसमें ऑफशोर ड्रिलिंग की बात कही गई है, ताकि गर्मी के महीनो में गैसोलीन में इथेनॉल के उच्च स्तर की अनुमति प्रदान की जा सके। अमेरिकी ऊर्जा फर्मों ने तीन हफ्तों में पहली बार तेल स्रोतों में कमी की है, क्योंकि उत्पादकों ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखते हुए 2019 की अपनी ड्रिलिंग योजनाओं में कमी करना शुरू कर दिया है।
ड्रिलर्स ने जनवरी के पहले सप्ताह में आठ तेल स्रोतों को बंद कर दिया है, जिससे इनकी कुल संख्या घटकर 877 आ गई है। दूसरी ओर लीबिया ने 2021 तक अपना तेल उत्पादन दोगुना यानी 2.1 मिलियन बैरल प्रति दिन करने का लक्ष्य रखा है, क्योंकि गृह युद्ध झेल रहे इस देश में अब स्थिरता आने लगी है। वर्तमान में लिबिया का तेल उत्पादन 9,53,000 बैरल प्रति दिन है, जबकि गृह युद्ध से पहले इसकी क्षमता 1.6 मिलियन बैरल प्रति दिन थी।
कीमतों में ऊंच-नीच का कारण
तेल की कीमतों में अस्थिरता का एक अहम कारण कमोडिटी की आपूर्ति का उतार-चढ़ाव रहा है। 10 मई, 2018 को कीमतें बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। यह अमेरिका द्वारा ईरान परमाणु समझौते तोड़ने और उस पर प्रतिबंध लगाने के दो दिन बाद हुआ। इससे पहले 20 जनवरी 2016 को तेल की कीमतें 13.55 डॉलर प्रति बैरल के 13 साल के निचले स्तर पर आ गई थीं और आज उपरोक्त सभी कारणों से तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। इससे पहले तेल की कीमतों में एक अनुमानित मौसमी उतार-चढ़ाव होता था।
निगाहें सऊदी अरब और चीन पर
जहां तक डाटा का सवाल है, प्रचुर आपूर्ति और मांग की अनिश्चितता के कारण तेल बाजारों को लेकर कुछ भी कहना बहुत मुश्किल है। ऐसा लगता है कि तेल बाजार अभी आपूर्ति में आक्रामक कटौती के सऊदी अरब के फैसले और चीन के हालात पर नजर रख रहा है। चीन के केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो ऑपरेशन्स के माध्यम से अपने सबसे बड़े दैनिक नेट कैश इंजेक्शन की घोषणा की। यह इस बात का प्रमाण है कि चीन मंदी से उबरने के लिए नीतियों में ढील दे रहा है।
ट्रेड वॉर के कारण अनिश्चितता
अगर चीन और अमेरिका का ट्रेड वॉर सुलझ जाए, तो कच्चे तेल की कीमत स्थिर हो सकती है। साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आ जाए। दूसरी तरफ, ब्रेक्सिट मुद्दा अभी हल होता नजर नहीं आ रहा है। वास्तव में एक प्रतिकूल परिणाम दुनिया भर में मंदी का नया दौर ला सकता है। वहीं, लग रहा है कि अमेरिका एक बार फिर ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा सकता है। जिन देशों को अमेरिका से छूट मिली थी, वे ईरान से एक निश्चित मात्रा में तेल का आयात जारी रखने के लिए तैयार हैं और अमेरिकी प्रतिबंधों का पालन कर रहे हैं।
तेल में निवेश इन बातों पर निर्भर
मौजूदा हालात में निवेशकों को व्यापक आर्थिक पहलुओं पर विचार करना होगा और यह भी मानना होगा कि 2019 में भी कच्चे तेल की मांग अनिश्चित रहने की आशंका है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी वैश्विक आर्थिक विकास के अपने अनुमान में 3.9% से 3.7% की कटौती की है। यानी वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है। मंदी की यह आग तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव से और भड़क सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि अगले कुछ महीने और कच्चे तेल को लेकर गिरावट का दौर बना रहेगा और इसके बाद यह 50-65 डॉलर प्रति बैरल पर बना रहेगा।
LIC बन गया बैंक, खरीदी आईडीबीआई की 51 फीसदी हिस्सेदारी
22 January 2019
नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसी के साथ वह आईडीबाईआई बैंक में बहुलांश शेयरधारक हो गया है। बैंक ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आईडीबीआई बैंक ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, "यह सौदा आईडीबीआई बैंक और एलआईसी दोनों के लिए अच्छा है। इससे आपसी सहयोग के जरिये दोनों इकाइयों के शेयरधारकों, ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए नए अवसर पैदा किए जा सकेंगे।"
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल अगस्त में एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी थी। एलआईसी की आईडीबीआई बैंक में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदकर बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना है। आईडीबीआई बैंक का कारोबार दबाव में रहने के बावजूद इस सौदे से दोनों इकाइयों को व्यावसायिक सहयोग मिलने की उम्मीद है।
आईडीबीआई बैंक को चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में 3,602.49 करोड़ रुपए का शुद्घ घाटा हुआ था। वहीं, बैंक का सकल एनपीए कुल कर्ज का 31.78 प्रतिशत (60,875.49 करोड़ रुपए) रहा, पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में यह आंकड़ा 24.98 प्रतिशत था।
बैंक ने कहा, "आईडीबीआई बैंक और एलआईसी ने अगले 12 महीने में अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। वित्तीय हालत में सुधार से आईडीबीआई बैंक को आरबीआई की त्वरित सुधार कार्रवाई (पीसीए) से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।"
एमडी, सीईओ बने रहेंगे शर्मा
वहीं, दूसरी ओर आईडीबीआई बैंक ने शीर्ष प्रबंधन में फिलहाल को कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है और मौजूदा प्रबंधन के साथ ही बने रहने का निश्चय किया है। राकेश शर्मा बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बने रहेंगे।
बैंक के निदेशक मंडल ने आईडीबीआई बैंक के बोर्ड में अतिरिक्त निदेशक और एलआईसी के नामित निदेशक के रूप में राजेश कंडवाल की नियुक्ति को मंजूरी दी है। कंडवाल एलआईसी एचएफएल केयर होम्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक हैं।
बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि आईडीबीआई बैंक के निदेशक मंडल ने 21 जनवरी को हुई बैठक में राकेश शर्मा को प्रबंध निदेशक और सीईओ तथा के पी नायर और जी एम यदवाडकर को उप प्रबंध निदेशक के रूप में बरकरार रखने को मंजूरी दी।
GST : जीएसटी रिटर्न नहीं भरा, तो नहीं मिलेगा ई-वे बिल
21 January 2019
नई दिल्ली। समय पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिए अब कारोबार आसान नहीं रह जाएगा। लगातार छह महीनों तक की अवधि के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले कारोबारी जब ई-वे बिल निकालना चाहेंगे, तो सिस्टम खुद-ब-खुद उन्हें बिल जारी करने से इन्कार कर देगा।
अधिकारियों के मुताबिक इसका मकसद जीएसटी चोरी रोकना है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ऐसा आइटी सिस्टम तैयार कर रहा है। यह सिस्टम तैयार हो जाने के बाद उन सभी कारोबारियों के लिए ई-वे बिल निकालना असंभव हो जाएगा, जिन्होंने लगातार दो तिमाहियों का जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया होगा।
अधिकारी ने कहा कि जैसे ही यह सिस्टम विकसित हो जाएगा, इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर, 2018) में केंद्रीय टैक्स अधिकारियों ने जीएसटी की चोरी या नियम उल्लंघन के 3,626 मामले पकड़े हैं। अधिकारियों के मुताबिक ये मामले 15,278.18 करोड़ रुपये मूल्य के हैं।
गौरतलब है कि जीएसटी चोरी या करवंचना रोकने के लिए ही चालू वित्त वर्ष के पहले दिन यानी पहली अप्रैल, 2018 से ई-वे बिल सिस्टम लागू किया गया था। इसके तहत 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के माल की एक से दूसरे राज्य में ढुलाई के लिए ई-वे बिल अनिवार्य किया गया।
एक ही राज्य में माल ढुलाई के लिए ई-वे बिल की अनिवार्य जरूरत 15 अप्रैल, 2018 से लागू की गई। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के प्रत्येक महीने में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जीएसटी राजस्व की उम्मीद लगाई थी। लेकिन अब तक का संग्रह औसतन 96,000 करोड़ रुपये मासिक ही रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी से हासिल राजस्व में वृद्धि और कारोबारियों से इस व्यवस्था का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कर चोरी के तंत्रों को मजबूती देनी होगी। इसी के तहत अधिकारी ई-वे बिल को भारतीय राष्ट्रीय राजर्मा प्राधिकरण (एनएचएआइ) के फास्टैग से जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
इस योजना पर क्रियान्वयन इस वर्ष पहली अप्रैल से होना है। जांच अधिकारियों को पता चला है कि कई कारोबारी एक ही ई-वे बिल पर कई चक्कर लगाकर सरकार को चूना लगाते हैं। ई-वे बिल को फास्टैग से जोड़ देने का फायदा यह होगा कि अधिकारियों को पता चल जाएगा कि किसी वाहन ने कितनी बार कोई टोल प्लाजा पार किया है।
वर्ल्ड इकानामिक फोरम के विशेष आमंत्रण पर मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ दावोस रवाना
19 January 2019
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ वर्ल्ड इकानामिक फोरम की 49वीं बैठक में भाग लेने आज तड़के दिल्ली से दावोस के लिये रवाना हुए। यह बैठक ग्लोबल एजेंडा तय करने के लिये रखी गई है।
वर्ल्ड इकानामिक फोरम के अध्यक्ष श्री बार्ज ब्रेंडे ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को विशेष रूप से स्विटजरलैंड के दावोस क्लारेस्टर्स में वर्ल्ड इकानामिक फोरम की 22 से 25 जनवरी को होने वाली 49वीं वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया है। ग्लोबल एजेंडा तय करने के लिये यह बैठक महत्वपूर्ण है। बैठक में शामिल हो रहे प्रतिभागी मध्यप्रदेश में होने वाले सुधारों और दृष्टिकोण से परिचित होंगे।
श्री ब्रेंडे ने आशा व्यक्त की है कि श्री कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अप्रत्याशित रूप से प्रगति और समृद्धि हासिल करेगा। उन्होंने मध्यप्रदेश के सतत और समावेशी विकास की सोच को जमीन पर उतारने में नई भूमिका में सफल होने कामना की है।
सार्वजनिक- निजी क्षेत्र की परस्पर साझेदारी को प्रोत्साहित करने वाली अतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में वर्ल्ड इकानामिक फोरम की प्रदेश के साथ साझेदारी लाभदायी होगी। राज्य की विकास संभावनाओं को पूरा करने में राज्य का सहयोग मिलेगा।
गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 54 अंक नीचे
18 January 2019
मुंबई। पूरे हफ्ते के उतार-चढ़ाव के बाद सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में गिरावट नजर आई है। खबर लिखे जाने तक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 63 अंकों की तेजी के साथ 36,314 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 कंपनियों के शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 20 अंकों की गिरावट के साथ 10,885 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
बीएसई पर रिलायंस के शेयर में 1.43 फीसद, एनटीपीसी के शेयर में 0.62 फीसद, ओएनजीसी के शेयर में 0.72 फीसद, टाटा स्टील के शेयर में 0.71 फीसद पावरग्रिड के शेयर में 0.62 फीसद की तेजी देखी गई। वहीं, सन फार्मा के शेयर में 9.63 फीसद, एक्सिस बैंक में 0.62 फीसद, यस बैंक में 1.51 फीसद, भारती एयरटेल में 0.69 फीसद, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 0.58 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।
EXIM बैंक में 6,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी सरकार, अधिकृत पूंजी होगी दोगुनी
17 January 2019
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) में 6,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बैंक को यह पूंजीगत मदद दो सालों के दौरान दी जाएगी।
बैंक के पूंजी कोष में हुए इजाफे से निर्यात को वित्त प्रदान करने की बैंक की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'एक्जिम बैंक में मार्च से पहले 4,500 करोड़ रुपये डाले जाएंगे और 1,500 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में डाले जाएंगे।'
गोयल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने एक्जिम बैंक की अधिकृत पूंजी को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दे दी है। भारतीय निर्यात-आयात बैंक में नई पूंजी लगाने के लिए भारत सरकार 6,000 करोड़ रुपये के पुनर्पूंजीकरण बांड जारी करेगी।
उन्होंने कहा कि भारत के कपड़ा उद्योग में निर्यात की बहुत बड़ी संभावना है और इस कदम से एक्जिम बैंक के कर्ज देने की क्षमता में पर्याप्त इजाफा होगा, जिससे वह कपड़ा निर्यातकों को बेहतर मदद करने में सक्षम होगा। गोयल ने यह भी कहा कि एक्जिम बैंक को मजबूती प्रदान करने से देश के रणनीतिक हितों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि 2017 में सरकार ने बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की थी। सरकार की तरफ से दी जाने वाली पूंजीगत सहायता 20 सरकारी बैंकों को मार्च 2019 तक दी जानी है ताकि वह वैश्विक मानकों के मुताबिक नियामकीय पूंजी के स्तर को पूरा कर सकें। इसमें से 58,000 करोड़ रुपये की राशि बैंकों को वित्तीय बाजार से जुटानी थी, लेकिन बैंक ऐसा करने में नाकाम रहे हैं। इसलिए सरकार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अतिरिक्त खर्च की मंजूरी लेनी पड़ी। अतिरिक्त रकम जुटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक ने ओला में लगाए 150 करोड़ रुपये
15 January 2019
नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने ओला में करीब 150 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सूत्रों के मुताबिक बंसल ओला में कुल 650 करोड़ रुपये लगाने वाले हैं।
150 करोड़ रुपये का यह निवेश उसी योजना का एक हिस्सा है। पिछले वर्ष अमेरिकी रिटेल कंपनी वालमार्ट ने 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी।
यह सौदा तय होने के बाद बंसल ने फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलने का फैसला किया था। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में दाखिल दस्तावेज के मुताबिक बंसल के निवेश संबंधी प्रस्ताव को एएनआइ टेक्नोलॉजीज के बोर्ड ने 12 जनवरी को हुई बैठक में मंजूरी दी।
एएनआइ टेक्नोलॉजीज मोबाइल एप आधारित टैक्सी सेवा कंपनी ओला का संचालन करती है। इस निवेश की पुष्टि के लिए ओला और बंसल को भेजे गए ई-मेल का हालांकि कोई जवाब नहीं मिला।
मिंत्रा-जेबोंग के सीईओ ने दिया इस्तीफा
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मिंत्रा और जेबोंग के सीईओ अनंत नारायणन ने इस्तीफा दे दिया। मिंत्रा ने एक बयान में कहा कि अमर नगरम को मिंत्रा और जेबोंग का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
वह फ्लिपकार्ट के ग्रुप सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति को रिपोर्ट करेंगे। मिंत्रा और जेबोंग फ्लिपकार्ट की सहायक कंपनी है। फ्लिपकार्ट के तत्कालीन सीईओ बिन्नी बंसल के इस्तीफा देने के बाद ई-कॉमर्स समूह में एक नई रिपोर्टिंग संरचना तैयार की गई थी।
नई संरचना में मिंत्रा और जेबोंग को फ्लिपकार्ट के तहत लाया गया था, जिसमें नारायणन से कृष्णमूर्ति को रिपोर्ट करने को कहा गया था। इसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि नारायणन इस्तीफा दे देंगे।
खबरों के मुताबिक नारायणन कंटेंट स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म हॉटस्टार से जुड़ रहे हैं, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।
मिंत्रा ने सोमवार को कहा कि मिंत्रा और जेबोंग को प्रमुख फैशन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने में नारायणन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
GST : ग्राहकों से जीएसटी नहीं वसूल सकेंगे कंपोजिशन डीलर
14 January 2019
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत व्यापारी अपने ग्राहकों से अब टैक्स नहीं वसूल सकेंगे। राजस्व विभाग एक योजना बना रहा है, जिसके तहत कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत कारोबारियों को अपने बिल पर जीएसटी पंजीकरण का स्टेटस दिखाना ही होगा।
इससे वे ग्राहकों से जीएसटी के मद में कोई रकम नहीं ले सकेंगे। विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत कारोबारियों के लिए नियम यह है कि वे ग्राहकों से जीएसटी नहीं ले सकते।
लेकिन ज्यादातर ग्राहकों को यह पता नहीं होने के चलते कारोबारी इसका बेजा फायदा उठाते हैं। विभाग का कहना है कि कंपोजिशन स्कीम के व्यापारी अक्सर ग्राहकों से जीएसटी वसूल कर लेते हैं। इतना ही नहीं, वे विभाग में यह राशि जमा भी नहीं कराते।
विभाग ग्राहकों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाने की योजना बना रहा है। कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत कारोबारियों और उत्पादकों को यह छूट मिली हुई है कि वे जीएसटी की पांच, 12 और 18 फीसद कैटेगरी वाली वस्तुओं पर सिर्फ एक फीसद जीएसटी अदा करें।
लेकिन यह एक फीसद भी वे अपने ग्राहकों से नहीं ले सकते। अधिकारी का कहना था कि अभियान के तहत विभाग अधिक से अधिक ग्राहकों को यह जानकारी देने की कोशिश करेगा कि कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत डीलर से खरीदारी के वक्त वे जीएसटी का भुगतान नहीं करें।
गौरतलब है कि सालाना एक करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारी या मैन्यूफैक्चरर कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकरण करा सकते हैं। पिछले सप्ताह गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस वर्ष पहली अप्रैल से एक करोड़ रुपये की यह सीमा बढ़कर डेढ़ करोड़ रुपये हो जाएगी।
राज्यों के घटे जीएसटी राजस्व पर मंत्रिसमूह करेगा विचार
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद कई राज्यों के राजस्व में जो कमी आई है, उसे दुरुस्त करने के उपाय सात सदस्यीय समिति सुझाएगी। जीएसटी काउंसिल की एक सूचना में कहा गया है कि बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी इस समिति का नेतृत्व करेंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने राज्यों के राजस्व संग्रह में कमी के कारणों के विश्लेषण और राजस्व बढ़ाने के उपायों पर विचार के लिए एक समिति के गठन का फैसला किया था।
जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, गोवा, बिहार, गुजरात और दिल्ली के राजस्व संग्रह में कमी आई है। केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में राजस्व में सबसे ज्यादा 43 फीसद की कमी पुदुच्चेरी में आई है।
Gold Price: सोने की तेजी पर लगा ब्रेक, चांदी में भी हुई गिरावट
12 January 2019
नई दिल्ली। स्थानीय ज्वेलरों के बीच मांग सुस्त रहने के कारण सोने में चार दिनों से जारी तेजी पर शुक्रवार को ब्रेक लग गया। ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के सराफा बाजार में सोना 40 रुपये कमजोर होकर 33,030 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से खरीदारी घटने के कारण चांदी भी 60 रुपये कमजोर होकर 40,450 रुपये प्रति किलो की रह गई। सराफा कारोबारियों ने कहा कि स्थानीय ज्वेलरों के बीच मांग कम रहने और विदेश के नकारात्मक रुझानों से सोने में कमजोरी रही।
न्यूयॉर्क में सोना 1,294.06 डॉलर प्रति औंस (28.35 ग्राम) पर कारोबार करते देखा गया। चांदी का भाव 15.74 डॉलर प्रति औंस पर बरकरार रहा। राष्ट्रीय राजधानी में 99.9 फीसद खरा सोना 40 रुपये सस्ता होकर 33,030 रुपये प्रति 10 ग्राम का और 99.5 फीसद खरा सोना भी इतना ही कमजोर होकर 32,880 रुपये प्रति 10 ग्राम का रह गया।
इससे पहले के चार सत्रों में सोना 570 रुपये महंगा हुआ था। आठ ग्राम सोने की गिन्नी 25,300 रुपये प्रत्येक के भाव पर स्थिर रही। चांदी हाजिर 60 रुपये कमजोर होकर 40,450 रुपये प्रति किलो की रह गई, जबकि वीकली डिलीवरी 66 रुपये चढ़कर 39,766 रुपये प्रति किलो की हो गई। चांदी के सिक्कों की कीमत प्रति सैकड़ा 1,000 रुपये घटकर 77,000 रुपये खरीद और 78,000 रुपये बिक्री के स्तर पर आ गई।
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन तेजी के साथ खुला बाजार
11 January 2019
मुंबई। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुले हैं। हालांकि, खुलते ही यह फिसलने लगे और खबर लिखे जाने तक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स महज 16 अंकों की तेजी के साथ 36122 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी सपाट होकर 10824 के स्तर पर नजर आया।
गुरुवार के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। दिन का कारोबार खत्म होने पर सेंसेक्स 106 अंकों की गिरावट के साथ 36,106 पर और निफ्टी 33 अंकों की गिरावट के साथ 10,821 पर बंद हुए। शुक्रवार को निफ्टी 50 में शुमार 50 शेयर्स में से 33 हरे निशान जबकि 17 लाल निशान में कारोबार करते पाए गए।
सुबह करीब 9:40 बजे सेंसेक्स पर सन फार्मा, आईटीसी, ओएनजीसी, एचडीएफसी, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस, एशियन पेंट, टाटा स्टील, एनटीपीसी, बजाज फाइनैंस, कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज ऑटो, इन्फोसिस, हीरो मोटो कॉर्प, कोटक बैंक और एक्सिस बैंक के शेयर हरे निशान में थे, जबकि पावर ग्रिड, एसबीआई, इंड्सइंड बैंक, मारुति, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एलटी, एम&एम, एचसीएल टेक, टीसीएस और भारती एयरटेल के शेयरों में गिरावट आई।
निफ्टी पर एचडीएफसी, आईटीसी, ओएनजीसी, हिंडाल्को, बीपीसीएल, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, टीसीएस, इन्फ्राटेल, एलटी के शेयर टॉप लूजर्स की श्रेणी में थे।
महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल, तीन दिनों के बाद आज इतने बढ़े दाम
10 January 2019
नई दिल्ली। पिछले तीन दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम यथावत रहने के बाद गुरुवार को इसके दामों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। आज राजधानी दिल्ली में जहां पेट्रोल 38 पैसे महंगा हुआ है वहीं डीजल के दाम 29 पैसे बढ़े हैं। इसके बाद दिल्ली में पेट्रोल के दाम 62.88 रुपए लीटर हो गए हैं वहीं डीजल 62.58 रुपए लीटर मिल रहा है।
वहीं मुंबई में पेट्रोल 74.53 रुपए लीटर मिल रहा है जबकि डीजल 65.43 रुपए लीटर मिल रहा है। चेन्नई की बात करें तो यहां पेट्रोल की कीमत 71.47 रुपए प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 66.01 रुपए लीटर पहुंच गई है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पेट्रोल के दाम आज 71.01 रुपए लीटर है जबकि डीजल 64.30 रुपए लीटर मिल रहा है।
इससे पहले पिछले तीन दिनों तक तेल के दामों में कोईं बदलाव नहीं हुआ था। राजधानी में पेट्रोल 68.50 रुपए लीटर मिल रहा था वहीं डीजल 62.24 रुपए लीटर मिल रहा था। वहीं मुंबई में पेट्रोल 74.16 रुपए लीटर मिल रहा था वहीं डीजल 65.12 रुपए लीटर थी। कोलकाता की बात करें तो यहां पेट्रोल 70.64 रुपए लीटर थी जबकि डीजल 64.01 रुपए लीटर मिल रहा था। चेन्नई में पेट्रोल के दाम 71.07 रुपए लीटर रहे थे जबकि डीजल की कीमत 65.70 रुपए प्रति लीटर थे।
बता दें कि 2018 का साल पेट्रोल और डीजल की कीमतों के लिहाज से काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। जहां साल के बीच में पेट्रोल के दाम अपने चरम पर थे वहीं साल खत्म होते-होते सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए। चार अक्टूबर को पेट्रोल दिल्ली में 84 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 91.34 रुपए प्रति लीटर के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इस दौरान दिल्ली में डीजल 75.45 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 80.10 रुपए लीटर के उच्चतम स्तर पर था।
आरकॉम, जियो खुद सुलझाएं बकाए का मुद्दा : सुप्रीम कोर्ट
8 January 2019
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस जियो से कहा कि वे दूरसंचार विभाग (डीओटी) को पिछली देनदारी के निपटारे पर 11 जनवरी तक फैसला कर लें। दोनों कंपनियां डीओटी से अपने स्पेक्ट्रम सौदे को मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही हैं।
अदालत ने रिलांयस जियो से यह अंडरटेकिंग देने के लिए भी कहा कि वह स्पेक्ट्रम कारोबार से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन करेगी। इस पर कंपनी ने कहा कि पिछले बकाए से संबंधित समस्याओं के बारे में जानते हुए वह इसका जोखिम नहीं ले सकती है।
न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और विनीत शरण की पीठ ने कहा कि आप दोनों (आरकॉम और रिलायंस जियो) एक साथ बैठकर खुद ही 11 जनवरी तक मुद्दा सुलझा लें। शीर्ष अदालत आरकॉम की अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जियो के साथ उसके स्पेक्ट्रम सौदे को मंजूरी देने के लिए डीओटी ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) नहीं दिया है, जबकि अदालत ने उसे ऐसा करने के लिए निर्देश दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 30 नवंबर को डीओटी को निर्देश दिया था कि वह रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम बेचने के लिए आरकॉम को एनओसी दे। इसके साथ हालांकि अदालत ने यह शर्त रखी थी कि उसकी एक सहायक कंपनी दो दिसंबर 2018 तक सरकार के हक में 1,400 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देगी।
60 लाख तक टर्नओवर पर 5,000 रुपये जीएसटी की अनुशंसा
7 January 2019
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक से पहले वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता वाले एक मंत्रिसमूह (जीओएम) ने रविवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण अनुशंसाएं कीं। इसके साथ ही बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाले एक अन्य मंत्रिसमूह ने एक बैठक में केरल को दो साल तक एक फीसद प्राकृतिक आपदा सेस लगाने की अनुमति का सुझाव दिया।
दोनों मंत्रिसमूहों की बैठक के बाद सुशील मोदी ने कहा कि सामानों की आपूर्ति करने वाले एमएसएमई के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) छूट की सीमा को बढ़ाने पर जीओएम में सहमति थी। लेकिन राज्यों के बीच इस पर सहमति नहीं थी, इसलिए इस मुद्दे को जीएसटी काउंसिल पर छोड़ दिया गया। अभी 20 लाख रुपये सालाना कारोबार वाली कंपनियों पर जीएसटी नहीं लगता है।
दिल्ली ने छूट की सीमा को बढ़ाकर 40 लाख, जबकि बिहार ने इसे 50 लाख रुपये तक बढ़ाने का सुझाव दिया। इसके अलावा जीओएम ने 50-60 लाख रुपये सालाना टर्नओवर वाले एमएसएमई पर 5,000 रुपये जीएसटी लगाने और 60-75 लाख रुपये टर्नओवर पर 10-15 हजार रुपये जीएसटी लगाने की अनुशंसा की।
मोदी ने कहा कि जीएसटी से पहले वाली उत्पाद शुल्क व्यवस्था में डेढ़ करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर छूट मिली हुई थी। इसलिए जीएसटी प्रणाली में भी ऐसे उद्यमों को राहत देने की जरूरत महसूस की जा रही है। जीएसटी काउंसिल गुरुवार को होने वाली बैठक में जीओएम की सिफारिशों पर फैसला लेगा। शुक्ला की अध्यक्षता वाले जीओएम ने कंपोजीशन स्कीम के लिए भी सालाना टर्नओवर की सीमा वर्तमान एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की।
जीओएम ने यह विचार भी रखा कि कंपोजीशन स्कीम के तहत डीलर को सालाना आधार पर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा दी जाए। अभी ये डीलर हर तिमाही रिटर्न दाखिल करते हैं और टैक्स जमा करते हैं। जीओएम ने 50 लाख रुपये सालाना कारोबार वाली सेवा प्रदाता कंपनियों को भी कंपोजिशन स्कीम में लाने और उस पर पांच फीसद का जीएसटी लगाने की सिफारिश की।
जीओएम ने यह भी सुझाव दिया कि 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी नेटवर्क से मुफ्त अकाउंटिंग और बिलिंग सॉफ्टवेयर मिलना चाहिए। उधर, सुशील मोदी की अध्यक्षता वाले जीओएम की यह सिफारिश थी कि एक फीसद सेस के लिए वस्तु और सेवा चुनने का अधिकार केरल को ही दिया जाए।
मोदी ने यह भी कहा कि यदि कोई अन्य राज्य प्राकृतिक आपदा सेस लगाना चाहता है, तो उसे जीएसटी काउंसिल से अनुमति लेनी चाहिए। यह भी सुझाव दिया गया कि प्राकृतिक आपदा प्रभावित राज्यों को निर्धारित सीमा से अधिक कर्ज लेने की अनुमति दी जाए। हालांकि यह फैसला केंद्र और राज्य मिलकर करे।
आज भी घटे देश में पेट्रोल और डीजल के दाम, जानिए ताजा अपडेट
5 January 2019
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट नए साल में भी जारी है। साल के पहले दिन के बाद शुक्रवार को एक बार फिर से कीमतों में कटौती शुरू हुई है जो शनिवार को भी जारी रही। इसके साथ ही राजधानी दिल्ली में पेट्रोल जहां 15 पैसे सस्ता हुआ है वहीं डीजल 18 पैसे सस्ता हुआ है।
आज की कटौती के बाद दिल्ली में जहां पेट्रोल 68.29 रुपए लीटर मिल रहा है वहीं डीजल 62.26 रुपए लीटर मिल रहा है। इसी तरह मुंबई में पेट्रोल 15 पैसे की कटौती के बाद जहां 73.95 रुपए लीटर मिल रहा है वहीं डीजल के दाम 20 की कटौती के बाद 65.15 रुपए लीटर हैं। कोलकाता की बात करें तो यहां पेट्रोल 70.43 रुपए लीटर है जबकि डीजल 64.03 रुपए लीटर मिल रहा है। चेन्नई में पेट्रोल के दाम 70.85 रुपए लीटर हैं जबकि डीजल की कीमत 65.72 रुपए प्रति लीटर है।
बता दें कि 2018 का साल पेट्रोल और डीजल की कीमतों के लिहाज से काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। जहां साल के बीच में पेट्रोल के दाम अपने चरम पर थे वहीं साल खत्म होते-होते सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए। चार अक्टूबर को पेट्रोल दिल्ली में 84 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 91.34 रुपए प्रति लीटर के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इस दौरान दिल्ली में डीजल 75.45 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 80.10 रुपए लीटर के उच्चतम स्तर पर था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं। लीबिया में कच्चे तेल का उत्पादन तेजी से बढ़ गया है इसीलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम 40 फीसद तक कम हो गए हैं। अक्टूर में कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल था, जो कि अब 55 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अभी कच्चे तेल के दाम और कम हो सकते हैं, जिसका फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा।
दुनिया के शेयर बाजारों में उथल-पुथल से वैश्विक मंदी की आहट
4 January 2019
आर्थिक चक्र में बदलाव की भविष्यवाणी करना हमेशा जोखिम भरा होता है। यहां तक कि अपनी भविष्यवाणियों के बारे में मंझे हुए अर्थशास्त्री भी गलत साबित हुए हैं। किसी विशेष भूकंपीय क्षेत्र में भूकंप की भविष्यवाणी करने की तुलना में इस तरह का अभ्यास करना मुश्किल है। हालांकि आर्थिक आंकड़ों के आधार पर इसका आकलन जरूर किया जा सकता है कि वैश्विक मंदी का खतरा कितना प्रमाणिक है। अभी तक वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दायरे से पूरी तरह बाहर नहीं आ पाई है।
इसी दरम्यान अमेरिका के एसएंडपी 500 में उच्चतम स्तर से आई भारी गिरावट ने वैश्विक मंदी आने की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। यह गिरावट सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित नहीं है बल्कि आंकड़े बताते हैं कि चीन की विकास दर में भी गिरावट आ सकती है। जापान और यूरोप में भी आर्थिक सुस्ती के लक्षण दिख रहे हैं। यूरो जोन में जर्मनी की स्थिति ज्यादा नाजुक है। शोध एजेंसी एनबीईआर के अनुसार अमेरिका में सबसे लंबे समय तक व्यापार चक्र का विस्तार मार्च 1991 से मार्च 2001 तक एक दशक चला। इसके बाद जून 2009 में शुरू हुआ वर्तमान विस्तार दूसरी सबसे लंबी अवधि का है। लेकिन यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यह व्यापार चक्र आखिर कितने समय तक चलेगा ?
चीन ने आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए गत 21 दिसम्बर को राजकोषीय प्रोत्साहन कार्यक्रम की घोषणा की है। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए पूंजी प्रवाह में वृद्धि को कारगर हथियार माना जाता है। इसी के तहत चीन में बैंकों की सेहत को सुधारने के लिए उन्हें पूंजी मुहैया कराई जाएगी ताकि वह ज्यादा कर्ज बांट सकें। इस साल अप्रैल के बाद से चीन का कैक्सिन विनिर्माण सूचकांक नवम्बर 51 के स्तर से नीचे आ गया जो समग्र विनिर्माण गतिविधियों में मंदी का संकेत है।
व्यापार वृद्धि सूचकांक में भी मई 2018 के बाद से लगातार गिरावट देखी जा रही है। मई में 51.9 की तुलना में यह नवम्बर में आंकड़ा 50 पर लुढ़क गया। ब्लूमबर्ग के एक अध्ययन में अर्थशास्त्रियों ने चीन में अगले वर्ष मंदी की 15 फीसद आशंका का अनुमान जताया है। वैश्विक आर्थिक विकास में चीन सबसे अधिक योगदान देता है लेकिन यहां कर्ज का अनुपात सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 265 फीसद है। यह आंकड़ा इसके आर्थिक संकट का साफ संकेत दे रहा है।
यदि विश्व की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के आर्थिक आंकड़ों पर गौर करें तो यह खतरे की घंटी की ओर इशारा कर रहे हैं। यद्यपि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट इसकी आपूर्ति में जोरदार वृद्धि को दर्शा रही है लेकिन इसकी मांग में कमी को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने वर्ष 2019 में तेल की मांग 14 लाख बैरल प्रतिदिन की वृद्धि का अनुमान लगाया है। पहले यह अनुमान 13 लाख बैरल प्रतिदिन का था। अमेरिका का विनिर्माण सूचकांक अप्रैल में 56.5 की तुलना में नवम्बर में 53.9 पर फिसल गया जो देश की आर्थिक विकास दर में गिरावट का संकेत देता है।
इसके लिए अमेरिकी सरकार की नीतियां दोषी हैं। इनमें चीन के साथ व्यापार युद्ध आर्थिक वृद्धि के लिए घातक साबित हो सकता है। यदि यह युद्ध तेज होता है तो इससे चीन की अर्थव्यवस्था में और गिरावट आएगी जिसका विशेषकर एशियाई देशों पर भी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इस संकट से उबरने के लिए चीन प्रतिस्पर्धी रुख अपना सकता है। इस स्थिति में चीन अमेरिकी कोषागार की अपनी हिस्सेदारी बेचकर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व वर्ष 2009 से वित्तीय प्रणाली में तरलता यानी पूंजी की मौजूदगी को बढ़ा रहा है। फेड का मानना है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है। इसके तहत वह अपने कोष में 50 अरब डालर प्रतिमाह तरलता को जमा कर रहा है। हाल ही में फेड रिजर्व ने कहा है कि वह इस प्रक्रिया को आगे भी जारी रखेगा। अर्थव्यवस्था में सुधार का यह उपाय नीतिगत ब्याज दरों में सख्ती के अलावा है। दरअसल, अमेरिकी बांड की यील्ड में बड़ी गिरावट आर्थिक सुस्ती का संकेत दे रही है लेकिन अभी 10 साल के बांड की यील्ड दो साल की तुलना में 13.5 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है।
पिछली दो मंदियों के दौरान स्थिति को काबू करने के लिए नीतिगत दरों में सख्ती की गई थी। वर्तमान में अमेरिकी ब्याज दरें तटस्थ दर के निचले स्तर पर हैं। वित्तीय तरलता के प्रणाली से बाहर जाने और अन्य बुनियादी कारकों के बिगड़ने से आर्थिक स्थिति खराब होने की आशंकाएं बढ़ रही हैं। यहां सीबीओई वीआईएक्स यानी ‘भय सूचकांक’ 28 तक बढ़ गया है। भारत में यह सूचकांक पिछले कुछ महीनों में दोगुना हो गया है। वर्ष 2018 की शुरुआत की तुलना में इसमें लगभग 300 फीसद की वृद्धि हुई है।
उधर यूरो जोन की चिंताओं की बात करें तो यहां जर्मनी की स्थिति ज्यादा नाजुक है। तीसरी तिमाही में इसकी आर्थिक वृद्धि 1.1 फीसद रही है। इसका सेवा एवं विनिर्माण क्षेत्र का कंपोजिट पीएमआई चार साल के निचले स्तर पर आ गया है। यदि जापान की बात करें तो यहां के केंद्रीय बैंक ने देश की अर्थव्यवस्था के जोखिम पर प्रकाश डालते हुए वित्तीय तरलता बढ़ाने के संकेत दिए हैं। हाल ही के एक सर्वे में जापान की अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं। पिछली तिमाही में जापान की आर्थिक वृद्धि दर ऋणात्मक 0.6 फीसद रही है। बैंक ऑफ जापान ने साफ संकेत दिए हैं कि बैंकों की ब्याज दरों में कटौती, परिसंपत्तियों की खरीद में वृद्धि और मुद्रा प्रवाह में तेजी लाने की जरूरत है।
आईएमएफ के अनुसार भारत उन कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से है जहां विकास दर बेहतर है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की विकास दर 7.4 फीसद रहने का अनुमान जारी किया है जो एक मजबूत आंकड़ा है। यहां विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल स्थिर पूंजी निर्माण में 12.5 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई है यह लगातार तीसरा मौका है जब यह वृद्धि दर दोहरे अंक में रही है। अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है तो शेयर बाजार में गिरावट आना स्वाभाविक है।
हालांकि विश्लेषण से साफ जाहिर होता है कि जब हम विकास की संभावनाओं में मंदी का अनुभव कर रहे हैं तब तक मंदी का दौर नहीं है। वित्तीय तरलता की निकासी और विकास की संभावनाओं में मंदी का आशय है कि शेयर बाजार में कम मूल्यांकन को समायोजित करने की जरूरत है। इसके अलावा समायोजन नीतियों के कारण शेयरों का रिटर्न कम रहा है। ऐसे में आने वाले महीनों में पोर्टफोलियो के लिए स्टाक का चयन ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगा।
बहरहाल, हमें आने वाले महीनों में विशेष रूप से चीन के आर्थिक आंकड़ों पर पैनी नजर रखने की जरूरत है। मौजूदा परिदृश्य में वर्ष 2019 में ड्रैगन की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आ सकती है। ऐसे में वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में वैश्विक मंदी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
पेट्रोल डीजल के दामों का आज यह है हाल, जानिए क्या हुआ बदलाव
3 January 2019
नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती के बाद पिछले दो दिनों से स्थिति एक सी बनी हुई है। 2018 का साल पेट्रोल और डीजल की कीमतों के लिहाज से काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। जहां साल के बीच में पेट्रोल के दाम अपने चरम पर थे वहीं साल खत्म होते-होते सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए।
हालांकि, नए साल के दूसरे दिन इसके दामों में कोई बदलाव नहीं आया। मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई कटौती गुरुवार को भी यथावत रही और बुधवार की तरह आज भी इसमें कोई बदलाव नहीं हुए।
इसके बाद दिल्ली में जहां पेट्रोल 68.55 रुपए लीटर मिल रहा है वहीं डीजल 62.66 रुपए लीटर मिल रहा है। इसी तरह मुंबई में पेट्रोल जहां 74.30 रुपए लीटर मिल रहा है वहीं डीजल के दाम 65.56 रुपए लीटर हैं। कोलकाता की बात करें तो यहां पेट्रोल 70.78 रुपए लीटर है जबकि डीजल 64.42 रुपए लीटर मिल रहा है। चेन्नई में पेट्रोल के दाम 71.22 रुपए लीटर हैं जबकि डीजल की कीमत 66.14 रुपए प्रति लीटर है।
इससे पहले सोमवार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 68.84 रुपए प्रति लीटर थी जबकि डीजल 62.86 रुपए प्रति लीटर में बिक रहा था।
बता दें कि चार अक्टूबर को पेट्रोल दिल्ली में 84 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 91.34 रुपए प्रति लीटर के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इस दौरान दिल्ली में डीजल 75.45 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 80.10 रुपए लीटर के उच्चतम स्तर पर था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं। लीबिया में कच्चे तेल का उत्पादन तेजी से बढ़ गया है इसीलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम 40 फीसद तक कम हो गए हैं। अक्टूर में कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल था, जो कि अब 55 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अभी कच्चे तेल के दाम और कम हो सकते हैं, जिसका फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा।
झटकों के बावजूद तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था बना रहा भारत
2 January 2019
नई दिल्ली। पिछले साल कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी और व्यापार युद्ध जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेज विकास वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनी रही। देश की विकास दर में हालांकि इस दौरान काफी उतार-चढ़ाव भी देखा गया, लेकिन यह सात फीसद से ऊपर बनी रही।
जनवरी-मार्च तिमाही में देश की विकास दर 7.7 फीसद रही, उसके बाद अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 8.2 फीसद और जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 7.1 फीसद रही। इस बीच ब्याज बढ़ने और नकदी की उपलब्धता घटने के कारण फिच रेटिंग ने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर के अपने अनुमान को 7.8 फीसद से घटाकर 7.2 फीसद कर दिया।
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार के मुताबिक नए साल में सरकार का ध्यान विकास दर में तेजी लाने के लिए सुधार की गति को तेज करने पर रहेगा। नए साल में भारत की विकास दर 7.8 फीसद रहेगी। इस दौरान निवेश में और तेजी आएगी और निजी निवेश बढ़ेगा। विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि विकास दर में गिरावट को देखते हुए सरकार अगले आम चुनाव से पहले खर्च बढ़ाने को बाध्य हो सकती है और इसके कारण वित्तीय स्थिति दबाव में आ सकती है।
तेल कीमत में अचानक बढ़ोतरी (जिसमें अब काफी गिरावट आई है), डॉलर में मजबूती, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में गिरावट और सालभर में ही फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) द्वारा चार बार ब्याज दर बढ़ाने का नकारात्मक असर 2018 में भारत की अर्थव्यवस्था पर रहा।
गत वर्ष बैंकिंग सेक्टर सुर्खियों में रहा। साल के शुरू में सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया। 14 फरवरी को पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि उसे 11,400 करोड़ रुपए के एक घोटाले का पता चला है। इस घोटाले में अरबपति ज्वेलर नीरव मोदी की संलिप्तता थी।
गत साल 77,417 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड विनिवेश
सरकार ने गत साल सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश कर रिकॉर्ड 77,417 करोड़ रुपए कमाए। इस दौरान सरकार ने विनिवेश लक्ष्य हासिल करने के लिए कंपनियों के विलय का एक नया तरीका भी अपनाया। सरकार के विनिवेश कार्यक्रमों में प्रमुखता से शामिल रहे एचपीसीएल का ओएनजीसी द्वारा अधिग्रहण, सीपीएसई ईटीएफ, भारत-22 ईटीएफ और कोल इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री। इसके अलावा छह प्रारंभिक पब्लिक ऑफर (आइपीओ) भी लाए गए। इस बीच एयर इंडिया की 74 फीसद हिस्सेदारी बेचने की सरकार की योजना परवान नहीं चढ़ पाई।
मौजूदा वित्त वर्ष में एक लाख से ज्यादा मुखौटा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद
29 December 2018
नई दिल्ली। सरकार ने बताया है कि चालू वित्त वर्ष में एक लाख से ज्यादा कंपनियों का पंजीकरण रद किया गया। ये कंपनियां लंबे अरसे से कोई कारोबार नहीं कर रही थीं। इन पर मुखौटा कंपनी होने का संदेह था। कंपनी मामलों का मंत्रालय अवैध रूप से फंड के प्रवाह को रोकने के लिए उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, जिनके मुखौटा कंपनी होने का संदेह है।
कंपनीज एक्ट 2013 के तहत अगर किसी कंपनी ने लगातार दो वर्षों में कोई कार्रवाई नहीं किया और निष्क्रिय कंपनी का दर्जा पाने के लिए आवेदन नहीं किया तो उनका पंजीकरण रद किया जा सकता है। कंपनी मामलों के राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने लोक सभा में जानकारी दी कि 31 दिसंतबर 2017 तक 2.26 लाख कंपनियों को रजिस्टर ऑफ कंपनी से हटाया गया था। उन्होंने लिखित जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कंपनीज एक्ट के सेक्शन 248 के तहत कार्रवाई के लिए 225,910 कंपनियों की पहचान की गई।
कानून के तहत प्रक्रिया पूरी करके 100,150 कंपनियों का पंजीकरण रद किया गया। कंपनियों का पंजीकरण रद करने की निरंतर प्रक्रिया है। सेक्शन 248 के तहत उन कंपनियों का पंजीकरण रद करने का प्रावधान है जो लंबे अरसे से कोई कारोबार नहीं कर रही हैं।
एक अन्य लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) फंसे कर्ज यानी एनपीए से संबंधित आंकड़े अपने पास एकत्रित नहीं करता है। हालांकि इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीआई) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एनसीएलटी ने इस साल 31 अक्टूबर तक 65 कर्जदार कंपनियों के विरुद्ध समाधान आदेश जारी किए गए। इससे लेनदार 60,290 करोड़ रुपये वसूलने में सफल हुए।
इस साल 30 नवंबर तक एनसीएलटी में कुल 40,712 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 26,290 मामलों का ट्रिब्यूनल द्वारा निस्तारण किया गया।
शेयर बाजार में नजर आई तेजी, सेंसेक्स 300 अंक ऊपर
28 December 2018
मुंबई। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी नजर आई है। शुक्रवार को प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 344 अंकों की तेजी के साथ 36151 पर कारोबार करते देखा गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों वाला निफ्टी 105 अंकों की तेजी के साथ 10,885 पर कारोबार करते देखा गया।
गुरुवार के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। दिन का कारोबार खत्म होने पर सेंसेक्स 157 अंकों की मजबूती के साथ 35,807 पर और निफ्टी 49 अंकों की तेजी के साथ 10,779 पर कारोबार कर बंद हुआ।
सुबह 9:30 बजे सेंसेक्स के 31 में से 29 शेयरों में लिवाली जबकि 2 शेयरों में बिकवाली देखी गई। वहीं निफ्टी के 50 शेयरों में से 45 हरे निशान और पांच लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे।
सेसेंक्स के तेजी वाले शेयरों में यस बैंक 1.82%, सन फार्मा 1.27%, एचडीएफसी 1.17%, टाटा मोटर्स डीवीआर 1.26%, वेदांता 1.15%, लार्सन ऐंड टुब्रो 1.07%, रहे। वहीं, निफ्टी पर मजबूत वाले शेयरों में यस बैंक (2.22%), सन फार्मा (1.50%), जेएसडब्ल्यू स्टील (1.30%), एचडीएफसी (1.28%), टाइटन (1.40%), टाटा मोटर्स (1.34%) शामिल हैं।
मजबूत विदेशी रुझान के बाद सोने ने लगाई 100 रुपए की छलांग
27 December 2018
नई दिल्ली। विदेशी बाजारों के मजबूत रुझानों के बीच स्थानीय ज्वेलरों में मांग बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी के सराफा बाजार में सोना बुधवार को 100 रुपये महंगा होकर 32,500 रुपये प्रति 10 ग्राम का हो गया। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की मांग खुलने से चांदी भी 125 रुपये महंगी होकर 38,125 रुपये प्रति किलो की हो गई।
सराफा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में रुझान मजबूत रहने और स्थानीय ज्वेलरों की मांग बढ़ने से सोने की कीमत बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूयार्क में सोना 0.31 फीसद चढ़कर 1,273.90 डॉलर प्रति औंस (28.35 ग्राम) का हो गया और चांदी भी 0.68 फीसद मजबूत होकर 14.94 डॉलर प्रति औंस की हो गई।
राष्ट्रीय राजधानी में 99.9 फीसद शुद्धता वाले सोने की कीमत 100 रुपये बढ़कर 32,500 रुपये प्रति 10 ग्राम और 99.5 फीसद शुद्धता वाले सोने की कीमत भी इतना ही बढ़कर 32,350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इससे पहले के दो सत्रों में सोना 300 रुपये मजबूत हुआ था।
आठ ग्राम सोने की गिन्नी हालांकि 25,000 रुपये प्रत्येक के पुराने भाव पर कायम रही। चांदी हाजिर 125 रुपये बढ़कर 38,125 रुपये प्रति किलो और वीकली डिलीवरी 140 रुपये मजबूत होकर 37,681 रुपये प्रति किलो की हो गई। चांदी के सिक्कों की कीमत प्रति सैकड़ा 74,000 रुपये खरीद और 75,000 रुपये बिक्री के पिछले दिन के स्तर पर बनी रही।
जल्द आने वाला है 20 रुपए का नया नोट, RBI के इन नोट में जानें क्या होगा खास
25 December 2018
नई दिल्ली। देश में नोटबंदी के बाद से ही रिजर्व बैंक एक के बाद एक नए नोट जारी कर रहा है। हाल ही में 100 रुपए का नया बैंगनी रंग का नोट जारी करने के बाद अब 20 रुपए का नया नोट जारी करने की तैयारी हो चुकी है। मीडिया में केंद्रीय बैंक के एक डॉक्यूमेंट के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार बाजार में पहले से मौजूद 20 के नोट के मुकाबले नए नोट में ज्याद फीचर्स होंगे।
बता दें कि केंद्रीय बैंक पहले से ही 10, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी कर चुका है। इनमें हालिया जो नोट जारी हुआ है वो 100 रुपए का है। कहा जा रहा है कि इसी की तरह 20 रुपए के नोट में भी कई नए फीचर्स होंगे और किसी ऐतिहासिक स्थल की तस्वीर होगी। हालांकि, इसे लेकर ज्यादा जानकारी फिलहाल सामने नहीं आ पाई है लेकिन दावा किया जा रहा है यह तस्वीर अजंता की गुफाओं की हो सकती है।
अन्य नोटों की ही तरह यह भी पुराने 20 रुपए के नोट की तरह आकार में छोटा होगा साथ ही इसका रंग क्या होगा यह जानकारी नहीं मिल पाई है।
रिजर्व बैंक के अनुसार मार्च 2016 तक भारतीय बाजार में 492 करोड़ के 20 रुपए के नोट चलन में थे जो मार्च 2018 तक दोगुना होकर 1000 करोड़ पर पहुंच गया था।
आयकर विभाग ने वालमार्ट सौदे में सचिन व बिन्नी बंसल की कमाई का ब्योरा मांगा
23 November 2018
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन और बिन्नी बंसल को पत्र भेजकर उनसे वालमार्ट सौदे में हुई कमाई का ब्योरा मांगा है और पूछा है कि वे कब तक अग्रिम कर का भुगतान करेंगे। आयकर कानून के मुताबिक चूंकि सचिन और बिन्नी बंसल भारतीय नागरिक हैं इसलिए फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचने से हुए संपत्ति लाभ पर उन्हें 20 फीसद कर देना होगा।
कर कानून के मुताबिक वालमार्ट सौदे में हुई आय पर फ्लिपकार्ट के दोनों संस्थापकों की ओर से सरकार को अग्रिम कर का भुगतान किया जाना है। 15 दिसंबर 2018 तक करीब 75 फीसद कर का भुगतान हो जाना चाहिए और शेष कर का भुगतान 15 मार्च 2019 तक होना है।
एक अधिकारी ने कहा कि वालमार्ट सौदे के अध्ययन के तहत इंटरनेशनल टैक्सेशन डिवीजन ने सचिन और बिन्नी बंसल को पत्र भेजा है और उनसे पूछा है कि उन्होंने असेसमेंट कहां कराया है और वे कर कहां दाखिल करेंगे। वे आयकर रिटर्न बेंगलुरु में दाखिल करते हैं, इसलिए वहां के असेसिंग अधिकारी उनके संपर्क में रहेंगे।
इस साल अगस्त में वालमार्ट ने 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट में 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी। उसने 44 शेयरधारकों की हिस्सेदारी खरीदी थी, जिनमें सॉफ्टबैंक, नैस्पर्स, एक्सेल पार्टनर्स और ईबे शामिल हैं। सचिन और बिन्नी बंसल ने भी अपनी हिस्सेदारी बेची थी।
फ्लिपकार्ट में 44 विदेशी शेयरधारकों की हिस्सेदारी के अधिग्रहण पर वालमार्ट ने पहले ही 7,439 करोड़ रुपये के कर का भुगतान कर दिया है। सचिन और बिन्नी बंसल का असेसमेंट हालांकि घरेलू कर कानून के मुताबिक अलग से होगा और उन्हें इस सौदे में हुई आय पर 20 फीसद कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। इस सौदे में सचिन बंसल ने अपनी समूची 5-6 फीसद हिस्सेदारी बेच दी थी, लेकिन बिन्नी बंसल ने अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचा था।
अगले महीने से बदल जाएंगे पैन कार्ड के नियम, जानें जरूरी बातें
22 November 2018
नई दिल्ली। कर चोरी रोकने के लिए आयकर विभाग ने पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) के लिए मिलने वाला आवेदन फॉर्म में कई बदलाव कर दिए हैं। पांच दिसंबर से होने वाले इन बदलावों के तहत सालभर में 2.5 लाख रुपए से अधिक का बिजनेस करने वाले सभी लोगों को पैन बनवाना जरूरी होगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अगले वित्तीय वर्ष में 31 मई से पहले हर उस व्यक्ति को पैन बनवा लेना चाहिए, जो सालाना 2.5 लाख रुपए से ऊपर का व्यापार करता है।
इंकम टैक्स रूल्स 1962 में किए गए नए संशोधनों के अनुसार, कोई व्यक्ति चाहें वह रेसिडेंट हो या व्यक्तिगत के अलावा कुछ और हो, यदि वह एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख या उससे अधिक का वित्तीय लेन-देन करता है और उसे 31 मई के पहले पैन नंबर नहीं मिला है, तो उसे तुरंत इस वित्तीय वर्ष में उसे पालन करना चाहिए।
नया आयकर नियम व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नहीं है, जो ऐसी संस्थाओं से जुड़े नहीं हैं।
नई आईटी विभाग अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि प्रबंध निदेशक, निदेशक, साझेदार, ट्रस्टी, लेखक, संस्थापक, कर्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी या ऐसी संस्थाओं के पदाधिकारी जैसे व्यक्तियों के पास यदि पैन कार्ड नहीं है, तो उनको अगले वित्तीय वर्ष में 31 मई के पहले पैन कार्ड के लिए आवेदन करना चाहिए।
अब रेसिडेंशिय इंटिटिजी को भी पैन नंबर हासिल करना होगा, भले ही कुल बिक्री या कारोबार एक वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपए से अधिक न हों। टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि इससे आयकर विभाग को वित्तीय लेनदेन को ट्रैक करने, कर आधार का दायरा बढ़ाने और कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी।
स्थानीय मांग घटने से सोने में दर्ज की गई 100 रुपए की गिरावट
21 November 2018
नई दिल्ली। स्थानीय ज्वेलरों के बीच मांग घटने से सोना मंगलवार को सराफा बाजार में 100 रुपये सस्ता होकर 32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का रह गया। सोने में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई है।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत बढ़ी है। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से कम उठाव के कारण चांदी की कीमत भी 200 रुपये घटकर 37,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई।
सराफा बाजार के कारोबारियों ने कहा कि स्थानीय ज्वेलरों और रिटेलरों के बीच मांग घटने से सोने का भाव गिरा है, लेकिन विदेशी बाजारों में कीमतें बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में गिरावट कम रही।
लंदन में सोना 0.09 फीसद चढ़कर 1,226 डॉलर प्रति औंस (28.35 ग्राम) का हो गया और चांदी भी 0.07 फीसद चढ़कर 14.50 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। दिल्ली में 99.9 फीसद और 99.5 फीसद शुद्धता वाले सोने का भाव 100 रुपये (प्रत्येक) घटकर क्रमशः 32,000 रुपये और 31,850 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।
आठ ग्राम सोने की गिन्नी का भाव 24,800 रुपये प्रत्येक पर बरकरार रहा। चांदी हाजिर का भाव 200 रुपये घटकर 37,900 रुपये प्रति किलो पर और साप्ताहिक डिलीवरी का भाव 251 रुपये घटकर 36,769 रुपये प्रति किलो पर आ गया।
इस वजह से SBI 30 नवंबर के बाद बंद कर सकता है इंटरनेट बैंकिंग सेवा
20 November 2018
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों से 30 नवंबर 2018 से पहले अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करने के लिए नोटिस जारी किया है। एसबीआई ने यह नोटिस उन ग्राहकों को दिया है जो फोन बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते हैं।
एसबीआई की कॉरपोरेट साइट ने एक बैनर जारी कर कहा है कि प्रिय इंटरनेट बैंकिंग यूजर्स, कृपया किसी भी एसबीआई शाखा में जाकर तुरंत अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करा लें, अगर आपने पहले से पंजीकृत करा लिया है तो ठीक है नहीं तो ऐसा नहीं करने पर आप 1 दिसंबर 2018 से इंटरनेट बैंकिंग सेवा का लाभ लेने से वंचित रह सकते हैं।
खबरों के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिशा-निर्देश जारी किया है कि सभी कमर्शियल बैंक अपने ग्राहकों से इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की जानकारी की खातिर अपना मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से रजिस्टर कराएं।
आरबीआई की ओर से जुलाई 2017 में जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, बैंक मोबाइल नंबर नहीं देने वाले ग्राहकों को एटीएम नकद निकासी के अलावा इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन जैसी सुविधाएं बंद कर दें।
उधर, एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, ग्राहक बैंक के साथ अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कराकर पहले की तरह बैंकिंग सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं। जिन ग्राहकों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं कराया है वो तुरंत बैंक जाकर या एटीएम के माध्यम से ऐसा करा सकते हैं।
शेयर बाजार में तेजी जारी, सेंसेक्स 317 अंक चढ़कर हुआ बंद
19 November 2018
मुंबई। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी जारी रही। दिनभर के उतार चढ़ाव के बाद प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 317 अंकों की बढ़त के साथ 35774 के स्तर पर बंद हुआ वहीं निफ्टी 87 अंकों की तेजी के साथ 10769 के स्तर पर बंद हुआ
सेक्टोरियल इंडेक्स का हाल
सेक्टोरियल इंडेक्स आज बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। निफ्टी ऑटो 0.61 फीसद की तेजी, निफ्टी फाइनेंस सर्विस 0.23 फीसद की तेजी, निफ्टी एफएमसीजी 0.29 फीसद की तेजी, निफ्टी आईटी 0.33 फीसद की तेजी, निफ्टी मेटल 0.45 फीसद की तेजी, निफ्टी फार्मा 0.89 फीसद की तेजी और निफ्टी रियालिटी 0.25 फीसद की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है।
वैश्विक बाजारों का हाल
आज प्रमुख एशियाई बाजारों ने अच्छी शुरुआत की है। सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर जापान का निक्केई 0.35 फीसद की तेजी के साथ 21755 पर, चीन का हैंगेसेंग 0.19 फीसद की तेजी के साथ 26234 पर, शांघाई 0.14 फीसद की तेजी के साथ 2682 पर और ताइवान का कॉस्पी 0.09 फीसद की तेजी के साथ 2094 पर कारोबार कर रहा है। वहीं अमेरिका के बाजार की बात करें तो बीते दिन डाओ जोंस 0.49 फीसद की तेजी के साथ 25413 पर, स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 0.22 फीसद की तेजी के साथ 2736 पर और नैस्डैक 0.15 फीसद की गिरावट के साथ 7247 पर बंद हुआ।
पेट्रोल आज 18 पैसे हुआ सस्ता, जानिए कितने घटे डीजल के दाम
16 November 2018
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी का फायदा आम आदमी को मिल रहा है। पिछले एक महीने में दिल्ली में पेट्रोल लगभग 5 रुपए और डीजल 3.50 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा सस्ता हो चुका है। वहीं अन्य राज्यों में भी लोगों को तेल के दामों में इतनी ही राहत मिली है।
शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल 18 पैसे और डीजल 16 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है। दिल्ली में आज पेट्रोल 77.10 रुपए और डीजल 71.93 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।
वहीं मुंबई में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हुई हैं। मुंबई में पेट्रोल 18 पैसे सस्ता होकर 82.62 रुपए और डीजल 17 पैसे सस्ता होकर 75.36 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंचने से सरकार ने राजनीतिक और आर्थिक दोनो मोर्चों पर राहत की सांस ली है। पिछले तीन हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों में 21 फीसद तक की गिरावट आई है।
RBI आज सिस्टम में डालेगा 12000 करोड़ रुपये, जानिये क्या है मामला
15 November 2018
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को घोषणा की है कि वो 15 नवंबर को सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के जरिए सिस्टम में 12,000 करोड़ रुपये की नकदी डालेगा।
आरबीआई की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, "प्रचलित नकदी की स्थिति के आकलन के आधार पर, साथ ही लिक्विडिटी को बनाए रखने की जरूरत के आधार पर आरबीआई ने तय किया है कि ओपन मार्केट ऑपरेशन के अंतर्गत सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगी। यह खरीद 15 नवंबर को होगी जिसकी कुल राशि 120 बिलियन है।"
ओपन मार्केट ऑपरेशन सख्त मौद्रिक स्थिति को और सामान्य करने में मदद करेगा जो कि आईएलएंडएफएफ की कंपनियों की ओर से किए गए काफी सारे डिफाल्ट के जरिए देखने को मिली थी। योग्य प्रतिभागियों को 15
नवंबर तक भारतीय रिजर्व बैंक कोर बैंकिंग समाधान (ई-कुबेर) प्रणाली पर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में अपने प्रस्ताव जमा करा देने चाहिए। नीलामी का नतीजा उसी दिन घोषित किया जाएगा और सफल प्रतिभागियों को भुगतान अगले दिन कर दिया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले कहा था कि 2018-19 के दूसरे छमाही में सिस्टम तरलता घाटे में आ जाएगी।ओपन मार्केट ऑपरेशन के हिस्से के रूप में आरबीआई उन सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा जो कि साल 2021 में मैच्योर हो रही हैं, जिन पर 8.79 फीसद की दर से ब्याज देना है, साल 2022 में मैच्योर होने वाली प्रतिभूतियां जिन
पर 6.84 फीसद की दर से ब्याज देना है, साल 2024 में मैच्योर होने वाली प्रतिभूतियां जिन पर 8.40 फीसद की दर से ब्याज दिया जाना है, साल 2027 में मैच्योर होने वाली प्रतिभूतियां जिन पर 8.24 फीसद की दर से ब्याज दिया जाना है और साल 2033 में मैच्योर होने वाली प्रतिभूतियां जिन पर 6.57 फीसद की दर से ब्याज दिया जाना है।
थोक महंगाई दर में इजाफा, बढ़कर हुई 5.28 प्रतिशत
14 November 2018
नई दिल्ली। भले ही शेयर बाजार इन दिनों थोड़ा संभला हो लेकिन महंगाई के मामले में फिलहाल राहत नहीं है। देश में अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। खबरों के अनुसार थोक महंगाई के 5 फीसद पर रहने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर 5.28 फीसद रही है। गौरतलब है कि सितंबर महीने में थोक महंगाई दर 5.13 फीसद रही थी।
मासिक आधार पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ी महंगाई दर 4.49 फीसद रही जो कि इससे पिछले महीने 0.6 फीसद रही थी। वहीं प्राइमरी आर्टिकल से जुड़ी महंगाई दर घटकर 1.79 फीसद पर आ गई जो कि पिछले महीने 2.97 फीसद पर थी। खाद्य महंगाई दर 0.64 फीसद रही जो कि पिछले महीने 0.14 फीसद रही थी। फ्यूल से जुड़ी महंगाई दर 18.4 फीसद रही जबकि पिछले महीने यह 16.6 फीसद रही थी। इसके अलावा सब्जियों से जुड़ी महंगाई दर -18.6 फीसद रही जो कि पिछले महीने -3.83 फीसद रही थी।
थोक महंगाई ने दी राहत
अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 3.31 फीसद पर रही। सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 3.77 फीसद रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए थे। अक्टूबर महीने के लिए सीपीआई का यह आंकड़ा अर्थशास्त्रियों के 3.67 फीसद के अनुमान से काफी कम हैं और यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मध्यम अवधि के लक्ष्य के दायरे में है।
खुदरा महंगाई दर 10 महीने के निचले स्तर पर
13 November 2018
नई दिल्ली। अक्टूबर महीने में महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है। इस महीने खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 3.31 फीसद पर रही। सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 3.77 फीसद रही थी। गौरतलब है कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं।
खुदरा महंगाई का इस साल का अब तक का प्रदर्शन
जनवरी के मुकाबले इस साल लगभग हर महीने खुदरा महंगाई के आंकड़ों ने सुधार दिखाया है। हालांकि इसमें उतार चढ़ाव जारी रहा। इन आंकड़ों के हिसाब से अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 10 महीने के निचले स्तर पर है।
पेट्रोल और डीजल के दामों कटौती जारी, जानिए आज कितने कम हुए दाम
2 November 2018
नई दिल्ली। महंगे हो चुके पेट्रोल-डीजल के दामों से इन दिनों लगातार राहत मिल रही है। पिछले 14 दिनों से लगातार तेल के दामों में कमी आ रही है और यह कमी सोमवार को भी जारी रही।
आज दिल्ली में पेट्रोल 19 पैसे सस्ता हुआ वहीं डीजल 14 पैसे सस्ता हुआ इसके बाद राजधानी मे पेट्रोल 79.18 रुपए लीटर मिल रहा है जबकि डीजल 73.64 रुपए मिल रहा है। वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 84.68 रुपए लीटर है जबकि डीजल 77.18 रुपए मिल रहा है।
17 अक्टूबर से शुरू हुई दामों में कटौती फिलहाल जारी है और अब तक पेट्रोल जहां तीन रुपए से ज्यादा सस्ता हो गया है वहीं डीजल लगभग ढाई रुपए तक सस्ता हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी 1.50 रुपये कम कर दिया था। इसके बाद कंपनियों की ओर से एक रुपये की राहत दी गई। इसके बाद भाजपा शासित कुछ राज्यों ने 2.50 रुपये वैट कम करने की घोषणा की थी। लेकिन यह कटौती तब बराबर हो गई जब तेल के दाम लगातार बढ़ते रहे।
त्यौहारों के पहले इन कुछ दिनों में हुई कटौती ने आम आदमी को राहत दी है।
NBFC सेक्टर को भारतीय स्टेट बैंक देगा 45000 करोड़ रुपये, पूंजी संकट से मिलेगी राहत
10 October 2018
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वित्तीय संकट से जूझ रही गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) को 45,000 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देने का फैसला किया है। इसके तहत बैंक एनबीएफसी से उनकी अच्छी संपत्तियां खरीदेगा। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने मंगलवार को एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि बैंक के इस कदम से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को पूंजी संकट से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
एक बयान में एसबीआई ने कहा कि बैंक ने शुरुआती तौर पर चालू वित्त वर्ष के दौरान गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से 15,000 करोड़ रुपये तक की संपत्ति खरीदने का फैसला किया था। लेकिन आंतरिक मूल्यांकन के बाद बैंक को लगा कि 30,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त संपत्ति खरीदने के अवसर बन सकते हैं।
एसबीआई के एमडी पीके गुप्ता ने कहा कि बैंक के लिए लोन पोर्टफोलियो बढ़ाने का यह अच्छा मौका है, क्योंकि वर्तमान में एनबीएफसी की संपत्तियां आकर्षक दामों में उपलब्ध हैं। गुप्ता ने कहा, 'यह बैंक और एनबीएफसी दोनों के लिए अच्छा होगा। एक तरफ एनबीएफसी सेक्टर का वित्तीय संकट एक हद तक दूर हो जाएगा, दूसरी तरफ बैंक का लोन पोर्टफोलियो बेहतर होगा।'
गौरतलब है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएंडएफएस) और उसकी सहयोगी कंपनियां पिछले महीने से ही कई कर्ज के भुगतान में विफल रही हैं। इससे एनबीएफसी और म्यूचुअल फंड कंपनियां वित्तीय संकट से गुजर रही हैं।
इसे देखते हुए सोमवार को ही एनबीएफसी सेक्टर के नियामक नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) ने सेक्टर की रिफाइनेंसिंग लिमिट 30,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी थी। इससे पहले चालू वित्त वर्ष के लिए एनएचबी द्वारा यह सीमा 24,000 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी।
अब EMI में दीजिए अपने वाहन के बीमा की किश्तें
8 October 2018
नई दिल्ली। मोटर बीमा करवाने वालों की संख्या में वृद्धि की संभावना को देखते हुए बीमा कंपनियां व बैंक भी ग्र्राहकों को लुभाने के लिए कुछ नए उपाय करते दिख रहे हैं। इस क्रम में एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को मोटर बीमा का रिन्यूवल एसएमएस से करने और प्रीमियम की राशि मासिक किस्त में देने की सुविधा दी है।
एचडीएफसी बैंक की यह सुविधा उसके उन ग्राहकों के लिए होगी जो साधारण बीमा कंपनी एचडीएफसी एर्गो से मोटर बीमा कराए हुए हैं। बैंक का कहना है कि आने वाले दिनों में यह सुविधा दूसरी साधारण बीमा कंपनियों से मोटर बीमा करवाने वाले ग्र्राहकों के लिए भी उपलब्ध होगी। यह सुविधा चार पहिया और दोपहिया सभी तरह के वाहनों के बीमा के लिए होगी।
इस सुविधा के तहत मोटर बीमा का रिन्यूवल कराने का समय आने पर सभी ग्र्राहकों को एसएमएस से सूचना दी जाएगी। अगर ग्राहकों के पास एचडीएफसी बैंक का ऐप डाउनलोड है, तो रिन्यूवल कुछ ही मिनटों में एसएमएस का जवाब देकर किया जा सकता है।
प्रीमियम का भुगतान एसएमएस के जरिये या नेट बैंकिंग या किसी दूसरे एटीएम के जरिये किया जा सकता है। अगर ग्र्राहक चाहें तो प्रीमियम के भुगतान के लिए मासिक किस्त का विकल्प चुन सकते हैं। बैंक का दावा है कि पहली बार मोटर बीमा के प्रीमियम का भुगतान मासिक किस्त में करने की सुविधा वह दे रहा है।
हाहाकार: सेंसेक्स 792 अंक गिरा, डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 74 पर पहुंचा
5 October 2018
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन भी जारी रहा। शुक्रवार जारी रिजर्व बैंक की पॉलिसी का भी कोई असर बाजार पर नजर नहीं आया। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 792 अंकों की गिरावट के साथ 34,376.99 के स्तर पर है। वहीं निफ्टी में भी 315 अंकों की गिरावट रही और यह 10,283.25 के स्तर पर रहा।
वहीं रुपया भी लगातार कमजोर हो रहा है। एक डॉलर की कीमत 74 रुपए तक पहुंच गई है।
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत से भी बाजार पर कोई खास असर नजर नहीं आया।
हालांकि, सुबह बाजार मामूली संभला लेकिन खबर लिखे जाने तक संसेक्स 421 अंकों की गिरावट के साथ 34737 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 156 अंकों की कमजोरी के साथ 10443 के स्तर पर था।
इससे पहले बुधवार और गुरुवार को बाजार में 1300 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज हो चुकी है। गुरुवार को शेयर बाजार 800 से ज्यादा अंक गिरकर बंद हुआ था।
2.5 रुपए सस्ता हुआ पेट्रोल और डीजल, केंद्र सरकार ने घटाई एक्साइज ड्यूटी
4 October 2018
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने तेल पर एक्साइज ड्यूटी में 1.50 की कटौती की है जिसके पेट्रोल और डीजल के दामों में 2.50 रुपए की कमी आएगी।
इसे लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजली पर 1.50 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटना का फैसला किया है जिसके बाद आम आदमी को सीधे तौर पर तेल की कीमतों में 2.50 रुपए का फायदा होगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने राज्यों को भी पत्र लिखकर अपील की है कि वो भी वैट में उतना ही भार वहन करे जितना केंद्र एक्साइज ड्यूटी में कर रहा है।
बाहरी दबावों के कारण देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं। वैश्विक बाजार में कच्चा तेल भी महंगा हुआ है और इसके कारण देश में तेल के दाम रिकॉर्ड ऊपर चढ़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस कटौती के बाद एक्साइज ड्यूटी कट में इस साल 10500 करोड़ का प्रभाव पड़ेगा।
बता दें कि बुधवार को पेट्रोलियम सचिव ने वित्तमंत्री अरुण जेटली और वित्त सचिव से मुलाकात कर पेट्रोल दामों की बढ़ी हुई कीमतों में राहत देने के उपायों पर चर्चा की थी।
बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद PM नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच जनता को राहत देने के उपायों पर चर्चा हुई थी। बता दें कि गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल जहां 84 रुपए प्रति लीचर तक पहुंच गया था वहीं मुंबई में डीजल के दाम 80 रुपए लीटर हैं।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची एरिक्सन, अनिल अंबानी के विदेश जाने पर रोक की अपील की
3 October 2018
नई दिल्ली। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लुटियंस दिल्ली के पांच सितारा होटल ताजमान सिंह की नीलामी को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। ई-नीलामी के जरिये ताज मानसिंह का नियंत्रण टाटा समूह ने बरकरार रखा है। अब इसे 33 वर्ष के लिए टाटा समूह को पट्टे पर दिया जाएगा। शुक्रवार को हुई ई-नीलामी में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) के अलावा आईटीसी ने भी हिस्सा लिया था।
एनडीएमसी के अधिकारी के अनुसार, टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) ने जीएसटी समेत 7.03 करोड़ रुपये की मासिक लाइसेंस फीस अथवा होटल से होने वाली सकल आय के 32.50 फीसद की शर्त पर होटल का नियंत्रण बरकरार रखा है। एनडीएमसी को इससे पहले कंपनी लाइसेंस शुल्क के तौर पर प्रति माह 3.94 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही थी। इससे पहले एनडीएमसी दो बार इस होटल की नीलामी करने में सफल नहीं हो पाई थी।
पिछली बार बोली में केवल दो ही प्रतिभागी आए थे। इस कारण एनडीएमसी ने इसकी नीलामी के नियमों में भी ढील दी थी। 1978 में ताज मानसिंह होटल टाटा समूह को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था, जो 2011 में समाप्त हो गया था। इसके बाद एनडीएमसी ने नौ बार इसका विस्तार भी किया था। एनडीएमसी और कंपनी के बीच जारी कानूनी मुकदमे की वजह से इस होटल की नीलामी टलती जा रही थी।
ताज मानसिंह होटल पर टाटा समूह का कब्जा बरकरार, हर महीने 7.03 करोड़ देने होंगे
29 September 2018
नई दिल्ली। स्वीडन की टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। रिलायंस एडीएजी कंपनी से अपना बकाया न मिलने पर एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि रिलायंस ने 30 सितंबर तक बकाया 550 करोड़ देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया है। इसलिए जब तक बकाए की रकम नहीं चुकाई जाती तब तक रिलायंस के चेयरमैन अनिल अंबानी और कंपनी के दो बड़े अधिकारियों के देश से बाहर जाने पर रोक लगाई जाए।
उधर, रिलायंस कम्युनिकेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया है कि स्पेक्ट्रम बिक्री पूरी नहीं होने के कारण बकाया रकम नहीं चुकाया गया है। इसलिए कोर्ट बकाया भुगतान के लिए 60 दिन का समय और दे। मालूम हो कि एरिक्सन ने आरकॉम के अखिल भारतीय टेलिकॉम नेटवर्क को ऑपरेट और मैनेज करने के लिए 2014 में सात साल की डील की थी। वह अब अपना 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया रिकवर करने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि आरकॉम की ओर से 30 सितंबर तक पैसा न चुकाने पर एरिक्सन ने कोर्ट में कहा कि आरकॉम देश के कानून का आदर नहीं करती और कोर्ट द्वारा दिए आदेश को गंभीरता से नहीं लेती है। अपनी याचिका में एरिक्सन ने लिखा है कि कोर्ट के ऑर्डर के बिना इन लोगों के देश के बाहर जाने पर रोक लगनी चाहिए।
5 अक्टूबर से महंगे हो सकते हैं बैंक लोन, RBI की बैठक में बढ़ सकती है रेपो रेट
28 September 2018
मुंबई। अगले महीने से मकान और वाहन खरीदने के लिए बैंकों से मिलने वाले लोन महंगे हो सकते हैं। डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में लगातार गिरावट और महंगाई दर तय सीमा में रखने के लिए आरबीआई अगले हफ्ते रेपो रेट बढ़ा सकता है।
रॉयटर्स की ओर से अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 5 अक्टूबर की बैठक में रेपो रेट बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। सर्वे में शामिल ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल कम से कम एक बार और नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.25 फीसदी बढ़ोत्तरी की जा सकती है। यदि ऐसा होता है लगातार तीसरी बार नीतिगत दरों में इजाफा होगा।
सर्वे में कुल 61 अर्थशास्त्रियों ने हिस्सा लिया। इनमें से करीब 66 फीसदी का मानना है कि ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। यदि रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा होता है तो यह बढ़कर 6.75 फीसदी हो जाएगी।
दरें बढ़ने की आशंका इसलिए
इस साल की शुरुआत से अब तक रुपए में 14 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है। पिछले दिनों रुपए में गिरावट को नियंत्रित करने की आरबीआई की कोशिश पूरी तरह सफल नहीं हुई हैं। इस वजह से न केवल आयात महंगा हो रहा है, बल्कि चालू खाते का घाटा भी बढ़ने की आशंका गहरा गई है। ब्याज दरें बढ़ाए जाने से रुपए को सहारा मिल सकता है।
महंगाई कम रखने का प्रयास
हालांकि रुपए में गिरावट आने के बावजूद अब तक महंगाई नियंत्रण में है। अगस्त में महंगाई दर 3.7 फीसदी रही, जो आरबीआई के टारगेट 4 फीसदी से कम है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रुपए के गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल की वजह से महंगाई बढ़ सकती है। आरबीआई ऐसी स्थिति नहीं चाहेगा, इसीलिए महंगाई तय सीमा में रखने के लिए नीतिगत दरें बढ़ाई जा सकती हैं।
व्हाट्सएप के जरिये कर सकेंगे बीमे का दावा, यहां हुई शुरुआत
25 September 2018
नई दिल्ली। बीमा कारोबार में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एक कदम और आगे बढ़ गया है। अब आप अपने जीवन बीमा का क्लेम का आवेदन अपने मोबाइल से व्हाट्सएप के जरिये भी कर सकते हैं। निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस ने अपने ग्राहकों के लिए इसकी शुरुआत करने का एलान किया है।
कंपनी का दावा है कि बीमा उद्योग में वह पहली कंपनी है जो व्हाट्सएप पर क्लेम के आवेदन स्वीकार करेगी। ऐसा हो जाने से बीमाधारकों को अपना क्लेम मांगने के लिए कंपनी की शाखाओं के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और केवल एक मैसेज से यह काम हो जाएगा।
कंपनी के प्रबंध निदेशक व सीईओ विकास सेठ ने कहा कि किसी भी कंपनी की जिम्मेदारी होती है कि वह जरूरत के वक्त क्लेम प्रदान करे। व्हाट्सएप का उपयोग करके कंपनी अपने ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने और ग्राहकों का संपर्क बेहतर बनाने के लिए नया सेवा विकल्प दे रही है।
व्हाट्सएप पर क्लेम मांगने संबंधी मैसेज भेजने के बाद पॉलिसी के नॉमिनी को कंपनी के एक लिंक पर सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। यह लिंक ग्राहक का व्हाट्सएप पर मैसेज प्राप्त करने के बाद कंपनी की क्लेम टीम उपलब्ध कराएगी। क्लेम के आवेदन पर फैसला होने के बाद कंपनी ग्राहक को व्हाट्सएप पर ही सूचना देगी और धनराशि उसके बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी।
पेट्रोल 11 पैसे तो डीजल 5 पैसे महंगा, मुंबई में 90 के पार पहुंचे दाम
24 September 2018
नई दिल्ली। तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। सोमवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर वृद्धि हुई है। देश में पेट्रोल जहां 11 पैसे महंगा हुआ है वहीं डीजल 5 पैसे महंगा हुआ है। इसके बाद दिल्ली में जहां पेट्रोल 82.82 रुपए और डीजल 74.02 रुपए के स्तर पर रहा है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 90.08 रुपए और डीजल 78.58 रुपए प्रति लीटर है।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया के स्थिति के आधार पर ही सरकारी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। आईओसी, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) देश की तीन प्रमुख सरकारी तेल विपणन कंपनियां हैं।
मौजूदा समय में डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 70.21 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड की कीमत 78.75 डॉलर प्रति बैरल है। गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत के कच्चे तेल का 80 फीसद हिस्सा आयात करता है। भारत के आयात बिल में पेट्रोल और डीजल की एक बड़ी हिस्सेदारी होती है।
अगस्त मध्य से अब तक पेट्रोल की कीमत में रुपये और डीजल की कीमत में 3.84 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में आधा हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारों के स्तर पर लगने वाले टैक्स का है। कंपनियों के मुताबिक रिफाइनरी पर पेट्रोल की लागत करीब 40.50 रुपये और डीजल की कीमत करीब 43 रुपये प्रति लीटर पड़ती है। केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर क्रमश: 19.48 रुपये और 15.33 रुपये उत्पाद शुल्क वसूलती है। इसके ऊपर राज्य सरकारें इन पर मूल्यवर्धित कर (वैट) लगाती हैं।
वैट की दरें विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हैं। अंडमान एवं निकोबार में दोनों ईंधनों पर सबसे कम छह फीसद की दर से टैक्स वसूला जाता है। वहीं पेट्रोल पर मुंबई में सर्वाधिक 39.12 फीसद और डीजल पर तेलंगाना में सर्वाधिक 26 फीसद वैट लगता है। दिल्ली में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें क्रमश: 27 फीसद और 17.24 फीसद हैं।
1100 अंकों की गिरावट के बाद संभला बाजार, 279 अंक गिरकर हुआ बंद
21 September 2018
मुंबई। सप्ताह के अंतिम दिन भारतीय शेयर बाजार में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। सुबह 200 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ खुला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स दोपहर 1 बजे के आसपास 1000 अंक गिरकर 36132 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, कुछ ही देर में इसमें रिकवरी शुरू हुई और दिन के अंत में 279 अंकों की कमजोरी के साथ 36841 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में भी 300 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज हुई और वो 10880 के स्तर पर चला गया, हालांकि, अंत में यह 91 अंक गिरकर 11143 के स्तर पर बंद हुआ।
सेक्टोरल इंडेक्सस की बात करें तो आईटी को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहा है। सबसे ज्यादा खरीदारी फाइनेंशियल सर्विस (1.76 फीसद) के शेयर्स में है। बैंक (0.65 फीसद), ऑटो (0.37 फीसद), एफएमसीजी (0.68 फीसद), मेटल (1.78 फीसद), फार्मा (1.17 फीसद), पीएसयू बैंक (1.14 फीसद), प्राइवेट बैंक (0.41 फीसद) और रियल्टी (0.10 फीसद) की बढ़क है।
निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 42 हरे निशान और 8 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी टाटा स्टील, बीपीसीएल, आइसीआइसी बैंक, एक्सिस बैंक और एशियन पेंट के शेयर्स में है। वहीं, गिरावट यस बैंक, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलिवर और टीसीएश के शेयर्स में है।
RBI के आंकड़े, जुलाई में मोबाइल वॉलेट से हुआ 15,202 करोड़ का लेनदेन
10 September 2018
नई दिल्ली। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने में जुटी सरकार की की कोशिशों का असर दिखने लगा है।कम से कम रिजर्व बैंक के आंकड़े तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में मोबाइल वॉलेट के माध्यम से 15,202 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। जून की तुलना में इसमें 4 फीसद की वृद्धि हुई है, जून में यह आंकड़ा 14,632 करोड़ रुपये था।
रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में लेनदेन की संख्या में 5 फीसद वृद्धि के साथ यह आंकड़ा 325.28 मिलियन पहुंच गया, जो कि मई में ऑल टाइम हाई 325.41 मिलियन के काफी करीब है। जून में लगभग 309.62 मिलियन लेनदेन किया गया था। मोबाइल वॉलेट से लेनदेन में पिछले तीन महीनों में वृद्धि देखी गई है।
केंद्रीय बैंक के निर्देश के बाद वॉलेट के जरिए सुविधा देने वाली कंपनियों से कहा गया था कि वह 1 मार्च से केवाईसी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें, इसके बाद ग्राहकों को भी अपने केवाईसी को पूरा करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।
एटम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के चीफ एक्जीक्यूटिव दीवांग नेरल्ला ने कहा कि, लेनदेन में बढ़ोत्तरी का सबसे बड़ा कारण कैशबैक रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कैशबैक छोटे मूल्य से उच्च मूल्य लेनदेन में बदल गया है।
रिपोर्ट के अनुसार डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले लेनदेन में भी बढ़ोत्तरी हुई है। जुलाई में लेनदेन 3.6 फीसद बढ़कर 3.64 ट्रिलियन हो गया, जो कि जून में 3.62 ट्रिलियन था। वहीं जुलाई में कार्ड के जरिए लेनदेन में 1 फीसद 1,293.28 मिलियन की वृद्धि हुई जो कि जून में 1,248.26 मिलियन थी।
वहीं मोबाइल बैंकिंग से लेनदेन की बात करें तो इसमें मामूली वृद्धि हुई और जुलाई में यह आंकड़ा 307.74 मिलियन रहा। हालांकि, जुलाई में इसमें 10 फीसद की गिरावट दर्ज की गई और यह आंकड़ा 1.7 ट्रिलियन हो गया, जून में यह 1.9 ट्रिलियन था।
डॉलर के मुकाबले रुपया 71 के स्तर पर पहुंचा, दो दिन में 85 पैसे हुआ कमजोर
31 August 2018
मुंबई। रुपए की विनिमय दर घटकर ऐतिहासिक निचले स्तर पर आने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। आज रुपया, डॉलर के मुकाबले 22 पैसे फिसलकर 71 के स्तर पर चला गया है जो डॉलर के मुकाबले रुपए का अब तक का सबसे निचला स्तर है। बता दें कि पिछले तीन दिनों में रुपया 85 पैसे कमजोर हुआ।
इससे पहले गुरुवार को ट्रेडिंग के दौरान रुपया 70.82 तक गया, लेकिन बाद में थोड़ी रिकवरी हो गई। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मांग बढ़ने और अमेरिका, चीन व यूरोप के बीच ट्रेड वॉर की चिंता के कारण रुपए पर दबाव बना हुआ है। इससे पहले बुधवार को रुपया 49 पैसे कमजोर होकर 70.59 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर बंद हुआ था। लेकिन, मंगलवार को रुपया 6 पैसे मजबूत होकर 70.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस साल 9.5 फीसदी कमजोरी
2018 में अब तक रुपया 9.5 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो गया है। इसके उलट 2017 के दौरान रुपए में करीब 6 फीसदी की तेजी आई थी। दिक्कत यह है कि रुपए के मौजूदा स्तर पर भी स्थिर होने के आसार नहीं हैं। केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें ऊंची रहने के कारण इसे खरीदने के लिए डॉलर की मांग तेज है। इसके अलावा घरेलू अर्थव्यवस्था में चालू खाते का घाटा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में रुपए को सपोर्ट मिलता नहीं दिख रहा है। आगामी कुछ हफ्तों में रुपया 72 प्रति डॉलर का स्तर छू सकता है।
रुपए में कमजोरी के कारण
- कच्चे तेल की कीमतें बढ़ना
- डॉलर की मांग तेजी से बढ़ना
- बड़े देशों के बीच ट्रेड वॉर
-तुर्की में आर्थिक संकट गहराना
- कई प्रमुख करेंसी में कमजोरीतीन बड़े नुकसान
- पेट्रोल-डीजल, सोना और तमाम आयातित चीजें महंगी होंगी
- उत्पादन लागत बढ़ने से साबुन, शैंपू, पेंट्स जैसे सामान महंगे होंगे
- घरेलू शेयर बाजार में जोरदार तेजी पर लगाम लग सकती है
कुछ फायदे भी
- आईटी और फार्मा जैसे निर्यात करने वाले उद्योग फायदे में रहेंगे
- टीसीएस, इंफोसिस, अरबिंदो फार्मा, कैडिला जैसी कंपनियों को लाभ
- ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और ऑयल इंडिया को भी फायदा
रिजर्व बैंक ने किया हस्तक्षेप!
बाजार में अटकलें हैं कि रुपए में गिरावट थामने के लिए रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया है। ट्रेडिंग के आखिरी दौर में कुछ सरकारी बैंकों ने डॉलर की बिकवाली की। डीलरों का कहना है कि आरबीआई ने वायदा बाजार में तकरीबन 30 करोड़ डॉलर बेचे हैं। कोकट सिक्योरिटीज के करेंसी एनालिस्ट अनिंद्य बनर्जी ने कहा, "रुपया जब प्रतिस्पर्धी करेंसीज के मुकाबले बहुत ज्यादा गिर गया, तो ऐसा लगा जैसे केंद्रीय बैंक ने बाजार को नियंत्रित करने की कोशिश की।"
कटे-फटे नोट लेने से मना नहीं कर सकते बैंक : RBI
29 August 2018
नई दिल्ली। बैंकों में सिक्के और कटे-फटे नोट स्वीकार न किए जाने की शिकायतें आम हैं। बैंकों की आनाकानी पर एक आरटीआई के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि सिक्के और कटे-फटे नोट लेने से कोई भी बैंक इनकार नहीं कर सकता है। इतना ही नहीं, बैंक में सिक्के जमा करने की कोई सीमा नहीं है।
अनवरगंज निवासी रफत महमूद के आरटीआई आवेदन के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा है कि सिक्कों और कटे-फटे नोट लेने के बैंकों को स्पष्ट निर्देश हैं। रिजर्व बैंक ने यह संशय भी दूर किया है कि एक रुपये के सिक्के पर कोई रोक नहीं है। सभी सिक्के पूरी तरह प्रचलित है।
जानकारी मांगी गई थी कि किसी व्यक्ति को कितनी नई करेंसी जारी हो सकती है। अधिकतम कितने रुपये तक के सिक्के जमा किए जा सकते हैं। कटे-फटे नोट बदलने के क्या नियम हैं। एक रुपये के सिक्कों के प्रचलन की स्थिति क्या है। आरबीआई ने कहा है कि आम जनता को अच्छी गुणवत्ता के ही नोट मिलने चाहिए। बैंक में कितनी भी संख्या में सिक्के जमा कराए जा सकते हैं।
आरबीआई की तरफ से कोई सीमा निश्चित नहीं की गई है। कटे फटे नोट और सिक्के बदलने के लिए रिजर्व बैंक ने तीन जुलाई, 2017 के अपने मास्टर सकरुलर डीसीएम (एनई) ‘नोटों तथा सिक्कों की विनियम हेतु सुविधा’ में बैंकों को अपनी सभी शाखाओं में जमा, लेनदेन अथवा विनियम में सिक्के और कटे-फटे नोट नियमों के तहत स्वीकारने के लिए निर्देशित किया है।
बढ़ते जा रहे तेल के दाम, डीजल के दाम पहुंचे 70 के करीब
28 August 2018
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से तेल की कीमतों में आग लगी हुई है। डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपए और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पेट्रोल और डीजल फिर महंगे हो गए हैं। मंगलवार को दिल्ली में जहां पेट्रोल 14 पैसे बढ़कर 78.05 रुपए और डीजल 15 पैसे के इजाफे के साथ 69.61 रुपए मिल रहा था वहीं मुंबई में डीजल 73.90 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि डीडल की कीमतें रिकॉर्ड हाई लेवल पर हैं। आईओसी के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को डीजल 69.46 रुपये प्रति लीटर और रविवार को 69.32 रुपये रहा था।
क्या हैं अन्य शहरों में पेट्रोल के दाम-
मंगलवार को मुंबई में पेट्रोल के दाम 85.47 रुपये प्रति लीटर रहे हैं जबकि सोमवार को 13 पैसे की बढ़त के साथ 85.33 रुपये प्रति लीटर रहा था। इस तरह कोलकता में पेट्रोल 80.98 रुपये प्रति लीटर रहा है जो सोमवार को 13 पैसे बढ़कर 80.84 रुपये था। चेन्नई की बात करें तो यहां आज 81.09 रुपये प्रति लीटर के भाव से पेट्रोल मिल रहा है। सोमवार को चेन्नई में 14 पैसे बढ़कर 80.94 रुपये रहा था।
बीते दिनों क्या रहे पेट्रोल के दाम
क्या हैं मेट्रो शहरों में डीजल के दाम-
मंगलवार को मुंबई में डीजल 73.90 रुपये प्रति लीटर के भाव से मिल रहा है जो सोमवार को 15 पैसे बढ़कर 73.74 रुपये प्रति लीटर रहा था। इस तरह कोलकता में डीजल 72.46 रुपये हो गया जो सोमवार को 15 पैसे बढ़कर 72.31 रुपये रहा था। चेन्नई की बात करें तो आज डीजल 73.54 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि सोमवार को 73.38 रुपये प्रति लीटर थी।
बीते दिनों क्या रहे डीजल के दाम
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना सुबह 6 बजे संशोधन होता है। 16 जून 2017 से पहले महीने में दो बार ही कीमतों में संशोधन हुआ करता था। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया के स्थिति के आधार पर ही सरकारी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं।
मौजूदा समय में डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 68.78 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड की कीमत 76.19 डॉलर प्रति बैरल है। गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत के कच्चे तेल का 80 फीसद हिस्सा आयात करता है। गौरतलब है कि भारत के आयात बिल में पेट्रोल और डीजल की एक बड़ी हिस्सेदारी होती है।
आईओसी, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) देश की तीन प्रमुख सरकारी तेल विपणन कंपनियां हैं।
साइरस को शेयर बेचने को बाध्य नहीं कर सकती टाटा संस : एनसीएएलटी
25 August 2018
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने साइरस मिस्त्री को थोड़ी राहत प्रदान करते हुए शुक्रवार को कहा कि टाटा संस मिस्त्री को उनका शेयर बेचने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है. न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने, हालांकि, टाटा संस को निजी कंपनी में तब्दील करने पर रोक लगाने की मिस्त्री की अपील खारिज कर दी.
अदालत ने कहा कि मामले में चार सितंबर को आखिरी सुनवाई के बाद ही टाटा संस को निजी कंपनी में बदलने के मसले पर फैसला होगा. एनसीएलएटी ने मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से 2016 में हटाए जाने के खिलाफ उनकी अपील स्वीकार कर ली. अपील एनसीएलटी की मुंबई पीठ के खिलाफ दायर की गई थी.
आपको बता दें कि पिछले महीने ही साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद शुरू हुए विवाद को लेकर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने अपना फैसला सुनाया था. एनसीएलटी ने रतन टाटा के पक्ष में फैसला सुनाया था. एनसीएलटी ने साइरस मिस्त्री की याचिका को खारिज कर दिया.
साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाए जाने को लेकर दायर इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एनसीएलटी ने कहा कि साइरस को कंपनी की संवेदनशील जानकारी लीक करने की वजह से पद से हटाया गया. साइरस ने यह जानकारी आईटी डिपार्टमेंट और मीडिया में लीक की थी
छोटे शहरों के लिए TVS ने उतारी नई बाइक 'रेडियॉन'
24 August 2018
चेन्नई। दोपहिया वाहन कंपनी टीवीएस मोटर ने छोटे शहरों और ग्रामीण बाजार के युवा ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक नई मोटरसाइकिल टीवीएस रेडियॉन बाजार में उतारने की घोषणा की है। आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने दोपहिया वाहन के इस बाजार को ध्यान में रखते हुए विशेष रणनीति बनायी है। 110 सीसी की इस मोटरसाइकिल की दिल्ली में एक्स शोरूम कीमत 48,400 रुपये रखी गई है।
कंपनी के मुताबिक छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहिया वाहनों का करीब 71 फीसद बाजार है। इसलिए कंपनी बाजार के इस हिस्से को खासतौर पर फोकस में रख रही है। बदलते माहौल में इस बाजार के युवाओं की जरूरतें भी बदल रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कंपनी ने इस मोटरसाइकिल को मजबूत, आरामदायक और स्टाइलिश की टैगलाइन के साथ बाजार में उतारी है।
रेडियॉन के लांच की घोषणा करते हुए कंपनी के प्रेसिडेंट व सीईओ केएन राधाकृष्णन ने कहा कि यह तरक्की पसंद युवा ग्राहक की पहली पसंद बनेगी। ऐसे ग्राहकों की रोजाना की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ कंपनी ने मोटरसाइकिल में स्टाइल और आरामदायक ड्राइविंग की जरूरतों पर भी ध्यान दिया है।
इस वर्ग की मोटरसाइकिलों में सबसे बड़ी और आरामदायक कुशन सीट के साथ-साथ सिंक ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा दिन के समय के लिए अलग से डे टाइम रनिंग लैंप लगाया गया है। कंपनी इस मोटरसाइकिल के लिए 69.3 किलोमीटर प्रति लीटर की औसत का दावा कर रही है।
टीवीएस मोटर कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स व मार्केटिंग) अनिरुद्ध हल्दर ने बताया कि साल 2016-17 से दोपहिया वाहन बाजार में फिर से मोटरसाइकिल की बिक्री में वृद्धि देखने को मिल रही है। खासतौर पर मध्यम वर्ग की मोटरसाइकिलों की बिक्री खासी तेजी से बढ़ी है।
छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में युवा ग्राहकों की जरूरतों को भी यही वर्ग पूरा करता है। लेकिन कंपनी ने इस त्योहारी सीजन में ऐसे ग्राहकों को इस कीमत वर्ग में बेहतर उत्पाद दिया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये SBI सुधारेगा ग्राहक सेवा
23 August 2018
नई दिल्ली। अगले 10-12 वर्षों के दौरान देश के बैंकों का स्वरूप किस तरह का होगा, इसका एक रोडमैप केंद्र सरकार तैयार कर रहा है।
लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने इसकी तैयारी अपने स्तर पर पहले से ही शुरू कर दी है। एसबीआइ बेहद मॉडर्न व अत्याधुनिक तकनीक से लैस बैंक बनने के लिए कई स्तरों पर तैयारियां कर रहा है।
इस काम में बैंक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) तकनीक का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करेगा। बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार के मुताबिक आने वाले वर्षों में बेहद खास किस्म की जरूरत के लिए भी ग्र्राहक बैंक में आएंगे और हम उसी हिसाब से अपने कामकाज में बदलाव करेंगे।
इसमें एआइ की बड़ी भूमिका होगी ताकि ग्र्राहक सेवा की गुणवत्ता और बेहतर हो सके। एसबीआइ चेयरमैन कुमार के मुताबिक एसबीआइ की तरफ से लांच उनो एप मॉडर्न बैंकिंग का एक उदाहरण है।
अभी इसे दुनिया का सबसे बेहतरीन बैंकिंग एप माना जा रहा है। हमने सबसे आधुनिक सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का इस्तेमाल हो रहा है और मेरा मानना है कि हम आने वाले दिनों में इस पर और ज्यादा ध्यान देंगे क्योंकि पूरी बैंकिंग को सुरक्षित बनाने के लिए भी इसकी काफी जरूरत होगी।
लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है, आगे डिजिटल बैंक के तौर पर एक मजबूत वित्तीय संस्थान बने रहने के लिए एसबीआइ कई स्तरों पर कदम उठाएगा।
ये कदम इसलिए उठाना जरूरी है क्योंकि बैंकों और ग्र्राहकों के रिश्तों में भी अब तेजी से बदलाव आएगा। बैंकों की भूमिका बदलेगी। बताते चलें कि दुनिया भर के बैंकों में एआइ का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है।
एआइ यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वह तकनीक है जिसमें मशीन अपने विवेक के हिसाब से सबसे उपयुक्त फैसला करता है।
आइटी कंपनी एसेंचर की तरफ से हाल ही में जारी बैंकिंग टेक्नोलॉजी विजन 2018 के मुताबिक अगले दो वर्षों के भीतर 83 फीसद बैंकिंग कार्यों में एआइ की भूमिका होगी।
दूसरे शब्दों में कहें तो अधिकांश बैंकिंग कार्य बैंक कर्मचारियों के साथ आइटी आधारित मशीन करेंगी। एसबीआइ के अलावा आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक समेत कुछ और बैंकों ने भी एआइ का इस्तेमाल ग्र्राहक सेवा को बेहतर बनाने के लिए शुुरू किया है।
आने वाले दिनों में बैंक इसे बैंकिंग फ्रॉड रोकने से लेकर ग्र्राहकों को सटीक निवेश सलाह देने तक में इस्तेमाल करेंगे।
RIL फिर बनी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी, TCS को छोड़ा पीछे
21 August 2018
नई दिल्ली। बाजार पूंजीकरण के मामले में एक बार फिर रिलांयस इंडस्ट्रीज ने सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को पीछे छोड़ दिया है।
सोमवार को शेयर बाजार के बंद होते समय रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 7,82,636.38 करोड़ रुपये के स्तर पर और टीसीएस का 7,69,696.75 करोड़ रुपये रहा है।
साथ ही सोमवार को आरआईएल के शेयर्स रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे। शेयर्स में तेजी उस खबर के बाद देखने को मिली जिसमें कहा गया था कि, चीन की प्रमुख रिटेलर अलीबाबा रिलायंस रिटेल के साथ एक मेगा रिटेल ज्वाइंट वेंचर के गठन के लिए शुरुआती स्तर की बातचीत कर रही है।
गौरतलब है कि 16 अगस्त को टीसीएस ने रिलायंस को पछाड़ा था। जबिक 14 अगस्त को रिलायंस ने टीसीएस को पीछे छोड़ दिया था। इससे पहले 8 अगस्त को रिलायंस इंडस्ट्रीज बाजार पूंजीकरण के मामले में टीसीएस से आगे निकल गई थी। एक अगस्त को टीसीएस बाजार मूल्यांकन में रिलायंस से आगे थी।
ऐसा है बीएसई पर RIL और TCS का प्रदर्शन-
करीब 12.15 बजे आरआईएल 1.02 फीसद की बढ़त के साथ 1247.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसका दिन का उच्चतम 1249.50 और निम्नतम 1227.15 का स्तर रहा है। इस तरह 52 हफ्तों का उच्चतम 1249.80 और निम्नतम 765 का स्तर रहा है।
इस दौरान टीसीएस 0.13 फीसद की बढ़त के साथ 2012.95 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसका दिन का उच्चतम 2022.75 का और निम्नतम 2005 का स्तर रहा है। वहीं, 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 2024 और निम्नतम 1210.33 का स्तर रहा है।
चालू खाता घाटा ढाई फीसद तक पहुंचने की आशंका
20 August 2018
नई दिल्ली। महंगे कच्चे तेल की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत का चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.5 फीसद पर पहुंच सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से स्थिति और गंभीर हुई है। अमेरिकी रेटिंग फर्म मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस और अन्य विशेषज्ञों ने यह आशंका जताई है। मूडीज ने इस साल और अगले साल विकास दर 7.4 फीसद रहने का अनुमान जताया है।
तुर्की की अनिश्चितता और चीन की आर्थिक सेहत की चिंता में पिछले हफ्ते रुपया 70.32 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया था। मूडीज के जॉय रैंकोत्गे ने कहा कि कमजोर रुपये से निर्यात में तो लाभ होगा, लेकिन इससे व्यापार घाटे पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। जुलाई में व्यापार घाटा पांच साल के ऊंचे स्तर 18.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि भारत का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी का 1.5 फीसद रहा था। 2018-19 में यह 2.5 फीसद तक पहुंच सकता है। कच्चे तेल की बढ़ी कीमत और अन्य वस्तुओं के आयात में वृद्धि से यह स्थिति बन रही है। वित्त वर्ष 2017-18 में शुद्ध तेल आयात जीडीपी के 2.6 फीसद पर रहा था। चालू वित्त वर्ष में यह और बढ़ सकता है। जापान की वित्तीय फर्म नोमुरा ने चालू खाता घाटा 2.8 फीसद तक पहुंचने की आशंका जताई है।
आइएचएस मार्किट के एपीएसी चीफ इकोनॉमिस्ट राजीव बिस्वास ने कहा, “रुपये में गिरावट के कई कारण हैं। इसकी एक बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति रही। इससे डॉलर में मजबूती आई। नकारात्मक पहलू यह भी है कि अर्जेंटीना, वेनेजुएला और तुर्की जैसे उभरते बाजारों में आर्थिक संकट की वजह से वैश्विक निवेशक उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा और इक्विटी के प्रति सतर्कता बरत रहे हैं।”
इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि कमजोर रुपये के नफा-नुकसान दोनों हैं। इससे एक ओर जहां तेल आयात महंगा होने से चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका है। वहीं निर्यात के मोर्चे पर भारतीय कंपनियां प्रतिस्पर्धी बनेंगी। इंडिया रेटिंग्स ने 2018-19 में चालू खाता घाटा 2.6 फीसद पर पहुंचने का अनुमान जताया है। आइएचएस मार्किट के राजीव बिस्वास ने चालू खाता घाटा 2.4 फीसद रहने का अनुमान जताया है।
7.5 फीसद रहेगी विकास दर : विरमानी
देश के आर्थिक विकास की रफ्तार पटरी पर लौट रही है। चालू वित्त वर्ष में यह 7.5 फीसद की मजबूत स्थिति में पहुंच जाएगी। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले सात साल के उतार-चढ़ाव से उबरते हुए अर्थव्यवस्था अब सुधार के पथ पर लौटती दिख रही है। विरमानी ने यह भी कहा कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापार के मोर्चे पर चल रही तनातनी से भारत को निर्यात बढ़ाने का मौका मिल सकता है। भारत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे विरमानी ने अनुमान जताया कि 2035 तक भारत एक बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभरेगा।
नोटबंदी-जीएसटी से लघु उद्योगों के कर्ज और निर्यात में गिरावट, इस साल दिखा सुधार
18 August 2018
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अध्ययन में पता चला है कि नवंबर 2016 में की गयी नोटबंदी से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को दिये जाने वाले कर्ज में गिरावट आई. हालांकि, जीएसटी का कर्ज पर ज्यादा बड़ा असर नहीं हुआ लेकिन अनुपालन की पेचीदगियों के चलते इससे निर्यात प्रभावित हुआ है. आरबीआई की मिनी स्ट्रीट मेमो रिपोर्ट में कहा गया है कि लघु उद्योगों को वितरित कर्ज 2017 के निचले स्तर से सुधर कर 2015 मध्य के बढ़े स्तर पर पहुंच गया. यद्यपि एमएसएमई क्षेत्र को बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिये गये कर्ज सहित सूक्ष्म ऋण में हाल की तिमाहियों में तेजी आई. एमएसएमई क्षेत्र को देश की आर्थिक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण इंजन माना जाता है और भारत के कुल निर्यात में इसका योगदान करीब 40 प्रतिशत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लघु उद्योग क्षेत्र को नोटबंदी और माल एवं सेवा कर दोनों के कारण झटका लगा है. उदाहरण के लिये नोटबंदी के बाद वस्त्र और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों को भुगतान में नियोक्ताओं को दिक्कतें हुयी.
इसी प्रकार, जीएसटी के चलते अनुपालन लागत और अन्य परिचालन लागत में वृद्धि हुयी क्योंकि 60 प्रतिशत से अधिक छोटे उद्योग कर दायरे में आये. हालांकि, इनमें से 60 प्रतिशत नयी कर प्रणाली में समायोजित होने के लिये तैयार नहीं थे. सिडबी के अध्ययन में पाया गया है कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद अधिकतर एमएसएमई के कर्ज में गिरावट आई लेकिन मार्च 2018 से इसमें सुधार दिखाई दे रहा है इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन के अनुमान के मुताबिक, एमएसएमई में अधिक से अधिक पूंजी की संभावित मांग करीब 370 अरब डॉलर है जबकि वर्तमान में 139 अरब डॉलर की आपूर्ति की जा रही है. दोनों के बीच 230 अरब डॉलर का अंतर है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 11 प्रतिशत है. नवंबर 2016 से फरवरी 2017 तक ऋण वृद्धि में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गयी.
माना जा रहा है कि इसकी वजह नोटबंदी रही. हालांकि, कर्ज में फरवरी 2017 के बाद सुधार देखा गया और जनवरी-मई 2018 में यह औसतन 8.5 प्रतिशत पर पहुंच गया.
जून के 5.77 फीसदी से घटकर जुलाई में 5.09 फीसदी रही थोक महंगाई
16 August 2018
नई दिल्ली। खाने-पीने की चीजें, खास तौर पर फल और सब्जियां सस्ती होने के कारण जुलाई में थोक भाव के हिसाब से महंगाई दर घटी है। इससे पहले खुदरा कीमतों के हिसाब से भी महंगाई कम होने केआधिकारिक आंकड़े जारी किए गए थे।
मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में थोक भाव की महंगाई दर 5.09 प्रतिशत रह गई। जून में महंगाई दर 5.77 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो केंद्र की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक है। वैसे इस साल मई में थोक महंगाई दर 4.43 प्रतिशत रही थी। इन सबके मुकाबले पिछले साल जुलाई में थोक महंगाई दर केवल 1.9 प्रतिशत थी।
मई की थोक महंगाई दर 4.43 प्रतिशत से संशोधित होकर 4.78 प्रतिशत रह गई है। माह दर माह आधार पर जुलाई में कोर थोक महंगाई 4.7 फीसदी से बढ़कर 4.8 प्रतिशत हो गई है।
माह दर माह आधार पर जुलाई में प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई 5.3 से घटकर 1.73 फीसदी रह गई। इस दौरान कारखानों में तैयार सामान की थोक महंगाई 4.17 से बढ़कर 4.26 प्रतिशत हो गई। ईंधन और बिजली की थोक महंगाई भी 16.18 से बढ़कर 18.10 फीसदी रही।
माह दर माह आधार पर जुलाई में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई 1.56 से घटकर -0.86 फीसदी रही। इसका मतलब है कि इन चीजों के भोक भाव बढ़ने के बजाए घटे हैं। पिछले महीने दालों के थोक भाव 20.23 फीसदी घटे, जबकि जून में इनके भोक भाव में 17.03 फीसदी गिरावट आई थी। माह दर माह आधार पर जुलाई में आलू की थोक महंगाई 99.02 फीसदी से घटकर 74.28 फीसदी रह गई। अन्य सब्जियों की थोक महंगाई भी 8.12 फीसदी से घटकर -14.07 फीसदी रह गई, लेकिन प्याज की थोक महंगाई 18.25 से बढ़कर 38.82 फीसदी हो गई।
इससे पहले सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक फल और सब्जियों के दाम घटने कारण जुलाई में खुदरा कीमतों की महंगाई की दर घटकर 4.17 प्रतिशत रह गई, जो पिछले 9 महीने में सबसे कम है। जून में रिटेल महंगाई दर 4.92 प्रतिशत रही थी।
PNB घोटाला: इलाहाबाद बैंक की MD उषा अनंत को कार्यकाल के अंतिम दिन किया बर्ख़ास्त
14 August 2018
नई दिल्ली: सरकार ने इलाहाबाद बैंक की एमडी और सीईओ उषा अनंत सुब्रमण्यम को उनके कार्यकाल के अंतिम दिन बर्ख़ास्त कर दिया. साथ ही पीएनबी घोटाले में उषा अनंत सुब्रमण्यम के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए सीबीआई को हरी झंडी दे दी. CBI की चार्जशीट में आरोपी बनाए जाने के बाद तीन पहले पहले ही उषा अनंत सुब्रमण्यम से सारे अधिकार छीन लिए गए थे.
केंद्र सरकार ने पंजाब नेशनल और इलाहाबाद बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक उषा अनंतसुब्रमण्यम को सोमवार को बर्खास्त कर दिया. सरकार ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी. तीन महीन पहले वित्त मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद इलाहाबाद बैंक ने उषा से सारे अधिकार छीन लिए थे. हालांकि वे बैंक कर्मी थीं. 14 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने उषा को चार्जशीट में आरोपी बनाया था. सरकार ने सीबीआई को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की इजाजत भी दे दी है.
उषा जुलाई, 2011 से नवंबर, 2013 तक पीएनबी में कार्यकारी निदेशक रहीं. वे अगस्त, 2015 से मई, 2017 तक पीएनबी की प्रबंध निदेशक थी. इसके बाद से वे इलाहाबाद बैंक में कार्यरत थीं. मई 2018 में वित्त मंत्रालय ने दोनों बैंकों से उषा के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे.
ई-कॉमर्स कंपनियों के जीएसटी ऑडिट पर अधिकारों का टकराव
13 August 2018
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मुनाफाखोरीरोधी प्राधिकरण (एनएए) द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों के जीएसटी ऑडिट का निर्देश अधिकारक्षेत्र के विवाद में फंस गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआइसी) का मानना है कि एनएए को इस तरह का निर्देश देने का अधिकार नहीं है। इस महीने की शुरुआत में प्राधिकरण ने सीबीआइसी को लिखा था कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों के खातों का डीजी ऑडिट (महानिदेशक ऑडिट) होना चाहिए। इसमें यह जांचना चाहिए कि कंपनियों ने अतिरिक्त जीएसटी अपने ग्राहकों को लौटाया है या नहीं।
एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआइसी का मानना है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों के खातों का डीजी ऑडिट तकनीकी तौर पर व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि इनमें से कुछ कंपनियों का रजिस्ट्रेशन राज्य स्तर पर भी हो सकता है। डीजी ऑडिट उन्हीं कंपनियों का किया जा सकता है, जिनका रजिस्ट्रेशन केंद्र सरकार के तहत हुआ हो। राज्यों में पंजीकृत कंपनियां राज्य कर अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र का हिस्सा हैं। सीबीआइसी इस बारे में जल्द अपना जवाब प्राधिकरण को भेजेगा।
अक्तूबर 2016 के बाद जुलाई महीने में सर्विस सेक्टर में हुई सबसे तेज वृद्धि: PMI
4 August 2018
नई दिल्ली: मांग में सुधार तथा अक्तूबर 2016 के बाद सबसे तेज कारोबारी गतिविधियों के कारण देश का सेवा क्षेत्र जुलाई में लगातार दूसरे महीने बढ़ा है. एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है.
निक्की इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जून के 52.6 से बढ़कर जुलाई में 54.2 पर पहुंच गया है. आलोच्य माह के दौरान नये कारोबारों की वृद्धि जून 2017 के बाद सबसे अधिक रही है. पीएमआई सूचकांक का 50 से ऊपर होना वृद्धि का द्योतक है जबकि 50 से कम सूचकांक गिरावट का संकेत देता है. आईएचएस मार्केट की अर्थशास्त्री एवं रिपोर्ट की लेखिका आश्ना डोढिया ने कहा, ‘जून 2017 के बाद नये ऑर्डरों में सर्वाधिक मासिक तेजी के दम पर सेवा क्षेत्र ने जुलाई में अक्तूबर 2016 के बाद का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है.’ मांग में सुधार की खबरों के बीच कारोबारी धारणा जून के हालिया निचले स्तर से सुधरी है. इसके साथ ही कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में अप्रैल के बाद की सर्वाधिक तेज वृद्धि की है.
इस बीच निक्की इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स भी जून के 53.3 से बढ़कर जुलाई में 54.1 पर पहुंच गया है. इसमें विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्र शामिल होते हैं. डोढिया ने कहा, ‘सेवा क्षेत्र और विनिर्माण दोनों में वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था की परिचालन परिस्थितियां अक्तूबर 2016 के बाद सबसे तेजी से सुधरी है.’ मूल्य के हिसाब में मुद्रास्फीति का दबाव जुलाई के दौरान बना रहा है. डोढिया ने रिजर्व बैंक की नीतियों के बारे में कहा, ‘‘अनिश्चित वैश्विक माहौल, मुद्रा की गिरावट तथा मजबूत मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक पर आगे भी आने वाले महीनों में ब्याज दर बढ़ाने का दवाब डाल सकती हैं.’
एप्पल बनी 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी, खरीद सकती है पाकिस्तान जैसे तीन देश
3 August 2018
नई दिल्ली: एप्पल एक ट्रिलियन यानी क़रीब 68,620 अरब रुपये की पहली लिस्टेड कंपनी बन गई यानी एप्पल का बाज़ार मूल्य भारतीय अर्थव्यवस्था का 38 फ़ीसदी हो गया है. एप्पल चाहे तो 3 अरब डॉलर की इकोनॉमी वाले पाकिस्तान जैसे तीन देशों को ख़रीद सकती है. दुनिया के सिर्फ़ 16 देश ही ऐसे हैं जिनकी जीडीपी ऐपल की मार्केट वैल्यू से ज़्यादा है यानी, एप्पल 177 देशों से ज़्यादा अमीर है.
सिलिकॉन वैली के एक गराज में 42 साल पहले शुरू हुई इस कंपनी ने यह मुकाम गुरुवार को हासिल किया. फैक्टसेट के अनुसार, एप्पल का शेयर गुरुवार को 5.89 डॉलर मजबूत होकर 207.39 डॉलर पर पहुंच गया. इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन एक हजार अरब डॉलर के पार करीब 1,001,679,220,000 डॉलर पर पहुंच गया. यह उपलब्धि 1997 में कल्पना से भी परे थी जब कंपनी दिवालिया होने की दहलीज पर पहुंच गयी थी. तब कंपनी को प्रतिद्वंद्वी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से वित्तीय मदद लेनी पड़ी थी. एप्पल की इस ऐतिहासिक इबारत की नींव एक समय कंपनी से निकाल दिये गये सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने लिखी.
अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनकर वापस कंपनी में लौटे जॉब्स ने आईफोन और आईपैड जैसे विशिष्ट उत्पाद पेश किये जिसने कंपनी को सफलता के नये पायदान पर पहुंचाया. अभी कंपनी के कुल राजस्व में आईफोन की करीब दो-तिहाई हिस्सेदारी है. कंपनी ने मंगलवार को जारी तिमाही वित्तीय परिणाम में कहा था कि इस दौरान उसके आईफोन की औसत कीमत पिछले साल की समान अवधि के 606 डॉलर की तुलना में 724 डॉलर प्रति स्मार्टफोन पर पहुंच गयी है. इसके बाद से कंपनी का बाजार मूल्यांकन करीब 83 अरब डॉलर बढ़ चुका है. पिछले दो दिन में कंपनी के शेयर नौ प्रतिशत चढ़े हैं जिससे इस साल के दौरान कंपनी का शेयर 23 प्रतिशत चढ़ चुका है.
गुरुवार एप्पल एक ट्रिलियन डॉलर के अंक से ऊपर बंद हुई. एप्पल के शेयर की कीमत में 2.79% की तेजी देखी गई. एप्पल के शेयर की कीमत 207.39 (लगभग 14,250 रुपये) पर बंद हुई. आपको बता दें कि महंगे स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल को पिछली तिमाही में बिक्री में खास बदलाव नहीं होने के बाद भी अधिक मुनाफा हुआ था. अमेरिका एवं चीन के बीच जारी शुल्क युद्ध का अभी कंपनी के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा. स्टीव जॉब्स ने 1976 में अपने गैरेज में दो अन्य साथियों के साथ एप्पल की नींव रखी थी और उसकी सालाना कमाई 89 देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है. जॉब्स ने 1980 के करीब कंपनी छोड़ दी थी और एक दशक बाद जब एप्पल लड़खड़ाने लगी तो वे लौटे.
गौरतलब है कि पिछले दिवस एप्पल के शेयर चार प्रतिशत चढ़ गये थे. एप्पल की बिक्री पिछले साल की तुलना में महज एक प्रतिशत बढ़ी जबकि औसत कीमत पिछले साल के 606 डॉलर के मुकाबले 20 प्रतिशत बढ़कर 724 डॉलर पर पहुंच गयी. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने कहा था कि आलोच्य तिमाही के दौरान 999 डॉलर का आईफोन एक्स सबसे लोकप्रिय रहा. एप्प स्टोर, म्यूजिक सब्सक्रिप्शन एवं अन्य सेवाओं से प्राप्त राजस्व 31 प्रतिशत बढ़कर 9.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. कंपनी का शुद्ध मुनाफा इस दौरान 32 प्रतिशत बढ़कर 11.52 अरब डॉलर पर पहुंच गयी. कुल राजस्व भी 17 प्रतिशत बढ़कर 53.27 अरब डॉलर पर पहुंच गयी थी. इस बीच आईडीसी के अनुसार एप्पल दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी का तमगा खो चुकी थी। उसने कहा कि चीन की कंपनी हुवावे ने एप्पल को पछाड़ दूसरा स्थान हासिल कर लिया. सैमसंग पहले स्थान पर बनी हुई है.
LIC-IDBI बैंक समझौते को मोदी मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
2 August 2018
मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को आम लोगों को झटका देते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। खबरों के अनुसार आरबीआई ने जहां रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है जिसके बाद यह 6.25 से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो चुकी है।
वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाई गई है जिसके बाद यह 6 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत हो गई है। मालूम हो की इस घोषणा से पहले ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि रिजर्व बैंक रेपो और रिवर्स रेपो रेट बढ़ा सकता है।
इस फैसले के बाद ऑटो लोन महंगा होगा वहीं आम आदमी की ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा। आरबीआई की अगली बैठक 3 से 5 अक्टूबर को होगी। इस बैठक में नीतिगत दरों बढ़ाने का फैसला 5:1 के आधार पर लिया गया है। सिर्फ रवींद्र एच ढोलकिया ने नीतिगत दरों में इजाफे के खिलाफ मतदान किया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रेपो रेट के बढ़ने का मतलब बैंक से मिलने वाले लोन का महंगा होना माना जाता है।
गौरतलब है कि आरबीआई ने अपनी पिछली समीक्षा बैठक में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसद का इजाफा किया था। यानी बीती दो बैठकों में आरबीआई ने नीतिगत दरों में कुल 0.50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया है।
महंगाई दर पर आरबीआई: आरबीआई ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए 4.2 फीसद की दर से महंगाई का अनुमान लगाया है। वहीं अक्टूबर-मार्च छमाही के दौरान इसके 4.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है।
ग्रोथ को लेकर आरबीआई आश्वस्त: हालांकि ग्रोथ को लेकर आरबीआई आश्वस्त नजर आ रही है। उसने FY19 के लिए जीडीपी ग्रोथ के 7.4 फीसद रहने का अनुमान लगाया है, वहीं अप्रैल-सितंबर की छमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ के 7.5 से 7.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई का मानना है कि एफआईआई ने हाल फिलहाल में बेहतर निवेश किया है और डोमेस्टिक फंडामेंटल भी काफी मजबूत नजर आ रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाई, महंगा हो सकता है लोन
1 August 2018
मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को आम लोगों को झटका देते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। खबरों के अनुसार आरबीआई ने जहां रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है जिसके बाद यह 6.25 से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो चुकी है।
वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाई गई है जिसके बाद यह 6 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत हो गई है। मालूम हो की इस घोषणा से पहले ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि रिजर्व बैंक रेपो और रिवर्स रेपो रेट बढ़ा सकता है।
इस फैसले के बाद ऑटो लोन महंगा होगा वहीं आम आदमी की ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा। आरबीआई की अगली बैठक 3 से 5 अक्टूबर को होगी। इस बैठक में नीतिगत दरों बढ़ाने का फैसला 5:1 के आधार पर लिया गया है। सिर्फ रवींद्र एच ढोलकिया ने नीतिगत दरों में इजाफे के खिलाफ मतदान किया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रेपो रेट के बढ़ने का मतलब बैंक से मिलने वाले लोन का महंगा होना माना जाता है।
गौरतलब है कि आरबीआई ने अपनी पिछली समीक्षा बैठक में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसद का इजाफा किया था। यानी बीती दो बैठकों में आरबीआई ने नीतिगत दरों में कुल 0.50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया है।
महंगाई दर पर आरबीआई: आरबीआई ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए 4.2 फीसद की दर से महंगाई का अनुमान लगाया है। वहीं अक्टूबर-मार्च छमाही के दौरान इसके 4.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है।
ग्रोथ को लेकर आरबीआई आश्वस्त: हालांकि ग्रोथ को लेकर आरबीआई आश्वस्त नजर आ रही है। उसने FY19 के लिए जीडीपी ग्रोथ के 7.4 फीसद रहने का अनुमान लगाया है, वहीं अप्रैल-सितंबर की छमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ के 7.5 से 7.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई का मानना है कि एफआईआई ने हाल फिलहाल में बेहतर निवेश किया है और डोमेस्टिक फंडामेंटल भी काफी मजबूत नजर आ रहे हैं।
सभी बैंक कर्मियों के लिए आज बहुत बड़ा दिन, वेतन वृद्धि पर होगी बातचीत
30 July 2018
मुंबई: बैंक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के मुद्दे पर भारतीय बैंक संघ(आईबीए) और बैंक यूनियनों के बीच सोमवार को बैठक होगी. बैठक में सार्वजनिक, निजी एवं विदेशी बैंकों समेत करीब 37 बैंकों ने अपने कर्मचारियों के वेतन के बारे में निर्णय लेने का जिम्मा बैंकों के प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को दिया है.
बैंक कर्मचारियों की मौजूदा वेतन समीक्षा नवंबर 2017 से लंबित है. इससे पहले, पांच मई 2018 को हुई बैठक में आईबीए ने 2 प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश की थी. इस पर यूनियनों ने नाराजगी जतायी और 30 मई से दो दिन की हड़ताल की. यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के संयोजनक (महाराष्ट्र) देविदास तुलिजापुरकर ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि बैंक पिछली दो प्रतिशत की पेशकश में सुधार लायें. हम 25 प्रतिशत की मांग कर रहे हैं. लेकिन हम बातचीत के लिये तैयार हैं.’’
10वां द्विपक्षीय वेतन समझौता मई 2015 को हुआ. यह समझौता नवंबर 2012 से लेकर अक्तूबर 2017 तक के लिये था. मई 2015 में हुए समझौते के तहत आईबीए ने वेतन में 15 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की थी. तुलिजापुरकर ने कहा, ‘‘अब तक वेतन वृद्धि हमेशा ही दहाई अंक में हुई है जिसको लेकर हमें कोई परेशानी नहीं थी लेकिन 2 प्रतिशत की पेशकश हमें स्वीकार नहीं है.’’
बैंक प्रबंधन ने पिछली कुछ तिमाहियों में बैंकों में घाटे का हवाला देते हुए वेतन में कम बढ़ोतरी को युक्तिसंगत ठहराया है. यूनियन का कहना है कि लाभ में कमी का कारण फंसे कर्ज के एवज में अधिक प्रावधान होना रहा है और इसके लिये कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है. कर्मचारी जनधन, नोटबंदी, मुद्रा और अटल पेंशन योजना समेत अन्य विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये दिन-रात काम करते रहे हैं.
मई 2018 में हुई बातचीत में आईबीए ने यह भी कहा कि अधिकारियों की मांग पर बातचीत केवल स्केल-तीन के अधिकारियों तक सीमित होगी. बैंक कर्मचारियों के लिये पिछले 10वें द्विपक्षीय वेतन समझौते के 18 दौर की बातचीत के बाद अंतिम रूप दिया जा सका था
IRCTC: अब ट्रेन में मिलेगी विमान यात्रियों की तरह ये सेवा
28 July 2018
विमान परिचारकों की तरह ही रेलवे के कैटरिंग कर्मी अब सभी ट्रेनों में भोजन के बाद कचरा एकत्रित करने के लिए यात्रियों के पास कचरे का थैला लेकर जाएंगे. यह निर्देश रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने अधिकारियों को दिया है. रेलवे यात्रियों को एयरलाइन जैसी सुविधा प्रदान करने के लिए बड़ी तेजी से एयरलाइन मॉडल अपना रहा है जिसमें एयरलाइन के भोजन से लेकर वैक्यूम टायलट शामिल है.
लोहानी ने गत 17 जुलाई को मंडल स्तर के अधिकारियों और बोर्ड सदस्यों के साथ एक बैठक में कहा कि ट्रेन में सफाई बनाये रखने के लिए पैंट्री कर्मी यात्रियों को भोजन परोसे जाने के बाद कचरा एक थैले में एकत्रित करें जैसा कि विमानों में होता है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यात्री आमतौर पर भोजन करने के बाद प्लेट अपनी सीटों के नीचे रख देते हैं और पैंट्री कर्मी प्लेट को एक पर एक रखकर ले जाते हैं. कभी कभी प्लेट में बचा हुआ खाना कोच के फर्श पर भी गिर जाता है. इसके साथ ही यात्री केले के छिलके, पैकेट और ऐसी अन्य चीजें सीट या फर्श पर रख देते हैं.’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस व्यवस्था के तहत पैंट्री कर्मी विमानों की तरह प्रत्येक यात्री के पास एक थैला लेकर जाएंगे और यात्री उसमें अपनी प्लेट और अन्य कचरा उसमें रख सकते हैं.’’
लोहानी ने कहा कि ऐसी ट्रेनों जिनमें कोई पैंट्री नहीं है सफाई कर्मी कचरा एकत्रित करने के लिए ऐसे थैले रखें. उन्होंने कहा कि कैटरर के साथ नियमित ठेके में अब कचरा थैले को भी शामिल किया जाएगा.
पिछली सरकारें 50 साल में नहीं ला पाई बुलेट ट्रेन परियोजना : पीयूष गोयल
26 July 2018
नई दिल्ली: रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्व की सरकारें बुलेट ट्रेन लाने में अक्षम साबित हुईं और रेलवे का इस्तेमाल राजनीतिक कारणों के लिए किया गया. लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में गोयल ने कहा, "पूर्व में रेलवे का इस्तेमाल राजनीतिक कारणों के लिए किया गया. इसलिए अनेक परियोजनाओं की घोषणा नहीं हो पाई और सभी परियोजनओं पर कार्य के लिए बजट का अभाव बना रहा. हम यह सुनिश्चित करते हैं कि जहां कहीं भी जमीन उपलब्ध है और कार्य महत्वपूर्ण है वहां उसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है."
उन्होंने सदन को बताया, "पुरुष और महिलाओं के अलग-अलग शौचालय बनाने की हमारी योजना है. इसके अलावा, देशभर के स्टेशनों पर पानी की सुविधा, प्रतीक्षालयों को उन्नत बनाना और अन्य सुविधाएं मुहैया करवाना हमारी प्राथमिकता में शामिल है."
गोयल ने कहा, " प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत प्रौद्योगिकी की शक्ति बने ताकि लोगों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्राप्त हों. भारत में 50 साल के बाद बुलेट ट्रेन परियोजना तब आई, जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने."
उन्होंने कहा, "हमने 0.1 फीसदी की ब्याज दर पर जापान से 50 साल के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. हम देश में द्रुतगामी रेल नेटवर्क विकसित करना चाहते हैं."
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी सुनिश्चित किया है ताकि उससे मेक-इन-इंडिया की पहल में मदद मिलने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में भी योगदान दिया जा सके.
कांग्रेस पर तंज कसते हुए गोयल ने कहा, "उनको खुश होना चाहिए कि जिस बुलेट ट्रेन की परियोजना वह नहीं ला सके उसे लाने में यह सरकार कामयाब रही है. जो पैसा लाने में वे विफल रहे वह हमें मामूली ब्याज दर पर मिला है."
वह कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलेट ट्रेन परियोजना, पटरियों के दोहरीकरण व विद्युतीकरण और नई पटरी बिछाने के मसले को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे.
गोयल ने बताया कि पटरियों के रखरखाव का कार्य जिस गति से आज हो रही है उस गति से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में संभव नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि 2012-13 में महज 800 किलोमीटर विद्युतीकरण का कार्य हुआ जबकि पिछले साल 41,00 किलोमीटर विद्युतीकरण कार्य संपन्न हुआ. हमने एक साल में 4,500 किलोमीटर में नई पटरी बिछाई
आइडिया, वोडाफोन विलय का रास्ता साफ, किया 7,249 करोड़ रुपए का भुगतान
25 July 2018
आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन ने अपने-अपने मोबाइल बिजनेस का विलय करने के लिए दूरसंचार विभाग को विरोध के साथ 7,248.78 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया। इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बनने का रास्ता साफ हो गया है।
आइडिया सेल्युलर के एक अधिकारी ने भुगतान की पुष्टि करते हुए कहा, 'आइडिया और वोडाफोन ने विलय के लिए दूरसंचार विभाग की तरफ से मांगी गई राशि का आपत्ति दर्ज कराते हुए भुगतान कर दिया। दोनों कंपनियों ने संयुक्त रूप से 3,926.34 करोड़ रुपए का भुगतान नकद और 3,322.44 करोड़ रुपए की राशि बैंक गारंटी के रूप में दी है।'
दूरसंचार विभाग ने इसी साल 9 जुलाई को दोनों कंपनियों के विलय को सशर्त मंजूरी दी थी। विभाग ने कंपनियों से एकबारगी स्पेक्ट्रम शुल्क और अन्य देनदारियों का भुगतान करने को कहा था। यह कुल रकम 7 हजार करोड़ रुपए से अधिक बैठती है।
वोडाफोन और आइडिया के विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी होगी, जिसकी बाजार वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक (करीब 23 अरब डॉलर) होगी। भारतीय दूरसंचार बाजार में नई कंपनी की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत और ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी।
संयुक्त उपक्रम कितना बड़ा?
- बाजार वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपए
- भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 35 प्रतिशत
- ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़
किसका कितना हिस्सा?
- 45.1 फीसदी वोडाफोन की
- 26 फीसदी आदित्य बिड़ला समूह की
- 28.9 फीसदी आइडिया के शेयरधारकों की
भारी-भरकम कर्ज
फिलहाल आइडिया सेल्युलर और वोडफोन इंडिया पर कुल मिलाकर तकरीबन 1.15 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। यह रकम विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली संयुक्त उपक्रम कंपनी की कुल बाजार वैल्यू (1.5 लाख करोड़) से कुछ ही कम है।
एयरटेल को झटका
आइडिया सेल्युलर और वोडफोन के विलय के बाद भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी नहीं रह जाएगी, बल्कि यह दूसरे पायदान पर आ जाएगी। फिलहाल सुनील भारती मित्तल के नेतृत्व वाली भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है।
वॉलमार्ट ने लखनऊ में खोला देश का दूसरा एफसी: युवाओं के लिए रोजगार का मौका
24 July 2018
लखनऊ: रिटेल क्षेत्र की अमेरिकी कम्पनी वॉलमार्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में अपना पहला बिजनेस-टू-बिजनेस फुलफिलमेंट सेंटर (एफसी) खोलने का एलान किया और कहा कि वह अगले तीन साल में भारत में 20 थोक केन्द्र खोलेगी. वॉलमार्ट इण्डिया के अध्यक्ष और मुख्य अधिशासी अधिकारी कृष अय्यर ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा करते हुए कहा कि लखनऊ में खुलने वाला यह केन्द्र मुम्बई के बाद भारत का दूसरा वॉलमार्ट एफसी होगा. इसका प्रबंधन वॉलमार्ट की साझीदार डीएचएल इंडिया द्वारा किया जाएगा. तीसरा एफसी हैदराबाद में खोलने की योजना है.
उन्होंने बताया कि इस एफसी में खुदरा व्यवसायी आनलाइन आर्डर दे सकेंगे, जिसकी सुपुर्दगी उन्हें अपनी दुकान पर मिलेगी. इस एफसी से लखनऊ और आसपास के 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्थानों पर मौजूद कारोबारी सदस्यों को सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. इस एफसी से रोजगार के करीब 1500 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे.
उन्होंने बताया कि कम्पनी अगले तीन साल में 20 कैश एण्ड कैरी स्टोर खोलेगी. इनमें से दो स्टोर इस साल खुलेंगे. उसके अगले वर्ष आठ और उसके अगले साल 10 स्टोर खोलने की योजना है. उत्तर प्रदेश में कम्पनी ने ऐसे केन्द्र खोलने के लिये 15 स्थान चिह्नित करके औपचारिक समझौते किये हैं. ये स्टोर अगले पांच साल में काम शुरू कर देंगे.
अय्यर ने बताया कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में वॉलमार्ट के कुल चार तथा पूरे भारत में 21 कैश एण्ड कैरी स्टोर संचालित किये जा रहे हैं. कम्पनी की कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, सहारनपुर, लखनऊ और गाजियाबाद में ‘बेस्ट प्राइस‘ स्टोर खोलने की योजना है. कम्पनी का अगले सात वर्षों में 50 और स्टोर खोलने का लक्ष्य है.
वॉलमार्ट के कारण भारत के छोटे व्यवसायियों के कारोबार पर असर पड़ने सम्बन्धी आशंकाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान बहुत बड़ा देश है. यहां अलग-अलग तरह के उपभोक्ताओं की भिन्न-भिन्न पसंदगी और प्राथमिकताएं हैं. वॉलमार्ट का अपना अलग उपभोक्ता आधार है. हमें नहीं लगता कि उसकी वजह से छोटे दुकानदारों पर कोई प्रभाव पड़ेगा.
अब इस राज्य के कर्मचारियों के लिए इस साल की सबसे बड़ी खुशखबरी, मिलेगा सातवें वेतन आयोग का लाभ
23 July 2018
महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने राज्य को सरकारी कर्मचारियों (Maharashtra State Employees) के लिए सातवां वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) की सिफारिशें लागू करने का ऐलान किया है. राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) ने कहा कि सरकार दिवाली से राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को लागू करेगी. इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में खासी वृद्धि होगी.
मुनगंटीवार ने कहा कि सरकार की ओर से राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए यह दिवाली का तोहफा होगा. इस निर्णय से राज्य के 19 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.
बता दें कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी केंद्र के कर्मचारियों की तरह सातवां वेतन आयोग दिया जाएगा यह घोषणा फरवरी माह में ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ के कार्यक्रम में की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल से बढ़ाकर 60 साल करने और पांच दिन का सप्ताह करने के बारे में भी निर्णय प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
इससे पहले मुनगंटीवार राज्य की विधानसभा में बता चुके हैं कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से राज्य पर 21530 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय आएगा. सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने मार्च में प्रस्तुत बजट में 10000 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही किया है.
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार महिला कर्मचारियों को बच्चों की देखभाल के लिए 730 दिनों की छुट्टी देने की योजना बना रही है. वहीं पुरुषों को 15 दिन की पितृत्व छुट्टी देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के कर्मचारियों को सप्ताह में छह दिन के बजाए पांच दिन काम करने का प्रस्ताव विचाराधीन है. इसके लिए कर्मचारियों के वर्तमान काम करने के समय में 15 मिनट का इजाफा किया जा सकता है
देश के विकास में आयकर दाताओं और उनके द्वारा जमा हो रहे आयकर की भूमिका महत्वपूर्णः श्री प्रसन्न कुमार दास, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त
20 July 2018
आयकर विभाग आगामी 24 जुलाई को अपना 158वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। बदलते वक्त के साथ देश के विकास में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आयकर दाताओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़ने और उनसे जीवंत संपर्क बनाने के लिए आयकर स्थापना दिवस के सिलसिले में कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यह जानकारी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री प्रसन्न कुमार दास ने भोपाल में एक पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि होशंगाबाद रोड स्थित आयकर भवन से 22 जुलाई की प्रातः 6.30 बजे टैक्सेथॉन दौड़ का आयोजन होगा। इसी क्रम में 24 जुलाई की शाम 6.00 बजे रवींद्र भवन में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की गरिमामय उपस्थिति में एक कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें 100 वर्ष से ऊपर के आयकर दाताओं, उत्कृष्ट सेवा करने वाले आयकर अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। श्री दास ने बताया कि इस कार्यक्रम में आयकर विभाग द्वारा स्थापित मुफ्त विधिक सहायता प्रकोष्ठ में निःशुल्क सेवा देने वाले अधिवक्ताओं, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आदि को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि करदाताओं को आयकर के संबंध में मुफ्त विधिक सहायता देने वाला यह लीगल एड सेल देश में इस तरह का पहला सेल है। समारोह के दौरान विद्यालयों और महाविद्यालयों में आयकर संबंधी जागरूकता पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
आयकर विभाग मध्य प्रदेश एवं छत्तीगढ़ के कामकाज और उपलब्धियों की चर्चा करते हुए प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री दास ने बताया कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद सरल कर प्रणाली और पारदर्शिता के चलते आयकर की जमा राशियों में पिछल वर्ष 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इस वर्ष 17 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 21 हजार 706 करोड़ रुपये डाइरेक्ट टैक्स के रूप में प्राप्त हुए। इस वर्ष 25 हजार 455 करोड़ रुपये डाइरेक्ट टैक्स के रूप में प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि डिजिटल पेमेंट से करदाताओं के साथ आयकर विभाग को भी फायदा हुआ है।
श्री दास ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा आयकर दाताओं को जोड़ने के उद्देश्य से 26 मई से छेड़े गए आयकर जन मित्रता अभियान को जनता का अच्छा प्रतिसाद मिला है। कर दाताओं के मन से आयकर विभाग और उसकी प्रक्रिया के बारे में संकोच और भय दूर करके जीवंत संबंध और संपर्क बनाए रखने के क्रम में आम जन आयकर अधिकारी से हर बुधवार को बिना पूर्व समय लिए मिलते थे। इसी दौरान आयकर संबंधी मामलों और अपीलों के निपटान के लिए आयोजित एक सप्ताह के कार्यक्रम में 60 प्रतिशत सुधार संबंधी दावे और 80 प्रतिशत अपील संबंधी दावे निपटाए गए। उन्होंने कहा कि करदाता विस्तार अभियान में मध्य प्रदेश में करीब 6 लाख आयकर दाता बढ़े हैं।
जियो का मानसून हंगामा आज से
20 July 2018
नई दिल्ली। रिलायंस जियो का मानसून हंगामा ऑफर शुक्रवार शाम पांच बजे लांच हो जाएगा। इस ऑफर के तहत ग्राहक किसी भी ब्रांड के पुराने फीचर फोन के बदले 501 रुपये देकर जियो का नया फीचर फोन खरीद सकेंगे। जियो के नए फोन में यूट्यूब, फेसबुक और वाट्सएप समेत स्मार्ट फोन जैसी कई खूबियों को शामिल किया गया है।
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपनी सालाना आम बैठक में यह ऑफर लाने का एलान किया था। इस नए फीचर फोन में तीनों सेवाएं 15 अगस्त से मिलने लगेंगी। जिन लोगों के पास जियो के पहले लांच किए गए फीचर फोन हैं, वे भी खुद ब खुद 15 अगस्त को अपडेट हो जाएंगे और ग्राहक उन पर भी यूट्यूब, फेसबुक और वाट्सएप का इस्तेमाल कर सकेंगे। जियो का नया फोन वॉयस कमांड को सपोर्ट करेगा जिससे उन लोगों को इंटरनेट इस्तेमाल करने में आसानी होगी जो कीपैड पर टाइप करने में असहज रहते हैं।
हालांकि हंगामा ऑफर के तहत खरीदे जाने वाले जियोफोन पर किसी तरह का रिफंड नहीं मिलेगा। ग्राहक को रिफंड के लिए 1500 रुपए का पेमेंट करना होगा और उस पर एक्सचेंज ऑफर लागू नहीं होगा। जियोफोन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
लोन पर घर खरीदने वालों के हक में मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
19 July 2018
नई दिल्ली: दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) में आवासीय परियोजनाओं के घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाता का दर्जा दिये जाने संबंधी संशोधन विधेयक को संसद के आज से शुरू हुये मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी. विधेयक दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) अध्यादेश 2018 का स्थान लेगा. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पिछले महीने यह अध्यादेश जारी किया था. इस विधेयक में आवासीय परियोजनाओं में घर खरीदने वाले ग्राहकों को वित्तीय ऋणदाता का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है.
होगा ये बड़ा फायदा
ऐसा होने से परियोजना चलाने वाली कंपनी के कर्ज बोझ में फंसने और दिवालिया प्रक्रिया में जाने की स्थिति में बैंकों की कर्जदाता समिति में घर खरीदारों को भी प्रतिनिधित्व दिया जायेगा. निर्णय प्रक्रिया में उनकी भी भागीदारी होगी. इसके साथ ही घर खरीदार आईबीसी कानून की धारा सात को अमल में लाने का भी कदम उठा सकते हैं. इस धारा के तहत वित्तीय ऋणदाताओं को दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिये आवेदन देने का अधिकार है. कई आवासीय परियोजनाओं के समय पर पूरा नहीं होने और डेवलपरों द्वारा खरीदारों को फ्लैट उपलब्ध नहीं करा पाने के बाद कई घर खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.
सरकारी कर्मचारियों के मकान किराया और नगर प्रतिकर भत्ते दो गुने करने का निर्णय
18 July 2018
लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के मकान किराये भत्ते और नगर प्रतिकर भत्ते की दरों और को दोगुना करने के प्रस्ताव पर मंगलवार को मुहर लगा दी. इस बढ़ोत्तरी से राजकोष पर 2398 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में मकान किराए भत्ते की एक दिसम्बर 2008 से लागू दरों को पिछली एक जुलाई से दोगुना करने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि मकान किराया भत्ता के सम्बन्ध में वेतन समिति की सिफारिशों को वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार लागू किए जाने से राज्य कर्मचारी, राजकीय अथवा सहायता प्राप्त विद्यालयों और प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी लाभान्वित होंगे. ऐसे स्थानीय निकाय, स्वशासी संस्थाओं तथा सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के कार्मिक भी लाभान्वित होंगे, जिनमें पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स लागू किया गया है.
प्रवक्ता ने बताया कि इस निर्णय के दायरे में प्रदेश के 8.52 लाख राज्य कर्मचारी, 5.50 लाख शिक्षक एवं एक लाख शिक्षणेत्तर कर्मचारियों समेत कुल 15.02 लाख कर्मचारी आएंगे. मकान किराया भत्ता को दोगुना किए जाने के निर्णय से राजकोष पर 2223 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा
मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकारी कर्मियों को मिलने वाले नगर प्रतिकर भत्ते की दरों को भी दोगुना करने का निर्णय लिया गया है
ज्ञातव्य है कि वेतन समिति (2016) ने सातवें प्रतिवेदन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के भत्तों एवं सुविधाओं के सम्बन्ध में संस्तुतियां दी हैं. वेतन समिति की सिफारिशों के अनुसार नगर प्रतिकर भत्ता मान्य करने के लिये नगरों का वर्गीकरण पहले की ही तरह रखा गया है. जनगणना 2011 के अनुसार जो नगर एक लाख या उससे ज्यादा आबादी के हैं, उनमें भी नगर प्रतिकर भत्ता दिया जाएगा. वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार नगर प्रतिकर भत्ते के सम्बन्ध में इन संस्तुतियों को लागू किए जाने से 175 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा.
ट्रेनों में एसी कोच का किराया बढ़ने की संभावना, CAG ने दे डाला यह सुझाव
17 July 2018
देश में पिछले कुछ समय में एसी कोट में सफर करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. अब देखा जा रहा है कि टिकट बुक करते समय एसी कोच की टिकट पहले बुक हो जाती है. इसमें भी थर्ड एसी की बर्थ पहले बुक हो रही है और यह जल्दी ही वेटिंग लिस्ट में चली जाती है. इसके बाद स्लीपर और सेकेंड एसी का नंबर आता है. अब सरकार को एक सुझाव आया है कि एसी कोच के अलावा अन्य कोच में जहां पर भी बेडरोल की सुविधा दी जाती है वहां पर बेडरोल की कॉस्टिंग को किराए में जोड़ दिया जाए. यह सुझाव खास तौर पर गरीब रथ और दूरंतों ट्रेनों के लिए आया है. बता दें कि गरीब रथ जैसी ट्रेनों का संचालन गरीब लोगों को एसी कोच में सफर करने का मौका उपलब्ध कराने के इरादे से शुरू किया गया था.
खबर है कि आम आदमी के लिये सस्ते किराये की सुविधा के साथ शुरू की गई वातानुकूलित ट्रेन गरीब रथ एक्सप्रेस के टिकट के दाम में ही बेडरोल का दाम जल्द ही जोड़ा जा सकता है. रेलवे एक दशक पहले तय हुए बेडरोल के 25 रुपये के किराये को भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है जिससे किराये में खासी बढ़ोतरी हो सकती है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि कपड़े के रखरखाव की लागत में तीव्र बढ़ावा होने से यह समीक्षा दूसरी ट्रेनों में भी लागू हो सकती है. गरीब रथ ट्रेनों की तरह दूसरी ट्रेनों में भी बेडरोल की कीमतों में एक दशक में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के कार्यालय से एक नोट आने के बाद यह विचार किया जा रहा है. इस नोट में पूछा गया था कि गरीब रथ में किराये का पुनरीक्षण क्यों नहीं किया गया और अनुशंसा की कि बेडरोल की लागत को ट्रेन के किराये में शामिल किया जाए
जल्द निपटा लें बैंक के काम, सोमवार से 6 दिन की हड़ताल पर जा सकते हैं इस बैंक के अधिकारी
14 July 2018
नई दिल्ली: आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों ने एलआईसी द्वारा बैंक के प्रस्तावित अधिग्रहण तथा वेतन संबंधी मुद्दों को लेकर सोमवार से छह दिन की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. आईडीबीआई बैंक ने नियामकीय सूचना में कहा, ‘‘बैंक को अधिकारियों के एक तबके से नोटिस मिला है. नोटिस में 16 जुलाई 2018 से 21 जुलाई 2018 तक हड़ताल पर जाने की बात कही गयी है. ’’
आईडीबीआई बैंक कर्मचारियों की वेतन समीक्षा नवंबर 2012 से लंबित है. उन्होंने पिछले साल हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी लेकिन बाद में प्रबंधन से आश्वासन मिलने के बाद इसे वापस ले लिया गया.
इससे पहले, ऑल इंडिया आईडीबीआई आफिसर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली के समक्ष अपनी बात रखते हुये 51 प्रतिशत हिस्सेदारी एलआईसी को बेचे जाने के प्रस्ताव का विरोध किया था. उनका कहना था कि इस हिस्सेदारी बिक्री को बैंक के निजीकरण के समान समझा जाएगा.
इस बीच, एक सूत्र ने कहा कि बीमा नियामक इरडा से मंजूरी मिलने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) कर्ज में डूबे आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को लेकर तैयारी कर रही है. फिलहाल एलआईसी, आईडीबीआई बैंक, उसकी संपत्ति और कर्ज की स्थिति की जांच पड़ताल कर रही है.
एफएसएसएआई ने खाद्य उत्पाद कंपनियों को नमक, चीनी, वसा का इस्तेमाल हल्का करने को कहा
13 July 2018
सुरक्षित और स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने के लिए , खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने खाद्य उद्योग से पैकबंद खाद्य उत्पादों में नमक , चीनी और संतृप्त वसा को स्वेच्छा से कम करने के लिए कहा क्योंकि लेबलिंग मानदंडों को परिचालित करने में अभी लगभग एक वर्ष लगेंगे. खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और जीवनशैली संबंधी रोगों में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय अभियान ' ईट राइट मूवमेंट ' (सही खाना खाओ आंदोलन) शुरु किया. नेस्ले इंडिया , एचयूएल और पतंजलि समेत खाद्य तेल उद्योग , बेकरी और एफएमसीजी कंपनियों ने खाद्य उत्पादों में नमक, चीनी और वसा के स्तर को कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है.
इस अभियान की शुरूआत करने और लोकप्रिय बनाने के लिए , एफएसएसएआई ने एक लघु वीडियो के लिए फिल्म अभिनेता राजकुमार राव में साथ लिया है जो आम लोगों को नमक , चीनी और वसा को कम खाने के लिए प्रोत्साहित कोंगे. वीडियो टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा और सोशल मीडिया समेत अन्य मास मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा.
एफएसएसएआई के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने इस आंदोलन के शुभारंभ के मौके पर कहा , " हम खाद्य लेबलिंग विनियमन के मसौदे को लेकर आये हैं जो फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय के पास है. ’’ इस मौके पर नेस्ले इंडिया , पतंजलि और एचयूएल के शीर्ष अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा , " इसके परिचालन में आने में अभी कम से कम एक वर्ष का समय लगेगा.
तब तक , खाद्य उद्योग के लिए यह उनके उत्पादों को सुधारने का उपयुक्त समय है. " इस अवसर पर बोलते हुए , सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव के साथ नमक , चीनी , वसा को कम करने की आवश्यकता है और अधिक पौधे आधारित , प्राकृतिक आहार लेने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की इस आंदोलन का समर्थन करने में एक बड़ी भूमिका है इसलिए सरकार , नागरिक समाज और उद्योग के बीच तालमेल इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है
व्यापार युद्ध : अमेरिका ने चीन से 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर 10% आयात शुल्क और लगाया
11 July 2018
वाशिंगटन: विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध गहराता जा रहा है. अमेरिका ने आज चीन से आयातित 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर अलग से 10% शुल्क लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इससे पहले वह चीन से आयातित 34 अरब डॉलर की वस्तुओं पर 25% शुल्क लगा चुका है. अमेरिका ने यह कदम चीन की उस जवाबी कार्रवाई के बाद उठाया है जिसमें उसने अमेरिका से चीन को निर्यात किए जाने वाले 34 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाया था, इसके अलावा 16 अरब डॉलर के अतिरिक्त अमेरिकी सामान पर शुल्क लगाने की धमकी दी थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने इसे ‘अन्यायपूर्ण’ बताया था. उल्लेखनीय है कि चीन की ‘अनुचित’ व्यापार नीतियों के जवाब में अमेरिका ने छह जुलाई से 34 अरब डॉलर के चीनी सामान के आयात पर 25% का शुल्क लगाया था. अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) रॉबर्ट लाइटाइजर ने कहा, ‘‘वैधानिक प्रक्रिया समाप्त होने तक इस शुल्क के दायरे में 50 अरब डॉलर की चीनी वस्तुएं आ जाएंगी. इस शुल्क के दायरे में ऐसे चीनी उत्पाद रखे गए हैं जिन्हें चीन की औद्योगिक नीति और तकनीकी हस्तांतरण प्रक्रियाओं को लाभ मिला है. ’’
इसके बाद जवाबी कार्रवाई में चीन ने भी अमेरिका से आयात किए जाने वाले 34 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाया और 16 अरब डॉलर के सामान पर और शुल्क लगाने की धमकी दी. इस पर लाइटाइजर ने कहा, ‘‘ऐसा बिना किसी अंतरराष्ट्री य कानूनी आधार और अधिकार के किया गया है. ’’
उन्होंने कहा कि चीन की इस जवाबी प्रक्रिया और अपनी प्रक्रियाओं में बदलाव लाने में विफल रहने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने यूएसटीआर को 200 अरब डॉलर के अतिरिक्त चीनी सामान आयात पर 10% शुल्क लगाने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया.
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल बोले, एक जीएसटी दर हास्यास्पद सुझाव था
10 July 2018
कोलकाता: केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर के तहत एक दर की मांग एक 'हास्यास्पद सुझाव' था. उन्होंने कहा, "ऐसे लोगों का एक समूह है, जिन्होंने हास्यास्पद सुझाव दिया कि जीएसटी के तहत एक दर होनी चाहिए. जब एक जीएसटी दर की मांग बढ़ी थी, तो इसने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया था."
उनके मुताबिक, जीएसटी के तहत 18 फीसदी की एकल दर गरीबों और मध्यम वर्ग पर बोझ होगा, क्योंकि उन्हें रोजमर्रा की वस्तुओं पर उच्च कर चुकाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के दौरान जीएसटी संरचना 'समझदारी से प्रस्तावित' नहीं थी और वह संरचना संघीय ढांचे में काम नहीं करता.
संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए गोयल ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच 'पारस्परिक भरोसा' कम हो गया था और इसका एक कारण केंद्रीय बिक्री कर मुआवजे को लेकर जारी विवाद था. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल जीएसटी को थोड़े दिन बाद लागू करने की मांग कर रहे थे, लेकिन इससे समस्याएं और बढ़ती.
गोयल ने कहा कि पिछले साल जुलाई में अप्रत्यक्ष कर शासन लागू करने के बाद कुल 1200 वस्तुओं में से 328 वस्तुओं की दरें घटाई गई है.
NCLT से सायरस मिस्त्री को झटका, खारिज हुई टाटा संस के खिलाफ याचिका
9 July 2018
टाटा समूह द्वारा चेयरमैन पद से हटाए गए सायरस मिस्त्री को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से झटका लगा है। एनसीएलटी ने मिस्त्री की टाटा संस के खिलाफ लगाई याचिका खारिज कर दी है। सायरस ने यह याचिका पद से हटाए जाने के बाद दायर की थी। एनसीएलटी पिछले हफ्ते ही इस संबंध में फैसला सुनाने वाला था लेकिन फिर इसे 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सोमवार को आए फैसले में टाटा संस को बड़ी राहत मिली है।
एनसीएलटी ने अपने फैसले में क्या कहा?
टाटा-मिस्त्री विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए एनसीएलटी ने कहा कि टाटा बोर्ड के पास चेयरमैन को हटाने का अधिकार है और टाटा ग्रुप मैनेजमेंट में कोई भी गड़बड़ी नहीं है। साथ ही ट्रिब्यूनल ने रतन टाटा पर लगे सभी आरोपों को भी खारिज कर दिया है। एनसीएलटी के इस फैसले को मिस्त्री के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि मिस्त्री परिवार की टाटा संस में 18 फीसद की हिस्सेदारी है, जो कि टाटा ग्रुप की स्वामित्व वाली कंपनी है। मिस्त्री ने रतन टाटा के रिटायरमेंट की घोषणा के बाद साल 2012 में चेयरमैन पद की कमान संभाली थी।
सायरस मिस्त्री को भरोसा खत्म होने के कारण हटाया: टाटा
टाटा संस ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के समक्ष कहा था कि बोर्ड का सायरस मिस्त्री पर भरोसा खत्म हो जाने के कारण उन्हें चेयरमैन के पद से हटाया गया। टाटा संस के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि मिस्त्री को सिर्फ इस वजह से हटाया गया क्योंकि बोर्ड का उन पर भरोसा खत्म हो गया था। यह पूरी तरह वाणिज्यिक फैसला था।
रिलायंस के मुकेश अंबानी की इस घोषणा से अमेजन और वॉलमार्ट के सामने आई बड़ी चुनौती
7 July 2018
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कंपनी की एजीएम की बैठक में एक ऐसी बात कही जिससे कि दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ साथ भारत की कई कंपनियों के होश उड़ना तया है. उन्होंने कहा कि कंपनी अगला बड़ा दांव ऑनलाइन मार्केटप्लेस खेलने को तैयार है. अंबानी ने कहा कि RIL ऑनलाइन और रिटेल, दोनों को मिलाकर एक नया प्लेटफॉर्म बनाने की योजना पर काम कर रही है.
इससे यह साफ है कि वॉलमार्ट जिसने हाल ही भारत की ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण किया है और अमेजन जिसने भारत में कारोबार विस्तार की योजना बनाई है, दोनों के सामने एक चुनौती आने वाली है. मुकेश अंबानी ने कंपनी की इस योजना के बारे में अपने शेयर धारकों को गुरुवार की बैठक में जानकारी दी. इस प्लेटफॉर्म को बनाने में ग्रुप की रिलायंस रिटेल लि. और रिलायंस जियो इंफोकॉम लि. शामिल होंगी.
RIL की योजना हाइब्रिड ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन रिटेल को शुरू करने की है. इस प्लेटफॉर्म को ग्रुप की टेलिकॉम सर्विस और 7,500 रिटेल स्टोर्स के साथ मिलाकर बनाया जाएगा. कंपनी की योजना से जुड़े लोगों के मुताबिक, यह एक तरह से हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर का मिलन है, जहां कोई भी, कभी भी और कहीं से भी समान खरीद सकता है.
बैठक में मुकेश अंबानी ने कहा कि इस वक्त रिलायंस एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म कंपनी बनने की राह पर है. ऐसे में हमें हाइब्रिड ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन कॉमर्स प्लेटफॉर्म में सबसे ज्यादा ग्रोथ की संभावनाएं देख रहे हैं. रिलायंस प्लेटफॉर्म पर कस्टमर्स के लिए घर के पास या ऑनलाइन या किसी ऑफलाइन स्टोर्स के उपलब्ध ऑप्शन को दिखाएगा. कंपनी कस्टमर्स को प्रोडक्ट्स की डिलिवरी करेगी या उसे पास के स्टोर्स से प्रोडक्ट लेने का विकल्प भी देगी
Jio लाएगा GigaFiber ब्रॉडबैंड सर्विस, टीवी से कर पाएंगे कॉल
5 July 2018
रिलायंस जियो एक बार फिर बड़ी सौगातें लेकर आया है। कंपनी की सालाना आम सभा में मुकेश अंबानी ने कई बड़े ऐलान किए। जियो मोबाइल-2 लांच किया गया, जिससें अब व्हाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब भी चलेंगे। दूसरा बड़ा ऐलान ब्रॉडबैंड सेवा का रहा। जानिए GigaFiber ब्रॉडबैंड सर्विस के बारे में -
- जियो की GigaFiber FTTH ब्रॉडबैंड सेवा देश के 1,100 शहरों में शुरू की जाएगी। मुंबई में काफी पहले इसी टेस्टिंग हो चुकी है।
- इसमें FTTH नेटवर्क के जरिए हाईस्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके साथ एक सेट टॉप बॉक्स भी दिया जाएगा, जिससे टीवी भी चलेगा।
- इतना ही नहीं, इससे टीवी में वॉइस कमांड फीचर भी जुड़ जाएगा, यानी टीवी से कॉलिंग भी कर पाएंगे।
- इससे घरेलू उपकरण भी चलेंगे। घर बैठे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर पाएंगे। यह डिवाइस वर्चुअल असिस्टेंस का काम भी करेगा।
- इस डिवाइस के जरिए घर के 100 से ज्यादा उपकरण कंट्रोल किए जाए सकेंगे। यहां तक कि घर में लगे बिजली से स्वीच भी स्मार्टफोन के माध्यम से कंट्रोल किए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज करायेंगे इंदौर नगर निगम के बॉण्ड
4 July 2018
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 5 जुलाई को सुबह 9 बजे मुम्बई में स्टॉक एक्सचेंज में घंटा बजाकर इंदौर नगर निगम के बॉण्ड दर्ज करवायेंगे। इंदौर नगर निगम ने शहरी विकास की गतिविधियों में नागरिकों की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये अभी हाल ही में 28 जून को 170 करोड़ रुपये के बॉण्ड जारी किये हैं। इंदौर नगर निगम इस तरह के बॉण्ड जारी करने वाला राज्य का प्रथम और देश का तीसरा नगर निगम बन गया है।
भारत सरकार की अमृत योजना के माध्यम से इंदौर शहर में नगर निगम ने जल-वितरण, सीवरेज और शहरी परिवहन सुविधाओं को विकसित करने के लिये बॉण्ड जारी किये हैं। इसमें भारत सरकार का 324.05 करोड़, राज्य सरकार का 486.18 करोड़ और नगर निगम का 162.08 करोड़ रुपये अंशदान निर्धारित किया गया है।
निवेश आमंत्रित करने वरिष्ठ उद्योगपतियों से मिले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज अपने मुम्बई प्रवास के दौरान सीआईआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। श्री चौहान ने इस दौरान प्रदेश में निवेश के संदर्भ में विभिन्न देशों के वाणिज्यिक दूतों और उद्योग जगत के वरिष्ठ उद्योगपतियों से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री मुख्य रूप से आस्ट्रेलिया, कनाडा, इण्डोनेशिया, जापान, सिंगापुर, कोरिया और रशिया के वाणिज्यिक दूतों से मिले और उन्हें प्रदेश की विकास यात्रा के बारे में जानकारी दी।
श्री चौहान ने बताया कि आज की तारीख में मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में निवेश के लिये एक आदर्श राज्य बन चुका है। उन्होंने निवेशकों को आगामी 23-24 फरवरी, 2019 को मध्यप्रदेश की औद्योगिक नगरी इंदौर में आयोजित की जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मित्र देश के रूप में आने का न्यौता भी दिया।
मुख्यमंत्री को सिंगापुर के वाणिज्यिक दूत श्री अजीत सिंह ने मध्यप्रदेश में निवेश के लिये किये जा रहे प्रयासों के लिये बधाई देते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा दी जा रही सुविधाएँ हमें आकर्षित करती हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि हम सिंगापुर से विशिष्ट क्षेत्र के विकास के लिये निवेशक लायेंगे। आस्ट्रेलिया के वाणिज्यिक दूत श्री टोनी उबर ने भी मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहा। ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन के श्री बेन ग्रीन ने भी मध्यप्रदेश में शिक्षा और बैंकिंग के क्षेत्र में निवेश के मामले में रुचि जताई। कनाडा के वाणिज्यिक दूत ने प्रदेश में जल-संचयन के क्षेत्र में रुचि दिखाई और मुख्यमंत्री का निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे शीघ्र ही मध्यप्रदेश आयेंगे। इण्डोनेशिया के वाणिज्यिक दूत ने उनके देश में आगामी 24 से 28 अक्टूबर तक आयोजित ट्रेड एक्सपो में भारतीय प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया, जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने समस्त वाणिज्यिक दूतों को सीआईआई के कार्यक्रम में शामिल होने पर धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा भी मौजूद थे।
रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार के एक मंत्री बोले, मेरे विभागों ने एक करोड़ युवाओं को दी नौकरी
4 July 2018
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने चार वर्ष में एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का दावा किया है. गडकरी ने कहा कि उनके अधीन आने वाले विभागों ने मई 2014 में राजग सरकार आने के बाद से एक करोड़ युवाओं को रोजगार दिया है. गडकरी के पास सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग , पोत परिवहन और नदी विकास एवं गंगा संरक्षण जैसे अहम मंत्रालय हैं.
गडकरी ने कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा है कि उनकी सरकार ने लाखों नौकरियां पैदा की हैं , वह बिल्कुल सही है. हमारे प्रधानमंत्री (मोदी) के नेतृत्व में हमारी सरकार के बनने के बाद मेरे विभागों ने 10 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए हैं और इसे प्रमाणित करने के लिए मेरे पास आंकड़े हैं.
राजमार्ग , पोत परिवहन , बंदरगाह , अंतर्देशीय जलमार्ग , और जल संसाधन जैसे क्षेत्रों में यह हुआ है. विपक्षी दल रोजगार के मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन विभागों ने बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं. मेरे अधीन आने वाले विभागों ने एक करोड़ युवाओं को रोजगार दिया है. पिछले चार वर्षों में रोजगार सृजन की दर बढ़ी है.
गडकरी कहा कि जब कभी भी 1,000 करोड़ रुपये का निवेश होता है तो "50 हजार से एक लाख " प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजित होता है. सड़क एवं भवन निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों का विनिर्माण दोगुना हो गया है , सीमेंट उद्योग भी बढ़ रहा है. इसलिए कोई भी कह सकता है कि इन विभागों से जुड़े उद्योग बढ़ रहे हैं और इंजीनियरों , मजदूरों , ट्रक चालकों जैसे कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं.
गडकरी ने कहा कि वह अपने दावे के समर्थन में आंकड़े और सांख्यिकी एकत्र करने की प्रकिया में है. उन्होंने कहा कि हम आंकड़े एकत्र कर रहे हैं ... मैं अपने विभागों को लेकर चुनौती स्वीकार कर सकता हूं. हमने कश्मीर में एक सुरंग का निर्माण किया , जहां 2000 कश्मीरी युवकों ने काम किया.
ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा, बैंकों ने RBI से मांगी मंजूरी
3 July 2018
नई दिल्ली। वैसे तो देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अब यह भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है। देश के बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर एटीएम से पैसे निकालने पर चार्ज बढ़ाने की इजाजत मांगी है।
दरअसल, रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अपने एटीएम अपग्रेड करने के लिए कहा है। इसका पहला चरण इसी साल अगस्त तक पूरा होना है। लेकिन एटीएम अपग्रेड करने से बैंकों पर खर्च का बोझ बढ़ेगा और बैंकों ने इसका तोड़ निकालते हुए यह बोझ आम जनता पर डालने की तैयारी कर ली है।
उन्होंने आरबीआई को पत्र लिखकर एटीएम ट्रांजेक्शन बढ़ाने की इजाजत मांगी है। अगर ऐसा होता है तो बैंक दो तरह से यह चार्ज बढ़ा सकते हैं। या तो वो एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन खत्म होने पर लिए जाने वाले 18 रुपए के चार्ज को बढ़ा दें या फिर फ्री ट्रांजेक्शन की संख्या कम कर दें।
आरबीआई ने क्यों दिया एटीएम अपग्रेड का निर्देश
आरबीआई ने सभी बैंकों से एटीएम को अपग्रेड करने का निर्देश धोखाधड़ी और हैकिंग जैसी शिकायतों को देखते हुए दिया है। इसकी पहली डेडलाइन अगस्त, 2018 है। वहीं, आखिरी चरण जून 2019 में समाप्त होगा। जानकारी के लिए बता दें कि एटीएम अपग्रेडेशन के तहत बैंकों को बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (बीआईओएस) को अपग्रेड करना होगा। इसके जरिए सिस्टम को बूट या जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम लोड करते समय बीआईओएस कंप्यूटर के हार्डवेयर जिसमें रैम, प्रोसेसर, कीबोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव को कॉन्फिगर करता है।
आरबीआई ने बैंकों से यूएसबी पोर्ट डिसेबल कर एटीएम के ऑपरेटिंग सिस्टम का नवीनतम वर्जन लागू करने के लिए कहा है। साथ ही नये नोट के लिहाज से एटीएम के कैसेट को रीकॉन्फिगर करने के लिए भी कहा गया है। गौरतलब है कि नये एटीएम की लागत पहले के मुकाबले 30 फीसद तक बढ़ सकती है।
विनिर्माण क्षेत्र में 2018 की अब तक की सबसे बड़ी तेजी
2 July 2018
नई दिल्ली: देश की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां जून में इस वर्ष की सबसे तेज गति से बढ़ी हैं. घरेलू ऑर्डरों और निर्यात ऑर्डरों की वृद्धि इसकी वजह रही. एक मासिक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष सामने आया है. निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून माह में 53.1 अंक पर पहुंच गया, जो कि दिसंबर 2017 के बाद से सबसे तेज सुधार दर्शाता है. मई में यह 51.2 अंक पर था.
यह लगातार 11 वां महीना है जब विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई 50 अंक स्तर से ऊपर बना हुआ है. पीएमआई का 50 से ऊपर रहना विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार, जबकि 50 से नीचे रहना संकुचन दर्शाता है.
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना दोधिया ने कहा, "मांग स्थितियों में मजबूती से देश की विनिर्माण अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में तेजी रही. पिछले वर्ष दिसंबर के बाद से नए ऑर्डरों में तेजी और उत्पादन में वृद्धि से ऐसा संभव हुआ. "
उत्पादन जरूरतों को पूरा करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियां ने खरीद गतिविधियों में वृद्धि की है और अधिक लोगों को भर्ती किया है. दोधिया ने कहा कि रोजगार के मोर्चे पर सर्वेक्षण बेहतर श्रम बाजार की ओर इशारा करता है, नौकरी सृजन की दर दिसंबर 2017 के बाद से सबसे तेजी से बढ़ी है.
लागत मूल्य और उत्पादन मूल्य लगातार बढ़ रहा है, जो इशारा करता है कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को सख्त कर सकता है. दोधिया ने कहा कि लागत मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई 2014 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ी है. यह बताता है कि केंद्रीय बैंक पर मौद्रिक नीति को मजबूत करने का दबाव हो सकता है
आईडीबीआई-एलआईसी सौदे पर बात से पहले ही IRDA की मंजूरी
30 Jun 2018
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता आईडीबीआई बैंक में एलआईसी द्वारा अपनी हिस्सेदारी 51 फीसद पर पहुंचाने की कोशिश संबंधी खबरों को बैंक ने सिरे से खारिज कर दिया है। बैंक का कहना है कि इस बारे में अब तक उसके निदेशक बोर्ड में कोई चर्चा नहीं हुई है। दूसरी तरफ बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एलआईसी को आईडीबीआई में अतिरिक्त पूंजी निवेश को मंजूरी भी दे दी है।
दिलचस्प यह है कि मौजूदा नियमों के मुताबिक कोई भी बीमा कंपनी किसी भी अन्य कंपनी में 15 फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती। ऐसे में कहा जा रहा है कि इरडा ने एलआईसी के लिए नियमों में ढील दी है।
अगर यह सौदा होता है, तो आईडीबीआई में सावर्जनिक बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की नियंत्रक हिस्सेदारी हो जाएगी। इसके लिए उसे बैंक में 1,3000 करोड़ रुपये लगाने होंगे। वर्तमान में बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी 11 फीसद है।
शेयर बाजारों ने सौदे की चर्चा के बारे में शुक्रवार को बैंक से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके जवाब में बैंक ने कहा कि एलआईसी द्वारा बैंक में 13,000 करोड़ रुपये तक निवेश किए जाने के बारे में उसके निदेशक बोर्ड में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है। बैंक ने यह भी कहा कि जब भी बोर्ड की बैठक में इस पर किसी तरह की चर्चा होगी, सेबी के दिशानिर्देशों के मुताबिक सबसे पहले शेयर बाजारों को ही सूचित किया जाएगा।
दूसरी तरफ, सूत्रों ने बताया कि इरडा ने शुक्रवार को ही एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी 51 फीसद तक ले जाने को मंजूरी दे दी है। सूत्रों का कहना था कि हैदराबाद में इरडा के निदेशक बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। हालांकि इरडा के चेयरमैन सुभाष चंद्र खूंटिया ने कहा कि बैठक के विवरण को अनुमोदन मिलने के बाद उसे नियामक की वेबसाइट पर साझा किया जाएगा। अगर एलआईसी से जुड़ा कोई फैसला बैठक में किया गया है, तो बैठक के विवरण में उसका जिक्र होगा।
पिछले कुछ समय से आईडीबीआई बैंक में एलआईसी द्वारा नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा की खबरें जोरों पर हैं। सूत्रों का कहना है कि आईडीबीआई बैंक में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदकर एलआईसी बैंकिंग सेक्टर में हाथ आजमाना चाहती है।
रुपये की नरमी: वित्तमंत्री ने कहा, 'झटके' में प्रतिक्रिया की आवश्यकता नहीं
29 Jun 2018
नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में भारी गिरावट के बीच वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस मामले में "झटके में प्रतिक्रिया" करने की जरूरत नहीं है. गौरतलब है कि वैश्विक व्यापार में प्रशुल्क-युद्ध छिड़ने, कच्चे तेल के दाम में उछाल और अमेरिका में ब्याज दर में बढ़ोतरी से विदेशी पूंजी की निकासी के बीच कल पहली बार डॉलर के मुकाबले रुपया 69.10 तक हल्का हो गया था.
हालांकि बाद में यह कुछ सुधर कर 18 पैसे की गिरावट के साथ 68.79 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह डॉलर के मुकाबले रुपये की अब तक की न्यूनतम बंद दर है.
गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि घरेलू मुद्रा की विनिमय दर को लेकर झटके में किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है. वित्त मंत्री ने रुपये की गिरावट से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि वैश्विक कारकों को ध्यान में रखते हुए सभी हितधारकों से सलाह-मशविरा करने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि देश के पास पर्याप्त मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है.
बैंकिंग सेक्टर में कदम रखने की तैयारी में LIC
27 Jun 2018
बीमा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एलआईसी बैंकिंग सेक्टर में कदम रखने की तैयारी कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीद के सौदे से इस दिशा में बढ़ने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि आईडीबीआई की कर्ज में डूबी बैलेंसशीट के बावजूद सौदा दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। अभी इसमें सरकार की हिस्सेदारी 80.96 फीसद है, जिसे 50 फीसद से नीचे लाने का लक्ष्य है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट भाषण में इसका संकेत दिया था। बैंक में 10 फीसद हिस्सेदारी पहले से एलआईसी के पास है।
माना जा रहा है कि सौदा पूरा होने के बाद एलआईसी की हिस्सेदारी आईडीबीआई बैंक में 50 फीसद से अधिक हो जाएगी। एक दिन पहले ही वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि एलआईसी और आईडीबीआई बैंक दोनों स्वतंत्र इकाइयां हैं। दोनों के बोर्ड सौदे पर फैसला करेंगे। सरकार इस सौदे में निर्णायक की भूमिका नहीं निभाएगी। सूत्रों का कहना है कि सौदे की रूपरेखा तैयार हो गई है।
आईडीबीआई लगातार बढ़ते फंसे कर्जों यानी एनपीए के चलते दबाव में है। मार्च तिमाही में बैंक का सकल एनपीए 55,600 करोड़ रुपये के भारी-भरकम स्तर पर पहुंच गया था। इस तिमाही में बैंक का शुद्ध घाटा 5,663 करोड़ रुपये रहा था। बैंक का बाजार पूंजीकरण करीब 23,000 करोड़ रुपये है, जबकि रियल एस्टेट एसेट और इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का अनुमानित आकार 20,000 करोड़ रुपये
ईपीएफओ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश का दायरा बढ़ाने पर आज करेगा विचार
26 Jun 2018
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का न्यासी बोर्ड शेयर में निवेश पर रिटर्न अधिकतम करने के लिये इक्विटी से जुड़ी योजनाओं या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश का दायरा व्यापक बनाने पर कल होने वाली बैठक में विचार कर सकता है. बैठक के लिये सूचीबद्ध एजेंडा के अनुसार इसके अलावा ईपीएफओ निदेशक मंडल अपने कोष के प्रबंधन के लिये पांच कोष प्रबंधकों ... एसबीआई, आईसीआईसीआई सिक्योरिटी प्राइमरी डीलरशिप, रिलायंस कैपिटल, एचएसबीसी एएमसी तथा यूटीआई एएमसी को छह माह का विस्तार देने के प्रस्ताव पर भी विचार करेगा.
पांचों कोष प्रबंधकों को एक अप्रैल 2015 से तीन साल के लिये नियुक्त किया गया था. उन्हें 30 जून 2018 तक सेवा विस्तार दिया गया . अब यह प्रस्ताव है कि पांचों कोष प्रबंधकों को 31 दिसंबर 2018 तक या नये कोष प्रबंधकों की नियुक्ति तक सेवा विस्तार दिया जाए.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ ईटीएफ में निवेश कर रहा है और अब शेयर बाजारों में निवेश पर रिटर्न अधिकतम करना चाहता है. फिलहाल संगठन ने यूटीआई म्यूचुअल फंड, एसबीआई म्यूचुअल फंड, सीपीएसई ईटीएफ तथा भारत 22 में निवेश किये हैं.
ईपीएफओ को निवेश पर सर्वाधिक 17.01 प्रतिशत रिटर्न यूटीआई म्यूचुअल फंड से मिला है. इसमें 8,995.04 करोड़ रुपये का निवेश किया गया. इसके बाद एसबीआई म्यूचुअल फंड का स्थान रहा जिसमें 34,603.64 करोड़ रुपये के निवेश पर 16.07 प्रतिशत रिटर्न मिला.
इसके अलावा सीपीएसई ईटीएफ में 1,860.81 करोड़ रुपये के निवेश पर 7.94 प्रतिशत तथा भारत- 22 में 2,024.75 करोड़ रुपये के निवेश पर 8.46 प्रतिशत रिटर्न मिला. बेहतर रिटर्न को देखते हुए ईपीएफओ इक्विटी से जुड़ी योजना में निवेश का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रहा है.
अधिकारी ने कहा कि बैठक में ईटीएफ में मौजूदा निवेश योग्य पूंजी का 15 प्रतिशत निवेश की सीमा को बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है. ईपीएफओ ने अगस्त 2015 में निवेश योग्य जमा पूंजी का पांच प्रतिशत निवेश शेयर बाजार में करने के साथ शुरुआत की थी. इसके बाद 2016- 17 में इसे 10 प्रतिशत और 2017- 18 में 15 प्रतिशत कर दिया गया.
ईपीएफओ पेंशन योजना धारकों की मासिक पेंशन बढ़ाकर न्यूनतम 2,000 रुपये करने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि एजेंडा में यह शामिल नहीं है लेकिन अध्यक्ष की अनुमति से किसी भी मुद्दे पर विचार किया जा सकता है.
पतंजलि ने रुचि सोया के लिए अडानी की बोली पर जताई आपत्ति
25 Jun 2018
रुचि सोया के लिए अडानी की बोली पर ऋणशोधन अक्षमता व दिवाला की प्रक्रियाओं के तहत संकट के बादल छा गए हैं क्योंकि योग गुरु रामदेव द्वारा स्थापित पतंजलि आयुर्वेद ने साखदाताओं की समिति (सीओसी) को पत्र लिखकर रुचि सोया के लिए अडानी विल्मर की पात्रता पर चिंता जाहिर की है. पतंजलि के प्रवक्ता एस. के. तिजारावाला ने बातचीत में कहा, "हमने रुचि सोया के संबंध में 10 और 11 जून को सीओसी को पत्र लिखे हैं. लेकिन हमें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है."
बताया गया कि पतंजलि ने पत्र में ऋणशोधन अक्षमता और दिवाला संहिता की धारा 29 के तहत मसलों का जिक्र किया है. इस बीच 'बिजनेस स्टैंडर्ड' अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीओसी में शामिल ऋणदाताओं की हाल ही में बैठक हुई जिसमें दोनों कंपनियों की बोलियों और ऋणशोधन में अक्षम कंपनी के लिए संबंधित समाधान की योजनाओं पर विचार किया गया.
धारा 29ए के अनुसार, ऋण शोधन में अक्षम कंपनी को निर्धारित पात्रता की शर्ते पूरी करनी होती है. इसका मतलब यह है कि अगर प्रमोटर कर्ज संकट से जूझ रही किसी दूसरी कंपनी से जुड़ा हो तो बोलीदाता को कॉरपोरेट ऋणशोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत समाधान योजना का प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
रुचि सोया को सीआईआरपी के तहत दिसंबर 2017 में दाखिल किया गया था. रुचि सोया के पास न्यूूट्रेला, महाकोश, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड जैसे ब्रांड हैं. अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय साख दाताओं ने करीब 104 अरब रुपये का दावा ठोका है. साथ ही संचालक साखदाताओं ने भी 36 करोड़ रुपये का दावा ठोका है.
बिजनेस स्टेंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी के रिश्तेदार और अडानी विल्मर के प्रबंध निदेशक प्रणव अडानी की शादी रोटोमैक समूह के पूर्व प्रमोटर विक्रम कोठारी की बेटी नम्रता के साथ हुई है जिन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा उनकी कंपनी द्वारा फर्जीवाड़ा करने की शिकायत के बाद फरवरी में गिऱफ्तार किया.
राष्ट्रपति द्वारा छह जून को अनुमोदित हालिया आईबीसी अध्यादेश में संबंधित व्यक्ति की परिभाषा में विस्तार करते हुए 'संबंधित पक्ष' और 'रिश्तेदार' शब्द जोड़े गए हैं, जिसके तहत पति, पत्नी, भाई, मां जैसे परिवार के सदस्य और परिवार के अन्य रिश्तेदार आते हैं जिनमें ससुराल पक्ष के लोग भी शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों बोलीदाताओं की समाधान योजनाएं आईबीसी अध्यादेश द्वारा हाल में किए गए संशोधन से पहले सौंपी गई थीं इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि धारा 29 एक के तहत विस्तार किए गए मानदंड वर्तमान मामले में लागू होंगे या नहीं.
ओपेक रोजना 10 लाख बैरल बढ़ाएगा कच्चे तेल का उत्पादन, सस्ते होंगे पेट्रोल और डीजल
23 Jun 2018
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक उत्पादन बढ़ाएगा। माना जा रहा है कि शुक्रवार को हुई बैठक में सऊदी अरब कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईरान को इस मामले में सहयोग के लिए राजी कर लिया है। बैठक से एक दिन पहले तक ईरान इसके लिए तैयार नहीं था।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फलीह ने कहा कि उत्पादकों ने भारी बहुमत से रोजाना 10 लाख बैरल उत्पादन बढ़ाने की सिफाशि की है। उन्होंने कहा, "हम आपूर्ति की किल्लत रोकना चाहते हैं। हम वैसे हालात नहीं चाहते, जैसा 2007-08 में देखा गया था।"ओपेक देशों द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाए जाने का सबसे बड़ा फायदा भारत जैसे बड़े तेल आयातक देशों को होगा क्योंकि आपूर्ति बढ़ने के कारण कीमतें घटेंगी।
दरअसल अमेरिका, चीन और भारत ने ही ओपेक से उत्पादन बढ़ाने की अपील की थी, जिसके बाद उन्होंने इस मसले पर सहमति बनाने के लिए बैठक की। भारत, अमेरिका और चीन चाहते हैं कि कच्चे तेल के दाम कम हों और बाजार में आपूर्ति की दिक्कत न हो क्योंकि इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है। दिक्कत यह है कि ओपेक को उत्पादन बढ़ाने को लेकर किसी फैसले तक पहुंचने के लिए सभी सदस्य देशों की रजामंदी जरूरी है। अब तक ईरान इसके लिए तैयार नहीं था, लेकिन शुक्रवार को उसकी तरफ से नरम रुख के संकेत मिले।
ओपेक की बैठक शुरू होने से पहले फलीह से मुलाकात के बाद ईरान के पेट्रोलियम मंत्री बिजान नामदार जंगानेह ने कहा, "हम कुछ कर रहे हैं।"ईरान की अहमियत इसलिएईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। उत्पादन बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने के मामले में यह अब तक सबसे बड़ा रोड़ा रहा है। चूंकि ईरान अमेरिका का कट्टर विरोधी रहा है, लिहाजा उसने ओपेक के अन्य देशों से अपील की थी कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से उत्पादन बढ़ाने के लिए बनाए जा रहे दबाव को खारिज कर देना चाहिए।
ट्रंप से तल्खी की वजह
असल में इसी साल मई में ट्रंप ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगा दिए थे। तेल बाजार पर नजर रखने वालों को संदेह था कि अमेरिका की तरफ से उठाए गए कदम के नतीजे में ईरान 2018 के अंत तक कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक तिहाई कटौती करेगा। ईरान की तकलीफ यह है कि उसे लगता है कि उत्पादन बढ़ाने से उसे बहुत कम फायदा होगा, जबकि सबसे बड़े निर्यातक सऊदी अरब सबसे ज्यादा फायदे में रहेगा।
एक समय लगा कि नहीं बन पाएगी बात
इससे पहले ईरान के पेट्रोलियम मंत्री ओपेक की बैठक छोड़कर बाहर चले गए थे क्योंकि सऊदी अरब कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा था। इस वजह से ईरान के साथ उसकी तनातनी बढ़ गई थी। ओपेक बैठक की पूर्व संध्या पर मंत्रियों के समूह ने तेल उत्पादन बढ़ाने को लेकर चर्चा की थी।
इसके बाद ईरान के पेट्रोलियम मंत्री बिजान नामदार जंगानेह ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे नहीं लगता है कि हम किसी समझौते तक पहुंच सकते हैं।"इस वार्ता को ओपेक बैठक की तैयारी के रूप में देखा जा रहा था। 14 सदस्यों वाले इस संगठन के ज्यादातर देश कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाना चाहते हैं। जनवरी, 2017 से ही ओपेक देशों में उत्पादन कटौती जारी है, लेकिन अब सऊदी अरब ने कच्चे तेल की बढ़ती मांग पूरी करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की वकालत की है।
7वां वेतन आयोग : इन 23 लाख रिटायर्ड लोगों को मिला ये बड़ा तोहफा
22 Jun 2018
केंद्र की मोदी सरकार ने 23 लाख से अधिक विश्वविद्यालयों व कॉलेजों से रिटायर्ड शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया. सरकार ने शिक्षा क्षेत्र से जुड़े रहे इन लोगों की पेंशन में 18 हजार रुपये तक का इजाफा किया है.
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने इस बारे में खुद जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इन लोगों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से यह लाभ मिलेगा .
इन शिक्षक-गैर शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया गया है. बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से केंद्रीय विश्वविद्यालयों व यूजीसी के आधीन डीम्ड विश्वविद्यालयों के 25 हजार पेंशनरों को फायदा पहुंचेगा.
इसके अलावा राज्यों के उन विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को भी इसका लाभ मिलेगा, जिनके यहां पर सातवां वेतन आयोग लागू हो चुका है. इसमें आठ लाख शिक्षक व 15 लाख गैर-शिक्षक कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं
मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने खुद सरकार के इस फैसले की जानकारी ट्विटर के माध्यम से दी. जावड़ेकर ने अपने ट्विटर में बताया है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के 25 हजार पेंशनरों को इसका फायदा मिलेगा. यह फायदा करीब 8000 रुपये से लेकर 18000 रुपये प्रतिमाह तक होगा.
दूसरे ट्वीट में जावड़ेकर ने कहा कि सरकार के इस फैसले से राज्य विश्वविद्यालय के 8 लाख रिटायर्ड टीचर और 15 लाख गैर-शिक्षकों को इसका फायदा होगा.
जवाबी कार्रवाई : भारत ने चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर बढ़ाया आयात शुल्क
21 Jun 2018
भारत ने जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिका से आने वाले कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है. इन उत्पादों में बंगाली चना , मसूर दाल और आर्टेमिया शामिल हैं. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ये शुल्क चार अगस्त से प्रभावी होंगे.
मटर और बंगाली चने पर शुल्क बढ़ाकर 60 प्रतिशत तथा मसूर दाल पर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. इनके अलावा बोरिक एसिड पर 7.5 प्रतिशत तथा घरेलू रीजेंट पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है.
आर्टेमिया पर शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है. इनके अलावा चुनिंदा किस्म के नटों , लोहा एवं इस्पात उत्पादों , सेब , नाशपाती , स्टेनलेस स्टील के चपटे उत्पाद , मिश्रधातु इस्पात , ट्यूब - पाइप फिटिंग , स्क्रू , बोल्ट और रिवेट पर शुल्क बढ़ाया गया है.
हालांकि, अमेरिका से आयातित मोटरसाइकिलों पर शुल्क नहीं बढ़ाया गया है. अमेरिका ने चुनिंदा इस्पात एवं एल्युमीनियम उत्पादों पर बढ़ा दिया था. इससे भारत पर 24.1 करोड़ डॉलर का शुल्क बोझ पड़ा था. भारत ने इसी के जवाब में ये शुल्क लगाये हैं.
जीएसटी से कारोबार जगत का हिसाब-किताब बेहतर हुआ, कर आधार बढ़ा : वित्त मंत्रालय
20 Jun 2018
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने के बाद समूची अर्थव्यवस्था औपचारिक स्वरूप में आ रही है और व्यावसायियों के लिये अब कर दायरे से बाहर रहना मुश्किल हो रहा है. माल एवं सेवाकर को देश में एक जुलाई 2017 से लागू किया गया. इसमें उत्पाद शुल्क और बिक्री कर जैसे कई अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है.
वित्त मंत्रालय ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा, ‘‘जीएसटी जैसे एतिहासिक कर सुधार के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था को औपचारिक स्वरूप मिला है, इसके बाद सूचना प्रवाह बढ़ने से न केवल अप्रत्यक्ष कर प्राप्ति बढ़ेगी बल्कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी वृद्धि होगी. ’’
जीएसटी लागू होने से पहले केन्द्र के पास छोटे विनिर्माताओं और खपत के बारे में काफी कम आंकड़े उपलब्ध थे, क्योंकि उत्पाद शुल्क केवल विनिर्माण के स्तर पर ही लगाया जाता था जबकि राज्यों के पास उनकी स्थानीय फर्मों की राज्य सीमाओं से बाहर होने वाली गतिविधियों के बारे में बहुत कम जानकारी थी.
जीएसटी के तहत अब केन्द्र और राज्यों के पास आंकड़ों की साझा जानकारी का निवल प्रवाह उपलब्ध है. इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर प्राप्ति अधिक प्रभावी बन रही है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘जीएसटी का कर आधार लगातार बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अब औपचारिक प्रणाली के तहत आने के लिये प्रोत्साहन बढ़ा है.’’
बयान में कहा गया है कि अब उनके लिये कर दायरे से बाहर रहना काफी मुश्किल होता जा रहा है जो कर भुगतान के पात्र हैं. मंत्रालय का कहना है कि सरकार जीएसटी ढांचे को और अधिक सरल बनाने के लिये कदम उठा रही है ताकि कर भुगतान करने वालों को बेहतर सुविधा दी जा सके और ग्राहकों को उसका लाभ मिल सके.
ICICI बैंक बोर्ड ने संदीप बख्शी को बनाया नया सीओओ
19 Jun 2018
वीडियोकॉन लोन मामले में आईसीआईसीआई बैंक का जो बोर्ड अब तक एमडी व सीईओ चंदा कोचर के साथ मजबूती से खड़ा दिख रहा था, उसने अब दूरी बनानी शुरू कर दी है। सोमवार को निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता आईसीआईसीआई बैंक ने बोर्ड की बैठक के बाद मामले में आंतरिक जांच पूरी होने तक कोचर के छुट्टी पर रहने की घोषणा की।
इसके साथ ही बैंक ने उनके स्थान पर आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के एमडी व सीईओ संदीप बख्शी को मंगलवार से अगले पांच वर्षों के लिए बैंक के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) के रूप में अंतरिम प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी है। उनकी नियुक्ति को नियामकीय मंजूरियों की दरकार होगी।
हालांकि बैंक ने कोचर से पद वापस नहीं लिया है, ऐसे में बख्शी अपनी भूमिका में उन्हें ही रिपोर्ट करेंगे। लेकिन जांच पूरी होने और कोचर की वापसी तक बख्शी बैंक के बोर्ड को रिपोर्ट करेंगे। वहीं, एनएस कन्नन को को आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का एमडी व सीईओ नियुक्त किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक बैंक के चेयरमैन एमके शर्मा चाहते थे कि आंतरिक जांच पूरी होने तक कोचर से छुट्टी पर रहने को कहा जाए। उन्होंने बोर्ड के सदस्यों को ई-मेल भेजकर इस बारे में उनकी राय मांगी थी। बैंक ने पहली जून को बताया था कि फिलहाल कोचर सालाना नियोजित अवकाश पर हैं।
कई स्तरों पर हो रही जांच-
आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को दिए लोन के मामले में कोचर पर भाई-भतीजावाद और सेवा के बदले लाभ की शिकायत एक अज्ञात मुखबिर ने की थी। बाद में सीबीआइ, आयकर विभाग और पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा जांच शुरू किए जाने के बाद बैंक बोर्ड ने इस मामले की स्वतंत्र आंतरिक जांच कराने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि बैंक का बोर्ड लगातार इस मामले में चंदा कोचर के पक्ष में खड़ा रहा है।
शेयर में 3.6 फीसदी उछाल-
आईसीआईसीआई बैंक में संभावित बदलाव और कोचर पर बढ़ा दबाव बाजार को पंसद आया। सोमवार को बीएसई पर बैंक के शेयर 10.20 रुपये यानी 3.16 फीसदी तेजी के साथ 292.50 रुपये के स्तर पर बंद हुए।
राजकोषीय घाटे को 3.3% तक सीमित रखने को हम प्रतिबद्ध: वित्त मंत्री पीयूष गोयल
18 Jun 2018
वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. चालू वित्त वर्ष (2018-19) के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य है.
गोयल ने आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की मजबूती बनाए रखेगी और हम (सरकार) द्वारा तय सभी आर्थिक मानकों को पूरा करेंगे. उन्होंने कहा, "मैं यह भरोसा दिलाता हूं कि चुनावी वर्ष होने के बावजूद हम राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल करेंगे."
वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.53 प्रतिशत था, जो कि सरकार के संशोधित अनुमान के अनुरूप ही रहा. वर्ष के दौरान राजस्व घाटा जीडीपी के 2.65 प्रतिशत के बराबर रहा. स्वतंत्र रूप से राजकोषीय घाटा 5.91 लाख करोड़ रुपये रहा. यह राशि बजट अनुमान का 99.5 प्रतिशत है.
सरकार ने फरवरी में पेश बजट में 2017-18 के संशोधित बजट अनुमान में लिए राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत कर दिया था जो प्रारंभिक बजट अनुमान में 3.2 प्रतिशत रखा गया था.
चीन से दूध व उसके उत्पादों के आयात पर जारी रहेगा प्रतिबंध
15 Jun 2018
भारत ने चीन से आने वाले दूध और उसके उत्पादों की खराब गुणवत्ता की वजह से उन पर छह माह के लिए और प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध की श्रेणी में चॉकलेट व चॉकलेट युक्त अन्य उत्पाद शामिल हैं। यह प्रतिबंध 23 दिसंबर तक जारी रहेगा। लेकिन इसकी गुणवत्ता में सुधार न होने पर प्रतिबंध को और आगे बढ़ाया जा सकता है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार निदेशालय की संबंधित समिति के साथ बैठक हुई, जिसमें चीन के दूध और उसके उत्पादों पर एक बार फिर प्रतिबंध लगा दिया। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की ओर से मामले में 14 जून को अधिसूचना जारी की गई है।
एफएसएसएआइ की संबंधित मंत्रलयों के साथ 11 जून की समीक्षा बैठक हुई, जहां चीनी दूध और उसके उत्पादों की खराब गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालने वाली एक रिपोर्ट सामने आई। इसके बाद चीनी उत्पाद पर प्रतिबंध का निर्णय लिया गया। चीनी उत्पादों पर सबसे पहले वर्ष 2008 में छह माह का अंतरिम प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि इसके बाद प्रतिबंध आगे बढ़ता रहा। आखिरी बार 22 जून 2017 को 23 जून 20018 तक के लिए प्रतिबंध बढ़ाया गया था, जिसे अब 22 दिसंबर 2018 तक कर दिया गया है।
शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे मजबूत
14 Jun 2018
नई दिल्ली: विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा के कमजोर होने से आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया आठ पैसे मजबूत होकर 67.57 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया.
डीलरों ने कहा कि बैंकों एवं निर्यातकों की डॉलर बिकवाली से भी रुपये को तेजी मिली है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने तथा इस साल दो और बार एवं 2019 में चार बार बढ़ाने के संकेत देने के बावजूद विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर में नरमी रही.
पिछले कारोबारी दिवस रुपया 16 पैसे लुढ़ककर करीब एक सप्ताह के निचले स्तर पर 67.65 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज शुरुआती कारोबार में 126.09 अंक यानी 0.35 प्रतिशत गिरकर 35,613.07 अंक पर रहा.
जियो का डबल धमाका : 100 रुपए की छूट के साथ प्रतिदिन मिलेगा 3 जीबी डाटा
13 Jun 2018
नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने एक बार फिर अपने प्रतिस्पर्धियों के सामने चुनौती पेश करते हुए अपने ग्राहकों के लिए छूट के साथ अधिक डाटा की पेशकश की है। कंपनी अपने सभी डाटा प्लान में अतिरिक्त डेढ़ जीबी डाटा देगी। साथ ही 399 रुपये के रिचार्ज पर 100 रुपये की छूट देगी, जिसका फायदा 12 जून की दोपहर चार बजे से 30 जून तक उठाया जा सकेगा।
एयरटेल ने हाल ही में अपने यूजर्स के लिए 149 रुपये से अधिक के रिचार्ज पर एक जीबी प्रतिदिन अतिरिक्त डाटा की पेशकश की थी, जिसके टक्कर में जियो ने प्रतिदिन 1.5 जीबी अतिरिक्त 4जी डाटा देने का ऐलान किया।
वहीं, माईजियो एप के "फोनपे" वॉलेट के जरिये 300 और उससे अधिक के रिचार्ज पर 100 रुपये की छूट मिलेगी जबकि इससे कम के प्रत्येक रिचार्ज पर 20 फीसदी की छूट का लाभ मिलेगा। जियो ने अपनी रिचार्ज प्लान के लांचिंग के मौके पर अन्य ऑपरेटरों के मुकाबले सस्ती और बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का वादा दोहराया।
प्रतिदिन 1.5 जीबी वाले प्लान्स में बदलाव -
जियो डबल धमाका ऑफर के तहत Jio यूज़र को अब 149 रुपये, 349 रुपये, 399 रुपये और 499 रुपये से रिचार्ज कराने पर हर दिन इस्तेमाल के लिए 1.5 जीबी की जगह 3 जीबी 4जी डाटा दिया जाएगा। यानी 149 रुपये वाले प्लान में कुल 84 जीबी 4जी डाटा, 349 रुपये वाले प्लान में 210 जीबी डाटा, 399 रुपये वाले Jio रीचार्ज पैक में 252 जीबी डाटा और 449 रुपये वाले प्लान में 272 जीबी डाटा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा।
प्रतिदिन 2 जीबी वाले प्लान्स में बदलाव -
इस नए अॉफर के तहत 198 रुपये वाले प्लान में कुल 98 जीबी डाटा, 398 रुपये वाले प्लान में 245 जीबी डीटा, 448 रुपये वाले Jio रीचार्ज पैक में 294 जीबी डाटा और 498 रुपये वाले प्लान में 318.5 जीबी डाटा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा यानी यूजर्स को प्रतिदिन 3.5 जीबी डाटा मिलेगा।
प्रतिदिन 3 जीबी, 4 जीबी और 5 जीबी वाले प्लान्स में बदलाव -
कंपनी इस नए अॉफर में 299 रुपये वाले Jio प्लान से रिचार्ज कराने पर अब 126 जीबी डाटा, 509 रुपये वाले रिचार्ज पैक में अब 154 जीबी डाटा और 799 रुपये वाले प्लान मे 182 जीबी डाटा मिलेगा।
MyJio ऐप से रिचार्ज कराने पर मिलेगा फायदा -
कंपनी ने अपने प्लान्स में 1.5 जीबी डाटा देने के साथ ही MyJio ऐप से रिचार्ज करवाने पर भी अॉफर पेश किया है। इसमें Jio की ओर से 300 रुपये से ऊपर के रिचार्ज पर 100 रुपये की छूट दी जा रही है। वहीं 300 रुपये से कम के रिचार्ज पर 20 प्रतिशत की छूट है।
एयरपोर्ट जल्दी पहुंचने पर अब मिल सकता है ये बड़ा फायदा, जानिए
12 Jun 2018
विमानन कंपनी विस्तारा ने यात्रियों के लिए एक नया विकल्प पेश किया है। इसके तहत ग्राहक शेड्यूल की गई फ्लाइट के समय से चार घंटे पहले एयपोर्ट पहुंच कर पहले की भी फ्लाइट ले सकते हैं। हालांकि इस सेवा के लिए ग्राहकों को 2500 रुपये की फीस चुकानी होगी। यह जानकारी एयर विस्तारा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी है।
विस्तारा की नई स्कीम का नाम #VistaraFlyEarly है। यह विकल्प ट्रैवल के सभी क्लास के लिए उपलब्ध है। यह जानकारी कंपनी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दी है। साथ ही यह जो 2500 रुपये की अतिरिक्त फीस है यह विस्तारा के फ्लेक्सी फेयर कस्टमर्स और क्लब विस्तारा प्लेटिनम सदस्यों के लिए माफ कर दी जाएगी।
जानिए इस स्कीम से जुड़ी 10 बातें-
इस स्कीम का लाभ केवल एयरपोर्ट पर ही मिलेगा और इसके साथ ही ग्राहक की उपस्थिति भी अनिवार्य है।
यह सेवा स्टैंडबाय आधार पर ही मिलेगी। मसलन, अगर पहले के समय की फ्लाइट में जगह है तो इस बात की पुष्टी फ्लाइट के डिपार्चर के एक घंटे पहले ही की जाएगी।
यह सेवा केवल उन ग्राहकों के लिए है जो एयरपोर्ट अपनी फ्लाइट के शेड्यूल समय से चार घंटे पहले पहुंचेंगे। बुक की हुई फ्लाइट और समय से पहले जाने वाली फ्लाइट के बीच का समय चार घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
इस सेवा का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक टिकटिंग काउंटर जा सकते हैं और विस्तारा फ्लाई अर्ली के लिए निवेदन कर पहले की फ्लाइट बुक कर सकते हैं।
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि 2500 रुपये की जो नॉन रिफंडेबल राशि है वह प्रति सेक्टर प्रति ग्राहक के हिसाब से होते हैं।
यह स्कीम केवल डायरेक्ट फ्लाइट्स के लिए ही वैलिड है।
बुक की गई फ्लाइट को ग्राहक केवल पोस्टपोन या प्रीपोन कर सकते हैं। इसमें री रूट की सुविधा नहीं दी जाएगी।
विस्तारा की यह स्कीम ग्रुप फेयर्स पर उपलब्ध नहीं है। 2500 रुपये के नॉन रिफंडेबल चार्जेस क्लब विस्तारा प्लेटिनम मेंबर्स के लिए ही है।
इस हफ्ते शेयर बाजारों में रही 1 फीसदी से कम की तेजी
11 Jun 2018
मुंबई: देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह एक फीसदी से कम की तेजी रही. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 216.41 अंकों यानी 0.61 फीसदी और निफ्टी में 71.45 अंकों यानी 0.67 फीसदी की तेजी रही. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को सप्ताह में 216.41 अंकों यानी 0.61 फीसदी की तेजी के साथ 35,443.67 पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 71.45 अंकों यानी 0.67 फीसदी की तेजी के साथ 10,767.65 पर बंद हुआ. बीएसई का मिडकैप सूचकांक 169.86 अंकों यानी 1.07 फीसदी की तेजी के साथ 16,022.37 पर बंद हुआ. स्मॉलकैप सूचकांक में हालांकि गिरावट रही और यह 91.83 अंकों यानी 0.54 फीसदी गिरकर 16,887.13 पर बंद हुआ.
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 35,011.89 पर खुला और 215.37 अंकों या 0.61 फीसदी गिरावट के साथ 35,011.89 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का संवेदी सूचकांक निफ्टी 10,765.95 पर खुला और 67.70 अंकों या 0.63 फीसदी की गिरावट के साथ 10,628.50 पर बंद हुआ. सेंसेक्स मंगलवार को 35029.45 पर खुला और 108.68 अंकों या 0.31 फीसदी गिरावट के साथ 34,903.21 पर बंद हुआ. निफ्टी 10,630.70 पर खुला और 35.35 अंकों या 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 10,593.15 पर बंद हुआ. सेंसेक्स बुधवार को 34,932.49 पर खुला और 275.67 अंकों या 0.79 फीसदी की तेजी के साथ 35,178.88 पर बंद हुआ। निफ्टी 10,603.45 पर खुला और 91.50 अंकों या 0.86 फीसदी तेजी के साथ 10,684.65 पर बंद हुआ.
गुरुवार को सेंसेक्स 35,278.38 पर खुला और 284.20 अंकों या 0.81 फीसदी की तेजी के साथ 35,463.08 पर बंद हुआ। निफ्टी 10,722.60 पर खुला और 83.70 अंकों या 0.78 फीसदी तेजी के साथ 10,768.35 पर बंद हुआ। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 35,406.47 पर खुला और 19.41 अंकों या 0.05 फीसदी गिरावट के साथ 35,443.67 पर बंद हुआ। निफ्टी 10,736.40 पर खुला और 0.70 अंकों या 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 10,767.65 पर बंद हुआ. निवेश के मामले में शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़े बताते हैं कि विदेशी निवेशकों ने इस हफ्ते 1,367.22 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि देसी संस्थागत निवेशकों ने 2,131.56 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इक्विटी में 3,757.94 करोड़ रुपये बीते कारोबारी हफ्ते में निवेश किए. इस हफ्ते सेंसेक्स में लाभ अर्जित करने वाली प्रमुख कंपनियों में सन फार्मा के शेयर ने 9.38 फीसदी, टाटा मोटर्स ने 7.96 फीसदी, टाटा मोटर्स डीवीआर टाटा स्टील 6.99 फीसदी, और डॉ. रेड्डीज लैब ने 6.26 फीसदी की बढ़त दर्ज की.
गिरावट वाले प्रमुख शेयरों में पॉवर ग्रिड 3.59 फीसदी, एचडीएफसी बैंक 2.82 फीसदी, लार्सन एंड टूब्रो 2.02 फीसदी, अडानी पोर्ट्स 1.98 फीसदी और एनटीपीसी 1.64 फीसदी गिरकर बंद हुए.
एयर इंडिया ने बैंकों से मांगा 1,000 करोड़ का शॉर्ट टर्म लोन, जानें क्या है वजह
8 Jun 2018
एयर इंडिया अपने सबसे बुरे दौरे से गुजर रहा है. एयर इंडिया ने एक हज़ार करोड़ के शॉर्ट टर्म लोन का प्रस्ताव रखा है. कंपनी के दस्तावेज़ के मुताबिक, लोन इसी महीने एक या ज़्यादा खेप के माध्यम से निकाला जाएगा, जिसकी अवधि एक साल की होगी. इसके कर्मचारियों को 3 महीने से वेतन नहीं मिला है.
कंपनी के निविदा दस्तावेज के अनुसार, एक हजार करोड़ रुपए का ऋण जून में एक या अधिक खेप के माध्यम से निकाला जाएगा. कंपनी ने बैंकों से 13 जून तक प्रस्ताव रखने को कहा है. दस्तावेज में कहा गया है कि इस अल्पकालिक ऋण की अवधि (नवीकरणीय) एक साल की होगी.
उल्लेखनीय है कि कोष की कमी के बीच एयरलाइन ने पिछले साल सितंबर से इस साल जनवरी के बीच 6,250 करोड़ रुपए कर्ज लिया. यह कार्यशील पूंजी तथा अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिये लिया गया.
पेट्रोल 9 पैसे, डीजल 7 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ, जानें आज के रेट
7 Jun 2018
देश में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के गिरते दामों का असर भारतीय बाजार पर जारी है. आज लगातार नौवें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम तेल कंपनियों ने कम किए गए हैं. इंडियन ऑयल की साइट के मुताबिक गुरुवार को कंपनी ने पेट्रोल के दाम में 9 पैसे और डीजल के दाम में 7 पैसे प्रति लीटर की कमी की है
वहीं, गिरावट के बाद भी मुंबई में तेल के रेट सबसे ज्यादा हैं. मुंबई में कटौती के बाद पेट्रोल 85.45 रुपये और डीजल 73.17 रुपये प्रति लीटर है. 29 मई से अब तक पेट्रोल पर 83 पैसे और डीजल पर 61 पैसे कम किए गए हैं.
बता दें कि कर्नाटक चुनाव के बाद लगातार 16 दिन तक दाम बढ़ाने के बाद 29 मई को तेल कंपनियों ने तेल के दामों में कमी की थी.
इससे पहले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि तेल की कीमतों का निर्धारण तेल कंपनियां करती हैं और उसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है. पेट्रोलियम मंत्री ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में एक पैसे की कमी को लेकर विपक्ष के ताने पर सफाई देते हुए यह स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा, "पिछले कुछ साल से पेट्रोल की कीमत बाजार द्वारा तय होती है और दैनिक कीमतों का निर्धारण पिछले साल से हो रहा है. सरकार कीमतों का निर्धारण नहीं करती है."
लोन हो जाएंगे महंगे, आरबीआई ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया
6 Jun 2018
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन से जारी बैठक आज खत्म हुई. इस बैठक के बाद आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 बेसिस प्वाइंट से बढ़ा दिया है. अब यह 6.25 प्रतिशत हो गया है. अब यह तय है कि इससे सभी लोन महंगे हो जाएंगे. अर्थव्यवस्था में लोन महंगे होने का कुछ असर पड़ेगा. जनवरी 2014 के बाद पहली बार आरबीआई ने यह किया है. यानी पिछले चार में पहली बार आरबीआई ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं. मीडिया को जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा, रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर (रेपो दर) 0.25 प्रतिशत बढ़कर 6.25 प्रतिशत किया है. आरबीआई ने 2018-19 की पहली छमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 4.8-4.9 प्रतिशत तथा दूसरी छमाही के लिये 4.7 प्रतिशत किया. रिजर्व बैंक ने 2018-19 के लिये जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
बैठक से पहले जानकार कह रहे थे कि बैठक के निष्कर्षों पर पेट्रोलियम उत्पादों में तेजी का असर पड़ सकता है. एमपीसी की बैठक चार जून से जारी थी और आज इसमें चर्चा समाप्त हुई. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा था, एमपीसी की 2018-19 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के लिये 4-6 जून को बैठक होगी.
बता दें कि यह पहला मौका है जब प्रशासनिक जरूरतों के कारण मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन दिन चली. सामान्य स्थिति में समिति मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले दो महीने में दो दिन के लिये बैठक होती थी.
मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर किया गया है जो अप्रैल में चार महीने के उच्च स्तर 3.18 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी. माना जा रहा है कि मुख्य रूप से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई दर बढ़ी है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में वृद्धि के कारण घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम चढ़े थे जो अब पिछले सात दिनों से कम होते चले आ रहे हैं. पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतें मुद्रास्फीति में वृद्धि भी हुई थी.
बता दें कि हाल के समय में कच्चे तेल के मूल्यों में तेजी आई. चालू खाते का घाटा बढ़ा है और रुपये में भारी गिरावट आई है. बैंक ने 21 मार्च को 2018-19 के लिए द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक का कार्यक्रम जारी किया था. रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एमपीसी नीतिगत दरें निर्धारण करती है.
उल्लेखनीय है कि पहली मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक 4-5 अप्रैल को हुई थी और मुद्रास्फीति की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया गया था.
एयरसेल-मैक्सिस मामला : ED के समक्ष आज पेश हो सकते हैं पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम
5 Jun 2018
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हो सकते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को लेकर ताजा समन भेजा है.
उनके उपस्थित होने पर एजेंसी मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज कर सकते हैं. कुल 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे में चिदंबरम की भूमिका जांच के घेरे में आई है. ईडी इस मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति से पहले ही पूछताछ कर चुका है. चिदंबरम ने पिछले सप्ताह विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी की अदालत के समक्ष आवेदन देकर मामले में ईडी की गिरफ्तारी से राहत देने का आग्रह किया था.
अदालत ने ईडी को इस मामले में पांच जून तक चिदंबरम के खिलाफ कोई कार्रवाई करने या गिरफ्तार करने से मना किया है. इससे पहले, इ्रडी ने चिदंबरम को 30 मई को पेश होने को कहा था. उसके बाद चिदंबरम ने अदालत में अर्जी दी. एयरसेल-मैक्सिस मामला विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा मेसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशंस होल्डिंग सर्विसेज लि. को 2006 में एयरसेल में निवेश की मंजूरी देने से संबंधित है.
बड़ी राहत : चेकबुक, एटीएम निकासी पर नहीं लगेगा जीएसटी
4 Jun 2018
नई दिल्ली: बैंकों की एटीएम निकासी तथा चेकबुक जैसी ग्राहकों के लिए नि:शुल्क सेवाओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है. हालांकि क्रेडिट कार्ड बिल के बकाया भुगतान पर लगा विलंब शुल्क तथा अनिवासी भारतीयों द्वारा बीमा की खरीद पर जीएसटी लगेगा.
राजस्व विभाग ने बैंकिंग, बीमा और शेयर ब्रोकर सेवाओं पर जीएसटी लागू होने के संबंध में ‘बार-बार उठने वाले प्रश्नों का निवारण (एफएक्यू)’ जारी कर इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया है.
विभाग ने कहा कि प्रतिभूतिकरण, डेरिवेटिव्स और वायदा सौदों से जुड़े लेन-देन को भी जीएसटी दायरे से बाहर रखा गया है. वित्तीय सेवा विभाग ने पिछले महीने इस संबंध में राजस्व विभाग से संपर्क किया था.
पीडब्ल्यूसी में पार्टनर एवं लीडर (अप्रत्यक्ष कर) प्रतीक जैन ने कहा कि एफएक्यू काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जीएसटी के दृष्टिकोण से वित्तीय सेवाओं को सबसे जटिल माना जाता है.
आयकर जन मित्रता अभियान प्रारंभ
2 Jun 2018
आयकर विभाग भोपाल द्वारा करदाताओं की समस्याओं के समाधान हेतु “आयकर जन
मित्रता अभियान “ प्रारंभ किया गया है l यह अभियान 24 मई 2018 से 24 जुलाई 2018
तक जारी रहेगा l इस अभियान के अंतर्गत करदाताओ हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रहीं
हें, जैसे कि करदाता दरबार, Meet the Officer Programme, आयकर से सम्बंधित
जानकारी हेतु आउटरीच कार्यक्रम आदि l करदाता दरबार कार्यक्रम के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति
माह के अंतिम शुक्रवार को प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक प्रधान मुख्य आयकर
आयुक्त / मुख्य आयकर आयुक्त से बिना किसी पूर्व अनुमति के मिल सकता है एवं अपनी
समस्याएं बता सकता है l Meet the Officer Programme के अंतर्गत कोई भी करदाता
प्रत्येक बुधवार को प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक आयकर अधिकारी स्तर के
अधिकारीयों से लेकर प्रधान आयकर आयुक्त दर्जे तक के किसी भी अधिकारी से बिना किसी
पूर्व अनुमति के मिलकर अपनी शिकायतों का समाधान करा सकता है l आयकर जन
मित्रता अभियान का मुख्य उद्देश्य करदाताओं की समस्याओं / शिकायतों का जल्द से
जल्द समाधान करना है l इस अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश एवं छतीसगढ़ में विभिन्न
प्रतियोगिताएं का आयोजन किया जायेगा , जिनके विजेताओं को “आयकर दिवस” के मौके
पर 24 जुलाई 2018 को पुरस्कृत किया जायेगा l इस अभियान से सम्बंधित अधिक
जानकारी आयकर विभाग भोपाल की वेबसाइट www.incometaxbhopal.in से प्राप्त की
जा सकती है l
आईओसी लगातार दूसरे साल सर्वाधिक मुनाफा कमाने वाली सरकारी कंपनी, ओएनजीसी को पीछे छोड़ा
1 Jun 2018
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी) लगातार दूसरे साल सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली सरकारी कंपनी बनी है. उसने तेल एवं गैस का उत्पादन करने वाली ओएनजीसी को भी छोड़ दिया है. आईओसी के सबसे ज्यादा मुनाफे में रहने के बाद इस बात को लेकर सवाल उठने लगा है कि पेट्रोल, डीजल के चढ़ते दाम के बीच कंपनी को ईंधन सस्ते में बेचने के लिये सब्सिडी क्यों दी जानी चाहिये.
हाल में इस तरह की रिपोर्टें आई थी कि सरकार ओएनजीसी तथा तेल, गैस उत्पादन से जुड़ी दूसरी कंपनियों को सब्सिडी में योगदान के लिये कह सकती है. आईओसी कारोबार के लिहाज से दशकों तक देश की सबसे बड़ी कंपनी रही .
आईओसी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2017-18 में 12 प्रतिशत बढ़कर 21,346 करोड़ रुपये रहा. इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह 19,106 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी ने पिछले सप्ताह ही वित्तीय परिणाम की घोषणा की. वहीं आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) का शुद्ध लाभ 2017-18 में 11.4 प्रतिशत बढ़कर 19,945 करोड़ रुपये रहा.
हालांकि, दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लगातार तीसरे साल सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही. कंपनी का मुनाफा 36,075 करोड़ रुपये रहा. देश की सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का शुद्ध लाभ 2017-18 में 25,580 करोड़ रुपये रहा और यह दूसरी सर्वाधिक मूल्यवान कंपनी रही.
ओएनजीसी लंबे समय तक सर्वाधिक लाभ कमाने वाली कंपनी रही लेकिन तीन साल पहले निजी क्षेत्र की रिलायंस और टीसीएस से यह पिछड़ गयी. वास्तव में ओएनजीसी का लाभ सार्वजनिक क्षेत्र की तीन खुदरा कंपनियों ... इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी) , हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि . (एचपीसीएल) तथा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि . (बीपीसीएल) के संयुक्त लाभ से भी अधिक था .
लेकिन अब वह आईओसी से पिछड़ गई है. पिछले सप्ताह एचपीसीएल ने वित्त वर्ष 2017-18 के वित्तीय परिणाम की घोषणा की और उसका शुद्ध लाभ 2017-18 में 6,357 करोड़ रुपये जबकि कारोबार 2.43 लाख करोड़ रुपये रहा. वहीं बीपीसीएल का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष में 7,919 करोड़ रुपये रहा.
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टिप्पणियांआईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल जैसी पेट्रोलियम पदार्थों की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियां अचछा मुनाफा कमा रही हैं ऐसी स्थिति में ओएनजीसी और आयल इंडिया को उन्हों पेट्रोल, डीजल की सस्ते दाम पर बिक्री करने पर सब्सिडी में योगदान करने के लिये कहने पर सवाल उठने लगे हैं.
ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘उनके लाभ को देखिये. उन्हें किसी सब्सिडी समर्थन की जरूरत नहीं है. ’’ ओएनजीसी 30,000 से 35,000 करोड़ रुपये सालाना निवेश कर रही है और अगर फिर से उससे सब्सिडी पर ईंधन मांगा जाता है , तो उसके लिये स्थिति कठिन होगी. ओएनजीसी और आयल इंडिया ने जून 2015 तक कच्चे तेल पर 40 प्रतिशत ईंधन सब्सिडी का भुगतान किया है.
व्यापारियों हो जाएं खुश : 15 दिनों में दिया जाएगा 30,000 करोड़ से अधिक का GST रिफंड
31 May 2018
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का रिफंड सरकार और व्यापार जगत दोनों ही के लिए पिछले कुछ महीनों से चिंता का विषय रहा है. अब तक सरकार ने जीएसटी रिफंड के रूप में 30,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि को मंजूरी दी है. इसमें आईजीएसटी के 16000 करोड़ रुपये और आईटीसी के 14000 करोड़ रुपये शामिल हैं. आईटीसी के आंकड़ों में केन्द्र एवं राज्य दोनों ही सरकारों द्वारा दी गई मंजूरियां शामिल हैं. मार्च 2018 में प्रथम रिफंड पखवाडे़ के बाद रिफंड मंजूरी में कमी होने के बारे में मीडिया में आई रिपोर्टों के विपरीत मई 2018 के दौरान 8000 करोड़ रुपये के रिफंड को मंजूरी दी गई है.
अब तक 14000 करोड़ रुपये तक के रिफंड दावे (आईजीएसटी मद में 7000 करोड़ रुपये और आईटीसी मद में 7000 करोड़ रुपये) सरकार के पास लंबित हैं, जबकि फियो द्वारा प्रेस रिपोर्टों में यह राशि 20000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है. लंबित दावों की अदायगी करने के उद्देश्य से सरकार 31 मई, 2018 से लेकर 14 जून, 2018 तक ‘विशेष अभियान रिफंड पखवाड़ा’ शुरू करने जा रही है. इस बार ‘विशेष अभियान रिफंड पखवाड़े’ के दौरान सभी तरह के रिफंड दावों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस दौरान सीमा शुल्क, केंद्र एवं राज्य जीएसटी पदाधिकारी 30 अप्रैल, 2018 को एवं उससे पहले प्राप्त समस्त जीएसटी रिफंड आवेदनों को निपटाने की कोशिश करेंगे. इसमें निर्यात पर अदा किये गये आईजीएसटी के रिफंड, अप्रयुक्त आईटीसी के रिफंड और ‘फॉर्म जीएसटी आरएफडी–01ए’ में जमा किये गये सभी अन्य जीएसटी के रिफंड शामिल होंगे.
केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) एक ऐसे समाधान को लागू कर रहा है जिसके तहत जीएसटीएन से जुड़े रिफंड को अब कस्टम ईडीआई सिस्टम में संप्रेषित कर दिया जाएगा. यह कदम उन मामलों में उठाया जायेगा जिनमें निर्यातकों ने अपनी निर्यात आपूर्ति को गलती से घरेलू आपूर्ति घोषित कर दी है. इस संबंध में सर्कुलर संख्या 12/2018, दिनांक 29-05-2018 जारी की गई है. जीएसटीएन से रिकॉर्डों की प्राप्ति होने पर कस्टम सिस्टम मंजूरी के लिए रिफंड को स्वत: ही प्रोसेस कर देगा, बशर्ते कि निर्यातकों द्वारा कोई और गलती न की गई हो.
सर्कुलर संख्या 45/19/2018-जीएसटी को 30-05-2018 को जारी किया गया है जिसमें इनपुट सेवा वितरक, कंपोजीशन डीलर द्वारा किये गये रिफंड दावों, सेवाओं के निर्यात और एसईजेड (विशेष आर्थिक जोन) को की गई आपूर्ति से संबंधित मसलों पर स्पष्टीकरण दिया गया है. इस सर्कुलर में छूट प्राप्त अथवा गैर-जीएसटी वस्तुओं के निर्यात के मामलों में एलयूटी की आवश्यकता और नियम 96 (10) के तहत लागू की गई पाबंदी के दायरे से संबंधित मसलों पर भी स्पष्टीकरण दिया गया है.
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टिप्पणियांसभी दावेदार यह बात नोट कर सकते हैं कि ‘फॉर्म जीएसटी आरएफडी–01ए’ में जमा किये गये रिफंड आवेदनों को तब तक प्रोसेस नहीं किया जाएगा जब तक कि सभी सहायक दस्तावेजों के साथ आवेदन की प्रति को क्षेत्राधिकार कर कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर दिया जाएगा. केवल इसे ऑनलाइन जमा करना पर्याप्त नहीं है.
सभी जीएसटी रिफंड दावेदारों से कहा गया है कि 30 अप्रैल, 2018 को अथवा उससे पहले जमा किये गये अपने किसी भी रिफंड दावे के निपटान के लिए वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार कर प्राधिकरण में जाएं. यदि किसी विशेष दावेदार के लिए क्षेत्राधिकार (अर्थात केन्द्र अथवा राज्य) को परिभाषित नहीं किया गया है तो वैसी स्थिति में वह इनमें से किसी भी क्षेत्राधिकार कर प्राधिकरण के यहां जा सकता/सकती है.
सभी आईजीएसटी रिफंड दावेदार अपने रिफंड की ताजा स्थिति से अवगत होने के लिए आइसगेट वेबसाइट पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो अब अपना पंजीकरण करा सकते हैं. सीमा शुल्क से जुड़े क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे निर्यातकों की ओर से व्यापक कदम उठाये जाने को ध्यान में रखते हुए अपने अतिरिक्त श्रमबल और बुनियादी ढांचागत संसाधनों को इस कार्य में लगा दें. उधर, निर्यातकों से आग्रह किया गया है कि वे आगे आएं और प्राप्त अवसर से लाभ उठाएं, ताकि वे इस विशेष अभियान पखवाड़े के दौरान अपने रिफंड को मंजूरी दिला सकें
भारत, चीन अगले दशक में वैश्विक चाय मांग, उत्पादन की करेंगे अगुवाई
30 May 2018
नई दिल्ली: भारत और चीन अगले दशक में वैश्विक चाय उत्पादन तथा खपत में अगुवा रहेंगे. संयुक्त राष्ट्र निकाय खाद्य एवं कृषि संगटन (एफएओ) ने यह बात कही. संगठन ने जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिये तत्काल कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया. एफएओ ने ताजी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया में काली चाय का उत्पादन 2027 तक बढ़कर 44 लाख टन हो जाने का अनुमान है जो 2017 में 33.3 लाख टन था. वहीं ‘ ग्रीन टी ’ का उत्पादन आलोच्य वर्ष में 36 लाख टन हो जाने का अनुमान है जो पिछले साल 17.7 लाख टन था.
‘ग्रीन टी’ का उत्पादन अगले दशक में 7.5 प्रतिशत से बढ़ेगा जबकि काली चाय में केवल 2.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी. रिपोर्ट के मुताबिक काली चाय की वैश्विक खपत 2017 में 41.6 लाख टन रहने का अनुमान है जो 2017 में 32.9 लाख टन था. एफएओ ने कहा , ‘‘ वैश्विक चाय खपत और उत्पादन में अगले दशक में वृद्धि का अनुमान है. इसका कारण विकासशील और उभरते देशों में मजबूत मांग है. ’’
रिपोर्ट के मुताबिक इससे चाय उत्पादक देशों में ग्रामीण आय के नये अवसर सृजित होंगे और खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा. दुनिया के दूसरे सबसे बड़ा उत्पादक भारत में काली चाय का उत्पादन 2027 तक 16.1 लाख टन रहने का अनुमान है जो 2017 में 12.6 लाख टन था.
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टिप्पणियांदुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक चीन में ‘ ग्रीन टी ’ का उत्पादन 2027 तक 33.1 लाख टन होने का अनुमान है जो 2017 में 15.2 लाख टन था. जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव के बारे में संयुक्त राष्ट्र निकाय ने चेतावनी दी है , ‘‘ पर्यावरण को लेकर चाय की खेती काफी संवेदशील हैं. चाय का उत्पादन केवल विशेष परिस्थतियों वाली कृषि पारिस्थिति स्थिति में हो सकता है और इसीलिए काफी कम देशों में इसका उत्पादन होता है जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित होंगे. ’’
रिपोर्ट के अनुसार तापमान और बारिश के प्रतिरूप में बदलाव से उत्पादन पहले ही प्रभावित है. इसके अलावा चाय उत्पादन की गुणवत्ता तथा कीमत , कम आय एवं ग्रामीण आजीविका को खतरा है. एफएओ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन में ये बदलाव आगे ओर तेज होने का अनुमान है और इसके लिये उपाय करने का आह्वान किया.
खपत के बारे में एफओ ने कहा कि चीन , भारत और अन्य उभरते देशों में इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है. इसका कारण उच्च आय तथा इसमें हर्बल चाय जैसे उत्पादों को जोड़कर इसे विविध बनाने का प्रयास है.
भारत को पिछले चार साल में मिला 14 लाख करोड़ रुपये का विदेशी धन
29 May 2018
नई दिल्ली: भारत को पिछले चार साल में 14 लाख करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त हुआ है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में अपने मंत्रालय की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए यह जानकारी दी. स्वराज ने यहां कहा कि उनके मंत्रालय के पिछले चार साल के कुल कामकाज में आर्थिक कूटनीति महत्वपूर्ण तत्व रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत को मई 2014 और फरवरी 2018 के बीच विदेशों से 14 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुये हैं.’’ उन्होंने बताया कि 2010 से 2014 के दौरान मिले विदेशी कोष की तुलना में यह राशि 43 प्रतिशत अधिक है.
स्वराज ने कहा कि उनका मंत्रालय सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कुल मिलाकर विदेश नीति के रुख में बड़ा परिवर्तन आया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़ी संख्या में लोगों को दूसरे देशों में सजा से बचाया है और साथ ही संकट वाले क्षेत्रों से हजारों लोगों को निकाला गया है. सुषमा ने कहा कि उनका ध्यान विदेश मंत्रालय को जन- केन्द्रित मंत्रालय बनाने पर रहा है.
शेयर बाजार में नजर आई तेजी, सेंसेक्स 248 अंक ऊपर
28 May 2018
मुंबई। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी नजर आई है। बढ़त के साथ खुला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 248 अंक चढ़कर 35172 के स्तर पर और निफ्टी 85 अंक की बढ़त के साथ 10690 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स में 1.35 फीसद और स्मॉलकैप में 1.33 फीसद की बढ़त देखने को मिल रही है। इस दौरान सबसे ज्यादा खरीदारी फार्मा और पीएसयू बैंक शेयर्स में देखने को मिल रही है।
वैश्विक बाजार का हाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिले जुले संकेत देखने को मिल रहे हैं। जापान का निक्केई 0.02 फीसद की कमजोरी के साथ 22445 के स्तर पर, चीन का शांघाई 0.18 फीसद की बढ़त के साथ 3146 के स्तर पर, हैंगसैंग 0.58 फीसद की बढ़त के साथ 30765 के स्तर और तायवान 0.76 फीसद की बढ़त के साथ 2480 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं अमेरिकी बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई है। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.24 फीसद की गिरावट के साथ 24753 पर और स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 0.24 फीसद की गिरावट के साथ 2721 पर बंद हुआ। वहीं नैस्डैक 0.13 फीसद की तेजी के साथ 7433 पर कारोबार कर बंद हुआ है।
फार्मा सेयर्स में खरीदारी
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो आईटी को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी फार्मा (1.55 फीसद) शेयर्स में देखने को मिल रही है। बैंक (0.26 फीसद), ऑटो (0.24 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.23 फीसद), एफएमसीजी (0.44 फीसद), मेटल (0.46 फीसद), पीएसयू बैंक शेयर्स (0.54 फीसद), प्राइवेट बैंक (0.26 फीसद) और रियल्टी (0.49 फीसद) की बढ़त देखने को मिल रही है।
आईओसी टॉप गेनर
निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 41 हरे निशान में और 9 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी आईओसी, हिंदपेट्रो, बीपीसीएल, सनफार्मा और गेल के शेयर्स में हुई है। वहीं, गिरावट टेक महिंद्रा, जील, एचसीएल टेक, टीसीएस और टाटा मोटर्स के शेयर्स में है।
पेट्रोल-डीजल से पांच साल में सरकार ने 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कमाए
26 May 2018
नई दिल्ली: जब पेट्रोल 85 रुपये पार हो गया और डीज़ल 75 के पार चला गया तब पेट्रोलियम मंत्री को जीएसटी की याद आई. अब उद्योग जगत भी पेट्रोल पदार्थों पर जीएसटी लगाने की मांग कर रहा है. इस बीच केंद्र सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि पांच साल में सरकार क़रीब 9 लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई पेट्रोल-उत्पादों से कर चुकी है.
शुक्रवार को पेट्रोल परभणी में 87 रुपये 63 पैसे लीटर बिका. कई शहरों में 85 रुपये के आसपास रही कीमत. डीज़ल भी कई शहरों में 72 से 75 रुपये के आसपास बिकता रहा. लगातार बारहवें दिन तेल के दामों में इस बढ़ोतरी से परेशान उद्योग जगत सरकार से दख़ल देने की मांग कर रहा है. एसोचैम का कहना है, तेल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने एनडीटीवी से कहा, "सभी पेट्रोलियम पदार्थों को 28% के GST slab में शामिल किया जाना चाहिए...हमने सरकार से गुज़ारिश की है."
लेकिन सवाल है कि क्या राज्य सरकारें इसके लिए तैयार होंगी? आख़िर तेल से होने वाली बंपर कमाई कोई छोड़ने को तैयार नहीं है. इस साल 2 फरवरी को वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में तेल उत्पादों से हुई कमाई की जानकारी दी.
पेट्रोलियम उत्पादों से कमाई
2013-14 में 88,600 करोड़ रुपये
2014-15 में 105,653 करोड़
2015-16 में 185,958 करोड़
2016-17 में 253,254 करोड़
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टिप्पणियां2017-18 (दिसंबर तक) 201,592 करोड़.
कुल 8,35,057 करोड़ रुपये की कमाई 5 साल में सरकार को हुई. इस कमाई में एक साल यूपीए सरकार का भी है. यूपीए के कार्यकाल के आखिरी महीने अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 9.48 रुपये थी जो 25 मई 2018 को बढ़कर 19.48 पैसे हो गई.
साफ है, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों को लेकर अनिश्चित्ता बनी हुई है...और हर रोज़ सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर रही हैं...अब देखना होगा कि सरकार कितनी जल्दी आम लोगों को राहत देने के लिए हस्तक्षेप करती है.
वेतन देने में नाकाम रही कंपनी, कर्मचारियों के लिए की शेयरों की पेशकश
25 May 2018
गुड़गांव: गुड़गांव की एक कंपनी ने वेतन देने में असमर्थ रहने पर अपने सैकड़ों कर्मचारियों को शेयर देने की पेशकश की है. ऊर्जा भंडारण एवं सौर समाधान के क्षेत्र में काम करने वाली ईस्टमैन आटो एंड पावर लिमिटेड ने आज कहा कि क्षतिपूर्ति के रूप में उसने कर्मचारियों को कंपनी के शेयर देने की पेशकश की है. यह एक स्टार्टअप कंपनी है. सौर क्षेत्र में इस तरह की योजना लाने वाली वह संभवत: पहली कंपनी है.
कंपनी के प्रबंध निदेशक शेखर सिंघल ने कहा कि शुरुआती दिनों में ही कंपनी के पास "पर्याप्त पैसा नहीं है" और इसलिए कर्मचारियों के लिए कर्मचारी शेयर स्वामित्व योजना (ईएसओपी) की पेशकश करने का निर्णय लिया गया है. हमारा विचार ईएसओपी के जरिए कुशल लोगों को आकर्षित करना है, जिसमें पूर्णकालिक कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति के हिस्से के रूप में शेयर मिलते हैं. यह कर्मचारियों के अहम योगदान का इनाम है.
शुरुआत में इस योजना के तहत 15 प्रतिशत कर्मचारियों को शेयर दिए गए हैं. कंपनी जल्द ही सभी कर्मचारियों के लिये योजना शुरू करने की तैयारी में है.
पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को तैयार मोदी सरकार, लेकिन राज्यों से सहमति जरूरी
23 May 2018
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने कहा है, "कच्चा तेल आयातित होता है. विदेशी कंपनियां कीमतें बढ़ा रही हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय कह चुका है कि पेट्रोल तथा डीज़ल को GST के दायरे में लाया जाना चाहिए, लेकिन मुद्दा यह है कि इस प्रस्ताव को GST काउंसिल के समक्ष तब तक नहीं लाया जा सकता, जब तक सभी राज्यों के वित्त मंत्रालय इसे मंज़ूरी न दें." देश में पेट्रोल के दाम करीब 12 दिनों से लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लोगों में इस बात से नाराजगी बढ़ती जा रही है कि सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है जिससे उन्हें सीधे लाभ मिले.
वहीं, इस पूरे मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है और रोज बीजेपी के मंत्रियों के पुराने बयान साझा कर सफाई मांग रहा है. विपक्षी नेता साफ तौर पर कह चुके हैं कि सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए.
जानकारों का मानना है कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी की दायरे में लाने से पेट्रोल के दाम वर्तमान की दर से करीब 30 रुपये प्रतिलीटर सस्ते हो जाएंगे. जीएसटी में अधिकतम दर यानी 28 फीसदी की दर से भी यदि टैक्स लगेगा तब भी लोगों को इसका फायदा मिलेगा. वर्तमान में पेट्रोल की कीमत जो आम आदमी चुकाता है उस पर करीब आधा कर के रूप में दिया जाता है. यानी करीब 50 फीसदी जनता टैक्स देती है. जीएसटी लागू हो जाने पर यह 50 से सीधे 28 फीसदी रह जाएगा और कीमत कम हो जाएगी.
कहा जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिये सरकार इसी सप्ताह कोई कदम उठा सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से देश में पेट्रोल, डीजल के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गये हैं.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुये कहा कि सरकार इस मामले में केवल उत्पाद शुल्क कटौती पर ही निर्भर नहीं करेगी बल्कि कुछ और कदम भी उठा सकती है. पेट्रोल , डीजल के दाम में उत्पाद शुल्क का हिस्सा मात्र एक चौथाई ही है. हालांकि , अधिकारी ने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया.
अधिकारी ने कहा , ‘‘ ईंधनों के बढ़ते दाम सरकार के लिये संकट वाली स्थिति है. इस मामले में कुछ दूसरे उपायों को भी शामिल करना होगा. वित्त मंत्रालय इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ विचार विमर्श कर रहा है. ’’ पेट्रोलियम कंपनियों ने पिछले एक सप्ताह के दौरान पेट्रोल , डीजल के दाम में अंतरराष्ट्रीय बाजार के बढ़ते दाम के मुताबिक वृद्धि की है. इस वृद्धि से दिल्ली में पेट्रोल 76.87 रुपये और डीजल का दाम 68.08 रुपये लीटर तक पहुंच गया. पिछले नौ दिन में पेट्रोल का दाम 2.24 रुपये और डीजल का दाम 2.15 रुपये लीटर बढ़ गया. इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान 19 दिन तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल , डीजल के दाम में रोजाना होना वाला फेरबदल नहीं किया.
अधिकारी ने हालांकि , उन कदमों के बारे में बताने से इनकार किया जिनपर सरकार विचार कर रही है. अधिकारी ने कहा कि सरकार को कोई भी कदम उठाते समय अपने वित्तीय गणित को ध्यान में रखना होगा. ‘‘ बढ़ते तेल मूल्यों की समस्या से निपटने के लिये कुछ कदम इसी सप्ताह उठाये जा सकते हैं. ’’
केन्द्र सरकार पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लगाती है जबकि डीजल पर 15.33 रुपये लीटर की दर से उत्पाद शुल्क लगता है. राज्यों में वैट की दर अलग अलग है. उत्पाद शुल्क की दर प्रति लीटर निर्धारित है लेकिन राज्यों में वैट की दर मूल्यानुसार लगती है. दाम बढ़ने पर वैट प्राप्ति भी बढ़ती है. दिल्ली में अप्रैल माह में पेट्रोल पर प्रति लीटर वैट 15.84 रुपये जबकि डीजल पर यह 9.68 रुपये प्रति लीटर था लेकिन मई माह में आज यह पेट्रोल पर 16.34 रुपये और डीजल पर 10.02 रुपये प्रति लीटर है. सरकार के मुताबिक उत्पाद शुल्क में प्रत्येक एक रुपये की कटौती से खजाने को 13,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है.
इससे पहले सरकार ने नवंबर 2014 से लेकर जनवरी 2016 के बीच जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम नीचे चल रहे थे उत्पाद शुल्क में नौ बार वृद्धि की. इस दैरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 11.77 रुपये और डीजल में 13.47 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई. इससे सरकरी खजाने में 2016- 17 में 2,42,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई.
कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, पेट्रोलियम मंत्री की तेल कंपनियों के चेयरमैन के साथ बैठक की संभावना
22 May 2018
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम रोज बढ़ रहे हैं. कर्नाटक चुनाव के समय पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर थे और चुनाव समाप्त होते ही उसके दाम बढ़ने लगे. लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए. विपक्षी दलों ने भी सरकार पर हमलावर रुख अपना रखा है. जनता में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है. लोग को पेट्रोल और डीजल के बढ़ें दाम की आंच अब सताने लगी है. वहीं, अभी तक सरकार साफ कहती चली आ रही है कि दाम बढ़ने में उसकी कोई भूमिका नहीं है. और तेल के दाम सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि पेट्रोल डीज़ल के बढ़ते दामों पर सरकार दखल दे सकती है. आज शाम पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सभी तेल कंपनियों के अध्यक्षों से मिल सकते हैं. शाम पाँच बजे बैठक होने की संभावना जताई जा रही है. सूत्रों का कहना है कि बैठक के बाद तेल क़ीमतों में कमी आने की संभावना है.
बढ़ते दवाबों के बीच ऐसी खबर आ रही है कि पेट्रोल-डीज़ल के बढ़े दामों को नियंत्रित करने के लिए सरकार दखल दे सकती है. उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक के बाद पेट्रोल और डीजल की क़ीमतों में कुछ कटौती हो सकती है.
बता दें कि सोमवार को जब एनडीटीवी के पोलिटिकल एडिटर अखिलेश शर्मा ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से सवाल किया था तो उनका कहना था कि वह इस मामले पर अलग से जवाब देंगे. उनसे सवाल किया गया था कि कर्नाटक चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर थे लेकिन अब उसमें तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा था, ''मैं आपका (मीडिया) एजेंडा जानता हूं. मैं इस पर भी जवाब दूंगा. लेकिन आज मैं केवल कर्नाटक के विषय में बात कर रहा हूं.
कहा जा रहा है कि अब चुनावी मौसम है और इस साल के अंत में देश में तीन महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होने और इन राज्यों में बीजेपी की सरकार है. केंद्र सरकार ऐसे में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसलिए दाम कम रखने के लिए सरकार को मजबूर होना पड़ रहा है ताकि वह चुनाव में लोगों की नाराजगी का सामना न करे
उजाला योजना के तहत 30 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित
21 May 2018
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि . ( ईईएसएल ) ने उजाला ( उन्नत ज्योति बाई एफोर्डेबल एलईडी बल्ब फॉर ऑल) कार्यक्रम के तहत 30 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किये हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2015 में इस योजना की शुरूआत की और यह फिलहाल दुनिया का सबसे बड़ा एलईडी वितरण कार्यक्रम है.
बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली एनटीपीसी , पीएफसी , आरईसी और पावरग्रिड की संयुक्त उद्यम ईईएसएल ने एक बयान में कहा कि देश में 30 करोड़ एलईडी बल्ब के वितरण से सालाना 3895.2 करोड़ किलोवाट प्रति घंटा ( केडब्ल्यूएच ) ऊर्जा की बचत हुई है. रुपये में कुल 15,581 करोड़ रुपये मूल्य की ऊर्जा बचत हुई है.
भारत ने 2005 और 2030 के बीच कार्बन उत्सर्जन में 33 से 35 प्रतिशत कटौती की प्रतिबद्धता जतायी है. ऐसे में ऊर्जा दक्षता को एक प्रमुख रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. उजाला योजना ऊर्जा संरक्षण के लिहाज से सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और वैश्विक स्तर पर ऊर्जा बचत में इसकी भूमिका स्वीकार की गयी है. इस कार्यक्रम के तहत घरों में कम बिजली खपत वाले एलईडी बल्ब लगाये जाते हैं.
ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा, ‘‘हमारे इस प्रयास से ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में जो गति बनी है, उसे जारी रखने की उम्मीद करते हैं. साथ ही इससे भारतीय और वैश्विक ऊर्जा दक्षता बाजार मजबूत होगा.’’
एलईडी बल्ब की खरीद और वितरण से एलईडी बाजार में भारत की हिस्सेदारी 0.1 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत पर पहुंच गयी है. बयान के अनुसार उजाला योजना से देश में एलईडी का घरेलू उत्पादन सालाना 30 लाख बल्ब से बढ़कर 6 करोड़ से अधिक पहुंच गया है. साथ ही 60,000 रोजगार सृजित हुए हैं.
PNB घोटाला: ED ने कसा शिकंजा, नीरव मोदी के परिवार-अमेरिकी साझेदार को जारी किया सम्मन
19 May 2018
नई दिल्ली: पीएनबी घोटाला मामले में फरार चल रहे नीरव मोदी पर प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कसा है. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने फरार चल रहे हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पिता और भाई सहित परिवार के कम से कम चार सदस्यों और उसके अमेरिकी व्यापार साझेदार को दो अरब डालर से अधिक के पीएनबी धोखाधड़ी से जुड़े एक धनशोधन मामले के सिलसिले में सम्मन किया है.
अधिकारियों ने बताया कि परिवार के सदस्यों से पूछताछ करने की जरूरत है क्योंकि कई वित्तीय लेनदेन और नीरव मोदी के व्यापार उनसे जुड़े हैं. अधिकारियों ने बताया कि सम्मन नीरव मोदी के पिता दीपक मोदी , भाई निशाल मोदी , बहन पूर्वी मेहता , उसके पति मयंक मेहता और जौहरी के अमेरिका स्थित कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक के निदेशक मिहिर भंसाली को जारी किये गए हैं.
उन्होंने कहा कि सम्मन धनशोधन रोकथाम कानून के तहत जारी किये गए हैं और ये ईमेल के जरिये भेजे गए हैं क्योंकि सभी पांच व्यक्ति विदेश में बसे हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि दीपक मोदी के बेल्जियम के एंटवर्प में होने का संदेह है , निशाल और भंसाली अमेरिका में हो सकते हैं तथा मेहता परिवार कथित रूप से हांगकांग में है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा , ‘यद्यपि उनके वर्तमान ठिकानों के बारे में वास्तविक जानकारी नहीं है इसलिए सम्मन ईमेल के जरिये भेजे गए हैं.' निदेशालय ने उनसे कहा है कि वे अगले कुछ दिनों में मामले के जांच अधिकारी के समक्ष मुम्बई में पेश हों.
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि एजेंसी उनके पेश होने और जांच में शामिल होने को लेकर बहुत अधिक आशावान नहीं है. मिलने वाले जवाब के आधार पर आगे के कदम पर मामलों के आधार पर अलग अलग निर्णय किया जाएगा. प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी को इसी तरह से सम्मन किया था लेकिन वे उसके समक्ष पेश नहीं हुए.
आयकर विभाग ने टीडीएस काटने वालों को दी चेतावनी
18 May 2018
नई दिल्ली: आयकर विभाग ने स्रोत पर कर की कटौती यानी टीडीएस काटने वाले नियोक्ताओं को चेताया है कि जनवरी-मार्च तिमाही में काटे गए टीडीएस की जानकारी 31 मई तक फाइल करें. तय तारीख तक टीडीएस की जानकारी देने में नाकाम रहने पर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ( सीबीडीटी ) ने इस संबंध में आज समाचार-पत्रों में विज्ञापन जारी किया है.
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टिप्पणियांइसमें कहा गया है कि जनवरी-मार्च तिमाही का टीडीएस फाइल करने की अंतिम तिथि 31 मई है. टीडीएस फाइल करने में देरी होने पर प्रतिदिन 200 रुपये का जुर्माना लगेगा. आगे कहा गया है कि जिन कटौतीकर्ताओं यानी नियोक्ता ने कर की कटौती की है और निर्धारित तिथि तक उसे जमा नहीं किया वे "तुरंत" इसे जमा करें और इसके लिए उन्हें खुद को आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट टीडीएससीपीसी डॉट जीओवी डॉट इन' पर पंजीकृत करना होगा.
विभाग ने नियोक्ताओं को टीएएन (कर कटौती एवं संग्रह खाता संख्या) सही भरने और टीडीएस का भुगतान करने वालों का पैन (स्थायी खाता संख्या) संख्या सही भरने की सलाह दी है ताकि वे आसानी से "टैक्स क्रेडिट" प्राप्त कर सकें. टीडीएस की जानकरी में पैन और टीएएन संख्या नहीं होने पर जुर्माना लग सकता है.
आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक, कटौतीकर्ता (नियोक्ता) कर्मचारी के वेतन से टीडीएस की कटौती करता है और उसे हर तिमाही या तीन महीने का विवरण आयकर विभाग के साथ साझा करना होता है.
फ्लिपकार्ट इंडिया का घाटा घटकर 244.7 करोड़ रुपये
17 May 2018
नई दिल्ली: ई-वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट की बी 2 बी इकाई फ्लिपकार्ट इंडिया का एकल घाटा 244.7 करोड़ रुपये रह गया है. वित्त वर्ष 2016-17 में यह 544.5 करोड़ रुपये था. कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के पास जमा कराए गए दस्तावेज के अनुसार नकदी , लाने-ले जाने या थोक कारोबार चलाने वाली कंपनी फ्लिपकार्ट इंडिया के आय में 18% की वृद्धि हुई है.
यह 2016-17 में 13,177.4 करोड़ रुपये थी जो 2017-18 में 15,569.2 करोड़ रुपये हो गई है.
बता दें कि हाल ही में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट को खरीदा है. व्यापारियों का संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को चुनौती देगा. कैट का कहना है कि इस करार में क़ानूनी रास्तों को तोड़ा मरोड़ा गया है. कैट के अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बयान में कहा कि सौदे के अस्तित्व में आते ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन होगा वहीं एक असंतुलित प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा.
सैमसंग के इस फोन ने एप्पल और गूगल को डाउनलोड स्पीड में पछाड़ा
16 May 2018
सैन फ्रांसिस्को: अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एप्पल से 42 फीसदी तेज डाउनलोड गति के साथ ही सैमसंग गैलेक्सी एस9 और एस9 प्लस मंगलवार को वैश्विक बाजार में सबसे तेज स्मार्टफोन बन गई है, जिसमें लंबे समय तक चलने वाली बैटरी और अधिक स्टोरेज दिया गया है. प्रमुख मोबाइल डेटा स्पीड विश्लेषक ऊकला के मुताबिक, गैलेक्सी एस9 और एस9 प्लस का डाउनलोड स्पीड एप्पल के आईफोन एक्स की तुलना में 37 फीसदी, गूगल के पिक्सल 2 की तुलना में 17 फीसदी और सैमसंग गैलेक्सी एस7 की तुलना में 38 फीसदी तेज है.
सैमसंग ने एक बयान में कहा कि ग्राहक नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी से लैस फोन्स चाहते हैं. जैसा कि गैलेक्सी एस9 और एस9प्लस है, जिसमें कैट 18 एलटीई मोडेम है, जो 1.2 जीबीपीएस की नेटवर्क स्पीड को सपोर्ट करता है.
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (उत्पाद रणनीति और वितरण) जस्टिन डेनिसन ने कहा, "सैमसंग में, हम लगातार उत्पादों का विकास कर रहे हैं, जो उद्योग के लिए नया मानक निर्धारित करते हैं. हमारे गैलेक्सी मालिकों को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है कि उन्हें अपने फोन से सबसे अच्छा संभव अनुभव मिल रहा है या नहीं."
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर इजाफा, डीजल पांच साल के उच्च स्तर पर
15 May 2018
नई दिल्ली: देश में मंगलवार को एक बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए. कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने से पहले ही ये दाम बढ़ाए गए. दिल्ली में पेट्रोल 75 रुपए के पास पहुंच गया है. सोमवार के बाद मंगलवार को भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल पर 15 पैसे की बढ़ोतरी की है. इससे पेट्रोल 5 साल के उच्चतम स्तर 74.95 पैसे पर पहुंच गया है. वहीं, दिल्ली में डीजल का भाव 66.36 पर पहुंच गया है. डीजल का यह अब तक का रिकॉर्ड स्तर है.
बता दें कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) द्वारा सोमवार को परिवहन ईंधन के लिए परिवर्तनीय मूल्य निर्धारण प्रणाली की बहाली के साथ राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमतें 74.80 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं थीं. आईओसी ने 19 दिनों के लिए परिवर्तनीय मूल्य निर्धारण प्रणाली पर रोक लगा दी थी, ताकि ग्राहकों के बीच अनावश्यक तनाव न फैले.
दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत सितंबर 2013 के बाद से अबतक के सबसे उच्च स्तर 74.80 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई थीं. 2013 में पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये प्रति लीटर थी. कीमतों में अंतिम वृद्धि 24 अप्रैल को हुई थी, उस दौरान पेट्रोल 74.63 रुपये प्रति लीटर थी.
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टिप्पणियांकोलकाता, मुंबई और चेन्नई जैसे अन्य मेट्रो शहरों में सोमवार को पेट्रोल की कीमतें कई सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गईं. इन शहरों में क्रमश 77.50 रुपये, 82.65 रुपये और 77.61 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई हैं.
पेट्रोल की कीमतों से इतर, डीजल के दामों में भी 24 अप्रैल के बाद वृद्धि दर्ज की गई. दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमतें क्रमश 66.14 रुपये, 68.68 रुपये, 70.43 रुपये और 69.79 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई थीं.
अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद कीमतों में पिछले 19 दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ था, जिसे समीक्षकों ने कर्नाटक चुनाव से पहले एक राजनीतिक कदम करार दिया है. आईओसी के अध्यक्ष ने आठ मई को हालांकि कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय दरों में वृद्धि के बावजूद परिवर्तनीय मूल्यों पर अस्थाई तौर से रोक लगा दी गई थी, ताकि ग्राहकों के बीच डर न रहे. उपभोक्ताओं के लिए यह अस्थाई राहत सोमवार को मूल्य वृद्धि के साथ समाप्त हो गई.
ब्रिटेन में अमीरों की सूची जारी : भारतवंशी हिंदुजा बंधु दूसरे स्थान पर खिसके
14 May 2018
नई दिल्ली: ब्रिटेन में अमीर लोगों की एक सूची रविवार को जारी हुई. इस सूची में भारतवंशी हिंदुजा बंधुओं को दूसरे स्थान पर हैं. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सूची में पहले स्थान पर रसायन कारोबार से जुड़े बिजनेसमैन जिम रैटक्लिफ हैं. इस सूची में लंदन के श्रीचंद और गोपीचंद हिंदुजा की अनुमानित संपत्ति 20.64 अरब पाउंड बताई गई है. रैटक्लिफ की संपत्ति करीब 21.05 अरब पाउंड की बताई गई है.
सूची में प्रथम पांच स्थान इस प्रकार से हैं. संपत्ति पाउंड में दी गई. जिम रैटक्लिफ- 21.05 अरब, हिंदुजा ब्रदर्स- 20.64 अरब, लेन ब्लावत्निक- 14.26 अरब, रुबेन बंधु-15.09 अरब, लक्ष्मी मित्तल- 14.66 अरब.
ब्रिटेन के 1000 सबसे अमीर लोगों की साल 2018 की सूची में हिंदुजा बंधुओं ने भारतीय मूल के 47 रईसों को पीछे छोड़ा है. सूची को तैयार करने वाले रॉबर्ट वाट्स ने कहा कि ब्रिटेन बदल रहा है. इस सूची में 15.26 अरब पाउंड के साथ ब्रिटिश-अमेरिकी उद्योगपति से मीडिया मुगल बने सर लेन ब्लावत्निक तीसरे स्थान पर हैं.
सूची में भारतीय मूल के व्यवसायी प्रकाश लोहिया 25वें, बी शेट्टी 59वें, अरोड़ा बंधु 60वें स्थान पर हैं. सूची में बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ 75वें स्थान पर हैं. जबकि लॉर्ड स्वराज पॉल और उनका परिवार 90वें स्थान पर है
कर्नाटक : चन्नपटण की नायाब कला में दिखती है राजनीति की झलक
12 May 2018
नई दिल्ली: बेंगलुरू से कोई 60 किलोमीटर दूर है छोटा सा कस्बा चन्नपटण जिसे चन्नपट्टण भी कहा जाता है. अभी तो चन्नपटण एचडी देवगौड़ा के बेटे और जेडीएस नेता कुमारस्वामी की वजह से चर्चा में है. एचडी कुमारस्वामी अपनी परम्परागत सीट रामनगर के अलावा चन्नपटण से भी मैदान में हैं. कहा जा रहा है कि कुमारस्वामी अगर दोनों सीटों से जीते तो यहां चन्नपटण में उपचुनाव तय है और फिर वे यहां से अपनी पत्नी को लड़ाएंगे.
लेकिन चन्नपटण की पहचान राजनीति नहीं है, यहां की कला और कारीगरों का महारत है. चन्नपटण जाना जाता है अपने सिल्क यार्न (धागा) के लिए और लकड़ी के खिलौनों के लिए. ज़रा अमेज़न जैसी ऑनलाइन वेबसाइट पर जाएंगे तो पता चलेगा कि चन्नपटण की ये कारीगरी क्या चीज़ है.
चन्नपटण के लकड़ी के खिलौनों में हवाई जहाज़ से लेकर पर्दे के साथ लटकने वाले हैंगिंग और फानूस के अलावा आर्टिकल होल्डर से लेकर पेपरवेट और बच्चों की गाड़ी और झुनझुना सबकुछ है. कीमत 100 रुपये से शुरू होकर हज़ार को पार कर जाती है. लेकिन कई खरीदार महंगे सामान को खरीदने के लिए अच्छा मोलभाव करते भी दिखे.
सिल्क के धागे के अलावा इन खिलौनों की देश-विदेश में धूम है. लेकिन कर्नाटक की संभावित राजनीति की झलक भी इसमें दिखती है. झुनझुना देखकर लगता है कि अगर त्रिशंकु विधानसभा हुई तो क्या बड़ी पार्टियां विधायकों को तोड़ने के लिए ऐसे ही पावर और पैसे का झुनझुना दिखाएंगी. हिलते-डुलते पेपर वेट से खयाल आया कि क्या खरीद फरोख्त की सियासत हुई तो नेताओं के दिल ऐसे ही डोलेंगे. हाथ में माइक और कैमरा देखकर एक खरीदार वरुणेश शायद दिल की बात भांप गए. वे कहते हैं, "टक्कर कड़ी है, दिल ललचाएगा जैसे खिलौनों को देखकर हो रहा है."
असल में नेता फलफूल रहे हैं लेकिन कारीगर वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के पास कोंडापल्ली गांव भी चन्नपटण की तरह अपने लकड़ी के खिलौनों के लिए मशहूर है लेकिन अब पारम्परिक कला के ऊपर चीन का कब्ज़ा हो गया है. कुछ साल पहले हमने वहां से रिपोर्टिंग की कि कैसे ड्रेगन पारम्परिक कला और कारीगरों को निगल रहा है.
अब धीरे-धीरे यही खतरा चन्नपटण में पहुंच गया है. खिलौनों के बीच चाइनीज़ हाथ के पंखे दिखते हैं तो समझ आता है कि चन्नपटण में ही कारीगरों को सरकार का साथ चाहिए. इस नायाब कला को मुक्त बाज़ार और बिचौलियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. चुनाव कोई भी जीते चन्नपटण की पहचान सिल्क और लकड़ी के खिलौने ही रहने चाहिए मौकापरस्त राजनीति नहीं.
उद्योग आधार मेमोरेण्डम में 23 हजार 949 करोड़ का पूँजी निवेश
12 May 2018
प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में उद्योग आधार मेमोरेण्डम (यूएएम) के माध्यम से पिछले दो वर्ष में 2 लाख 93 हजार से ज्यादा उद्योगों में 23 हजार 948 करोड़ रूपये से ज्यादा का पूँजी निवेश किया गया है। इसमें 9 लाख 60 हजार 802 बेरोजगारों को सम्मानजनक रोजगार मिला है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय-सत्येन्द्र पाठक ने बताया है कि वर्ष 2017-18 में 2 लाख 6 हजार 142 उद्योग में 14 हजार 401 करोड़ 67 लाख रूपये पूँजी निवेश किया गया। इससे 5 लाख 96 हजार 990 बेरोजगारों को रोजगार मिला। इस अवधि में एक लाख 97 हजार 853 सूक्ष्म, 8019 लघु और 270 मध्यम उद्योग स्थापित हुए।
राज्य मंत्री श्री पाठक ने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 में 9 हजार 547 करोड़ 32 लाख रूपये पूँजी निवेश से 3 लाख 63 हजार 812 बेरोजगारों को रोजगार मिला है। उक्तावधि में प्रदेश में 80 हजार 688 सूक्ष्म, 6140 लघु और 243 मध्यम उद्योग स्थापित किये गये हैं।
आसान हुआ उद्योगों का पंजीयन: राज्य मंत्री श्री पाठक ने बताया कि भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्रालय की अधिसूचना 18 सितम्बर, 2015 के बाद यूएएम पंजीयन की नई व्यवस्था लागू हुई। इस व्यवस्था में उद्यमियों द्वारा घर बैठे ऑनलाइन पंजीयन करवाया जाता है। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, मध्यम और उद्यम उद्योग में 2 लाख 93 हजार 213 लोगों ने ऑनलाइन पंजीयन करवाकर उद्योग स्थापित कर लिये हैं।
IRCTC लाया यह सुविधा, अब ई-वॉलेट से बुक कराएं तत्काल टिकट भी
11 May 2018
नई दिल्ली: आईआरसीटीसी (IRCTC) ने अब रेलवे टिकट बुकिंग व पेमेंट को और आसान बनाने के लिए ई-वॉलेट से तत्काल टिकट (tatkal ticket) बुकिंग सेवा शुरू की है. इस वॉलेट का नाम 'आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट' रखा गया है. इस ई-वॉलेट को प्रयोगकर्ता पेटीएम और फ्रीचार्ज जैसे ई-वॉलेट की तरह ही इस्तेमाल कर पाएंगे. इस ई-वॉलेट में पहले से रुपये जमा करने का विकल्प दिया जा रहा है. यह पहली बार है कि ई-वॉलेट के जरिए प्रयोगकर्ता को तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा दी जा रही है.
साइट पर दावा किया गया है कि पहले के पेमेंट अप्रूवल साइकल को समाप्त कर दिया गया है जिससे ग्राहक का समय बचेगा और जल्द टिकट बुक हो सकेंगे. इतना ही नहीं इसके साथ पेमेंट गेटवे के चार्जेज से भी ग्राहकों को मुक्ति मिलेगी. यानी इस ईवॉलेट सेवा के जरिए लोगों को बचत भी मिलेगी.
ईवॉलेट ऑनलाइन होने की वजह से हमेशा टॉप अप किया जा सकता है. इसी के साथ यह भी दावा किया गया है कि इस प्रकार से किसी बैंक पर ग्राहक की निर्भरता कम होगी और यदि बैंक ऑफलाइन हो गया है तब भी टिकट बुक किए जा सकेंगे.
IRCTC की वेबसाइट पर लिखा गया है कि पेटीएम और मोबीक्विक जैसे ई-वॉलेट की तरह ही प्रयोगकर्ता वॉलेट में पैसे जमा कर सकते हैं. इस ई-वॉलेट एकाउंट में अधिकतम 10 हजार रुपए तक जमा किए जा सकते हैं.
पेयू के साथ आईआरसीटीसी की साझेदारी
यांदेश की प्रमुख भुगतान गेटवे प्रदाता पेयू ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के साथ आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर रेल टिकटों की बुकिंग के लिए साझेदारी की है. कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि पेयू अब एमपीएस (मल्टीपल पेमेंट सर्विसेज) के अंतर्गत एक भुगतान विकल्प के रूप में उपलब्ध होगा. इस विकल्प पर क्लिक करने से यूजर्स को सुरक्षित भुगतान के कई विकल्प मिलते हैं, जिसमें इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और ई-वॉलेट शामिल है.
कंपनी ने दावा किया कि पेयू ऑनलाइन भुगतान के लिए एक निरापद और सुरक्षित भुगतान गेटवे है जिसकी सफलता दर उद्योग के औसत से 10 फीसदी अधिक है.
छुट्टियों में युवाओं के लिए सीखने और कमाने का अच्छा मौका, सरकार लाई डिजिटल इंडिया इंटर्नशिप
10 May 2018
नई दिल्ली: सरकार ने तकनीकी पढ़ाई कर रहे युवाओं के लिए ‘डिजिटल इंडिया इंटर्नशिप’ कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्येश्य उन्हें डिजिटल इंडिया के माध्यम से हो रहे बदलाव एवं सरकारी कामकाज की प्रक्रिया का अनुभव प्राप्त करने का अवसर देना है. कम से कम दो माह के कार्यक्रम में 10 हजार रुपये मानदेय प्रदान किया जाएगा.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल इंडिया इंटर्नशिप के लिए आज एक पोर्टल का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल इंडिया इंटर्नशिप का मकसद युवाओं को सरकार की निर्णय प्रक्रिया से जोड़ते हुए उन्हें अनुभव प्राप्त करने का अवसर देना है. इसका उद्येश्य यह भी है कि विद्यार्थियों को परिवर्तनकारी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से जोड़ा जाए और उन्हें बताया जाए कि सरकार कैसे काम करती है, सरकार की प्रक्रियाएं कैसे संचालित होती हैं.’’
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टिप्पणियांकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंटर्नशिप के दौरान विद्यार्थियों को डिजिटल गवर्नेस, डिजिटल भुगतान, साइबर सुरक्षा को समझाने का मौका मिलेगा पर उनसे अपेक्षा होगी कि वे बौद्धिक संपदा एवं सुरक्षा से जुड़े अन्य पहलुओं का ध्यान रखेंगे .
प्रसाद ने बताया कि यह दो महीने का कोर्स होगा जिसे बढ़ाकर तीन महीने का किया जा सकता है और इस दौरान चुने गए छात्रों को 10 हजार रूपये मानदेय मिलेगा. इसके लिये दूसरे या तीसरे वर्ष के बीटेक या बीई की पढ़ाई करने वाले या एमई या एमटेक के छात्र आवेदन कर सकते है .
सेवाओं की महंगाई मापने के लिये शुरू होगा सूचकांक, अगले महीने से प्रयोग शुरू
9 May 2018
नई दिल्ली: सरकार अब सेवा क्षेत्र के लिये भी महंगाई सूचकांक शुरू करने जा रही है. इसमें शुरू में दूरसंचार, रेलवे सहित दस प्रमुख सेवाओं को शामिल किया जायेगा और अगले महीने से प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत हो जायेगी. एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी. सरकार की इस पहल से सेवाओं की महंगाई को भी आंका जा सकेगा. दूरसंचार, रेलवे के अलावा इसमें बंदरगाह, डाक सेवायें, बीमा, बैंकिंग, परिवहन और हवाई यात्रा जैसी सेवाओं को भी शामिल किया जायेगा.
अधिकारी ने कहा, ‘‘प्राड्यूशर्स प्राइस इंडेक्स (पीपीआई) को अगले महीने जारी किया जायेगा.’’ देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र का योगदान करीब 60 प्रतिशत तक पहुंच चुका है इस लिहाज से नया सूचकांक काफी अहम होगा. वर्तमान में वस्तुओं के दाम की घटबढ़ को आंकने के लिये दो मूख्य सूचकांक का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) प्रमुख हैं.
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टिप्पणियांडब्ल्यूपीआई में थोक बाजार में वस्तुओं के दाम के उतार चढाव को आंका जाता है जबकि सीपीआई खुदरा बाजार के स्तर पर महंगाई को आंकता है. सीपीआई में कुछ सेवाओं को भी शामिल किया गया है.
पीपीआई में सेवाओं पर आने वाली लागत ही परिलक्षित होगी. इसमें किसी तरह के कर को शामिल नहीं किया जायेगा. इसमें किसी उत्पादक के लिहाज से उसके सामान और सेवाओं के मूल्य में आने वाले बदलाव को आंका जायेगा. रेलवे के मामले में माल भाड़े और यात्री किराये में होने वाली घटबढ़ को सूचकांक में मापा जायेगा. बैंकिंग के मामले में प्रत्यक्ष सेवाओं और फीस को शामिल किया जायेगा.
अगले 10 सालों में भारतीयों का नेट वर्थ बढ़ेंगा सबसे तेज
8 May 2018
नई दिल्ली: संपत्ति को लेकर किए गए एक वैश्विक सर्वे के अनुसार भारतीयों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी है. देश हुए कई सर्वे में संपत्ति के दाम बढ़ते हुए बताए गए हैं. अब भारतीयों के नेट वर्थ से जुड़ा एक सर्वे आया है. इसके अनुसार यह 10 सालों में 200 प्रतिशत बढ़ने के अनुमान है. एक अंतरराष्ट्रीय बैंक ने अपनी एक सर्वे रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है. इस बैंक का नाम है अफ्रेशिया बैंक. इस अफ्रेशिया बैंक और न्यू वर्ल्ड वेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 10 साल में भी भारतीयों की निजी संपत्ति में सबसे ज्यादा 200 प्रतिशत का इजाफा होगा.
इसी के साथ भारतीयों की कुल निजी संपत्ति 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों की संपत्ति जहां 2017-2027 के बीच 200 प्रतिशत की दर से बढ़ेंगी वहीं दूसरे स्थान पर चीन है जहां पर संपत्ति 180 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया है जहां पर 70 प्रतिशत की दर से संपत्ति के दाम में इजाफा की उम्मीद है. चौथे स्थान पर जापान और कनाडा हैं जहां पर 30 प्रतिशत की दर से संपत्ति के दाम में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है. पांचवें स्थान पर अमेरिका है जहां पर संपत्ति में 20 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो सकती है जबकि यूके जर्मनी फ्रांस और इटली में केवल 10 फीसदी के इजाफे का अनुमान लगाया गया है.
इतना ही नहीं, रिपोर्ट के अनुसार 2007-2017 के बीच भारत में 160 प्रतिशत की दर से संपत्ति के दामों में इजाफा हुआ जबकि चीन में 198 फीसदी की दर से यह इजाफा हुआ. अमेरिका में 20, जापान में 22, यूके में -2, जर्मनी में 0, फ्रांस में -11, कनाडा में 25, ऑस्ट्रेलिया में 83 और इटली में -19 प्रतिशत यह दर देखी गई.
2016-17 के बीच में किए गए अध्ययन के मुताबिक भारत ने सबसे ज्यादा 25 फीसदी की दर हासिल की जबकि चीन 22 फीसदी की दर से दूसरे नंबर पर रहा है. अमेरिका 15, जापान 15, यूके 3, जर्मनी 5, फ्रांस 5, कनाडा 11, ऑस्ट्रेलिया 17, और इटली 4 प्रतिशत से बढ़ें.
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीयों की संपत्ति में अमेरिका की तुलना में 10 गुना, जबकि ब्रिटेन और जर्मनी की तुलना में 20-20 गुना तेजी से इजाफा होगा. भारतीयों की निजी संपत्ति 5.35 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 16.01 लाख करोड़ होने का अनुमान है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया में 2252 बिलिनेयर हैं. दिसंबर 2017 तक दुनिया भर के लोगों की निजी संपत्ति 13975 लाख करोड़ रुपये थी. दुनिया में 1.52 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनकी निजी संपत्ति औसतन 6.5 करोड़ या इससे ज्यादा है. दुनिया में 2252 बिलिनेयर हैं. इनमें में हर एक के पास औसतन 6500 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
रिपोर्ट में माना है कि अमेरिकी 10 साल बाद भी पहले पायदान पर रहेगा. इतना ही नहीं, इस मामले में ब्रिटेन और जर्मनी को पछाड़कर भारतीय दुनिया के चौथे सबसे अमीर बन जाएंगे. फिलहाल, 5.35 लाख करोड़ संपत्ति के साथ भारत छठे नंबर पर है और करीब 40.68 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ अमेरिकी अव्वल हैं, जो 10 साल बाद भी अव्वल ही रहेंगे. हालांकि, इस दौरान उनकी संपत्ति में महज 20 प्रतिशत का इजाफा होने का अनुमान है.
विजया बैंक का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 207 करोड़ रुपये
7 May 2018
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक का मार्च, 2017-18 में समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 1.6 प्रतिशत बढ़कर 207.31 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 203.99 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था. शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 3,728.22 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3,504.73 करोड़ रुपये थी.
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टिप्पणियांतिमाही के दौरान डूबे कर्ज के लिए बैंक का प्रावधान बढ़कर 552.91 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 344.56 करोड़ रुपये था. पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध लाभ हालांकि कुछ घटकर 727.02 करोड़ रुपये पर आ गया , जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 750.48 करोड़ रुपये था.
वित्त वर्ष के दौरान बैंक की कुल आय मामूली बढ़कर 14,190.45 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 14,030.72 करोड़ रुपये थी. मार्च , 2018 के अंत तक बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां ( एनपीए ) घटकर 6.34 प्रतिशत पर आ गईं , जो इससे पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 6.59 प्रतिशत थीं.
मूल्य के हिसाब से इस अवधि में बैंक का शुद्ध एनपीए 7,526.09 करोड़ रुपये था , जो इससे पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 6,381.78 करोड़ रुपये था.
व्यापारियों के संगठन का ऐलान, दिल्ली में नहीं घुसने देंगे वॉलमार्ट को
4 May 2018
नई दिल्ली: देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट और विश्व के सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट के बीच चल रही डील की खबरों से छोटे व मझोले व्यापारियों के बीच में भय व्याप्त होता जा रहा है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) का कहना है कि रिटेल में एफडीआई को अभी पूरी तरह से मंजूरी नहीं मिली है. यही कारण है कि वॉलमार्ट ई-कॉमर्स के माध्यम से भारत में पैर पसारने के लिए चोर रास्ता बना रहा है.
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टिप्पणियांसीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल व हेमंत गुप्ता का कहना है कि मामला देश के छोटे व मझोले व्यापारियों से जुड़ा है, इसलिए हम हर तरह से इसका विरोध करेंगे. वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच जो करार होने जा रहा है, वह न केवल छोटे व मझोले व्यापारियों के लिए तो चिंता का विषय है ही, बल्कि सरकार के लिए भी चिंता का विषय है. वालमार्ट कंपनी का इतिहास रहा है कि यह जिस देश में भी गई है, वहां के स्थानीय रिटेलरों को तो पूरी तरह से चौपट किया ही है, साथ ही उस देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ा है.
सीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता और महासचिव रमेश आहूजा ने बताया कि भारत का रिटेल बाजार लगभग 40 लाख करोड़ रुपये का है. यही कारण है कि वर्षों से वॉलमार्ट की नजर भारत पर लगी हुई है. लेकिन भारत सरकार को सोचना चाहिए कि अगर वॉलमार्ट जैसी कंपनी को देश में घुसने दिया जाता है तो यहां के छोटे व मझोले व्यापारियों का क्या होगा? हमारे देश की अर्थव्यवस्था में छोटे व मझोले व्यापारियों का भी बहुत योगदान है. देश की बड़ी आबादी इससे जुड़ी है और अपनी रोजी रोटी चलाती है. दूसरा अहम पहलु यह भी है कि वॉलमार्ट ज्यादातर सामान चीन से तैयार करवाती है. वॉलमार्ट के देश में आने से चीनी उत्पादों को फिर बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सीटीआई वॉलमार्ट के विरोध में है और आने वाले दिनों में न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के व्यापारियों के साथ मिलकर इसका विरोध करेगा. उनका कहना है कि जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी होगा. हम लोग आखिरी समय तक वॉलमार्ट का विरोध करते रहेंगे और वॉलमार्ट को किसी भी कीमत पर दिल्ली में नहीं घुसने देंगे.
क्या सोने के प्रति कम हो रहा है महिलाओं का रुझान? मांग में भारी गिरावट
3 May 2018
मुंबई: देश में सोने की मांग 2018 की पहली तिमाही में 12 प्रतिशत घटकर 115.6 टन रही. मांग में गिरावट की वजह सोने के भाव ऊंचे रहे. 2017 की जनवरी-मार्च अवधि में कुल मांग 131.2 टन थी. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने 2018 की पहली तिमाही के लिए अपनी 'गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स' रिपोर्ट में यह बात कही. मूल्य के आधार पर, स्वर्ण मांग 8 प्रतिशत गिरकर 31,800 करोड़ रुपये रह गयी, जबकि 2017 की इसी तिमाही में यह 34,440 करोड़ रुपये थी. डब्ल्यूजीसी इंडिया के प्रबंध निदेशक पी आर सोमसुंदरम ने कहा, "मांग में गिरावट की कई वजह हो सकती है. इसमें घरेलू स्तर पर सोने की कीमतों में तेजी, शादी-ब्याह जैसे शुभ दिनों की संख्या में गिरावट और केंद्रीय बजट में आयात शुल्क में कटौती की उम्मीद शामिल है.’’
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टिप्पणियांउन्होंने कहा कि जीएसटी ने भी मांग को प्रभावित किया है. इसके अलावा पीएनबी बैंक घोटाले से भी मांग में नरमी आई है. वहीं, 2018 की पहली तिमाही में आभूषण मांग 12 प्रतिशत गिरकर 87.7 टन रह गयी, जो कि 2017 की इसी तिमाही में यह 99.2 टन थी. मूल्य के आधार पर आभूषण मांग 7 प्रतिशत गिरकर 2017 की पहली तिमाही में 26,050 करोड़ रुपये से 2018 की पहली तिमाही में 24,130 करोड़ रुपये रह गयी.
आलोच्य तिमाही में कुल निवेश मांग पिछले वर्ष 32 टन से 13 प्रतिशत गिरकर इस वर्ष 27.9 रही. मूल्य के आधार पर मांग 2018 में 9 प्रतिशत गिरकर 7,660 करोड़ रुपये रही, जो कि 2017 में 8,390 करोड़ रुपये थी. इसके अतिरिक्त, पहली तिमाही में स्वर्ण आयात में भी 50 प्रतिशत की गिरावट आई है. 2018 की पहली तिमाही में आयात 153 टन रहा, जो कि 2017 की पहली तिमाही में 260 टन था.
उन्होंने कहा कि 2018 के लिए देश की स्वर्ण मांग 700 से 800 टन के बीच रहने की उम्मीद है. वैश्विक स्त्तर पर जनवरी-मार्च तिमाही में स्वर्ण मांग सात प्रतिशत गिरकर 973 टन रह गयी. 2017 की इसकी तिमाही में कुल मांग 1,047 टन थी. मांग में गिरावट की बड़ी वजह सोने की छड़ और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की निवेश मांग में कमी है.
मारुति, महिंद्रा व टाटा मोटर्स ने नये वित्त वर्ष की शानदार शुरुआत की, बिक्री बढ़ी
2 May 2018
नई दिल्ली: मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा टाटा मोटर्स सहित प्रमुख वाहन कंपनियों के लिए नये वित्त वर्ष की शुरुआत काफी अच्छी रही. वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में इन कंपनियों की वाहन बिक्री दहाई अंक से अधिक बढ़ी. देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री अप्रैल में 14.2 प्रतिशत बढ़कर 1,64,978 इकाई हो गई जो पिछले साल के 1,44,492 वाहन रही थी.
कंपनी ने कहा कि इस दौरान उसके स्विफ्ट, एस्टिलो, डिजायर और बलेनो जैसे वाहनों की कॉम्पैक्ट श्रेणी की बिक्री 31.8 प्रतिशत उछलकर 83,834 इकाइयों पर पहुंच गयी. वहीं आल्टो व वेगनआर वाले मिनी कार खंड की बिक्री इस दौरान घटी. इस दौरान जिप्सी, ग्रैंड विटारा, एर्टिगा, एस-क्रॉस और काम्पैक्ट एसयूवी विटारा ब्रेजा जैसे यूटिलिटी वाहनों की बिक्री मामूली बढ़कर 20,804 इकाई रही.
महिंद्रा एंड महिंद्रा की कुल वाहन बिक्री अप्रैल महीने में 22 प्रतिशत बढ़कर 48,097 इकाई रही. कंपनी ने अप्रैल 2017 में 39,417 वाहन बेचे थे. कंपनी के बयान में कहा गया है कि घरेलू बाजार में उसकी बिक्री अप्रैल महीने में 19.34 प्रतिशत बढ़कर 45,217 वाहन हो गई जो कि एक साल पहले 37,889 इकाई रही थी.
इस दौरान कंपनी के वाहनों का निर्यात 88.48 प्रतिशत बढ़कर 2880 इकाई हो गया. इसके अनुसार आलोच्य महीने में उसके यात्री वाहनों की बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 21,927 वाहन, वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 26 प्रतिशत बढ़कर 18,963 इकाई हो गई. महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष आटोमोटिव राजन वढेरा ने कहा, ‘अच्छे वित्त वर्ष 2018 के बाद, हमने नये वित्त वर्ष की भी मजबूत शुरुआत की है.
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टिप्पणियांआलोच्य महीने में कंपनी की ट्रेक्टर बिक्री 18 प्रतिशत बढ़कर 30,925 इकाई हो गई. वहीं टाटा मोटर्स का कहना है कि अप्रैल महीने में उसकी यात्री वाहन बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 17,235 हो गई. इस दौरान उसकी घरेलू बिक्री 86 प्रतिशत बढ़कर 53,511 इकाई हो गई.
हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने कहा कि अप्रैल 2018 में उसकी घरेलू बिक्री 4.4 प्रतिशत बढ़कर 46,735 इकाई हो गई जो अप्रैल 2017 में 44,758 कार की रही थी. वहीं फोर्ड इंडिया की कुल बिक्री अप्रैल महीने में 39.23 प्रतिशत घटकर 15,281 इकाई रह गई जो कि पिछले साल अप्रैल में 25,149 वाहन रही थी.
कंपनी के बयान में कहा गया है कि उसकी घरेलू बिक्री अप्रैल महीने में 2.49 प्रतिशत घटकर 7,428 इकाई रही जो अप्रैल 2017 में 7,618 रही थी. दुपहिया वाहन खंड में टीवीएस मोटर कंपनी ने कहा कि अप्रैल महीने में उसकी कुल वाहन बिक्री 24 प्रतिशत बढ़कर 3,04,795 इकाई हो गई. कंपनी के बयान में कहा गया है कि पिछले साल समान महीने में उसने 2,46,310 वाहन बेचे थे.
डेटा लीक की घटनाओं से निजात पाने के लिए सरकार इस बदलाव के साथ ला सकती है नई दूरसंचार नीति
1 May 2018
नई दिल्ली: सरकार नई राष्ट्रीय दूरसंचार नीति के तहत डेटा संप्रभुता का प्रावधान करते हुए भारतीय उपयोक्ताओं से जुड़ा डेटा रखने वाली सभी कंपनियों से 2022 तक अपने सर्वर भारत में लगाने को कह सकती है. जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी. नई दूरसंचार नीति 2018 का मसौदा एक मई को जारी होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि सरकार दूरसंचार कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कह सकती है कि भारतीय नागरिकों के मेसेज व ईमेल का ब्योरा भारतीय सीमा में ही रखा जाए. सूत्रों ने कहा कि नई दूरसंचार नीति लोगों को सभी सेवाओं की पहुंच एक क्लिक से ही उपलब्ध कराने की मंशा से तैयार की जा रही है. ताकि शिक्षा, सरकारी सेवाओं व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोगों को व्यक्तिगत रूप से हाजिरी देने की जरूरत नहीं पड़े. इससे बड़ी मात्रा में डेटा सृजित होगा. सरकार यह प्रस्ताव कर सकती है कि 2022 तक भारतीय नागरिकों व इकाइयों से जुड़ी जानकारी यानी डेटा के सभी सर्वर भारत में ही हों.
इस समय ज्यादातर इंटरनेट कंपनियां विशेषकर सोशल मीडिया व ईमेल सेवा प्रदाता फर्में विदेश में स्थित सर्वरों का इस्तेमाल कर रही हैं. विदेश स्थित सर्वरों के जरिये उपयोक्ताओं की गतिविधियों पर निगरानी की आशंका जताई जारी रही है.
खुशखबरी : जून में बिजली की दरें बढ़ने की उम्मीद कम, यह है कारण
30 April 2018
नई दिल्ली: देश में बिजली की हाजिर दरें अगले दो महीने में बढ़ने की संभावना नहीं है. विशेषज्ञों के अनुसार नवीकरणीय और पवन ऊर्जा की उपलब्धता के चलते यह चार रुपये प्रति यूनिट रह सकती हैं. तापीय विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी होने और गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ने के चलते निकट भविष्य में देश में बिजली की हाजिर दरें बढ़ने की संभावना है.
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टिप्पणियांएक बाजार विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘आने वाले दो महीनों में मानसून की प्रगति के चलते पवन ऊर्जा की उपलब्धता से अगले दो महीनों में देश में बिजली की हाजिर दरें चार रुपये प्रति यूनिट रह सकती हैं.’’
भारतीय ऊर्जा सूचकांक पर बिजली की औसत हाजिर दरें 27 अप्रैल 2018 तक 4.01 रुपये प्रति यूनिट रहीं. मार्च में भी यह 4.01 रुपये प्रति यूनिट थी लेकिन यह फरवरी के 3.22 रुपये प्रति यूनिट के मुकाबले अधिक रहीं.
जबकि फरवरी और मार्च 2017 में यह दर 2.5 रुपये प्रति यूनिट थी. लेकिन पिछले साल अप्रैल में यह मामूली तौर पर बढ़कर 2.7 रुपये प्रति यूनिट हो गई थीं.
आदित्य घोष इंडिगो के अध्यक्ष पद से देंगे इस्तीफा, ग्रेगरी टेलर हो सकते हैं अध्यक्ष एवं सीईओ
28 April 2018
नई दिल्ली: इंडिगो ने एक अप्रत्याशित घोषणा में शुक्रवार को कहा कि उसके अध्यक्ष एवं पूर्णकालिक निदेशक आदित्य घोष पद से हटेंगे. कंपनी ग्रेगरी टेलर को अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बनाने पर विचार कर रही है. टेलर की नियुक्ति को नियामकीय मंजूरी मिलने से पहले कंपनी के प्रवर्तक राहुल भाटिया इसके अंतरिम सीईओ की जिम्मेदारी निभाएंगे. इंडिगो ने शेयर बाजार को बताया कि निदेशक मंडल की बैठक में घोष का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.
पूर्णकालिक निदेशक के पद से उनका इस्तीफा 26 अप्रैल से मान्य हो गया है जबकि वह 31 जुलाई तक अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. कंपनी ने कहा कि भाटिया सीईओ के साथ ही कंपनी के निदेशक मंडल में बने रहेंगे.
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टिप्पणियांकंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘इंडिगो ग्रेगरी टेलर को अध्यक्ष एवं सीईओ बनाने पर विचार कर रही है. उनकी नियुक्ति नियामकीय मंजूरियों के बाद की जाएगी.’’ इंडिगो करीब 40 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी है.
NCLAT ने गूगल पर 136 करोड़ रुपये के जुर्माने के आदेश पर लगाई रोक
27 April 2018
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने आज भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के गूगल पर जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी. सीसीआई ने ऑनलाइन सर्च बाजार में अनुचित कारोबारी प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए गूगल पर 136 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी पीठ ने सीसीआई के आदेश के खिलाफ गूगल की याचिका स्वीकार करते हुए दिग्गज सर्च इंजन कंपनी को जुर्माने की 10 प्रतिशत राशि चार हफ्ते में जमा करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में सुनवाई 28 मई को होगी.
गूगल के प्रवक्ता ने कहा, "न्यायाधिकरण ने सीसीआई के आदेश और उससे जुड़े निष्कर्षों के पहलुओं की समीक्षा के लिए हमारी अपील स्वीकार कर ली है. "
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष फरवरी में आयोग ने गूगल पर भारतीय बाजार में ऑनलाइन सर्च में अनुचित कारोबारी प्रक्रियाओं को अपनाने के चलते 136 करोड़ रुपये के जुर्माने का आदेश दिया था.
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आयोग ने गूगल के खिलाफ 135.86 करोड़ रुपये का यह जुर्माना 2012 में उसके विरुद्ध दायर की गई ' अविश्वासी आचरण की शिकायतों के आधार पर लगाया था. यह कंपनी के भारतीय परिचालन से विभिन्न कारोबारों से 2013, 2014 और 2015 में हुई कुल औसत आय के पांच प्रतिशत के बराबर है. इस संबंध में गूगल के खिलाफ मैट्रिमोनी डॉट कॉम और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी ने शिकायत दायर की थी.
भारती इफ्राटेल, इंडस टावर्स का विलय, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टावर कंपनी बनेगी
26 April 2018
नई दिल्ली: भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स बुधवार को विलय के लिए सहमत हो गए. विलय से बनाने वाली 14.6 अरब डॉलर की नई कंपनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल टावर कंपनी होगी. नई इकाई के पास देशभर में 1,63,000 से अधिक टावर होंगे और यह चीन टावर के बाद दूसरी सबसे बड़ी टावर कंपनी होगी. नई कंपनी पर भारती एयरटेल और वोडाफोन का संयुक्त रूप से नियंत्रण होगा. दोनों कंपनियों ने यह जानकारी दी है.
इस सौदे के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग , सेबी , राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिरण , दूरसंचार विभाग ( एफडीआई मंजूरी ) सहित नियामकीय और अन्य मंजूरियों मिलनी अभी बाकी हैं. सौदे के चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. भारती एयरटेल ने बयान में कहा, " इंडस टावर्स का विलय तय योजनाओं के माध्यम से भारती इंफ्राटेल में या उसके साथ किया जाएगा. विलय के बाद बनने वाली कंपनी का नाम इंडस टावर्स लिमिटेड होगा और यह शेयर बाजार में सूचीबद्ध रहेगी.
नई इकाई की 33.8 प्रतिशत से 37.2 प्रतिशत तक हिस्सेदारी भारती एयरटेल के पास होगी. इसमें वोडाफोन इंडिया की 26.7 प्रतिशत से 29.4 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. वर्तमान में इंडस टावर में वोडाफोन और भारती इंफ्राटेल की हिस्सेदारी 42-42 प्रतिशत है जबकि आइडिया समूह की हिस्सेदारी 11.15 प्रतिशत और प्रोविडेंस की हिस्सेदारी 4.85 प्रतिशत है.
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टिप्पणियांदोनों कंपनियों ने बयान में कहा कि भारती एयरटेल और वोडाफोन संयुक्त रूप से कंपनी का नियंत्रण करेंगे. कंपनी में भारती एयरटेल और वोडाफोन के पास बराबर के अधिकार होंगे. इसके निदेशक मंडल में 11 निदेशक शामिल होंगे , जिसमें तीन - तीन निदेशक भारती एयरटेल और वोडाफोन की ओर नियुक्त किए जाएंगे. एक निदेशक केकेआर / कनाडा पेंशन प्लान इंवेस्टमेंट बोर्ड और चार अन्य ( चेयरमैन समेत ) स्वतंत्र निदेशक होंगे.
यह विलय कंपनियों की उन परिसंपत्तियों का रास्ता साफ करेगा , जो कि रिलायंस जियो द्वारा छेड़े गए शुल्क युद्ध के बाद से फंसी पड़ी हैं , जिसकी वजह से कंपनियों की कमाई पर असर पड़ा और दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों को एकीकृत होना पड़ा. वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर का मोबाइल परिचालन कारोबार पहले ही विलय के अंतिम चरण में है.
सौदे के तहत , आइडिया के पास इंडस में अपनी हिस्सेदारी बेचने का विकल्प है. जिसकी कीमत 6,500 करोड़ रुपये है. वोडाफोन इंडिया को नई कंपनी में 78.31 करोड़ शेयर मिलेंगे. उसकी हिस्सेदारी का मूल्य करीब 28,400 करोड़ रुपये होगा.
शादी विवाह के मौसम की मांग के कारण सोना 32,450 रुपये की ऊंचाई पर
25 April 2018
नई दिल्ली: विदेशों में कमजोरी का रुख होने के बावजूद यहां शादी विवाह के मौसम की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की लिवाली में आई तेजी के कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोने की कीमत 225 रुपये चढ़कर 32,450 रुपये प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई पर जा पहुंची. औद्योगिक इकाइयों तथा सिक्का निर्माता कंपनियों का उठाव बढ़ने के कारण चांदी भी 200 रुपये चढ़कर 40,000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गयी.
सर्राफा कारोबारियों ने सोने की कीमतों में तेजी आने का श्रेय चालू शादी विवाह के मौसम की वजह से हाजिर बाजार में स्थानीय आभूषण कारोबारियों की लिवाली में आई तेजी को दिया लेकिन विदेशों में कमजोरी के रुख ने लाभ को कुछ सीमित कर दिया.
विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपये का अवमूल्यन होने के कारण आयात महंगा हो गया. इसके कारण भी कारोबारी धारणा में तेजी दिख्री.
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टिप्पणियांवैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.38 प्रतिशत घटकर 1,324.70 डालर प्रति औंस और चांदी 0.42 प्रतिशत टूटकर 16.560 डालर प्रति औंस रह गया. यहां डॉलर के मजबूत होने से सुरक्षित निवेश के विकल्प के बतौर सर्राफा मांग प्रभावित हुई.
राष्ट्रीय राजधानी में 99.9 प्रतिशत तथा 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 225 - 225 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 32,450 तथा 32,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. गिन्नी का भाव 24,800 रुपये प्रति आठ ग्राम के पूर्वस्तर पर बनी रहा.
चांदी तैयार का भाव भी 200 रुपये के सुधार के साथ 40,700 रुपये प्रति किलो तथा चांदी साप्ताहिक डिलीवरी का भाव 100 रुपये सुधरकर 39,575 रुपये प्रति किलो हो गया. हालांकि चांदी सिक्कों का भाव लिवाली 75,000 रुपये तथा बिकवाल 76,000 रुपये प्रति सैकड़ा पर अपरिवर्तित रहा.
इस वजह से गूगल के सुंदर पिचाई को मिलेंगे करीब 2500 करोड़ रुपये
24 April 2018
नई दिल्ली: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई पर इस बुधवार को ऐसी धनवर्षा होगी जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा. सुंदर पिचाई चार साल पहले मिले इनाम के एक चेक को अब भुनाने जा रहे हैं. समाचार साइट 'ब्लूमबर्ग' की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में उनका प्रमोशन हुआ था. तब कंपनी ने उन्हें 3,53,939 रिस्ट्रिक्टेड शेयर का अवॉर्ड दिया था.
टिप्पणियांपिचाई ने कहा है कि अब समय आ गया है उन शेयरों को भुनाने का. ये शेयर गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट इंक ने जारी किए थे. खास बात यह है कि पिचाई को जब ये शेयर आवंटित हुए थे तब से अब तक इनकी कीमतों में 90 फीसदी का उछाल आया है. यानि अब उनकी कीमत 380 मिलियन डॉलर (2524 करोड़ रुपये) के करीब पहुंच चुकी है. बता दें कि रिस्ट्रिक्टेड शेयर वे शेयर हैं जो कुछ समय बाद ही बेचे जा सकते हैं.
चेन्नै में पले-बढ़े पिचाई 2015 से अल्फाबेट इंक के गूगल की कमान संभाल रहे हैं. उन्हें सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (उत्पाद) के पद पर प्रमोशन के समय कंपनी ने ये शेयर दिए थे. उस समय उन्होंने सह संस्थापक लैरी पेज की अधिकतर जिम्मेदारियां संभालनी शुरू कर दी थीं
उद्योग मंत्री श्री शुक्ल द्वारा सीआईआई नये कार्यालय परिसर का शुभारंभ
23 April 2018
उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश निवेश के लिए उद्योगपतियो की पहली पसंद बनकर उभरा है। यहाँ उद्योगों के लिए सभी आवश्यक आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यहाँ उद्योगो के लिए अनुकूल माहौल है तथा उद्योगपतियो के लिए मध्यप्रदेश बेस्ट डेस्टीनेशन स्टेट के रूप में बन गया है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश एक मात्र राज्य है जो इज ऑफ डूईंग बिजनेस (ईओडीबी) पर भारत सरकार के एजेंडे पर सभी 372 अंको का पालन करता है। श्री शुक्ल आज कॉनफीडिरेशन ऑफ इंडियन इन्डस्ट्री (सीआईआई) मध्यप्रदेश के नये कार्यालय परिसर के शुभारंभ अवसर पर उद्योगपतियो को संबोधित कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश की उद्योग नीतियों को उद्योगपति पसंद कर रहे है। इसलिए मध्यप्रदेश में उद्योगपति तेजी से निवेश कर रहे है। उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योगो के लिए आधारभूत सुविधाएँ, फोरलेन सड़के, सरप्लस बिजली, पानी आदि आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। श्री शुक्ल ने कहा कि फोरलेन सड़को के साथ एयर कनेक्टिविटी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने उड़ान योजना (उड़ेगा देश का आम नागरिक) से एयर कनेक्टिविटी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे निश्चित ही देश के विभिन्न शहरों के लिए उड़ान भरने मे उद्योगपतियो को सुविधा मिल सकेगी।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न सेक्टर में उद्योग लगाने की आपार संभावनाएँ है। प्रदेश का देश के मध्य स्थित होने के कारण बड़ा इनवेस्टमेंट डेस्टीनेशन सेंटर है। उन्होंने उद्योगपतियो से कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाकर प्रदेश की तरक्की में योगदान दे। उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूसरे राज्यों के मुकाबले में शांति का माहौल है। साथ ही उद्योग संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है, उन्हें बाहर जाने की जरूरत नही है। उद्योग मंत्री ने बुदनी और रीवा में मल्टी स्किल सेंटर कि स्थापना में आवश्यक सहयोग तथा सहायता देने की बात भी कही। श्री शुक्ल ने सीआईआई के नए कार्यालय की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इसका देश-दुनिया में ब्रांडिंग करने में अहम रोल रहा है। उन्होंने अपेक्षा की कि सीआईआई आगे भी पार्टनर के रूप में अपनी अच्छी और महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करेगा।
प्रमुख सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने सीआईआई के पदाधिकरियो से अपेक्षा की कि वह सरकार की मंशा के अनुरूप कर्त्तव्यों का निर्वहन करे, जिससे प्रदेश में उद्योगपति निवेश करने में ज्यादा से ज्यादा दिलचस्पी दिखाएं। उन्होंने आज मंत्रि-परिषद की बैठक में उद्योगों तथा उद्योगपतियो के हक में लिये गए फैसलों की जानकारी भी दी। श्री सुलेमान ने पीथमपुर में करीब 1200 एकड़ में मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित किये गए औद्योगिक क्षेत्र का उल्लेख किया।
राज्य परिषद के अध्यक्ष श्री राजेश खरे ने वर्ष 2018-19 के लिए सीआईआई के एजेंडे की जानकारी दी और कहा कि सीआईआई राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास पर काम करेगा। इसमें राज्य की वायु कनेक्टिविटी बढ़ाने, कौशल विकास केंद्रों का विकास और पर्यावरण संरक्षण शामिल है।
ब्याज कमाने के लिए अच्छा माध्यम FD या PPF में बेहतर कौन?
23 April 2018
नई दिल्ली: आम तौर पर पीपीएफ और एफडी मुनाफे या कहें लाभ देने में लगभग समान माने जाते रहे हैं. इनमें मुख्य अंतर यह होता है कि पीपीएफ की अवधि 15 साल होती है जबकि एफडी की एक महीने से लेकर एक साल या 5 साल या कुछ भी हो सकती है. टैक्स छूट की बात करें तो दोनों पर 80 सी के अनुसार छूट मिलती है, लेकिन यादे रहे, एफडी में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होने पर ही छूट मिलती है, इससे कम अवधि की एफडी पर नहीं. एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर कर चुकाना होता है जबकि पीपीएफ में मिलने वाले पैसे पर कई टैक्स नहीं देना होता. यानि यह टैक्स से पूरी तरह मुक्त होता है.
पीपीएफ पर 3 वर्ष बाद लोन लेना संभव है जबकि एफडी पर लोन नहीं मिलता. पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की बात करें तो सरकार द्वारा घोषित होती है और बदलती भी रहती है. वर्तमान में यह दर 7.6 प्रतिशत है. एफडी पर ब्याज दर सालाना बदलती रहती है जो कि समय और बैंक के हिसाब से अलग अलग होती है. फिर भी कुछ ऐसी बाते हैं जो जो पीपीएफ को एफडी से अलग करती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ अकाउंट पोस्ट ऑफिस , स्टेट बैंक आफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक के अलावा कई निजी बैंकों की चुनिंदा शाखाओं में खुलवाए जा सकते हैं. यह अकाउंट कम से कम 15 वर्ष के लिए खोला जाता है और इसकी सीमा 5 वर्ष और बढ़ाई जा सकती है. इसे समय से पहले बंद नहीं कराया जा सकता है, यह सिर्फ मृत्यु होने की स्थिति में ही संभव है. इस अकाउंट में प्रतिवर्ष न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं
एक समय फिक्स डिपाजिट निवेश का सबसे बढ़िया और अच्छा विकल्प होने के साथ साथ सुरक्षित निवेश का बड़ा माध्यम रहा है. लेकिन पिछले कुछ सालों में एफडी पर मिलने वाला ब्याज लगातार कम होता जा रहा है. इससे बैंकों में एफडी को लेकर रुचि कुछ कम हुई है. बैंकों के ब्याज दरों में कमी के कारण लोगों का पैसा जो पहले 4-5 सालों में दोगुना होता था वह अब इस अवधि में लगभग डेढ़ गुना ही हो पाता है. कुछ बैंक अभी भी अच्छी ब्याज दर दे रहे हैं. लेकिन यहां पर आम बैंकों बात हो रही है. फिर बता दें कि एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है.
एफडी पर ब्याज से होने वाली आमदनी पर टैक्स की गणना संग्रहण आधार पर की जाती है न कि उस समय करदाता को प्राप्त वास्तविक रिटर्न पर किया जाता है. एफडी कितने दिनों की है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, यदि किसी शेड्यूल बैंक से 5 साल की एफडी हुई है तो आयकर अधिनियम 80 सी के तहत करछूट का लाभ मिलता है. एफडी पर मिलने वाले ब्याज को आम डिपाजिट की ही तरह आयकरदाता के टैक्स स्लैब के अनुसार ही अदा करना होता है.
इससे यह साफ है कि वर्तमान में यदि आप पैसे को किसी भी सूरत में ब्लॉक नहीं करना चाहते हैं और अपनी शर्तों पर उसे समय के हिसाब से प्रयोग में लाना चाहते हैं तब एफडी से बेहतर कुछ नहीं. यहां पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा जब चाहें निकाल सकते हैं और आप अपने पैसे का प्रयोग कहीं भी कर सकते हैं. यानी एफडी निवेश और सुरक्षित ब्याज कमाने का ऐसा माध्यम है जहां पर आप ब्याज के साथ-साथ कैश की व्यवस्था का प्रबंध बनाए रखते हैं.
उधर, पीपीएफ के साथ यह अच्छाई है कि यहां एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है. पैसा सुरक्षित है, लेकिन आप अपनी जरूरतों के हिसाब से इसे समय पर निकाल नहीं सकते हैं. जरूरत पर भी पैसा निकालने की प्रक्रिया जटिल ही है. सरकारी बैंकों और सरकारी कार्यालयों में पैसा जमा होने पर थोड़ी दिक्कत का सामना करना ही होगा. लेकिन यहां ऐसा फायदा है कि पैसा पूरा और समय पर ब्याज सहित खाते में दिखता रहता है. और समयावधि पूरी होने पर खाते में इसे लेकर प्रयोग में ला सकते हैं.
अब यह साफ है कि पैसा लगाकर आप यदि कुछ सालों के लिए भूल सकते हैं तब पीपीएफ से बेहतर कुछ नहीं और अगर आप इस पैसे का इस्तेमाल कभी जरूरत पर करना चाहते हैं तब एफडी से बेहतर कुछ नहीं
RBL बैंक ने बढ़ाई FD पर ब्याज दरें... आप भी उठा सकते हैं फायदा
12 April 2018
नई दिल्ली: जब परिवार की जरूरत पूरी हो जाती है और कुछ पैसे बचने लगते हैं तब अकसर मिडल क्लास का आदमी एफडी के बारे में सोचता है. उसकी सबसे बड़ी जरूरत होती है कि पैसा जल्द से जल्द बढ़ जाए और दूसरी चिंता होती कि पैसा सुरक्षित रहे. उसके अंदर रिस्क लेने की क्षमता कम होती है. ऐसे में सबसे ज्यादा मुफीद रास्ता अगर नजर आता है तो वह है फिक्स्ड डिपॉजिट का, यानी सावधि जमा. मतलब साफ है कि निश्चित अवधि के लिए पैसा बैंक में रखा जाए और निश्चित ब्याज लिया जाए.
यह मन बनाने के बाद आदमी का सबसे बड़ी खोज शुरू होती है कि किस बैंक में कितना ब्याज मिलता. वह यह इसलिए करता है क्योंकि हर बैंक में अपना ब्याज निर्धारित है. सबसे ज्यादा ब्याज कहां मिलता है, यह खोजना सबसे कठिन है.
अगर आप बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD करवाने जा रहे हैं तो नई ब्याज दरें जरूर चेक कर लें. नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही देश के कई बैंकों ने FD की ब्याज दरों में बदलाव कर दिया है. इन बैंकों में SBI, RBL बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, कोटक महिन्द्रा, ICICI बैंक जैसे बैंक शामिल हैं. ज्यादातर बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी ही की है लेकिन कुछ ने इनमें कटौती भी कर दी है.
टिप्पणियां
RBL बैंक ने 27 मार्च को अपनी नई ब्याज दरें प्रभावी की हैं. अब बैंक में 1 करोड़ रुपए से कम की 1 साल व 2 साल अवधि वाली FD पर ब्याज दर 7.45 फीसदी सालाना हो गई है. पहले यह क्रमश: 7.34 फीसदी व 7.40 फीसदी थी. बैंक ने सीनियर सिटीजन के लिए इस संदर्भ में दर बढ़ाकर 7.98 फीसदी कर दी है, जो पहले 1 व 2 साल के लिए क्रमश: 7.87 फीसदी और 7.93 फीसदी थी.
3 साल और 5 साल की अवधि के लिए की 1 करोड़ रुपए से कम की FD पर आम लोगों के लिए ब्याज दर 7.34 फीसदी और सीनियर सिटीजन के लिए 7.87 फीसदी हो गई है. पहले यह आम लोगों के लिए 7.29 फीसदी और सीनियर सिटीजन के लिए 7.82 फीसदी थी.
मौजूदा वित्त वर्ष में 7.3 जबकि अगले में 7.6 प्रतिशत रहेगी भारत की आर्थिक विकास दर : एडीबी
11 April 2018
नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक का अनुमान है कि एक अप्रैल से शुरू हुए मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर सुधर कर 7.3 प्रतिशत जबकि अगले वित्त वर्ष 2019-20 में 7.6 प्रतिशत रहेगी. बैंक का अनुमान है कि जीएसटी के कारण उत्पादन में वृद्धि और बैंकिंग के क्षेत्र में सुधार के कारण निवेश से आर्थिक विकास दर को गति मिलेगी.
जयपुर.शहर में आईपीएल सीजन 11 के बीच बुधवार को खेले जाने वाले क्रिकेट मैच से पहले ही सट्टे का खेल उजागर हो गया। जयपुर कमिश्नरेट में पश्चिम जिले की हरमाड़ा थाना पुलिस ने मंगलवार देर रात को तीन सटोरियों को गिरफ्तार कर लिया।
एक सूटकेस में फिक्स थे 51 मोबाइल फोन व उपकरण
- एक मकान में चल रहे सट्टे के खेल में पुलिस ने बुकी के कब्जे से 51 मोबाइल फोन, 38 हजार रुपए नकद और करीब 92 लाख रुपए के हिसाब किताब की पर्चियां बरामद की है।
- इसके अलावा पुलिस ने बुकी की एक स्कार्पियो गाड़ी, एक लेपटॉप व एलईडी भी जब्त की है। यह मोबाइल फोन व उपकरण एक सूटकेस में स्पेशल तकनीक से फिक्स कर रखे थे।
ये है तीनों आरोपी बुकी, जो लगा रखे थे सटटा
- डीसीपी पश्चिम अशोक गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रंजित कुमार उर्फ महेंद्र चौधरी (28) गांव थोई जिला सीकर का रहने वाला है। यहां बालाजी विहार—10, अनोखा गांव में हरिनारायण जाट के मकान में किराए से रहता है।
- दूसरा आरोपी अमर सिंह सोनी (42), आरोपी मुकेश कुमार जाट (27) है। ये दोनों श्रीमाधोपुर, जिला सीकर के रहने वाले है।
कोलकाता |