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D-77717
30-11-2015


फर्जी होम लोन के मामले में बैंक मैनेजर सहित चार लोगों को जेल की सजा
17 December 2015
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की भोपाल स्थित विशेष न्यायाधीश ने आज फर्जी होम लोन के मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की अरेरा हिल्स भोपाल के तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार चौरसिया और सहायक प्रबंधक (क्रेडिट) वसंत पावसे सहित 2 अन्य लोगों को तीन-तीन वर्ष जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। सीबीआई ने फरवरी 2010 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, भोपाल के क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर बैंक की अरेरा हिल्स शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार चौरसिया और सहायक प्रबंधक (क्रेडिट) वसंत पावसे तथा 2 अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध वर्ष 2007 से 2009 के दौरान फर्जी दस्तावेजों द्वारा होम लोन स्वीकृत करके बैंक को 113.66 लाख रुपयों की हानि पहुंचाने का मामला दर्ज किया था।
जांच के बाद सीबीआई की भोपाल स्थित विशेष अदालत में जुलाई 2011 में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार चौरसिया और सहायक प्रबंधक (क्रेडिट) वसंत पावसे, राजेद्र प्रसाद तिवारी और राजधानी कंस्ट्रक्शन ऐंड डवलपर्स के मालिक ब्रजेश सिंह यादव के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने आज कमलेश कुमार चौरसिया, वसंत पावसे, राजेंद्र प्रसाद तिवारी और ब्रजेश सिंह यादव को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं में तीन वर्ष की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है।

मवेशियों के फर्जी बीमा मामले में बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक को 3 वर्ष की जेल
17 December 2015
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की इंदौर स्थित विशेष न्यायाधीश ने मवेशियों के फर्जी बीमा करने के मामले में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी की मंदसौर शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक विजय कुमार श्रीवास 3 वर्ष की जेल की सजा सुनाई है। सीबीआई ने जुलाई 2013 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर कंपनी की मंदसौर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक विजय कुमार श्रीवास के विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों की मदद से मवेशियों के बीमे के 68 दावा मामलों द्वारा 16 लाख 67 हजार 750 रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान सीबीआई ने मवेशियों की बीमा दावे संबंधी धोखाधड़ी के तीन और मामलों में विजय कुमार श्रीवास की संलिप्तता पता की, जिन्हें मिलाकर उन पर 17 लाख 39 हजार 750 रुपये की धोखाधड़ी का मामला बना।
सीबीआई ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश, इंदौर की अदालत में विजय कुमार श्रीवास के विरुद्ध दिसंबर 2013 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 468, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। आज इंदौर स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने विजय कुमार श्रीवास को 3 वर्ष की जेल और कुल मिलाकर 12 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

ट्रक ड्राइवर ने पुलिस जवान को कुचल कर मारा, डीजल के दाम चुकाने से बचने की वारदात
Our Correspondent :26 November 2015
भोपाल। पेट्रोल पंप से डीजल लेकर बिना पेमेंट किए भाग रहे ट्रक ड्राइवर ने पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सिपाही अतिबल सिंह चौहान को नेशनल हाइवे पर बुधवार की रात कुचल कर मार दिया। वारदात को अंजाम ट्रक ड्राइवर मौके से फरार होने में कामयाब हो गया। देर रात पुलिस की घेराबंदी के दबाव में ड्राइवर ट्रक को आगरा-मुंबई रोड पर देवरी के पास छोड़ कर फरार हो गया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फरार हत्यारे ड्राइवर की तलाश जारी है।
ग्वालियर से आगरा की ओर जा रहे ट्रक क्रमांक UP93-3636 ने रायरू स्थित पेट्रोल पंप से बुधवार की रात सवा आठ बजे 1500 रुपए का डीजल लिया और रुपयों का भुगतान किए बिना वहां से भाग निकला। डीजल पंप के कर्मचारियों ने बानमोर के राजे पेट्रोल पंप तक ट्रक का पीछा किया, लेकिन जब ट्रक पकड़ में नहीं आया तो इसकी सूचना बानमोर थाने को दे दी। बानमोर के SI ने ट्रक को पकड़ने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम मुरैना को सूचना दी। कंट्रोल रूम से सिविल लाइंस थाने को ट्रक रोकने का निर्देश दिया। यहां से नेशनल हाइवे के जौरी बीट के सिपाही अतिबल सिंह चौहान व सुधीर सिंह को ट्रक रोकने के लिए निर्देशित किया गया। दोनों सिपाहियों ने नंबर प्लेट के आधार पर ट्रक को पकड़ने के लिए उसका पीछा किया तो OP ईंट चिमनी के पास ट्रक ड्राइवर ने बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। ट्रक की टक्कर से बाइक पर बैठा सिपाही अतिबल सिंह चौहान उछलकर सड़क पर गिरा और ट्रक के पहियों के नीचे आ गया। ट्रक के वजन और रफ्तर की वजह से सिपाही अतिबल सिंह का शरीर सड़क से चिपक कर रह गया। नतीजतन सिपाही की मौके पर ही मौत हो गई।

दूसरा सिपाही बेहोश हुआ, ट्रक ले कर ड्राइवर फरार

बाइक चला रहा सिपाही सुधीर सिंह भी इस वारदात में बाइक से उछलकर दूर जा गिरा। जब पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वह बेहोशी की हालत में मिला। बेहोशी की वजह से सुधीर सिंह, घटना के संबंध में अफसरों को कोई सूचना नहीं दे सका। बाद में पुलिस अधिकारियों ने ट्रक को पकड़ने के लिए थाना सरायछोला सहित धौलपुर के पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी, लेकिन ट्रक का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार पुलिस की सर्चिंग के दबाव में ट्रक ड्राइवर देवरी के पास ट्रक छोड़ कर फरार हो गया।

दो साल से सिविल लाइन में पदस्थ

शहीद सिपाही अतिबल सिंह चौहान अंबाह क्षेत्र के आदे का पुरा गांव का निवासी था। वह बीते दो साल से थाना सिविल लाइन में तैनात था।

सिपाही धर्मेन्द्र चौहान को भी कुचला था डंपर ने

गौरतलब है कि बीती साल नूराबाद थाने में पदस्थ सिपाही धर्मेन्द्र चौहान को भी पांच अप्रैल की सुबह साढ़े चार बजे टेकरी के पास धनेला रोड पर चंबल रेत से भरे डंपर ने कुचल दिया था। उस समय नूराबाद थाने की पुलिस पार्टी ने रेत से भरे डंपर को रोकने की कोशिश की थी। तब भी ड्राइवर ने पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए डंपर पलटकर सिपाही चौहान को कुचल कर फरार हो गया था।


पेटलावद हादसे की जाँच के लिये एसआईटी गठित
Our Correspondent :15 September 2015
भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज लगातार दूसरे दिन झाबुआ जिले के पेटलावद हादसे में मृत ग्रामीणों के निवास जाकर परिजनों को ढाँढस बँधाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संवेदना व्यक्त की और मृतकों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेटलावद हादसे की जाँच के लिये विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों को पकड़ने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। दोषी व्यक्ति की जानकारी देने वाले को एक लाख रूपये दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज सबसे पहले पेटलावद तहसील के ग्राम खोरिया गये। इसके बाद वे नाहरपुरा, कोदली, झौसर, रूपगढ़, रायपुरिया, बरवेट सहित उन सभी 17 गाँव में गये, जहाँ के लोग हादसे में मृत हुए थे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते हुए ढाँढस बँधाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मृतकों के परिजन अपने आपको अकेला नहीं समझें। दुख की इस घड़ी में मुख्यमंत्री सहित पूरा राज्य शासन उनके साथ है। जहाँ भी जन-हानि हुई है, उसकी क्षतिपूर्ति तो नहीं की जा सकती है, फिर भी हमारा प्रयास है कि उनका परिवार जीवन की मुख्य धारा में वापस आये। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवार को रोजमर्रा के जीवन में कोई दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। राज्य शासन उन्हें हर संभव सहायता मुहैया करवायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मृतकों के बच्चों की शिक्षा की सम्पूर्ण व्यवस्था सुचारू रूप से करने के निर्देश भी जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को योग्यता के अनुसार रोजगार/स्व-रोजगार मुहैया करवाया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मृतकों के परिजनों के लिये आवास बनाने के निर्देश भी दिये। आवश्यकता के अनुसार मृतकों के परिजनों को पेंशन, बीपीएल राशन-कार्ड बनाने आदि सुविधाएँ देने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरान झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, श्री कलसिंह भाबर, श्री शांतिलाल बिलवाल, श्री नागर सिंह चौहान, श्री माधोसिंह डाबर, श्री वेलसिंह भूरिया, श्री चेतन कश्यप एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


हर गिरफ्तारी की सूचना 24 घंटे में दें कंट्रोल रूम को
भोपाल | पुलिस को अब हिरासत या जेल में मौत और बलात्कार के मामलों की रिपोर्ट 24 घंटे में मानवाधिकार आयोग में भेजनी होगी। तय समय में रिपोर्ट न भेजने पर यह समझा जाएगा कि केस को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपी को गिरफ्तार करने पर भी उसकी सूचना जिला कंट्रोल रूम में 12 घंटे में डिस्प्ले की जाना चाहिए। पुलिस को उसके कर्तव्यों की याद दिलाने वाले ये निर्देश मानवाधिकार आयोग द्वारा निकाली गई मार्गदर्शिका में दिए गए हैं। पुलिस के आचरण के खिलाफ आ रही शिकायतों को देखते हुए आयोग ने यह मार्गदर्शिका निकाली है। इस मार्गदर्शिका में आयोग ने पुलिस के कर्तव्य, व्यवस्था और मानवाधिकारों की जानकारी दी है। आयोग ने राज्य सरकार से भी मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए सिफारिशें कीं हैं।
आयोग द्वारा पुलिस के लिए जारी की गई मार्गदर्शिका प्रदेश में हर थाने को वितरित की जा रही है। इसमें बताया है कि पुलिस नागरिकों की जिंदगी, संपत्ति व सम्मान की रक्षा कर सके। एलआर सिसोदिया, अपर संचालक, मानवाधिकार आयोग
मानवाधिकार आयोग की सिफारिश

पीड़ित और उसके परिवार को मुआवजा देना, दोषी व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करना, उल्लंघन के दोषी के खिलाफ अभियोग चलाने की प्रक्रिया शुरू करना, निरोधात्मक उपायों का प्रयोग किया जाए।

ये शिकायतें हैं

हिरासत में मौत फर्जी मुठभेड़ पुलिस द्वारा अवैध निरोध, उगाही और डराना धमकाना अपराध पंजीबद्ध न करना नागरिकों के जीवन व संपत्ति की सुरक्षा में विफलता पुलिस व न्यायिक हिरासत में पिटाई, यातना और बलात्कार पुलिस स्टेशनों व जेलों में कानूनी सहायता, भोजन और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं की अनुपलब्धता दलितों के विरुद्ध अत्याचार, गांव के तालाब, कुओं और अन्य पेयजल स्रोतों से पानी पीने की मनाही।

चरित्र सत्यापन के दिशा निर्देश पुलिस विभाग की वेबसाइट पर जारी
अशासकीय सेवाओं एवं अन्य प्रयोजन के लिये नियोक्ता अधिकारी एवं निजी संस्थाओं द्वारा नौकरी दिये जाने के पहले चरित्र प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की माँग की जाती है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा ने बताया कि अशासकीय सेवाओं एवं अन्य प्रयोजन में कार्य करने के इच्छुक उम्मीदवारों का चरित्र सत्यापन शीघ्र अतिशीघ्र किये जाने एवं पुलिस विभाग द्वारा दिये जाने वाले चरित्र प्रमाण-पत्र की विश्वसनीयता बनाये रखने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय द्वारा चरित्र सत्यापन के दिशा निर्देश तैयार कर मध्यप्रदेश पुलिस विभाग की वेबसाइट www.mppolice.gov.in के Public Interface पर अपलोड किये गये हैं।
इच्छुक व्यक्ति इस संबंध में अपने सुझाव समाचार प्रकाशन दिनांक के 15 दिवस के अन्दर ई-मेल आईडी digints@mppolice.gov.in एवं पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) पुलिस मुख्यालय भोपाल को सामान्य पत्राचार के माध्यम से भेज सकते हैं।

हर थाने में मिलेगा अपराधियों का रिकॉर्ड
प्रदेश के किसी भी अपराधी का रिकाॅर्ड अब हर थाने में देखा जा सकेगा। आगामी एक जुलाई से राज्य के सभी पुलिस थानों के कंप्यूटर को नए सॉफ्टवेयर क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) से जोड़ा जा रहा है। सीसीटीएनएस पर एफआईआर, रोजनामचा, जांच अधिकारी की डायरी से लेकर हर रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। इसके जरिए ऑनलाइन एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकेगी। यह प्रोजेक्ट 86 करोड़ रुपए का है। राज्य में पुलिस ने थानों में कंप्यूटर पर एफआईआर और अन्य काम शुरू तो कर दिए लेकिन थाने आपस में जुड़े नहीं हैं। इससे किसी व्यक्ति का आपराधिक रिकाॅर्ड आसानी से नहीं मिलता था। रिकाॅर्ड जुटाने में काफी समय लगता है। पुलिस अभी सीपा सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है। इसमें कई खामियां हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए विप्रो कंपनी को नया सॉफ्टवेयर बनाने को कहा गया। दो साल में सीसीटीएनएस को शुरू करने की कई तारीख निकल चुकी हैं, लेकिन पुलिस अधिकारियों का दावा है कि अब कोई अड़चन नहीं आएगी। तय समयावधि में यह काम करना शुरू कर देगा।

ट्रायल के बाद 16 जिलों में शुरू हो गया काम

सीसीटीएनएस पूरे देश में लागू किया जा रहा है। पुलिस आधुनिकीकरण के लिए यह सिस्टम लागू किया गया है। सीसीटीएनएस शुरू होने के बाद पुलिस के 1384 कार्यालयों में एक साथ ऑनलाइन काम शुरू होगा। इसमें 956 थाने शामिल हैं। नए साॅफ्टवेयर का ट्रायल 38 जिलों में चल रहा है। 16 जिलों में ट्रायल के बाद काम शुरू कर दिया गया है। इनमें 13 थाने आैर तीन पुलिस अधीक्षक कार्यालय (रेल) शामिल हैं।

जुड़ेंगे देशभर के थाने

सीसीटीएनएस से देशभर के थाने आपस में जुड़ जाएंगे। इसके फायदा यह होगा कि यदि बदमाश देश के किसी भी थाना क्षेत्र में अपराध करेगा तो उसका रिकाॅर्ड साॅफ्टवेयर पर ऑनलाइन होगा। साॅफ्टवेयर पर अपराधी का नाम लिखकर सर्च करने पर उसका पूरा आपराधिक रिकाॅर्ड कंप्यूटर की स्क्रीन पर होगा। सीसीटीएनएस के लिए सभी थानों में कंप्यूटर सिस्टम लगाए गए हैं।

एक जुलाई से पूरे प्रदेश में सीसीटीएनएस काम करना शुरू कर देगा। कुछ स्थानों पर कनेक्टिविटी की दिक्कत आ रही है, उसे भी दुरुस्त किया जा रहा है। पीके माथुर, आईजी एससीआरबी (पुलिस मुख्यालय)

हबीबगंज टीआई के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
भोपाल| जिला अदालत ने तत्कालीन पिपलानी थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 26 जून को होगी। आरोपी अमर सिंह उर्फ टिंकू के खिलाफ पिपलानी थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव दुबे की अदालत में चल रही है। इस मामले में पिपलानी थाने के तत्कालीन टीआई (वर्तमान में टीआई हबीबगंज) सुधीर अरजरिया विवेचक थे। इस मामले में गवाही के लिए उन्हें कई बार समन जारी किया गया। इसके बाद जमानती वारंट जारी हुआ और पिछली पेशी पर भी अरजरिया कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। इस पर अदालत ने बुधवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

मध्यप्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं महिलायें
मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. यहाँ की भाजपा सरकार की कथनी और करनी में ज़मीन आसमान का फर्क साफ दिखाई दे रहा है | पिछले एक हफ्ते मैं प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिलाओं के साथ लूट की घटनाये बहुत बढ़ गयी हैं, जिस पर न ही गृह मंत्री बाबूलाल गौर कोई ठोस कदम उठा रहे है ना ही प्रदेश पुलिस, यही कारण है की महिलाये दिन में भी आपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है | भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी गुजरात के झूठे उदाहरण देते हुए कहते हैं की वहां महिलाएं रात के समय भी सोने के आभूषण पहन कर सुरक्षित घूम सकती हैं, वहीँ शिवराज सिंह चौहान के राज में दिन के १२ बजे भी महिलायें सुरक्षित नहीं है | किन अच्छे दिनों की बात कर रही है बीजेपी, क्या वह अच्छे दिन यह ही हैं जहाँ महिलाओं को अपने घर से बहार निकलने से पहले 10 बार सोचना होगा ? आम आदमी पार्टी गृह मंत्री बाबूलाल गौर से यह जानना चाहती है कि पुलिस अभी तक दोषियों को क्यों नहीं पकड़ पायी है और ऐसी घटनाएं लगातार क्यों बढ़ रही हैं? जिन इलाको में इस तरह की घटनाये घटी है वहां क्या कदम उठाये गए ? महिलाये खुद को सुरक्षित महसूस कर सके इसके लिए वे क्या करने वाले हैं ? जिस प्रदेश की राजधानी में लुटेरों के हौसले इतने बुलंद हैं वहां बाकी जिलों की स्थिति क्या होगी यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है. आम आदमी पार्टी गृह मंत्री से मांग करती है की जल्द से जल्द दोषियों को सलाखों के पीछे पहुँचाया जाए एवं भोपाल शहर और प्रदेश को सुरक्षित बनाया जाए.
एएसआई को चाकू घोंपकर भाग निकला हिस्ट्रीशीटर
मंगलवारा इलाके में मंगलवार दोपहर एक बदमाश ने एएसआई पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस को बदमाश की पिछले महीने व्यापारी से हुई साढ़े चार लाख रुपए की लूट में तलाश थी। आरोपी ने तीन साल पहले जवाहर चौक स्थित गोल्ड लोन कंपनी ईव मिरेकल के ताले तोड़कर दो करोड़ का सोना चुराया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह जमानत पर रिहा हुआ है।
मंगलवारा थाने में पदस्थ एएसआई उदयभान सिंह परिहार मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सिपाही राम भरत सुमन के साथ बाइक से जा रहे थे। मंगलवारा छावनी इलाके में उनकी नजर शातिर बदमाश फईम बम पर पड़ी। फईम के इलाके में घूमने पर उन्हें शक हुआ। पुलिस को 25 मार्च को तेल व्यापारी हिमांशु बांगड़ के साथ हुई साढ़े चार लाख रुपए की लूट में पुराने बदमाशों और लुटेरों की तलाश भी है।
एएसआई ने फईम को रोका और पूछताछ के लिए थाने चलने के लिए कहा। तभी उसने चाकू निकाला और हमला कर दिया। चाकू परिहार के बाजू में लगा। वारदात को अंजाम देकर वह फरार हो गया। घायल पुलिसकर्मी को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से शाम को उनकी छुट्टी हो गई।
एसपी नार्थ अरविंद सक्सेना के अनुसार पुलिस ने फईम के खिलाफ हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। फईम के खिलाफ ऐशबाग, जहांगीराबाद, तलैया, टीटी नगर आदि थानों में गंभीर अपराध दर्ज हैं। वह 1990 से 2000 तक ऐशबाग क्षेत्र में रहा, जहां उसके खिलाफ कई अपराध दर्ज हैं।

ईव मिरेकल में की थी दो करोड़ की चोरी

सीहोर पुलिस ने पिछले साल मोर का शिकार करते हुए उसे पकड़ा था। आरोपी ने तीन साल पहले शातिर बदमाश मजहर टोपी और मुन्ना खुतरा के साथ मिलकर ईव मिरेकल का ताला तोड़कर करीब दो करोड़ रुपए का सोना गायब किया था। पुलिस ने एक मामले में जब मजहर टोपी को पकड़ा तो उसने खुलासा किया था कि ईव मिरेकल के अंदर फईम बम घुसा था और उसने ही चोरी की वारदात की थी।

उत्पाती तत्वों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये
कानून-व्यवस्था संबंधी लापरवाही को गंभीरता से लिया जायेगा, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की वीडियो कान्फ्रेंसिंग
भोपाल : गुरूवार, अगस्त 22, 2013
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उत्पाती और उपद्रवी तत्वों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये। प्रशासन समाज के सभी वर्गों के साथ सीधा संवाद रखें। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मामलों में लापरवाही को गभीरता से लिया जायेगा। श्री चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में प्रदेश के प्रशासन और पुलिस के संभागीय एवं जिला अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, अपर मुख्य सचिव गृह श्री आई.एस. दाणी, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री एम.एम.उपाध्याय, अपर मुख्य सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री अन्टोनी डीसा और पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों और जन-प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद बना रहे। स्थिति की निरंतर समीक्षा की जाये। सतर्कता और सावधानी के साथ कार्य किया जाये। गड़बड़ी करने वालों पर कठोरता के साथ कार्रवाई की जाये।
श्री चौहान ने कहा कि वर्षा की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में आपदा प्रबंधन की तैयारियाँ अग्रिम की जाये। प्रदेश के सभी जलाशय पूर्ण रूप से भरे हैं। आगामी समय में भी वर्षा का पूर्वानुमान है। किसी भी आपात स्थिति में राहत की कार्रवाई तत्काल और प्रभावी ढंग से की जाये। उन्होंने कहा कि राहत शिविर में बेहतर व्यवस्थाएँ होनी चाहिये। प्रभावितों को तात्कालिक राहत देने में देरी नहीं हो। राहत पर्याप्त हो। इसकी सुनिश्चितता की जाये। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान की उचित भरपाई हो। इस हेतु क्षतिग्रस्त फसलों के किसानों को फसल क्षति बीमा योजना के तहत मुआवजा दिलाने की कार्रवाई की जाये। यह कार्य तत्परता के साथ सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिये। उन्होंने गरीबों के 30 जून तक के विद्युत बिल माफ करने के कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये।


हर-हाल में अपराधियों को पकड़ा जाएगा
हर हाल में अपराधियों को पकड़ा जायेगा। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात चूना भट्टी कोलार रोड स्थित कृष्णा सोसायटी में अनिल कुमार गौड़ से कही। उन्होंने श्री गौड़ के घर पहुँचकर कल उनके वहां हुई चोरी की घटना की जानकारी ली। श्री गुप्ता ने कहा कि चूना भट्टी में थाना खोला जाएगा।
गृह मंत्री ने वहाँ उपस्थित लोगों को गत दिवस शुरू हुई ‘‘सिटीजन कॉप’’ के बारे में भी जानकारी दी। श्री गौड़ ने बताया कि घटना की सूचना देने पर पुलिस तुरंत उनके घर पहुँच गयी थी। इस दौरान डी.आई.जी. श्री श्रीनिवास राव और एस.पी. श्री अंशुमान सिंह उपस्थित थे।

कहीं अपराध होता दिखे, तो तुरंत डॉयल करें 2444444 अथवा एस.एम.एस. करें 9200992009 पर
सिर्फ देखकर न रह जायें, अपराध रोकने में भूमिका निभाएँ। अगर आपको कहीं अपराध होता दिखे, तो तुरंत डॉयल करें 2444444 अथवा एस.एम.एस. करें 9200992009 पर। एंड्रायड और आई फोन के माध्यम से घटना का वीडियो बनाकर भी www.bhopalpolice.com पर अपलोड कर सकते हैं। आपकी पहचान गोपनीय रहेगी। यही है सिटिजन कॉप की अवधारणा। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने शुक्रवार को समन्वय भवन में मोबाइल में सेंडिंग बटन दबाकर सिटीजन कॉप का शुभारंभ किया।
गृह मंत्री श्री गुप्ता ने कहा कि इस व्यवस्था को प्रदेश के अन्य बड़े शहर में भी लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का व्यवहार इस तरह का होना चाहिये कि सामान्य व्यक्ति अन्य कार्यालयों की तरह पुलिस थाना में भी जा सके। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन द्वारा पुलिस बल के लिये मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू करने के साथ ही उनके लिये मकान और पदोन्नति के भी पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सुख-सुविधाओं में विस्तार का दायित्व शासन निभा रहा है, लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपना आचरण और व्यवहार इस तरह का बनायें कि पुलिस के प्रति लोगों में विश्वास पैदा हो।
गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस का आम आदमियों से संवाद बढ़ाने के उद्देश्य से थाना-स्तर पर क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों के साथ मीटिंग करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि एक अगस्त से थाने में पदस्थ सभी स्टॉफ को रोटेशन में माह में एक दिन का अवकाश देना शुरू कर दिया गया है। श्री गुप्ता ने कहा कि सिटीजन कॉप व्यवस्था से अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
श्री गुप्ता ने हाल ही में भोपाल पुलिस द्वारा लागू की गई लास्ट सेल फोन यूनिट द्वारा श्री अनुराग शर्मा के खोजे गये फोन को उन्हें भेंट किया। इस यूनिट द्वारा आज तक 171 शिकायत दर्ज की गईं। उन्होंने सिटीजन कॉप का सिस्टम डेव्हलप करने वाले इंजीनियर और अन्य लोगों को भी प्रतीक-चिन्ह देकर सम्मानित किया।
अपर मुख्य सचिव, गृह श्री आई.एस. दाणी ने कहा कि अभी तक पुलिस डाल-डाल तक तो अपराधी पात-पात तक रहते थे, लेकिन अब इस व्यवस्था के बाद अपराधी डाल-डाल तक पुलिस पात-पात तक रहेगी। पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे ने कहा कि सूचनाकर्त्ता की जानकारी गोपनीय रहने से आम आदमी निःसंकोच अपराधों की सूचना देगा। इससे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। आई.जी. भोपाल श्री उपेन्द्र जैन ने सिटीजन कॉप की प्रणाली की जानकारी दी।

घर में घुसकर इंदौर आयकर अपर आयुक्त की हत्या
उज्जैन। इंदौर आयकर अपर आयुक्त अरुण दीवान की रविवार को उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई। 45 वर्षीय दीवान किराए के मकान में अकेले रहते थे। दीवान 2009 से 2011 तक उज्जैन में पदस्थ थे। कुछ समय पूर्व उनका इंदौर तबादला हुआ था। दीवान की पत्नी ऋचा मुंबई में रहती हैं। इकलौती पुत्री भी सिर्फ एक बार यहां आई है।
पुलिस ने उनके पूर्व ड्राइवर व उसके दो साथियों को हिरासत में लिया है। आरोपियों ने लूट के इरादे से वारदात करना कुबूला है। आरोपियों ने कुबूला कि दीवान की आवाज सुनकर बाहर लोग जमा हो गए थे। तिजोरी ले जाते वक्त पकड़ा सकते थे, इसलिए उन्होंने तिजोरी हॉल में ही छोड़ दी। वहीं गोदरेज की अलमारी से सामान व सामने पड़े दो लैपटॉप भी नहीं ले जा सके।

दहेज हत्या में कम से कम उम्रकैद हो : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दहेज हत्या जैसे गंभीर अपराधों के दोषियों को उम्रकैद से कम सजा नहीं दी जा सकती। फिलहाल दहेज हत्या के लिए न्यूनतम सात साल की सजा का प्रावधान है. उत्तराखंड के रुड़की में रेणु नाम की महिला की हत्या के मामले में शीर्ष कोर्ट ने यह फ़ैसला सुनाया है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार और रंजन गोगोई की बेंच ने मृत महिला के पति और देवर की अपील खारिज कर दी। इस मामले में पति मुकेश भटनागर, सास कैलाशवती और देवर राजेश को हरिद्वार के कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में नरमी बरते जाने और सजा कम करने की गुहार की थी। किसी भी महिला की मौत शादी के सात साल के भीतर होने पर पुलिस दहेज हत्या के तहत प्रकरण दर्ज करती है। दहेज हत्या के मामलों में आईपीसी की धारा 304-बी के तहत कार्रवाई की जाती है। एडवोकेट संदीप गुप्ता के मुताबिक इसमें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।