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देश के स्वाभिमान की पुनर्स्थापना है श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
21 January 2024
भोपाल :आज सौभाग्य का पावन अवसर है। सैकड़ों वर्षों बाद यह शुभ घड़ी आई है...अयोध्या में अपने जन्मस्थान पर रामलला विराजमान हो रहे हैं। पूरे संसार के सनातनी हर्षित, आनंदित और प्रफुल्लित हैं। समूचे विश्व में जयश्रीराम गुंजायमान है। हम सभीसौभाग्यशाली हैं कि हमें यह सुखद दृश्यदेखने का अवसर मिला है।श्रीरामजी की गरिमा के अनुरूप मंदिर निर्माण के लिये पीढ़ियों ने पांच सौ वर्ष तक संघर्ष किया इसमें अनगिनत बलिदान हुए।
राम मंदिर हमारी संस्कृति, हमारी आस्था, राष्ट्रीयत्व और सामूहिक शक्ति का प्रतीक है। यह सनातन समाज के संकल्प, संघर्ष और जिजीविषा का ही परिणाम है कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में श्रीराम मंदिर निर्माण का सपना साकार हो रहा है। यह उमंग और उत्सव का अवसर है,समूचा समाजउल्लास के साथ खुशियां मना रहा है।
राजा राम प्रत्येक भारतीय और विश्व में व्याप्त सनातनियों के आदर्श हैं। वे सत्यनिष्ठा के प्रतीक, सदाचरण और आदर्श पुरुष के साकार रूप मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। श्रीराम जन्मस्थान मंदिर निर्माण के हर्षोल्लास के साथ हमें भगवान राम के जीवन से प्रेरणा भी लेनी चाहिए।कर्तव्यपथ पर प्रतिबद्ध श्रीराम के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि वे सबके थे और सबको साथ लेकर चलते थे। सबका विश्वास अर्जित करने के लिये अपने सुखों का भी त्याग कर देते थे। वे जितने वीर थे, मेधावी थे उतने ही सहनशील भी। उन्होंने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया और विपरीत परिस्थिति कभी उन्हें विचलित नहीं कर सकती थीं।
प्रजावत्सल राजा राम के लिये न्याय और राजधर्म सर्वोपरि था। इन्हींअद्भुत विशिष्टताओं के कारण श्रीराम को आदर्श राजा कहा जाता है। उनकी राज व्यवस्था में न कोई छोटा था न कोई बड़ा था,सभी समान सम्मान के अधिकारी थे। सबको उनकी योग्यता, क्षमता और मेधा के अनुसार काम के अवसर प्राप्त थे। भेदभाव रहित समाज व्यवस्था के लिए रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है।
रामराज्य में प्रजा की सुखद स्थिति का रामचरित मानस के उत्तरकांड मेंउल्लेख है-"दैहिक दैविक भौतिक तापा,राम राज नहिं काहुहि ब्यापा।"अर्थात् रामराज्य मेंशासन व्यवस्था इतनी आदर्श थी कि प्रजा समृद्ध, रोग रहित और आपदा रहित थी।
राष्ट्र के सांस्कृतिक एकत्व के लिए श्रीराम जी ने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोया। वे अपना वनवासकाल पूर्ण करके लंका से सीधे अयोध्या नहीं आये। वे उन सभी स्थानों पर गये जो उनका वन गमन मार्ग था। लौटते समय निषाद, किरात, केवट और वनवासी समाज के सभी प्रमुख बंधुओं को अपने साथ लाये थे। अपने राजकाल में श्रीरामजी ने एक-एक व्यक्ति का विश्वास अर्जित किया और उन्हें संगठित किया। उनका पूरा जीवन राष्ट्र और समाज के लिये समर्पित रहा।हमें ऐसेही राष्ट्र का निर्माण करना है।
लगभगपांच सौ वर्षों की दीर्घ प्रतीक्षा और धैर्य के बाद रामलला पूर्व प्रतिष्ठा के साथ अयोध्या आ रहे हैं। यह प्रगति और परंपरा का उत्सव है। इसमें विकास की भव्यता और विरासत की दिव्यता है। यही भव्यता और दिव्यता हमें प्रगति पथ पर आगे ले जाएगी। माननीय प्रधानमंत्री जी के संकल्प के साथ समाज के संघर्ष और आत्मशक्ति का परिणाम है कि आज रामलला विराजमान हो रहे हैं।प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से आग्रह किया है कि "जब अयोध्या में प्रभु राम विराजमान हों, तब हर घर में श्रीराम ज्योति जलाएं, दीपावली मनाएं।"रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा अवसर परहमने प्रदेश के शहरों और ग्रामों में रोशनी और दीप जलाने की तैयारी की है।प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में श्रीराम कथा सप्ताह मनाया जा रहा है।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने भव्य राम मंदिर निर्माण के निमित्त एक सप्ताह तक देश के सभी मंदिरों तथा तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाने का आह्वान किया है। हमने मध्यप्रदेश में स्वच्छता से स्वास्थ्य और स्वास्थ्य से समृद्धि के लिए सभी तीर्थ स्थलों, मंदिरों तथा नदियों में स्वच्छता अभियान चलाया है। प्रभु श्रीराम ने वनवासकाल के लगभग 11 वर्ष चित्रकूट में व्यतीत किये हैं। हमने तीर्थ स्थल चित्रकूट सहित रामवन पथ गमन मार्ग के 1450 किलोमीटर के 23 प्रमुख धार्मिक स्थलों का विकास करने का निर्णय लिया है। इसमें अधोसंरचना विकास के कार्यों के साथ-साथ धार्मिक चेतना, आध्यात्मिक विकास और राम कथा से जुड़े आयामों को भी शामिल किया जाएगा।भगवान कामतानाथ के परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य भी शीघ्रप्रारंभ होगा।
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का यह ऐतिहासिक क्षणहम सभी के लिये प्रेरणा का अवसर है। भारतके सांस्कृतिक वैभव और समृद्धिके इस पावनकाल में यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने देश को आत्मनिर्भर और सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है, हम इस संकल्प की सिद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत को यदि सशक्त औरविकसित राष्ट्रों की पंक्ति में अग्रणी बनाना है, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा किसमाज संगठित रहे, समरस रहे, एकजुट रहे और प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर बने। यदि भारत राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाना है, तो पूरे समाज को आत्मनिर्भर बनना होगा, तभी रामराज्य की कल्पना सार्थक हो सकेगी।
आज रामलला अपने जन्म स्थल पर विराजमान हो रहे हैं इस सुमंगल अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई...।

अभूतपूर्व घटनाओं का वर्ष 2023
28 December 2023
भोपाल :मध्यप्रदेश को अभूतपूर्व जनादेश के साथ नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का नेतृत्व मिलना, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक प्रदेश यात्राओं, अनूठी विकास योजनाओं, जी-20 की ऐतिहासिक बैठकों, इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन, सातवें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों के कारण वर्ष 2023 मध्यप्रदेश के लिए अभूतपूर्व घटनाओं का वर्ष बन गया। विकास के कई क्षेत्रों में मध्यप्रदेश देश में आगे रहा।
वर्ष 2023 की शुरुआत से ही प्रदेश के समकालीन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में उल्लेखनीय घटनाएं दर्ज होना शुरू हो गई थीं। वर्ष के आखिरी महीने में 13 दिसंबर को डॉक्टर मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के 19 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और 25 दिसंबर को 28 सदस्यों का मंत्रिमंडल बना। इसके साथ ही नई सरकार, नए ऊर्जावान नेतृत्व के साथ नई आशाओं से भरे 2024 में प्रवेश कर रही है।
वर्ष 2023 की शुरुआत इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के शुभारंभ के साथ हुई जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया और समापन राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया।
इसके बाद फरवरी महीने की शुरुआत में आवासहीन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों के लिए स्वराज नीति 2023 अस्तित्व में आई। खेलो इंडिया यूथ गेम्स का गरिमापूर्ण आयोजन हुआ। मध्यप्रदेश ने 39 स्वर्ण पदक जीते। भोपाल के पास इस्लामनगर को 308 सालों बाद अपना असली नाम जगदीशपुर और खोई पहचान मिली।
इंदौर नगर निगम ने सौर ऊर्जा के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी कर इतिहास बनाया। इसी महीने एक और रिकॉर्ड बनाते हुए हैं मध्यप्रदेश ने 2657 अमृत सरोवर बनाकर देश में दूसरे नंबर पर रहा।
मार्च महीने की शुरुआत सातवें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के साथ हुई जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया। इसके अलावा फसल क्षति की राहत राशि बांटने में देश में मध्यप्रदेश सबसे आगे रहा। पवित्र क्षेत्रों की सूची में दमोह के कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र और श्री जागेश्वर नाथ क्षेत्र को शामिल कर पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया।
इसके बाद अप्रैल माह में मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना लागू करने का निर्णय हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी रीवा में आयोजित राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए और गांव की सामाजिक, आर्थिक और पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत बनाने संकल्प दोहराया। जल जीवन मिशन में बुरहानपुर जिला देश में आदर्श जिला बना। इसी महीने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध मन की बात का 100 वां एपिसोड पूरा हुआ।
मई महीने की शुरुआत में ही 11 लाख से ज्यादा डिफाल्टर किसानों का 2123 करोड़ रुपए का कर्ज माफ हुआ। जल संसाधनों के प्रबंध-संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में नया आयाम जोड़ते हुए देश में पहली बार बुजुर्गों को विमान से तीर्थ यात्रा कराई गई। उन्हें प्रयागराज तीर्थ ले जाया गया।
राज्य सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए 31 दिसंबर 2022 तक की सभी अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध कर दिया। साथ ही अवैध कॉलोनियों के बनने पर रोक लगा दी। मई के आखिर में 2752 कॉलोनियां को वैध घोषित किया गया। साथ ही अतिक्रमण से मुक्त 23000 एकड़ भूमि के उपयोग के लिए स्वराज कॉलोनी योजना लागू की गई। शहरी अधोसंरचना के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण इंदौर और भोपाल से मेट्रो रेल का ट्रायल रन हुआ। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की कनेक्शनधारी बहनों को गैस रिफिल 450 रूपये में उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक निर्णय भी इसी माह हुआ।
जून के महीने में 12वीं क्लास में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। करीब 9000 विद्यार्थियों को ई-स्कूटी मिली। सहकारिता आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश की सहकारिता नीति लागू की। अधोसंरचना विकास के लिए भी जून का महीना महत्वपूर्ण रहा जब प्रधानमंत्री से श्री नरेंद्र मोदी ने रानी कमलापति स्टेशन से पांच वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया।
जुलाई महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सर जीवाजी राव सिंधिया म्यूजियम ग्वालियर का अवलोकन किया। पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से 14 अगस्त तक विकास पर्व मनाया गया, जिसमें विकास कार्यों से आम लोगों को परिचित कराया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शहडोल के लालपुर से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरूआत की।
जुलाई का महीना प्रदेश के समकालीन इतिहास में इसलिए उल्लेखनीय रहेगा कि इस महीने में नीति आयोग ने विश्लेषण में बताया कि मध्यप्रदेश के एक करोड़ 36 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं। डिजिटल लैंड रिकॉर्ड मैनेजमेंट में भी मध्यप्रदेश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। वन्य जीव प्रबंधन में मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए टाइगर स्टेट दर्जा हासिल कर अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनाई।
अगस्त महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल में लोक जनजाति अभिव्यक्ति के पर्व "उत्कर्ष और उन्मेष" का शुभारंभ किया। इसी महीने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 1000 करोड रूपयों से 34 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का विकास करने का संकल्प दोहराया। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में भी मध्यप्रदेश आगे रहा। प्रदेश को 1074 गांवों के समग्र विकास के लिए 210.90 करोड रुपए मिले। प्रदेश में सामाजिक समरसता के युग की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने सागर जिले के बड़तूमा में संत रविदास स्मारक और कला संग्रहालय का भूमि पूजन किया।
सितंबर महीने की शुरुआत में महिला स्वयं-सहायता समूहों द्वारा संचालित देश के पहले टोल प्लाजा आगर मालवा के विश्व धरोहर चाचा खेड़ी उज्जैन के कायदा और छतरपुर के संजय नगर में शुरू हुए। विश्व प्रसिद्ध सांची देश की पहली सोलर सिटी बना। यहाँ 63 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र घरेलू छतों पर लगाए गए। इससे वार्षिक 14000 टन से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना इसी महीने लागू हुई। मध्यप्रदेश सांख्यिकी आयोग बनाने वाला पहला राज्य बना। आध्यात्मिक गौरव को स्थापित करते हुए ओंकारेश्वर में आदिगुरू शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा की स्थापना हुई।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बीना में पेट्रो-केमिकल काम्प्लेक्स में 51 हजार करोड़ रूपये लागत की परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए कहा कि भारत को विश्व की प्रथम तीन अर्थव्यवस्थाओं में लाने में मध्य्रपदेश की भूमिका होगी।
मध्यप्रदेश को शामिल कर पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा के साथ 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई और 17 नवम्बर को मतदान हुआ एवं 3 दिसम्बर को परिणाम आए। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को 163 विधानसभा सीटों पर विजय मिली। चुनाव में मतदान का प्रतिशत 77.15 रहा। महिलाओं का मतदान प्रतिशत 76.03 रहा। साल के अंतिम साप्ताह में 1282 तबला वादकों ने ग्वालियर में एक साथ वादन कर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान दर्ज किया। डॉ. मोहन यादव ने 25 दिसम्बर को तबला दिवस घोषित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चार दिवसीय अमेरिका सबसे महत्वपूर्ण दौरा संपन्न
24 Jun 2023
Delhi:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चार दिवसीय अमेरिका दौरा संपन्न हो गया। शनिवार को मिस्र की राजधानी काहिरा के लिए पीएम मोदी अमेरिका से रवाना हो गए हैं। अलगे दो दिनों तक पीएम मोदी मिस्र के दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत और अमरीका की साझेदारी से 21वीं सदी में विश्व समुदाय की स्थिति बेहतर होगी। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों की भागीदारी केवल लाभ-आधारित नहीं है, बल्कि विश्वास, करूणा और दोनों देशों की समान भावना पर आधारित है।

गूगल भारत में दस अरब डॉलर का निवेश करेगा, अमेजन अपने निवेश में 15 अरब डॉलर की और वृद्धि करेगा


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अमरीका की तीन बड़ी कंपनियों गूगल, अमेज़न और बोइंग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात की। गूगल के सुंदर पिचाई ने श्री मोदी से कहा कि गूगल भारत में डिजीकरण कोष में 10 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। उन्होंने यह घोषणा भी की कि गूगल अपना वैश्विक फिनटेक ऑरपरेशन केंद्र गुजरात के गिफ्ट सिटी में खोलेगा। श्री पिचाई ने कहा कि डिजिटल इंडिया का प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण अन्‍य देशों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। अमेजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंड्र्यू जेस्‍सी ने कहा कि उनकी कंपनी भारत के सबसे बड़े निवेशकों में से एक है और अमेजन भारत में पहले ही 11 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है। श्री जेस्‍सी ने कहा कि इस निवेश में 15 अरब डॉलर की और वृद्धि की जाएगी। बोइंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री डेविड कैलहून ने कहा कि श्री मोदी का भारत के विकास के प्रति जुनून सबसे महत्वपूर्ण बात है। उन्‍होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में श्री मोदी की विशेष दिलचस्पी है। उन्‍होंने कहा कि तकनीक और प्रौद्योगिकी के साथ नेतृत्व की दूर‍दर्शिता किसी भी देश के लिए बेशकीमती होती है।

वाशिंगटन में यूएसआईएसपीएफ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भारत की सफलता की सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति भारतीयों की आकांक्षा है


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत और अमरीका की साझेदारी स्वार्थ पर नहीं, बल्कि विश्वास, करुणा और साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है। आज वाशिंगटन में अमरीका-भारत सामरिक साझेदारी मंच से अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत की सफलता का सबसे बड़ा प्रेरक-तत्व भारतीय जनमानस की आकांक्षा है और अमरीका की स्थिति भी इससे अलग नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी सर्वाधिक रही है। उन्होंने कहा कि भारत का पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ रहा है और मौद्रिक घाटा नियंत्रित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है और रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि अमरीकी कंपनियों ने पिछले लगभग ढाई वर्षों में भारत में 16 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-अमरीका रक्षा भागीदारी के कारण अमरीका के लगभग प्रत्येक प्रांत में लोगों के साथ विशिष्ट प्रकृति का संबंध स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां अमरीका में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि अब भारतीय कंपनियां वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत-अमरीका भागीदारी दोनों देशों और उनके नागरिकों के लिए फायदेमंद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 125 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है और भारत की इस विकास-गाथा में अमरीकी निवेशकों के लिए अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कारोबारी सुगमता केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। श्री मोदी ने कहा कि जब-जब भारत की उन्नति हुई है, पूरी दुनिया में भी खुशहाली आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सबसे अधिक संख्या में युवा प्रतिभाएं हैं और सबसे अधिक कुशल और पेशेवर कार्यबल भी भारत में ही हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत में प्रति सप्ताह नए विश्वविद्यालय खुल रहे हैं और हर तीसरे दिन अटल टिंकरिंग प्रयोगशाला खोली जा रही है। प्रतिदिन एक नया आईटीआई खुल रहा है और प्रतिवर्ष एक नया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान स्थापित हो रहा है। श्री मोदी ने कहा कि इन संस्थाओं की प्रतिभाएं पूरे विश्व के कल्याण के लिए कार्यरत हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा- भारत और अमेरिका नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में नए विश्वास के साथ मिलकर काम कर रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और अमरीका प्रत्येक क्षेत्र में साथ मिलकर काम कर रहे हैं और दोनों देश नई और उभरती प्रौद्योगिकी पर अधिक बल दे रहे हैं। श्री मोदी ने अमरीका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन द्वारा वाशिंगटन में आयोजित भोज में कहा कि दोनों देशों के संबंधों में मधुरता लोगों के पारस्परिक संबंधों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी व्यापार की चुनौतियों के समाधान के लिए भी सहयोग कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत और अमरीका ने एक लम्बी और सुखद यात्रा तय की है। रक्षा और कार्यनीतिक क्षेत्रों में परस्पर सहयोग के नए आयाम जुड़े हैं। क्वाड और आई-2 यू-2 समूह से भी दोनों देशों के संबंधों का विस्तार हुआ है। इस अवसर पर अमरीकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि भारत के इतिहास ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। उन्होंने 21वीं सदी में एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में भारत के उभरने में श्री मोदी की भूमिका की सराहना की। सुश्री हैरिस ने कहा कि उन्होंने दुनिया भर की अपनी यात्राओं के दौरान भारत के बढ़ते प्रभाव को अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि भारत में बनी वैक्सीन से दक्षिण-पूर्व एशिया में बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाना संभव हुआ। सुश्री हैरिस ने कहा कि अफ्रीकी महाद्वीप में भारत की दीर्घकालिक साझेदारी से समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ावा मिला है और हिन्द-प्रशांत के माध्यम से भारत ने एक स्वतंत्र और मुक्त क्षेत्र स्थापित करने में मदद की है। सुश्री हैरिस ने आर्टिमिस संधि से जुड़ने के भारत के फैसले के लिए भी श्री मोदी को धन्यवाद दिया। अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में भारत-अमरीका संबंधों में व्यापक बदलाव आया है और अब दोनों देश भरोसेमंद साझेदार बन चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बातचीत दोनों देशों के बीच मैत्री और सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित रही।

यूएसआईएसपीएफ कार्यक्रम में पीएम मोदी का संबोधन

यूएसआईएसपीएफ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेरिका यात्रा के दौरान उन्हें इस कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार था। आप सभी अमेरिका की विकास यात्रा के मजबूत स्तंभ हैं। चाहे सांसद हों, बिजनेस लीडर हों, डॉक्टर हों, इंजीनियर हों या वैज्ञानिक हों - आप सभी ने कड़ी मेहनत से अमेरिका को इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। आप अमेरिका के सपनों का हिस्सा हैं। आपने अमेरिकी सपने को जीया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका की साझेदारी सुविधा के लिए नहीं है, बल्कि एक बेहतर दुनिया के लिए है।

कैनेडी सेंटर पहुंचे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) को संबोधित करेंगे। इसके लिए पीएम मोदी कैनेडी सेंटर पहुंच चुके हैं। यूएसआईएसपीएफ कार्यक्रम में पीएम मोदी की उपस्थिति में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वास्तव में प्रधानमंत्री की वॉशिंगटन की एक ऐतिहासिक यात्रा रही है। भारत-अमेरिका दो महान राष्ट्र, दो महान मित्र, दो महान शक्तियां हैं, जो 21वीं सदी की दिशा तय कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस राजकीय यात्रा के दौरान कई अहम करार हुए हैं, जो दर्शाते हैं कि हमारी साझेदारी कितनी व्यापक हो गई है। दोनों देशों के बीच समुद्र, अंतरिक्ष, विज्ञान-तकनीक के क्षेत्र में अहम करार हुए हैं। इस साझेदारी से दोनों देशों को लाभ होगा।

राष्ट्रपति बाइडन ने पीएम मोदी को गिफ्ट की खास टी-शर्ट

भारतीय-अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक में राष्ट्रपति जो बाइडन ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक विशेष टी-शर्ट गिफ्ट की, जिस पर लिखा है- The Future is AI यानी 'एआई भविष्य है'। साथ ही इसके नीचे इंग्लिश में अमेरिका और इंडिया लिखा है। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए अमेरिका और इंडिया को एआई के रूप में संदर्भित किया था और कहा था कि एक एआई, अमेरिका-इंडिया भी है।

मानसून के बूते भारत सदियों तक नंबर वन इकोनॉमी रहा:इसी वजह से हम गुलाम बने, आखिर इतना ताकतवर मानसून बना कैसे
19 Jun 2023
Delhi:मानसून ने भारत को अंग्रेजों का गुलाम बनाया। अमेरिका और चीन छोड़िए, मानसून के बूते भारत सदियों तक दुनिया की नंबर वन इकोनॉमी रहा। मानसून ही सरकार का बहीखाता चलाता है। चौंकिए मत, ये सच है। मानसून ताकतवर है ही, पर कैसे…?



सीबीआई के हीरक जयंती समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
3 April 2023
Delhi:केंद्रीय मंत्रिमंल के मेरे सहयोगी डॉक्टर जितेंद्र सिंह जी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल जी, कैबिनेट सेक्रेटरी, डायरेक्टर सीबीआई, अन्य अधिकारीगण, देवियों और सजन्नों! आप सभी को CBI के 60 वर्ष पूरे होने, हीरक जयंती के इस अवसर पर बहुत-बहुत बधाई।
देश की प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में 60 वर्ष का सफर आपने पूरा किया है। ये 6 दशक, निश्चित रूप से अनेक उपलब्धियों के रहे हैं। आज यहां सीबीआई के मामलों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का संग्रह भी जारी किया गया है। ये सीबीआई के बीते वर्षों के सफर को दिखाता है।
कुछ शहरों में सीबीआई का नया दफ्तर हो, ट्विटर हैंडल हो, अन्य व्यवस्थाएं, जिनका आज शुभारंभ हुआ है, वो निश्चित रूप से सीबीआई को और सशक्त करने में अहम भूमिका निभाएंगी। सीबीआई ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्य जन को एक विश्वास दिया है। आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है, तो आवाज़ उठती है कि मामला सीबीआई को दे देना चाहिए। लोग आंदोलन करते हैं कि केस उनसे ले करके सीबीआई को दे दो। यहां तक कि पंचायत स्तर पर भी कोई मामला आता है, तो लोग कहते हैं- अरे भई, इसको तो सीबीआई के हवाले करना चाहिए। न्याय के, इंसाफ के एक ब्रांड के रूप में सीबीआई हर ज़ुबान पर है।
सामान्य जन का ऐसा भरोसा जीतना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। और इसके लिए पिछले 60 वर्षों में जिन-जिन ने योगदान दिया है इस संगठन में रहे सभी अधिकारी, सभी कर्मचारी बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। अभी यहां कई साथियों को उत्कृष्ठ सेवा के लिए पुलिस मेडल से भी सम्मानित किया गया है। जिनका सम्‍मान करने का मुझे अवसर मिला है, जिनको सम्‍मान प्राप्‍त हुआ है, उनको, उनके परिवारजनों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।
साथियों,
इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर अतीत की उपलब्धियों के साथ ही, आने वाले समय की, भविष्य की चुनौतियों पर मंथन भी उतना ही आवश्यक है। आपने ये जो चिंतन शिविर किया है, इसका उद्देश्य भी अपने-आपको अपग्रेट रखना, अपने-आपको अपडेट करना और इसमें पुराने अनुभवों से सीख लेते हुए, भविष्य के रास्ते निकालने हैं, निर्धारित करने हैं। ये भी ऐसे समय में हो रहा है जब देश ने अमृतकाल की यात्रा का आरंभ किया है। कोटि-कोटि भारतीयों ने आने वाले 25 सालों में भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है। और विकसित भारत का निर्माण, professional और efficient institutions के बिना संभव नहीं है। और इसलिए सीबीआई पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
साथियों,
पिछले 6 दशकों में सीबीआई ने multi-dimensional और मल्टी-डिसिप्लिनरी जांच एजेंसी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। आज सीबीआई का दायरा काफी बड़ा हो चुका है। बैंक फ्रॉड से लेकर, वाइल्ड लाइफ से जुड़े हुए अपराधों, यानी यहां से यहां तक, महानगर से ले करके जंगल तक अब सीबीआई को दौड़ना पड़ रहा है। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम से लेकर, साइबर क्राइम तक के मामले, सीबीआई देख रही है।
लेकिन मुख्य रूप से सीबीआई की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार से देश को मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार, कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, भ्रष्‍टाचार अनेक अपराधों का सिलसिला शुरू करता है, अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है। विशेष रूप से जब सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार हावी रहता है, तो वो लोकतंत्र को फलने-फूलने नहीं देता। जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां सबसे पहले युवाओं के सपने बलि चढ़ जाते हैं, युवाओं को उचित अवसर नहीं मिलते हैं। वहां सिर्फ एक विशेष इकोसिस्टम ही फलता-फूलता है। भ्रष्टाचार, प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, और यहीं से भाई-भतीजावाद, परिवारवाद पनपता रहता है और अपना शिकंजा मजबूत करता रहता है। जब भाई-भतीजवाद और परिवारवाद बढ़ता है, तो समाज का, राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता जाता है। और जब राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है, तो विकास अवश्‍य प्रभावित हो जाता है। दुर्भाग्य से, गुलामी के कालखंड से, करप्शन की एक legacy हमें मिली है। लेकिन दुख इस बात का है कि आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक इस legacy को हटाने के बजाय किसी न किसी रूप में कुछ लोग उसको सशक्त करते रहे।
साथियों,
आप याद कीजिए, 10 वर्ष पहले, जब आप गोल्डन जुबली मना रहे थे, तब देश क्या स्थिति थी? तब की सरकार के हर फैसले, हर प्रोजेक्ट, सवालों के घेरे में थे। करप्शन के हर केस में, पहले के केस से, बड़ा होने की होड़ लगी हुई थी, तूने इतना किया तो मैं इतना करके दिखाऊंगा। आज देश में इकॉनॉमी के साइज़ के लिए लाख करोड़ यानि ट्रिलियन डॉलर की चर्चा होती है। लेकिन तब, घोटालों की साइज़ के लिए लाख करोड़ की टर्म मशहूर हुई थी। इतने बड़े-बड़े घोटाले हुए, लेकिन आरोपी निश्चिंत थे। उन्हें पता था कि तब का सिस्टम उनके साथ खड़ा है। और इसका असर क्या हुआ? देश का व्यवस्था पर भरोसा टूट रहा था। पूरे देश में करप्शन के खिलाफ आक्रोश लगातार बढ़ रहा था। इससे पूरा तंत्र छिन्न-भिन्न होने लगा, लोग फैसला लेने से बचने लगे, पॉलिसी पैरालिसिस का माहौल बन गया। इसने देश का विकास ठप कर दिया। देश में आने से निवेशक डरने लगे। करप्शन के उस कालखंड ने भारत का बहुत ज्यादा नुकसान किया।
साथियों,
साल 2014 के बाद हमारा पहला दायित्व, व्यवस्था में भरोसे को फिर कायम करने का रहा और इसलिए हमने काले धन को लेकर, बेनामी संपत्ति को लेकर, मिशन मोड पर एक्शन शुरु किया। हमने भ्रष्टाचारियों के साथ-साथ, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले कारणों पर, प्रहार करना शुरु किया। आप याद कीजिए, सरकारी टेंडर प्रक्रियाएं, सरकारी ठेके, ये सवालों के सबसे बड़े घेरे में थीं। हमने इनमें पारदर्शिता को प्रोत्साहन दिया। आज जब हम 2G और 5G स्पेक्ट्रम के आवंटन की तुलना करते हैं, तो अंतर साफ-साफ नज़र आता है। आप भी जानते हैं अब केंद्र सरकार के हर विभाग में खरीदारी के लिए GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस की स्थापना की गई है। आज हर विभाग ट्रांसपेरेंसी के साथ इसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक से अधिक खरीदारी कर रहा है।
साथियों,
आज हम इंटरनेट बैंकिंग की बात करते हैं, UPI से रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन की बात करते हैं। लेकिन हमने 2014 से पहले का फोन बैंकिंग वाला दौर भी देखा है। ये वो दौर था, जब दिल्ली में प्रभावशाली राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के फोन पर हज़ारों करोड़ रुपए के बैंक लोन मिला करते थे। इसने हमारी अर्थव्यवस्था के आधार, हमारे बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर दिया था। बीते वर्षों में हम बहुत मेहनत करके अपने बैंकिंग सेक्टर को मुश्किलों से बाहर निकाल करके लाए हैं। फोन बैंकिंग के उस दौर में कुछ लोगों ने 22 हज़ार करोड़ रुपए देश के बैंकों के लूट लिए और विदेश भाग गए। हमने Fugitive Economic Offenders कानून बनाया। अभी तक विदेश भागे इन आर्थिक अपराधियों की, 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
साथियों,
भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था, जो दशकों से चला आ रहा था। ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट। पहले की सरकारों में जो मदद गरीब लाभार्थियों के लिए भेजी जाती थी, वो बीच में ही लूट ली जाती थी। राशन हो, घर हो, स्कॉलरशिप हो, पेंशन हो, ऐसी अनेक सरकारी स्कीम्स में असली लाभार्थी खुद को ठगा हुए महसूस करते थे। और एक प्रधानमंत्री ने तो कहा था, एक रुपया जाता है 15 पैसा पहुंचता है, 85 पैसों की चोरी होती थी। पिछले दिनों मैं सोच रहा था हमने DBT के द्वारा करीब 27 लाख करोड़ रुपये नीचे लोगों ने पहुंचाया है। अगर उस हिसाब से देखता तो 27 लाख करोड़ में से करीब-करीब 16 लाख करोड़ कहीं चले गए होते। आज जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिनिटी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है। इस व्यवस्था से 8 करोड़ से अधिक फर्जी लाभार्थी सिस्टम से बाहर हुए हैं। जो बेटी पैदा नहीं हुई वो विधवा हो जाती थी और विधवा पेंशन चलता था। DBT से देश के करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।
साथियों,
एक समय था जब सरकारी नौकरियों में इंटरव्यू पास कराने के लिए भी जम करके भ्रष्टाचार होता था। हमने केंद्रीय भर्तियों की ग्रुप-सी, ग्रुप-डी भर्तियों से इंटरव्यू खत्म कर दिए। एक समय में यूरिया के भी घोटाले होते थे। हमने यूरिया में नीम कोटिंग कर इस पर भी लगाम लगा दी। डिफेंस डील्स में भी घोटाले आम थे। बीते 9 वर्षों में डिफेंस डील्स पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। अब तो हम भारत में ही अपनी ज़रूरत का रक्षा सामान बनाने पर बल दे रहे हैं।
साथियों,
भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को लेकर ऐसे अनेक कदम आप भी बता सकते हैं, मैं भी गिना सकता हूं। लेकिन अतीत के हर अध्याय से हमें कुछ न कुछ सीखने की ज़रूरत है। दुर्भाग्य से, भ्रष्टाचार से जुड़े मामले वर्षों तक खींचते चले जाते हैं। ऐसे मामले भी आए हैं, जिसमें FIR होने के 10 साल बाद भी, सजा की धाराओं पर चर्चा चलती रहती है। आज भी जिन मामलों पर एक्शन हो रहे हैं, वो कई-कई साल पुराने हैं।
जांच में देरी दो तरीके से समस्या को जन्म देती है। एक तरफ, भ्रष्टाचारी को सजा देर से मिलती है, तो दूसरी तरफ निर्दोष परेशान होता रहता है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि कैसे हम इस प्रोसेस को तेज बनाएं और भ्रष्टाचार में दोषी को सजा मिलने का रास्ता साफ हो पाए। हमें Best international practices को स्टडी करना होगा। जांच अधिकारियों की Capacity building पर फोकस करना होगा।
और साथियों, आपके बीच, मैं एक बात फिर स्पष्ट करना चाहता हूं। आज देश में करप्शन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजनीति की इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है। आपको कहीं पर भी हिचकने, कहीं रुकने की ज़रूरत नहीं है।
मैं जानता हूं कि जिनके खिलाफ आप एक्शन ले रहे हैं, वो बहुत ताकतवर लोग हैं। बरसों-बरस तक वो सरकर का, सिस्टम का हिस्सा रहे हैं। संभव है कई जगह, किसी राज्य में आज भी वे सत्ता का हिस्सा हों। बरसों-बरस तक उन्होंने भी एक इकोसिस्टम बनाया है। ये इकोसिस्टम अक्सर उनके काले कारनामों को कवर देने के लिए, आप जैसी संस्थाओं की छवि बिगाड़ने के लिए, एक्टिव हो जाता है। एजेंसी पर ही हमला बोलता है।
ये लोग आपका ध्यान भटकाते रहेंगे, लेकिन आपको अपने काम पर फोकस रखना है। कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए। हमारी कोशिशों में कोई भी ढील नहीं आनी चाहिए। ये देश की इच्छा है, ये देशवासियों की इच्छा है। और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं देश आपके साथ देश है, कानून आपके साथ है, देश का संविधान आपके साथ है।
साथियों,
बेहतर परिणामों के लिए अलग-अलग एजेंसियों के बीच के silos को भी खत्म करना बहुत आवश्यक है। Joint और multidisciplinary investigation आपसी विश्वास के माहौल में ही संभव होगा। अब देश की geographical boundaries उससे बाहर भी पैसों का, लोगों का, goods & services का बड़े पैमाने पर मूवमेंट हो रहा है। जैसे-जैसे भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ रही है तो अड़चनें पैदा करने वाले भी बढ़ रहे हैं।
भारत के सामाजिक तानेबाने पर, हमारी एकता और भाईचारे पर, हमारे आर्थिक हितों पर, हमारे संस्थानों भी नित्‍य-प्रतिदिन प्रहार बढ़ते चले जा रहे हैं। और इसमें ज़ाहिर तौर पर करप्शन का पैसा लगता है। इसलिए, हमें क्राइम और करप्शन के मल्टीनेशनल नेचर को भी समझना होगा, स्टडी करना होगा। उसके root cause तक पहुंचना होगा। आज हम अक्सर देखते हैं कि आधुनिक टेक्नॉलॉजी के कारण क्राइम ग्लोबल हो रहे हैं। लेकिन यही टेक्नॉलॉजी, यही इनोवेशन समाधान भी दे सकते हैं। हमें इन्वेस्टिगेशन में फॉरेंसिंक साइंस के उपयोग का और ज्यादा विस्तार करना होगा।
साथियों
साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए हमें इनोवेटिव तरीके खोजने चाहिए। हम tech enabled entrepreneurs और youngsters को अपने साथ जोड़ सकते हैं। आपके संगठन में ही कई techno- savvy युवा होंगे, जिनका बेहतर उपयोग किया जा सकता है।
साथियों,
मुझे बताया गया है कि सीबीआई ने 75 ऐसी प्रथाओं को compile किया है, जिन्हें समाप्त किया जा सकता है। हमें एक समयबद्ध तरीके से इस पर काम करना चाहिए। बीते वर्षों में सीबीआई ने खुद को evolve किया है। ये प्रक्रिया, बिना रुके, बिना थके, ऐसे ही चलती रहनी चाहिए।
मुझे पूरा विश्‍वास है ये चिंतन शिविर एक नए आत्‍मविश्‍वास को जन्‍म देगा, ये चिंतन शिविर नए आयामों तक पहुंचने के रास्‍तें बनाएगा, ये चिंतन शिविर गंभीर से गंभीर, कठिन से कठिन समस्‍याओं को सुलझाने के तौर-तरीके मे आधुनिकता ले आएगा। और हम ज्‍यादा प्रभावी होंगे, ज्‍यादा परिणामकारी होंगे और सामान्‍य नागरिक न बुरा करना चाहता है न बुरा उसको पसंद है। हम उसके भरोसे आगे बढ़ना चाहते हैं जिसके दिल में सच्‍चाई जिंदा है। और वो संख्‍या कोटि-कोटि जनों की है, कोटि-कोटि जनों की है। इतना बड़ा सामर्थ्‍य हमारे साथ खड़ा है। हमारे विश्‍वास में कहीं कमी की गुंजाइश नहीं है सा‍थियो।
इस हीरक महोत्‍सव के महत्‍वपूर्ण अवसर पर मैं आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आप अपने लिए 15 साल में क्‍या करेंगे, और अपने माध्‍यम से 2047 तक क्‍या अचीव करेंगे, ये दो लक्ष्‍य तय करके आगे बढ़ना चाहिए। 15 साल इसलिए कि जब आप 75 के होंगे तब आप कितने सामर्थ्‍यवान, समर्पित, संकल्‍पवान होंगे, और जब देश 2047 में शताब्‍दी मनाता होगा, तब इस देश की आशा-अपेक्षाओं के अनुरूप आप किस ऊंचाई पर पहुंचे होंगे, वो दिन देश देखना चाहता है।
मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
धन्यवाद !

यूनानी चिकित्सा पद्धति में नवीन शोध निरंतर हो
आयुष राज्य मंत्री श्री कावरे की अध्यक्षता में हुई साधारण सभा की बैठक

15 March 2023
भोपाल:युष राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कावरे ने कहा है कि प्राचीन यूनानी चिकित्सा पद्धति में निरंतर शोध किये जाने की आवश्यकता है। नवीन शोध से ही रोगियों का बेहतर इलाज किया जा सकता है। राज्य मंत्री श्री कावरे मंगलवार को भोपाल के हकीम सैयद जियाउल हसन शासकीय (स्वशासी) यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय की साधारण सभा को संबोधित कर रहे थे। बैठक में आयुक्त आयुष श्रीमती सोनाली पोंक्षे वायंगणकर भी मौजूद थीं।
प्राचार्य डॉ. मेहमूदा बेगम ने बताया कि पंडित खुशीलाल आयुर्वेद संस्थान परिसर में शासकीय यूनानी चिकित्सालय महाविद्यालय के पास लगभग 5.25 करोड़ रूपये की लागत से कन्या छात्रावास का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, प्रयास किया जा रहा है कि छात्रावास 1 जुलाई 23 से प्रारंभ हो जाय। बताया गया कि यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय में इस वर्ष से पीजी कोर्स प्रारंभ हो गये हैं। अब महाविद्यालय में नवीन शोध कार्य में तेजी आयेगी। प्रदेश में यूनानी पद्धति का एक सरकारी कॉलेज और तीन महाविद्यालय प्राइवेट सेक्टर में संचालित हो रहे हैं। बैठक में राज्य मंत्री श्री कावरे ने महाविद्यालय में विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिये। उन्होंने बजट की समीक्षा की और प्राप्त राशि का शत-प्रतिशत उपयोग करने के लिए कहा। आयुष आयुक्त श्रीमती वायंगणकर ने कॉलेज और निर्माणाधीन हॉस्टल में अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था रखे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को स्व-रोजगार के अवसर जुटाने के लिए ठोस प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। बैठक में महाविद्यालय की वार्षिक गतिविधियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया।

G-20 मीटिंग- विदेशी मेहमानों ने किया हेरिटेज वॉक
17 February 2023
इंदौर: भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप (AWG) की पहली मीटिंग की मेजबानी इंदौर कर रहा है। मीटिंग में जी-20 सदस्य देशों, अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लगभग सौ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। 3 दिन तक चलने वाली इस मीटिंग की सोमवार से शुरुआत हुई। पहले दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एग्रीकल्चर एक्जीबिशन का उद्घाटन किया। इसमें बाजरा और इसके मूल्य वर्धित खाद्य उत्पादों के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन के स्टॉल इस प्रदर्शनी का प्रमुख आकर्षण हैं।.
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि श्रीअन्न को धरती से समाप्त नहीं होने दिया जाएगा। इसे लोगों को उपहार में देने की परंपरा शुरू करना है। हमें देश-दुनिया के लिए अन्न की व्यवस्था करना है। लेकिन हमें धरती के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना है। केमिकल फर्टिलाइजर के कारण कई तरह की बीमारियों ने जन्म लिया है। हमें प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना चाहिए, लेकिन शोषण से बचना चाहिए।.
सीएम ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि ये धरती केवल इंसानों के लिए नहीं, कीट-पतंगों, जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों की भी धरती है। लेकिन केमिकल फर्टिलाइजर के कारण इनका धरती पर रहना मुश्किल हो गया है। हमें इनका भी ध्यान रखना है। हम मध्यप्रदेश में 15.5 लाख हैक्टेयर में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इसे हम लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश किसानों की आय बढ़ाने के साथ लोगों और धरती के स्वास्थ्य की भी रक्षा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम किसाानों की आय बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का भी उपयोग कर रहे हैं। जी-20 का ये सम्मेलन नई तकनीकों के साथ हमारे किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा।.
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश वो स्टेट है, जहां टाइगर हैंड शेक करने आता है।
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हमारे जैविक खाद्यान्नों में मिलेट्स की मांग सबसे ज्यादा
जी-20 समूह के देशों से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करने के बाद सीएम ने मीडिया से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारे जैविक खाद्यान्नों में मिलेट्स की मांग सबसे ज्यादा है। इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने लहरी बाई के बीज बैंक की तारीफ की। सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश मिलेट्स की राजधानी है। मार्केटिंग, खरीदने और सप्लाय की पूरी व्यवस्थाएं की हैं।'
सीएम ने कहा दुनिया की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने का काम हम करेंगे। खाद्य सुरक्षा में मध्यप्रदेश का अहम रोल रहेगा। अब तक मध्यप्रदेश में 60 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसे हम और बढ़ा रहे हैं। एक से दूसरा किसान सीखे, उन्हें पता चले कि इससे क्या फायदे हैं। इससे आय भी बढ़ती है। हम किसी भी किसान पर इसे थोंप नहीं सकते। किसान खुद ही तैयार हो रहे हैं।
मेहमानों ने की हेरिटेज वॉक
पहले दिन सोमवार को विदेशी मेहमानों ने बोलिया छतरी राजबाड़ा से गोपाल मंदिर तक हेरिटेज वॉक कर इन्हें निहारा। मेहमानों को मध्यप्रदेश की संस्कृति संबंधी गिफ्ट भी दिए जाएंगे। गिफ्ट में पर्यटन, एग्रीकल्चर आदि विभाग की भूमिका रहेगी।

#ArmyDay पहली बार महिला ऑफिसर ने किया परेड को लीड, जानिए इनके बारे में
16 January 2020
नई दिल्ली: सेना दिवस 2020 (Army Day 2020) के मौके पर आज दिल्ली छावनी स्थित परेड ग्राउंड में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड की सलामी ली. सेना प्रमुख ने इस मौके पर जवानों को सम्मानित भी किया. आज का सेना दिवस समारोह इसलिए भी खास रहा क्योंकि पहली बार कोई महिला ऑफिसर परेड एडजुटेंट (Adjudent) के रूप में शामिल हुईं. जिन्होंने सेना दिवस की परेड में सभी पुरुष कॉन्टिजेंट्स को लीड किया. यह सम्मान पाने वाली पहली महिला ऑफिसर बनीं कैप्टन तान्या शेरगिल (Tanya Shegill).
तान्या शेरगिल सेना सिग्नल्स कोर्प में तैनात हैं. मार्च 2017 में उन्हें ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई से कमीशन मिला. तान्या ने इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशंस में बीटेक किया है. इनके पिताजी सेना की 101 मीडियम रेजिमेंट में रहे, वहीं तान्या के दादाजी आर्म्ड रेजिमेंट और परदादा सिख रेजिमेंट में रहे हैं.
बता दें कि पिछले साल गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार एक महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने सेना सेवा कोर के दस्ते की अगुवाई की थी.
आर्मी डे के मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी. सेना प्रमुख ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, 'आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हमारे पास बहुत विकल्प हैं. हमारी नजर दुनिया में होने वाली हर गतिविधि पर है. आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकिचाएंगे नहीं. सैनिक ही भारतीय सेना की सबसे बड़ी ताकत है'
यह भी पढ़ें- #ArmyDay पर सेना प्रमुख की पाकिस्तान को चेतावनी, 'आतंकवाद का जोरदार जवाब देगी सेना'
जनरल नरवणे ने सैनिको को आश्वस्त करते हुए कहा, 'आप निश्चिंत रहें कि सरकार आपकी जंगी जरूरतों को हर हाल में पूरा करेगी. भारतीय सेना और असम राइफल की मुस्तैदी की वजह से पूर्वोत्तर में सुरक्षा हालात में सुधार आया है. वहां अलगाववादी पर कड़ी नजर रखी जा रही है. सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना ऐतिहासिक कदम था.'

प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन

9 November 2019
मेरे प्यारे देशवासियों,
मैं दिन भर पंजाब में था और दिल्ली पहुंचने के बाद मेरा मन कर रहा था कि आपसे भी कुछ संवाद करूं। आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक दीर्घकालीन इतिहास है। पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज़ सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है। दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया और उस पूरी प्रक्रिया का अब समापन हुआ है।
साथियों, पूरी दुनिया ये तो मानती ही है की भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है आज दुनिया ने ये भी जान लिया है की भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत है और कितना मज़बूत है। फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है।
भाइयों और बहनों, भारत जिसके लिये जाना जाता है और हम इस बात का गर्व से उल्लेख भी करते हैं - विविधता में एकता, आज यह मंत्र अपनी पूर्णता के साथ खिला हुआ नज़र आता है, गर्व होता है। हज़ारों साल बाद भी किसी को विविधता में एकता, भारत के इस प्राणतत्व को समझना होगा तो वो आज के ऐतिहासिक दिन का, आज की घटना का ज़रूर उल्लेख करेगा। और यह घटना इतिहास के पन्नो से उठाई हुई नहीं है, सवा सौ करोड़ देशवासी खुद आज एकनया इतिहास रच रहे हैं, इतिहास के अंदर एक नया स्वर्णिम पृष्ठ जोड़ रहे हैं।
साथियों, भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और पूरे देश के लिए खुशी की बात है कि फैसला सर्वसम्मति से आया । एक नागरिक के नाते हम सब जानते है परिवार में भी छोटा मसला सुलझाना हो तो कितनी दिक्कत होती है। ये कार्य सरल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति के दर्शन कराएं हैं । और इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली आज विशेष रूप से अभिनन्दन के अधिकारी हैं।
साथियों, आज 9 नवंबर है , 9 नवंबर ही वो तारीख थी, जब बर्लिन की दीवार गिरी थी। दो विपरीत धाराओं ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था। आज 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की शुरुआत हुई है। इसमें भारत का भी सहयोग रहा है, पाकिस्तान का भी। आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही, 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे रही है। आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है। इस विषय को, इन सारी बातों को लेकर कहीं भी, कभी भी, किसी के मन में कोई कटुता रही हो,
तो आज उसे तिलांजलि देने का भी दिन है। नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है।
साथियों, सर्वोच्च न्यायालय के आज के फैसले ने देश को ये संदेश भी दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल संविधान के दायरे में ही आता है, कानून के दायरे में ही आता है। हमें, इस फैसले से सीख लेनी चाहिए कि भले ही कुछ समय लगे, लेकिन फिर भी धैर्य बनाकर रखना ही सर्वोचित है। हर परिस्थिति में भारत के संविधान, भारत की न्यायिक प्रणाली, यह हमारी महान परंपरा उसपर हमारा विश्वास अडिग रहे, ये बहुत महत्वपूर्ण है।
साथियों, सर्वोच्च अदालत का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी। आइए एक नई शुरुआत करते हैं। अब नए भारत का निर्माण करते हैं। हमें अपना विश्वास और विकास इस बात से तय करना है कि मेरे साथ चलने वाला कहीं पीछे तो नहीं छूट रहा। हमें सबको साथ लेकर, सबका विकास करते हुए और सबका विश्वास हासिल करते हुए आगे ही आगे बढ़ते ही जाना बढ़ना है।
साथियों, राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है। अब देश के हर नागरिक पर राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इसके साथ ही, एक नागरिक के तौर पर हम सभी के लिए देश की न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना, नियम-कायदों का सम्मान करना,
ये दायित्व भी पहले से अधिक बढ़ गया है। अब समाज के नाते, हर भारतीय को अपने कर्तव्य, अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना हमारे लिए, उज्जवल भविष्य के लिए बहुत अनिवार्य है। हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, हमारा सद्भाव, हमारा स्नेह, देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें भविष्य की ओर देखना है, भविष्य के भारत के लिए काम करते रहना है। भारत के सामने, चुनौतियां और भी हैं, लक्ष्य और भी हैं, मंजिलें और भी हैं। हर भारतीय, साथ मिलकर, साथ चलकर ही इन लक्ष्यों को प्राप्त करेगा, मंजिलों तक पहुंचेगा। मैं फिर एक बार आज 9 नवंबर के इस महत्वपूर्ण दिन को याद करते हुए, आगे बढ़ने का संकल्प लेते हुए, आप सबको आने वाले त्योहारों की, कल ईद का एक पवित्र त्यौहार है, उसके लिए भी बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ । धन्यवाद !