लाइफस्टाइल | बिजनेस | राजनीति | कैरियर व सफलता | राजस्थान पर्यटन | स्पोर्ट्स मिरर | नियुक्तियां | वर्गीकृत | येलो पेजेस | परिणय | शापिंगप्लस | टेंडर्स निविदा | Plan Your Day Calendar



:: जिलो से ::

 


रेप के आरोपी मंत्री ने दिया इस्तीफा, गिरफ्तारी संभव

20 September 2013
जयपुर। अपने सरकारी आवास पर नौकरी का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म मामले में फंसे राजस्थान के डेयरी और खादी मंत्री बाबूलाल नागर ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंपा, संभवतया उन्हें शुक्रवार तक गिरफ्तार किया जा सकता है।
चरित्रहीनता और भ्रष्टाचार मामले में मंत्रिपद गंवाने वाले नागर पांचवें मंत्री है। इससे पहले दो मंत्री महिलाओं से दुष्कर्म और हत्या एवं दो मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में फंसने के बाद इस्तीफा दे चुके है। इस्तीफे के बाद नागर ने धमकी भरे लहजे में यह भी कहा कि मेरे क्षेत्र में मेरे सिवाय कोई चुनाव नहीं जीत सकता है।
उन्होंने कहा यह मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र है। नागर के मामले ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया है। दूसरी ओर बाबूलाल के इस्तीफे से भाजपा और आक्रामक हो गई है। भाजपा सवाल उठा रही है कि इतने गंभीर आरोप होने के बाद भी बाबूलाल की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई है।
कांग्रेस विधायक और प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य कर्नल सोना राम, सहित कई नेताओं ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा है कि नागर पार्टी के बड़े नेताओं के चहेते हैं, इसलिए यहां निष्पक्ष जांच नहीं होगी। नागर का इस्तीफा मंजूर कर जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए। इससे पहले सीआईडी की टीम ने नागर से सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर करीब आधे घंटे तक पूछताछ की थी।
पुलिस ने गुरुवार को पीडि़ता का मेडिकल भी कराया, उसके वे कपड़े सील कर दिए गए जो उसने घटना के समय पहने हुए थे। कपड़ों की एफएसएल से जांच होगी। मंत्री के जिस सरकारी आवास के कमरे में घटना हुई उसे भी सील कर दिया गया। नागर प्रकरण को लेकर पिछले दो दिन से कांग्रेस में जयपुर से लेकर दिल्ली तक हंगामा मचा हुआ है।
बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुरदास कामत ने मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी और फिर पार्टी नेतृत्व से चर्चा करने के बाद मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से नागर का इस्तीफा लेने की बात कही। आलाकमान से मिले निर्देश के बाद मुख्यमंत्री ने नागर से इस्तीफा मांग लिया। चुनाव से ठीक पहले हुए इस घटनाक्रम के कारण जहां कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को आघात लगा, वहीं भाजपा अब इसे प्रकरण को भी राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुट गई।
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य के तत्कालीन जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा को भंवरी देवी दुष्कर्म, अश्लील सीडी एव हत्या मामले में इस्तीफा देना पड़ा। उनके साथ ही इस मामले में आरोपी कांग्रेस विधायक मलखान सिंह भी अभी जोधपुर जेल में बंद है। इसके बाद तत्कालीन खान मंत्री रामलाल जाट को एक महिला के यौन उत्पीड़न और फिर उसका शव रात भर लेकर घूमने के मामले में इस्तीफा देना पड़ा।
भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते तत्कालीन शिक्षामंत्री भंवर लाल मेघवाल एवं खान राज्यमंत्री भरौसी लाल को इस्तीफा देना पड़ा था।


आसाराम के दर्शन के लिए समर्थकों ने डाला डेरा

20 September 2013
जयपुर। नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम की मुश्किलें भले ही बढ़ती जा रही है लेकिन उनके समर्थकों की आस्था कम नहीं हो रही है।
पूर्णिमा के मौके पर अपने 'गुरू' आसाराम का दर्शन करने के लिए जेल के बाहर हजारों समर्थक जमा हुए हैं। समर्थक सिर्फ एक बार आसाराम का दर्शन करना चाह रहे हैं।
जेल प्रशासन ने जब इसकी इजाजत नहीं दी तो समर्थक जेल के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं और जाप कर रहे हैं। समर्थकों की भीड़ के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर आसाराम के बेटे नारायण सांई पूर्व पीआरओ महेन्द्र चावला ने आरोप लगाया है कि आश्रम में लंबे समय से गलत काम हो रहा है। इस सवाल पर कि उन्होंने इसका खुलासा पहले क्यों नहीं किया, चावला ने कहा कि उनकी जान को खतरा था।
उन्होंने आसाराम और नारायण सांई का नारको टेस्ट कराए जाने की मांग की है। इधर आसाराम अथवा उनके निकटस्थों द्वारा 'किसी को प्रभावित करने के लिए डील किए जाने' और इसके लिए समर्थकों द्वारा करोड़ों रुपए जोधपुर पहुंचने की सूचना के बाद आयकर विभाग के अधिकारी चौकन्ना हो गए। एक टीम तलाशी के लिए पांच सितारा होटल विवांता पहुंची। टीम ने दो कमरों को खंगाला, लेकिन वहां कुछ भी हाथ नहीं लगा।।


आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुरू किया फेसबुक वार

20 September 2013
कोटा। आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को पटकनी देने के लिए कांग्रेस की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। अब कांग्रेस ने फेसबुक वार शुरू कर दी है। इसके लिए राजस्थान के 33 जिलों में 10-10 ऑनलाइन कार्यकर्ता बनाए जा रहे हैं। जो फेसबुक पर मुख्यमंत्री की योजनाओं और कार्यक्रमों को लाइक और शेयर करने के साथ योजनाओं को लेकर किए गए गलत कमेंट का तथ्यात्मक जबाव देंगे। ऑनलाइन कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने के लिए मुख्यमंत्री के आईटी डिपार्टमेंट द्वारा एक विशेष टीम का गठन किया गया है। पहले चरण में पाली और अजमेर में टीम द्वारा 20 कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया जा चुका है।
जयपुर में बनेगी कम्यूनिकेशन सेल
मुख्यमंत्री आईटी डिपार्टमेंट हेड विकास शर्मा के अनुसार फेसबुक पर पहले से 'आपका मुख्यमंत्री अशोक गहलोतÓ नामक एक पेज डेवलप किया हुआ था। जिस पर सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार होता था। लेकिन, भाजपा कार्यकर्ता लगातार उन योजनाओं पर गलत कमेंट जारी कर रहे थे। इससे गलत फीडबैक जा रहा था। इसलिए अब भाजपा को ऑनलाइन पटकनी दी जाएगी। जल्द ही पीसीसी द्वारा कम्यूनिकेशन सेल बनाई जाएगी।
ऐसे दे रहे हैं ट्रेनिंग
-पहले चरण में योजनाओं की जानकारी देना।
-फेसबुक पर हर योजना, कार्यक्रम को लाइक, शेयर करके कमेंट करना।
-कोई गलत फीड बैक दे तो उसका तथ्यात्मक जवाब पॉजिटिव रूप से देना।
फेसबुक विवाद से नाता
पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर फेसबुक पर लाइक्स खरीदने का आरोप था। विवाद की वजह अशोक गहलोत के फेसबुक पेज को सबसे ज्यादा लाइक तुर्की के शहर इस्तांबुल से मिलने से रही।


हाई कोर्ट में आसाराम की जमानत पर सुनवाई टली

19 September 2013
जयपुर। नाबालिग छात्रा से यौन उत्पीड़न के आरोपी कथावाचक आसाराम बापू को फिलहाल 30 सितंबर तक जेल में ही रहना होगा। राजस्थान हाई कोर्ट में बुधवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई।
आसाराम के जेल से बाहर आने पर फैसला अब 1 अक्टूबर को होगा। हाई कोर्ट ने जोधपुर सत्र अदालत के फैसले को देखकर उसी दिन की तारीख तय की है। अदालत ने आसाराम और उनके सेवादार शिवा को 30 सितंबर तक जेल में रहने का फैसला सुनाया था।
हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकील राम जेठमलानी से पीडि़ता के मानसिक रूप से बीमार होने के संबंध में रिपोर्ट मांगी। इस पर जेठमलानी ने और समय की मांग की।
मालूम हो कि पिछली सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने कहा था कि नाबालिग छात्रा मानसिक रूप से बीमार है। वहीं अभियोजन पक्ष ने आसाराम मामले से जुड़ी केस डायरी कोर्ट में पेश कर दी। आसाराम गत एक सितंबर से जोधपुर के केंद्रीय जेल में बंद हैं। खुद को जमानत दिलाने की जिम्मेदारी उन्होंने देश के मशहूर वकील राम जेठमलानी को सौंपी है। जेठमलानी ने भी आसाराम के बचाव में कई दलीलें पेश कीं, लेकिन अभी कामयाब नहीं हो पाए हैं।


जयपुर में दौड़ी मेट्रो ट्रेन

19 September 2013
जयपुर। जयपुर में बुधवार से मेट्रो ट्रेन का ट्रायल शुरू हो गया। दिसम्बर तक ट्रेन का कॉमर्शियल संचालन शुरू होगा। मेट्रो के ट्रायल के मौक पर आज सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य और आला अधिकारी मौजूद थे। पहले चरण का ट्रायल जहां बुधवार से शुरू हुआ, वही दूसरे चरण में भूमिगत मेट्रो ट्रेन के काम का शिलान्यास 21 सितम्बर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे।
दिल्ली की तरह जयपुर भी अब सामाजिक-आर्थिक बदलाव का एक पक्ष देखेगा। सरकार भले ही मेट्रो को आगामी विधानसभा चुनाव में वोट के एक हथियार के रूप में देख रही हो, लेकिन जिस तरह से मेट्रो ने दिल्ली का नक्शा बदल दिया, सूरत बदल दी, जयपुर में भी कुछ ऐसे ही बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली पहले ही विकसित थी, इसलिए वहां विकास की गति अपेक्षाकृत कम दिखाई दी। जयपुर में अभी काफी गुंजाइश है। इसलिए मेट्रो से यहां कुछ ही सम में विजिबल चेंज होगा। यह सामाजिक-आर्थिक बदलाव की एक मह8वपूर्ण मंजिल साबित हो सकती है।


गहलोत सरकार पर नया संकट

19 September 2013
जयपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस की मुश्किलें अब ओर बढ़ गई है। विवाहिता से दुष्कर्म के आरोप में फंसे राजस्थान के डेयरी एवं खादी मंत्री बाबूलाल नागर को मुश्किलें बढ़ी।
भाजपा सहित कई राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों ने जहां नागर के इस्तीफे की मांग करते हुए कई स्थानों पर आंदोलन किए, वहीं कांग्रेस आलाकमान का रवैया भी सख्त हो गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुरदास कामत ने प्रदेश कांग्रेस एवं मुख्यमंत्री से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपी जाएगी। बहुत संभव है गुरूवार तक नागर से इस्तीफा मांग लिया जाए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को साफ कर दिया कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा और सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। सरकार का कोई दबाव नहीं होगा।
हालांकि मंत्री के इस्तीफे के सवाल को गहलोत ने टाल दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चन्द्रभान ने मुख्यमंत्री से साफ कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच हो ओर यदि मंत्री दोषी पाए जाएं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
चन्द्रभान ने बातचीत में कहा कि प्रकरण में कानून अपना काम करेगा, पार्टी निष्पक्ष जांच के पक्ष में है। मामले की जांच जिम्मा सीआईडीसीबी को दिया गया है।। सीआईडी को जांच इसलिए सौंपी गई है क्योंकि यह मामला मंत्री से जुड़ा है।
गौरतलब है कि मंगलवार को जयपुर की एक महिला ने अदालत में परिवाद के जरिए नागर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जयपुर की एक अदालत के आदेश पर पुलिस ने सोढ़ाला थाने में नागर के खिलाफ केस दर्ज किया था।
पीडि़ता ने बताया कि नागर ने 11 सितंबर को उसे दोपहर ढाई बजे फोन कर अपने घर बुलाया। उसी दिन शाम करीब पांच बजे वहां पहुंची तो मंत्री नागर ने उसी अच्छी नौकरी लगवाने का लालच दिया। साथ ही उसके रिश्तेदार को भी अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया। कुछ देर बाद मंत्री कमरे में चला गया और पीडि़ता को कमरे में बुलाया। नागर ने पीडि़ता को जबरन कपड़े उतारे और दुष्कर्म का प्रयास किया।
पीडि़ता के विरोध करने पर मंत्री ने धमकी दी कि तुम्हारा हाल भी भंवरी देवी जैसा कर दिया जाएगा। नागर ने पीडि़ता के बेटे की हत्या करने की भी धमकी दी। इस पर पीडि़ता कोर्ट पहुंची और मंत्री नागर के खिलाफ केस दर्ज करवाने का आदेश देने की गुहार लगाई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 9 की अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए मामला सोढ़ाला थाने भिजवाया है।
गौरतलब है कि नागर पहले भी काफी विवादों में घिरे रहे हैं। इधर, मामले पर मंत्री नागर ने आधिकारिक बयान जारी कर आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। चुनाव से पूर्व उन्हें बदनाम करने की साजिश करार दिया और कहा कि यह उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है।
उन्होंने महिला के चरित्र पर भी सवाल उठाया कि उसके खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं, जिनमें बचाव के लिए वह उनके पास आई थी। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरकार के मंत्री पर लगे आरोपों को लेकर भाजपा ने आज राज्य में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए। जयपुर में नागर का पुतला दहन किया गया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा कि चौंकाने वाली बात है कि सरकार के एक मंत्री पर केस दर्ज हो गया और कांग्रेस महिला सशक्तिकरण की बात करती है।


विपक्ष को सिर्फ अमीरों की चिंता

18 September 2013
जयपुर। सबको पेट भर भोजन का हक देने का कानून बनाने के साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गरीबों को हवाई जहाज में उड़ने का सपना भी दिखाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की लोकलुभावन योजनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भाजपा के प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर भी परोक्ष रूप से प्रहार किया। पूरी रोटी खाएंगे और कांग्रेस को जिताएंगे का नारा बुलंद करते हुए राहुल ने विपक्ष को गरीब विरोधी और सिर्फ अमीरों का हमदर्द भी करार दिया।
राजस्थान के बारां जिले में मंगलवार को किसान रैली में राहुल ने कहा, 'कांग्रेस की सोच है कि सड़क बनाने वाला मजदूर भी अपनी बेटी को हवाई जहाज में सफर कराने का सपना देखे। वहीं, दूसरी पार्टी विकास तो चाहती है, लेकिन सड़क बनाने वाले मजदूर के विकास की बात नहीं करती।' राहुल ने कांग्रेस को गरीबों की हिमायती और भोजन गारंटी जैसी योजनाओं का बखान करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इसी कड़ी में जमीन अधिग्रहण बिल के जरिये गरीब किसान को होने वाले फायदे भी गिनाए। साथ ही दावा किया कि इस कानून के बाद अब किसानों से औने-पौने दाम में जबरन जमीन नहीं ली जा सकेगी। भाजपा पर हमला करते हुए राहुल ने कहा कि 'ये जब चुनाव हार गए तो संसद की कार्यवाही रोकने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए।' कांग्रेस ने जो भी वादे किए थे, उन सभी को पूरा करके दिखाया।
तेज होती सियासी सरगर्मी
राजस्थान में सरगर्मियां दिनों-दिन तेज होती जा रही हैं। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की जयपुर में रैली के बाद कांग्रेस भी पूरे दमखम के साथ भीड़ जुटाने में लगी है। आलम ये है कि राहुल गांधी एक हफ्ते में दूसरी बार राजस्थान पहुंचे। सलूबर के बाद बारां में किसान रैली से पहले राहुल ने छबड़ा व कालीसिंध में तीन विद्युत इकाइयों का लोकार्पण और छबड़ा में सुपर क्रिटिकल की पहली इकाई का शिलान्यास किया। उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुरुदास कामत, सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रभान भी मौजूद थे।


राजस्थान के एक और मंत्री यौन शोषण में फंसे

18 September 2013
जयपुर। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान विश्नोई के बाद अब खादी और डेयरी मंत्री बाबूलाल नागर भी यौन शोषण के मामले में फंस गए हैं। जयपुर की एक युवती ने नागर पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी है।
पीडि़ता ने 13 सितंबर को अदालत में इस्तगासा दायर कर बताया कि मंत्री ने नौकरी लगाने की बात कहकर उसे 11 सितंबर को अपने घर बुलाया। वह जब वहां पहुंची तो घर में नागर के अलावा कोई और नहीं था। नागर उसे एक कमरे में ले गए और दुष्कर्म किया। घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
बाबूलाल नागर का कहना है कि युवती उनके पास जिला परिषद के टिकट के लिए आया करती थी। कुछ लोग उनके खिलाफ षडयंत्र कर रहे हैं। मालूम हो कि नागर पर पहले भी भ्रष्टाचार, धमकाने समेत कई आरोप लग चुके हैं।


गहलोत के खिलाफ एक और जांच के आदेश

18 September 2013
जयपुर। जयपुर शहर की एक अधीनस्थ अदालत ने चहेतों को अवैध तरीके से सैण्ड स्टोन के खनन पट्टें आवंटित करने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ पुलिस जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने अशोक नगर थानाधिकारी को मामले में जांच कर 15 दिसंबर तक नतीजा रिपोर्ट पेश करने को कहा है। महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 ने यह आदेश राजकुमार शर्मा की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए।
परिवाद में बताया कि 1996 में सैंडस्टोन के लिए न्यूनतम 5 हैक्टेयर भूमि होने पर ही खान पट्टे आवंटन करने का नियम बनाया गया। विशेष परिस्थिति में एक हैक्टेयर भूमि में ही यह आवंटन हो सकता है। 28 जनवरी 2011 को जारी नई नीति के तहत खनन पट्टे पचास फीसदी खुली नीलामी और पचास फीसदी लॉटरी के आधार पर देने का प्रावधान कर दिया गया।
नियमों और नीति के तहत मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों व जानकारों को खनन पट्टे नहीं मिल सकते थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने 21 नवंबर 2011 को मंत्रीमंडल में यह प्रस्ताव पास करवा लिया कि जोधपुर के मण्डौर स्टोन पार्क के 37 आवेदकों को एक हैक्टेयर साइज के खनन पट्टे दिए जाए। जबकि इन आवेदकों के पास औद्योगिक कटर इकाईयां नहीं थी। इस पर अदालत ने अशोक नगर थाना पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
परिवादी के अधिवक्ता अजय कुमार जैन ने इस्तगासे में बताया कि जोधपुर के मण्डोर स्टोन पार्क में औद्योगिक इकाईयों के खनिज पट्टे देने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नीति तक बदल डाली।
अक्टूबर 2012 को सरकार ने नियम विरुद्ध आदेश जारी करके 37 लोगों को खनिज पट्टे आवंटित कर दिए। इनमें कई मुख्यमंत्री गहलोत के रिश्तेदार थे और कुछ चहेते औद्योगिक घराने। एक ही औद्योगिक इकाई को दो बड़ी फर्मो ओम सैण्ड स्टोन और जेएम को दी। जेएम सैण्ड स्टोन में मुख्यमंत्री के भांजे की पत्नी वीना कच्छावा संचालक बताई जाती है। इससे पहले कालीसिंध बांध के निर्माण मामले में वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप में भी एक अदालत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ पुलिस जांच के आदेश दे चुकी है। गहलोत के अलावा, चन्द्रभान सिंह, जोधपुर की शालिनी गहलोत, बीना कछवाहा, नरपत सिंह कछवाहा, मन्जू गहलोत, छगनी राम, खेमसिंह, प्रेमलता, जितेन्द्र गहलोत, किरन टांक, माधोसिंह टांक को आरोपी बनाया है।