दिल्ली डाइजेस्ट |
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विकसित भारत संकल्प यात्रा: सूचना, शिक्षा और संचार वैन नई दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में पहुंचीं 09 Feb 2024 नई दिल्ली:'विकसित भारत संकल्प यात्रा' को दिल्ली के लोगों से अपार प्रतिक्रिया मिल रही है। सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं का संदेश प्रसारित करने वाली सूचना, शिक्षा और संचार वैन आज नई दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में पहुंचीं। इन इलाकों में नरेला, नजफगढ़, बिंदापुर, नवादा, निजामपुर गांव, बवाना, टिकरी कलां और कालकाजी शामिल हैं। इन स्थानों पर कई शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में लोगों को आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, भारतीय डाक भुगतान बैंक और आधार सेवा केंद्र जैसी सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस अवसर पर लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की शपथ ली। सूचना, शिक्षा और संचार वैन पर स्क्रीन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश दिखाया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को ब्रोशर और कैलेंडर भी बांटे जा रहे हैं। दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन स्थित गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन पर एक दीवार गिरने से पांच लोग घायल, इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मृत्यु हुई 09 Feb 2024 नई दिल्ली:दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन स्थित गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन पर आज एक दीवार गिरने से पांच लोग घायल हो गये। घायलों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने लापरवाही बरतने वाले दो अधिकारियों, एक प्रबंधक और सिविल विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता को जांच लंबित रहने तक तत्काल निलंबित कर दिया है। मेट्रो रेल निगम ने मामूली रूप से घायल व्यक्तियों को एक लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। इसके अलावा मृतक के परिजनों को मेट्रो रेल निगम ने 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। मेट्रो रेल के अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल में हरसंभव सहायता सुनिश्चित की जा रही है। रेल निगम द्वारा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गोकुलपुरी स्टेशन पर सिर्फ एक दिशा में ही रेल परिचालन किया जा रहा है। पिंक लाइन के बाकी हिस्सों पर ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने समन को नजरअंदाज करने पर प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा 07 Feb 2024 नई दिल्ली:दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर 17 फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा है। अदालत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया है श्री केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में समन के बाद भी ईडी के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय पांच बार समन जारी का चुका है। ईडी के अनुसार एजेंसी इस मामले में नीति निर्माण, नीति को अंतिम रूप देने से पहले हुई बैठकों और रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे मुद्दों पर केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहती है। मेट्रो फेज चार के सभी स्टेशनों पर लगेंगे प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर, सीसीटीवी से लैस होगी लिफ्ट 7 July 2023 नई दिल्ली:दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना में आने वाले सभी स्टेशनों में प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे। इसमें तीनों कॉरिडोर एयरोसिटी-तुगलकाबाद, मुकुंदपुर-मौजपुर और आरके आश्रम-जनकपुरी पश्चिम के 18 भूमिगत स्टेशनों पर एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन की तर्ज पर 2.15 मीटर ऊंचाई के पीएसडी लगेंगे। इसके साथ 28 एलिवेटेड स्टेशनों पर पिंक, मजेंटा और येलो लाइन के स्टेशनों की तरह आधी ऊंचाई के स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे। इन 46 स्टेशनों में यात्रियों को तमाम आधुनिक सुविधाओं के साथ सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होंगे। इससे मेट्रो रेल के सामने न तो कोई छलांग लगा पाएगा और न ही मेट्रो के गेट के सामने अवरुद्ध उत्पन्न कर सकेगा। इसके अलावा इन स्टेशनों में सीसीटीवी से लैस व अधिक क्षमता वाली लिफ्ट होंगी। मेट्रो के साथ ही खुलेंगे स्क्रीन डोर मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो के अधिकतर स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर नहीं लगे हैं। इससे कई बार यात्री मेट्रो के आगे छलांग लगाने की कोशिश कर चुके हैं। इससे मेट्रो बाधित हो जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने यह योजना बनाई है। पीएसडी मेट्रो ट्रैक और प्लेटफॉर्म के बीच कांच की दीवार के रूप में बैरियर का काम करता है। इसमें स्टेशन में मेट्रो के आने पर ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए मेट्रो गेट के साथ ही प्लेटफॉर्म पर लगे स्क्रीन डोर भी खुलेंगे। पीएसडी बेहतर भीड़ प्रबंधन में भी मदद करेगी। यात्रियों को ट्रेन के दरवाजे खुलने के सटीक स्थान के बारे में पता होता है और वे उसी के अनुसार कतार में लग सकते हैं। इससे मेट्रो के चलने के बाद यात्रियों को गेट में फंसने की चिंता भी नहीं सताएगी। वहीं, मेट्रो में यात्रियों के चोटिल होने का खतरा भी कम होगा। फेज-4 के शेष स्टेशनों पर भी कम ऊंचाई के पीएसडी लगेंगे ताकि यात्रियों को सुरक्षित सफर का मौका मिल सके। भूमिगत 18 स्टेशनों में मेट्रो रेल कुल 28 किलोमीटर का सफर तय करेगी।सीसीटीवी से लैस होगी लिफ्ट यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फेज चार में आने वाले स्टेशनों में लिफ्ट की क्षमता अधिक होगी। इसमें एक साथ 20 से अधिक लोग आ-जा सकते हैं। इसके साथ ही इन स्टेशनों में लिफ्ट भी सीसीटीवी से लैस होंगी। मौजूदा समय में कई मेट्रो स्टेशन में क्षमता के मुकाबले कम लिफ्ट हैं। इससे कई बार यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मेट्रो ने 37 मेट्रो स्टेशनों में नई लिफ्ट लगाई हैं। इसमें मुंडका, आरके आश्रम, राजौरी गार्डन, पीतमपुरा, करोल बाग समेत कई स्टेशन शामिल हैं। इससे खासकर दिव्यांग व बुजुर्ग यात्रियों को यात्रा करने में सहूलियत मिलेगी। वहीं, पुराने और नए स्टेशनों के बीच सभी स्थानों पर कनेक्टिविटी 200 मीटर से कम होगी और यात्रियों के लिए एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर में जाना आसान होगा।वित्त विभाग ने भी 437 विशेषज्ञों का वेतन रोकने का दिया आदेश; कांग्रेस ने मामले की जांच की मांग की 6 July 2023 नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों व अन्य संस्थाओं में काम कर रहे 437 विशेषज्ञों के वेतन को रोकने का आदेश जारी किया है। एक दिन पहले ही सेवा विभाग ने इनके वेतन को रोकने का आदेश दिया था। इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बिना स्वीकृति के रखे गए दिल्ली सरकार में सलाहकार, परामर्शदाता, सीनियर रिसर्च फैलो, विशेषज्ञ व अन्य पदों पर काम कर रहे 437 लोगों को पदों से हटा दिया था। इनकी नियुक्ति रोके जाने के बाद वित्त विभाग ने तुरंत वेतन को रोकने का आदेश दिया है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि यदि कोई प्रशासनिक विभाग इन्हें जारी रखना चाहता है तो तुरंत नियम के तहत उपराज्यपाल को आवेदन देकर मंजूरी ले सकता है। दिल्ली सरकार में अवैध नियुक्तियों की जांच हो: कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार की ओर से संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर विभिन्न विभागों में आम आदमी पार्टी से जुड़े 437 लोगों की उच्च वेतन पर अवैध नियुक्तियों की जांच की मांग की है। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने इन लोगों को दिए गए वेतन की आम आदमी पार्टी और संबंधित अधिकारियों से वसूल करने पर जोर दिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने दिल्ली सरकार में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके 437 आम आदमी पार्टी के समर्थकों को अप्रत्याशित वेतन के साथ भर्ती करने के मामले में उपराज्यपाल को पत्र लिखकर अपराधिक मुकदमा दर्ज करके जांच करने की मांग की, क्योंकि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मनमाने ढंग से नियुक्ति करके दिल्ली के युवाओं के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने पार्टी समर्थकों को प्रतिमाह अधिकतम 2.65 लाख और न्यूनतम 60 हजार रुपये वेतन पर आसीन करके अपराधिक काम किया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार से पहले दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने कभी भी अपने पद और पार्टी की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अवैध नियुक्तियां नहीं की।गंदे पानी की समस्या का स्थाई समाधान तलाशने में जुटा जल बोर्ड, उपाध्यक्ष ने मैराथन बैठक कर की समीक्षा 05 July 2023 नई दिल्ली:दिल्ली जल बोर्ड राजधानी के कुछ इलाकों में आ रही गंदे पानी की समस्या के समाधान करने के प्रयास में जुट गया है। बोर्ड आधुनिक तकनीक की मदद से समस्या के स्थाई समाधान के लिए एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। इसी कड़ी में बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने बुधवार को अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के विधायकों और अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मैराथन बैठक की। इस दौरान दूषित पानी की सप्लाई के प्रभावित क्षेत्रों की पहचान की गई और उनकी विस्तृत सूची तैयार की गई। इस मौके पर बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि दूषित पानी की समस्या से निपटने के लिए पारंपरिक तरीकों के बजाय आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इस कड़ी में बोर्ड ने हीलियम गैस या मॉडर्न कैमरा की मदद से पाइप लाइन के लीकेज का सही पता लगाकर उसे ठीक करने की संभावना का पता लगाने पर काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन सप्ताह पहले गंदे पानी की शिकायतों वाले क्षेत्रों की सूची बनाने का आदेश दिया था। पिछले दो सप्ताह में स्थानीय विधायकों के साथ मिलकर गंदे पानी की शिकायत वाले इलाकों के बोर के बारे में जानकारी इकट्ठी की गई और इन इलाकों की सूची तैयार की। बैठक में सूची की समीक्षा व सत्यापन किया गया और विचार- विमर्श कर नई सूची तैयार की गई। इस सूची के आधार पर प्राथमिकता तय करते हुए समस्या का समाधान कराया जाएगा। बैठक में बड़ी संख्या में संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। मनीष सिसोदिया की पत्नी तबीयत फिर बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती; डॉक्टर बोले- दिख रहे हैं गंभीर लक्षण 4 July 2023 नई दिल्ली:दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया की तबीयत खराब होने के बाद मंगलवार को दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिछले कुछ महीने के अंदर सीमा सिसोदिया को तीसरी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की माने तो सीमा सिसोदिया पिछले 23 साल से न्यूरो संबंधित बीमारी मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित हैं। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें दिमाग धीरे-धीरे शरीर पर से नियंत्रण खो देता है। बताया जा रहा है कि घर में अकेले रहने के कारण सीमा सिसोदिया के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा रहा है और तनाव के कारण उनकी सेहत और खराब हो गई है। डॉक्टरों के अनुसार, बीमारी के बढ़ने के कारण सीमा सिसोदिया का धीरे-धीरे अपने शरीर पर नियंत्रण कम होता जा रहा है। उन्हें आगे के इलाज और देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि दुनिया भर में मल्टीपल स्केलेरोसिस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है। कुछ प्रकार की दवाएं, फिजियोथेरेपी और ट्रीटमेंट के जरिये ही रोग की शुरुआत को धीमा और कंट्रोल किया जा सकता है। दिख रहे हैं गंभीर लक्षण डॉक्टरों ने बताया कि सीमा सिसोदिया में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। उनके चलने की क्षमता कम हो रही है। उन्हें खड़े होने पर अपना संतुलन बनाए रखने के दौरान गिरने का खतरा है। आंत और मूत्राशय नियंत्रण की भी समस्याएं हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सीमा सिसोदिया की शारीरिक स्थिति को देखते हुए उन्हें नियमित रूप से फिजियोथेरेपी और दवाइयों की जरूरत है ताकि बीमारी के लक्षण और उसके असर को कम किया जा सके।इंडिया गेट पर लोगों ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 Jun 2023 नई दिल्ली:आज पूरे विश्व में नौवां विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है। देशभर में अलग-अलग स्थानों पर योग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पूरे विश्व में योग दिवस की शुरुआत 2015 में हुई थी। इस साल योग दिवस की थीम वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर रखी गई है। इस थीम को आयुष मंत्रालय ने चुना है। योग शारीरिक व्यायाम का एक प्राचीन अभ्यास है। योग अभ्यासों में शारीरिक व्यायाम जिन्हें ‘आसन’ कहा जाता है। श्वास तकनीक और ध्यान शामिल हैं। योग मन, शरीर और आत्मा के बीच सामान्य कल्याण और सामंजस्य को बढ़ाने का प्रयास करता है। नई दिल्ली के इंडिया गेट लॉन में बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर लोगों ने योग किया। कब मनाया गया पहला योग दिवस? कोरोना काल के बाद योग का महत्व अधिक बढ़ गया। संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से लोग योग अभ्यास करने लगे। लेकिन इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 से हो गई थी। इस वर्ष ही पहली बार पूरे विश्व में योग दिवस मनाया गया था।योग दिवस का इतिहास 27 सितंबर 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार करते हुए महज तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया। जिसके बाद अगले वर्ष 2015 में पहली बार विश्व ने योग दिवस मनाया।21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस? योग दिवस को मनाने के लिए एक दिन सुनिश्चित किया गया, जो कि 21 जून है। 21 जून को योग दिवस के तौर पर मनाने की वजह भी है। इस तारीख को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं।अध्यादेश से दिल्ली हथियाने की कोशिश: केजरीवाल बोले- अधिकारी को बना दिया मंत्री का बॉस, इतिहास में ऐसा पहली बार 21 Jun 2023 नई दिल्ली:दिल्ली की चुनी हुई सरकार और नौकरशाही के बीच का टकराव थमता नहीं दिख रहा है। नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी की पहली बैठक के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री केंद्र व नौकरशाही पर भड़के। मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर भाजपा पर नौकरशाही के जरिये दिल्ली की सरकार चलाने का षडयंत्र रचने का आरोप तक लगा डाला। मुख्यमंत्री के मुताबिक, दिल्ली में अब चुनी हुई सरकार की नहीं, अफसरों की चलेगी। देश के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब नौकरशाह चुनी हुई सरकार चलाएंगे। उधर, अथॉरिटी की दूसरी बैठक 28 जून का मुख्यमंत्री आवास पर फिर से बुलाई गई है। अथॉरिटी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने अध्यादेश के जरिये चुनी हुई सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री यानी कैबिनेट के ऊपर अधिकारी बैठा दिया है। नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी में मुख्यमंत्री के निर्णय को पलटने के लिए मुख्यमंत्री के ऊपर दो अधिकारी बैठा दिया है। अब हर विभाग में अंतिम निर्णय मंत्री का नहीं होगा, बल्कि विभाग के सचिव का होगा। वहीं, कैबिनेट का कौन सा निर्णय सही है, यह भी मुख्य सचिव तय करेंगे। सारे निर्णय अफसर लेंगे और उन पर सीधे केंद्र सरकार का कंट्रोल होगा। इस तरह भाजपा दिल्ली में चुनाव हारने के बाद पिछले दरवाजे से दिल्ली सरकार को चलाना चाहती है। अधिकारी को मंत्री का बॉस बनाया गया मुख्यमंत्री का आरोप है कि दिल्ली में चार बार चुनाव हारने के बाद भाजपा दिल्ली सरकार के ऊपर कब्जा करने की कोशिश की। केंद्र ने इस अध्यादेश में कई ऐसे प्रावधान किए हैं, जिससे सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री ऊपर हर जगह एक अफसर को बैठा दिया गया है। अध्यादेश से अधिकारी को मंत्री का बॉस बना दिया है। कैबिनेट में भी मंत्री व मुख्यमंत्री की नहीं, मुख्य सचिव और एलजी की चलेगी। केंद्र ने कहने को एक अथॉरिटी बना दी है। इस अथॉरिटी में केंद्र सरकार के दो अफसर और मुख्यमंत्री शामिल है।पहली बार निर्वाचित सरकार के ऊपर होंगे अधिकारी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोकतंत्र ने चुनी हुई सरकार को अधिकारी रिपोर्ट करते हैं। उनका आरोप है कि यह पहली बार हो रहा है कि जब भाजपा की केंद्र सरकार ने साजिशन अफसरों को चुनी हुई सरकार के ऊपर कर दिया है। इनके ऊपर केंद्र सरकार का कंट्रोल है। केंद्र सरकार किसी अफसर का ट्रांसफर कर सकती है और किसी को भी सस्पेंड कर सकती है। अफसरों के ऊपर केंद्र सरकार का कंट्रोल है और अफसर मंत्रियों के ऊपर बैठेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अगर किसी भी विभाग में मंत्री कोई आदेश देगा, तो अफसर ये तय करेगा कि आदेश सही है या गलत है। मंत्री का आदेश सही न होने का बहाना बनाकर अधिकारी उसे मानने से इंकार कर सकता है। उनका सवाल है कि इस तरह से सरकार कैसे चलेगी? अगर हम दिल्ली में दो स्कूल बनाना चाहते हैं, लेकिन अफसर फाइल पर लिख दें कि दिल्ली में स्कूलों की जरूरत नहीं है तो फिर स्कूल नहीं बनेंगे।केजरीवाल सरकार ने टैक्सी ड्राइवरों को दी बड़ी राहत, 15 साल तक बढ़ाई CNG टैक्सियों की परमिट वैधता 20 Jun 2023 नई दिल्ली:दिल्ली परिवहन विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सीएनजी टैक्सियों के परमिट की वैधता को 15 साल तक बढाने का फैसला किया है। केजरीवाल सरकार के इस फैसले से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हजारों टैक्सी मालिकों को राहत मिलेगी। इन शर्तों के साथ लागू होंगे ये नियम दिल्ली परिवहन विभाग के आदेश में कहा गया है कि मोटर वाहन अधिनियम-1988, सीएवीआर-1989 और डीएमवीआर-1993 में निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करने वाली टैक्सियों पर ये नियम लागू होगा। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हमेशा टैक्सी चालकों के साथ खड़ी रही है। इस कदम से सभी टैक्सी चालकों को मदद मिलेगी। अब वे 15 वर्षों तक अपने सीएनजी वाहन को चला सकेंगे।'शीश महल देखने के लिए टिकट लगाएं केजरीवाल', सीएम आवास के बाहर भाजपा का धरना 1 may 2023 नई दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास की मरम्मत पर खर्च और उसमें कथित भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा ने दिल्ली सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अब दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री आवास के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है और केजरीवाल पर कोरोना महामारी के दौरान अपने बंगले में 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगया है। मुख्यमंत्री आवास की मरम्मते में करोड़ों खर्च करने का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार से सीएम आवास के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। विरोध के दौरान भाजपा कार्यकर्ता एक विशाल मंच पर अपने-अपने हाथों में तख्तियां लेकर बैठे हैं, जिसपर दिल्ली सरकार के विरोध में कई स्लोगन लिखे हुए हैं। साथ ही मंच पर एक काफी बड़ा पोस्टर भी लगा हुआ है। वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल पर सीएम हाउस पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया है। शीश महल देखने के लिए टिकट लगाएं केजरीवाल धरने में कार्यकर्ताओं के संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आग्रह करते हुए कहा कि वह अपने 'शीश महल' का दर्शन कराने की व्यवस्था करें। चाहे तो उसके लिए न्यूनतम शुल्क भी रख लें, क्योंकि देश की जनता उस शीश महल को देखने को लेकर उत्सुक है। खुद उनके पास देशभर से कई फोन कॉल आ रहे हैं और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री का शीश महल देखने की इच्छा जता रहे हैं। वह चांदनी चौक में मुख्यमंत्री के बंगला पुनर्निर्माण में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले को लेकर धरना प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। डॉ. हर्षवर्धन ने बंगले के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी लिए इस्टीमेट 10-10 करोड़ रुपये से कम का बनवाया। इसी तरह कई गोलमाल किए। इस विशाल धरना के बारे में बताते हुए रविवार को दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार एक अकर्मण्य और भ्रष्ट सरकार है। जो केवल अपने नेताओं की स्वार्थ सिद्धि एवं वोट बैंक निर्माण के लिये काम करती है। इसलिए भाजपा सरकार के इस घोटाले को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर रही है। सचदेवा ने कहा कि इस सरकार ने शिक्षा क्रांति की बात की तो वहां स्कूल रूम घोटाला किया, सार्वजनिक परिवहन की बात कही तो मेट्रो के चौथे फेज को लंबित किया और बस खरीद में घोटाला किया। स्वास्थ्य की बात की तो कोरोना काल में घोटाले किए। इसी तरह मुफ्त बिजली-पानी की बात की तो बिजली सब्सिडी घोटाला किया एवं दिल्ली जल बोर्ड को दिवालिया किया और दो मंत्री रहे घोटाले को लेकर जेल में हैं।नहीं भरा केजरीवाल का मन: सचदेवा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह आश्चर्य जनक है कि इतने घोटाले करके भी दिल्ली सरकार का मन नहीं भरा और अपने राजमहल रूपी बंगले को लेकर भी घोटाला कर दिया। इसमें शर्मनाक बात यह है कि यह घोटाला उस समय किया गया जब दिल्ली में कोरोना विकराल रूप में था और रोजाना सैंकड़ो लोगों की जान जा रही थी। हमारी मांग है कि मीडिया के माध्यम से भी दिल्ली वासियों को यह राजमहल रूपी बंगले को देखने का मौका केजरीवाल दें। इस अनिश्चितकालीन धरने में दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक से सांसद डॉ. हर्षवर्धन के साथ प्रदेश भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने इस धरने की शुरुआत की।CM केजरीवाल के आवास विवाद में एलजी ने 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट, आतिशी ने कार्रवाई को बताया असंवैधानिक 30 April 2023 नई दिल्ली:पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन से संबंधित रिकॉर्ड लिए उपराज्यपाल की ओर से मुख्य सचिव को निर्देश देने संबंधी लिखे पत्र पर आपत्ति जताई है। उन्होंने पत्र लिखने के मामले में को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों, संविधान के अनुच्छेद 239एए और जीएनसीटीडी एक्ट-1993 के ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस के नियम चार(दो) का उल्लंघन किया है। दरअसल, उपराज्यपाल के पास इस प्रकार की कार्रवाई के लिए निर्देशित करने की कोई शक्ति नहीं है। वह कानून को तोड़कर किसी अधिकारी को सीधे आदेश नहीं दे सकते हैं। आतिशी ने इस पूरे मामले में उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग से संबंधित सभी सरकारी कार्यों के लिए वह जिम्मेदार हैं। लिहाजा उपराज्यपाल का रिकॉर्ड को जब्त और कार्रवाई करने का निर्देश देने वाला पत्र न सिर्फ उनके कार्यालय के अधिकार क्षेत्र से पूरी तरह बाहर है, बल्कि दिल्ली सरकार के संबंधित मंत्री और मंत्रिपरिषद की शक्तियों को भी दरकिनार करता है। पत्र में लगाए गए आक्षेप और आरोप पूरी तरह निराधार व योग्यता से रहित है और राजनीतिक कारणों से लिखा गया है। आतिशी ने अपने पत्र में दिल्ली के शासन को लेकर संविधान का हवाला भी दिया है। इसे अनुच्छेद 239एए में शामिल किया गया है और राज्य (दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) बनाम भारत संघ और अन्य, (2018) 8एसीसी 501 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समझाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं और उन्हें कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 239एए की व्याख्या करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि 284.27 अनुच्छेद 239-एए (4) में नियोजित ‘सहायता और सलाह’ का अर्थ उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की ‘सहायता और सलाह’ मानने को बाध्य हैं और यह स्थिति तब तक सही है, जब तक उपराज्यपाल अनुच्छेद 239-एए के खंड (4) के प्रावधान के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करते हैं। उपराज्यपाल को कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को नियम 19(5) के तहत मंत्रिपरिषद की ओर से लाए गए फैसलों के बारे में जानकारी मांगने का अधिकार है, लेकिन एलजी को किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने के लिए निर्देशित करने की कोई शक्ति नहीं है। उपराज्यपाल कार्यालय बिना मंत्रीपरिषद की सलाह और सहायता के ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकता है। उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह अपने पत्र को वापस लें और दिल्ली व लोगों के लिए संविधान द्वारा निर्धारित शासन व्यवस्था को बहाल करें। उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद 239एए के तहत संवैधानिक योजना का लगातार स्थानांतरण दिल्ली के लोगों के लोकतांत्रिक जनादेश को नगण्य कर देगा। दिल्ली की शिक्षा मंत्री बोलीं- जो काम करने की BJP कल्पना नहीं कर सकती...वो हमने कर दिखाया 21 April 2023 नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के स्कूलों में आज रविवार को पहली बार संयुक्त रूप से मेगा पीटीएम का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी के एक हजार से अधिक सरकारी स्कूलों और निगम के 1532 स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) के आयोजन के लिए स्कूल प्रशासन की ओर से खास तैयारी की गई है। "अब बदलेगी एमसीडी के स्कूलों की सूरत" दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में आज एमसीडी और दिल्ली सरकार के स्कूलों में एक साथ मेगा पीटीएम (PTM) हो रही है। जिस तरह दिल्ली सरकार के स्कूलों को सभी बच्चों, टीचर्स और अभिभावकों के साथ मिलकर बदला है, ऐसे ही अब एमसीडी के स्कूलों को भी मिलकर बदलेंगे।" इसी कड़ी में दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने राजधानी के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर विपक्षी दल भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, "पहली बार, दिल्ली सरकार और MCD के सभी स्कूलों ने साथ मिलकर #दिल्ली_की_मेगा_PTM का आयोजन किया है। शिक्षा के लिए जो काम भाजपा करने की कल्पना भी नहीं सकती थी, वो काम अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत आम आदमी पार्टी ने एमसीडी की सत्ता में आते ही कर दिया है। अब हर अभिभावक बच्चों की शिक्षा में भागीदार बनेगा।" गौरतलब है कि शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को इसे आयोजित करने के लिए कहा था। निदेशालय के अधिकारी ने कहा था कि मेगा पीटीएम तीसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए आयोजित हो रही है। इसमें कक्षा शिक्षक प्रत्येक छात्र के अभिभावक को मिशन बुनियाद कार्यक्रम के साथ बच्चे की मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के बारे में बताएंगे। वहीं, शिक्षकों ने बच्चे के पढ़ने और बुनियादी गणित करने के स्तर का जो डाटा एकत्रित किया था, उसे वे अभिभावकों के साथ साझा करेंगे। शिक्षकों को इस दौरान अभिभावकों को यह भी समझाना होगा कि छात्रों में मूलभूत शिक्षण कौशल का निर्माण करना और नियमित स्कूल भेजना कितना महत्वपूर्ण है। इस दौरान अभिभावकों को समर कैंप के बारे में भी बताया जाएगा। जामा मस्जिद स्थित सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि मेगा पीटीएम के लिए सभी अभिभावकों को सूचना दे दी गई है। इसमें हर छात्र के बारे में उनके अभिभावकों को बताया जाएगा। छात्रों की पिछली कक्षा में उनकी पढ़ने व गुणा-भाग करने की स्थितियों की समीक्षात्मक रिपोर्ट भी अभिभावकों को बताई जाएगी। अगली कक्षा में छात्र कैसे इसे बेहतर कर सकते हैं इसके बारे में बताया जाएगा। जीनत महल के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि स्कूल के सभी शिक्षक पीटीएम के दौरान प्रत्येक अभिभावक को पांच से 10 मिनट देंगे। MCD के स्कूलों का होगा कायाकल्प, दिल्ली सरकार ने जारी किए 400 करोड़ रुपये 21 April 2023 नई दिल्ली:दिल्ली सरकार ने बजट 2023-24 में शिक्षा के लिए तय की गई 1700 करोड़ की अनुदान राशि में से पहली किस्त जारी कर दी है। इसके तहत 400 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। शिक्षा मंत्री आतिशी और महापौर डा. शैली ओबेराय ने दिल्ली सरकार द्वारा जारी अनुदान की पहली किस्त की जानकारी प्रेसवार्ता के माध्यम से दी। दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता में आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तर्ज पर निगम स्कूलों के सुधार के लिए यह राशि दी गई है। इससे निगम स्कूलों में पढ़ने वाले नौ लाख विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा मिलने में मदद मिलेगी। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के लिए शिक्षा हमेशा से प्राथमिकता में रही है। आप सरकार के आने के बाद से ही बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को दिया गया है। दिल्ली में ज्यादातर प्राथमिक स्कूल (पांचवीं तक के) एमसीडी के अंतर्गत आते हैं। पिछली सरकारों में एमसीडी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा यह रहा कि एमसीडी के स्कूलों से जो बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा छह में आते हैं, उनमें से बहुत से बच्चों को पढ़ना-लिखना भी नहीं आता है। उन्होंने कहा कि एमसीडी स्कूलों का काम पहली से पांचवीं तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करना है। इसके तहत यह बजट मुहैया कराया जा रहा है। शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हम रोज समस्याएं देखते हैं कि एमसीडी के शिक्षक धरने पर बैठे हैं। उन्हें वेतन नहीं मिला है। एमसीडी के स्कूलों में सफाई नहीं होती है और बच्चों के बैठने के लिए डेस्क नहीं हैं। इन सब समस्याओं का जवाब आता था कि एमसीडी के पास पैसे नहीं हैं। इसके तहत 1700 करोड़ रुपये निगम को दिया जाएगा। इसकी पहली तिमाही में 400 करोड़ का फंड जारी किया गया है। इससे एमसीडी स्कूलों के फंड की समस्या दूर हो जाएगी। महापौर डा. शैली ओबेराय ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री आतिशी एमसीडी को फंड देने के लिए हम आभारी हैं। हमने एमसीडी स्कूलों का दौरा किया तो पाया कि एमसीडी के अधिकतर स्कूल बहुत ही जर्जर स्थिति में हैं, जिन्हें मरम्मत की बेहद जरूरत है। एमसीडी के स्कूल बहुत-सी कमियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में यह बजट निगम स्कूलों के सुधारने में मददगार साबित होगा। महंगाई की मार झेल रहे दिल्ली के श्रमिकों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए दिल्ली के श्रम मंत्री राजकुमार आनंद ने गुरुवार को अकुशल, अर्ध कुशल और कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन बढ़ाने का आदेश जारी किया है। इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा। दिल्ली सरकार द्वारा बढ़ाई गई न्यूनतम वेतन की नई दर के अनुसार अब कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 20,357 रुपये से बढ़ाकर 20,903 रुपये करते हुए 546 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18,499 रुपये से बढ़ाकर 18,993 रुपये कर 494 रुपये की बढ़ोतरी की है। वहीं, अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन में 16,792 रुपये से बढ़ाकर 17,234 रुपये करते हुए 442 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में घर-घर फ्री में पौधे और गमले देने जा रही केजरीवाल सरकार, हरियाली को मिलेगा बढ़ावा 19 April 2023 नई दिल्ली:अरविंद केजरीवाल सरकार हरियाली को बढ़ाने के लिए लोगों को फ्री में छोटे पौधे और गमले देने जा रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि लोगों के दरवाजे पर मुफ्त में छोटे पौधे और गमले उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। इसके लिए हर वार्ड में सर्वे किया जा रहा है। पीटीआई के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि पौधों की प्रजातियों की पहचान करने के लिए एक टीम का गठन किया जा रहा है, जिनकी रोपाई के बाद उच्च मृत्यु दर होती है और उनकी उत्तरजीविता दर में सुधार के लिए स्थानांतरित पेड़ों पर मिट्टी के प्रकार और अन्य कारकों के प्रभाव का पता लगाया जाता है। दिल्ली में बढ़ा हरित वातावरण बता दें कि भारती के नवीतम वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का हरित वातावरण इसके भौगोलिक क्षेत्र के 21.88 प्रतिशत से बढ़कर 23.06 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, गोपाल राय ने कहा कि सरकार शहरी खेती जैसी वैकल्पिक मॉडल की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और दिल्ली नगर निगम घर-घर फ्री में पौधे और गमले उपलब्ध कराने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है।हर वार्ड में हो रहा है सर्वे गोपाल राय ने आगे कहा कि हम वार्ड वाइज सर्वे कराकर पूछ रहे हैं कि उन्हें किस प्रकार के पौधे चाहिए। मैंने अपने विधानसभा क्षेत्र में सर्वे करवाया है। अगर प्रोजेक्ट सफल हो गया तो ग्रीन बेल्ट के लिए विकल्प तैयार करने में सफल होंगे। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि कुछ प्रजातियों के पौधों की जीवित रहने की दर बहुत कम है। साथ ही कुछ क्षेत्रों में मिट्टी वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि उन प्रजातियों के पौधे की पहचान के लिए एक टीम बनाई जा रहे है, जिनकी रोपाई के बाद जीवित रहने की दर बहुत कम है। खास बात है कि पिछले साल मई में दिल्ली हाईकोर्ट में वन विभाग ने बताया कि पिछले तीन साल में लगाए गए 16,461 पेड़ों में मात्र 33.33 प्रतिशत पेड़ ही जीवित रहे हैं।मिलिए दिल्ली की ललिता 'मां' से, GB रोड की यौन कर्मियों के बच्चों को 30 साल से दे रहीं शिक्षा 19 April 2023 नई दिल्ली:जीबी रोड। यहां अदाएं बिकती हैं। जिस्म का सौदा होता है। मजबूरियों की बुनियाद से आज पेशा बन चुके इस मोहल्ले में ममता फिर भी खुलकर सांस लेती है। कह सकते हैं गनीमत है ममता के पालने का संरक्षण करने वाला कोई है। कभी सोचा है इनके बच्चों का क्या होता होगा? लेकिन ईश्वर ने जीवन दिया है तो उसकी अंगुली थामने वाला कोई न कोई हाथ भी जरूर बनाया है। तीन दशक पहले मूल रूप से कर्नाटक की ललिता ने इन बच्चों के अधिकार के लिए ये शुरुआत की थी। ये पहल आज तीन हजार से अधिक बच्चों का जीवन संरक्षित कर चुकी है। बच्चों का पालन-पोषण, शिक्षा-दीक्षा, संस्कार, विवाह सब जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है। यहां के बच्चे दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेज में पढ़ रहे हैं और कई बेटे-बेटियां तो अपनी मांओं को यहां से निकाल कर ले गए और एक स्वस्थ घरेलू जीवन जी रहे हैं। जीबी रोड की गलियों में कोठों पर पड़े पर्दों की दीवारों के बीच आपको एक कोना बचपन का भी दिखेगा, जहां एक समय में 85 से अधिक बच्चे एक साथ रह सकते हैं। सोचिए दो वर्ष से 18 वर्ष तक इन बच्चों की परवरिश कितनी बड़ी चुनौती होगी। लेकिन एक ‘मां’ ने तीस साल पहले जो जिम्मा लिया उससे अपनी उम्र के 65 वर्ष के पड़ाव पर भी थकने नहीं दिया और संबल ही दिया। उनके द्वारा पोषित, संरक्षित किए गए बच्चों से युवा बन चुके आज उनके साथ हाथ थामे इस मुहिम को बढ़ाने में भी भूमिका निभा रहे हैं। कोठे-कोठे जाकर बच्चों की हिम्मत बंधाई ललिता यौन कर्मियों के बच्चों का ही संरक्षण करने के विषय में बताती हैं कि मैं महिला एवं बच्चों से जुड़े कार्य कर्नाटक में एक संस्था में करती थी। 1988 में एक बार दिल्ली आना हुआ। उसी दौरान एक डाक्टर रेड लाइट एरिया में सेक्स वर्कर्स पर काम करना चाहते थे। मुझे जीबी रोड भेजा गया, वहां एक आदमी उन बच्चों को पीट रहा था, तभी एक सेक्स वर्कर आई और मेरे आगे हाथ जोड़कर रोते हुए अपने बच्चे के जीवन उद्धार की विनती करने लगी। उस दिन मैंने संकल्प लिया जो मुझे आज हजारों बच्चों की ममता से बांधे हुए है।परिवार का भी पूरा साथ मिला शुरुआत में तीन साल तक कोठे-कोठे जाकर, सेक्स वर्कर्स से बात करती थी, उनके बच्चों को उनके सामने देखरेख करती थी। बच्चों को अच्छी बातें सिखाना, शिक्षित करना अच्छे संस्कारों से पोषित करने लगी तो वे मुझसे जुड़ने लगे। तब एक आत्मीयता संबंध बन जाने के बाद वर्ष 1991 में सोसाइटी फार पार्टिसिपेटरी इंटीग्रेटेड डेवलप्ड- (एसपीआईडी-एसएमएस) बच्चों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित स्थान के रूप में बनाया गया। है। मैं उन यौन कर्मियों से एक ही बात कहती थी कि इन बच्चों का क्या दोष है इन्हें अपना जीवन मिलना चाहिए। इन्हें साहसी और आत्मनिर्भर बनाना है।उत्तर पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी की 11 प्रमुख सड़कों को सुंदर और मजबूत बनाएगी दिल्ली सरकार, जानिए सरकार ने क्या की है प्लानिंग? 8 April 2023 नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के अनुसार इन सड़कों में रोहिणी सेक्टर 9 स्थित अहिंसा मार्ग,सेक्टर 9 के इंटरनल रोड, सेक्टर 14 में बाबोसा चौक से तुलसी अपार्टमेंट, रिंग रोड से महेश्वरी अपार्टमेंट व आउटर रिंग रोड (ओआरआर) से रोड नंबर बी-5 तक की सड़क, सेक्टर 20 में पॉकेट-14 से पॉकेट सी-1, पॉकेट 10 से पॉकेट पॉकेट डी-4 तक की सड़क, सेक्टर 21 में पॉकेट 8 से पॉकेट 9, पॉकेट बी-2 से पार्क, पॉकेट 13 से पॉकेट 9 व पॉकेट 5 से पॉकेट 6 तक की सड़क शामिल है। इस प्रोजेक्ट में सड़कों की मजबूती पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही इन सड़कों पर सभी मानकों का पालन करते हुए अच्छी गुणवत्ता की रोड मार्किंग भी की जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा इन रोड स्ट्रेच के सुदृढ़ीकरण, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज के साथ मानकों का ध्यान रखते हुए लेन मार्किंग, पैरापेट की दीवारों व रेलिंग के पेंट वर्क का कार्य भी किया जाएगा। प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए, पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से रोहिणी में सड़कों की स्थिति बेहतर होगी, जिससे वे अधिक टिकाऊ बनेंगी। इसके अलावा सौंदर्यीकरण के साथ ये क्षेत्र की खूबसूरती को बढ़ाएंगे। इन सड़कों के सुदृढ़ीकरण से रोजाना रोहिणी और उसके आसपास के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा, मुख्यमार्ग से कालोनियों तक की इंटर-कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। 'सड़कों को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का किया जाता है उपयोग' दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी में सड़कों को बेहतर बनाने के साथ दिल्ली के नागरिकों के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में शहर में सड़कों की स्थिति को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए हम योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं। इस योजना में विशेषज्ञों द्वारा सड़कों का मूल्यांकन, सड़कों की मरम्मत और उन्हें मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। जिससे ये सुनिश्चित हो सकें कि वे ये सड़कें भारी यातायात और किसी भी मौसम का सामना कर सकें।दिल्ली सरकार कर रही है राजधानी में 100 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की तैयारी, जानिए क्या है सरकार की योजना? 6 April 2023 नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के अनुसार इस बैठक में बिजली मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली विभाग और दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) सक्रियता के ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के सभी मुद्दों को तुरंत हल करें और अप्रैल के अंत तक 50 व जुलाई के अंत तक सभी 100 ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाकर तैयार करें। उन्होंने निर्देश दिए कि ईवी चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण में तेजी लाई जाए और टाइमलाइन का पालन करते हुए काम पूरा किया जाए। इस मौके पर बिजली मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से दिल्ली, पिछले सालों में देश के इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) कैपिटल के रूप में उभरी है। इस दिशा में दिल्ली में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए हम शहर भर में 100 ईवी चार्जिंग स्टेशन का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के साथ शहर के हर हिस्से में शानदार और सुलभ ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा। जहां प्रति यूनिट चार्जिंग की लागत देश ही नहीं दुनिया में सबसे कम होगी और लोगों को ईवी चार्जिंग के लिए प्रति यूनिट 3 रुपए से भी कम खर्चने होंगे। 'राजधानी में बिकने वाले कुल वाहनों में से 16.7 फीसदी ईवी की हिस्सेदारी रही' वहीं, समीक्षा बैठक में बिजली मंत्री ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली, भारत की ईवी क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इसका उदाहरण है कि दिसंबर 2022 में राजधानी में बिकने वाले कुल वाहनों में से 16.7 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की हिस्सेदारी रही, जो देश में सर्वाधिक है। बिजली मंत्री ने कहा कि दिल्ली में अब जब लोगों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग इतनी तेजी से बढ़ रही है, तो जरूरत को देखते हुए हम राजधानी में 100 ईवी चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण कर रहे हैं। जिससे लोगों को शहर भर में अपने आस-पास चार्जिंग स्टेशन मिल जाए और उन्हें चार्जिंग को लेकर किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। सीएम अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी के स्कूलों को लेकर की समीक्षा बैठक, जानिए अधिकारियों को स्कूलों की व्यवस्था को लेकर किया दिए निर्देश? 6 April 2023 नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के अनुसार इस बैठक में सीएम ने एमसीडी की शिक्षा प्रणाली की वर्तमान स्थिति का आकलन किया और उन क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दिया, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। सीएम ने एमसीडी के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को प्रेरित करने और उन्हें दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की तरह ही अच्छी ट्रेनिंग देने की आवश्यकता पर जोर दिया। सीएम ने निर्देश दिया कि एमसीडी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को अगले पांच साल के अंदर विश्वस्तरीय बनाया जाए। सीएम ने अधिकारियों को सभी स्कूलों की बिल्डिंग शानदार बनाने के साथ ही हर स्कूल में एक एस्टेट मैनेजर, आईटी सहायक और सुरक्षा गार्ड तैनात करने का भी निर्देश दिया। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह ही एमसीडी के स्कूलों को भी बदलने की जरूरत है। हमारे बच्चों के अंदर प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर एमसीडी से इन बच्चों को पर्याप्त सहयोग दे तो ये बच्चे अपनी प्रतिभा को साबित कर पूरे देश का नाम उंचा करेंगे। सीएम ने कहा कि स्कूलों के बुनियादी ढांचे, शिक्षकों की ट्रेनिंग और छात्र कल्याण के साथ शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर ध्यान देने से एमसीडी स्कूलों के अंदर बदलाव लाने में काफी मदद मिलेगी। एमसीडी के 1,578 स्कूलों में पढ़ते हैं 8.76 लाख बच्चे दिल्ली सरकार के अनुसार एमसीडी के स्कूलों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में एमसीडी के अधिकारियों ने सीएम को जानकारी दी कि दिल्ली में एमसीडी के 1,578 स्कूल हैं। इन स्कूलों में करीब 8.76 लाख बच्चे पढ़ते हैं। 1,578 स्कूलों में से 342 स्कूल दो शिफ्टों में चलते हैं। दिल्ली में 1,185 साइटों पर एमसीडी के स्कूल चलते हैं। इनमें से 126 स्कूल पक्की इमारत नहीं है और लगभग 200 स्कूलों की बिल्डिंग की मरम्मत की आवश्यकता है। इस दौरान स्कूलों में सुरक्षा गार्डों की अनुपस्थिति, शौचालयों की खराब हालत, स्कूलों में साफ-सफाई की कमी, शिक्षकों व प्रधानाचार्यों पर काम का अधिक बोझ और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की कमी जैसे अन्य मुद्दों की पहचान की गई। सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया दो मंत्रियों का इस्तीफा हुआ एक साथ 1 Mar 2023 नई दिल्ली:सत्येंद्र जैन कई महीनों से जेल में बंद हैं लेकिन इसका असर दिल्ली सरकार और पार्टी के भीतर अधिक नहीं पड़ रहा था। अब मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पार्टी और सरकार दोनों के भीतर बड़ा संकट हो गया है। यह संकट उस वक्त और भी बड़ा हो गया जब सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा होता है। सत्येंद्र जैन से कहीं अधिक झटका मनीष सिसोदिया के इस्तीफे से लगा। 18 महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी थी उनके पास थी और सत्येंद्र जैन बिना विभाग वाले मंत्री। यहां सिर्फ विभागों की ही बात नहीं है। सीएम केजरीवाल किस कदर उन पर भरोसा करते हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है। कई मौकों पर इस बात का वह जिक्र भी कर चुके हैं। मंत्रियों के इस्तीफे के बाद बुधवार सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। अब ऐसे में सवाल है कि क्या कोई दूसरा सीएम केजरीवाल के लिए 'सिसोदिया' बन पाएगा। मनीष सिसोदिया के सरकार में नहीं रहने से एक बड़ा वैक्यूम क्रिएट हो गया है। अब तक मंत्रालयों के हिसाब से देखा जाए तो केजरीवाल और सिसोदिया के बाद तीसरे नंबर पर कैलाश गहलोत की बारी आती थी। कैलाश गहलोत कुछ समय पहले तक दिल्ली सरकार के तीसरे सबसे बड़े मंत्री थे। अब सिसोदिया के महत्वपूर्ण वित्त विभाग की जिम्मेदारी उनको दी गई है। यह भी तय माना जा रहा है कि इसी महीने पेश होने वाला बजट उनकी ओर से पेश किया जाए। अब तक महत्वपूर्ण परिवहन विभाग की जिम्मेदारी वह संभाल रहे थे। डीटीसी बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाए जाने पर इनका फोकस है। परिवहन के साथ ही पर्यावरण मंत्रालय की भी जिम्मेदारी उनके पास है। दिल्ली में प्रदूषण की समय किसी से छिपी नहीं है। कैलाश गहलोत का जन्म 22 जुलाई 1974 को हुआ था। वह दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह नजफगढ़ के मित्राऊं गांव के रहने वाले हैं। 2015 में उन्होंने दिल्ली विधानसभा का पहला चुनाव जीता था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। दिल्ली का नजफगढ़ क्षेत्र हरियाणा की सीमा से सटा है। इसलिए यहां इनेलो का प्रभाव भी देखा जा सकता है। 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस सीट पर आम आदमी पार्टी के कैलाश गहलोत ने इनेलो प्रत्याशी भरत सिंह को हराया था। पिछले चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को कैलाश गहलोत ने मात दी। दिल्ली में कई मौको पर ऑड-ईवन स्कीम को लागू कराकर कैलाश गहलोत चर्चा में आए। इसके साथ ही डीटीसी बसों में महिलाओं की फ्री सफर की योजना भी काफी कारगर रही। AAP ने फिर किया सुपड़ा साफ 11 February 2020 दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों से साफ है कि दिल्लीवासियों ने अगले पांच साल अपनी सेवा के लिए आम आदमी पार्टी को चुना है। भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनावों से बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन वह बहुत पीछे है। 2020 के विधानसभा चुनावों का पहला नतीजा भी आम आदमी पार्टी के पक्ष मे रहा है। सीलमपुर से अब्दुल रहमान ने भाजपा के कौशल कुमार मिश्रा को हराया है। कांग्रेस के चौधरी मतीन अहमद तीसरे नंबर पर रहे। बाकी सीटों के नतीजे भी जल्द घोषित होंगे। वैसे इस बार भी आम आदमी पार्टी का दावा सबसे बड़ा था, क्योंकि 2015 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। AAP को 70 में से 67 सीट मिली थी और भाजपा के उम्मीदवार सिर्फ 3 सीट पर जीत पाए थे। कांग्रेस तो खाता भी नहीं खोल पाई थी। शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन, कांग्रेस में शोक 20 July 2019 नई दिल्ली। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन हो गया है। वे 81 साल की थीं। शीला बीमार चल रही थीं और दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती थीं। डॉक्टरों के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने से इनका निधन हुआ है। शीला की गिनती दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी। अब उनके पार्थिव शरीर को अकबर रोड़ स्थित निवास पर ले जाया जाएगा और परिवार के लोग अंतिम संस्कार को लेकर फैसला करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है। मोदी ने ट्वीट कर शीला के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की है। कांग्रेस में शीला दीक्षित का कद कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे दिल्ली में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं। बतौर सीएम 15 साल यानी 1998 से 2013 तक दिल्ली में उनका सिक्का चलता था। हालांकि दिसंबर 2013 में अरविंद केजरीवाल के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 में पार्टी ने उन्हें केरल राज्यपाल बना दिया, लेकिन शीला ने 25 अगस्त 2014 को इस पद से इस्तीफा दे दिया और सक्रिय राजनीति में लौट आईं। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार मन बनाया था कि शीला को सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाए। हालांकि बाद में पार्टी ने फैसला बदल लिया। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जब पार्टी को दिल्ली में उनकी जरूरत पड़ी तो पार्टी ने राज्यपाल बनाने के बाद फिर उन्हें सक्रिय राजनीति में लाने का फैसला किया। 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने उत्तर पूर्व दिल्ली सीट से लड़ा था, जहां भाजपा ने अपने दिल्ली अध्यक्ष और भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी को मैदान में उतारा था। मनोज तिवारी ने यहां से बहुत बड़ी जीत दर्ज की। उत्तर-मनोज तिवारी ने 3 लाख 66 हजार वोटों से शीला दीक्षित को हराया था। बगैर बैंड, बाजा, बारात के IAS दूल्हे ने थामा IRS दुल्हन का हाथ, दिया सादगी का संदेश 9 February 2019 गाजियाबाद। शादी समारोह में अक्सर अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च किया जाता है। रस्मो-रिवाज के नाम पर दिल खोलकर पैसा लुटाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संपन्न होने के बावजूद सादगी से विवाद संपन्न करते हैं और समाज में रखते हैं एक बेहतर मिसाल। ऐसा ही उम्दा उदाहरण पेश किया है दो आला अधिकारियों ने। उनकी शादी तौर तरीके से हुई, लेकिन बैंड-बाजे और दूसरे खर्चीले तामझाम उसमें नदारद थे। कविनगर के रहने वाले नवीनकुमार चंद्र और राजस्थान के सुजानगढ़ की रहने वाली रंजना कुमारी 2017 बैच के सरकारी अधिकारी हैं। नवीन ने 2017 में आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) की परीक्षा पास की थी, वहीं रंजना ने भी 2017 में ही आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) की परीक्षा पास की थी। इन दोनों की ट्रेनिंग अभी मसूरी एकेडमी में चल रही है। दोनों ने गाजियाबाद के तहसील कार्यालय में सादगीभरे अंदाज में एकदूसरे का साथ निभाने का वचन दिया। शादी में केवल दोनों के माता-पिता और करीबी लोग शामिल थे। बुधवार को करीब 12:30 दोनों सदर तहसील में पहुंचे और अपने परिवार के सामने सब-रजिस्ट्रार प्रथम रवींद्र मेहता के कार्यालय में शादी की। शादियों में फिजूलखर्ची रोकने का सन्देश देने के लिए दोनों ने इस तरह शादी की। नवीन एक मध्यम-वर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता रामदेव गाजियाबाद में सेतु निगम में अकाउंटेंट और मां स्वर्णलता टीचर हैं। बेटे के आईएएस बनने पर दूर-दूर से रिश्ते आने लगे थे लेकिन पिता ने बेटे की इच्छा के अनुसार उसकी शादी की। उनके पिता का कहना है कि बेटे के बड़ा अधिकारी बनने के बाद उन्हें पांच-पांच करोड़ रुपए के दहेज के भी प्रस्ताव मिले लेकिन उन्होंने मना कर दिया। नवीन का मानना था कि शादी में फिजूलखर्च से न केवल लड़की के परिवार पर बोझ पड़ता है बल्कि पैसों का दुरुपयोग भी होता है। वहीं रंजना भी समाज में ऐसी प्रथा के खिलाफ हैं और वो भी नवीन कि तरह अपनी शादी सादगी से करना चाहती थीं। सीएम केजरीवाल के घर के बाहर से चोरी हुआ टू-व्हीलर, तीन दिन में दूसरी घटना 4 February 2019 नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक कर्मचारी के मुताबिक उसका दोपहिया वाहन रविवार को सीएम के घर के बाहर से चोरी हो गया था। अधिकारियों ने आरोप लगाया कि यह दिल्ली पुलिस की लापरवाही के कारण हुआ क्योंकि पिछले यहां तीन दिन में यह दूसरी चोरी की घटना है। पुलिस के मुताबिक, शाम लगभग 6.30 बजे उन्होंने चोरी की सूचना मिली। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और पीड़ित की शिकायत पर चोरी का मामला दर्ज किया। जिसका वाहन चोरी हुआ है उसकी पहचान अमित कुमार के रूप में हुई जो कि कैंप कार्यालय में स्पेशल असिस्टेंट के रूप में काम करता है। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) नूपुर प्रसाद ने कहा, 'हम आरोपियों का पता लगाने के लिए आसपास के क्षेत्र से सीसीटीवी फुटेज चेक कर रहे हैं। आईपीसी की धारा 379 के तहत मामला दर्ज किया गया है।' सीएम कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि सीएम के घर के पास चोरी की बार-बार घटनाएं हुई हैं और यह कार्यालय के आसपास की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता थी। अधिकारी के मुताबिक, '1 फरवरी को, किसी ने पार्टी कार्यकर्ता की कार का शीशा तोड़ दिया और कीमती सामान, नकदी और कुछ दस्तावेज सहित भाग गए। दूसरी घटना रविवार को हुई। पुलिस इनमें से किसी भी मामले में आरोपियों का पता लगाने में सक्षम नहीं है।' हालांकि, डीसीपी प्रसाद ने कहा कि उन्हें 1 फरवरी को चोरी की कोई कॉल रिपोर्टिंग चोरी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा, 'हमें पहली चोरी के बारे में कोई शिकायत या पीसीआर कॉल नहीं मिली है। जैसे ही हमें कोई शिकायत मिलती है हम मामले की जांच करेंगे।' बता दें कि अक्टूबर 2017 में, एक ब्लू वैगनआर कार जिसे अरविंद केजरीवाल ने 2015 के विधानसभा चुनाव तक इस्तेमाल किया था, दिल्ली सचिवालय के बाहर से चोरी हो गई थी। प्रदूषण 25 फीसदी कम हुआ तो 3 साल और बढ़ जाएगी दिल्ली वालों की उम्र 30 January 2019 नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते पर्यावरण संकट का असर जनजीवन पर पड़ने लगा है। इससे दिल्ली में रहने वाले लोगों की उम्र कम हो रही है। एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। माना जा रहा है कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत अगले पांच वर्षों में यदि दिल्ली के प्रदूषण स्तर में 20-30 फीसद की कमी भी कर ली जाए तो दिल्ली वालों की उम्र करीब तीन वर्ष बढ़ जाएगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने बीते जनवरी को 2017 को आधार वर्ष मानते हुए अगले पांच वर्षों में हवा की गुणवत्ता में 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि के लिए एनसीएपी शुरू किया था। एनसीएपी ने देश के 102 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई तरह के प्रस्ताव दिए हैं। एनसीएपी द्वारा किए गए सर्वे के बाद 102 शहरों में औसत से अधिक प्रदूषण का स्तर पाया गया था। एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स रिपोर्ट के अध्ययन के अनुसार, अगर ये शहर प्रदूषण कम करने के एक्शन प्लान को पूरी तरह से लागू करते हैं तो इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई है यदि सभी 102 शहरों में 25 प्रतिशत प्रदूषण में कमी आई तो उनका पीएम 2.5 का स्तर 2016 के मुकाबले 14 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर कम हो जाएगा। इससे लोगों की उम्र में करीब 1.4 साल की बढ़ोतरी हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 102 शहरों में 25 प्रतिशत प्रदूषण में कमी होने पर उत्तर प्रदेश के 13 शहर, बिहार के दो शहर और दिल्ली के लोगों की उम्र में करीब तीन वर्ष की बढ़ोतरी हो जाएगी। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में इंडेक्स बनाने वाले प्रोफेसर माइकल ग्रीनस्टोन का भी कहना है कि एनसीएपी को सफलतापूर्वक लागू करने से सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में लोगों की उम्र में तीन वर्ष की बढ़ोतरी होगी। एनसीएपी में इतनी क्षमता है कि वह भारतीय पर्यावरण नीति में मील का पत्थर साबित हो सकती है। एम्स के डॉक्टर बन गए थ्री इडियट्स, जुगाड़ से बचाई बच्चे की जान 29 January 2019 नई दिल्ली। फिल्म "थ्री इडियट्स" तो आपने देखी ही होगी, जिसमें जुगाड़ से प्रसव कराते दिखाया गया है। कुछ इसी तरह का कमाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने हकीकत में करते हुए स्मार्टफोन की रोशनी में गंभीर बीमारी से पीड़ित एक बच्चे की सांस नली में ट्यूब डालने में सफलता पाई। एम्स की इस जुगाड़ तकनीक को अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल क्रिटिकल केयर में रिपोर्ट की गई है। एम्स में तीन माह पहले एक बच्चे को गंभीर हालत में इलाज के लिए लाया गया था। संस्थान के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. अनिमेष राय ने बताया कि उसे एक्यूट इंफ्लामेटरी डीमाइलिनेटिंग पॉलीन्यूरोपैथी (एआईडीपी) नामक बीमारी थी। बच्चे का शरीर पैरालाइज हो गया था और हाथ-पैर कमजोर हो गए थे। वह ठीक से सांस तक नहीं ले पा रहा था। टाइप-2 रेस्पिरेटरी फेल्योर के कारण उसका श्वसन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पा रहा था, जिससे शरीर में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई थी। उसे सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में लंबे समय के लिए वेंटिलेटर सपोर्ट देना जरूरी था। ऐसा करने के लिए पहले उसके गले में एक ट्यूब डालने की जरूरत थी, जिसे ऑक्सीजन की ट्यूब से जोड़ा जा सके। आईसीयू में ब्रांकोस्कोप की मदद से यह प्रोसिजर शुरू की गई। इसी बीच अचानक ब्रांकोस्कोप से जुड़ा बल्ब फ्यूज हो गया। यह तब हुआ जब ब्रांकोस्कोप व निडिल मरीज की सांस की नली के अंदर थे। बल्ब फ्यूज होने से डॉक्टर सांस की नली के अंदर की स्थिति नहीं देख पा रहे थे। अब डॉक्टरों के सामने दो ही विकल्प थे। या तो वे प्रोसिजर बीच में ही छोड़ दें या फिर ब्रांकोस्कोपी की मदद के बगैर सर्जरी ट्यूब डालें। लेकिन, ब्रांकोस्कोपी की ट्यूब को निकालने से भी मरीज को परेशानी हो सकती थी। इसलिए डॉक्टरों ने तीसरा रास्ता अपनाया। उन्होंने लाइट के स्रोत से जुड़े ब्रांकोस्कोपी के ट्यूब को निकालकर पास मौजूद मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट के पास फिक्स कर दिया। इससे रोशनी गले के अंदर जाने लगी। डॉ. राय ने बताया कि मोबाइल की फ्लैश लाइट काफी मददगार साबित हुई और प्रोसिजर पूरी तरह से सफल रही। वह मरीज 20 दिनों तक आईसीयू में रहा और स्वास्थ्य में सुधार होने पर बाहर निकलने में कामयाब रहा। दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद बढ़ी ठंड ,अब कोहरा भी करेगा परेशान 22 January 2019 नई दिल्ली। कुछ दिनों की राहत के बाद दिल्ली के मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। हल्की बारिश से दिल्ली-एनसीआर की हवा में ठंडक घुलने लगी है। दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों अलवर, होडल, नूंह, रेवाड़ी, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, अलीगढ़, गाजियाबाद नोएडा में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक मौसम के सर्द रहने का अनुमान है। इससे पहले सुबह दिल्ली-एनसीआर ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई और अब भी रुक-रुककर बारिश हो रही है, जिसने मौसम को और सर्द बना दिया है। बारिश से जहां ठंड बढ़ा दी है, वहीं दिल्ली में प्रदूषण से भी राहत मिलने के आसार हैं। गुरुग्राम में भी तेज हवा के साथ हुई बूंदाबादी से मौसम बदल गया है और तापमान गिरने से सर्दी में भी इजाफा हुआ है। 24 जनवरी तक बारिश का मौसम इसी तरह बने रहने की संभावना है। इससे गेहूं-सरसों सहित सभी फसलों को फायदा मिलेगा। बारिश से बरसात से सूख रही गेहूं की फसलों को तो जीवनदान मिला है, जबकि सरसो,आलू, मटर की फसलों को नुकसान हो सकता है। बारिश से गिरेगा तापमान सोमवार से ठंड फिर बढ़ जाएगी। इस सप्ताह लगातार कई दिनों तक बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, हवा की गति एवं दिशा में बदलाव होने के कारण कोहरा भी परेशान कर सकता है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी पांच से सात डिग्री तक की गिरावट आएगी। 26 जनवरी तक के पूर्वानुमान के मुताबिक, इस पूरे सप्ताह में मौसम के मिजाज अलग तरह के नजर आएंगे। कमोबेश पूरे सप्ताह बादल छाए रहेंगे। सोमवार, मंगलवार और बुधवार को हल्के से मध्यम स्तर की बारिश होगी। इसके बाद शुक्रवार और शनिवार को फिर हल्की बारिश होने के आसार हैं। बादलों की लुकाछिपी से तेज धूप बाधित होगी। अधिकतम तापमान 20 से 21 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम छह तक रहने की संभावना है। बारिश के बाद हवा की रफ्तार में कमी आने की वजह से घना कोहरा भी दिल्ली वालों को परेशान करेगा। स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ इस समय उत्तर पूर्वी अफगानिस्तान में सक्रिय है। इसी वजह से दिल्ली में पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम की गर्म हवा आ रही है, जिससे गर्मी महसूस हो रही है। लेकिन अगले 24 घंटों में बादल छाएंगे और तापमान में कमी आएगी। 12 सालों में सबसे गर्म रहा जनवरी, 2019 रविवार का दिन पिछले 12 सालों के दौरान जनवरी का सबसे गर्म दिन रहा। अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री अधिक 28.7 दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर सात डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 48 से 100 फीसद तक रहा। 2011 से लेकर जनवरी में इतना अधिकतम तापमान कभी नहीं गया। इससे पूर्व 27 जनवरी 2007 को अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। ठंड व कोहरे से देरी से चल रहीं ट्रेनें ठंड और कोहरे के चलते ट्रेनों के देरी से चलने का सिलसिला जारी है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, दिल्ली आने व जाने वालीं 11 ट्रेनें देरी से चल रही हैं, जबकि कुछ ट्रेनों के समय में परिवर्तन किया गया है। बैंकिंग सेक्टर से राजनीति में आईं AAP नेता मीरा सान्याल का निधन 12 January 2019 नई दिल्ली। सफल बैंकर से नेता बनीं मीरा सान्याल (57) का शुक्रवार को निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थीं। बताया जाता है कि उन्हें कैंसर था। रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रहीं सान्याल नौकरी छोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई थीं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुंबई दक्षिण सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गई थीं। आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'देश ने एक अहम आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाली महिला और एक अच्छे इंसान को खो दिया है। आप हमारे दिल में हमेशा रहेंगी।' दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, 'यह सुनकर बहुत दुख हुआ। मेरे पास दुख व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है।' सान्याल का जन्म केरल के कोच्चि शहर में हुआ था। बता दें कि राजनीति में शामिल होने से पहले अपने 30 साल के बैंकिंग करियर में सान्याल एबीएन एमरो की सीईओ और कारपोरेट फाइनेंस की प्रमुख भी रही थीं। खुद रखें अपने सामान का ध्यान, इस एयरपोर्ट पर होती हैं सबसे अधिक चोरियां 7 January 2019 नई दिल्ली। दिल्ली के सर्वसुविधा युक्त इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर आपको अपने सामान की सुरक्षा खुद ही करनी होगी। क्योंकि देश के इस आईजीआई एयरपोर्ट पर वैसे तो सुरक्षा के बेहतर इंतजाम हैं, लेकिन शातिर चोरों के आगे ये इंतजाम फेल साबित होते जा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि, देश भर के तमाम एयरपोर्ट पर चोरी की लगभग 366 वारदातें हुईं इनमें से 211 मामले दिल्ली एयरपोर्ट के थे। हैरानी की बात ये है कि देश के सबसे सुरक्षित एयरपोर्ट में शुमार दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ही सबसे अधिक चोरियां होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में देश के सभी एयरपोर्ट को मिलाकर चोरी के कुल 366 मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें से अकेले 211 मामले दिल्ली एयरपोर्ट के हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में देश के कुल सात एयरपोर्ट पर चोरी की 114 शिकायतें आई थीं। इनमें से 67 शिकायतें दिल्ली एयरपोर्ट की थीं। चोरी के 21 मामलों के साथ मुंबई एयरपोर्ट दूसरे स्थान पर है। साल 2015 में शिकायतों में कमी आई और आंकड़ा 101 पर पहुंच गया। इस साल भी आईजीआई में 60 मामले चोरी के सामने आए थे। आंकड़े बताते हैं कि देश के एयरपोर्ट पर चोरी के मामलों में साल दर साल कमी आ रही है। हालांकि, इसमें दिल्ली की आधे से ज्यादा की हिस्सेदारी बदस्तूर कायम है। New year 2019 : दिल्ली में नए साल के जश्न में खूब जले पटाखे, हवा में घुला जहर 2 January 2019 नई दिल्ली। मौसम की परिस्थितियां कहें या जश्न की खुमारी, लेकिन नए साल की पहली सुबह को भी दिल्लीवासियों ने खतरनाक प्रदूषण के बीच ही आंखें खोलीं। सुबह के तरोताजा माहौल में भी दम घुटने व आंखों में चुभन का अहसास हुआ। बुजुर्गों और सांस के मरीजों को तो खासतौर पर परेशानियों का सामना करना पड़ा। दोपहर तक हवा का हाल कुछ ऐसा ही बना रहा। दरअसल, प्रतिबंध के बावजूद नए साल के जश्न में दिल्ली-एनसीआर में खूब पटाखे जले। इससे पहले से चल रही प्रदूषित हवा में और जहर घुल गया। आलम यह रहा कि मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भी दोपहर तक प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना रहा। हालांकि दिन भर चटक धूप रहने के कारण शाम तक यह नीचे गिरकर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। मौसम विभाग व सफर इंडिया के मुताबिक अभी तीन-चार दिन तक एयर इंडेक्स बेहद खराब श्रेणी में ही बना रहेगा। जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सुबह के समय दिल्ली का एयर इंडेक्स 404 दर्ज किया गया। बाद में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा शाम चार बजे जारी किए गए एयर बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 393 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा का 421, गाजियाबाद का 418, नोएडा का 408 गुरुग्राम का 394 और फरीदाबाद का 372 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली में अति सूक्ष्म प्रदूषक कणों पीएम 2.5 का स्तर 280 रहा, जबकि पीएम 10 का स्तर 465 दर्ज किया गया। सफर इंडिया के मुताबिक इस स्थिति के लिए हवा की गति अत्यंत मंद होना और आतिशबाजी कसूरवार रही। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश, सीपीसीबी द्वारा दिल्ली पुलिस को दिए गए निर्देश एवं सफर इंडिया की चेतावनी के बावजूद तय समयसीमा से पहले और बाद में भी नव वर्ष समारोहों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में अनेक स्थानों पर आतिशबाजी की गई। लोगों ने उड़ाया केजरीवाल की खांसी का मजाक, बचाव में आए केंद्रीय मंत्री. 28 December 2018 नई दिल्ली। स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय परियोजना और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से यमुना स्वच्छता कार्यक्रम के उद्घाटन पर हुए कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जमकर मजाक उड़ाया गया। स्थिति यह हो गई कि दो केंद्रीय मंत्रियों को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान जैसे ही केजरीवाल के भाषण शुरू करते ही कुछ लोगों ने खांसने की आवाज निकाल कर उनका मजाक बनाया। जब लोगों की आवाज ज्यादा तेज हो गई, तो केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी और पर्यावरण मंत्री हर्षवर्द्धन ने हस्तक्षेप किया और लोगों से शांत रहने को कहा। गडकरी ने लोगों से कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम है जरा शांत रहिए। केजरीवाल का मजाक बनाने वाले इस वाकये से विज्ञान भवन में चल रहे कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल असहज हो गए। तब केंद्रीय मंत्रियों ने दर्शकों से शांति बनाए रखने की भी अपील की। कार्यक्रम में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्य के जल संसाधन मंत्री सत्यपाल सिंह और दिल्ली से भाजपा सांसद तथा कार्यकर्ता मौजूद थे। बताते चलें कि साल 2016 तक कफ की समस्या से जूझ रहे केजरीवाल को अक्सर सर्दियों में खांसी की दिक्कत रहती थी। सार्वजनिक तौर पर बोलते हुए उन्हें अक्सर खांसते देखा जाता था। खांसी के इलाज के लिए केजरीवाल बेंगलुरु स्थित जिंदल नेयर क्योर सेंटर में भी भर्ती हुए थे। इसके साथ ही, इस बीमारी से निजात पाने के लिए सितंबर 2016 में उन्होंने सर्जरी भी करवाई थी। 3 डिग्री में ठंडे पानी में कूदकर मां-बेटी को बचाया, लेकिन खुद जिंदगी की जंग हार गया. 27 December 2018 नई दिल्ली। दिल्ली की सर्द और जमा देने वाली सुबह में एक ऑटो ड्राइवर अपने लिए दो जून की रोटी की तलाश में घर से निकला था, लेकिन जब उसके सामने एक महिला अपने बच्चे के साथ खुदकुशी के इरादे से नदी में कूदी तो उनको बचाने के लिए वह ऑटो ड्राइवर भी कूद गया। उसने मां- बेटी को तो बचा लिया, लेकिन किस्मत ने धोखा दे दिया और वह दो जिंदगी बचाकर खुद अपनी जिंदगी से हार गया। देवदूत बन कर बचाई जान पवन शाह जो पेशे से एक ऑटो ड्राइवर था किसी सवारी को छोड़ कर लौट रहा था। पवन ने महिला की नीयत को भाप लिया और उसे पानी में छलांग लगाते देख लिया। पवन ने अपनी जान की परवाह किए बगैर ही उस महिला को बचाने के लिए पानी में कूद गया। वह उसके एक साल के बच्चे का हाथ पकड़ने में सफल हो गया। मदद के लिए पवन ने लगाई आवाज महिला को बचाते हुए पवन को अंदेशा हो गया कि वह मां-बेटे दोनों को एक साथ नहीं बचा सकेगा। पवन ने मदद के लिए आवाज लगानी शुरू कर दी। तीन राहगीर राजवीर, जामिल और संजीव ने उसकी आवाज सुनते ही बचाने में जुट गए। तीनों ने मिल कर चेन बना ली और उस महिला और बच्चे को पकड़ लिया। खुद की किस्मत दे गई दगा पवन ने दूसरे की जान बचा कर उनकी किस्मत को तो बदल दी, मगर उसकी खुद की किस्मत ने उसे दगा दे दिया। वह महिेला और बच्चों को बचाते-बचाते खुद पानी में डूब गया। महिला और बच्चे का अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। मिल सकता है जीवन रक्षक अवॉर्ड महिला ने बताया कि बीती रात पति से हुए झगड़े के बाद अपनी जिदंगी खत्म करना चाह रही थी, इसलिए उसने पुल से छलांग लगा दी थी। दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डीएसपी ने इस मामले में बताया कि ऑटो ड्राइवर पवन शाह के इस नेक काम के लिए उसका नाम सरकार के पास जीवन रक्षक अवॉर्ड के लिए नामित किया जाएगा। नोएडा के पार्क में नमाज पढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने भेजा नोटिस, गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट. 25 December 2018 नोएडा। नोएडा में खुले में नमाज पढ़े जाने को लेकर पुलिस ने नोटिस दिया है। सेक्टर-58 पुलिस ने खुले में नमाज पढ़ने से रोक लगा दी है। इस मामले में गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है। बताते चलें कि नोएडा के सेक्टर 58 पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया में आने वाले नोएडा अथॉरिटी के पार्क में नमाज पढ़ने पर पुलिस ने रोक लगा दी है। इसके लिए पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया के सभी कंपनियों को नोटिस भेजा है। नोटिस के मुताबिक, अगर नोएडा सेक्टर-58 स्थित इंडस्ट्रियल हब स्थित कार्यालयों के कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करते पाए तो इसके लिए संस्थान को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। बताया जा रहा है कि क्षेत्र की कंपनियों ने मामले पर स्पष्टीकरण के लिए नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की मांग की है। मामले पर नोएडा पुलिस का कहना है कि अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े, इसके तहत ये फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि दोपहर के वक्त पार्क में नमाज पढ़ने वालों की संख्या बढ़ने की शिकायत पुलिस को मिल रही थी। विजय कुमार देव बने दिल्ली के मुख्य सचिव, अंशु प्रकाश की लेंगे जगह. 23 November 2018 नई दिल्ली। दिल्ली में विजय कुमार देव को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। देव अंशु प्रकाश की जगह लेंगे जिनका पिछले हफ्ते टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट में तबादला कर दिया गया था। जानकारी के अनुसार पहले इस पद के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा का नाम सामने आया था लेकिन गुरुवार शाम को गृह मंत्रालय ने विजय कुमार देव को नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। एजीएमयूटी कैडर के 1987 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी विजय देव फिलहाल दिल्ली सरकार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। अपनी तेजतर्रार कार्यशैली के लिए विजय देव काफी जाने जाते रहे हैं। इससे पहले विजय देव दिल्ली परिवहन निगम के चेयरमैन, दिल्ली के मंडलायुक्त के साथ अन्य भी महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। तकरीबन चार साल पहले 24 दिसंबर, 2014 को दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद से विजय देव का तबादला चंडीगढ़ हो गया था। उन्हें चंडीगढ़ प्रशासक का सलाहकार बनाया गया था। चंडीगढ़ में वह इस पद पर 1 साल 2 महीने 17 दिन रहे थे। इसके बाद इनका तबादला केंद्र सरकार में हो गया था। कुछ माह पहले ही उन्हें फिर से दिल्ली का सीईओ बनाया गया था। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश का कुछ दिन पहले तबादला केंद्र सरकार में हो चुका है। गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी रहे अंशु प्रकाश को अब टेलिकॉम डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी दी गई है। उनका ट्रांसफर कर उन्हें अब टेलिकॉम डिपार्टमेंट में अडिशनल सेक्रटरी का पद दिया गया है। बता दें कि अंशु के संबंध दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के साथ काफी तल्ख रहे हैं। गौरतलब है कि अंशु प्रकाश पिछले साल 1 दिसंबर को दिल्ली के चीफ सेक्रटरी बने थे उनका नाम तब सुर्खियों में आया था जब उन्होंने सीएम हाउस में उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई थी। सीनियर आईएएस अधिकारी अंशु प्रकाश 1986 बैच और अरुणाचल-गोवा-मिजोरम एवं केंद्र शासित (एजीएमयूटी) कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। दिल्ली में सांसदों के लिए बनेंगे आलीशान फ्लैट, 676.5 करोड़ रुपये की आएगी लागत.. 19 November 2018 नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली में सांसदों के लिए आलीशान डुप्लेक्स फ्लैट बनाने की परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। नार्थ और साउथ एवेन्यू के पुनर्निर्माण प्रस्ताव को पर्यावरण मंत्रालय ने अपनी अंतिम मंजूरी दे दी है। दोनों इलाकों में बनीं इमारतों को गिराकर वहां भव्य भवन खड़े किए जाएंगे। आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, इसमें 676.5 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पर्यावरण मंत्रालय के पास डुप्लेक्स भवन बनाने का प्रस्ताव केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की तरफ से भेजा गया था। विशेषज्ञ आकलन समिति की सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ इस परियोजना को मंजूरी दे दी। इस समय नार्थ एवेन्यू में 228 और साउथ एवेन्यू में 196 फ्लैट हैं। प्रस्ताव के मुताबिक वहां मौजूद इमारतों को गिराकर कुल 264 डुप्लेक्स फ्लैट का निर्माण किया जाएगा। इनमें घरेलू सहायक के लिए अलग क्वार्टर और बेसमेंट कार पार्किंग भी होगी। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने कहा है कि निर्माण के दौरान कम से कम पेड़ों को काटा जाएगा। इसके लिए वन विभाग से मंजूरी ली जाएगी। काटे गए हर एक पेड़ के बदले 10 नये पौधे लगाए जाएंगे। 2, 490 पौधों के साथ हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा। विभाग ने कहा कि निर्माण के दौरान आसपास के इलाकों और लोगों को ज्यादा प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। यह परियोजना 1,99,137 वर्ग मीटर में विकसित होगी। इसमें 84,252.96 वर्ग मीटर पार्किंग क्षेत्र होगा। 1,19,551.29 वर्ग मीटर में हरित पट्टी का विकास किया जाएगा। दिल्ली के प्रगति मैदान में 38वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला आज से.. 14 November 2018 नई दिल्ली। 38वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) का शुभारंभ बुधवार सुबह 11 बजे केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा करेंगे। वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री सीआर चौधरी समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इस बार 38वें आईआईटीएफ की थीम 'ग्रामीण भारत के उद्यम' है। इस बार भी व्यापारी दर्शकों के लिए सिर्फ चार दिन रखे गए हैं। दर्शकों को टिकट न मेले के प्रवेश द्वार पर मिलेंगे और न ही प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन पर। अन्य 66 मेट्रो स्टेशनों पर टिकटों की बिक्री होगी। रोजाना मेले में सिर्फ 25 हजार लोगों को प्रवेश मिलेगा। इससे ज्यादा टिकटें नहीं बेची जाएंगी। ऑनलाइन टिकटों की अग्रिम बिक्री आरंभ हो चुकी है। 50 फीसद टिकटें ऑनलाइन मिलेंगी। 50 फीसद टिकट काउंटर से। चीन होगा, लेकिन पाकिस्तान की कमी खलेगी इंडिया ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइजेशन (आइटीपीओ) के अनुसार इस बार मेले में करीब 18 देश हिस्सा ले रहे हैं। पार्टनर देश अफगानिस्तान एवं फोकस देश नेपाल है। पार्टनर राज्य झारखंड है। मेले में चीन हिस्सा ले रहा है, लेकिन पाकिस्तान नहीं आ रहा है। इसके अलावा हांगकांग, ईरान, केन्या, म्यांमार, नीदरलैंड, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, टर्की, टयूनीशिया, यूएसए, यूके, यूएई आदि समेत कई बड़े देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं। जगह की कमी निर्माण कार्य की वजह से मेले में जगह की कमी है। ऐसे में इस बार भी डिफेंस पवेलियन नहीं होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर मुख्यतया राज्य दिवस समारोहों का ही आयोजन किया जाएगा। केरल एवं चंडीगढ़ इस बार मेले में नहीं होंगे। प्रगति मैदान में पार्किंग व्यवस्था नहीं इस साल प्रगति मैदान के भीतर कोई पार्किंग नहीं होगी। पार्किंग के लिए भैरो रोड व इंडिया गेट जाना पड़ेगा। इसके अलावा चिड़ियाघर के बाहर भी पार्किंग की जा सकेगी। भैरो मंदिर से गेट नं. एक के लिए शटल सेवा भी चलेगी। काम की बातें मेले में सामान्य दिनों में टिकट 60 और 40 रुपये का होगा। सप्ताहांत और छुट्टी के दिन यह टिकट 120 और 60 रुपये का होगा। मेले का समय सुबह 9.30 से शाम पांच बजे तक होगा -मेट्रो स्टेशन से आने वाले दर्शकों का प्रवेश गेट नंबर 10 से होगा। -मेले में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त प्रवेश मिलेगा। बिहार मंडप में दिखेगी नायाब हस्तकला की झलकियां हॉल नं 12 में सज रहा बिहार मंडप नायाब हस्तशिल्प की झलक दिखाएगा। उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान के उपनिदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि मंडप के अग्रभाग में मधुबनी, मंजूषा, मिथिला पेंटिंग को दर्शाया जा रहा है। मंडप के मुख्य द्वार एवं बाहरी हिस्सों में विभिन्ना विभागों की झलक व डिजाइन आगंतुकों को बिहार भ्रमण के लिए मजबूर करेगा। Delhi Pollution : SC ने कहा-10 से 15 साल पुरानी गाड़ियों पर जारी रहेगा प्रतिबंध.. 2 November 2018 नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बदतर होता जा रहा है। गुरुवार सुबह लोधी रोड़ पर हवा में पीएम 2.5 का स्तर 214 पर था वहीं पीएम 10 का स्तर 283 पर था। हर रोज और जहरीली हो रही दिल्ली की हवा को बेहतर करने की कवायदें जारी हैं। इस बीच आज फिर इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई हुई। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध जारी रखा है। सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि लोगों को प्रदूषण के बारे में जागरूक करने के लिए फेसबुक और ट्विटर पर सोशल मीडिया अकाउंट बना दिए गए हैं और इस पर 18 शिकायतें भी आ चुकी हैं। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के बारे में मीडिया के माध्यम से लोगों को बताएं। साथ ही बोर्ड ने कोर्ट को यह भी बताया कि राजधानी में जो 10-15 साल पुराने वाहन हैं वो एनजीटी और प्रदूषण बोर्ड के आदेशों का अनुपालन करते हैं। इससे पहले हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने पुराने वाहन जब्त करने का आदेश दिया था। 29 अक्टूबर को हुई सुनवाई में दिल्ली एनसीआर में खतरनाक होते वायू प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त आदेश दिए थे। कोर्ट ने एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को तत्काल प्रतिबंधित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने परिवहन विभाग से कहा था कि 10 साल पुराने डीजल और पंद्रह साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं। साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त करें। यही नहीं, कोर्ट ने कहा कि ऐसे वाहनों की सूची वेबसाइट पर डाली जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली परिवहन विभाग से कहा है कि वह प्रदूषण संबंधी शिकायतों के लिए कोई सोशल मीडिया अकाउंट क्यों नहीं बनाते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी द्वारा 2015 में दिए गए उस आदेश को सही ठहराया, जिसमें कहा गया था कि 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया कि एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनाया जाए जिसपर लोग प्रदूषण की शिकायतें दर्ज कर सकें। चिंता व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एनसीआर की प्रदूषण स्थिति भयानक है। शिकायतों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म बनाए जाने पर कहा कि शिकायतें तो आ जाएंगी उन्हें देखते कहाँ हैं। दिल्ली में अवैध निर्माण पर 2000 शिकायतें लोगों ने की और निबटायी गईं सिर्फ पहले भी कई बार पुराने वाहनों पर लगा है प्रतिबंध इससे पहले भी दिल्ली-एनसीआर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पुरानी गाड़ियों पर कई बार प्रतिबंध लागू किया जा चुका है। एनजीटी ने सबसे पहले अप्रैल 2015 में 15 साल पुराने पेट्रोल व डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद दिसंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह के लिए एनसीआर में 2000 सीसी से ज्यादा की डीजल कारों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। जुलाई 2017 में NGT ने दिल्ली एनसीआर में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर बैन का आदेश दिया था। ... इसलिए अब तक लागू नहीं हुआ प्रतिबंध पुराने वाहनों पर लगी रोक से दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोग प्रभावित होंगे। ऐसे में सितंबर 2017 में केंद्र सरकार ने एनजीटी में याचिका दायर कर दिल्ली-एनसीआर में 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों को चलाने पर लगी रोक हटाने की याचिका दायर की थी। एनजीटी ने इसे रद्द कर दिया था। जनवरी 2017 में इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका खारिज करते हुए एनजीटी के आदेश को बरकरार रखा था। क्या है सरकार का तर्क पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद केंद्र सराकर ने एनजीटी से कहा था कि इस समय ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत 15 साल से पुराने और बीएस 1 या बीएस 2 मानकों का पालन करने वाले डीजल वाहन सड़कों से हटाए जा सके। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय ने कहा था कि एनजीटी का दिया आदेश मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का ‘उल्लंघन’ है। ये महज गलतफहमी है कि मात्र डीजल वाहनों से प्रदूषण होता है। दिल्ली पुलिस ने तीन तस्कर पकड़े, 4.5 करोड़ कीमत लाल चंदन की लकड़ी बरामद 10 October 2018 नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चंदन तस्करों के गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तलाशी में इन तस्करों के पास से 4.58 टन लाल चंदन बरामद हुई है। जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग चार करोड़ बताई जा रही है। पूछताछ में पता चला है कि चंदन की लकड़ियां दिल्ली-एनसीआर के साथ कई अन्य राज्यों में भी सप्लाई करते थे। चंदन तस्करी का धंधा तीन से चल रहा था। पुलिस के मुताबिक, 28 सितंबर (शुक्रवार) की रात साढ़े नौ बजे एक ट्रक नोएडा की तरफ जा रहा था। तलाशी ली तो 4.58 टन चंदन की लकड़ी मिली। ट्रक में मौजूद धीरज सहगल, दलाल, रविन्द्र और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि कुछ लोग और रैकेट में शामिल हैं। उनके लिए जांच और छापेमारी चल रही है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे ये चंदन की लकड़ियां ट्रक में अगरबत्ती के नीचे छिपाकर बेंगलुरु से लाते थे। किसी अगरबत्ती कंपनी का ठेका लिया था उसी के कार्टून में रखते थे। इन्होंने कुछ जगह किराए पर लेकर गोदाम भी बना रखा था, जहां वो कमीशन लेकर बेच देते थे। दिल्ली पुलिस ने तीन तस्कर पकड़े, 4.5 करोड़ कीमत लाल चंदन की लकड़ी बरामद 29 September 2018 नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चंदन तस्करों के गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तलाशी में इन तस्करों के पास से 4.58 टन लाल चंदन बरामद हुई है। जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग चार करोड़ बताई जा रही है। पूछताछ में पता चला है कि चंदन की लकड़ियां दिल्ली-एनसीआर के साथ कई अन्य राज्यों में भी सप्लाई करते थे। चंदन तस्करी का धंधा तीन से चल रहा था। पुलिस के मुताबिक, 28 सितंबर (शुक्रवार) की रात साढ़े नौ बजे एक ट्रक नोएडा की तरफ जा रहा था। तलाशी ली तो 4.58 टन चंदन की लकड़ी मिली। ट्रक में मौजूद धीरज सहगल, दलाल, रविन्द्र और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि कुछ लोग और रैकेट में शामिल हैं। उनके लिए जांच और छापेमारी चल रही है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे ये चंदन की लकड़ियां ट्रक में अगरबत्ती के नीचे छिपाकर बेंगलुरु से लाते थे। किसी अगरबत्ती कंपनी का ठेका लिया था उसी के कार्टून में रखते थे। इन्होंने कुछ जगह किराए पर लेकर गोदाम भी बना रखा था, जहां वो कमीशन लेकर बेच देते थे। मरीज की मौत पर परिजनों ने अस्पताल में मचाई तोड़फोड़, डॉक्टर का दांत टूटा 29 September 2018 नई दिल्ली। दिल्ली के बाबू जगजीवन राम अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर तोड़फोड़ मचाई। इसमें डॉक्टर समेत पांच लोग घायल हो गए हैं। अस्पताल में तोड़फोड़ मचाने वाले परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है। पुलिस मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। हंगामे के बीच डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। घायलों का उपचार कर उनके बयान दर्ज किए गए। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम को पुलिस कंट्रोल रूम को बाबू जगजीवन राम अस्पताल में तोडफोड़ होने की सूचना मिली। लोगों को अन्य पुलिस बल की सहायता से शांत कराया गया, जबकि डॉक्टर आतिल व गार्ड देवराज समेत करीब पाच लोगों का उपचार कराया गया। डॉक्टर आतिल का एक दांत टूटा, जबकि देवराज और एक अन्य गार्ड गौरव के सिर में चोट लगी। एक स्वीपर के पेट में डंडा लगने से उसको खून की उल्टी हुई। परिजनों ने पुलिस को बताया कि राजेश सोनी परिवार के साथ के ब्लॉक जहांगीरपुरी इलाके में रहता है। वह कुछ वर्षों से हृदय रोग ग्रस्त था। एक साल से उसका इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चल रहा था। शुक्रवार सुबह राजेश को अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने दोपहर में हालत गंभीर होने के बावजूद घर भेज दिया। शाम को राजेश की हालत बिगड़ते देखकर वापस अस्पताल लाया गया। यहा पर डॉक्टरों ने उसको देखा भी था, लेकिन राजेश की मौत हो गई। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि राजेश की मौत के बाद अचानक 25 से 30 लोग अचानक अस्पताल में दौड़ते हुए आए और डंडे उठाकर शीशे आदि तोड़ने लगे। वहा पर रखे अन्य सामान को तोडऩे लगे। जो भी उनको समझाने आया उसकी बुरी तरह से पिटाई की। 1 सितंबर से पुरानी चेतावनी वाले तंबाकू उत्पादों की बिक्री होगी गैरकानूनी 31 August 2018 नई दिल्ली। दिल्ली राज्य तंबाकू नियंत्रण सेल ने शुक्रवार को ड्राई-डे घोषित किया है। इसके तहत विभिन्न बाजारों व जगहों पर लोगों को तंबाकू का इस्तेमाल बंद करने के लिए जागरूक किया जाएगा। साथ ही दुकानदारों को नई चेतावनी संदेश के प्रति जागरूक किया जाएगा, क्योंकि एक सितंबर से तंबाकू उत्पादों पर नई चेतावनी का होना अनिवार्य है। पुरानी संदेश वाले उत्पादों की बिक्री गैरकानूनी होगी। सेल के प्रभारी डॉ. एसके अरोड़ा ने कहा कि तंबाकू कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। खासतौर पर इसके इस्तेमाल से मुंह का कैंसर अधिक होता है। इसलिए तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर मुंह के कैंसर की तस्वीर के साथ-साथ अब हेल्पलाइन नंबर भी लिखा होगा। ताकि तंबाकू खरीदने वाले लोग तंबाकू छोड़ने के लिए हेल्पलाइन पर कॉल कर सकें। बहुत लोग तंबाकू छोड़ना चाहते हैं। पर वे समझ नहीं पाते कि तंबाकू छोड़ने के लिए विशेषज्ञों से कैसे संपर्क करें। अब लोग पैकेट पर लिखे हेल्पलाइन को देखकर कॉल कर सकेंगे। दिल्ली-NCR में बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें, कई इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम 28 August 2018 नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से झमाझम बारिश हुई है और इसके कारण कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। देर रात से लगातार हो रही बारिश के कारण कई इलाकों में जाम लग गया है। जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह से हो रही बारिश के कारण दिल्ली के साथ गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और साहिबाबाद समेत कई इलाकों में लोगों को उमस भरी गर्मी से काफी राहत मिली, लेकिन जगह-जगह ट्रैफिक जाम से वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। दिल्ली और गुरुग्राम में सड़कों पर बारिश का पानी भरने से जगह-जगह सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। जगह-जगह भीषण जाम लगा। आलम यह रहा है कि लोगों को मिनटों का सफर तय करने में घंटों का समय लगा। बताया जा रहा है कि एक दिन में 49.6 मिमी बारिश के चलते दिल्ली की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। वहीं दिल्ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में सोमवार रात से ही तेज बारिश का दौर जारी है। इसके कारण कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। जलनिकासी के उचित प्रबंध न होने व नाले-नालियों की सफाई न किए जाने के कारण जगह-जगह सड़कों पर जलभराव हो गया। जगह-जगह पानी भरा होने के कारण सड़कों पर यातायात बुरी तरह से प्रभावित रहा। मौसम विभाग ने पहले ही आशंका जता दी थी कि मंगलवार को हल्की बारिश हो सकती है। तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। अब तेज बारिश की संभावना कम ही है। अगस्त में बारिश का ग्राफ 35 फीसद तक कम रह सकता है। इससे पहले सोमवार को सुबह सवेरे हुई बारिश से उस समय तो कुछ ठंडक महसूस हुई, लेकिन बाद में इस राहत से कहीं ज्यादा दिन भर उमस से परेशानी झेलनी पड़ गई। उमस के कारण दिल्लीवासी पसीने की समस्या से भी खासे परेशान रहे। सोमवार को अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री कम था। वहीं न्यूनतम तापमान भी 26.5 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह करीब छह बजे से घने बादल छाने के बाद दिल्ली के कई क्षेत्रों में हल्की बौछारें पड़ीं। सफदरजंग में 1.8 एमएम, पालम में 1.4 एमएम, लोदी रोड में 1.6 एमएम, रिज में 4.8 एमएम, आया नगर में 1.8 एमएम, जफरपुर में दो एमएम, मंगेशपुर में एक एमएम, नजफगढ़ में चार एमएम, पूसा में दो और स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में दो एमएम बारिश हुई। आशीष खेतान ने भी बनाई केजरीवाल से दूरी, कुमार विश्वास ने कसा तंज 23 August 2018 नई दिल्ली। दिल्ली में लगता है आम आदमी पार्टी पूरी तरह से बिखरने की कगार पर आ गई है। पिछले दिनो आशुतोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब ताजा खबर है कि केजरीवाल के करीबी आशीष खेतान ने भी उनसे दूरी बना ली है। इसके बाद पार्टी में हाशिए पर छोड़ दिए गए कुमार विश्वास ने तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि आखिर बौनों का दरबार बनाकर क्या पाया। खबरों के अनुसार खेतान ने केजरीवार को 15 अगस्त के दिन भेजे अपने ईमेल में कथित इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके लिए अपने निजी कारणों का हवाला दिया है। वहीं, बताया जा रहा है कि केजरीवाल अभी उन्हें मनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। आशीष खेतान को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विश्वासपात्र माना जाता है। खेतान ने 2014 के लोकसभा चुनाव में आप के ही टिकट पर नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था। यहां पर पता दें कि आप के वरिष्ठ नेताओं में शुमार आशुतोष के इस्तीफे का खुलासा भी 15 अगस्त को ही हुआ था और आशीष खेतान के भी 15 अगस्त को ही इस्तीफा देने के बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले दिल्ली डायलॉग कमीशन के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले आशीष खेतान नई दिल्ली लोकसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि पार्टी किसी नए चेहरे को उतारना चाहती है। इसी वजह से आशीष खेतान ने आम आदमी पार्टी से दूरी बनाई है। उधर, आशीष खेतान के करीबियों का कहना है कि वे कानून की उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं और इसी कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है। वकालत करने के लिए ही उन्होंने दिल्ली डायलॉग कमीशन से इस्तीफा दिया था। केजरीवाल चाहते हैं कि पढ़ाई करने के लिए वे पार्टी से छुट्टी ले लें और पढ़ाई पूरी होने के बाद वापस पार्टी के काम में जुट जाएं। आप सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील और पार्टी के वरिष्ठ नेता-प्रवक्ता राहुल मेहरा को आशीष खेतान के स्थान पर नई दिल्ली लोकसभा सीट से उतरने चर्चा गरम है। इसे भी नाराज की एक वजह बताया जा रहा है। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट पर अशीष खेतान को 2.9 लाख वोट मिले थे और वे भाजपा की मीनाक्षी लेखी से 1.6 लाख वोट से हार गए थे, जबकि कांग्रेस के अजय माकन 1.82 लाख वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। आशीष खेतान डीडीसी के उपाध्यक्ष पद से भी दे चुके हैं इस्तीफा यहां पर बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में उपराज्यपाल द्वारा 9 सलाहकारों की नियुक्ति रद किए जाने के बीच आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे की जानकारी खेतान ने ट्विटर पर दी थी। उन्होंने लिखा था कि मैंने डीडीसी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है जो 16 अप्रैल से प्रभावी है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मैं कानूनी पेशे से जुड़ रहा हूं और दिल्ली बार में पंजीकरण करा रहा हूं, जिसकी वजह से डीडीसी से इस्तीफा देना आवश्यक है। बार काउंसिल के नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति वकालत करते समय निजी या सरकारी नौकरी नहीं कर सकता है। गौरतलब है कि पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी आशुतोष भी आप से इस्तीफा दे चुके हैं, हालांकि उनका भी इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। उन्होंने कुछ महीने पहले ही आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन केजरीवाल ने अभी तक इसे मंजूर नहीं किया है। आशुतोष की इस्तीफा जैसे ही मीडिया की सुर्खियां बना तो सीएम केजरीवाल ने तत्काल ट्वीट कर कहा था- 'हम आपका इस्तीफा कैसे स्वीकार कर लें? ना इस जनम में तो नहीं।' दिल्ली : मुख्य सचिव मामले में केजरीवाल के सेक्रेटरी बने सरकारी गवाह 14 August 2018 नई दिल्ली। दिल्ली में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा 11 विधायकों का नाम लिया है। इस बीच केजरीवाल सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं क्योंकि केजरीवाल के दो सेक्रेटरी सरकारी गवाह बन गए हैं। दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी (नॉर्थ) हरेन्द्र कुमार के मुताबिक, इस मामले में विभव कुमार और विवेक यादव सरकारी गवाह बन गए हैं। आपको बता दें कि विभव कुमार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेट्री हैं, जबकि विवेक यादव पॉलिटिकल सेक्रेट्री हैं। कुमार के मुताबिक, दोनों खुद सरकारी गवाह बने हैं। वीके जैन ने फोन कर अंशु प्रकाश को बुलाया था चार्जशीट के मुताबिक, वीके जैन के माध्यम से ही केजरीवाल ने मुख्य सचिव को 19 फरवरी की सुबह से देर रात तक बार-बार फोन करवाकर बैठक के बहाने अपने आवास पर बुलवाया था। मुख्य सचिव के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाकर उसे भी आरोप पत्र में रखा गया है। घटना के दूसरे दिन 21 फरवरी की सुबह सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीके जैन से थाने में बुलाकर पूछताछ की थी। इसके बाद पुलिस ने 22 फरवरी को मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में उनका बयान दर्ज करवा दिया था। बयान में उन्होंने घटना की पूरी सत्यता उजागर कर दी थी। तभी पुलिस ने उन्हें केस का मुख्य चश्मदीद गवाह बना लिया था। पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रोटोकॉल के तहत मुख्य सचिव से केवल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ही पूछताछ कर सकते हैं और उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं, लेकिन इस केस में मुख्य सचिव को बुलाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें विधायकों के सवालों के जवाब देने को कहा था। ऐसा करना भी नियम के खिलाफ था। उन्हें सोफे पर दो विधायकों के बीच में बैठाना भी गलत था। इन सब बातों को भी आरोप पत्र में रखा गया है। वीके जैन को छोड़ किसी ने स्वीकार नहीं की थी मुख्य सचिव से मारपीट की बात मुख्य सचिव के साथ मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने 25 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की थी। सबसे पहले मुख्यमंत्री के आवास पर हुई कथित बैठक में मौजूद रहे आप के 11 विधायकों और मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन से पूछताछ की गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के निजी सचिव विभव कुमार, मुख्यमंत्री आवास पर रहने वाले आप कार्यकर्ता, मुख्य सचिव के चालक व पीएसओ से पूछताछ की गई थी, लेकिन वीके जैन को छोड़कर सभी ने मुख्य सचिव से मारपीट की बात से इन्कार किया था, जबकि मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट की पुष्टि हो गई थी। दिल्ली में तीन एमसीडी ने 5700 संपत्तियों को सील किया 25 July 2018 नई दिल्ली। दिल्ली में तीन म्यूनिसिपल कारपोरेशनों द्वारा सीलिंग अभियान के तहत अभी तक करीब 5700 संपत्तियां सील की गई हैं। दिल्ली के मास्टर प्लान के प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर संपत्तियों को सील किया गया है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के निर्देश पर उठाया गया है। यह जानकारी मंगलवार को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि नार्थ एवं साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन ने 2655 और 1995 संपत्तियां सील की हैं। पूर्वी दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन ने 1043 संपत्तियों को सील किया है। यह कदम शीर्ष अदालत के दिसंबर 2017 में सुनाए गए फैसले के बाद उठाया गया है। मुंबई में जिन्ना हाउस सरकार की संपत्ति : गृह मंत्रालय दक्षिणी मुंबई में समुद्र तट के करीब स्थित जिन्ना हाउस भारत सरकार की संपत्ति है। इसके बेचने या सौंपने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने लोकसभा में कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का हाउस शत्रु संपत्ति अधिनियम के दायरे में नहीं आता है। यह हाउस विस्थापित की संपत्ति वर्ग में आता है। 4300 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त आयकर विभाग ने 30 जून तक 4300 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की है। वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि बेनामी संपत्ति की पहचान के लिए सरकार ने अलग-अलग कदम उठाए हैं। आयकर विभाग ने देश भर में 24 बेनामी रोकथाम इकाइयां गठित की हैं। 19 हजार एनजीओ के विदेशी चंदा लेने पर रोक देश में करीब 19000 एनजीओ को विदेशी चंदा लेने से रोक दिया गया है। केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने 2011 से एनजीओ के एफसीआरए पंजीकरण को रद कर दिया है। अब ऑटो में सफर करना होगा महंगा, दिल्ली सरकार ने किया तय 24 July 2018 नई दिल्ली। दिल्ली में ऑटो से सफर करना जल्द ही महंगा हो सकता है। ऑटो यूनियनों के साथ एक बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने यूनियन प्रतिनिधियों की मांगों पर सहमति दे दी है। इसके तहत अब 25 रुपये के बेस फेयर में 2 किलोमीटर नहीं, बल्कि एक किलोमीटर का सफर शामिल होगा। इससे आगे प्रति किमी 8 नहीं, बल्कि 10 रुपये का भुगतान करना होगा। ऑटो यूनियन की मांगों पर दिल्ली सरकार सहमत ऐसे में अब दिल्ली की जनता को आने वाले कुछ दिनों में ही ऑटो का किराया बढ़ने का झटका लगना तय है। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार भी ऑटो का किराया बढ़ाने की जल्दी में है। यही वजह है कि इस मुद्दे पर ऑटो वालों की राय जानने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अपने निवास पर ऑटो वालों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी व बड़ी संख्या में ऑटो चालक शामिल हुए। इस बैठक में दिल्ली सरकार ने यूनियन प्रतिनिधियों की मांगों पर सहमति दे दी है। जाम लगने पर यात्रियों को देना होगा प्रतीक्षा शुल्क इसके अलावा, अब कहीं भी बीच में रुकने अथवा जाम लगने की स्थिति में एक रुपया प्रति मिनट की दर से प्रतीक्षा शुल्क भी यात्री को देना होगा। सरकार इस सहमति पर जल्द ही आदेश करेगी। बता दें कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ऑटो यूनियन से संबंधित लोग मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिले थे। उन्होंने किराया बढ़ाने की मांग रखी थी। केजरीवाल के निर्देश पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर किराया बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए कमेटी गठित की गई है। इसमें ऑटो यूनियन के लोगों को भी शामिल किया गया। कुछ दिन पहले ही यूनियन नेताओं ने की थी केजरीवाल से मुलाकात कुछ दिन पहले ऑटो यूनियन के नेता उपेंद्र सिंह और संतोष पांडेय मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिले। मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने निवास पर ऑटो वालों की बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में ऑटो वालों के सुझाव लिए जाएंगे। उपेंद्र सिंह का कहना है कि दिल्ली में 2013 से ऑटो का किराया नहीं बढ़ा है। वर्तमान में ये है किराया मीटर ऑन होने पर दो किमी तक 25 रुपये निर्धारित है। इसके आगे जाने पर 8 रुपये प्रति किमी के हिसाब से किराया बढ़ता जाता है। वर्तमान में यदि एक स्थान पर 15 मिनट ऑटो खड़ा रहता है तो 30 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से वेटिंग चार्ज लगता है। दो सुझाव पर हुआ विचार बैठक में किराया बढ़ाए जाने के लिए दो तरीके सामने आए, जिसमें एक प्रस्ताव था कि ऑटो का किराया 8 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ा दिया जाए या फिर वेटिंग चार्ज का नया स्लैब तैयार कर इसे 60 रुपये से अधिक प्रति घंटा कर दिया जाए। यानी जाम आदि में फंस जाने पर कम से कम प्रति घंटा 60 रुपये के हिसाब से चार्ज लिया जाए। दिल्लीवालों की बल्ले-बल्ले, अगस्त से घर बैठे-बैठे मिलेंगी 100 सरकारी सुविधाएं 5 July 2018 नई दिल्ली। दिल्लीवालों को अगस्त में नई सौगात मिलेगी। अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया कि अगले महीने से दिल्ली में 100 सार्वजनिक सेवाओं, जैसे ड्राइविंग लायसेंस, जाति प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ये सभी सेवाएं लोगों को घर पर ही मुहैया कराई जाएंगी। मंगलवार को सीएम केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए निविदाएं आवंटित कर दी गईं। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बैठक के बाद कहा कि, "इससे पहले मंत्रिमंडल ने चालीस सार्वजनिक सेवाओं को घर पर मुहैया कराने का फैसला किया था। मगर मंगलवार की बैठक के बाद इस सूची में तीस और सेवाओं को जोड़ दिया गया।" डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि, इस योजना के लॉन्च होने के महीने भर के भीतर ही तीस और सेवाओं को इसमें जोड़ा जाएगा। सरकार ने दावा किया है कि इसके लागू होने के बाद दिल्ली के किसी भी नागरिक को सरकारी दफ्तरों की लंबी-लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। प्रस्ताव के मुताबिक लोगों को सेवाएं पहुंचाने के लिए एजेंसी के जरिए मोबाइल सहायक तैनात किए जाएंगे। यही एजेंसी अलग-अलग इलाकों में कॉल सेंटर भी स्थापित करेगी। इस योजना के तहत जाति प्रमाण पत्र, नया नल कनेक्शन, ड्राइविंग लायसेंस, राशन कार्ड, मैरेज रजिस्ट्रेशन, मूल निवासी प्रमाण पत्र के अलावा कई और सुविधाएं आम लोगों को मिलेंगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी शख्स को ड्राइविंग लायसेंस के लिए अप्लाय करना है तो वो इसके लिए तय किए गए कॉल सेंटर में फोन लगाएगा और लायसेंस के लिए जरूरी जानकारी देगा। इसके बाद एजेंसी एक मोबाइल सहायक को आवेदक के घर भेजकर सभी जरूरी दस्तावेज इकठ्ठा कर लेगी। हालांकि आवेदक को ड्राइविंग टेस्ट के लिए एक बार आरटीओ जाना पड़ेगा। इसके लिए मोबाइल सहायक बायोमेट्रिक मशीन के अलावा, कैमरे और दूसरे सभी जरूरी उपकरणों से लैस रहेंगे। घर पहुंच सेवा के लिए आवेदकों से बेहद मामूली शुल्क लिया जाएगा। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं, LG और CM मिलकर करें कामः सुप्रीम कोर्ट 4 July 2018 नई दिल्ली। दिल्ली में राज्य सरकार और केंद्र के बीच जारी अधिकारों की जंग पर सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को फैसला सुनाया। अपने फैसले में पांच जजों की बैंच ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की चुनी सरकार का महत्व है। इसलिए मंत्रिमंडल के पास फैसले लेने का अधिकार है। तीन जजों ने एकमत से कहा कि एलजी दिल्ली के प्रशासक हैं लेकिन वो कैबिनेट के साथ समन्वय के साथ काम करें। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जनता की जीत करार दिया है। सिसोदिया ने कहा कि यह एक लैंडमार्क फैसला है और अब सरकार को अपनी फाइले मंजूरी के लिए एलजी के पास नहीं भेजनी होंगी। कोर्ट ने कही यह अहम बातें- - राज्य में चुनी हुई सरकार है और एलजी उसके फैसले में बाधा नहीं डाल सकते। - चुनी हुई सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य में अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है। - सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि शक्तियों का समन्वय होना चाहिए। शक्ति एक जगह केंद्रित नहीं हो सकती। - कोई भी सरकार जनता को उपलब्ध होनी चाहिए। हमारी संसदीय प्रणाली है और और केंद्र संसद के प्रति जवाबदेह है। - सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र और राज्य मिलकर काम करें। संघीय ढांचे में राज्यों को स्वतंत्रता है। - कोर्ट ने कहा कि जनमत महत्वपूर्ण है और इसे तकनिकी मामलों में नहीं उलझाया जा सकता। - एलजी दिल्ली के प्रशासक हैं क्योंकि और राज्यों के मुकाबले दिल्ली की स्थिति भिन्न है। - अगर किसी मामले पर राज्य कैबिनेट से एलजी की राय मेल नहीं खाती है तो एलजी उसे खारिज करने की बजाय राष्ट्रपति को भेजे। - कोर्ट ने कहा कि कैबिनेट को भी लिए गए फैसले के लिए एलजी की मंजूरी जरूरी नहीं है लेकिन उन्हे हर फैसला बाताया जाए। - राज्य सरकार कोई भी फैसला अकेले लेकर उसे लागू कर दे यह ठीक नहीं है। संसद का बनाया कानून सर्वोच्च है, हालांकि, कुछ मामलों में राज्य सरकार कानून बना सकती है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने उप राज्यपाल को दिल्ली का प्रशासनिक मुखिया घोषित करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अपीलीय याचिका में दिल्ली की चुनी हुई सरकार और उप राज्यपाल के अधिकार स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एमएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से पेश दिग्गज वकीलों की चार सप्ताह तक दलीलें सुनने के बाद गत छह दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम, पी. चिदंबरम, राजीव धवन, इंद्रा जयसिंह और शेखर नाफड़े ने बहस की थी जबकि केन्द्र सरकार का पक्ष एडीशनल सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने रखा था। दिल्ली सरकार की दलील थी कि संविधान के तहत दिल्ली में चुनी हुई सरकार है और चुनी हुई सरकार की मंत्रिमंडल को न सिर्फ कानून बनाने बल्कि कार्यकारी आदेश के जरिये उन्हें लागू करने का भी अधिकार है। दिल्ली सरकार का आरोप था कि उप राज्यपाल चुनी हुई सरकार को कोई काम नहीं करने देते और हर एक फाइल व सरकार के प्रत्येक निर्णय को रोक लेते हैं। हालांकि दूसरी ओर केंद्र सरकार की दलील थी कि भले ही दिल्ली में चुनी हुई सरकार हो लेकिन दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। दिल्ली विशेष अधिकारों के साथ केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली के बारे में फैसले लेने और कार्यकारी आदेश जारी करने का अधिकार केंद्र सरकार को है। दिल्ली सरकार किसी तरह के विशेष कार्यकारी अधिकार का दावा नहीं कर सकती। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद मेट्रो कर्मियों की हड़ताल स्थगित 30 Jun 2018 नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा मेट्रो कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाए जाने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) कर्मचारी यूनियन व स्टाफ काउंसिल की शुक्रवार देर रात संयुक्त बैठक हुई। इसके बाद कर्मचारियों ने अदालत का फैसला स्वीकार करते हुए फिलहाल हड़ताल स्थगित कर दी है। दिल्ली मेट्रो स्टाफ काउंसिल के महासचिव रवि भारद्वाज ने कहा कि हम अपनी बात अदालत में रखने जाएंगे। हड़ताल अभी स्थगित की गई है, रद नहीं की गई है। कर्मचारियों का आरोप है कि डीएमआरसी ने पिछले साल जुलाई में वेतन वृद्धि से संबंधित दिए गए आश्वासन को पूरा नहीं किया है। कर्मचारियों को पांच साल पर पदोन्नति देने का प्रावधान है पर कर्मचारी 10 साल से एक ही पद पर काम कर रहे हैं। वहीं, डीएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के वादे के अनुसार एक जुलाई 2015 से नया वेतनमान लागू कर दिया गया। इससे डीएमआरसी के बजट पर 92 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ा। वेतन वृद्धि के बाद गैर कार्यपालक कर्मचारियों के ग्रेड वेतमान की अधिकतम राशि अधिकारियों के ग्रेड वेतनमान की न्यूनतम राशि के बराबर हो गई है। इसलिए गैर कार्यपालक कर्मचारियों के वेतन में और इजाफा संभव नहीं है। दिक्कत यह भी है कि कई कर्मचारी एनटीपीसी जैसी कंपनियों के कर्मचारियों के वेतनमान से तुलना करते हैं और उनके बराबर वेतनमान की मांग करते हैं, जबकि उन कंपनियों में कर्मचारी दुर्गम क्षेत्र में भी ड्यूटी करते हैं। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने मेट्रो कर्मचारियों की शनिवार से प्रस्तावित हड़ताल पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो वर्तमान समय में दिल्ली की लाइफलाइन बन चुकी है और यह जनसेवा के आधार पर चलती है। इसका परिचालन बाधित होने पर दिल्ली की करीब एक चौथाई आबादी पर असर पड़ेगा। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर आदेश के बावजूद मेट्रो कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनपर अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाएगा। दिल्ली मेट्रो के नौ हजार कर्मचारियों ने 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी। दिल्ली में अधिकारी बोले- जिसमें होगा सुरक्षा संकट उस बैठक में नहीं जाएंगे 22 Jun 2018 नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में काम कर रहे आईएएस अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उन्हें सुरक्षा व सम्मान का पुख्ता आश्वासन नहीं दिया जाएगा तब तक वह सभी बैठकों में शामिल नहीं होंगे। अधिकारियों ने उनसे मिले बिना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेंगलुरु चले जाने पर भी खासी नाराजगी जताई है। मंगलवार शाम धरना खत्म कर केजरीवाल राजनिवास से सीधे घर चले गए थे, जबकि अधिकारी सचिवालय में उनके साथ बैठक का इंतजार करते रह गए। बुधवार को भी बैठक नहीं हो पाई और गुरुवार को वह चुनिंदा बैठकें लेकर स्वास्थ्य लाभ लेने 10 दिन के लिए बेंगलुरु रवाना हो गए। आईएएस अधिकारी एसोसिएशन इसे मुख्यमंत्री की वादाखिलाफी बता रहे है। एसोसिएशन के सदस्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का कहना है कि अधिकारी हमेशा की तरह इस बार भी सहयोग को तत्पर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री फिर से अधिकारियों संग एक अदद बैठक तक नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों के समक्ष फिर वही स्थिति बन गई है, जो पिछले चार माह से चली आ रही है। अधिकारियों के मुताबिक इस स्थिति में वह पहले की तरह ही चलेंगे। बैठकों में जाएंगे, लेकिन जिस बैठक में उन्हें सुरक्षा और सम्मान के लिहाज से जाना उचित नहीं लगेगा उसमें नहीं जाएंगे। विधायकों की बैठक में बिल्कुल नहीं जाएंगे। कार्यालय के समय से अलग होने वाली बैठकों में भी नहीं जाएंगे। विरोध स्वरूप रोज भोजन अवकाश के दौरान पांच मिनट का मौन व्रत भी जारी रहेगा। अगर सिसोदिया ने बैठक ली तो भी नहीं जाएंगे अधिकारी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के नहीं होने की स्थिति में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं, लेकिन अधिकारियों ने ऐसी किसी भी बैठक में जाने से इन्कार कर दिया है। एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा कि ट्वीट के जरिये हमें आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया है, उपमुख्यमंत्री ने नहीं। ऐसे में उनके साथ बैठक करने का मतलब ही नहीं बनता। मुख्य सचिव से मारपीट भी मुख्यमंत्री के ही घर हुई थी, इसलिए कुछ मुद्दे तो उन्हीं के साथ बैठक में सुलझ पाएंगे। सत्येंद्र जैन के बाद अब मनीष सिसोदिया भी अस्पताल में किए गए भर्ती 18 Jun 2018 नई दिल्ली। पिछले 8 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मनीष को राजधानी के एलएनजीपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जानकारी के अनुसार लगातार भूख हड़ताल पर रहने के कारण उनके शरीर में किटोन लेवल 7.4 पर पहुंच गया था। इसके पहले रविवार रात दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को भी स्वास्थ्य खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा उनके दो मंत्री पिछले 8 दिनों से अपनी मांगे लेकर उपराज्यपाल के यहां धरने पर बैठे हैं। इस धरने को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस धरने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि किसी के घर या दफ्तर में धरना नहीं दिया जा सकता। अगर केजरीवाल वहां धरना दे रहे हैं तो इसकी अनुमति किससे ली थी। केजरीवाल और तीन मंत्री राजभवन में धरने पर बैठे, पुलिस ने सांसद संजय सिंह को मिलने से रोका 12 Jun 2018 नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने एक एडवाजरी जारी कर लोगों से निपाह वायरस से सावधानी बरतने को कहा है। केरल में निपाह वायरस से हो रही मौतों के बाद दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि दिल्ली में इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। एडवायजरी में सरकार ने लोगों को कई तरह की सलाह दी है। सरकार ने कहा कि लोग फलों को खाते समय विशेष ध्यान दें। खासतौर पर आम खाने से पहले लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है। कारण यही है कि पक्षियों के खाए हुए आम पेड़ों से गिर जाते है जिसमें संक्रमण होने का खतरा हो सकता है। वैसे अभी तक की रिसर्च से यही पता चला है कि निपाह वायरस चमगादड़ों के काटे हुए फल खाने से फैल रहा है। यह भी बताया गया है कि अभी बहुत पैनिक होने की जरूरत नहीं है। यह बीमारी फिलहाल महामारी के कगार तक नहीं पहुंची है लेकिन सावधान रहना जरूरी है। दिल्ली में इस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। एडवायजरी में ये भी कहा गया है कि लोगों को ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यह बीमारी अभी केरल में दो जिलों तक ही सीमित है। वहां निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 16 हो गई है। इस वायरस का संक्रमण चमगादड़ों के काटे फलों में उनके सलाइवा से, निपाह वायरस से ग्रसित मरीजों और सुअरों से होता है। इस वायरस से दिमागी बुखार होता है। सबसे पहले तेज बुखार के साथ कफ और सांस लेने में तकलीफ होती है। एडवायजरी में कहा है कि साफ-सफाई रखें, भोजन से पहले और बाद में हाथ साबुन से धोएं, बाजार से आने के बाद भी हाथों को अच्छी तरह साफ करें, फलों को पानी में अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं और किसी फल पर किसी तरह का निशान होने पर उसे खरीदने या खाने से बचें। दिल्ली सरकार ने निपाह वायरस से सावधान रहने को कहा, जारी की एडवायजरी 1 Jun 2018 नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने एक एडवाजरी जारी कर लोगों से निपाह वायरस से सावधानी बरतने को कहा है। केरल में निपाह वायरस से हो रही मौतों के बाद दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि दिल्ली में इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। एडवायजरी में सरकार ने लोगों को कई तरह की सलाह दी है। सरकार ने कहा कि लोग फलों को खाते समय विशेष ध्यान दें। खासतौर पर आम खाने से पहले लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है। कारण यही है कि पक्षियों के खाए हुए आम पेड़ों से गिर जाते है जिसमें संक्रमण होने का खतरा हो सकता है। वैसे अभी तक की रिसर्च से यही पता चला है कि निपाह वायरस चमगादड़ों के काटे हुए फल खाने से फैल रहा है। यह भी बताया गया है कि अभी बहुत पैनिक होने की जरूरत नहीं है। यह बीमारी फिलहाल महामारी के कगार तक नहीं पहुंची है लेकिन सावधान रहना जरूरी है। दिल्ली में इस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। एडवायजरी में ये भी कहा गया है कि लोगों को ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यह बीमारी अभी केरल में दो जिलों तक ही सीमित है। वहां निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 16 हो गई है। इस वायरस का संक्रमण चमगादड़ों के काटे फलों में उनके सलाइवा से, निपाह वायरस से ग्रसित मरीजों और सुअरों से होता है। इस वायरस से दिमागी बुखार होता है। सबसे पहले तेज बुखार के साथ कफ और सांस लेने में तकलीफ होती है। एडवायजरी में कहा है कि साफ-सफाई रखें, भोजन से पहले और बाद में हाथ साबुन से धोएं, बाजार से आने के बाद भी हाथों को अच्छी तरह साफ करें, फलों को पानी में अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं और किसी फल पर किसी तरह का निशान होने पर उसे खरीदने या खाने से बचें। पेट्रोल एक दिन में 33 पैसे, डीजल 26 पैसे महंगा हुआ, 16 जून 2017 के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त 21 May 2018 नई दिल्ली. डीजल के बाद पेट्रोल के दाम भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल 33 पैसे और डीजल 26 पैसे महंगा किया। इसके बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 76.24 रु. का हो गया। पिछला रिकॉर्ड 14 सितंबर 2013 का था, जब कीमत 76.06 रु. थी। तब क्रूड 112 डॉलर प्रति बैरल था। जो अभी 80 डॉलर के करीब है। वहीं डीजल 67.57 रु. का हो गया है। जून 2017 से इनके दाम रोजाना तय हो रहे हैं। तब से एक दिन में यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। कंपनियां इंटरनेशनल बेंचमार्क रेट के हिसाब से दाम तय करती हैं। 24 अप्रैल को पेट्रोल का बेंचमार्क रेट 78.84 डॉलर/बैरल था। अब यह 7.8% बढ़कर 84.97 डॉलर हो गया है। सरकार एक्साइज घटाने से पहले ही इनकार कर चुकी है। पेट्रोल 4.55 रुपए और हो सकता है महंगा - कर्नाटक चुनाव के दाैरान 24 अप्रैल के बाद 19 दिनों तक दाम नहीं बढ़ाए। 12 मई को वोटिंग हुई। 14 मई से कीमतें बढ़नी शुरू हुईं। हफ्तेभर में पेट्रोल 1.61 रु. और डीजल 1.64 रु. महंगा किया। - तेल कंपनियां मार्जिन कर्नाटक चुनाव से पहले के स्तर पर ले गईं तो पेट्रोल 4.55 रु. तक और डीजल 4 रु. तक महंगा होगा। सिर्फ एक बार घटाई ड्यूटी - नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के दौरान जब क्रूड ऑयल के दाम घट रहे थे, सरकार ने 9 बार में पेट्रोल पर 11.77 रु. और डीजल पर 13.47 रु. एक्साइज बढ़ाई थी। क्रूड महंगा होने पर सिर्फ एक बार, अक्टूबर 2017 में ड्यूटी 2 रु. प्रति लीटर घटाई। देश में सबसे महंगा पेट्रोल महाराष्ट्र में और डीजल आंध्र में पेट्रोल: 85.77 रुपए/लीटर महाराष्ट्र के परभणी में था रविवार को। - सबसे सस्ता: पणजी में 70.26 रुपए। - सबसे सस्ते और महंगे में 15 रु. का अंतर डीजल: 73.45 रुपए/लीटर आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में था रविवार को। - सबसे सस्ता: पोर्ट ब्लेयर में 63.35 रुपए। - सबसे सस्ते और महंगे में 10 रु. का अंतर जल्द ही तेल कीमतों पर लगाम लगेगी: प्रधान - न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रविवार को ही पेट्रोलियम मंत्री ने कहा था, ''मैं स्वीकार करता हूं कि तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी से देश की जनता और खास तौर से मिडिल क्लास को काफी परेशानी हो रही है। इसके पीछे वजह तेल कंपनियों के प्रोडक्शन में कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी है। भारत सरकार जल्द ही इसका हल खोज लेगी।'' - दूसरी ओर, दिल्ली में बढ़ती तेल कीमतों पर लोगों ने कहा कि सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए एक्साइज ड्यूटी घटनी चाहिए। मुंबई के उपभोक्ताओं ने कहा कि मुंबई में दिल्ली और गुजरात की अपेक्षा पेट्रोल इतना महंगा क्यों है? लोगों को रोजाना करीब 120 रुपए तक पेट्रोल पर खर्च करने पड़ रहे हैं। 2025 तक निपट पाएंगे मौजूदा 6100 पॉक्सो केस, लेकिन तब तक 12500 नए केस और जुड़ जाएंगे 11 May 2018 नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो के मामले एक साल में निपटाने के आदेश दिए हैं, लेकिन ऐसा होना मुमकिन नहीं है। दिल्ली में अभी पॉक्सो के 6100 केस पेंडिंग हैं, जिनकी सुनवाई 14 कोर्ट में चल रही है लेकिन इनका एक साल में निपटारा नामुमकिन है। विशेषज्ञ का कहना है कि इनके ट्रायल में कई एरर हैं, जिन्हें खत्म करना होगा। इस पर भास्कर ने जब पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जैसे- पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 35(2) के अनुसार चार्जशीट दायर होने के बाद एक साल में केस का निपटारा होना चाहिए लेकिन इसके साथ एक फ्रेज भी लगा है (as far as possible) यानी जहां तक संभव हो। इसका मतलब केस एविडेंस स्टेज पर समय लें तो आप कुछ नहीं कर सकते। जैसे-दिल्ली में पेंडिंग 6100 केसों में से 4155 एविडेंस स्टेज पर हैं। मतलब किसी में गवाही हो रही है तो किसी में फोरेंसिक रिपोर्ट या डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है। कई में दस्तावेज फाइल होना बाकी है। इस तरह केस लंबा खींचता रहता है और सुनवाई टलती रहती है। कई बार लंबे समय तक केस खिंचने के कारण कभी गवाह मुकर जाते हैं तो कभी सबूतों के साथ छेड़छाड़ का पूरा मौका मिल जाता है। भास्कर पड़ताल : ये हैं 10 बॉटलनेक, जो स्पीडी ट्रायल की रफ्तार में बड़े ब्रेकर 1.डीएनए टेस्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार करने में एक साल तक लगता है, क्योंकि दिल्ली में सिर्फ एक ही फोरेंसिक लैब है। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले-दिल्ली के हर जिले में एक फोरेंसिक लैब यानी 11 जिलों में 11 लैब होनी चाहिए। रिपोर्ट देने का समय निर्धारित हो और पालन न करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। 2. पॉक्सो कोर्ट की कमी:अभी 14 कोर्ट हैं, पर इनमें हत्या, हत्या का प्रयास और डकैती जैसे केस की भी सुनवाई होती है। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले- 30 पॉक्सो कोर्ट बनें जिनमें सिर्फ और सिर्फ पॉक्सो से जुड़े मामलों की सुनवाई हो, वहां कोई और केस न लाया जाए। 3.महिला पुलिसकर्मियों की कमी। पॉक्सो केस में महिला एसआई जांच अफसर होती है। यहां एक हजार महिला एसआई ही हैं। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले-दिल्ली में जिस तेजी से पॉक्सो में मामले दर्ज होते हैं, उस हिसाब से महिला एसआई की संख्या 7000 होनी चाहिए। 4. सरकारी वकीलों की कमी | जो सरकारी वकील हैं वे पॉक्सो के केस के साथ-साथ कई अन्य मामलों में व्यस्त रहते हैं। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले-पॉक्सो कोर्ट के सरकारी वकील केवल पॉक्सो मामलों को ही देखें, अभी 14 वकील हैं, इनकी संख्या 30 होनी चाहिए। 5. निचली कोर्ट से सजा के बाद भी हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति से गुहार लगाने में एक साल आसानी से निकल जाता है। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले-ऐसा सिस्टम बनना चाहिए, जिससे जजों का फोकस केवल पॉक्सो केस का ट्रायल जल्द खत्म करने पर हो। केसों की अपील, रिविजन, रिव्यू पिटिशन और दया याचिका का निपटारा भी जल्द से जल्द करने की व्यवस्था की जाए। 6.अभी कोर्ट पहुंचने के बाद पीड़िता को दिल्ली राज्य विधिक सेवा आयोग के वकील की सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले- एफआईआर दर्ज होते ही पीड़िता को लीगल सहायता उपलब्ध कराई जाए, जिससे केस का फैसला सुनाने में अनावश्यक देरी न हो और पीड़िता का सिस्टम पर विश्वास बना रहे। 7.पीड़िता के लिए मुआवजे की राशि सजा सुनाते हुए कोर्ट द्वारा ही तय की जाती है, जिसमें काफी समय बर्बाद हो जाता है। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले-नेशनल चिल्ड्रन ट्रिब्यूनल बने जो पीड़िताओं के पुनर्वास के काम करे और उन्हें तत्काल सहायता दिलाई जा सके। 8. 67 फीसदी मामलों में पीड़िता बयानों से मुकर जाती है। कभी परिजन दबाव बनाते हैं, कभी बाहरी दबाव होता है। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले- बयानों से मुकर जाने को लेकर कड़े नियम बनें। अभी कोई नियम नहीं। इससे जबरन के केस लगना भी बंद हो जाएंगे। 9. कई मामलों में पीड़िता और परिजनों को आरोपी की तरफ से धमकाया जाता है और केस बेवजह लंबा खींचा जाता है। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले-पुलिस कोर्ट के आदेश पर ही सुरक्षा देती है। गवाह, विक्टिम व उसकी फैमिली की सुरक्षा के लिए अलग से पॉलिसी बने। 10. पॉक्सो के मामलों की पेंडेंसी, निस्तारण और दूसरी बार दोषी का कोई रिकॉर्ड नहीं होता। ऐसे जल्द आ सकते हैं फैसले-ऐसे अपराधियों का रिकॉर्ड रखने के लिए नेशनल लेवल पर तकनीक विकसित होना चाहिए। पुलिस का एक डोजियर है लेकिन उसमें हर तरह के अपराधी का रिकॉर्ड होता है। जिससे ऐसे लोग चिह्नित नहीं हो पाते। एक्सपर्ट व्यू: चर्चा में रहने के लिए पब्लिसिटी के केसों में उलझे रहते हैं जज हाईकोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस एस.एन. ढिंगरा के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के पॉक्सो को लेकर हाल ही में दिए निर्देश देने से पहले पूरे ज्यूडिशियल सिस्टम को समझना होगा। केवल निर्देश देने से कुछ नहीं होता। जजों के सामने वकील जो पेश करते हैं वह उस हिसाब से ऑर्डर देते हैं। पॉक्सो की पेंडेंसी खत्म करने के लिए हमारे पास स्पेशलाइज जज होना चाहिए। जजों का वर्क डिस्ट्रीब्यूशन सही करने की भी जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में आजकल जनहित से ज्यादा पब्लिसिटी के केस हैं। जज इन केसों में उलझे रहते हैं और बड़े-बड़े वकील इसका फायदा उठाते हैं। इससे जज चर्चा में भी बने रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश 1 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालतों में पेंडिंग पॉक्सो केसों के स्पीडी ट्रायल के लिए आदेश दिए। जैसे पॉक्सो अदालतों को रेगुलेट और मॉनिटर करने के लिए हाईकोर्ट जजों की तीन सदस्यीय कमेटी बने। कमेटी देखेगी की पॉक्सो की सुनवाई कर रही स्पेशल कोर्ट तय नियमों के मुताबिक मामलों का निपटारा कर रही हैं या नहीं। - सभी राज्यों में पॉक्सो के केसों की जांच के लिए अलग टास्क फोर्स बने। इनका नेतृत्व डीजीपी या डीसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी करे। - पॉक्सो केसों में गवाहों की अदालत में पेशी व सुरक्षा सुनिश्चित हो। - मामलों की सुनवाई बच्चों के अनुकूल (फ्रेंडली) माहौल में हो। - मामलों की जल्द जांच हो और स्पेशल कोर्ट सुनवाई में गैर जरूरी स्थगन (एडजॉर्नमेंट) आदेश न दें। 66 साल में सुप्रीम कोर्ट के 70 जजों को रिटायरमेंट के बाद नया पद मिला, इनमें 44 चीफ जस्टिस 25 April 2018 नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के जजों को रिटायरमेंट के बाद समय-समय पर कांग्रेस और भाजपा शासित सरकारों द्वारा नए पदों पर नियुक्ति दी जाती रही है। इस संबंध में कानूनी मामलों की थिंक टैंक संस्था विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें बताया गया है कि 1950 से 2016 तक सुप्रीम कोर्ट के 100 में से 70 रिटायर्ड जजों ने रिटायरमेंट के बाद केंद्र सरकार से नए पद स्वीकार किए हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट के 44 चीफ जस्टिस शामिल हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले दो जस्टिस ने कहा था- कोई नया पद नहीं लेंगे - तीन महीने पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कान्फ्रेंस करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन बी लोकुर के बारे में भी चर्चा फैली थी कि वे नए पद की उम्मीद में ऐसा कर रहे हैं। पर बाद में जस्टिस चेलामेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की थी कि वे अपने रिटायरमेंट के बाद कोई नया पद नहीं लेंगे। जस्टिस चेलामेश्वर इस साल 22 जून को और जस्टिस जोसेफ 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। चीफ जस्टिस की बेंच अयोध्या, आधार और बहुविवाह जैसे मामलों की सुनवाई कर रही है - चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में विशेष बेंच अयोध्या विवाद और आधार से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही हैं। हाल ही में चीफ जस्टिस ने बहुविवाह और हलाला कुप्रथा पर सुनवाई करने का फैसला लिया है। ये हैं बड़े नाम जस्टिस जीटी नानावटी: साल 2000 में रिटायर हुए थे। इन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद दो आयोगों का पदभार संभाला। 2002 में गुजरात दंगों के जांच आयोग की अध्यक्षता भी की। जस्टिस पीवी रेड्डी: 2005 को सेवानिवृत्त हुए थे। बाद में लॉ कमीशन के चेयरमैन बने थे। जस्टिस एके माथुर:7 अगस्त 2008 को सेवानिवृत्त हुए थे। बाद में आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल के चेयरमैन का पद ग्रहण किया था। जस्टिस अरिजित पसायत: 10 मई 2009 को सेवानिवृत्त हुए। फिर कंपीटिशन एपेलेट ट्रिब्यूनल के चेयरमैन का पद ग्रहण किया था। जस्टिस पीपी नाओलेकर: 2009 को सेवानिवृत्त हुए। मध्यप्रदेश के लोकायुक्त बने। जस्टिस एसबी सिन्हा: 2009 को सेवानिवृत्त हुए। बाद में टेलीकॉम डिस्प्यूट एंड सेटलमेंट एपेलेट ट्रिब्यूनल के चेयरमैन रहे। जस्टिस तरुण चटर्जी: 2010 में सेवानिवृत्त हुए। अरुणाचल के सीमा विवाद को निपटाने के लिए कमिश्नर का पद ग्रहण किया था। जस्टिस केजी बालाकृष्णन: 2010 में रिटायर हुए। बाद में मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन का पद संभाला। जस्टिस एचएस बेदी:2011 में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद पुलिस एनकाउंटर में होने वाली मौतों की जांच के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख का पदभार संभाला। जस्टिस मार्कंडेय काटजू: 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे। बाद में प्रेस काउंसिल के चेयरमैन रहे। जस्टिस आरवी रविंद्रन:2011 को सेवानिवृत्त हुए। बाद में एनजीटी के चेयरमैन बने। जस्टिस पी सताशिवम:2014 में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद केरल के राज्यपाल बनाए गए। जस्टिस बीएस चौहान:2014 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद लॉ कमीशन के चेयरमैन बने। जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय:2015 में सेवानिवृत्त। लॉ ट्रिब्यूनल के चेयरमैन बने। जस्टिस एचएल दत्तू:2015 काे सेवानिवृत्त हुए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन हैं। जस्टिस स्वतंत्र कुमार: सेवानिवृत्त के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन बने। सात दलों के पास लोकसभा में 100 सांसद नहीं, इसलिए राज्यसभा की शरण में पहुंचे - कांग्रेस के नेतृत्व में 7 विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाना चाहते हैं। इन पार्टियों के नोटिस पर 64 मौजूदा सांसदों के दस्तखत हैं। राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 50 सांसदों की जरूरत होती है। इन पार्टियों ने मजबूरी में प्रस्ताव के लिए राज्यसभा का रास्ता चुना है। - दरअसल, लोकसभा में महाभियोग लाने के लिए प्रस्ताव पर कम से कम 100 सदस्यों के दस्तखत जरूरी होते हैं। पर इन 7 पार्टियों के पास लोकसभा में सिर्फ 72 सांसद ही हैं। यदि सभापति ने प्रस्ताव मंजूर कर लिया तो दीपक मिश्रा महाभियोग का सामना करने वाले देश के पहले चीफ जस्टिस होंगे। कांग्रेस सरकार में जस्टिस दीपक मिश्रा हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे - कांग्रेस की नरसिंह राव सरकार ने 1996 में जस्टिस मिश्रा को हाईकोर्ट का जज बनाया था। यूपीए सरकार ने 2011 में उनको सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया था। अब कांग्रेस उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाई है। जब भाजपा महाभियोग के पक्ष में थी... - सुप्रीम कोर्ट के जज वी रामास्वामी को राजीव गांधी सरकार ने चीफ जस्टिस बनवाकर चंडीगढ़ हाईकोर्ट भेजा था। वे वहां जब तक रहे, तब तक टाडा के अभियुक्त जमानत पाते रहे। इसके विरोध में 1991 में राष्ट्रीय मोर्चा, वामपंथी दल और भाजपा के 108 सांसदों ने लोकसभा में रामास्वामी के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया था। 25 साल में 6 जजों के खिलाफ महाभियोग की कोशिश, कामयाबी एक में भी नहीं 1. 1993 रामास्वामी महाभियोग फेस करने वाले पहले जज थे - सुप्रीम कोर्ट के जज वी. रामास्वामी को महाभियोग का सामना करने वाला पहला जज माना जाता है। उनके खिलाफ मई 1993 में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। पर यह प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया था। 2. 2011 पहला ऐसा महाभियोग जो राज्यसभा में पास हो गया - 2011 में कोलकाता हाईकोर्ट के जज सौमित्र सेन को अनुचित व्यवहार में महाभियोग का सामना करना पड़ा। यह राज्यसभा में पास हो गया था। पर लोकसभा में वोटिंग होने से पहले ही जस्टिस सेन ने इस्तीफा दे दिया। 3. 2011 महाभियोग प्रस्ताव पेश होने से पहले ही इस्तीफा - सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीडी दिनाकरन के खिलाफ भी कुछ दलों ने महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी की थी। पर इससे कुछ दिन पहले ही जस्टिस दिनाकरन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 4. 2015 दो जजों के खिलाफ हुई थी प्रस्ताव लाने की तैयारी - 2015 में गुजरात हाईकोर्ट के जज जेबी पार्दीवाला और 2015 में ही जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस एसके गंगेले के खिलाफ भी महाभियोग लाने की तैयारी हुई थी। पर ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। 5. 2016-17 नागार्जुन रेड्डी के खिलाफ जरूरी समर्थन नहीं - आंध्र प्रदेश/तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस सीवी नागार्जुन रेड्डी के खिलाफ 2016 और 2017 में दो बार महाभियोग लाने की कोशिश की गई थी। पर इन प्रस्तावों को कभी जरूरी सांसदों का समर्थन नहीं मिला। लोकसभा में इन 7 पार्टियों के सदस्य कांग्रेस 48 एनसीपी 06 सीपीएम 09 सीपीआई 01 सपा 07 मुस्लिम लीग 01 बसपा 00 देश में एक कॉमन वोटर लिस्ट हो: संसदीय समिति, सीईसी बोले- पार्टियां ही नहीं बनने देंगी एक वोटर लिस्ट 24 March 2018 नई दिल्ली. कार्मिक मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने हाल ही सिफारिश की है कि देश में पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक एक वोटर लिस्ट होनी चाहिए। इस कदम से इस मुद्दे पर काफी समय से चल रही बहस को और बल मिला है। दरअसल समिति चुनाव आयोग के खर्च की समीक्षा कर रही है। समिति का मानना है कि इससे डुप्लीकेशन नहीं होगा। समय की बचत होगी, पैसा और मैनपावर भी दुगना खर्च नहीं करना पड़ेगा। एक साल में बढ़ गए वोटर - देश में 2018 के हिसाब से 87,53,72,057 मतदाता हैं। यह संख्या 2017 में 86,69,13,278 थी। यानी 0.98 % वोटर एक साल में बढ़ गए हैं। वोटर लिस्ट को अपडेट करने की यह कवायद हर साल होती है। एक नहीं दो स्तर पर यही काम होता है। - भारत के निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोगों को संसद, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकाय के चुनाव कराने का संवैधानिक जिम्मा सौंपा गया है। देश का निर्वाचन आयोग संसद और विधानसभा के चुनाव कराता है। राज्यों के चुनाव आयोग पंचायत राज संस्थाओं और म्युनसिपिल निकायों के चुनाव कराते हैं। - दोनों अलग-अलग मतदाता सूची तैयार करते हैं। कुछ राज्यों में राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार वोटर लिस्ट इस्तेमाल की जाती है लेकिन अधिकतर राज्यों में उनके आयोग अलग मतदाता सूची बनाते हैं। - इस डुप्लीकेसी से बचने के लिए संसदीय समिति ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह राज्य आयोगों से समन्वय बनाए ताकि साझा वोटर लिस्ट के आधार पर चुनाव हों। इस दिशा में जो भी कानूनी प्रावधान हों, उसके लिए कदम उठाए जाएं। भास्कर इंटरव्यू : नया डाटाबेस तैयार करना पहाड़ खोदने जैसा काम चुनाव आयोग समिति की सिफारिश को कठिन बता रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत का कहना है कि राज्यों के आयोगों में वोटर लिस्ट तैयार करने की एकरूपता नहीं है और पंचायत से लेकर नगरपालिकाओं एवं वार्डों के नंबर फीड कर डाटाबेस तैयार करना एक पहाड़ खोदने जैसा काम है। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश : Q. पूरे देश के लिए एक मतदाता सूची बनाने में क्या चुनौतियां हैं? A.हम लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची बनाते हैं। 2002 के बाद हम पर बंदिश लग गई है कि 2021 की जनगणना के बाद ही हम निर्वाचन क्षेत्रों का डिलिमिटेशन कर सकेंगे। तब तक जो जैसा क्षेत्र है, वह वैसा ही रहेगा। तब तक हमारी वोटर लिस्ट तो वैसी ही बनी रहेगी। लेकिन पंचायत और नगरपालिका तो रोज बदलते हैं। वार्ड की सीमा इधर से उधर कर देते हैं। राजनीतिक कारणों से ऐसा होता है। गणित यह होता है कि अगर सौ वोट इधर से उधर कर दो तो विपक्ष के वोट कम हो जाएंगे और हम जीत जाएंगे। Q. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि वोटर लिस्ट एक रहे और चुनाव वे अपने क्षेत्र में अपने हिसाब से कराते रहें? A.ऐसा नहीं हो सकता। वोटर लिस्ट वार्ड बूथ और पोलिंग स्टेशन के हिसाब से बनती है। उसी के आधार पर वोट पड़ते हैं। एक स्टेट में तो हमने देखा कि उन्होंने हमारे से दस हजार पोलिंग स्टेशन ज्यादा कर लिए। जब तक ऐसा चलता रहेगा तब तक उनके साथ हमारा सामंजस्य नहीं हो सकता। Q. तो फिर एक राष्ट्र में एक वोटर लिस्ट की मांग की कितनी व्यावहारिक है? A. दुनिया के कई देशों में ऐसा है। इंडोनेशिया में है। आस्ट्रेलिया में है। और भी कई देशों में है। वहां ठीक से काम चल भी रहा है क्योंकि वहां हमारी जैसी राजनीतिक पैंतरेबाजी नहीं होती। Q. मतदाता सूचियां अलग-अलग होने से क्या विसंगतियां होती हैं? A. दिलचस्प बात यह है कि वे हमारी ही सूची को उठाकर, उसे कांट-छांटकर अपनी मतदाता सूची बना लेते हैं। यानी मतदाता तो वही रहता है लेकिन उसका क्षेत्र बदलता रहता है। समस्या यह है। इसी वजह से मतदाता सूची कॉमन नहीं बन सकती है। हमारा पोलिंग स्टेशन तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए 2021 तक वही रहना है। लेकिन राज्यों की मतदाता सूची उनके हर चुनाव से पहले बदल जानी है। उनकी राजनीतिक जरूरतों के हिसाब से ढल जानी है। दिवालिया होगी नीरव की कंपनी, अमेरिकी कोर्ट में याचिका 28 February 2018 न्यूयॉर्क. भारत में सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड ने अमेरिका में दिवालिया कार्रवाई के लिए आवेदन किया है। सोमवार को न्यूयॉर्क के बैंकरप्सी कोर्ट में कंपनी के डायरेक्टर मिहिर भंसाली की तरफ से दायर की गई। इसमें नीरव मोदी का नाम नहीं है। नीरव इस कंपनी के जरिए इंटरनेशनल बिजनेस करता है। लिक्विडिटी और सप्लाई चेन की समस्या को दिवालिया की वजह बताया गया है। नीरव और उसके मामा मेहुल चौकसी पर 12,717 करोड़ के घोटाले का आरोप है। भारत में इनके बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं। इनके स्टोर्स से 6,000 करोड़ के हीरे, सोना और ज्वैलरी जब्त किए गए हैं। याचिका में फायरस्टार की दो सहयोगी कंपनियों के भी नाम हैं- ए. जैफे और फैंटासी इंक। ए. जैफे वेडिंग ज्वैलरी का बिजनेस करती है। आवेदन में कंपनी पर 325 करोड़ से 650 करोड़ रुपए तक की देनदारी बताई गई है। 18 साल पुरानी कंपनी है फायरस्टार डायमंड नीरव मोदी ने 1999 में हीरा सप्लायर के तौर पर फायरस्टार डायमंड कंपनी खोली थी। कंपनी ने 2001 में ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग शुरू की। फ्रेडरिक गोल्डमैन नाम की एक डायमंड ज्वैलरी कंपनी को खरीदकर यह अमेरिका के रिटेल मार्केट में उतरी थी। 2009 में बेल्जियम में यूनिट खोली। 2010 में नीरव मोदी अल्ट्रा-लक्जरी डायमंड ज्वैलरी ब्रांड लांच किया। 64% लुढ़के पीएनबी, गीतांजलि जेम्स के शेयर। घोटाले का आकार बढ़ने की खबर आने के बाद मंगलवार को पीएनबी के शेयरों में तेज गिरावट आई। बीएसई में शेयर 12.11% गिरावट के साथ 98.35 रुपए पर बंद हुए। दिन के कारोबार में ये 96.10 रुपए तक चले गए थे। 14 फरवरी को घोटाला उजागर होने के बाद मात्र 10 कारोबारी दिनों में 64% गिरावट आ चुकी है। मेहुल चौकसी की गीतांजलि जेम्स भी इस दौरान 64% गिरी है। मंगलवार को शेयर 5% गिरकर 22.45 रुपए पर आ गए। मेहुल चौकसी की कंपनी की फोरेंसिक ऑडिटिंग करवाएंगे बैंक मेहुल चौकसी की गीतांजलि जेम्स ने धोखाधड़ी की या नहीं, बैंक इसकी फोरेंसिक ऑडिट कराएंगे। लॉ फर्म टीआर चड्ढा एंड कंपनी को इसके लिए नियुक्त किया है। आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 31 बैंकों ने कंपनी को 6,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज दिया है। इसमें पीएनबी के करीब 1,000 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक के 600 करोड़ हैं। बैंक ने कहा कि नीरव मोदी की कंपनियों पर इसका कोई कर्ज नहीं है। रोटोमैक केस : 12 नई चार्जशीट दाखिल, 3 और बैंक खाते अटैच आयकर विभाग ने रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उसके ग्रुप के खिलाफ 12 नई चार्जशीट दाखिल की हैं। 3 और बैंक खाते भी अटैच किए हैं। अब तक कुल 18 चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं और 17 बैंक खाते अटैच किए गए हैं। टैक्स अधिकारी चार अचल संपत्ति भी अटैच कर चुके हैं। यह कार्रवाई 106 करोड़ रुपए की टैक्स मांग की वसूली के संबंध में की गई है। डायमंड-ज्वैलरी से जुड़े सभी अकाउंट की हो रही जांच पीएनबी घोटाला पकड़े जाने के बाद बैंकों ने डायमंड और ज्वैलरी से जुड़े सभी अकाउंट की जांच शुरू कर दी है। वे यह तहकीकत भी कर रहे हैं कि ज्वैलर राउंड ट्रिपिंग तो नहीं कर रहे। राउंड ट्रिपिंग में एक ही सामान को बार-बार आयात करके निर्यात कर दिया जाता है। आयात के लिए बैंक से सस्ता कर्ज मिल जाता है। नोएडा में बीच सड़क कारोबारी की हत्या, भीड़ देख पुलिस ने जोड़े हाथ 26 February 2018 नोएडा. यहां भंगेल रोड पर रविवार रात बदमाशों ने लूट का विरोध करने पर बीच सड़क पर एक कारोबारी की हत्या कर दी। बाइक पर सवार होकर आए तीन बदमाशों ने छह राउंड फायरिंग की। इसमें कारोबारी दिवाकर कंसल (20 वर्ष) के सीने और पेट में तीन गोलियां लगीं। इस दौरान मौके पर मौजूद लोग पीछे हट गए। बदमाश कारोबारी से बैग छीनकर ले गए। इसमें पांच लाख रुपए थे। घटना रात करीब 10 बजे की है। मामले का पता चलते ही गुस्साई भीड़ ने मौके पर आई पीसीआर में तोड़फोड़ की। आग लगाने की कोशिश भी की गई। - गुस्सा बढ़ता देख पुलिसकर्मियों ने हाथ जोड़ लिए और पीसीआर लेकर भाग गए। थोड़ी देर बाद अधिकारी वहां पहुंचे और शव को कब्जे में लिया। - भंगेल पुलिस चौकी से 200 मीटर दूर हुई वारदात, भंगेल में किराना की दुकान चलाते थे दिवाकर - दुकान बंद कर पिता के साथ पैदल जा रहे थे घर, नोएडा में गोझा के रहने वाले थे कारोबारी - परिजन बोले, पहले अपराधी पकड़ो तब पोस्टमार्टम होगा एक साल में भारत में करप्शन बढ़ा, 2 पायदान फिसला; पाकिस्तान-श्रीलंका हमसे ज्यादा भ्रष्ट 23 February 2018 नई दिल्ली. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने वर्ष 2017 के लिए दुनियाभर के देशों का करप्शन इंडेक्स जारी कर दिया है। इस मामले में भारत दो पायदान फिसलकर 183 देशों में 81वें स्थान पर जा पहुंचा है। 2016 में भारत 79वें नंबर पर था। रैंकिंग के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 0 प्वाइंट (सबसे ज्यादा करप्ट) से 100 प्वाइंट (करप्शन बिल्कुल नहीं) के स्केल का इस्तेमाल किया है। इस तरह 183 देशों में सरकारी संगठनों और कंपनियों में करप्शन का पता लगाया है। भारत को दोनों साल 40 प्वाइंट मिले - भारत को इस बार भी 2016 के बराबर 40 प्वाइंट मिले हैं। जिस देश का जितना ज्यादा स्कोर होता है वह उतना कम करप्ट माना जाता है। - बर्लिन स्थित यह एंटी करप्शन निरोधी आर्गनाइजेशन वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और दूसरे ऑर्गनाइजेशन के डाटा के आधार पर दुनियाभर के सरकारी महकमो में करप्शन का एनालिसिस करता है। करप्शन-प्रेस की आजादी में भारत सबसे कमजोर - ट्रांसपेरेंसी ने भारत को इंडो-पेसिफिक रीजन में करप्शन और प्रेस की आजादी के लिहाज से सबसे कमजोर देशों में शामिल किया है। - ऑर्गनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फिलीपींस, भारत और मालदीव जैसे देशों में न सिर्फ करप्शन, बल्कि जर्नलिस्ट्स की हत्या के मामले भी ज्यादा हैं। - रिपोर्ट के मुताबिक, बीते छह साल में 10 पत्रकारों में से 9 उन देशों में मारे गए हैं, जिन्हें करप्शन इंडेक्स में 45 या इससे कम नंबर मिले हैं। ऐसे देशों की संख्या दो तिहाई से ज्यादा है। फोकस करना है तो डी-फोकस करना सीख लीजिए: 'परीक्षा पर चर्चा' में मोदी ने स्टूडेंट्स से कहा 16 February 2018 नई दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां के तालकटोरा स्टेडियम में स्टूडेंट्स के साथ "मैंकिंग एग्जाम फन: चैट विद पीएम मोदी" टाइटल के तहत पर परीक्षा पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा- ‘‘भूल जाइए कि आप किसी प्रधानमंत्री के साथ बात कर रहे हैं। ये पक्का कर लीजिए कि मैं आपका दोस्त हूं। आपके परिवार का दोस्त हूं। आपके अभिभावकों का दोस्त हूं। एक प्रकार से आज मेरी परीक्षा है। आज आप लोग मेरी परीक्षा लेने वाले हैं। देशभर के 10 करोड़ से ज्यादा बच्चे और उनके परिवार के लोगों के साथ रूबरू होने का मुझे मौका मिला है। मैं उन शिक्षकों को नमन करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे अभी भी विद्यार्थी बनाए रखा है। मुझे सबसे बड़ी शिक्षा मिली कि भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने मत देना। अंदर का विद्यार्थी जीवनभर जीता है तो हमें जीने की ताकत देता है। नरेंद्र मोदी ने कहा- "जिस समय मैंने स्वच्छ भारत का विषय रखा, उसे देश के पालकों ने थाम लिया। वे घरों में कचरा फैलाने पर टोकते हैं। उससे बच्चे जागृत हो गए। दूसरी मदद मीडिया ने की है। अभियान को ताकत दी है। आज यह अभियान हर एक की जिम्मेदारी बन गई है। आज का प्रोग्राम भी प्रधानमंत्री या मोदी का कार्यक्रम नहीं है। ये देश के करोड़ों बच्चों का कार्यक्रम है। आप सब मेरे एग्जामीनर हैं। देखते हैं कि आप मुझे 10 में से कितने अंक देते हैं।" स्टूडेंट्स के सवालों पर मोदी के जवाब 1) आत्मविश्वास को कैसे बनाए रखें? सवाल:दिल्ली से 11वीं की समीक्षा ने सवाल किया- ‘‘परीक्षा खत्म होने तक नर्वस रहते हैं, कैसे दूर करें।’’ एक और स्टूडेंट ने पूछा कि परीक्षा के वक्त हमें कुछ भी याद नहीं आता। हम आत्मविश्वास खो देते हैं। ऐसे समय में आत्मविश्वास बनाए रखें? - मोदी ने इन सवालों पर कहा, ‘‘ये सवाल बहुत से बच्चों ने पूछा है। मेहनत में कमी नहीं होती। अगर आत्मविश्वास नहीं है तो कितनी भी मेहनत करें, क्लासरूम में बैठने पर ये तो याद आता है कि किस किताब के किस पेज पर जवाब है, लेकिन एकाध शब्द याद नहीं आता। ...मैं बचपन में स्वामी विवेकानंद को पढ़ता था। वे कहते थे- अहम् ब्रह्मास्मी। यानी अपने आप को कम मत मानो। उस जमाने में 33 करोड़ देवी-देवताओं की चर्चा हुआ करती थी। वे कहते थे कि 33 करोड़ देवता तुम पर कृपा बरसा भी देंगे, लेकिन अगर तुममें आत्मविश्वास नहीं होगा तो 33 करोड़ देवी-देवता भी कुछ नहीं कर पाएंगे।’’ - ‘‘बच्चे आमतौर पर सरस्वती की पूजा करते हैं। एग्जाम देने जाते हैं तो हनुमानजी की पूजा करते हैं। ऐसा क्यों करते हैं? मैं छोटा था तो मजाक उड़ाता था। मैं सोचता था कि हनुमानजी को इसलिए नमन करते हैं क्योंकि एग्जाम में चिट पकड़ जाए तो मास्टरजी को पता होना चाहिए कि ये हनुमानजी का भक्त है। ये स्कूलाें में मेरे चुटकुले का हिस्सा था। ...मन में आत्मविश्वास जरूरी होना चाहिए। यह जड़ी-बूटी नहीं है। आत्मविश्वास लंबे भाषणों से भी नहीं आता। हमने अपने आप को कसौटी पर कसने की आदत डालनी चाहिए।’’ - ‘‘हर कदम पर कोशिश करते-करते आत्मविश्वास बढ़ता है। मैं जहां हूं, उससे मुझे ज्यादा है। इसके लिए जो करना पड़ेगा, वो मैं करूंगा। ये भाव होना चाहिए। अभी-अभी एक खबर मेरे दिल को छू गई। साउथ कोरिया में विंटर ओलिंपिक चल रहे हैं। उसमें कनाडा का एक नौजवान मार्क स्नोबोर्ड खेल रहा है। उसने ब्रॉन्ज मेडल जीता। 11 महीने पहले उसे भयानक इंजरी हुई थी। 15 से 20 फ्रैक्चर हुए। कोमा में था। लेकिन अब मेडल जीत लिया। उसने अपने फेसबुक पर दो फोटो शेयर कीं। एक अस्पताल का, दूसरा मेडल का। फोटो पर उसने लिखा है- धन्यवाद जिंदगी।’’ - ‘‘स्कूल में जाते समय दिमाग से ये निकाल दीजिए कि कोई आपकी एग्जाम ले रहा है। कोई आपको नंबर देने वाला है। दिमाग में ये भर लीजिए कि आप ही आपके एग्जामिनर हो। आप ही अपना भविष्य तय करेंगे। मैं अपने हौसले के साथ चलूंगा, ये भाव तय कीजिए। जीवन में सफलता में क्षमता-संसाधन सब हो, लेकिन आत्मविश्वास होना चाहिए। हमारे देश में 100 भाषाएं हैं। 1700 डायलेक्ट हैं। इतनी विविधताएं हैं। बहुत से बच्चे मुझे ऑनलाइन सुन रहे होंगे। मैं उनकी भाषा में नहीं बोल पा रहा हूं। लेकिन मैं तमिल, मलयालम, कन्नड़ जैसी भाषाएं नहीं बोल पाता। उन सभी से मैं माफी चाहता हूं।’’ 2) एकाग्रता कैसे बनाएं रखें? सवाल:नोएडा से 10वीं की कनिष्का वत्स ने पूछा, ‘‘पढ़ाई से ध्यान भटक जाए तो क्या करें?’’ आईअाईटी-बीएचयू से प्रणव व्यास ने पूछा- जब हम खुद से खुश हो जाएं तो क्या करना चाहिए? - मोदी ने कहा, ‘‘बहुत लोगों को लगता है कि कॉन्संट्रेशन खास तरह की विधा है। ऐसा नहीं है। आपमें से हर व्यक्ति दिन में कोई न काई काम ध्यान से करता है। जैसे गाने के बोल को याद रखना। दोस्त से फोन पर बात करते वक्त अगर आपका प्रिय गाना चल रहा हो तो भी आप बातचीत में उलझ जाते हैं। यानी कॉन्संट्रेशन है। आप खुद का एनालिसिस कीजिए। वो कौन-सी बातें हैं, जिन्हें आप ध्यान से-मन से कर रहे हैं। उसके कारणों पर जाइए। उसे अपनी रेसिपी बना लें और पढ़ाई में अप्लाई करें तो कॉन्संट्रेशन का दायरा बढ़ता जाएगा। खुद को जांचना-परखना चाहिए।’’ - ‘‘बहुत लोग कहते हैं कि हमें कुछ याद नहीं रहता। लेकिन किसी ने आपको 10 वाक्य बुरे बोल दिए तो आपको 6 साल बाद भी दसों के दसों वाक्य याद रहेंगे। इसका मतलब आपकी मेमोरी पावर में दिक्कत नहीं है। जिसमें आपका दिल लग जाए, वो चीजें जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं।’’ - ‘‘योग को लोग फिजिकल एक्सरसाइज मानते हैं। ऐसा होता और ये बॉडी बेंडिंग का खेल होता तो सारे सर्कस वाले योग करते। लेकिन ये कॉन्संट्रेशन का मामला है। एक बार मैंने मन की बात की थी। महान खिलाड़ी सचिन तेंडुलकरजी ने एक बच्चे काे जवाब दिया था कि जब मैं खेलता हूं तो इसमें दिमाग नहीं खपाता कि पहले का बॉल कैसा था, मैं खेल पाया या नहीं। मैं उस वक्त उसी बॉल को खेलता हूं जो आने वाली है। बाकी सब भूल जाता हूं।’’ - ‘‘ऐसा नहीं है कि अतीत का महत्व नहीं है। लेकिन अतीत जब बोझ बन जाए तो भविष्य के सपने रौंद जाते हैं। वर्तमान में जीने की आदत जरूर है। आंखें किताब पर हैं, एक-एक पन्ना पढ़ रहे हैं। लेकिन दिमाग कहीं और है। आप ऑफलाइन हैं। इसलिए आप किताब से कनेक्ट नहीं होते। अापमें से बहुत लोगों को पानी का टेस्ट पता होगा। कभी पानी का टेस्ट एंजॉय कीजिए। ये कॉन्संट्रेशन है।’’ 3) दूसरों से कॉम्पीटिशन या तुलना के कारण होने वाले तनाव से कैसे बचें? सवाल: नेहा शर्मा ने पूछा, ‘‘तुलना के चलते मैं तनाव में रहती हूं। इससे मेरा आत्मविश्वास कमजोर होता है।’’ वहीं, 9वीं की स्टूडेंट अरुणा श्रीवात्सव ने कहा कि दोस्तों से आगे निकलने की होड़ ज्यादा है। इससे कैसे बचें? एक और स्टूडेंट ने पूछा कि कॉम्पीटिशन बढ़ने से दबाव बढ़ जाता है। - मोदी ने कहा, ‘‘खेल या युद्ध के विज्ञान को समझिए। आप अपने मैदान में खेलिए। अगर आप सामने वाले के मैदान में खेलने के लिए जाते हैं तो बड़ा रिस्क ले लेते हैं। दुश्मन को अपने ही मैदान की तरफ खींचकर लाओ और मारो, युद्ध में भी यही समझाया जाता है।’’ - ‘‘दूसरों की सोच, परवरिश, माहौल, सपने, रूचि अलग हैं। लेकिन आप स्वतंत्र व्यक्ति हैं। आपको उसके पूरे ईको-सिस्टम का पता नहीं है। ऐसे में आप निराशा में आ जाता हो। पहले तय करो कि आपके भीतर क्या है? आप किस चीज में मजबूत हो? खेल जगत के बड़े नामों को देखिए। कोई उनकी डिग्री पूछता है क्या? खुद को न जानना समस्या का कारण होता है।’’ - ‘‘जब भी आप कॉम्पीटिशन में उतरते हैं तो आपको तनाव महसूस करना होता है। दूसरा चार घंटे पढ़े तो आप भी ऐसा ही करते हो। आप खुद को देखो, समझो। प्रतिस्पर्धा अपने आप हो जाएगी। लोगों को आपकी प्रतिस्पर्धा में आने दो। आप किसी की प्रतिस्पर्धा में मत जाओ। लोगों को आपको मॉडल बनकर प्रतिस्पर्धा में उतरने दीजिए।’’ - ‘‘खुद से स्पर्धा कीजिए। खुद के पैरामीटर बनाइए। डायरी लिखिए। ये लिखिए कि कल से मैं दो कदम आगे निकला या नहीं? इसके बाद आपको किसी की शाबाशी की जरूरत नहीं है। इससे नई ऊर्जा निकलेगी। आप प्रतिस्पर्धा के चक्र से निकल जाइए। खुद से स्पर्धा करें। एक ओलिंपियन बुका हैं। उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड 36 बार तोड़े। वो औरों को देखता तो वहीं अटक जाता।’’ 4) पैरेंट्स के दबाव का क्या करें? सवाल:दीपशिखा ने पूछा-परीक्षा के दौरान माता-पिता प्रेशर डालते हैं। जब बच्चे 80 से 90 फीसदी नंबर लाते हैं तो उन्हें संतोष नहीं होता। ये सही है या गलत। बीए की स्टूडेंट लीला बानो ने पूछा- माता-पिता की उम्मीदों को कैसे पूरा करें? ऐप के जरिए एक सवाल आया कि सोशल प्रेशर से कैसे उबरें? - मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘‘आप लोग चाहते हैं कि आज मैं आपके पैरेंट्स की क्लास लूं?’’ - इसके बाद कहा- ‘‘मेरी सोच थी कि स्टूडेंट्स के सवाल आएंगे। लेकिन ये सवाल ऐसा है कि मां-बाप भी ऐसा ही सोचते होंेगे कि बच्चों को कैसे सुधारें? पहली बात ये कि माता-पिता के इरादों पर शक ना करें। वे भी हमारे लिए जिंदगी खपा देते हैं। वे कोई अच्छी चीज इसलिए नहीं खरीदते क्योंकि बच्चों की फीस भरनी है। कहीं बाहर नहीं जाते क्योंकि बच्चों की एग्जाम है। माता-पिता का सपना होता है, अपने बच्चों को कुछ बनते देखने का। इसलिए उनकी निष्ठा पर शक नहीं करना चाहिए।’’ - ‘‘भरोसा करेंगे तो अंडरस्टैंडिंग का दरवाजा खुलता है। डर से पढ़ाई करने का माहौल अच्छा नहीं है। ये परिवार में तबाही ला देता है। कई माता-पिता ऐसे होते हैं, जिन्होंने बचपन में कुछ सपने बोए होते हैं। वे अपने सपने पूरे नहीं करते तो अपने बच्चों में उन सपनों को ट्रांसप्लांट करते हैं। माता-पिता अपने बच्चों की क्षमता-परवरिश देखे बिना अपने अधूरे सपने पूरे करते हैं।’’ भारत का बच्चा जन्मजात पॉलिटिशियन होता है - ‘‘कभी-कभी इच्छाओं के भी भूत होते हैं। लेकिन डायलॉग करना चाहिए। माता-पिता जब अच्छे मूड में हों, तब करनी चाहिए। ये बात हिंदुस्तान के बच्चों को सिखानी नहीं पड़ती। भारत का बच्चा जन्मजात पॉलिटिशियन होता है। उसे पता होता है कि पापा नहीं मानेंगे, इसलिए दादी से कहो।’’ - ‘‘मैं अभिभावकों से कहना चाहूंगा कि पढ़ाई को सोशल स्टेटस बना दिया है। उन्हें लगता है कि दूसरे के बच्चे आगे पहुंच गए, लेकिन हमारे बच्चे नहीं कर पाए। वे तय कर लेते हैं कि हमारे बच्चे बेकार हैं। पिताजी पत्नी को डांटते रहते हैं। घर पहुंचकर बच्चे मिल जाएं तो खेल खत्म। इसलिए इसे सोशल स्टेटस मत बनाइए। दूसरों के बेटे के सामर्थ्य से अपने बेटे की तुलना मत कीजिए। हर बच्चे में परम शक्ति होती है। बच्चे ये नहीं पूछ पाते कि माता-पिता को कितने नंबर आए थे?’’ 5) फोकस कैसे करें? सवाल: अभिनव ने पूछा कि परीक्षा में खेलने का मन करता है, तो क्या करें। वहीं, सलोनी ने पूछा कि फोन का कम से कम यूज कैसे करें। - मोदी ने कहा- ‘‘फोकस करना है तो डी-फोकस करना सीख लीजिए। किसी बर्तन में दूध भरना है तो एक सीमा तक भरेगा। अंदर से कुछ खाली करना सीखें। फोकस करते रहने से चेहरे पर भी तनाव आएगा। मेरे कुछ साथी मुझे हर बार कहते हैं कि आप टीवी पर दिखते हो तो हमेशा गंभीर क्यों रहते हैं। जब मैं बिना काम किसी समारोह-मंच पर हूं तो मैं एकदम सोचने लग जाता हूं। लोग कहते हैं टीवी बंद करो, मोदी ऐसा ही दिखता है। लेकिन मंच पर आकर मैं रिलैक्स हो जाता हूं। जैसे ही डी-फोकस होता हूं, सबकुछ सरल हो जाता है।’’ - ‘‘चौबीसों घंटे परीक्षा, प्रैक्टिकल नहीं सोचना चाहिए। आपका डिसेक्शन कर दें तो यही शब्द निकलेंगे। हमारे शास्त्रों में पंचमहाभूत की चर्चा है। पृथ्वी, आकाश, जल, वायु, अग्नि। आप कितना ही थककर आएं, पानी से मुंह धो दीजिए, खिड़की खोलकर हवा लीजिए तो फ्रेश महसूस करेंगे। पंचमहाभूतों से संपर्क बनाएं रखेंगे तो ऊर्जा महसूस करेंगे।’’ - ‘‘एग्जाम से पहले कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता है। टीवी बंद, बातचीत बंद। आप जिंदगी की जिन आदतों के साथ पले-बढ़े हैं, आप उनकी मात्रा कम कर सकते हैं लेकिन उससे अलग नहीं हो सकते। खेलने का शौक है, खेलिए। गीत गाने का शौक है, गाइए। सब चीजों को काटकर अलग मत कीजिए। ऐसा करेंगे तो फोकस की संभावना ही नहीं बचेगी।’’ 6) योग कैसे मदद करता है? सवाल: दीक्षि ग्रोवर ने पूछा- परीक्षा के तनावपूर्ण दिनों में योग हमारी किस तरह सहायता करता है, आप खुद योग करते हैं... तो कुछ आसन बताइए? आप ईक्यू और आईक्यू में संतुलन करना बताएं। - मोदी ने कहा- "आईक्यू और ईक्यू हमने सुना है। लेकिन, किसी को पूछोगे कि ये क्या है तो कहेंगे कि सुना है। मैं सरल रीति से बताता हूं। एक तो ये बताया जाता है कि आईक्यू के खिलने का सबसे बड़ा अवसर होता है, ज्यादा से ज्यादा 5 साल के पहले ही पनपना शुरू हो जाता है। बाद में उसका प्रगतिकरण होता है। कोई मां बच्चे को झूले में सुलाती है, झूले में घुंघरू बंधा है।" - "2-5 महीने का बच्चा होगा, वो देखता है कि मां ने ऐसा किया तो घुंघरू की आवाज आई। वो अपने पैर ऊपर करके घूंघरू से आवाज लाने की कोशिश करता है। इसे आईक्यू कहते हैं। वो रोता नहीं है , उसका पूरा ध्यान घुंघरू पर रहता है। ये है आईक्यू।" - "अब मान लीजिए मां को बहुत काम है, सो जाए बच्चा तो अच्छा है। गाना, सीडी झूले के पास लगा देती है ताकि बच्चा सो जाए। लेकिन, बढ़िया से बढ़िया गायिका या शब्द हों, बच्चा रोना बंद नहीं करता है। मां किचन से आती है और खुद अपनी आवाज से गाना बंद करती है और बच्चा सो जाता है, ये ईक्यू है। ये इमोशंस हैं, वो कनेक्ट हैं। इसलिए आईक्यू और ईक्यू दोनों का संतुलित विकास जरूरी है। ईक्यू का बहुत बड़ा रोल होता है।" - "ये इन्सिपरेशन का सबसे बड़ा सोर्स होता है और रिस्क लेने की कैपेसिटी बढ़ाता है। अगर हम ब्लड डोनेशन के लिए जाते हैं, मैं जब जाता हूं और पता चलता है कि मैंने जिसे ब्लड दिया, उसकी जान बच गई। मेरा आईक्यू ईक्यू में बदल गया।" - "मेरे एक टीचर का नियम था कि किसी का जन्मदिन हो तो वो बच्चों से आग्रह करते थे कि परिवार के साथ वृद्धाश्रम, अस्पताल या अनाथालय में होकर आओ, तब जन्मदिन मानूंगा। मैंने पूछा तो टीचर ने कहा कि आईक्यू तो मैं पढ़ा लूंगा, लेकिन उसका ईक्यू बढ़ाने के लिए ये चीजें जरूरी हैं इसलिए मैं उन्हें ऐसी जगहों पर जाने के लिए प्रेरित करता हूं। जन्मदिन पर बच्चा केंद्रित होता है और तब वो जो करता है, बहुत ताकत से करता है। हमारे लिए जरूरी है कि हम जीवन में ऐसा कुछ समय ऐसे लोगों के बीच बिताएं। अखबार डालने वाले का नाम नहीं जानते होंगे, दो दिन नहीं आया तो उससे नहीं पूछा कि बीमार तो नहीं हो गए। ड्राइवर, दूधवाले का नाम पूछा नहीं। आप उससे पूछिए तो आपका सोचने का तरीका बदल जाएगा। इन लोगोें से जितना संपर्क में आएंगे, उससे उतना ही ईक्यू शार्प होगा। आईक्यू सक्सेज देता है, लेकिन सेंस ऑफ विजन देने में ईक्यू अहम है।" - "योग आसन के संबंध में भ्रम है कि इस आसन से ऐसा होता है, उस आसन से वैसा होता है। ये विज्ञान है। आपको जो आसन अच्छा लगे और कंफर्ट दे उसे शुरू करें। दुनिया के कई परिवारों में बच्चों की हाईट बढ़ाने के लिए ताड़ासन को रेगुलराइज कर दिया गया है। मन में तो ये रहता है कि ताड़ासन कर रहा हूं तो मेरी हाईट बढ़ेगी। ये प्रक्रिया है। ये सिखाता है कि शरीर मन औऱ बुद्धि साथ कैसे काम कर रहे हैं, ठीक कर रहे हैं या नहीं।" - "मैं खड़ा हूं तो आप कहेंगे कि मैं अपने पैरों पर खड़ा हूं। लेकिन, अगर बारीकी से देखोगे तो आप अपने पैरों पर नहीं खड़े हो। बॉडी को देखो तो पता चलेगा कि वेट कमर पर है। फिर देखोगे कि बटक में है, फिर देखोगे तो पता चलेगा कि नी और एंकल पर है। बाद में पता चलेगा कि तलवे पर वेट आता है।" - "ये आप सीख गए तो आपको रिलैक्सेशन सीख जाओगे। योग निद्रा के द्वारा कम नींद भी आपको पर्याप्त नींद देती है। नींद बहुत जरूरी है। इसका मतलब ये नहीं है कि सोते रहें और घर में सब कहें कि कुंभकर्ण हैं। मैं इतना सारा जिम्मा लेकर काम कर रहा हूं लेकिन बिस्तर पर जाने के बाद 30 सेकंड के भीतर सो जाता हूं मैं। लेकिन उठता हूं तो क्वॉलिटी नींद पूरी करके उठता हूं। आपसे भी आग्रह करूंगा कि अपनी नींद को भी वैरिफाई करिए। यूट्यूब पर भी मिल जाएगी। सोते-सोते ट्रैवलिंग करना होता है। एक-दो मिनट में गहरी नींद में चले जाते हैं। जो आपको कंफर्ट लगे उसी को करें। आप पोजिशन पाने के लिए कोशिश मत कीजिए।" 7) शिक्षक क्या रोल निभाएं? सवाल:कुशाग्र पायल ने पूछा, परीक्षा देने वाले बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए शिक्षक क्या रोल निभाएं? - मोदी ने कहा- "वक्त काफी बदल चुका है, जो मैंने देखा है। परिवार में कुछ अच्छा बनता था तो मां बोलती थी कि अपने टीचर को कुछ दे आओ। मेरे टीचर का घर ज्यादा दूर नहीं था, ऐसा करता था। टीचर एक तरह से फैमिली मेंबर हुआ करता था। कभी-कभी मां-बाप जो बात बच्चों को नहीं बता पाते थे, उसे बताने के लिए वो टीचर से कहते थे।" - "मां-बाप का टीचर पर भरोसा होता था। आज हालात ये है कि बहुत से मां-बाप टीचर को पूरी तरह जानते नहीं है। तब जानते हैं जब बच्चा आकर शिकायत करेगा कि टीचर ने डांटा है। जैसे परिवार में फैमिली डॉक्टर होता है, वैसे ही टीचर पूरे परिवार के लोगों का सिस्टम जानता था और उसी के अनुसार बच्चों को गाइड करता था। आज वो खत्म हो गया है। मैं चाहता हूं कि टीचर स्टूडेंट ही नहीं, उसके पूरे ईको सिस्टम से जुड़ें। तब उन्हें पता चलेगा कि बच्चे को कैसे ट्रीट करना है।" - "दूसरा हम लोगों ने गुरु शिष्य़ परंपरा का जाना है। एक स्कूल में मुझे बुलाया गया, मैंने कहा कि मैं टीचर्स से बात करना चाहूंगा। मैंने टीचर्स से पूछा कि आप बताइए कि आपके यहां से निकले हुए हजारों विद्यार्थी हैं, इनमें कितने हैं जिन पर आपको गर्व होता है। आपको कोई याद है क्या? मुझे कोई भी टीचर जवाब नहीं दे पाया। मैंने कहा कि आप कितने डिग्री लेकर निकले की बजाय कितनों की जिंदगी बनी, ये ध्येय नहीं है तो शिक्षा अधूरी है। मैंने पूछा कुछ स्टूडेंट हैं जो जेल में है। उनका सिर नीचे झुक गया।" - "अगर मेरे पास पढ़ा हुआ बच्चा किसी बुरे काम में दिखा तो टीचर के तौर पर चोट पहुंचे और अच्छा काम करे तो दिन सुहाना हो ऐसे टीचर होने चाहिए। मैंने ऐसे टीचर देखे हैं। मैं घर छोड़कर 30-40 साल बाहर रहा और गुमनामी की जिंदगी जी। सीएम बनने के बाद मैंने अपने टीचर्स की लिस्ट बनानी शुरू की। सबको एक कार्यक्रम में इकट्ठा किया और सार्वजनिक तौर पर उनका सम्मान किया। मेरे मन में एक संतोष हुआ। मेरे माता-पिता के बाद यही तो हैं, जिनसे मैं खुलकर बात कर सकता हूं। खेल की दुनिया में भी टीचर होते हैं। वहां गुरू-शिष्य परंपरा होती है। ये गुरू ऐसे होते हैं, जो खुद की संतानों के लिए भले ही कुछ करें, लेकिन अपने शिष्य के लिए वो अपना जीवन खपा देते हैं। रेसलर के लिए गुरू 4 बजे उठकर मेहनत करते हैं। ये जो संबंध है। जिसमें गुरू अपना जीवन खपा देते हैं, वो आज भी मैं खेल जगत में देखता हूं।" 8) टाइम मैनेजमेंट कैसे करें? सवाल:जय मिस्त्री ने पूछा कि परीक्षा से 24 घंटे पहले टाइम मैनेजमेंट कैसे करें? - मोदी ने कहा- "लोगों से पूछो तो कहते हैं कि मेरे पास टाइम नहीं है। किसी को एक्स्ट्रा नहीं मिला है। टाइम के मिस मैनेजमेंट की सिद्धांत आपकी प्राथमिकताओं के बारे में आपका अज्ञान है। आपको पता होना चाहिए कि मैं किन चीजों में समय को बर्बाद करता हूं। जो करना चाहिए वो करता नहीं और जो करना चाहिए वो नहीं करता। जरूरी नहीं कि एक ही टाइमटेबल 365 दिन काम आए।" - "वक्त के मुताबिक फ्लैक्सिबिलिटी चाहिए। सहज लचीलेपन के साथ वातावरण के साथ हम जैसे माहौल में जी रहे हैं, उसमें कम से कम उलझनों के बीच संतुलन बनाए तो दिनचर्या ठीक हो जाएगी। डेली डायरी लिखने की आदत नहीं हो, ऐसे बहुत लोग होंगे। महीने भर आप अपने लिए लिखिए। रात को लिखिए कि कल क्या-क्या करना है। दूसरे दिन दूसरी डायरी लिखिए, जैसे जैसे करते जाएं लिखें। महीने भर दोनों डायरियों को अलग रखिए और मैच रखिए। आप देखोगे कि 80 फीसदी चीजें वो की होंगी, जो तय करने के बाद भी विपरीत कीं। किसी को पूछने की जरूरत नहीं है और आप ही खुद को करेक्ट कर सकते हो। दोनों डायरियों को आप महीनेभर बाद देखिए सारे सुधार खुद हो जाएंगे।" 9) अपॉर्चुनिटीज बहुत हैं, करियर किसमें चुनें? सवाल:गौरव सिंह ने पूछा- मेरा सवाल है कि हमारे पास करियर अपॉर्चुनिटीज बहुत हैं। इतनी संभावनाओं में हम कन्फ्यूज हो जाते हैं कि करियर क्या चुनें? - मोदी ने कहा- "बहुत ही कम शब्दों में जवाब दूंगा। सारी समस्या की जड़ क्या है। आप कुछ बनना चाहते हैं, एक बार मन में तय कर लीजिए कि मैं जिंदगी में कुछ करना चाहता हूं। जब तक बनना चाहता हूं सोचते हैं, तो आप अपनी स्वतंत्रता को खो देते हैं, समर्पित कर देते हैं, आप वो बनने के लिए गुलाम बन जाते हैं। बनने के सपने निराशा की गारंटी हैं।" - "आपने सोचा डॉक्टर बनूंगा, इंजीनियर बन गए। समाज में प्रतिष्ठा है, लेकिन रोते रहते हैं। क्राइंग की नहीं, प्राइम की दुनिया चाहिए। करने का सपना देखने पर आपको सैटिस्फैक्शन मिलता है। इसमें नए इरादे औऱ नया करने का मन करता है। आप करते चलते हैं और बनते चलते हैं। करते-करते बन गए उसका सैटिस्फैक्शन और कॉन्फिडेंस अलग होता है। करियर में कुछ बनना तय करके आप गुलाम हो जाते हैं, सबकुछ उसी में सिमट जाता है। करने का इरादा होगा तो सारे रास्ते खुल जाते हैं। आप मन में करने का इरादा रखिए, स्वतंत्रता को इंजॉय करिए, वो नई ताकत देगी।" 10) अगले साल आपकी लोकसभा की परीक्षा है? उसकी तैयारी कैसी? सवाल:गिरीश सिंह ने पूछा, मुझे लगता है कि अगले साल हम दोनों की ही बोर्ड की परीक्षा है। मेरी 12वीं की है और आपकी लोकसभा की परीक्षा है। आपकी क्या तैयारी है, आप नर्वस हैं? मोदी ने कहा- "मुझे पक्का लगता है कि मैं आपका(गिरीश) टीचर होता तो मैं आपको गाइड करता कि आप जर्नलिज्म में जाइए। क्योंकि, ऐसा लपेटकर सवाल पूछने की ताकत तो जर्नलिस्ट में ही होती है।" - "मैं हमेशा ये मानता हूं कि आप पढ़ते रहिए, सीखने की कोशिश करिए। पूरा फोकस लर्निंग पर रखिए, ऊर्जावान बनिए। यही जीवन का धर्म बनाकर रखिए। एग्जाम, रिजल्ज बाईप्रोडक्ट होना चाहिए। आपने काम किया है, जो रिजल्ट आएगा आएगा।" - "अंक के हिसाब से चलने से शायद उन चीजों को नहीं हासिल कर सकते हैं, जो करना चाहते हैं. राजनीति में भी मैं इसी सिद्धांत पर चलता हूं कि सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए जितना समय, ऊर्जा और सामर्थ्य है, सबकुछ सवा करोड़ देशवासियों के लिए खपाता रहूं।" - "समय का शरीर का कण-कण, समय का क्षण-क्षण उनके लिए लगाता रहूं। चुनाव आएंगे, जाएंगे। दूसरा, हम लोगों की स्थिति ऐसी है कि दिन में 24 घंटे एग्जाम होता है और किसी हिंदुस्तान के कोनों में एक नगरपालिका का चूुनाव हार गए तो ब्रेकिंग न्यूज होती है, ब्लो ऑन मोदी।" - "कभी कभार मैं राजनीति में बहुत देर से आया, मैं अभी भी राजनीतिक व्यवस्था में हूं, लेकिन स्वभाव से इसमें नहीं हूं। मेरे नेचर में यही है कि कुछ करना है। जब राजनीति में नहीं था तो जनसंघ नाम की पार्टी थी और दीपक नाम का निशान था। दीवार पर दीपक पेंट करने के लिए भी गरीबी की वजह से मुश्किल होती थी। 103 उम्मीदवार खड़े किए, उऩ सबमें से 99 की जमानत जब्त हो गई। 4 की बची तो पार्टी की गई, पूछा तो कहा कि इनकी डिपॉजिट बच गई है। ये मिजाज वहां से यहां तक पहुंचाता है। अटल जी कहते थे कि हार नहीं मानूंगा। ये जिजीविषा ही यहां पहुंचाती है। मेरे एग्जाम के लिए सवासौ करोड़ भारतीयों का आशीर्वाद मेरे साथ है, वही मुझे पास कराएगा।" बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स को मिलेगी मदद - मोदी की बुक 'एग्जाम वॉरियर' 3 फरवरी को लॉन्च हुई। 208 पेज की इस किताब को पेंग्विन पब्लिशिंग हाउस ने छापा है। इसकी कीमत 100 रुपए रखी गई है। बुक में 10th और 12th के बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स की परेशानियों पर फोकस है। पीएम ने इसमें बताया है कि नॉलेज हमेशा एग्जाम मार्क्स से ज्यादा अहम होती है। - पीएम मोदी ने किताब को सीधे संवाद/बात करने के अंदाज में लिखा है। इसमें कई उदाहरण दिए हैं। साथ ही बच्चों को योगा और फिजिकल एक्टिविटीज की जरूरत बताई है। मन की बात में भी कर चुके हैं स्टूडेंट्स की बात - बता दें कि पीएम पहले भी मन की बात प्रोग्राम में बोर्ड एग्जाम की तैयारी करने वाले बच्चों को दबाव न लेने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि बच्चे प्रेशर नहीं बल्कि प्लेजर से पढ़ें। उन्होंने सचिन तेंदुलकर और अब्दुल कलाम का उदाहरण देकर बच्चों को हमेशा डटे रहने की सलाह दी थी। 5 मार्च से 10वीं-12वीं के बोर्ड एग्जाम्स - बोर्ड एग्जाम्स के लिए सीबीएसई पहले ही 5 मार्च का एलान कर चुका है। 7 साल के लंबे गैप के बाद बोर्ड ने एक बार फिर 10वीं के एग्जाम्स को कंपल्सरी कर दिया है। पंजाबी गानों से गायब होंगे शराब-ड्रग जैसे शब्द, सिंगर्स को सामाजिक जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा रही पुलिस 13 February 2018 नई दिल्ली/चंडीगढ़.पंजाबी गानों में शराब, ड्रग और गोली-बंदूक जैसे शब्दों को बढ़ावा दिए जाने पर पुलिस ने चिंता जताई है। इसे रोकने के लिए पुलिस ने एक कैम्पेन की शुरुआत की है। इसके तहत अब पुलिस सभी रैपर-सिंगर्स से मुलाकात कर उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाएगी। साथ ही उनसे अपील करेगी कि वो अपने गानों में हिंसा और नशे जैसी बातों को बढ़ावा ना दें। पुलिस के मुताबिक, आज कल पंजाबी गानों का यूथ पर गलत असर पड़ रहा है। मशहूर सिंगर रणजीत बावा और जसवीर जस्सी ने पुलिस की मुहिम को सराहा है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने सभी जिलों के एसएसपी को एक लेटर लिखा है। इसमें कहा है कि वह अपने इलाकों में रहने वाले सभी सिंगर्स से मुलाकात करें और उनसे गानों में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल ना करने के लिए अपील करें। - गानों में शराब और हथियारों के महिमा मंडन से युवाओं पर इसका गलत असर पड़ता है और उनके आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की आशंका बढ़ जाती है। उन्हें बचाने के लिए पुलिस कैम्पेन चला रही है। गानों के असर से अपराध की दुनिया में आ रहे यूथ - इस ऑर्डर के बाद बटाला के एसएसपी, ओपिंदरजीत सिंह घुमन ने सोमवार को कहा- ''आज कल गानों में शराब और हथियारों को महिमामंडित किया जा रहा है। देशभर के यूथ समेत कई लोग इससे प्रभावित होकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।'' - ''हम सिंगर्स को बता रहें हैं कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझें। पुलिस उनसे अपील कर रही है कि वे किसी भी गैंगस्टर, शराब और हथियारों को बढ़ावा देने वाले शब्दों का इस्तेमाल सॉन्ग और वीडियो में ना करें।'' जस्सी बोले- मैंने 10 साल पहले भी यही बात कही थी - इसके तहत एसएसपी घुमन ने मशहूर सिंगर रणजीत बावा से मुलाकात कर पुलिस के कैम्पेन को सपोर्ट करने के लिए कहा। बावा ने फेसबुक पोस्ट में पंजाब पुलिस की पहल की तारीफ की। उन्होंने आशा जताई है कि भविष्य में कोई पंजाबी सिंगर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल ना करे। - वहीं, 'दिल ले गई कुड़ी गुजरात दी' सॉन्ग से फेमस हुए जसवीर जस्सी ने इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ''युवाओं में गलत मैसेज ना जाए। इसके लिए मैंने 10 साल पहले पंजाबी गानों में गलत शब्दों के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया था।'' कॉल ड्रॉप : ट्राई 18 दिन दिल्ली में टेलीकॉम कंपनियों की सेवाओं की गुणवत्ता परखेगा 9 February 2018 नई दिल्ली .दूरसंचार नियामक ट्राई दिल्ली में सभी मोबाइल ऑपरेटरों की वॉइस और डेटा सेवाओं की गुणवत्ता परखने के लिए फरवरी मध्य से अभियान चलाएगा। इसमें प्रदर्शन के मानक पर उनकी वॉइस और डेटा सेवाओं की गुणवत्ता को जांचा जाएगा। इसे इन्डिपेंडेंट ड्राइव टेस्ट्स (आईडीटी) का नाम दिया गया है। - गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद में यह अभियान 18 दिन तक चलेगा और मार्च मध्य तक पूरा होगा। इसके तहत सभी सर्विस प्रोवाइडर्स की दूरसंचार सेवाओं को परखा जाएगा। ट्राई की ओर से एक बयान में यह जानकारी दी गई। - इसमें बताया कि ट्राई नियमित रूप से तय सेवा गुणवत्ता मानकों पर ऑपरेटरों के प्रदर्शन की जांच करता है। नियामक जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच देश के 70 शहरों में यह अभियान चला रहा है। - इनमें से ज्यादातर शहरों की आबादी 10 लाख से अधिक है। अभी तक यह अभियान 33 शहरों में चलाया गया है। 16 शहरों के लिए आईडीटी रिपोर्ट जारी हो चुकी है। फिर मुश्किल में AAP के मंत्री सत्येंद्र जैन, CBI के छापे में मिले बेनामी प्रॉपर्टी के दस्तावेज 5 February 2018 नई दिल्ली. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दिल्ली डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार डाॅ. ऋषिराज और वकील प्रदीप शर्मा की शनिवार रात हुई गिरफ्तारी के बाद एक लॉकर की तलाशी में सीबीआई को सत्येंद्र जैन की करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागज और चेक बुक मिली हैं। ऋषिराज और प्रदीप पर दिल्ली डेंटल काउंसिल में ब्लैकलिस्टिंग से जुड़ा एक केस सुलझाने के एवज में एक शख्स से 4.73 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई को शक है कि जब जून 2017 सत्येंद्र जैन के घर पर छापेमारी की गई थी, तब उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, कैश और चेक ऋषिराज के लॉकर में रखवा दिए थे। सीबाआई को क्या मिला? - लॉकर में जैन से जुड़ दस्तावेजों में दिल्ली के कराला गांव में 12 बीघा 2 बिस्वा और 8 बीघा 17 बिस्वा जमीन की सेल डीड शामिल है। - लॉकर में कराला की ही 14 बीघा जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी, जैन के परिवार के सदस्यों और उनकी कंपनियों की 41 चेकबुक, 2011 की जैन के नाम से 2 करोड़ रुपए की बैंक डिपॉजिट स्लिप्स मिलीं। - इसके अलावा लॉकर से आधा किलाे सोना, 24 लाख कैश भी मिले। हालांकि, यह किसका है, इसका खुलासा नहीं हो सका। मनी लॉन्ड्रिंग में पड़ा था जैन के घर-दफ्तर पर छापा - जैन पर पहले हवाला कारोबारियों से संबंध का आरोप लग चुका है। आयकर विभाग ने दावा किया था कि उनसे जुड़ी कंपनियों में हवाला के जरिए पैसे आया। - इससे दिल्ली व आसपास 200 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी गई। 2015-16 में पद पर रहते हुए जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोपी भी लग चुका है। - इसी मामले में सीबीआई ने जून 2017 में सत्येंद्र जैन के घर और दफ्तर पर छापा मारा था। - डाॅ. ऋषिराज के लॉकर से यह दस्तावेज मिलने के बाद अब सीबीआई सत्येंद्र जैन से पूछताछ कर सकती है। सरकार ने ही ऋषिराज को डेंटल काउंसिल में नॉमिनेट किया था - दिल्ली काउंसिल में 8 इलेक्टेड और 3 दिल्ली सरकार द्वारा नॉमिनेटेड मेंबर होते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा नॉमिनेटेड सदस्यों में से ही एक डॉ. ऋषिराज थे, जिन्हें बाद में काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया। - डॉ. ऋषिराज एक प्राइवेट प्रैक्टिशनर हैं। वहीं, दिल्ली सरकार द्वारा नॉमिनेटेड दो अन्य सदस्यों में डॉ. एसएच गुगलानी और अरविंद केजरीवाल के डेंटिस्ट डॉ. विपिन मित्तल शामिल हैं। यह बीजेपी की साजिश: आप - इस बारे में दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, "यह दस्तावेज जैन 2 बार सीबीआई को दे चुके हैं। पिछले कई सालों की इनकम टैक्स रिटर्न में घोषित है। बीजेपी सरकार सिर्फ उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।" म ैंने सच कहा था: कपिल मिश्रा - आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने कहा, "जैन के भष्ट्राचार में शामिल होने की बात मैंने राजघाट पर कही थी। वह अब सच साबित हो रही है।" स्वच्छ राजनीति का क्या: बीजेपी - उधर, बीजेपी के ऑफिशयल ट्विटर अकाउंट पर सवाल किया गया कि छापे में जैन के नाम के डॉक्यूमेंट मिले। ऐसे में केजरीवाल का यह कहने का क्या मतलब है कि हम अलग तरह की स्वच्छ राजनीति करने आए हैं। शहरी विकास मंत्रालय ने बनाए 4 प्रस्ताव, बदलेगा मास्टर प्लान, 36 घंटे बाद रुकेगी सीलिंग 1 February 2018 नई दिल्ली.करीब एक माह से अवैध निर्माण और गलत लैंड यूज के नाम पर चल रही सीलिंग की कार्रवाई से दिल्ली के व्यापारियों को 36 घंटे बाद राहत मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली के करीब 7 लाख व्यापारी इसकी जद में हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने व्यापारियों को राहत देने के लिए डीडीए को शुक्रवार को प्राधिकरण की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के अनुसार बैठक में इन चार प्रस्तावों पर मुहर लगेगी- 1) सभी क्षेत्रों में समान कन्वर्जन शुल्क, 2) बेसमेंट में कारोबार, 3) गोदाम के लिए अलग नीति, 4) एफएआर 180 से बढ़ाकर 300। फिर मास्टर प्लान 2021 में इसके लिए संशोधन किया जाएगा। - पुरी ने कहा इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय ने डीडीए, एमसीडी के अधिकारी और एक्सपर्ट्स के साथ 3 दिन में 20 बैठकें कीं। बता दें कि मोदी सरकार में यह पहली बार है जब मास्टर प्लान बदला जा रहा है। - इससे पहले यूपीए ने सीलिंग रोकने को मास्टर प्लान में संशोधन किया था। इसका सियासी फायदा भाजपा को मिलने की उम्मीद है। दिल्ली की आम आदमी सरकार भी यह बताने की कोशिश करेगी कि सब उसके दबाव में हो रहा है। एफएआर बढ़ा तो 70 % हो जाएंगे सीलिंग के दायरे से बाहर दिल्ली में अभी फ्लोर एरिया रेश्यो 180 है। 100 गज के प्लॉट पर ऊंचाई में 180 गज निर्माण हो सकता है। इसे 300 किया जाएगा। असर... - इस निर्णय से करीब 65 से 70 फीसदी व्यापारी सीलिंग के दायरे से बाहर हो जाएंगे। यह लाभ केवल कमर्शियल रोड और लोकल शॉपिंग सेटर्स पर ही मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि बढ़ाए हुए एफएआर का लाभ पूरी दिल्ली को मिल सके। बड़ो को एक शुल्क से फायदा छोटों को जुर्माना माफी से... - व्यापारियों की सबसे बड़ी मांग एक समान कंवर्जन शुल्क लागू करने की थी। अभी ए से एफ तक कैटेगरी हैं। इनके हिसाब से शुल्क देना हाेता है। असर... एक शुल्क से बड़े व्यापारियों को ज्यादा फायदा होगा। यह ए कैटेगरी में सबसे ज्यादा और एफ में सबसे कम हैं। तय अवधि में चार्ज जमा नहीं किया तो 10 गुना जुर्माना होता है। जुर्माना माफी से छोटे व्यापारी पेंडिंग शुल्क जमा करा सकेेंगे। बेसमेंट में कारोबार से राहत और रेवेन्यू साथ - दिल्ली में अभी बेसमेंट में व्यापारिक गतिविधियों की इजाजत नहीं है। केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट या एडवोकेट जैसे प्रोफेशनल्स बेसमेंट को बतौर ऑफिस उपयोग कर सकते हैं। - इसके लिए यूपीए सरकार के समय मास्टर प्लान में संशोधन कर राहत दी गई थी। अब एमसीडी एक निश्चित शुल्क लेकर बेसमेंट में कारोबार की इजाजत दे सकेगी। असर... - बेसमेंट में व्यापारिक गतिविधियों के लिए रास्ता खुल जाएगा। करीब 57 फीसदी दुकानदारों को सीलिंग से राहत मिलेगी और एमसीडी को 35 फीसदी रेवेन्यू। नई गोदाम नीति से अवैध वसूली रुकेगी - अभी व्यापारी दुकान के साथ गोदाम नहीं रख सकते। उदाहरण के तौर पर यदि कोई बेसमेंट में गोदाम बनाकर ऊपर दुकान चलाना चाहे तो इसकी इजाजत नहीं मिलती थी। लेकिन अब व्यापारी एमसीडी में एक निश्चित शुल्क जमा करा इसकी इजाजत ले सकेंगे। सीलिंग के तहत एक बड़ा तबका इसके चलते प्रभावित हुआ। असर... -एमसीडी को रेवेन्यू मिलेगा। साथ ही गोदाम के नाम पर अवैध वसूली रुकने से व्यापारियों को राहत मिल सकेगी। करीब 75 फीसदी कारोबारियों को इसका फायदा मिलेगा। लेकिन...एक मुश्किल भी - केन्दीय शहरी विकास मंत्रालय ने फौरी तौर पर कारोबारियों को सीलिंग से राहत के लिए कदम तो उठाए हैं लेकिन न डीडीए, न दिल्ली नगर निगम और न ही केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने यह बताया है कि राहत किन इलाकों में, किन सड़कों पर और कितने वर्ग मीटर वाले दुकानों या प्रतिष्ठानों पर मिलेगी। 45 के बजाय पहली बार 3 दिन में बुलाई प्राधिकरण की बैठक डीडीए में प्राधिकरण की बैठक बुलाने के लिए अभी 45 दिन की समय सीमा है। लेकिन धारा 5 के उपबंध 3 के तहत आपात स्थिति में यह बैठक 3 दिन में होगी। बुधवार को बैठक के लिए नोटिस भी जारी कर दिया। अब शुक्रवार की बैठक मेंं प्रस्ताव रखे जाएंगे। प्राधिकण में भजपा का बहुमत है, यानी चारों प्रस्तावों पर मुहर लगना तय है। पास होते ही यह तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे। रायसीना हिल्स पर बीटिंग रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह खत्म, मिलिट्री बैंड ने दीं 26 परफॉर्मेंस 30 January 2018 नई दिल्ली.चार दिन तक चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के आखिरी दिन सोमवार को रायसीना हिल्स पर ‘बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी' का आयोजन हुआ। इसमें 18 मिलिट्री बैंड और 15 पाइप एंड ड्रम बैंड ने हिस्सा लिया। 69वें गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने काफिले के साथ विजय चौक पहुंचे। इस मौके पर तीनों सेनाओं के साथ पुलिस और पैरामिलिट्री के बैंड ने 26 मनमोहक धुनों पर मार्च करते हुए उन्हें सलामी दी। बता दें कि हर साल 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट का आयोजन होता है। यह गणतंत्र दिवस समारोह की आखिरी परंपरा है, जो 1950 से चली आ रही है राष्ट्रपति को दी गई सलामी - इस बार तीनों सेनाओं के मिलिट्री बैंड ने सारे जहां से अच्छा, वंदेमातरम् जैसी 26 धुनों पर मार्च किया। इनमें से 25 धुन भारतीय संगीतकारों ने तैयार कीं। - बीटिंग रिट्रीट में 18 मिलिट्री बैंड, 15 पाइप एंड ड्रम बैंड शामिल हुए और एक साथ सेना के सर्वोच्च कमांडर (राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद) को सलामी दी। - इस समारोह के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत कई देशों से आए गेस्ट शामिल हुए। इस बार बीटिंग रिट्रीट में क्या खास? - मेजर अशोक कुमार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के मुख्य संचालक थे। वहीं, आर्मी बैंड की कमान मेजर एसके शर्मा, नेवी बैंड को ऑफिसर रमेश चांद ने लीड किया। एयरफोर्स के बैंड के संचालक जूनियर वारंट ऑफिसर असोख कमार थे। इसके अलावा पुलिस और सीएपीएफ बैंड का नेतृत्व कॉन्स्टेबल भीम सिंह ने किया। - सभी बैंड ने आकर्षक प्रस्तुतियां देकर विजय पथ पर मौजूद हर किसी का मनमोह लिया। बैंड परफॉर्मेंस के बीच में शास्त्रीय संगीत के जरिए वैष्णव जन... वंदेमातरम्... और ऐ मेरे वतन के लोगों... की धुन बजाई गई। आखिर में शाम 6 बजे सारे जहां से अच्छा... धुन बजाते हुए बैंड राजपथ की ओर चले गए। क्यों होती है बीटिंग रिट्रीट? - बीटिंग द रिट्रीट सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के बाद 29 जनवरी को इस सेरेमनी का आयोजन रायसीना हिल्स के विजय चौक पर किया जाता है। - दुनियाभर में बीटिंग रिट्रीट की परंपरा रही है। लड़ाई के दौरान सेनाएं सूर्यास्त होने पर हथियार रखकर अपने कैंप में जाती थी, तब एक संगीतमय समारोह होता था, इसे बीटिंग रिट्रीट कहा जाता है। भारत में कब शुरू हुई परंपरा? - भारत में बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। तब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने इस सेरेमनी को सेनाओं के बैंड्स के डिस्प्ले के साथ पूरा किया था। अगर कारोबारी नाराज थे तो सूरत में BJP कैसे जीती: गुजरात के नतीजों पर रिव्यू मीटिंग में राहुल का सवाल 20 January 2018 नई दिल्ली. गुजरात के चुनावी नतीजों के करीब महीनेभर बाद कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने शुक्रवार को रिव्यू मीटिंग बुलाई। गुजरात में पार्टी ऑब्जर्वर रहे तीन राज्यों के करीब 200 नेता 15 जीआरजी रोड स्थित पार्टी के वाॅर रूम में पहुंचे। राहुल ने पूछा कि जीएसटी के खिलाफ कारोबारियों की भारी नाराजगी के बावजूद सूरत में बीजेपी कैसे जीती? बीजेपी ने हार्दिक की सभाओं के तोड़ में मोरारी बापू की कथाएं रखवाईं पार्टी अध्यक्ष के सवाल के जवाब में ऑब्जर्वर ने कहा, “सूरत में मोरारी बापू की कथाओं में हुए मोदी के प्रचार ने बीजेपी को जिताया। मोरारी बापू हर कथा में मोदी को देशभक्त बताते हुए लोगों को भरोसा दिलाते थे कि जीएसटी दरें वही कम करेंगे।” - ऑब्जर्वर रहे कांग्रेस विधायक सुखराम विश्नोई ने कहा कि बीजेपी ने चालाकी से हार्दिक पटेल की भीड़ वाली सभाओं की तोड़ में मोरारी बापू की कथाएं रखवाईं। इन कथाओं ने बीजेपी की जीत में बड़ा रोल प्ले किया। पर्ची के जरिए सवाल पूछने का मौका - राहुल ने ऑब्जर्वर से एक-एक कर चुनाव संबंधी अनुभव भी पूछे। मीटिंग से पहले उन्होंने पर्ची के जरिए सबसे नाम मांगे। कुछ पर्चियां निकालकर सवाल पूछने के लिए मंच से नाम बोले गए। - बैठक में गुजरात कांग्रेस प्रभारी अशोक गहलोत और गुजरात प्रेसिडेंट भरत सिंह सोलंकी भी मौजूद थे। ऑब्जर्वर में राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा के नेता शामिल थे। ऐसे ही मेहनत करते रहे तो 2019 में मोदी को हराना मुश्किल नहीं - 15 से अधिक ऑब्जर्वर ने राहुल से कहा कि गुजरात की तरह राजस्थान चुनाव में देरी नहीं होनी चाहिए। अशोक गहलोत को जल्दी राजस्थान भेजा जाना चाहिए। - इस पर राहुल ने मुस्कुराकर कहा कि अभी उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पर फोकस करो। राहुल ने कहा कि अगर आप लोग ऐसे ही मेहनत करते रहे तो 2019 में मोदी को हारना मुश्किल नहीं होगा। अल्पेश-जिग्नेश नहीं दिला पाए वोट, चुनाव नहीं लड़वाते तो होता फायदा - ऑब्जर्वर ने कहा कि अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी का कांग्रेस को ज्यादा माइलेज नहीं मिला। चुनाव लड़वाने के बजाय अगर हार्दिक की तरह इनकी सभाएं करवाते तो कांग्रेस सरकार बनती। - राधनपुर में ऑब्जर्वर रहे महावीर सिंह राजपुरोहित ने कहा कि अल्पेश के कहने पर उनके समर्थकों को कांग्रेस ने 12 टिकट दिए। इनमें से ज्यादातर हार गए। कांग्रेस अगर अपने कैंडिडेट उतारती तो 12 में से 10 सीटें पक्का जीतती। बालिग लड़के या लड़की को पसंद से शादी का हक, खाप सवाल नहीं कर सकती : SC 17 January 2018 नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बालिग लड़के या लड़की को अपनी इच्छा से शादी करने का अधिकार है। कोई व्यक्ति, खाप पंचायत या समाज सवाल नहीं उठा सकता। शीर्ष कोर्ट ने अंतरजातीय विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों को विभिन्न खाप पंचायतों, विशेष समाज के लोगों द्वारा दंड देने या हत्या करने संबंधी घटनाओं को लेकर यह टिप्पणी की। केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि अगर सरकार प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए कानून नहीं बना सकती तो कोर्ट इस मामले में नियम व दिशा-निर्देश तय करेगी। - सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोर्ट मित्र की ओर से पेश रिपोर्ट पर जवाब दो सप्ताह में देने को कहा है। इस मामले की सुनवाई 5 फरवरी को होगी। - कोर्ट मित्र राजू रामचंद्रन ने बताया कि लॉ कमीशन ने अंतरजातीय विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों के लिए एक कानून बनाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी। केंद्र सरकार का रवैया ढीला - इस सिफारिश पर उन्होंने राज्य सरकारों से भी सलाह ली थी, मगर केंद्र सरकार का रवैया ढीला रहा है। चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलीसिटर जनरल पिंकी आनंद से कहा कि उन्होंने अभी तक इस मामले में कोर्ट मित्र की ओर से दिए गए सुझावों व रिपोर्ट पर अपना जवाब क्यों नहीं दायर किया। - यह मामला 2010 से अदालत में लंबित है। उन्हें इस पर अपना जवाब दायर करना चाहिए था। वह इस पर अपना जवाब दायर करें। अगर सरकार अपना जवाब दायर नहीं करती है तो कोर्ट स्वयं उन सुझावों के आधार पर अपना फैसला लेगी। कानून, नियम या गाइडलाइंस जारी करेगी। एनजीओ ने कानून बनाने की मांग की - वर्ष 2010 में एनजीओ शक्तिवाहिनी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर देशभर में खाप पंचायतों व कई अन्य समाज के लोगों द्वारा अंतरजातीय विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों को प्रताड़ित करने का मामला उठाया था। उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से प्रभावी कानून बनाने की मांग की थी। - सुप्रीम कोर्ट ने उक्त मामले में वरिष्ठ वकील राजूू रामचंद्रन को कोर्ट मित्र नियुक्त किया था। उन्हें और केंद्र को इस मामले में जवाब दायर करने को कहा गया था। इस मामले में कोर्ट ने खाप पंचायतों से भी जवाब मांगा था। लाल किला हमले का संदिग्ध आतंकवादी दिल्ली में अरेस्ट, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होेने का शक 11 January 2018 नई दिल्ली. लालकिले पर हमले के मामले में वांटेड एक संदिग्ध आतंकी बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। गुजरात एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की कार्रवाई में पकड़े गए बिलाल अहमद कावा से पूछताछ की जा रही है। उसके लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का शक है। पुलिस पता कर रही है कि 17 साल तक वह कहां रहा। उसका दिल्ली आने का क्या मकसद था? स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाह ने कहा कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। आतंकी हमले में उसकी भूमिका वैरिफाई की जा रही है। हवाला के जरिये कई बैंक अकांउट में किए थे 29.50 लाख रु. ट्रांसफर - जांच में पुलिस को पता चला कि आरिफ ने हवाला के जरिये कई बैंक खातों में 29.50 लाख रु. ट्रांसफर किए थे। - बिलाल के खाते में भी कुछ रकम आई थी। इसी सिलसिले में पुलिस को उसकी तलाश थी। गुजरात एटीएस को इनपुट मिला था कि बिलाल श्रीनगर से दिल्ली रहा है। इसी आधार पर उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया। - बता दें कि बिलाल अहमद कावा की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिनों बाद ही गणतंत्र दिवस समारोह होना है। बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस पर आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष बतौर चीफ गेस्ट शिरकत करने वाले हैं। 17 साल पहले हुआ था हमला -22 दिसम्बर, 2000 को लाल किले में हुए आतंकी हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे -इस मामले में अदालत 11 दोषियों को सजा भी सुना चुकी है। -मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद आरिफ को मौत की सजा मिली है। बच्चे को दूध पिलाने इंडिया गेट पर जगह ढूंढ़ रही थी मां, पुलिस ने दे दी अपनी PCR वैन 9 January 2018 नई दिल्ली| पुलिस के नाम पर डरने वाले लोगों के लिए यह तस्वीर चौंकाने वाली हो सकती है। दरअसल, इंडिया गेट पर परिवार के साथ घूमने आई महिला भूख से बिलखते अपने बच्चे को दूध पिलाने की जगह तलाश कर रही थी। बहुत देर तक ढूंढ़ने के बाद जब कोई जगह नजर नहीं आई तो उसने वहां पीसीआर वैन में बैठे पुलिसकर्मियों से मदद मांगी। पुलिसकर्मी तत्काल बाहर आए और महिला को वैन में बच्चे को दूध पिलाने को कहा। महिला ने भी इसके बाद पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दिया। 4 बहनों ने मां की अर्थी को दिया कंधा, गैरों की तरह घर में बैठा रहा बेटा 6 January 2018 नई दिल्ली.100 गज जमीन के लिए बेटे ने मां को घर से निकाल दिया। मां बेटी के पास रहने लगी। 14 साल तक बेटे ने मां को शक्ल तक नहीं दिखाया। न ही मां की कुशलक्षेम पूछी। बुधवार को उस बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया। बेटा आया और देखता रहा। और मां की अर्थी को कंधा भी नहीं दिया। गुरुवार को चारों बेटियों ने मां की अर्थी सजाई और उनका अंतिम संस्कार कर दिया। 14 साल तक नहीं मिला मां से - 81 साल की मनकौर अपने परिवार के साथ रामापार्क उत्तम नगर इलाके में रहती थीं। - 2003 में उसके पति की मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने अपनी सारी प्राॅपर्टी बेटे शमशेर के नाम कर दी। - पिता की मौत के बाद शमशेर और उसकी पत्नी का जमीन को लेकर मां से विवाद था। ऐसे में शमशेर और उसकी पत्नी उन्हें परेशान करते थे। - मनकौर को बीड़ी पीने की आदत थी। लेकिन शमशेर और उसकी पत्नी खाने-पीने के साथ ही उसे बीड़ी के लिए भी तरसाते थे। - इसके चलते पटेल गार्डन में रहने वाली उनकी बेटी मां को अपने घर ले गई। तब से मनकौर अपनी बेटियों के घर ही रह रही थीं। गैरों की तरह बैठा रहा बेटा - मां मनकौर की मौत की खबर सुनने के बाद बेटा शमशेर अपनी बहन के घर पटेल गार्डन आ तो गया, लेकिन अंजान लोगों की तरह की बाहर बैठा रहा। - अंतिम 14 सालों तक मां के साथ रहने वाली बहनों ने अपनी मां की अर्थी सजाई और घर से श्मशान तक लेकर गईं और उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान शमशेर ने अर्थी को न तो हाथ लगाया और न ही अंतिम संस्कार किया। जानिए 8 राज्यों के 9 दलों ने तीन तलाक के बिल का आखिर क्यों विरोध कर दिया? 29 December 2017 नई दिल्ली.केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक को रोकने के मकसद से एक बिल पेश किया। इस लोकसभा में पास भी कर दिया गया। हालांकि, बहस के दौरान 8 राज्यों के 9 दलों ने तीन तलाक बिल या उससे जुड़े प्रावधानों का विरोध किया। वजह, इन राज्यों की मुस्लिम बहुल सीटें और मुस्लिम मतदाता हैं। इन 8 राज्यों में 474 विधानसभा मुस्लिम बहुल सीटें हैं। वहीं, देश में 218 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटरों का असर है। विपक्ष ने बिल के प्रावधानों का विरोध किया तेलंगाना के हैदराबाद से एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये बिल मूलभूत अधिकारों (फंडामेंटल राइट्स) का हनन करता है। - बिहार से आरजेडी और ओडिशा से बीजू जनता दल ने भी बिल का विरोध किया। केरल की मुस्लिम लीग, पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम ने भी इसी तरह बिल का विरोध किया। - महाराष्ट्र से एनसीपी, यूपी से सपा और तमिलनाडु से एआईएडीएमके ने भी बिल की खामियों को गिनाते हुए इसे संसद की स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की। वहीं, एनडीए में शामिल शिवसेना, तेलगु देशम पार्टी और अकाली दल आदि पार्टियों ने बिल का समर्थन किया है। मुस्लिम बहुल 218 सीटों पर बीजेपी की नजर - देश में 145 लोकसभा सीटों पर 11 से 20% मुस्लिम वोटर हैं। 38 सीटों पर मुस्लिम वोटर 21 से 30% तक हैं। 35 सीटों पर 30% से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। इस तरह मुस्लिम वोटरों के असर वाली सीटें 545 में से 218 हैं। तीन तलाक कानून बनने से इन सीटों पर बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं के वोट मिल सकते हैं। - 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ या पहले 13 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इनमें 130 विधानसभा सीटें मुस्लिम बहुल हैं। अकेले कर्नाटक में 40 मुस्लिम बहुल सीटें हैं। जहां 2018 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा 2018 में 7 और राज्यों में भी चुनाव हैं। 2008 में 31 मुस्लिम सांसद थे - 2014 लोकसभा चुनाव में 22 मुस्लिम सांसद चुने गए थे। 2009 में 31 मुस्लिम लोकसभा पहुंचे थे। - इस बार सबसे अधिक 7 सांसद पश्चिम बंगाल से हैं। बिहार से 4, जम्मू-कश्मीर और केरल से 3-3 सांसद हैं। असम से 2 मुस्लिम सांसद हैं। श्रीनगर में सीजन की सबसे सर्द रात, -4 डिग्री पहुंचा टेम्परेचर, दिल्ली में भी अब और ठंडी होंगी रातें 26 December 2017 नई दिल्ली/श्रीनगर.पहाड़ी इलाकों समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। श्रीनगर में रविवार को सीजन की सबस सर्द रात रही। यहां पारा माइनस 4.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। उत्तर भारत के कई इलाकों में घना कोहरा छाया रहा। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) के एक अफसर ने बताया कि मंगलवार को दिनभर आसमान साफ रहेगा। वहीं दिल्ली में सोमवार सुबह न्यूनतम टैम्परेचर 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम सांइटिस्ट के अनुसार इसमें अभी और गिरावट होगी। 31 दिसंबर तक रातें बेहद ठंडी और कोहरे से ढकी होंगी। हालांकि नए साल के पहले दिन जरूर कुछ राहत मिली सकती है। कोहरे के चलते 17 ट्रेनें हुईं रद्द उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरे की वजह से दिल्ली आने-जाने वाली 17 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं, 26 देरी से चलीं, जबकि छह ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। सोमवार सुबह 8.30 बजे 100 फीसदी नमी रही, जबकि विजिबिलिटी 400 मीटर रही। बर्फबारी नहीं होने से सैलानी निराश - मौसम डिपार्टमेंट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में अगले 48 घंटों में रात के तापमान में और गिरावट आ सकती है। - मौसम में ड्रायनेस है, इसलिए अभी बर्फबारी के आसार नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में इस महीने के दूसरे हफ्ते में सीजन की पहली बर्फबारी हुई थी। - ताजा बर्फबारी न होने से क्रिसमस की छुट्टियों में कश्मीर घाटी जाने वाले सैलानियों को निराश होना पड़ सकता है। बाबा कहता था- दुनिया 2066 में खत्म होगी; मैं भगवान का अवतार, मेरी पूजा करो 23 December 2017 नई दिल्ली.आध्यात्मिक विश्वविद्यालयों के आश्रमों में शिकंजा कसते ही संस्था का फाउंडर बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित अंडरग्राउंड हो गया है। अब तक दिल्ली के रोहिणी और राजस्थान में उसके 4 आश्रमों पर छापेमारी हो चुकी है। 125 नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को छुड़ाया जा चुका है। एक एनजीओ ने इन्हें कैद करने का आरोप लगाया है। वीरेंद्र देव के अमेरिका, राजस्थान, यूपी, हरियाणा और दिल्ली में करीब 200 आश्रम बताए जाते हैं, जिनमें से 8 राजधानी में ही हैं। जांच एजेंसियां इनका पता लगा रही हैं। बाबा से जुड़े लोगों की मानें तो वह अपने प्रवचनों में अक्सर कहता था कि दुनिया 2066 में खत्म हो जाएगी। मैं भगवान राम का अवतार हूं। आप मेरी पूजा करो और अपना तन-मन-धन मुझे अर्पित कर दो। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि वीरेंद्र देव को 4 जनवरी तक पेश किया जाए भास्कर सबसे पहले वीरेंद्र के उत्तम नगर के आश्रम पहुंचा - वीरेंद्र देव के आश्रमों पर कार्रवाई के चौथे दिन दैनिक भास्कर सबसे पहले बाबा के उत्तम नगर के आश्रम पहुंचा। यह आश्रम बी-307, मोहन गार्डन, उत्तम नगर के 200 गज के चार मंजिला मकान में है। इसके नीचे दुकानें हैं। पूछने पर फर्स्ट फ्लोर से गुरुमूर्ति नाम का अधेड़ शख्स बाहर आया। - खुद को गवर्नमेंट डिपार्टमेंट से रिटायर ज्वाइंट डायरेक्टर बताने वाले गुरुमूर्ति पहले बाबा के बारे में मीडिया में चल रहीं खबरों से भड़क गए, फिर रिपोर्टर के उन्हें समझाने के बाद उन्होंने बताया कि घर का तीसरा और चौथा फ्लोर 2010 में उन्होंने आश्रम के लिए दिया है। - वे खुद सालों से बाबा के अनुयायी हैं। एक बार बाबा से मिले गुरुमूर्ति का कहना है कि बाबा देश और विदेश के अलग-अलग राज्यों में बने अपने आश्रमों और सेंटर में आते-जाते हैं। सिर्फ एक बार उनसे मिला हूं। अब वो कहां हैं नहीं पता, लेकिन बाबा ने किसी का रेप नहीं किया। उत्तम नगर आश्रम में 16 महिलाएं, 5 नाबालिग लड़कियां - इसी मकान के दूसरे और तीसरे फ्लोर पर तो गुरुमूर्ति ने भास्कर रिपोर्टर को नहीं जाने दिया, लेकिन सीढ़ियों से रिपोर्टर ने देखा कि दोनों मंजिलों को जेलनुमा बनाकर प्लास्टिक की शीट से ढका हुआ है। - 200 गज के मकान में 16 महिलाएं और 5 नाबालिग लड़कियां हैं। इनमें से ज्यादातर बीमार हैं और अलग-अलग जगह उनका इलाज चल रहा है। आश्रम में केवल लड़कियों को रखने के सवाल पर गुरुमूर्ति ने कहा कि लड़कियां पवित्र होती हैं। वे अपने घर रहेंगी तो परिजन उनकी शादी कर देंगे। - बता दें कि रोहिणी, उत्तम नगर और नांगलोई की तरह दिल्ली में बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के करीब 8 आश्रम बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां इनकी कुंडली खंगालने में जुटी हुई हैं। योग से भोग तक बाबा की रासलीला - बाबा योग सिखाने के बहाने लड़कियों को आश्रम से जोड़ता है। फिर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। इस दौरान बाहरी दुनिया और घरवालों से लड़कियों का कोई कॉन्टैक्ट नहीं होता है, वह केवल बाबा और उसकी शिक्षा को ही सबसे ऊपर मानने लगती हैं। - दिनचर्या की शुरुआत तड़के 2 बजे होती थी। नहाने के बाद लड़कियों को मेडिटेशन रूम में ले जाया जाता था, जहां लाल रंग के बल्ब की रोशनी में बाबा का ऑडियो चलता है। - सुबह 6 बजे तक 3 घंटे मेडिटेशन के बाद ब्रेकफास्ट दिया जाता था। फिर लड़कियों को कार में अलग-अलग जगहों पर भेजा जाता था। - शाम 4 बजे से बाबा के प्रवचन की तैयारी होती थी। यह सब रात 8 बजे तक चलता था। इस पूरे वक्त के दौरान लड़कियों को नशीली दवाएं दी जाती थीं। - रविवार खास दिन होता था, इस दिन 28 साल से कम उम्र की लड़कियों को तड़के कारों में बैठाकर कहीं भेजा जाता था और वहां से वह अगले दिन आती थीं। राजस्थान के 2 आश्रमों समेत 3 पर छापेमारी हुई - आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर अय्याशी का आश्रम चलाने वाले वीरेंद्र दीक्षित के 3 और ठिकानों पर पुलिस ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई की। - इनमें राजस्थान के माउंटआबू में आश्रम का हेडक्वार्टर, आबू रोड स्थित आश्रम और दिल्ली के उत्तम विहार का आश्रम शामिल है। माउंट आबू से पुलिस ने 65 लड़कियां छुड़ाईं, वहीं उत्तम नगर के आश्रम में पुलिस को 16 महिलाएं और 5 लड़कियां मिलीं। राजधानी में कैद थीं इतनी महिलाएं, एडमिनिस्ट्रेशन सोता रहा: HC - शुक्रवार दोपहर सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति जयहिंद ने कोर्ट को बताया कि आश्रम में लड़कियों को पिंजरे के भीतर रखा जाता था। यह सुनकर एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस हरिशंकर की बेंच ने कहा- ''हम किस युग में जी रहे हैं, देश की राजधानी में महिलाएं कैद थीं, हैरेसमेंट होता रहा, प्रशासन कहां सो रहा था?'' - इसके बाद बेंच ने सीबीआई, दिल्ली पुलिस और वुमन कमीशन को बाबा के सभी आश्रमों पर कार्रवाई का आदेश दिया। कोर्ट ने आश्रम के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि बाबा को हाजिर करो, नहीं तो वारंट जारी कर देंगे। मैक्स हॉस्पिटल को लाइसेंस पर 9 जनवरी तक राहत नहीं, अब सुनवाई 9 जनवरी को 20 December 2017 नई दिल्ली.एलजी से गुहार लगाने के बाद भी मैक्स अस्पताल को राहत मिलती नहीं दिख रही है। एलजी ने पूरे मामले की सुनवाई के लिए चीफ कमिश्नर फाइनेंस रिंकू दुग्गा को अप्वाइंट किया है। सोमवार को दुग्गा ने मैक्स और दिल्ली हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को बुलाया था। - एक घंटे से भी ज्यादा समय तक चली इस सुनवाई में मैक्स के सात वकील थे। जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वयं डीजीएचएस डॉ. कीर्ति भूषण थे। इसमें कोई फैसला नहीं हुआ। अगली सुनवाई 9 जनवरी को है। वहीं, दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने फिर अलग-अलग डॉक्टरों के जवाब मांगे हैं। मैक्स का कहना है ये - मैक्स ने तर्क दिया कि इतनी बड़ी घटना पर नर्सिंग होम एक्ट के नियमानुसार कम से कम एक महीने का वक्त दिया जाना चाहिए था। मगर ऐसा नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने जल्दबाजी में अस्पताल के खिलाफ लाइसेंस कैंसिल करने का फैसला ले लिया। जबकि स्वास्थ्य विभाग का तर्क था कि इससे पूर्व भी मैक्स अस्पताल शालीमार बाग की ओर से कई बार गलतियां की गई हैं। - स्वास्थ्य विभाग के आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। इसमें ईडब्ल्यूएस के तहत इलाज नहीं देना और वेक्टर बॉर्न डिजीज के मरीजों के लिए अतिरिक्त बेड रिजर्व नहीं करना प्रमुख रूप से शामिल है। ऐसे में जिंदा नवजात को मृत बताकर परिजनों को सौंपना चाहता था। 51 साल पहले आज के ही दिन हमने दी थी दुनिया को पहली महिला कॉमर्शियल पायलट, आज सबसे ज्यादा हमारे यहां 19 December 2017 नई दिल्ली.आज ही के दिन 51 साल पहले भारत ने दुनिया को पहली महिला कॉमर्शियल पायलट दी थी। उस वक्त 1966 में इंडियन एयरलाइंस ने महिला पायलट के लिए दरवाजे खोले थे और दुर्बा बनर्जी पहली कैप्टन चुनी गई थीं। इसके बाद महिला कॉमर्शियल पायलटों की संख्या लगातार बढ़ती गई। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) और इंडियन वूमेन पायलट एसोसिएशन के अनुसार भारत में अब तक करीब 25 हजार महिला कॉमर्शियल पायलट को लाइसेंस मिल चुका है। कुल पायलटो में से 13% महिला कॉमर्शियल पायलट - यह वर्ल्ड में सबसे ज्यादा है। भारत में कुल पायलटों में से 13% महिला कॉमर्शियल पायलट हैं, जबकि चीन में 1% से भी कम और अमेरिका में यह आंकड़ा 6 % है। - अभी एयर इंडिया और इंडिगो में 13% और एयर जेट एयरवेज एवं एयर इंडिया एक्सप्रेस में 12% महिला कॉमर्शियल पायलट हैं। दुर्बा 1988 में रिटायर हो चुकी हैं। आज भी आश्चर्य से देखती है दुनिया : कैप्टन क्षमता - मार्च 2017 में विश्व का पूरा चक्कर लगाने वाली महिला क्रू टीम में शामिल कैप्टन क्षमता बाजपेयी बताती हैं कि 21वीं सेंचुरी में भी महिला पायलटों को बेहद आश्चर्य से देखा जाता है। यह हालात एशिया ही नहीं, यूरोप और यूएस में भी हैं। - उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले वह शिकागो-दिल्ली फ्लाइट की ड्यूटी पर थीं। शिकागो एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान महिला इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने उनसे पूछा कि ‘वाकई आप पायलट हैं।’ हां करने पर वह अधिकारी लगातार उसे आश्चर्य भरी निगाहों से देखती रहीं। 1 मार्च से दागी सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई शुरू करें : सुप्रीम कोर्ट 15 December 2017 नई दिल्ली.सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित केस तेजी से निपटाने के लिए 12 स्पेशल कोर्ट बनाने संबंधी केंद्र सरकार का प्रस्ताव गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया। इन स्पेशल कोर्ट में अगले साल 1 मार्च तक काम शुरू करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि यह शुरुआत है। भविष्य में ऐसे और कोर्ट गठित किए जाएं, ताकि जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मामलों में जल्द से जल्द फैसला हो सके। जस्टिस रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की बेंच ने केंद्र से कहा कि कोर्ट स्थापित करने के लिए मंजूर 7.8 करोड़ रु. संबंधित राज्यों को जल्द से जल्द जारी कर दें। देशभर में कुल कितने सांसदों और विधायकों के खिलाफ केस पेंडिंग हैं, यह जानकारी जुटाने के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो महीने की मोहलत भी दे दी। 2014 के डेटा के आधार पर कोर्ट ने केंद्र से पूछ रखा है कि 1581 दागियों में से कितनों के केस एक साल में निपटाए। अभी तक कितने मामलों में फैसला आ चुका है। अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी। विधायकों के लिए 10 व सांसदों के लिए 2 कोर्ट -1581 सांसदों-विधायकों के खिलाफ केस लंबित हैं। आंकड़ा 2014 का है। मौजूदा संख्या सरकार पता कर रही है। -दागियों की सुनवाई अलग कोर्ट में होने से केस जल्द निपटेंगे। दोषियों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने में मदद मिलेगी। -12 स्पेशल कोर्ट में से 2 में 228 सांसदों पर दर्ज केस सुने जाएंगे। 10 अन्य अदालतें कई राज्यों में स्थापित होंगी। कांग्रेस प्रेसिडेंट के लिए मुझे राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने से रोका गया: पार्टी नेता का दावा 8 December 2017 नई दिल्ली.यूपी के कांग्रेस नेता अयूब अली ने दावा किया है कि पार्टी के प्रेसिडेंट इलेक्शन में उन्हें राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने से रोका गया। अयूब ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी से कहा, ''मैं कांग्रेस सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन एम. रामचंद्रन के पास गया था। उनसे कहा कि प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए इलेक्शन लड़ना चाहता हूं। वह काफी गुस्से में बोले- यहां सिर्फ एक कैंडिडेट हैं राहुल जी। यहां से बाहर निकल जाओ।'' नॉमिनेशन पेपर्स की स्क्रूटनी के बाद राहुल इकलौते वैलिड कैंडिडेट हैं। उन्होंने ने सोमवार को कांग्रेस हेडक्वार्टर में नॉमिनेशन फाइल किया था। अब 11 दिसंबर को 3 बजे नाम वापस लेने की समय सीमा खत्म होने के बाद राहुल के निर्विरोध चुने जाने का एलान होगा। वे इस पोस्ट पर पहुंचने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे शख्स होंगे। मंगलवार को स्क्रूटनी के बाद इलेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन और रिटर्निंग ऑफिसर मुलापल्ली रामचंद्रन ने बताया कि कांग्रेस प्रेसिडेंट इलेक्शन के लिए कुल 89 नॉमिनेशन पेपर्स मिले, सभी में राहुल गांधी का नाम है। उन्होंने कहा कि स्क्रूटनी के दौरान सभी पेपर्स वैलिड पाए गए। प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए इलेक्शन प्रॉसेस में अब सिर्फ एक वैलिड कैंडिडेट राहुल गांधी हैं। हर राज्य के 10-10 डेलिगेट्स से नॉमिनेशन पेपर्स मांगे गए - इसके पहले रविवार को पार्टी के सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी चेयरमैन मुलापल्ली रामचंद्रन और इसके मेंबर मधुसूदन मिस्त्री ने प्रेसिडेंट के इलेक्शन से जुड़ी प्रॉसेस को लेकर पार्टी हेडक्वार्टर में मीटिंग की। इस दौरान राज्यों के रिटर्निंग ऑफिसर्स को इलेक्शन प्रॉसेस की जानकारी दी गई थी। सभी स्टेट यूनिट के 10 डेलिगेट्स को नॉमिनेशन पेपर्स का एक-एक सेट भेजने को कहा गया था, जिसमें राहुल गांधी को प्रेसिडेंट बनाए जाने का प्रस्ताव हो। राहुल गांधी की ताजपोशी तय - पार्टी प्रेसिडेंट इलेक्शन में राहुल अकेले वैलिड नॉमिनेटेड कैंडिडेट हैं। 11 दिसंबर को 3 बजे नाम वापस लेने का वक्त खत्म होने के बाद उनके निर्विरोध चुने जाने का एलान होगा। - इसके पहले 1 से 4 दिसंबर तक नामांकन भरने, 5 को स्क्रूटनी, एक से ज्यादा नॉमिनेशन होने पर 16 को वोटिंग और 19 को नतीजे जारी होने की तारीख तय की गई थी। राहुल सबसे मुश्किल दौर में बन रहे हैं पार्टी प्रेसिडेंट - राहुल अध्यक्ष पद संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे और कांग्रेस के 60वें सदस्य होंगे। पार्टी में 7 साल बाद हो रहे चुनाव में वह मां सोनिया गांधी की जगह लेंगे। राहुल सबसे मुश्किल दौर में पार्टी प्रेसिडेंट बन रहे हैं। इस वक्त देश के महज 10% हिस्से में कांग्रेस का शासन रह गया है। - 1951 यानी जवाहरलाल नेहरू के वक्त देश के 90% हिस्से पर कांग्रेस का शासन था। तब कांग्रेस के पास लोकसभा की 489 में से 364 (74%) सीटें थीं। 1969 में इंदिरा गांधी के वक्त भी देश के 90% हिस्से पर कांग्रेस का शासन था। तब कांग्रेस के पास लोकसभा की 494 में से 371 (75%) सीटें थीं। - 1985 में राजीव गांधी के पीएम बनने के बाद कांग्रेस का देश के 67% हिस्से पर शासन था। उस वक्त कांग्रेस के पास लोकसभा की 542 में से 415 (77%) सीटें थीं। 1998 में सोनिया गांधी के पार्टी प्रेसिडेंट पोस्ट संभालने के वक्त कांग्रेस का देश के 19% इलाके पर शासन था। कांग्रेस के पास लोकसभा की 543 में से 141 (28%) सीटें थीं। - अब जब राहुल कांग्रेस के प्रेसिडेंट बनने जा रहे हैं, तब कांग्रेस के पास लोकसभा में 543 में से सिर्फ 46 (8%) सीटें हैं। राहुल से पहले कांग्रेस में दाे और उपाध्यक्ष रहे, पर कभी पीएम नहीं बने - कांग्रेस में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने वाले राहुल तीसरे नेता हैं। उनसे पहले उपाध्यक्ष रहे दो नेताओं का पॉलिटिकल करियर ज्यादा ऊंचाई हासिल नहीं कर पाया। 1986 में अर्जुन सिंह और 1997 में जितेंद्र प्रसाद इस पद पर रहे थे, लेकिन दोनों किसी और ऊंचे मुकाम पर नहीं पहुंच पाए। बीजेपी ने अभी तक क्यों नहीं किया मेनिफेस्टो का एलान? - 132 साल में नेहरू-गांधी परिवार 44 साल अध्यक्ष रहा; इन 44 साल में से 25 साल मोतीलाल से राजीव गांधी तक कांग्रेस प्रेसिडेंट रहे। - परिवार में पं. नेहरू सबसे कम 40 साल की उम्र में तो सोनिया सबसे ज्यादा 52 की उम्र में अध्यक्ष बनीं। जनवरी, 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष चुने गए थे राहुल, तब से कांग्रेस करीब 27 चुनावों में हारी। पार्टी के मुख्य संरक्षक की भूमिका ले सकती हैं सोनिया - सोनिया कांग्रेस में मुख्य संरक्षक की भमिूका में रह सकती हैं। पार्टी के नेशनल स्पोक्सपर्सन रणदीप सुरजेवाला ने 20 नवंबर को कहा था, “सोनिया जी हमारी नेता और मार्गदर्शक हैं। उनका कुशल नेतृत्व और दिशा-निर्देश हमेशा उपलब्ध रहेंगे।” गुजरात: सर्वे में BJP की मुश्किलें बढ़ीं, मेनिफेस्टो की जगह विजन डॉक्युमेंट ला सकती है 7 December 2017 नई दिल्ली.विधानसभा चुनाव में आंतरिक फीडबैक और सर्वे से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बीजेपी स्ट्रैटजी के तहत 28 नवंबर को घोषणा पत्र जारी करने वाली थी, लेकिन अब उसने इरादा बदल दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि वह मेनिफेस्टो की जगह गुरुवार या एक -दो दिन में विजन डॉक्युमेंट लाने पर विचार कर रही है। नरेंद्र मोदी इसे मंजूरी देंगे। प्रधानमंत्री अगर मंजूरी नहीं देते हैं तो बिना घोषणा पत्र के ही बीजेपी चुनाव लड़ेगी। बता दें कि कांग्रेस ने कुछ दिन पहले घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें किसानों को कई सुविधाएं देने की बात कही है। बीजेपी ने अभी तक क्यों नहीं किया मेनिफेस्टो का एलान? - पहले फेज के चुनाव में अब दो बचे हैं। बीजेपी नेताओं का मानना है कि घोषणा पत्र में लुभावने वायदे, विकास के एजेंडे की बात होगी तो विपक्ष बीजेपी के 19 साल से सत्ता में होने की दलील देते हुए घेराबंदी कर सकती है। - दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण, पेट्रोल-डीजल के भाव में 10 रुपए कटौती, अल्पसंख्यक आयोग का गठन, यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड जैसे लुभावने वायदे किए हैं। बीजेपी की मुश्किल ये है कि अगर वह अपना घोषणा पत्र लाती है तो उसे कांग्रेस से ज्यादा लुभावने वायदे वादे करने होंगे। 2014 से अब तक 5 बार विजन डॉक्युमेंटजारी किया बीजेपी ने - बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मेनिफेस्टो जारी किया था। इसके बाद इसी साल हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव में घोषणा पत्र जारी किया था। - बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर, झारखंड, दिल्ली, असम और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में विजन डॉक्युमेंट जारी किया था। मेनिफेस्टो और विजन डॉक्युमेंट में क्या फर्क है? - राजनीतिक दल सत्ता पाने के बाद 5 साल में क्या-क्या काम करेंगे, वे इसके लिए एक एजेंडा जारी करते हैं। इसे ही मेनिफेस्टो कहा जाता है, जिसमें लुभावने वायदे, कई योजनाएं होती हैं। - विजन डॉक्युमेंट में 5 साल की समय सीमा नहीं होती। इतना ही नहीं, राज्य के लिए पार्टी की राय क्या है वह क्या करना चाहती है इसकी चर्चा होती है। मेनिफेस्टो के बारे में आयोग का निर्देश - 24 अप्रैल, 2015 को इलेक्शन कमीशन ने गाइडलाइंस जारी की थीं। दरअसल ईसी को यह इसलिए करना पड़ा क्योंकि तमिलनाडु असेंबली चुनाव में टीवी, सोने की चैन देने के वादे को चुनावी घोषणा पत्र में पार्टियों ने शामिल किया था। कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी सिर्फ राहुल; घोषणा 7 दिन बाद 5 December 2017 नई दिल्ली/अहमदाबाद।कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए पर्चा दाखिल कर दिया। इसके साथ ही उनका पार्टी अध्यक्ष चुना जाना तय हो गया। राहुल के अलावा किसी ने घोषित तौर पर पर्चा नहीं भरा है। लेकिन 11 दिसंबर को 3 बजे नाम वापस लेने की समयसीमा खत्म होने के बाद उनके निर्विरोध चुनाव की घोषणा की जाएगी। 32 साल बाद क्रांगेस की कमान युवा हाथों में - राहुल के अध्यक्ष बनने पर 32 साल बाद पार्टी की कमान फिर युवा हाथों में होगी। वे 47 साल के हैं। इससे पहले राजीव गांधी 1985 में 41 साल की उम्र में अध्यक्ष बने थे। परिवार में जवाहरलाल नेहरू सबसे कम 40 साल तो मोतीलाल नेहरू सबसे ज्यादा 58 की उम्र में अध्यक्ष बने थे। सोनिया सबसे ज्यादा 19 साल अध्यक्ष रहीं। राहुल का चुनाव गुजरात में मुद्दा - कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि जहांगीर की जगह जब शाहजहां आए, क्या तब चुनाव हुआ था? शाहजहां की जगह औरंगजेब आए तो क्या चुनाव हुआ था? पहले से पता था कि जो भी बादशाह हैं, उनकी औलाद बादशाह बनेगी। लेकिन लोकतंत्र में चुनाव होता है। शहजाद पूनावाला को आमंत्रण है कि वह भी यहां आवेदन दे सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा - गुजरात में पीएम मोदी ने कहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी नहीं कुनबा है। उनका किसी का सत्ता पर आने का मतलब है बादशाह की औलाद का सत्ता पर बैठना। यह औरंगजेब राज उन्हें ही मुबारक। दहेज उत्पीड़न के मामलों में सीधे गिरफ्तारी पर रोक की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट 30 November 2017 नई दिल्ली. दहेज प्रताड़ना के मामलों में सीधे गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले अपने फैसले की सुप्रीम कोर्ट समीक्षा करेगा। इससे जुड़ी आईपीसी की धारा 498ए के बारे में खंडपीठ द्वारा जारी गाइडलाइन पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने बुधवार को नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “आईपीसी 498ए कानून बहुत पुराना है। कोर्ट इसे लेकर गाइडलाइन कैसे जारी कर सकता है? यह तो सीधे पुलिस और मजिस्ट्रेट के बीच का मामला है। जब विधायी प्रावधान हैं तो गाइडलाइन की क्या जरूरत है? ऐसी गाइडलाइन कानून में दखल होगी। जांच का तरीका तय करना जांच एजेंसी का काम है।’ मामले की सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगी। उल्लेखनीय है कि जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की बेंच ने 27 जुलाई को जारी आदेश में दहेज प्रताड़ना के मामलों में पति या ससुराल पक्ष के लोगों को सीधे गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी। इन शिकायतों पर पुलिस कार्रवाई से पहले जांच के लिए जिलाें में समितियां गठित करने को कहा गया था। इसे मानवाधिकार मंच नामक संस्था ने चुनौती दी है। एमिकस क्यूरी वी शेखर ने कोर्ट को बताया कि इस आदेश के बाद गिरफ्तारियां नहीं हो रहीं। दहेज उत्पीड़न का कानून कमजोर हुआ है। ट्रेन से दिल्ली-चंडीगढ़ की दूरी 78 मिनट में होगी तय, अभी लगते हैं साढ़े तीन घंटे 29 November 2017 नई दिल्ली। दिल्ली से चंडीगढ़ की दूरी आने वाले वक्त में महज 78 मिनट यानी करीब सवा घंटे में तय हो जाएगी। इस रूट पर अभी शताब्दी ट्रेन साढ़े तीन घंटे का वक्त लेती है। उत्तर रेलवे के तहत आने वाले 244 किलोमीटर लंबे इस रूट को हाई स्पीड ट्रेन ट्रैक के तौर पर डेवलप किया जाना है। इस पर 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। पूरे प्रोजेक्ट पर 12000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा और साल 2022 तक यह पूरा होगा। हाई स्पीड ट्रेनों का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए भारत-फ्रांस के बीच समझौता हुआ था। इसी के तहत फ्रांस की नेशनल सोसायटी ऑफ फ्रेंच रेलवे (एसएनसीएफ) ने सोमवार को रेल मंत्रालय को रिसर्च रिपोर्ट और प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन दिया। इस प्रजेंटेशन में रेलवे के मोबिलिटी एडवाइजर नवीन कुमार के साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि एसएनसीएफ के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर मंत्रालय अगले 15-20 दिन में फैसला लेगा। - एसएनसीएफ के 3 विकल्प - 12000 करोड़ से दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर ट्रैक को दोनों तरफ से कवर करना होगा। 220 किमी प्रति घंटा की स्पीड मिलेगी। -इसी रूट पर 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए रेलवे को सात हजार करोड़ खर्च करने होंगे। -160 किमी प्रति घंटा की स्पीड पर ट्रेनें चलाने चार हजार छह सौ करोड़ का निवेश करना होगा। संसद का विंटर सेशन 15 दिसंबर से, पिछली बार 16% रही थी लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 24 November 2017 नई दिल्ली.पार्लियामेंट का विंटर सेशन 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक 14 दिन चलेगा। कुछ दिन पहले सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार गुजरात इलेक्शन की वजह से विंटर सेशन को बुलाने में देरी कर रही है। जवाब में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा था यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है, कांग्रेस खुद पहले ऐसा कर चुकी है। इस बार भी विपक्ष सरकार को नोटबंदी, राफेल डील में गड़बड़ी, जीएसटी का गलत तरीके से इम्प्लीमेंटेशन, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर घेर सकती है। बता दें कि 2016 के सेशन में हंगामे की वजह से काम ज्यादा नहीं हुआ था। लोकसभा की प्रोडक्टिवटी सिर्फ 16% रही थी। - पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर अनंत कुमार ने बताया कि 25 दिसंबर से 26 दिसंबर को क्रिसमस का अवकाश रहेगा। सेशन 14 दिन का होगा। यह फैसला पार्लियामेंट्री अफेयर्स की कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। - गुलाम नबी आजाद ने 21 नवंबर को कहा था कि सरकार संसद सत्र नहीं बुलाना चाहती। क्योंकि, उसे डर है कि संसद में जवाब देना पड़ेंगे। अगर इन मुद्दों पर बहस होती है तो सरकार गुजरात इलेक्शन के दौरान बेनकाब हो जाएगी। पिछले विंटर सेशन में सबसे कम रही प्रोडक्टिविटी, 22 दिन में हुअा सिर्फ 17% काम - पिछले साल विंटर सेशन 16 नवंबर से 9 दिसंबर तक रहा। नोटबंदी का विपक्ष ने विरोध किया और हंगामें की वजह से कामकाज नहीं हो सका। - पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, इस सेशन में लोकसभा में 16% तो राज्यसभा में 18% ही प्रोडक्टिविटी रही है। यानी एवरेज 17% कामकाज हुआ। यह मोदी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में लोकसभा की सबसे कम प्रोडक्टिविटी थी। - इस सेशन में कई जरूरी बिल पेश होने थे, लेकिन हंगामे की वजह से यह मुमकिन नहीं हो सका था। सिर्फ दो ही बिल पास हो सके। इनमें एक टैक्सेशन अमेंडमेंट बिल था, दूसरा राइट्स ऑफ पर्सन्स डिसएबिलिटी बिल-2014। - टैक्सेशन अमेंडमेंट बिल भी इसलिए पास हुआ, क्योंकि यह फाइनेंस बिल था, जिसे राज्यसभा से पास होना जरूरी नहीं था। अभी सरकार पर क्या आरोप लग रहे हैं? - गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। नतीजे हिमाचल प्रदेश के साथ 18 दिसंबर को आएंगे। आमतौर पर पार्लियामेंट का विंटर सेशन नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होकर दिसंबर के तीसरे हफ्ते तक चलता है। सरकार ने अब इस सेशन को दिसंबर के दूसरे हफ्ते में शुरू करने का फैसला किया है। सोनिया ने क्या आरोप लगाया? - सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग में कहा था कि मोदी सरकार अपने अहंकार में है। वो कमजोर आधार पर पार्लियामेंट के विंटर सेशन को नुकसान पहुंचा रही है। इससे पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी पर काली छाया पड़ रही है। जेटली ने दिया था जवाब - जेटली ने गुजरात के राजकोट में सोनिया के आरोपों पर जवाब दिया था। वो यहां सीएम विजय रूपाणी के नाॅमिनेशन की फाइलिंग के लिए आए थे। - जेटली ने कहा था- "पहले भी चुनावों के मद्देनजर पार्लियामेंट सेशन का वक्त बदला जाता रहा है। कांग्रेस खुद ऐसा कई बार कर चुकी है। 2011 में भी कांग्रेस ने ऐसा ही किया था। यह तो एक परंपरा है जो कई बार दोहराई जा चुकी है। इलेक्शन के दौरान पार्लियामेंट सेशन को रिशेड्यूल किया जाता रहा है। पार्लियामेंट का विंटर सेशन जरूर होगा और तब कांग्रेस बेनकाब हो जाएगी। प्रदेश के पुलिस अधिकारियों ने केाटपा पर लिया प्रशिक्षण, अब प्रदेशभर में होगी कार्यवाही 21 November 2017 गुरुग्राम 22 नंवबर। प्रदेश पुलिस अधिकारियों ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां के दुष्प्रभावों को बुधवार को संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ), फोर्टिस फाउंडेशन व पुलिस की और से पुलिस प्रशिक्षण केंद्र भोंडसी में सिगरेट एंव अन्य तबंाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) पर तकनीकी जानकारी के लिए आयेाजित प्रशिक्षण के दौरान जाना। इस दौरान पुलिस के 1200 प्रशिक्षु पुलिस जवानों ने भी कोटपा के तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारें में बताया गया। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर हुए इस प्रशिक्षण के बाद अब हरियाणा के सभी जिलेां के सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में कोटपा एक्ट में चालान करने की कार्यवाही में तेजी लाई जायेगी, ताकि तंबाकू के बढ़ते दुष्प्रभाव को कम किया जा सके। प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय पुलिसथानेां की टीम ने पुलिस अधिकारियों को केाटपा में चालान की कार्यवाही को समझाते हुए कोटपा में चालान भी काटे। वायस आॅफ टोबेको विक्टिमस के पैट्रन व कैंसर सर्जन डा. वेदांत काबरा ने प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियेां व नए प्रशिक्षु पुलिस जवानेंा को तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए बताया गया कि तंबाकू से होने वाले कैंसर से तभी बचा जा सकता है जब हम इन पदार्थों से अपने को दूर रख सकें। इससे मानसिक और शारिरीक तनाव बढ़ता है, जो कि धीरे धीरे शरीर को नुकसान पहुचंाता है। इसलिए पुलिस की युवाअेां को तंबाकू जैसे खतरनाक जहर से बचाने में अह्म भूमिका हो सकती है। उन्होने कहा कि वर्तमान में कैंसर के जो रोगी बढ़ रहे है, दुःख की बात यह है कि अभी जो मरीज आ रहे है उनमें अधिकतर युवा है। जिनकी उम्र मात्र 20 साल से 35 के बीच है। हालांकि पहले इस उम्र के लोगों में कैंसर कम होता था लेकिन अब इस उम्र में यह बढ़ रहा है। यंहा जितने लोगेां में कैंसर की पहचान हो जाती है उनमें से अधिकांश एक साल के अंदर ही दम तोड़ देते है। इसलिए पुलिस यदि समय रहते इन युवाअेां को इस प्रकार के नशों से रोकेगी तो इसका संदेश समाज में जाएगा। डा.काबरा ने बताया कि तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों में निकोटिन होता है जो कि बेहद खतरनाक होता है। इसकी लत बुरी हेाती है, इनमें केवल 5 प्रतिशत से कम लोग ही निकोटिन केा छोड़ पाते है। इसलिए हम सभी को मिलकर इसके लिए सकारात्मक ढंग से काम करना होगा। चिकित्सकेंा के साथ साथ पुलिस अधिकारियों का भी दायित्व बनता है कि वे इसे रोकने के लिए सिगरेट एंव अन्य तबंाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) का पूरी तरह से अनुपालना करावे। जिससे कि बच्चों व युवाअेां को इससे बचाया जा सके। संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर डा.सोमिल रस्तौगी ने बताया कि कोटपा की धारा 4, 5, 6अ, 6ब, 7 व जेजे एक्ट में किस प्रकार से कार्यवाही की जाती है। प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियेां को बताया गया कि यदि कोटपा में चालान की कार्यवाही को नियमित रुप से किया जाये तो भी ऐसे जहरीले उत्पादेां के सेवन व बिक्री करने वालेां की संख्या में कमी आएगी। शिक्षण संस्थाअेां के आस पास एक सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। हरियाणा में 43 लाख लोग करतें है तंबाकू सेवन प्रदेशभर में किशोर उम्र के जो लड़के लड़कियां धूम्रपान करतें है,उनमें से एक तिहाई से अधिक तंबाकू से जुड़ी बीमारियेां से पीड़ित होकर दम तोड़ देतें है। करीब 43 लाख लोग हरियाणा में तंबाकू का सेवन करते हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबेको के सर्वे के अनुसार भारत में तंबाकू की लत 17 साल की उम्र में लग जाती है। ग्लोबल यूथ टोबेको के सर्वे में सामने आया कि भारत के 20 प्रतिशत से अधिक बच्चे तंबाकू के उत्पादों का प्रयोग करते हैं। प्रदेश में करीब 116 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादेां के सेवन की शुरुआत करते है, इनमें भी अधिकतर स्कूल व कालेजों में अध्ययन करने वाले शामिल है। संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्ट्री संजय सेठ ने कहा कि हरियाणा पुलिस का यह कदम सराहनीय है। इस प्रशिक्षण से पुलिस अधिकारिेयों ने कोटपा के बारे में तकनीकी जानकारी ली है। जो कि इनके लिए मददगार साबित हेागी। केाटपा का प्रभावी क्रियान्वयन हो तभी तंबाकू के कारण समय से पहले होने वाली मौतों पर अंकुश लग सकेगा। पुलिस अधिकारियेां ने जानी चालान की कार्यवाही शिक्षण के दौरान पुलिस अधिकारियेां ने सेक्टर 56, 40, 29 व सुशांत लोक पुलिसथानेां की टीम के साथ जाकर चालान की कार्यवाही की। इस दैारान सार्वजनिक स्थानेां पर धूम्रपान करने वालों के 105 चालान कोटपा में काटे गए। वंही दुकानदारेंा को व सार्वजनिक स्थान पर इनका सेवन करने वालों को स्वाथ्य का हवाला देकर समझाइश भी की गई। ये है सार्वजनिक स्थल सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, सभागृह, लोक परिवहन, शिक्षण संस्थान, टी-स्टॉल, ढाबा और अन्य सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। इन स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर 200 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में प्रदेश के 50 पुलिस अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। ये पुलिस अधिकारी यंहा से प्रशिक्षण के बाद अपने अपने पुलिस थाना क्षेत्रों में जाकर अन्य अधिकारियेां व जवानेंा को प्रशिक्षित करेंगे। ये रहे उपस्थित हरियाणा के सभी 22 जिलों के 50 पुलिस अधिकारी, संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के डा.सोमिल रस्तौगी, डा. हिना श्ेाख, प्रमोद कुमार व जमुना प्रसाद गौतम भी उपस्थित रहे। फोटेा कैप्सन 1. ग्ुारुग्राम के पुलिस ट्रेनिग सभागार में उपस्थित पुलिस अधिकारियेां को तंबाकू के दुष्परिणाम पर जानकारी देते हुए वीओटीवी के पैट्रन कैंसर रोग विशेषज्ञ डा.वेदांत काबरा। 2. गुरुग्राम के सेक्टर 56 के मार्केट में तंबाकू बेचने वालों पर कोटपा में कार्यवाही करते हुए पुलिस अधिकारी। 3. सेक्टर 40 में तंबाकू बेचने वालों पर कोटपा में कार्यवाही करते हुए पुलिस अधिकारी। 4. सेक्टर 40 में तंबाकू बेचने वालों पर कोटपा में कार्यवाही करते हुए पुलिस अधिकारी। 5. सेक्टर 31 में तंबाकू बेचने वालों पर कोटपा में कार्यवाही करते हुए पुलिस अधिकारी। राजस्थान सहित पंजाब और मध्यप्रदेश में पद्मावती फिल्म बैन 21 November 2017 इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हुई। शिवराज के ऐलान के कुछ देर बाद पंजाब की कांग्रेेस सरकार ने भी फिल्म पर बैन का ऐलान किया। - मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसी को भी इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का हक नहीं है। जो फिल्म इतिहास से छेड़छाड़ करती है उसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। -उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ किसी को स्वीकार नहीं है, और जो इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वो ठीक ही कर रहे हैं।’ - राजस्थान की भाजपा सरकार ने भी प्रदेश में फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने की बात कह दी। - इधर, सुप्रीम कोर्ट ने विवादाें में घिरी फिल्म ‘पद्मावती’ के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है। भंसाली, दीपिका का सिर काटने पर इनाम का ऐलान करने वाले सूरजपाल को बीजेपी का नोटिस - बीजेपी ने हरियाणा बीजेपी के चीफ मीडिया को-ऑर्डिनेटर कुंवर सूरजपाल अम्मू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अमु ने दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली का सिर काट कर लाने वाले को 10 करोड़ रुपए का ईनाम देने का ऐलान किया था। सूरजपाल ने पद्मावती फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी का रोल करने वाले रणवीर सिंह के पैर को तोड़ने की धमकी भी दी थी। बीजेपी के हरियाणा प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन ने कहा कि पार्टी ऐसे बयानों के खिलाफ है। गुजरात-हिमाचल के नतीजों के अगले ही दिन हो सकती है राहुल गांधी की ताजपोशी 20 November 2017 नई दिल्ली.सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग हुई। इसमें राहुल गांधी को पार्टी प्रेसिडेंट बनाने के लिए रेजोल्यूशन पास हुआ। साथ ही इलेक्शन का शेड्यूल भी जारी किया गया। इसके मुताबिक, 16 दिसंबर को वोटिंग होगी और नतीजों का एलान 19 को होगा। 18 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल के नतीजे आएंगे। इसके दूसरे दिन ही राहुल की कांग्रेस में ताजपोशी हो जाएगी। बता दें कि मीटिंग में सोनिया-राहुल समेत मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे जैसे कई सीनियर लीडर मौजूद रहे। 1 दिसंबर को जारी होगा नोटिफिकेशन - न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस प्रेसिडेंट इलेक्शन के लिए 1 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। 4 दिसंबर से नॉमिनेशन फाइल होंगे। 16 दिसंबर को वोटिंग और 19 दिसंबर को नजीतों का एलान होगा। - 1-4 दिसंबर तक नॉमिनेशन भरे जाएंगे। 5 को नॉमिनेशन की स्क्रूटिनी होगी और 3.30 बजे तक वैलिड कैंडिडेट की लिस्ट सामने आ जाएगी। 11 दिसंबर तक नाम वापस लिया जा सकेगा। - अगर एक से ज्यादा कैंडिडेट होंगे तो 16 दिसंबर को चुनाव होगा। 19 को नतीजों का एलान होगा। जानकारों का कहना है कि अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस में राहुल गांधी अकेले ही नॉमिनेशन भरने वाले हो सकते हैं। उम्मीद है कि 5 दिसंबर को अगले पार्टी अध्यक्ष का एलान हो जाए। - CWC की मीटिंग में सोनिया ने नोटबंदी, जीएसटी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। - हालांकि, शनिवार को जनार्दन द्विवेदी ने कहा था, "अगर प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए केवल एक नॉमिनेशन फाइल हुआ तो नॉमिनेशन वापस लेने की तारीख को ही प्रेसिडेंट के लिए चुने गए शख्स के नाम का एलान कर देंगे।" राहुल ने कहा था- जिम्मेदारी लेने को तैयार - सूत्रों के मुताबिक राहुल ने कहा कि कांग्रेस के हर वर्कर को गुजरात चुनाव में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्योंकि वहां पार्टी 22 साल से सत्ता से बाहर है। - 6 नवंबर को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी को प्रेसिडेंट बनाने की सिफारिश की गई थी। - राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के करीब चार साल बाद पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक सुर से उन्हें पार्टी प्रेसिडेंट बनाने की सिफारिश की थी। CWC की मीटिंग में नेताओं ने कहा कि राहुल को अब पार्टी की कमान संभालनी चाहिए। - 1998 से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की गैर-मौजूदगी में हुई इस मीटिंग की पहली बार खुद राहुल ने अध्यक्षता की। इस दौरान राहुल ने कहा, ''मैं जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, किसी के मन में संदेह हो तो प्लीज अभी बताएं...।'' क्यों राहुल का प्रेसिडेंट बनना तय माना जा रहा है? पहली वजह: CWC की पहली बार अगुवाई की थी - कांग्रेस वर्किंग कमेटी पार्टी की सबसे ताकतवर बॉडी है। राहुल ने सोनिया की गैर-मौजूदगी में पहली बार 6 नवंबर को इसकी अध्यक्षता की। बीमार होने की वजह से सोनिया मीटिंग में नहीं पहुंचीं। बताया गया कि सोनिया का जाना तय था। घर के बाहर गाड़ी भी खड़ी थी। पर दिल्ली में स्मॉग को देखते हुए उन्होंने आखिरी वक्त में फैसला टाल दिया। दूसरी वजह: CWC ने नाम की सिफारिश की - इसी मीटिंग में राहुल का CWC मेंबर्स ने पहली बार प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए समर्थन किया था। चार घंटे चली मीटिंग में पूर्व डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी ने राहुल को प्रेसिडेंट बनाने की बात सबसे पहले उठाई। एंटनी ने कहा था, ''ऐसा पहली बार हुआ है जब CWC ने उन्हें (राहुल को) प्रेसिडेंट बनाने की सिफारिश की है। उम्मीद है कि कांग्रेस प्रेसिडेंट इस बात पर उचित तरीके से ध्यान देंगीं।'' - इसके बाद बैठक में मौजूद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेताओं ने एक स्वर से राहुल से जिम्मेदारी संभालने का निवेदन कर दिया। तीसरी वजह: पार्टी ने संगठन के चुनाव टाले - न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस ने 31 दिसंबर से पहले होने वाले पार्टी संगठन के चुनाव एक साल के लिए टालने का फैसला किया है। इसके लिए चुनाव आयोग से वक्त भी मांगा गया है। जाहिर है कि पार्टी राहुल के नाम पर खुद सोनिया गांधी की मंजूरी चाहती है। BS-6 पेट्रोल-डीजल गाड़ियों से 80% पॉल्यूशन कम करेगा, इससे होंगे 5 फायदे 16 November 2017 नई दिल्ली.पेट्रोलियम मंत्रालय ने दिल्ली में पेट्रोल-डीजल से होने वाले पॉल्यूशन को कम करने के लिए फैसला लिया है। इसके तहत बीएस-6 फ्यूल की बिक्री अप्रैल 2018 से शुरू की जाएगी। दावा है कि बीएस-6 फ्यूल से गाड़ियों से होने वाला पॉल्यूशन 80% तक कम हो जाएगा। इससे पहले बीएस-6 को 2020 में लाने का फैसला लिया गया था। मंत्रालय ने ये भी कहा, दिल्ली में बीते एक-दो सालों में बढ़ी स्मॉग और पॉल्यूशन की समस्या से निपटने के लिए ये फैसला लिया गया है। बीएस-6 फ्यूल से फायदे 1. फ्यूल जलने से निकलने वाले हाइड्रोकॉर्बन से सिर दर्द की शिकायत होती है। बीएस-6 ईंधन इसके असर को 30% कम कर देगा। 2. बीएस-6, 70% कार्बन मोनो ऑक्साइड को कम कर देगा। इस गैस से ही सरदर्द और उल्टी की शिकायत होती है। 3. 50% असर कम हो जाएगा बीएस-6 फ्यूल से पार्टिकुलेट मैटर का। इससे फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। 4. नए नॉर्म्स में बीएस-6 को सबसे प्योर फ्यूल माना गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वाहनों में इसके इस्तेमाल से पॉल्यूशन में कमी आएगी। 5. नाइट्रोजन से खांसी होती है, आंखों पर असर होता है। बीएस-6 ईंधन के इस्तेमाल से यह असर 70% तक कम हो जाएगा। भारत स्टेज (बीएस)-6 वो सब कुछ जो आप जानना चाहते है - व्हीकल्स में फ्यूल से होने वाले पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए एक स्टैंडर्ड तय किया जाता है। इसे एमिशन नॉर्म्स कहते हैं। - बीएस का मतलब है-भारत स्टेज (जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी में बदलाव आता है एक्सपेरिमेंट्स के जरिए पॉल्यूशन कम करने के तरीके तलाशे जाते हैं, जिसके साथ इमिशन नॉर्म्स भी बदलते हैं) - 1 अप्रैल 2017 से भारत में बीएस-4 नॉर्म्स लागू किए गए। इसके बाद देश में बीएस-5 को छोड़कर सीधे बीएस-6 स्टैंडर्ड लागू होने हैं। - केंद्र सरकार ने इसके लिए 2020 की समय सीमा तय की थी, लेकिन दिल्ली में अब बीएस-6 स्टैंडर्ड का फ्यूल 2 साल पहले ही मिलने लगेगा। - इन नॉर्म्स के तहत व्हीकल्स तैयार करना हर कंपनी के लिए जरूरी होता है, ताकि इससे एयर पॉल्यूशन कम किया जा सके। नए स्टैंडर्ड के तहत फ्यूल भी बदला जाता है। दिल्ली में अभी केवल फ्यूल नए नॉॅर्म्स के हिसाब सेमिलेगा, गाड़ियों पर यह नॉर्म्स अभी लागू नहीं होंगे। - कंपनियों से 1 अप्रैल 2019 तक एनसीआर के अन्य शहरों में भी बीएस-6 ग्रेड के फ्यूल को बेचने की संभावनाएं तलाशने के लिए कहा गया है। इससे दिल्ली और आसपास के शहरों में पॉल्यूशन की समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी। Q&A में जानें- गाड़ियों से निकलने वाले कार्बन की मात्रा घटेगी एक्सपर्ट्स: आशीष जैन, डायरेक्टर इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन और उस्मान नसीम, सी. रिसर्च असोसिएट, सीएसई Q. बीएस-4 गाड़ियों में बीएस-6 फ्यूल का इस्तेमाल करने पर यह कितना असरकारी होगा? A. बीएस-4 नॉर्म्स की गाड़ियों में बीएस-6 नॉर्म्स का पेट्रोल-डीजल जाएगा, तो हवा में वाहनों से निकलने वाली टॉक्सिक गैसें कम निकलेंगी। Q. गाड़ियों में बीएस-6 नॉर्म्स का क्या होगा? A. कई विदेशी कंपनियों न बीएस-6 नार्म्स की गाड़ियों की मैन्यूफैक्चरिंग भी शुरू कर दी है, पर ऑटो इंडस्ट्री स जुड़े स्पेशलिस्ट के मुताबिक, भारत में गाड़ियों के लिए 2020 में यह नॉर्म्स लागू होना है। इंडस्ट्री इसी लिहाज से काम कर रही है। अब दिल्ली में नए नॉर्म्स के हिसाब से अभी गाड़ी उतारना संभव नहीं है। Q. पॉल्यूशन घटाने में कैसे मददगार है? A. पीएम 2.5 की वैल्यू 400 एमजीसीएम जाती है तो उसमें 120 एमजीसीएम से ज्यादा का कॉन्ट्रिब्यूशन वाहनों से होने वाले पॉल्यूटेड पार्टिकल्स से होता है। बीएस-6 फ्यूल के आने से पार्टिकुलेट मैटर में इनकी 20 से 40 एमजीसीएम तक ही हिस्सेदारी रहेगी। Q. नया फ्यूल कितना महंगा पड़ेगा? A.2020 की डेडलाइन के मुताबिक, ज्यादा स्वच्छ पेट्रोल-डीजल बनान के लिए ऑयल रिफाइनरियों को 28,000 करोड़ रुपए निवेश करने की जरूरत होगी। हालांकि फ्यूल महंगा होगा या नहीं, यह उस वक्त क्रूड की कीमत समेत अन्य फैक्टर्स पर निर्भर करेगा। ऑफिस में घुसकर दागी गोलियां, दिल्ली के बिल्डर की साहिबाबाद में हत्या 10 November 2017 गाजियाबाद. साहिबाबाद के शालीमार गार्डन एक्सटेंशन में बदमाशों ने गुरुवार को एक बिल्डर की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस प्राॅपर्टी विवाद का मामला बता रही है। इस घटना के बाद चौकी इंचार्ज काे निलंबित कर दिया गया। दिल्ली के विवेक विहार में रहने वाले एसपी सिंह का शालीमार गार्डन एक्सटेंशन 1 में एकता बिल्डर नाम से ऑफिस था। वह गुरुवार शाम को ऑफिस में थे, तभी 2 बाइकों पर सवार होकर चार बदमाश पहुंचे और उन पर गोलियां चला दीं। बिल्डर ने जवाब में अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली चलाई। इसके बाद बदमाश बाहर आए और दहशत फैलाने के लिए बिल्डर की फॉर्च्यूनर पर गोलियां चलाईं और फरार हो गए। पुलिस को जांच में 12 खाली कारतूस मिले हैं। दोनों ओर से 20 से 25 राउंड गोलियां चली हैं। 10 दिन पहले ऑफिस गार्ड की बंदूक छीनकर की थी फायरिंग बिल्डर पर पहले भी दो बार फायरिंग हो चुकी है। 10 दिन पहले ऑफिस में तैनात गार्ड की बंदूक छीनकर बदमाशों ने फायरिंग की थी। करीब 2 महीने पहले भी उन पर हमला किया गया था। एसएसपी एचएन सिंह ने बताया कि पसौंडा में एक प्लॉट को लेकर बिल्डर का कुछ लोगों से विवाद चल रहा था। आशंका जताई जा रही है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने इसी प्लॉट की वजह से हत्या कराई है। हालांकि पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। चौकी प्रभारी निलंबित एसएसपी एचएन सिंह ने लापरवाही बरतने के आरोप में शालीमार गार्डन चौकी इंचार्ज पवेंद्र चौहान को निलंबित कर दिया है। साथ ही, साहिबाबाद थाने के पूर्व प्रभारी सुधीर त्यागी के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। प्लॉट को लेकर थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। दिल्ली में छिन रहा जीने का हक, हेलिकॉप्टर से बारिश क्यों नहीं कराते: NGT 9 November 2017 नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार, म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशंस और पड़ोसी राज्यों को फटकार लगाई। कहा- यह स्मॉग जीने का हक छीन रहा है। हेलिकॉप्टर से क्लाउड सीडिंग करके आर्टिफीशियल बारिश क्यों नहीं करवाते? अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो लोग हॉस्पिटल में नजर आएंगे। इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने अपने अगले आदेश तक यहां सभी तरह की इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल को ये तल्ख कमेंट्स इसलिए करने पड़े क्योंकि यहां पॉल्यूशन का लेवल लगातार सीवियर कैटेगरी में बना हुआ है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सुबह पंजाबी बाग में एयर क्वालिटी इंडेक्स 799 रिकॉर्ड किया गया। लोधी रोड पर पीएम-10 और पीएम 2.5 दोनों ही 500 रिकॉर्ड किए गए। यह सीवियर कैटेगरी है। स्कूलों में रविवार तक की छुट्टी कर दी गई है। क्या कहा NGT ने? - "पॉल्यूशन मामले में सारी कॉन्स्टिट्यूशनल अथॉरिटीज और उनसे जुड़ी बॉडीज बुरी तरह फेल रहीं। यह जिम्मेदारी सभी की बनती है।" - "ये सभी पार्टियों के लिए शर्मनाक है कि आप आने वाली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं। यहां तक की खुले में हो रहा - "एनजीटी ने दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों जैसे- पंजाब, हरियाणा को भी फटकार लगाई। पूछा कि ऐसे बदतर हालात में वो कितने संजीदा हैं।" - "कॉन्स्टीट्यूशन का आर्टिकल 21 और 48 के तहत सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह लोगों को साफ और सही एनवॉयर्नमेंट मुहैया कराए।" - "सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली-एनसीआर में हवा खतरनाक हो गई है। पीएम 10 का लेवल 100 तक होना चाहिए, जो कल (बुधवार) को 986 हो गया। वहीं, पीएम 2.5 का लेवल 60 होना चाहिए, हो गया 420। ये हालत पिछले हफ्ते से बने हुए हैं।" ये भी कहा - "दिल्ली सरकार ने पॉल्यूशन से निपटने के लिए क्या कदम उठाए? नियमों के खिलाफ जाने वाले कितने लोगों को चालान जारी किए गए? कितनी कंस्ट्रक्शन साइट्स बंद की गईं? हैलिकॉप्टर का इस्तेमाल करके आर्टिफीशियल बारिश क्यों नहीं कराई जाती?" - "जहां पीएम 10 का लेवल 600 माइक्रोग्राम तक पहुंचे वहां पानी का छिड़काव करें।" "अगली सुनवाई तक दिल्ली में कोई भी इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज नहीं होगी। सभी पब्लिक अथॉरिटी पॉल्यूशन पर नजर रखने के लिए एक-एक ऑफिसर तैनात करें।" - "सभी संबंधित राज्यों के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सभी पैरामीटर्स पर नजर रखें और एनजीटी को इसकी जानकारी दें।" - "10 साल पुराने डीजल व्हीकल्स और 15 साल पुराने पेट्रोल व्हीकल्स की दिल्ली में एंट्री पर बैन लगाया जाना चाहिए। दिल्ली में ट्रक से कंस्ट्रक्शन मटेरियल लाने पर भी रोक लगाएं।" - "मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी, तब सभी संबंधित अथॉरिटी और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड स्टेटस रिपोर्ट पेश करें।" HC ने 3 दिन में इमरजेंसी मीटिंग बुलाने को कहा - दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी और उसके आसपास बढ़ रहे पॉल्यूशन को लेकर इमरजेंसी मीटिंग बुलाने का निर्देश दिया है। - कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेस्ट एंड एनवॉर्नमेंट मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी को दिल्ली और एनसीआर के सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरीज के साथ 3 दिन में इमरजेंसी मीटिंग करने को कहा है। - कोर्ट ने इसके लिए क्लाउड सीडिंग (आर्टीफीशियल बारिश) पर भी विचार करने को कहा है। - हाईकोर्ट ने इस मीटिंग में पॉल्यूशन कंट्रोल करने के उपाय तलाशने को कहा है। साथ ही दिल्ली सरकार से गाड़ियों के लिए ऑड ईवन फॉर्मूला लागू करने पर विचार करने को कहा है। सरकार से फौरन सड़कों की धुलाई करने को भी कहा गया है, ताकि धूल से होने वाले पॉल्यूशन को कम किया जा सके। ऑड-ईवन पर फैसला आज या कल - सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में ऑड-ईवन सिस्टम पर फैसला आज या कल हो सकता है। - उन्होंने एक प्रोग्राम में कहा कि पॉल्यूशन के मसले पर राजनीति दूर रखकर हम सभी को सोचना चाहिए। ये हमारे बच्चों के फ्यूचर का सवाल है। - उन्होंने कहा कि दिल्ली ही नहीं पूरा उत्तर भारत गैस चैंबर बना हुआ है। - केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने पॉल्यूशन पर चर्चा के लिए पंजाब और हरियाणा के सीएम से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन अभी तक उनका जवाब नहीं आया। दिल्ली गैस चेम्बर बन गई: केजरीवाल, स्कूलों की छुट्टी करने को कहा ईवन नंबर: इसका मतलब है कि जिन गाड़ियों के आखिरी नंबर में 0, 2, 4, 6, 8 जैसे डिजिट होंगे। ऑड नंबर: इसका मतलब जिन गाड़ियों के आखिरी नंबर में 1, 3, 5, 7, 9 जैसे डिजिट होंगे। - तय दिनों पर एक दिन ऑड और एक दिन ईवन की नंबर की गाड़ियों पर ही सड़कों पर चलाने की इजाजत होगी। इमरजेंसी सर्विसेस या वीवीआईपी गाड़ियों को इससे छूट दी जाएगी। - केजरीवाल सरकार ने 2016 के जनवरी और अप्रैल महीने में 15-15 दिन के लिए ऑड-ईवन स्कीम लागू की थी। इससे सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ था। - ऑड-ईवन को तब लागू किया जा सकता है, जबकि पॉल्यूशन लेवल 48 घंटे या इससे ज्यादा वक्त के लिए इमरजेंसी लेवल को पार कर जाए। सुबह का एयर क्वालिटी इंडेक्स पंजाबी बाग: 799 द्वारका: 388 शादीपुर: 362 आनंद विहार: 515 भारत में पॉल्यूशन से हर साल 25 लाख लोगों की मौत - मेडिकल जर्नल लैंसेट के मुताबिक, भारत में हर साल 25 लाख लोगों की मौत पॉल्यूशन की वजह से होती है। - दिल्ली में करीब 44 लाख बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें आधे बच्चों को दिल की बीमारी का खतरा है। - डब्लयूएचओ के मुताबिक, भारत में पिछले 5 साल में बाहरी हवा 8 गुना खराब हुई है। - एशिया में ईरान के जबोल में पीएम-2.5 का एवरेज लेवल सबसे ज्यादा 217 है। दिल्ली में स्मॉग: 20 फ्लाइट्स पर असर; केजरी ने स्कूल बंद करने को कहा 7 November 2017 नई दिल्ली. दिल्ली में दो दिन से पॉल्यूशन का लेवल नॉर्मल से तीन गुना ज्यादा हो गया है। मंगलवार को भी राजधानी में स्मॉग देखा गया। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम हो गई। इस वजह से 20 से ज्यादा फ्लाइट्स पर असर पड़ा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसे लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को लेटर लिखा। इसमें सुबह के वक्त स्कूलों में आउटडोर एक्टिविटी पूरी तरह से बंद करने की अपील की गई है। IMA ने कहा- स्कूलों को तुरंत बंद किया जाना चाहिए। जब तक जरूरी न हो, घरों के बाहर न निकलें। बता दें कि स्मॉग धुएं और कोहरे का मिक्सचर होता है दिल्ली गैस चेम्बर बन गई: केजरीवाल, स्कूलों की छुट्टी करने को कहा - सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा- "दिल्ली गैस चेम्बर बन गई है। इस मौसम में यह हर साल होता है। हमें आसपास के राज्यों में फसलों के जलाने से रोकने के लिए बात करेंगे, ताकि इसका समाधान खोजा जा सके। पॉल्यूशन के बढ़ते लेवल को देखते हुए मैंने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से कहा है कि वे कुछ दिन स्कूल बंद रखें।" - उधर, स्मॉग से निबटने के लिए एन्वायरन्मेंट मिनिस्ट्री ने इस मसले पर एक मीटिंग बुलाई है। सरकारों ने पहले ही जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए: NGT. - नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन लेवल को लेकर दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई। एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार पूछा कि एयर क्वालिटी खराब होने से रोकने के लिए तीनों राज्यों की सरकारों ने पहले ही जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए ? - बेंच ने कहा, ''हवा का स्तर बहुत खराब होता जा रहा है, इससे बच्चे सांस नहीं ले पा रहे हैं। हमारे ऑर्डर के मुताबिक, हेलिकॉप्टर से पानी का छिड़काव क्यों नहीं किया गया? कल तक जरूरी डायरेक्शन को लेकर सरकारें रिपोर्ट दाखिल करें। सीआईएसएफ ने जवानों के लिए 9000 मास्क दिए. - दिल्ली में पॉल्यूशन के बढ़ते लेवल को देखते हुए सीआईएसएफ ने आईजीआई एयरपोर्ट, दिल्ली मेट्रो, मंत्रालयों और दूसरे संस्थानों में तैनात अपने जवानों के लिए 9000 मास्क जारी करने के आदेश दिए हैं। सीआईएसएफ के डायरेक्टर जनरल (डीजी) ओपी सिंह ने कहा- "2000 प्रोटेक्टिव फेस मास्क जारी कर दिए गए हैं। वहीं, शेष 7000 मास्क को कुछ घंटों में भेज दिए जाएंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा- दौड़ना तो दूर लोग बाहर पैदल तक न चलें. - इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रेसिडेंट डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक, "हमने दिल्ली के लिए हेल्थ इमरजेंसी डिक्लेयर की है। पॉल्यूशन का लेवल कम नहीं आ जाता, लोगों को दौड़ना तो दूर वॉक भी नहीं करना चाहिए। इससे हार्ट डिसीज और अचानक मौत का खतरा हो सकता है। स्कूलों को तुरंत बंद करना चाहिए। बच्चों को नुकसान हो सकता है। जरूरी न हो तो लोग घरों से बाहर न निकलें।" - सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CBCB) ने एयर क्वालिटी को सीवियर (खतरनाक) करार दिया है। इससे पहले 20 अक्टूबर (दिवाली के दूसरे दिन) को भी दिल्ली में एयर क्वालिटी को सीवियर घोषित किया गया था। - दिल्ली के 14 एयर मॉनिटरिंग स्टेशन पर एयर क्वालिटी बहुत खराब है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 है, जबकि 100 को नॉर्मल माना जाता है। स्मॉग का कैसे पड़ता है बच्चों पर असर. - डॉ. केके अग्रवाल ने लिखा- "बच्चे जब शारीरिक परिश्रम करते हैं, तो उन्हें ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसे में, सांस के साथ पॉल्यूशन की बड़ी मात्रा बच्चों के शरीर में जाती है। यह बच्चों के फेफड़ों में ग्रोथ का वक्त होता है, पर पॉल्यूशन से फेफड़ों के विकास पर असर पड़ता है और भविष्य में उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।" - "रेडियो, टेलीविजन के अलावा सोशल मीडिया से भी प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए कि मॉर्निंग वॉक से बचें। स्मॉग की वजह से तब एक सामान्य आदमी को भी सांस लेने में दिक्कत होगी। इसलिए हृदय और अस्थमा के मरीजों के अलावा बुजुर्ग और बच्चों को कम से कम घर से बाहर निकलना चाहिए।" नाइट्रोजन ऑक्साइड का लेवल साढ़े सात गुना बढ़ा. - दिल्ली में सर्दियां शुरू होने के बाद इस सीजन में पहली बार नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे बेहद खतरनाक पॉल्यूशन पार्टिकल्स का लेवल साढ़े सात गुना तक बढ़ गया है। रविवार रात डेढ़ बजे नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर 600 एमजीसीएम तक पहुंच गया। इसका नॉर्मल लेवल 80 एमजीसीएम होता है। वहीं, सोमवार को आनंद विहार और आरकेपुरम में इसका लेवल 120 से ज्यादा दर्ज हुआ। आरकेपुरम में शाम छह बजे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का लेवल 170 एमजीसीएम दर्ज हुआ। - 20 में से 12 पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशनों में पीएम 2.5 का स्तर 150 से ज्यादा दर्ज हो रहा है। गाड़ियों केपॉल्यूशनपार्टिकलहोते हैं नाइट्रोजन ऑक्साइड. - एक्सपर्ट्स का कहना है कि नाइट्रोजन ऑक्साइड गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषित कण होते हैं। इनका स्तर सुबह, शाम और रात में ज्यादा हो रहा है। इस वजह से तापमान कम होना शुरू हो गया है, जिससे ये ऊपर न उठकर पृथ्वी के करीब ही रह जाते हैं। - सोमवार को शहर के 17 पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशनों में पीएम 2.5 और पीएम 10 की एयर क्वालिटी इंडेक्स में 24 घंटे की वैल्यू 354 दर्ज हुई। यह और बढ़ने की आशंका है। आंखों में जलन बच्चों के लिए खतरनाक. - इंडियन एसोसिएशन फॉर एयर पॉल्यूशन कंट्रोल के जनरल सेक्रेटरी श्याम कृष्ण गुप्ता का कहना है कि गाड़ियों के प्रदूषण से पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में 50% तक बढ़ोत्तरी हो रही है। नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर ज्यादा दर्ज हो रहा है। इससे आंखों में जलन होने लगती हैं। यह फेफड़ों की कोशिकाओं पर भी असर डालता है। इससे दिल की धमनियों पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी में कम से कम हिस्सा लेना चाहिए। धुंध और धूल के पार्टिकल्स बढ़ा रहे हैं पॉल्यूशन लेवल. - 12 पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशनों में पीएम 2.5 का स्तर 150 से ज्यादा दर्ज हो रहा है। स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि पहले 12 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा तेज हवा चल रही थी। सोमवार से यह 3 किमी रही। इससे दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम-10 जैसे प्रदूषित कणों के साथ गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषित कणों में भी इजाफा हो रहा है। सुबह के वक्त धुंध के साथ धूल के कण मिलकर पॉल्यूशन को बढ़ा रहे हैं। आसान तकनीक से भारत में बनते हैं अचार-मुरब्बे, पापड़: वर्ल्ड फूड इंडिया में मोदी 3 November 2017 नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 का इनॉगरेशन किया। इसमें मोदी ने कहा- "भारत की ताकत उसका एग्रीकल्चर है। इसमें विविधता भी है। हमारे यहां कई तरह की फसलें होती हैं। भारत में गेहूं, चावल, केला, पपीता और कई सब्जियां पैदा होती हैं। फूड प्रॉसेसिंग भारत में जीवन जीने का तरीका है। साधारण घरेलू तकनीक से हमारे यहां अचार-मुरब्बे, पापड़ और चटनियां बनाई जाती हैं।" इसमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समेत बड़ी फूड कंपनियों के चीफ हिस्सा ले रहे हैं। इसका आयोजन फूड प्रॉसेसिंग मिनिस्ट्री की ओर से किया गया है। तीन दिन चलने वाले इस मेले का मकसद फूड इकोनॉमी में बदलाव लाना और भारत को ग्लोबल फूड प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री का सोर्सिंग हब बनाकर किसानों की इनकम को दोगुना करना है। इस मेले में 800 किलो खिचड़ी पकाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की कोशिश भी की जाएगी। और क्या कहा मोदी ने... - नरेंद्र मोदी ने कहा- "भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है। जीएसटी ने विकास के नए रास्ते खोले हैं और कई टैक्सों को खत्म किया है। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ी है। अब कॉन्टैक्ट फार्मिंग भी हो रही है।" - "वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने इस साल 30 पायदान की छलांग लगाई है।" संजीव कपूर बनाएंगे खिचड़ी. इवेंट के अगले दिन 4 नवंबर को संजीव कपूर सात फीट चौड़ी और एक हजार लीटर कैपिसिटी वाली कड़ाही में यह खिचड़ी बनाएंगे। यह खिचड़ी अनाथ और गरीब बच्चों को बांटी जाएगी।. यह भारत की खिचड़ी को इंटरनेशनल लेवल पर मशहूर करने की कोशिश है। पहले सोशल मीडिया पर खबरें थीं कि इस आयोजन में खिचड़ी को नेशनल फूड भी डिक्लेयर किया जाएगा। मंत्री को देनी पड़ी सफाई. खिचड़ी को नेशनल फूड डिक्लेयर किए जाने की खबरें आने के बाद फूड प्रॉसेसिंग मिनिस्टर हरसिमरत कौर को सफाई देनी पड़ी थी। उन्होंने ट्वीट किया- नेशनल फूड पर खूब खिचड़ी पकी, यह सब वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने की कोशिश है। उमर अब्दुल्ला ने भी जताई थी हैरानी. खिचड़ी को नेशनल फूड डिक्लेयर किए जाने की खबर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने हैरानी जताई थी। उन्होंने ट्वीट किया, "तो क्या जब भी हम किसी को खिचड़ी खाते हुए देखें, हमें हर बार खड़ा होना पड़ेगा? क्या फिल्म देखने से पहले इसे खाना जरूरी है?" 65 हजार करोड़ का मेगा इवेंट है वर्ल्ड फूड इंडिया. इस इवेंट पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्र का दावा है कि इस इन्वेस्टमेंट से 10 लाख रोजगार पैदा होंगे। देश के 28 राज्य इस इवेंट के पार्टनर बनने वाले हैं। 50 ग्लोबल कंपनियों के सीईओ इवेंट में शिरकत करेंगे। नेशनल डिश नहीं बनेगी खिचड़ी, यह सिर्फ रिकॉर्ड के लिए: मंत्री की सफाई 2 November 2017 नई दिल्ली. खिचड़ी नेशनल फूड नहीं बनेगी, बल्कि यह कोशिश वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने के लिए की जा रही है। मोदी सरकार में फूड प्रॉसेसिंग मिनिस्टर हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट करके यह सफाई दी है। दिल्ली में 3 से 5 नवंबर तक वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन होना है। इसमें 800 किलो खिचड़ी बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी कोशिश होगी। बता दें कि पहले खबर थी कि खिचड़ी को देश के नेशनल फूड का दर्जा मिलने वाला है। फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री ने केंद्र सरकार को इसके लिए प्रपोजल भेजा है। मिनिस्ट्री ने खिचड़ी के पक्ष में 3 तर्क भी दिए थे, जिनसे केंद्र सहमत है। - खबरों में कहा गया था कि इंडियन कुजीन का दर्जा खिचड़ी को ‘गुड फूड’ मानकर दिया जा रहा है। 800 किलो खिचड़ी बनाने के लिए 1000 लीटर क्षमता और 7 फीट व्यास वाला बर्तन चूल्हे पर चढ़ेगा। पूरी खिचड़ी अनाथ बच्चों में बांटी जाएगी।. - इस पर हरसिमरत कौर बादल ने अपने ट्वीट में लिखा, "काल्पनिक नेशनल फूड पर खूब खिचड़ी पक चुकी, यह सिर्फ रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए है।" कपूर इस इवेंट के ब्रांड एम्बेस्डर होंगे। - ऑफिशियली किसी भी डिश (व्यंजन) को नेशनल फूड घोषित करने का प्रोविजन अब तक किसी देश में नहीं है। हर देश में वहां के लोगों की पसंद के हिसाब से ही किसी डिश को नेशनल कुजीन मान लिया जाता है। इससे उस डिश की पहचान और अहमियत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। खिचड़ी के साथ भी ऐसा ही है। पॉपुलर डिश को ही नेशनल कुजीन का दर्जा - न्यूयॉर्क की हॉफस्ट्रा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिल्किया जेनर ने फूड कल्चर पर अपनी एक स्टडी में कहा भी था, "किसी भी देश के लिए एक डिश को ऑफिशियल फूड बना देना मुश्किल ही होगा। खासकर भारत जैसे विविधता वाले देश के लिए तो ये संभव ही नहीं है।" बाकी देशों में भी पॉपुलर डिश को ही नेशनल कुजीन मान लिया गया है। 65 हजार करोड़ का मेगा इवेंट है वर्ल्ड फूड इंडिया. - भारत की फूड इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और इस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट लाने के लिए वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन किया जा रहा है। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। - केंद्र का दावा है कि इस इन्वेस्टमेंट से 10 लाख रोजगार पैदा होंगे। देश के 28 राज्य इस इवेंट के पार्टनर बनने वाले हैं। 50 ग्लोबल कंपनियों के सीईओ इवेंट में शिरकत करेंगे। रन फॉर यूनिटी: नई पीढ़ी को सरदार पटेल से परिचित नहीं कराया गया- मोदी 31 October 2017 नई दिल्ली. देश में नई पीढ़ी को सरदार वल्लभभाई पटेल से परिचित नहीं कराया गया। नरेंद्र मोदी ने यह बात सरदार पटेल की 142वीं जयंती पर यहां हुई डेढ़ किलोमीटर की रन फॉर यूनिटी दौड़ को रवाना करने से पहले कही। उन्होंने यहां मौजूद 15 हजार से ज्यादा लोगों को एकता की शपथ भी दिलाई। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी पहुंचे। बता दें कि सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। सरदार साहब ने देश को एक सूत्र में बांध दिया. इस मौके पर मोदी ने कहा, "आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती है, इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है। जिस महापुरुष ने देश के लिए जीवन खपा दिया। आजादी के बाद अपने कौशल-दृढ़शक्ति के द्वारा देश को न केवल संकटों से बचाया बल्कि सैकड़ों राजे-रजवाड़ों को भारत में मिलाया। ये सरदार साहब की दूरदृष्टि थी कि अंग्रेजों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया और देश को एक सूत्र में बांध दिया।" "देश की नई पीढ़ी को उनसे परिचित ही नहीं करवाया गया। इतिहास के झरोखे से सरदार साहब के नाम को मिटाने का प्रयास हुआ या उनके नाम को छोटा करने का प्रयास हुआ। कोई राजनीतिक दल उनके माहात्म्य को स्वीकार करे या न करे, लेकिन हमारी पीढ़ी उन्हें इतिहास से ओझल होने देने के लिए तैयार नहीं है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी जताई भी पटेल को भुला देने की पीड़ा.. मोदी ने कहा, "जब देश ने हमें काम करने के मौका दिया तो उनके काम पीढ़ियों तक जाने जाएं, हमने रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया। एक बार देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था- आज सोचने और बोलने के लिए हमें भारत नाम का देश उपलब्ध है, यह सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टेट्समैनशिप और प्रशासन पर जबर्दस्त पकड़ के कारण हो पाया। ऐसा होने के बावजूद हम सरदार साहब को भूल बैठे हैं। राजेन्द्र बाबू ने सरदार वल्लभभाई पटेल के भुला देने की पीड़ा व्यक्त की थी। आज राजेन्द्र बाबू की आत्मा जहां कहीं भी होगी, वो खुश हो रही होगी।" एकता हमारी ताकत है.. मोदी ने कहा, "भारत विविधताओं को देश है। जब तक विविधता से खुद को जोड़ेंगे नहीं तो राष्ट्र निर्माण में उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। भारत दुनिया के आचार-विचार को अपने में समेटे हुए है।" "आज दुनिया में एक परंपरा में पले-बढ़े लोग एक-दूसरे को जिंदा देखने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे वक्त में हिंदुस्तान गर्व से कह सकता है कि ये हमारी ताकत है। जैसे हम हर साल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का पर्व मनाते हैं, उसी तरह एकता के मंत्र को याद रखना जरूरी है।" "हमारा देश एक रहे, सरदार साहब ने देश को जो एक किया, सवा सौ करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है कि वो बनी रही। सरदार साहब की जयंती के 150 साल पर हम उन्हें क्या देंगे, इसका संकल्प लेना है।" "2022 में आजादी के 75 साल हो रहे हैं, ऐसे में हर हिंदुस्तानी को संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहिए। ऐसा संकल्प जो देश की गरिमा को ऊपर ले जाना हो। ये समय की मांग है। मैं आपको राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ के लिए आमंत्रित करता हूं।" मोदी ने क्या शपथ दिलाई?.. मोदी ने शपथ दिलाई, "मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आतंरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आत्मनिष्ठा से शपथ लेता हूं। भारत माता की जय।" ये प्लेयर्स भी पहुंचे. क्रिकेटर सुरेश रैना, हॉकी प्लेयर सरदारा सिंह, वेट लिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी, जिमनास्ट दीपा करमाकर भी पहुंचे। कांग्रेस का आरोपों से इनकार.. दिल्ली की पूर्व सीएम और कांग्रेस लीडर शीला दीक्षित ने मोदी के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है। यह गलत है। हमने सरदार पटेल के योगदान को कभी नजरअंदाज नहीं किया।" लौह पुरुष क्यों कहलाए सरदार पटेल?... भारत के स्वतंत्रता सेनानी रहे वल्लभभाई पटेल, आजादी के बाद देश के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल ने भारत की करीब 562 रियासतों को एक कर दिया था और इसी की वजह से बाद में भारत एकजुट राष्ट्र बना। भारत की रियासतों को एक राष्ट्र में मिलाने की वजह से ही सरदार पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाने लगा। सरदार पटेल ने कैसे मिलाया रियासतों को? देश की रियासतों को एक साथ मिलाने के लिए पटेल ने जो तरकीब अपनाई थी वो दिलचस्प है। इसके लिए 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग बनाया गया। इसके बाद उनका काम शुरू हुआ। हर रियासत के राजा के पास पटेल ने उनकी परेशानियां सुनीं और उनका हल निकाला। इस तरह उन्होंने सारी रियासतों को एक कर दिया। 1947 तक आते-आते सिर्फ तीन ही रियासतें बचीं जो भारत में नहीं मिल पाईं। इनमें कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद थीं। हालांकि, इनमें से जूनागढ़ को 9 नवंबर 1947 को भारत में मिला लिया गया था लेकिन जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया। इसके बाद हैदराबाद को भी भारत में मिला लिया गया। दिलचस्प तो यह है कि इन सारी रियासतों को एकजुट करने के दौरान ना तो किसी तरह का खून-खराबा हुआ और ना ही किसी तरह का बल प्रयोग करना पड़ा। जबकि कश्मीर रियासत पंडित नेहरू ने अपने अधिकार में ली हुई थी। 562 रियासतों को एक करना नामुमकिन सी बात थी, लेकिन पटेल ने वो कर दिखाया और इसकी तारीफ महात्मा गांधी ने भी की थी। पटेल गृहमंत्री के रूप में पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (ICS) का भारतीयकरण किया और उन्हें IAS बनाया। गुजरात चुनाव: मोदी करेंगे 30 सभाएं, कांग्रेस मनमोहन को उतारेगी मैदान में 28 October 2017 गांधीनगर/अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में करीब एक महीने में 30 से ज्यादा चुनावी सभाएं करेंगे। इसके अलावा रोड में भी शामिल होंगे, लेकिन ये कितने होंगे अभी इसकी बारे में तय नहीं किया गया है। उधर, पाटीदार-ओबीसी-दलित समीकरण बनाने में जुटी कांग्रेस जीएसटी पर कारोबारियों की नाराजगी को भुनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी मैदान में उतारेगी। सोनिया गांधी की भी कुछ सभाएं हो सकती हैं नरेन्द्र मोदी की करीब 16 के करीब सभाएं करने की प्लानिंग थी पर अब इसे बढ़ाकर 30 से ज्यादा कर दिया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगर पार्टी को जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाया जा सकता है। मोदी पहले फेज के लिए नॉमिनेशन से ठीक पहले सभाओं का दौर शुरू करेंगे। वह इस साल अब तक राज्य के नौ दौरे कर चुके हैं। हाल में गुजरात दौरे पर खासी भीड़ जुटाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी फिर से कई सभाएं राज्य में होंगी। पहले फेज में 89 और दूसरे में 93 सीटों पर होगा चुनाव... - राज्य में दिसंबर में दो फेज में चुनाव होने वाले हैं। पहले फेज में 9 दिसंबर को सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात के कुल 19 जिलों की 89 सीटों पर तथा दूसरे फेज में 14 दिसंबर को उत्तर और मध्य गुजरात के बाकी 14 जिलों की 93 सीटों पर चुनाव होगा। काउंटिंग 18 दिसंबर को होगी। लगातार सातवें दिन भी अमित शाह ने जारी रखा चुनावी बैठकों का दौर.. - बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने लगातार छह दिनों तक पार्टी की गुजरात प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी कैंडिडेट्स के नाम पर मंथन के बाद शुक्रवार को सातवें दिन भी इसी सिलसिले में एक और हाई लेवल मीटिंग की। - शाह ने गुजरात बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय श्रीकमलम् में पार्टी की प्रदेश कोर कमेटी के सदस्यों और दूसरे नेताओं के साथ एक बैठक में शिरकत की और चुनावी रणनीति और कैंडिडेट्स की लिस्ट से जुड़े पैनल पर चर्चा की। - पार्टी के एक नेता ने बताया कि मीटिंग में मौजूदा पॉलिटिकल सेनेरियो और विपक्षी कांग्रेस की ओर से जातीय समीकरण बनाने की कोशिश और लामबंदी के साथ जीएसटी के मुद्दे पर सरकार को घेरने आदि को लेकर चर्चा हुई। -उन्होंने बताया कि अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सलाह मशविरे के बाद पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड कैंडिडेट्स की सूची जारी करेगा। - शाह ने अहमदाबाद में 21 से 26 अक्टूबर तक प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में भी सभी छह दिन हिस्सा लिया था और इसमें क्षेत्रवार उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई थी। शुक्रवार की मीटिंग भी इसी को लेकर हुई थी। वाघेला की पार्टी ने कहा- मुख्यमंत्री के चेहरे बताएं बीजेपी-कांग्रेस.... - पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला की अगुवाई वाले जन विकल्प मोर्चा ने सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से अपने-अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों के चेहरे जनता के सामने रखने की मांग की है। - मोर्चा के प्रवक्ता पार्थेश पटेल ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहारे तो कांग्रेस राहुल गांधी को आगे कर चुनाव में उतरी है। 1996-97 में राष्ट्रीय जनता पार्टी सरकार के मुखिया शंकरसिंह वाघेला गैर भाजपा, गैर कांग्रेस तीसरे विकल्प के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे जन विकल्प मोर्चे के अगुवा हैं। दिल्ली में फिर लागू हो सकती है ऑड-ईवन स्कीम, केजरी सरकार का अफसरों को लेटर 26 October 2017 नई दिल्ली.राजधानी में बढ़ते पॉल्यूशन लेवल को देखते हुए फिर से ऑड-ईवन स्कीम शुरू हो सकती है। केजरीवाल सरकार ने इसके लिए दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अफसरों को लेटर लिखा है। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने गुरुवार को कहा कि राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए सरकार ऑड-ईवन के लिए पहल कर रही है। बता दें कि पिछले साल जनवरी और अप्रैल में 15-15 दिन के लिए ये स्कीम लागू की जा चुकी है। खराब पब्लिक ट्रांसपोर्ट बड़ी चुनौती..... - गहलोत ने डीटीसी और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अफसरों को लिखे लेटर में कहा कि बढ़ते पॉल्यूशन लेवल को देखते हुए आम आदमी पार्टी सरकार कुछ आपातकालीन फैसले ले रही है। ऑड-ईवन भी इसमें शामिल है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली जाएं, ताकि इसे जल्द शुरू किया जा सके। - गहलोत ने कहा कि ऑड-ईवन स्कीम लागू करने के लिए दिल्ली में डीटीसी की बसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। मेट्रो को छोड़ दिया जाए तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट की खराब हालत इसे लागू करने में बड़ी चुनौती है। - बता दें कि राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर फिलहाल डीटीसी की करीब 4000 और क्लस्टर स्कीम के तहत 1600 बसें चलाई जा रही हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली के सभी इलाकों को कवर करने के लिए करीब 11 हजार बसों की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?... - कोर्ट ने पिछले हफ्ते पॉल्यूशन की परेशानी को लेकर एन्वायरन्मेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (EPCA) को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू करने का जिम्मा सौंपा था। - इस दौरान कोर्ट ने कहा था, ''सड़कों पर गाड़ियों का दबाव कम करने के लिए ऑड-ईवन लागू करने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो स्कूलों को भी बंद रखा जाए।'' - बता दें कि ईपीसीए ने पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए कार्रवाई करते हुए पहले ही बदरपुर थर्मल पावर प्लान्ट, ईंट-भट्टों और जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा चुकी है। क्या है ऑड-ईवन स्कीम?.. - बता दें कि केजरीवाल सरकार ने 2016 के जनवरी और अप्रैल महीने में 15-15 दिन के लिए ऑड-ईवन स्कीम लागू की थी। इस दौरान एक दिन ऑड नंबर की गाड़ियां और दूसरे दिन ईवन नंबर की गाड़ियां चलाने की इजाजत थी। इससे सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ था। - ऑड-ईवन को तब लागू किया जा सकता है, जबकि पॉल्यूशन लेवल 48 घंटे या इससे ज्यादा वक्त के लिए इमरजेंसी लेवल को पार कर जाए। दिवाली की रात दो ज्वैलर्स के कारखानों में 12 Cr की चोरी, नेपाल भागे 5 चोर 23 October 2017 नई दिल्ली.सेंट्रल दिल्ली के करोलबाग इलाके में चोरों ने दो ज्वैलरी कारखानों से करीब 12 करोड़ का माल चोरी कर लिया। चोरों ने दिवाली की रात तिजोरियां काटने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया। सीसीटीवी जांच से सुराग मिला है कि वारदात में 5 नेपाली किरायेदारों का हाथ है, जो देश छोड़कर भाग चुके हैं। तीसरे और चौथे फ्लोर पर हुई चोरी... - पुलिस ने सोमवार को बताया कि जांच टीम को कुछ सीसीटीवी फुटेज मिली हैं, जिनमें चोर नजर आ रहे हैं। बदमाशों ने दिवाली की रात चोरी की घटना को अंजाम दिया। जब दिल्ली समेत पूरा देश दीपोत्सव मान रहा था। अगली सुबह मालिकों के कारखाने पहुंचने पर वारदात का खुलासा हुआ। - चोरों ने तीसरे फ्लोर के कारखाने से 6.80 करोड़ और चौथे फ्लोर पर चिराग वर्मा के कारखाने से 5.20 करोड़ की ज्वैलरी चुराई। वारदात के बाद नेपाल भागे चोर... - पुलिस को शक है कि बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाला नेपाली मूल के 5 किरायेदार चोरी में शामिल थे। मोबाइल लोकेशन से खुलासा हुआ है कि वारदात के बाद सभी नेपाल भाग गए। - हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि चोरी का सामान वे अपने साथ ले गए या दिल्ली में ही कहीं ठिकाने लगा दिया। पुलिस की कई टीमें उनकी तलाश में लगी है। आयुर्वेद में 100% भरोसा जरूरी, इसका बोर्ड लगाकर अंग्रेजी इलाज करते हैं: मोदी 17 October 2017 नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने दूसरे आयुर्वेद दिवस के मौके पर मंगलवार को दिल्ली में देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) का इनॉगरेशन किया। राजधानी के सरिता विहार इलाके में इसे ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) की तर्ज पर बनाया गया है। इस मौके पर पीएम ने आयुर्वेद की पढ़ाई करने वालों से ही पूछा कि उन्हें क्या इसमें 100% भरोसा है। मोदी ने आगे कहा कि लोग हॉस्पिटल की शुरुआत आयुर्वेद का बोर्ड लगाकर करते हैं, फिर अंदर अंग्रेजी इलाज होने लगता है। . हर जिले में हो गए अायुर्वेदिक हॉस्पिटल....... - इस मौके पर मोदी ने कहा, "साथियों, आयुर्वेद को बढ़ाने के लिए देश के हर जिले में अच्छी सुविधाओं से लैस एक आयुर्वेदिक अस्पताल जरूर होगा। आयुष मंत्रालय ने इसकी शुरुआत कर दी है। अब तक ऐसे 65 अस्पताल बन चुके हैं।" - "मेरी आप सबको शुभकामनाएं हैं कि वेलनेस का ऐसा माहौल बने कि आपको यहां तक आने की नौबत ना आए। आज इस इंस्टीट्यूट से आयुर्वेद को नई ऊर्जा मिल रही है। यह संस्थान रिसर्च और हेल्थ प्रैक्टिस का केंद्र बनेगा।" आयुर्वेद पढ़ते हैं तो उसमें भरोसा भी रखें.... - मोदी ने कहा, "मुझे बताएं कि आज जो स्टूडेंट्स आयुर्वेद पढ़कर निकलते हैं। कितनों की 100% श्रद्धा आयुर्वेद में है। जब कोई मरीज आता है तो कहता है यार जल्दी ठीक हो जाऊं इसके लिए एलोपैथिक ही दे दो। बाहर बोर्ड तो आयुर्वेद का लगा होता है, लेकिन अंदर इलाज होने लगता है अंग्रेजी।" - "एक कहानी है कि एक बार किसी ने नौकर से पूछा मालिक कहां गए तो उसने कहा वो तो आगे वाले रेस्टोरेंट में खाने गए हैं। मुझे बताएं कि उसके रेस्टोरेंट में कौन खाने आएगा। यही हाल आयुर्वेद का है। जब डॉक्टर्स ही अपने इलाज के लिए एलोपैथिक डॉक्टर से सामने लाइन में खड़े रहेंगे तो कौन उनसे इलाज कराएगा।" हर कोर्स के लिए मिले अलग सर्टिफिकेट...... - मोदी ने कहा, "आयुर्वेद के अलावा फिजियोथैरिपी में भी बड़ा स्कोप है। आजकल तो खिलाड़ियों के साथ कई बड़े लोग अपने पर्सनल फिजियो रखते हैं। 4 साल तक बीएएमएस की पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को आयुर्वेद, योग, पंचकर्म समेत कई कोर्स पढ़ाए जाते हैं। मैं सोचता हूं कि उन्हें हर कोर्स के लिए अलग सर्टिफिकेट दिया जाए, ताकि वो डिग्री के साथ-साथ अपनी प्रैक्टिस शुरू कर सकें।" अायुर्वेद में डाटा और रिसर्च बहुत जरूरी...... - पीएम ने कहा, "आयुर्वेद में डाटा और रिसर्च मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। एक कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे घरों से आयुर्वेद दूर है, क्योंकि इसकी पद्धति आज के जमाने के हिसाब से नहीं है। लोग इसी से परेशान हो जाते हैं कि पहले दवाई को उबालो, फिर छानो, सुखाओ। आज इन दवाओं की पैकेजिंग की जरूरत है, ताकि एलोपैथिक की तरह ही उन्हें दवाएं तैयार मिल सकें।" हर्बल दवाओं का ग्लोबल मार्केट हो रहा तैयार.... - "दुनिया में हर्बल दवाओं का ग्लोबल मार्केट तैयार हो रहा है। भारत को भी इसमें भागीदार होना है। औषधीय खेती के लिए काम करना होगा।" - "आपने देखा होगा कि विटामिन बी12 के लिए सी-बीट की खेती होती है। अगर हम नई टेक्नोलॉजी पर काम करें तो उन मछुआरों की जिंदगी में भी रोशनी बिखेर सकते हैं। हम 2022 तक किसानों की इनकम दोगुना करना चाहते हैं कृषि और आयुष मंत्रालय इसके लिए मिलकर काम करें।" गरीबों को मिले सस्ता इलाज..... - मोदी ने कहा, "दुनिया बड़ी आशा भरी नजरों से भारत के आयुर्वेद और योग की ओर देख रही है। हम हर तरह के हेल्थ सिस्टम का सम्मान करते हैं। सभी को अपनी तरक्की का हक है। सरकार का टारगेट है कि कैसे भी हो गरीबों को सस्ता इलाज मिले। हमने मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी, इसके तहत 2.5 करोड़ बच्चों और 70 लाख महिलाओं को टीका लगाया जा चुका है।" - इन बच्ची की जिंदगी अनमोल है। पहले टीकाकरण में बढ़ोतरी 1% थी, जो तीन साल में अब 6.5% हो चुकी है। आयुर्वेद का टॉप इंस्टीट्यूट होगा...... - पहले फेज में इस इंस्टीट्यूट को 10 एकड़ में बनाया गया है। इसे तैयार करने में 157 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। इसे एक्रीडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल (NABH) से मंजूरी मिली हुई है। इस इंस्टीट्यूट में एक एकेडमिक ब्लॉक भी है। पिछले साल ही शुरू हुआ आयुर्वेद दिवस...... - देश में पहला आयुर्वेद दिवस पिछले साल मनाना गया था। धन्वंतरि जयंती के मौके पर मोदी सरकार ने इसकी शुरू की। - इसका मकसद भारत के पारंपरिक आयुर्वेदिक इलाज को बढ़ावा देना है। धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है। रूसी टूरिस्ट इंडिया में मांग रहा भीख, सुषमा के Tweet के बाद आए ऐसे कमेंट 12 October 2017 नई दिल्ली.फॉरेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज ने भारत आए एक रूसी पर्यटक की मदद के लिए ट्वीट किया। इसके बाद यूजर्स के लगातार रिएक्शन देखने को मिले। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट को देखने पर सुषमा स्वराज ने मंगलवार देर रात ट्वीट किया, ‘इवांजेलिन, आपका देश रूस हमारा परखा हुआ घनिष्ठ मित्र है। चेन्नई में हमारे अधिकारी आपकी पूरी मदद करेंगे।’ . जानें, क्या है मामला..... - 24 वर्षीय इवांजेलिन 24 सितंबर को भारत आया था और फिर कांचीपुरम पहुंचा था। यहां एटीएम पिन लॉक होने से वह पैसे नहीं निकाल सका। - निराश-हताश इवांजेलिन श्री कुमारकोट्टम स्वामी मंदिर के गेट पर भीख मांगने लगा। इसी रिपोर्ट को सुषमा ने अखबार में देखा और मदद का अाश्वासन दिया। - पुलिस ने इवांजेलिन के रिकॉर्ड्स की जांच की। उसका वीसा भी अगले महीने तक वैध है। - पुलिस ने इवांजेलिन को कुछ पैसे दिए और उसे चेन्नई में रूसी कमर्शियल एम्बेसी के ऑफिसर्स से कॉन्टैक्ट करने को सलाह दी। .. यूजर्स के आए ऐसे कमेंट.... - एक यूजर्स ने सुषमा स्वराज को आजादी के बाद का सबसे अच्छा फॉरेन मिनिस्टर बताया है। - एक यूजर्स ने तो सुषमा स्वराज को मदर इंडिया तक लिखा। - एक यूजर्स ने कहा है कि अतिथि देवो भव: हम भारतीयों का कल्चर है। हमें उनकी हेल्प करना चाहिए। मेट्रो का सफर आज से महंगा, 12 दिन तक राजनीति और मीटिंग्स बेनतीजा रहीं 10 October 2017 नई दिल्ली.दिल्ली मेट्रो रेल किराए की 10 अक्टूबर से होने वाली वृद्धि को लेकर 12 दिन दिल्ली सरकार, डीएमआरसी और केन्द्र सरकार के बीच राजनीति चली। एक दर्जन से ज्यादा निर्देश, चिट्ठी, बैठकें हुईं लेकिन पब्लिक को आज से बढ़ा हुआ किराया चुकाना पड़ेगा। न्यूनतम किराया 10 रुपए ही रहेगा लेकिन अधिकतम किराया 50 रुपए से बढ़ाकर 60 रुपए हो गया है। वहीं अब दूसरे नंबर पर 15 रुपए के स्लैब को 20 रुपए करने के अलावा बाकी स्लैब में 10 रुपए की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अड़े रहने के बाद केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के निर्देश पर डीएमआरसी बोर्ड की बैठक तो हुई लेकिन वहां सिर्फ दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की तरफ से 28 सितंबर को मुख्य सचिव को दिए गए आदेश पर चर्चा मात्र हुई। - निर्माण भवन में रात 8 बजे बुलाई गई डीएमआरसी बोर्ड की आपात बैठक में अधिनियम के सेक्शन 37 का हवाला देकर कहा गया कि किराया निर्धारण समिति की सिफारिश को डीएमआरसी मानने के लिए बाध्य है। "दिल्ली सरकार को दिन में पता था, नहीं रुकेगी किराया वृद्धि... - केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मुख्य सचिव डॉ. एमएम. कुट्टी को एक पत्र लिखकर बता दिया था कि मेट्रो किराया वृद्धि हम नहीं रोक सकते। क्योंकि मेट्राे अधिनियम का सेक्शन 37 ऐसा करने की छूट नहीं देता। - भास्कर के पास मौजूद चिट्ठी के अनुसार यहां तक कहा कि डीएमआरसी बोर्ड को इस मामले में चर्चा या बदलाव का अधिकार नहीं है। - आपको खुद पता है कि 8 मई की बैठक में भी बोर्ड के समक्ष सिर्फ आपत्ति दर्ज कराई थी। उसी दिन तय था की अक्टूबर में किराया बढ़ेगा। तो फिर अब बैठक बुलाने का कोई मतलब नहीं। इसलिए आप मेरी स्थिति को पूरी समझें और डीएमआरसी को नियम कानून के हिसाब से चलने दें। मेट्रो किराए पर घमासान... - मेट्रो की प्रस्तावित किराया वृद्धि रोकने के लिए दिल्ली विधानसभा में पेश बिल सोमवार को काफी हंगामे और शोरगुल के बीच पास कर दिया गया। हालांकि, इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद नहीं रहे। - प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर तत्काल किराया वृद्धि के प्रस्ताव को रोकने की मांग की। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार नोकझोंक भी हुई। प्रतिपक्ष के दो विधायकों मनजिंदर सिंह सिरसा और ओम प्रकाश शर्मा को मार्शल के जरिए सदन से बाहर कर दिया गया। - प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सवाल किया कि जब पिछले साल ही किराया वृद्धि की बात की गई थी तो आठ महीने तक किराया क्यों नहीं बढ़ाया गया? - कैलाश गहलोत के इस सवाल के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव होने की वजह से किराया नहीं बढ़ाया गया। - कैलाश गहलोत के जवाब के दौरान नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कई बार खड़े होकर परिवहन मंत्री के बयानों को गलत बताया, जिससे दोनों नेताओं में तीखी बहस हुई। - 4 अक्टूबर को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष को कहा था, ‘यदि मर्द के बच्चे हो तो पीठ पीछे राजनीति मत करो, सामने से करो।’ - इस बयान पर सोमवार को भाजपा विधायकों ने सत्र शुरू होते ही मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग की। लेकिन विस अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि यदि विपक्ष को इस शब्द से एतराज था तो उसे उसी दिन हमें लिखित में संज्ञान में लाना चाहिए था या इस शब्द को सदन से निकलवाने की मांग "छात्रों ने मेट्रो रोक किया विरोध... - मेट्रो किराया वृद्धि के विरोध में सोमवार सुबह विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर छात्रों ने जमकर विरोध किया। एनएसयूआई के तीन छात्र नेता बाकायदा मेट्रो स्टेशन की लाइन पर ही लेट गए। - इससे सुबह 11 बजे से 11.32 बजे तक मेट्रो परिचालन बाधित रहा। सीआईएसएफ कर्मियों ने उनको बाहर निकाला। - उनकी मांग है कि मेट्रो किराए की वृद्धि को रोका जाए, साथ ही छात्रों को स्पेशल रियायती पास दिए जाएं। " स्टूडेंट्स को मेट्रो में रियायती पास देने पर कर सकते हैं चर्चा : सेंट्रल मिनिस्टर.... -मेट्रो किराया वृद्धि को लेकर सभी जानना चाहते थे कि आखिर केंद्र इस पर क्या रुख अपनाएगा। किराया बढ़ाने को लेकर भी कहीं राजनीति का खेल तो नहीं शुरू हो गया। - इस पर पूर्व राजदूत तथा आईएफएस अधिकारी और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से भास्कर ने दिल्ली में आयोजित दो कार्यक्रमों के दौरान सवाल जवाब किए। जज नियुक्ति, प्रमोशन से जुड़ी सिफारिशें सार्वजनिक, इतिहास में पहली बार 7 October 2017 नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने न्यायिक इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति, ट्रांसफर और पदोन्नति को लेकर केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली सिफारिशें सार्वजनिक करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सीनियर जजों की कॉलेजियम ने कहा कि पारदर्शिता व कॉलेजियम प्रणाली की विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए ये कदम उठाया है। सभी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक होंगी। केरल व मद्रास हाईकोर्ट ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। कॉलेजियम में शामिल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने 3 अक्टूबर को आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक सभी हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति, तबादले, जजों के कंफर्मेशन के अलावा चीफ जस्टिस की नियुक्ति व तबादले और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति संबंधी सरकार को भेजी जाने वाली सिफारिशें कारण समेत सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाली जाएंगी। अर्थव्यवस्था का चीरहरण होगा तो मैं खामोश नहीं रहूंगा, बोलूंगा: यशवंत सिन्हा 5 October 2017 नई दिल्ली. देश की जीडीपी ग्रोथ, एफडीआई और रोजगार पर उठ रहे सवालों पर नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले अपने आलोचकों को जवाब दिया था। उनका इशारा बीजेपी के नेता और पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर यशवंत सिन्हा और विपक्ष की तरफ था। प्रधानमंत्री की सफाई पर गुरुवार को यशवंत सिन्हा ने पलटवार किया। सिन्हा ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "अर्थव्यवस्था का चीरहरण होगा तो मैं खामोश नहीं रहूंगा, बोलूंगा।" सिन्हा ने ये भी कहा, "मैंने तो सोचा था कि पीएम किसी राज्यमंत्री को आगे करेंगे, लेकिन मेरे सवालों का जवाब देने के लिए खुद आगे आ गए। यह देखकर मुझे आश्चर्य हुआ।" बता दें कि मोदी ने कहा था कि "कुछ लोग महाभारत में कर्ण के सारथी रहे शल्य की तरह होते हैं, ये लोग केवल दूसरों में निराशा फैलाते हैं। ... " आंकड़ों का खेल बहुत खतरनाक होता है.... - सिन्हा ने इंटरव्यू में कहा, "प्रधानमंत्री ने खुद देश की जनता के सामने कुछ बातें रखी हैं तो यह स्वागत योग्य है। और यह डिबेट आगे बढ़ना चाहिए। और उसी डिबेट को आगे बढ़ाते हुए मैं आपसे कहूंगा कि आंकड़ों का जो खेल होता है न वह बहुत खतरनाक होता है। इन आंकड़ों के बल पर आप एक पक्ष साबित करेंगे तो उन्हीं पर मैं दूसरा पक्ष साबित कर सकता हूं। इसलिए इनके साथ हमें जमीनी हकीकत भी देखनी चाहिए।" Q&A में पढ़ें, यशवंत सिन्हा ने और क्या कहा...?.... Q. मोदी ने कहा है कि पिछली सरकार में 8 बार जीडीपी 5% से नीचे गई और इस बार एक तिमाही में ही ऐसा हुआ?.... - सिन्हा बोले कि एक तिमाही में ही ऐसा नहीं हुआ है। इसके पहले वाली तिमाही में भी ऐसा हुआ है। उस तिमाही में भी जीडीपी 5.7% से भी कम रहा था। इसलिए छह तिमाही से लगातार जीडीपी नीचे आ रही है। - जब आप 2019 में चुनाव में जाएंगे, तब लोग आपसे ये नहीं पूछेंगे कि यूपीए सरकार की तुलना में कितना काम किया, लोग आपसे पूछेंगे कि आपने जो वादे किए थे, उनका क्या हुआ? इसके जवाब में हम कहेंगे कि हमने यूपीए से बेहतर काम किया है तो वे इस रिस्पॉन्स से सहमत नहीं होंगे। Q. मोदी ने कहा कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिन्हें तब तक नींद नहीं आती, जब तक वे बुराई न कर लें। उन्होंने कर्ण के सारथी शल्य का हवाला दिया है? - सिन्हा ने कहा कि महाभारत में हर तरह के कैरेक्टर हैं। एक शल्य का भी चरित्र था। शल्य कौरवों के पक्ष में क्यों गया, इसकी कहानी सभी जानते हैं। दुर्योधन ने उन्हें ठग लिया। वो तो नकुल और सहदेव के मामा थे। उन्हें तो पांडवों की तरफ से लड़ना था, लेकिन ठगी के शिकार हो गए। - महाभारत में एक और कैरेक्टर भीष्म पितामह का है। उनका बहुत अच्छा चरित्र है। लेकिन आज भी वो इतिहास में दोषी माने जाते हैं, जब द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था। तब भीष्म पितामह खामोश थे। मैं कहना चाहता हूं कि अगर अर्थव्यवस्था का चीरहरण होगा तो मैं खामोश नहीं रहूंगा और बोलूंगा। Q. रोजगार पर प्रधानमंत्री कितना सही कह रहे हैं?.... - उन्होंने कुछ 80-85 लाख का आंकड़ा कोट किया। इतने नए लोग ईपीएफ ऑर्गनाइजेशन में शामिल हो गए हैं। जिन लोगों को रोजगार मिलता है वही लोग शामिल होते हैं। पर यह सच्चाई नहीं है। एक अभियान चलाया गया, जो लोग नौकरी में हैं, लेकिन ईपीएफओ में शामिल नहीं है, उन्हें शामिल कराए जाए और 2009 से जो लोग नौकरी में हैं, उन्हें इसमें शामिल किया गया है। जो आंकड़ा दिया जा रहा है, वह उनका है। Q. नई अर्थव्यस्था को सुधारने के लिए आप क्या सलाह देंगे?.... - मैं कोई सलाह नहीं दूंगा। मैं इस काबिल नहीं हूं। मुझसे ज्यादा काबिल लोग सरकार में हैं। मैं पूर्व वित्तमंत्री नहीं रहा होता तो मुझे सलाह देना उत्साह होता। मैंने करके दिखाया है। सिन्हा ने पहले कहा था, नोटबंदी सबसे बड़ा इकोनॉमिक डिजास्टर.... - सिन्हा ने हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार में आर्टिकल लिखा था जिसमें उन्होंने इकोनॉमी में गिरावट के लिए अरुण जेटली और मोदी सरकार की आलोचना की थी। सिन्हा ने कहा था, "इकोनॉमी की हालत खराब है। पिछले 2 दशक में प्राइवेट क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट सबसे कम रहा है। जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया। इससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए। इकोनॉमी में पहले से ही गिरावट आ रही थी, नोटबंदी ने तो सिर्फ आग में घी का काम किया।" - "नोटबंदी सबसे बड़ा इकोनॉमिक डिजास्टर साबित हुई। जीएसटी को गलत तरीके से लागू करने का बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ा। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। बाजार में नौकरियां अवलेबल नहीं हैं।" जेटली पर सिन्हा ने कहा था कि फाइनेंस मिनिस्ट्री में कोई भी शख्स एक ही काम देख सकता है। बदलते दौर में वहां 24 घंटे काम की दरकार होती है। जेटली जैसे सुपरमैन ताकत वाले भी उसके साथ इंसाफ नहीं कर सकते। मोदी ने क्या कहा था?.... - मोदी ने इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज के प्रोग्राम में जीडीपी ग्रोथ, एफडीआई, रोजगार पर स्पीच दी थी। GDP पर मोदी ने कहा, "क्या आपको लगता है कि देश में पहली बार किसी क्वॉर्टर में जीडीपी की दर 5.7% पर पहुंची है। पिछली सरकार में 8 बार ऐसे मौके आए, जब विकास दर 5.7% या उससे नीचे गिरी थी। देश की अर्थ व्यवस्था ने ऐसी तिमाही भी देखी है, जब विकास दर 0.2 फीसदी, 1.5 फीसदी तक गिरी थी। रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि नेक्स्ट क्वॉर्टर्स में 7.7 तक वृद्धि जाएगी।" - ग्रोथ पर मोदी बोले, "देश में जून के बाद 2 महीनों में महीने के बाद पैसेंजर कारों की बिक्री में अगर 12 फीसदी वृद्धि हुई है तो आप उसे क्या कहेंगे? जब आपको पता चलेगा कि जून के बाद कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में 23% से ज्यादा वृद्धि हुई है, दोपहिया वाहनों की बिक्री में 14% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक में 14% की वृद्धि दो महीनों में हुई है। हवाई जहाज के जरिए माल ढुलाई में 16% की वृद्धि हुई है, टेलीफोन सब्सक्राइबर में 14% से ज्यादा वृद्धि हुई है। ग्रामीण डिमांड को देखें तो ट्रैक्टर की बिक्री में 34% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।" मैं नौकरी चाहता तो आप इस जगह ना होते: जेटली पर यशवंत सिन्हा का पलटवार 29 September 2017 नई दिल्ली.पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और वित्त मंत्री अरुण जेटली देश की मौजूदा इकोनॉमी को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। सिन्हा ने एक आर्टिकल में मोदी सरकार की पॉलिसीज और अरुण जेटली के फैसलों पर सवाल उठाए थे। इसके जवाब में जेटली ने गुरुवार को इशारों में कहा था- "किसी को 80 साल की उम्र में नौकरी की तलाश है।" सिन्हा ने इसके जवाब में कहा- "अगर मैं नौकरी चाहता तो वे (जेटली) इस जगह ना होते।" बेटे जयंत सिन्हा के लेख पर उन्होंने कहा कि यह मुद्दे को भटकाने की कोशिश है। . और क्या कहा यशवंत सिन्हा ने..... - यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा- "अगर देश की इकोनॉमी खराब है तो इसका जिम्मेदार वित्त मंत्री ही होगा ना कि गृह मंत्री। मैं भी व्यक्तिगत आरोप लगा सकता हूं, लेकिन मैं इस जाल में फंसूंगा नहीं। राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित नहीं। अगर मेरे सवालों से बेटे का करियर खराब होता हो तो हो जाए।" विवाद कब शुरू हुआ? कैसे इकोनॉमी की डिबेट पर्सनल हो गई?.. - यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में मोदी सरकार की पॉलिसीज और मौजूदा इकोनॉमी पर बुधवार को एक आर्टिकल लिखा था। इसमें उन्होंने कहा- "इकोनॉमी की हालत खराब है। पिछले दो दशक में प्राइवेट क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट सबसे कम रहा है। जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया। इससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए। इकोनॉमी में पहले से ही गिरावट आ रही थी, नोटबंदी ने तो सिर्फ आग में घी का काम किया।" - "नोटबंदी सबसे बड़ा इकोनॉमिक डिजास्टर साबित हुई। जीएसटी को गलत तरीके से लागू करने का बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ा। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। बाजार में नौकरियों के नए मौके नहीं हैं।"(पूरी खबर यहां पढ़ें) जेटली ने किया पलटवार, कहा-किसी को 80 साल की उम्र में नौकरी की तलाश है... - एक दिन बाद गुरुवार को दिल्ली में अरुण जेटली ने कहा था कि आज ऐसे समय जब भारत अपनी आजादी के 70 साल पूरे कर चुका है और मोदी सरकार के साढ़े तीन साल पूरे हो रहे हैं, कोई अस्सी की उम्र में पोस्ट की तलाश में है। वो अब अपना रिकॉर्ड चेक कर लें। हालांकि, जेटली ने साफ तौर पर सिन्हा का नाम नहीं लिया। 4 फैक्ट्स देकर जेटली को दिया जवाब, कहा- नौकरी मांगने वाला आदमी नौकरी नहीं छोड़ता.... 1.यशवंत सिन्हा ने एएनआई से बातचीत में कहा-"जेटली साहब मेरी पृष्ठभूमि को भूल गए हैं। 1984 में मेरी आईएएस की नौकरी के 12 साल बाकी थे। मैंने उस नौकरी को छोड़ा था। मैं रिटायर्ड होकर पॉलिटिक्स में नहीं आया था। नौकरी मांगने वाला आदमी नौकरी छोड़ता नहीं है।" 2."वो इस बात को भी भूल गए कि उसके फौरन बाद जब वीपी सिंह की सरकार बनी तो मैं राष्ट्रपति भवन से वापस लौट आया। मुझे लगा कि मेरे साथ इंसाफ नहीं हो रहा। राज्य मंत्री बन रहा था। जब तक वीपी सिंह की सरकार थी, तब तक मैं राज्य मंत्री नहीं बना। पहली बार मंत्री तब बना जब चंद्रशेखरजी की सरकार थी। 3. "राज्यमंत्री जेटलीजी के लिए यह इतनी बड़ी बात थी कि वे बिना सांसद चुने मंत्री बन गए। मेरा कहने का मतलब है कि मैंने उस राज्य मंत्री के पद को 1989 में ठुकरा दिया था। ये इतिहास की बातें हैं। जो संत और फकीर हो गया, आज उस व्यक्ति के बारे में कहना कि मैं नौकरी खोज रहा हूं, इससे और हास्यास्पद आरोप मेरे ऊपर नहीं लग सकता था।" 4."एक और बात मैं कहना चाहूंगा कि 2014 में मैंने खुद यह तय किया मैं लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगा। मेरी जीत तय है। फिर भी मैं इससे अलग हो गया। तो आज के दिन यह कहना कि मैं जॉब खोज रहा हूं, कहां तक ठीक है।" जेटली ने कहा था, यशवंत सिन्हा सबसे खराब मंत्री थे, इसलिए वाजपेयीजी ने हटा दिया. - यशवंत सिन्हा ने कहा- "ये गलत है। वाजपेयी ने मुझसे एक मंत्रालय लेकर दूसरा मंत्रालय दिया था। उन्होंने मुझसे यह नहीं कहा था कि आप सरकार छोड़कर अलग हो जाइए। मुझे विदेश मंत्रालय दिया गया था। जो लोग आज ये आरोप लगा रहे हैं कि मैं बेकार था, तो उस बेकार मंत्री को इतनी बढ़ी जिम्मेदारी क्यों दी गई। जब मैं विदेश मंत्री बना, तब भारत-पाकिस्तान की फौज आमने-सामने थी। उस परिस्थिति में मैं विदेश मंत्री बना। तो क्या मैं बेकार था?" जेटली ने और क्या कहा था?... - जेटली ने कहा- "यूपीए-2 के दौरान नीतियों का क्या हाल था? क्या हम भूल गए? 15 फीसदी एनपीए था 1998 से 2002 के दौरान। क्या हम ये भी भूल जाएं कि 1991 में हमारे पास सिर्फ 4 बिलियन डॉलर फॉरेन रिजर्व बचा था। जेटली जिस वक्त का जिक्र कर रहे थे, उस दौरान सिन्हा फाइनेंस मिनिस्टर थे।" - फाइनेंस मिनिस्टर जेटली ने एक बार फिर सिन्हा का नाम लिए बगैर कहा - जिस किताब को अभी लॉन्च किया गया है, उसका टाइटल India @70, Modi @3.5 and a job applicant @ 80 होना चाहिए था। दरअसल, जिस किताब को जेटली ने लॉन्च किया, उसका टाइटल India @70 Modi @3.5 है। यशवंत को बेटे जयंत ने दिया था जवाब, कहा - जीएसटी और नोटबंदी गेम चेंजर - केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को एक आर्टिकल में मोदी सरकार की नीतियों को बचाव किया था। उन्होंने लिखा- "जीएसटी, नोटबंदी और डिजिटल पेमेंट जैसी पॉलिसीज इकोनॉमी के लिए गेम चेंजर साबित हुई हैं। बीते एक या दो क्वार्टर में जो जीडीपी ग्रोथ दिखाई गई है, वो आने वाले दिनों में पड़ने वाले असर को ठीक से नहीं दिखाती। स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स न्यू इंडिया के लिए जरूरी हैं। इससे करोड़ों लोगों को नौकरियां मिलेंगी। नई इकोनॉमी ज्यादा ट्रांसपेरेंट, इनोवेटिव और दुनिया की कीमतों से टक्कर लेने वाली होगी। नई इकोनॉमी में हर शख्स को अपनी जिंदगी बेहतर बनाने का मौका मिलेगा।" हनीप्रीत के वकील के ऑफिस पहुंची पुलिस, कल छापे के वक्त पिछले रास्ते से भागने का शक 27 September 2017 नई दिल्ली.राजधानी और पंचकुला पुलिस की ज्वाइंट टीम दो घंटे के सर्च ऑपरेशन के बावजूद गुरमीत राम रहीम की राजदार हनीप्रीत को नहीं पकड़ सकी। टीम ने मंगलवार सुबह ग्रेटर कैलाश पार्ट टू एन्क्लेव स्थित आलीशान कोठी ए-9 पर भी दबिश डाली, लेकिन हनीप्रीत वहां भी नहीं मिली। दूसरी ओर, बुधवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम सीसीटीवी फुटेज की जांच के लिए हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य के ऑफिस पहुंची। वकील ने दावा किया था कि बेल पेपर्स साइन करने के लिए हनीप्रीत उनके ऑफिस आई थी। .. पिछले गेट से भागने की आशंका.... -पुलिस जब कोठी पर पहुंची तो मेन गेट अंदर से बंद था। ऐसे में पुलिस ने केयर टेकर राजीव मल्होत्रा को कॉल कर कोठी का दरवाजा खुलवाया। कमरों के ताले तुड़वाकर 2 घंटे तक सघन तलाशी ली। लेकिन हनीप्रीत वहां नहीं मिली। पुलिस ने मेन गेट से कोठी में एंट्री की थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि छापेमारी की जानकारी मिलते ही वह कोठी के पिछले गेट से भाग गई होगी। कोठी में अक्सर आता था राम रहीम... - सूत्रों की मानें तो ग्रेटर कैलाश की आलीशान कोठी में राम रहीम अक्सर आता था और तथाकथित साध्वियों के साथ वहां वाॅलीबॉल भी खेला करता था। हनीप्रीत राम रहीम के साथ ही यहां आया करती थी। कई बार तो वे दोनों कई दिन तक यहां रुकते थे। ... पते वाली कोठी किसी ब्रिगेडियर की निकली ... वकील बोले- पिता-पुत्री का रिश्ता बदनाम कर मीडिया ने किया हनीप्रीत का चरित्र हनन महीनेभर से फरार चल रही हनीप्रीत दिल्ली में ही छिपी थी। यह दावा है उसके वकील प्रदीप कुमार आर्य का। DainikBhaskar से बातचीत में आर्य ने कहा कि मीडिया में अपने और राम रहीम के रिश्तों पर चल रही बातों से हनीप्रीत बेहद परेशान है। इसका फायदा उठाकर विरोधी भी लांछन लगा रहे हैं। पढ़िए वकील से पवन कुमार की पूरी बातचीत... Q. हनीप्रीत की अग्रिम जमानत याचिका पर हस्ताक्षर किसके हैं? क्या वह आपसे मिली थी? ... - हस्ताक्षर हनीप्रीत के ही हैं। वह सोमवार दोपहर करीब 1.00 बजे मेरे लाजपत नगर स्थित ऑफिस आई थी। वहां करीब दो घंटे रुकी। उसने मुझे सारे फैक्ट बताए, वकालतनामे और हलफनामे पर हस्ताक्षर किए। Q. हनीप्रीत नेपाल, कनाडा या पाकिस्तान में छुपी थी क्या?... - यह सब अफवाह हैं। हनीप्रीत दिल्ली में ही है। Q. हनीप्रीत ने आपको क्या बताया है?... - इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपने और राम रहीम के रिश्तों पर चल रही अनाप-शनाप बातों से वह चिंतित है। पिता-पुत्री का रिश्ता निर्लज्ज तरीके से दिखाकर मीडिया उसकी छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। यह हनीप्रीत की प्राइवेसी का अपमान है। इस चरित्र हनन की कोई भरपाई भी संभव नहीं है। Q. हनीप्रीत दोषी है या पीड़ित?.. - पीड़ित है। उसने मुझे बताया कि कोर्ट ने जब राम रहीम को दोषी ठहराया तो संकट की घड़ी में वह पिता के साथ थी। ऐसे में कोई भी लड़की अपने पिता के लिए वही करती जो उसने किया। पंचकूला कोर्ट से रोहतक की सुनारिया जेल तक वह हरियाणा पुलिस के साथ ही थी। उनकी सहमति से ही हेलिकॉप्टर में भी बैठी थी। पुलिस ने यह तथ्य दरकिनार कर उसे पंचकूला हिंसा का आरोपी बना दिया। मूल एफआईआर में तो उसका नाम तक नहीं था। पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। उसे धरती की सबसे खतरनाक महिला साबित किया जा रहा है। Q. हनीप्रीत और राम रहीम के रिश्तों के बारे में आपको क्या जानकारी है?... - राम रहीम उसके पिता, गुरु, मार्गदर्शक और संत हैं। दोनों हमेशा ड्रग माफिया के खिलाफ लड़े। Q. उन्होंने दिल्ली में ही क्यों अग्रिम जमानत याचिका दायर की?.. - पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद नहीं थी। हरियाणा के डीजीपी भी हनीप्रीत की जान को खतरा बता चुके हैं। इसलिए दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचे। हम वंशवाद की राजनीति नहीं करते, वर्कर्स पार्टी और उसके काम को आगे बढ़ाएंगे: शाह 25 September 2017 नई दिल्ली. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में दो दिन की मीटिंग चल रही है। अमित शाह ने कहा, "बीजेपी वंशवाद की राजनीति नहीं करती। अगले 5 साल में बीजेपी का हर वर्कर पार्टी और उसके काम को आगे ले जाने का काम करेगा।" बता दें कि बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मिशन 360 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें शाह ने एक सीक्रेट प्लान भी बनाया है। शाम को यहां नरेंद्र मोदी भी स्पीच देंगे। हिंसा की राजनीति से नहीं डरती बीजेपी... - पीयूष गोयल के मुताबिक शाह ने कहा, "मोदी ने जो नए भारत का विजन रखा है। नए भारत का सपना देश के 125 करोड़ लोगों का सपना है। यह बीजेपी के हर कार्यकर्ता का निश्चय है। इस काम में पूरी पार्टी अगले पांच साल तक पार्टी का विस्तार, पार्टी के काम का विस्तार और जनता के हितों के काम में हम लगने वाले हैं।" - "हिंसा की राजनीति करने वाले वाम दलों और बंगाल में जो राजनीति चल रही है उसकी हम निंदा करते हैं। हिंसा से बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। इसका लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देने में बीजेपी सक्षम है। केरल में बीजेपी कार्यकर्ता पदयात्रा करके जनता के साथ जुड़ेंगे और केरल की जनता का आशीर्वाद और समर्थन इस हिंसा को रोकने में लेंगे। हमारा मानना है कि हिंसा की कीचड़ कोई कितना भी फैलाए बीजेपी का कमल और निखरकर सामने आएगा।" - राहुल गांधी भारत की उपब्लिधों को नकार रहे हैं। राहुल ने भारत में वंशवाद की बात कही। भारत की जनता इसे नकारती है। बीजेपी सुशासन की राजनीति में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि राजनीति ऐसी हो जो जनता की सेवा करने में लगे। देश में हर व्यक्ति के जीवन को सुधार सके। उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सके, बीजेपी ऐसी राजनीति में विश्वास करती है। भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। साठ करोड़ से ज्यादा गरीब अपना भविष्य उज्ज्वल होता देख रहे हैं।" बीजेपी का हो रहा विस्तार... - गोयल के मुताबिक शाह ने कहा, "हम सबके लिए खुशी की बात है कि पीएम ने एक साल पहले जो बात कोझिकोड में रखी थी कि बीजेपी का विस्तार पूरे देश में हो। यह जिम्मेदारी बीजेपी के कार्यकर्ताओं को सौंपी गई। इसके तहत 3 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता बूथ पर जाकर बीजेपी के काम और नीतियों को लेकर काम कर रहे हैं।" शाह का प्लान.... - अमित शाह ने 360 सीटें जीतने के लिए एक सीक्रेट इलेक्शन प्लान बनाया है। शाह के इलेक्शन प्लान की सीक्रेट रिपोर्ट दैनिक भास्कर के पास मौजूद है। बीजेपी 18 राज्यों की उन 123 लोकसभा सीटों पर प्लान को लागू करेगी, जहां दूसरी पार्टियां मजबूत रही हैं। बीजेपी नेशनल एग्जीक्यूटिव मीटिंग में ढाई लाख हारे हुए सरपंचों को जोड़ने का टारगेट - बीजेपी इस प्लान को सबसे पहले वहां लागू करेगी, जहां पार्टी बेहद कमजोर है। इनमें मध्य प्रदेश की रतलाम, छिंदवाड़ा, गुना, हरियाणा की रोहतक, छत्तीसगढ़ की दुर्ग, पंजाब की अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, संगरूर, पटियाला जैसी 18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटें हैं। ये सीटें कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों का अभेद्य गढ़ रही हैं। - इन जगहों पर कांग्रेस और विपक्ष के बूथ वर्कर्स को बीजेपी अपने साथ जोड़ने के लिए कैम्पेन चलाएगी। साथ ही, देश की ढाई लाख पंचायतों में हारे हुए सरपंचों को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। इस काम के लिए शाह ने अपनी सबसे बेस्ट टीम को जिम्मेदारी सौंपी है। चुनाव को लेकर शाह के 3 गेम चेंजर आइडिया... 1. लोकसभा की जिन सीटों पर बीजेपी कभी नहीं जीती या पिछली बार बड़े अंतर से हार गई, ऐसी सभी सीटों पर कांग्रेस के बूथ लेवल के वर्कर्स को पार्टी में शामिल करना, ताकि कांग्रेस को जड़ से कमजोर किया जा सके। चुनाव से पहले हर बूथ पर 20 दलितों की टोली तैनात होगी। 2. 18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटों पर अगले दो महीने में बीजेपी के प्रत्याशियों का पैनल बनाकर कैंडिडेट तय करना, ताकि उन्हें तैयारी करने का पूरा समय मिले। वे क्षेत्र में जाकर लोगों को जोड़ सकें। 3. देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हारे सरपंच कैंडिडेट को जोड़ना। मौजूदा सरपंचों के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी का डर है। ये है चुनाव की जमीन तैयार करने की रणनीति.... # कांग्रेस के गांवों में फैले नेटवर्क को खत्म करना.... - कुछ इलाके के गांवों में कांग्रेस का नेटवर्क बीजेपी से मजबूत है। वहां कांग्रेस के बूथ वर्कर्स को बीजेपी की मेंबरशिप दिलाई जाए। मदद संघ का लोकल नेटवर्क करेगा। # विपक्ष में असंतोष का फायदा उठाना.... - जहां विपक्ष के नेताओं में फूट है, वहां दोनों गुटों में आपसी असंतोष को और बढ़ाना, ताकि उस स्थिति का फायदा भाजपा उठा सके। # आरटीआई-पीआईएल से आंदोलन खड़ा करना... - जहां बीजेपी कमजोर है, वहां लोगों को जोड़ने के लिए मोदी की योजनाओं का प्रचार किया जाए। साथ ही आरटीआई और पीआईएल के जरिए आंदोलन खड़ा किया जाए। # एनजीओ-धार्मिक संस्थाओं से मेलजोल बढ़ाना..... - क्षेत्र के गैर सरकारी संगठन, सामाजिक काम करने वाली संस्थाओं से लगातार कॉन्टैक्ट करना। उनसे अच्छे रिश्ते बनाना, ताकि चुनाव में फायदा मिल सके। # हर असेंबली में 5 वॉट्सऐप ग्रुप बनाना.... - हर विधानसभा क्षेत्र में 5 वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर 1250 लोगों को सोशल वारियर के रूप में तैयार करना। हर बूथ पर 20 दलितों को मेंबर बनाकर सक्रिय किया जाए। विपक्ष के गढ़ में मोदी के होंगे दौरे.... - शाह ने इन 123 सीटों को 5-5 के क्लस्टर में बांटा है। हर क्लस्टर में मोदी दौरा करेंगे। - 25 लोगों के अलग-अलग कलस्टर बनाकर 4 से 7 सीटों पर संगठन खड़ा करने का जिम्मा। - कांग्रेस से आए हेमंत बिस्वा सरमा को पूर्वोत्तर की सात सीटों की कमान सौंपी गई है। - कैबिनेट मंत्रियों को अलग-अलग सीटों पर पैनल तैयार करके देने का जिम्मा सौंपा है। क्या है शाह का टारगेट?... - अमित शाह का टारगेट कांग्रेस को न सिर्फ लोकसभा, विधानसभाओं से बाहर करना, बल्कि ग्राउंड पर उसका नेटवर्क खत्म करना है, ताकि उन स्थानों पर बीजेपी को लंबे समय के लिए मजबूत किया जा सके। मस्जिदों में जांच करो, अजान की आवाज तेज तो नहीं: दिल्ली सरकार को NGT का ऑर्डर 21 September 2017 नई दिल्ली.नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को ऑर्डर दिया है कि राजधानी में अजान से कहीं शोर तो नहीं हो रहा, इसकी जांच कराई जाए। अब केजरीवाल सरकार ईस्ट दिल्ली की मस्जिदों में पता करेगी कि वहां लगे लाउड स्पीकर्स की आवाज लिमिट से ज्यादा तो नहीं है। बता दें कि अजान की आवाज को लेकर सिंगर सोनू निगम ने कुछ महीने पहले ट्वीट किया था। मुस्लिम संगठनों ने इस पर कड़ा विरोध जताया था। यहां तक कि सोनू के खिलाफ फतवा तक जारी हो गया। इसके विरोध में बॉलीवुड के सिंगर ने अपना सिर मुंडवा लिया था। .. एनजीओ ने दायर की है पिटीशन..... - एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) को ऑर्डर दिया है कि नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। - बुधवार को अलग-अलग मस्जिदों की तरफ से पेश वकील ने कहा कि यहां अजान के लिए लाउड स्पीकर का इस्तेमाल तो कर रहे हैं, लेकिन आवाज लिमिट से ज्यादा नहीं होती। उनकी मंशा लोगों को परेशान करने या नॉइज पॉल्यूशन के मानकों का तोड़ने की नहीं है। - एनजीओ अखंड भारत मोर्चा ने एनजीटी में पिटीशन दायर कर आरोप लगाया है कि मस्जिदों में अवैध तौर पर लाउड स्पीकर्स के इस्तेमाल से आसपास रहने वाले लोगों की सेहत पर गलत असर पड़ रहा है। यमुना में पड़ीं गणेश प्रतिमाओं पर भी जवाब मांगा.... - एनजीटी ने यमुना नदी में इधर-उधर बिखरी पड़ीं गणेश प्रतिमाओं पर भी बुधवार को दिल्ली सरकार और बाकी संबंधित पक्षों से जवाब तलब किया है। - इस मुद्दे पर दायर एक पिटिशन में कहा गया था कि इस संबंध में एनजीटी के आदेश लागू करवाने में दिल्ली सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है। 82% ने माना-मुट्ठीभर बाबाओं के कारण सभी धर्मगुरु बदनाम होते हैं 20 September 2017 भास्कर न्यूज नेटवर्क. देश में पहली बार हुए बाबाओं के सर्वे में भास्कर के पाठकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। देशभर से सर्वे में शामिल 56 हजार 338 लोगों में से 18 फीसदी लोगों ने माना कि वे किसी न किसी बाबा में आस्था जरूर रखते हैं। हाल के दिनों में बाबाओं के बढ़ते विवाद के कारण लोगों की आस्था में कमी आई है। इस बात से 23 फीसदी लोग इत्तेफाक रखते हैं। हालांकि, 82 फीसदी लोगों ने यह माना है कि कुछ मुट्ठी भर बदनाम बाबाओं के कारण सभी धर्मगुरु बदनाम होते हैं। सर्वे में पता चला कि बाबाओं के प्रति सबसे ज्यादा लगाव किसानों का है। 23 फीसदी किसानों ने कहा है कि वे किसी न किसी बाबा में आस्था रखते हैं। हमने बाबाओं के चमत्कार को लेकर भी एक सवाल किया था। इसके जवाब में सिर्फ 6 फीसदी लोगों ने कहा है कि चमत्कार होते उन्होंने खुद देखा है। इसमें सबसे बड़ी संख्या दिल्ली के लोगों की है। सर्वे में शामिल दिल्ली के 25% लोगों ने बाबाओं के चमत्कार को खुद देखने की बात मानी है। चार दिन तक चले इस सर्वे से प्राप्त जानकारी का आकलन रिसर्च एजेंसी मार्केट सेपियंस से कराया गया। इसके आधार पर विशेष रिपोर्ट तैयार की गई। कौन-सा गुण सबसे ज्यादा आकर्षित करता है?.... - सर्वे में मोटिवेशनल गुरुओं को लोगों ने सबसे ज्यादा पसंद किया है। 59% लोग इन्हें समाज के लिए बेहतर मानते हैं। इसके बाद 24% लोगों ने धर्मगुरुओं को बेहतर माना है। - देश में लोगों को बाबाओं के साथ जोड़ने का सबसे ज्यादा श्रेय दोस्तों और रिश्तेदारों को जाता है। सर्वे में 39% लोगों ने कहा कि वे अपने रिश्तेदार और दोस्तों के कहने पर पहली बार किसी बाबा के पास गए थे। हाल के दिनों में बाबाओं को लेकर बढ़े विवाद के बीच 47% लोग चाहते हैं कि मठों, मिशनरियों, मजहबी जमातों और डेरों पर निगरानी करने के मकसद से वहां सीसीटीवी लगाना जरूरी किया जाए। - वहीं, इनकी संपत्ति की जांच और जब्ती के सवाल पर 95% लाेगों ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि इनकी संपत्ति कई गुना बढ़ रही है जो कालाधन है। सर्वे में पता चला है कि 49% लोग पैसे और अपने काम-धंधे को लेकर बाबाओं से जुड़ते हैं। उन्हें लगता है इनके आशीर्वाद से काम अच्छा चलेगा। - भास्कर सभी का सम्मान करता है। इस सर्वे को प्रकाशित करना किसी गुरु, धर्मगुरु, समाज सुधारक या बाबा से जुड़ी आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं है। अभी बाबाओं के विवाद पर चर्चा जारी है, एेसे में देश क्या सोच रहा है, यह जानना भी प्रासंगिक है। इसलिए सर्वे से जानिए देश की राय। 49% लोग पैसे, काम-धंधे के लिए बाबाओं से जुड़ते हैं, 73% ने माना अंधविश्वास भक्तों से ही. - हाल ही के दिनों में बाबाओं से जुड़े एक के बाद एक कई मामले सुर्खियाें में रहे हैं। ऐसे में, भास्कर ने 15 सवालों के जरिए जाना कि इस समय लोगों का बाबाओं को लेकर नजरिया क्या है। - सर्वे में 73% लोगों ने कहा है कि अंधविश्वास बढ़ाने के लिए बाबाओं और धर्मगुरुओं के भक्त जिम्मेदार हैं। फिर भी 74% लोगों का मानना है कि बाबाओं के पास जाने से लोगों को मानसिक शांति मिलती है। इतना ही नहीं, सर्वे में 12% ऐसे लोग शामिल रहे हैं जो कहते हैं कि इनके आशीर्वाद से काम पूरे करने में भी मदद मिली है। - जब बात बाबाओं की छवि बनने की आती है तो हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों की सोच में विरोधाभास नजर आता है। - सर्वे में हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा 30% का मानना है कि इसकी वजह नेता, एक्टर-एक्ट्रेस और खिलाड़ी हैं। - इससे उलट उत्तर प्रदेश में 37% का कहना है कि इनकी छवि का निर्माण चमत्कारों की चर्चा से होता है। ऐसा ही अंतर बाबाओं के पास जाने की परिस्थितियों का कारण जानने पर युवाओं और बुजुर्गों की सोच में देखने को मिलता है। - 25 वर्ष से कम उम्र के 52% युवा पैसे, व्यापार या नौकरी की समस्या को लेकर बाबाओं के पास जाने की बात कहते हैं, जबकि 60 से ज्यादा की उम्र के 36% ने ही एेसी स्थिति में बाबाओं के पास जाने की बात कही। 39% लोग बाबाओं के नाम व प्रसिद्धि से आकर्षित होकर उनके पास जाते हैं। दिल्ली-उत्तर प्रदेश की ज्यादा आस्था, राजस्थान के 95% चाहते हैं इनकी संपत्ति जब्त हो.. @ दिल्ली.. - देश के पहले बाबा सर्वे में उत्तर प्रदेश और देश की राजधानी दिल्ली की राय सबसे हटकर रही। जहां सर्वे में शामिल सिर्फ 18% लोगों ने बाबाओं में आस्था व्यक्त की। @ उत्तर प्रदेश.. - वहीं, इससे उलट उत्तर प्रदेश में 34.76% और दिल्ली में 34.2% लोगों ने बाबाओं में अपनी आस्था जताई है। देश के औसत से यह आंकड़ा करीब दो गुना है। @गुजरात.. - गुजरात में 31% लोगों ने धर्मगुुरुओं और 24% लोगों ने कथा वाचकों को समाज की बेहतरी के लिए सही माना है। गुजरात में ही 19% से ज्यादा लोगों ने बाबाओं के संपर्कों से अपने काम पूरे करने में मदद मिलने की बात कही है। वहीं, उनके आशीर्वाद से काम पूरे करने में मदद मिलने की बात 13% लोगाें ने कही। @महाराष्ट्र.. - महाराष्ट्र में भक्तों को बाबाओं का सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाला गुण चमत्कार लगता है। 38% लोग ऐसा मानते हैं। वहीं, ज्ञान से आकर्षित होने वाले 12% हैं। @हिमाचल.. - हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा 11% लोगों ने माना कि बाबाओं के कानून से घिरने के बावजूद उनके प्रति सम्मान बना हुआ है। यह देश के लोगों की राय की तुलना में दो गुना है। हालांकि, 19% लोग किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले पुलिस कार्रवाई और अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहते हैं। @चंडीगढ़.. - चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा 86% लोगों का मानना रहा कि मुट्ठी भर बाबाओं के कारण समाज में सभी धर्मगुरु बदनाम हो रहे हैं। @हरियाणा. हाल ही में बाबा की गतिविधियों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चित रहे राज्य हरियाणा में समाज में अंधविश्वास बढ़ाने के लिए 12% लोगों ने बाबा को जिम्मेदार माना। वहीं, बाबा और धर्मगुरु में आस्था के लिए 72% लोगों ने अंधविश्वास को जिम्मेदार माना। @पंजाब.. - पंजाब में 39% लोगों की राय रही कि मठों, मिशनरियों, मजहबी जमातों और डेरों पर निगरानी के लिए सरकार को सीसीटीवी जरूरी कर इन्हें आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए। यह देश के 47% लोगों की राय से 8% कम है। @राजस्थान.. - सर्वे में सबसे ज्यादा संख्या में भाग लेने वाले राज्य राजस्थान से 95% ने धर्मिक संगठनों, मठों, मजहबी जमातों, मिशनरियों, डेरों की देशभर में फैली शाखाओं की संपत्ति की जांच और जब्ती का विकल्प चुना। पहली बार बाबा के पास रिश्तेदार, दोस्त और सुनकर या प्रचार से प्रभावित होकर जाने की बात 38-38% लोगों ने कही, जबकि 24% लोग ही पारिवारिक परंपरा के चलते बाबा के पास गए। पैसे, व्यापार और नौकरी की समस्या के चलते 49% लोगों ने बाबाओं के पास जाने की बात कही। @छत्तीसगढ़. - छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 81% से ज्यादा लोगों का मानना रहा कि बाबाओं की बातों से तनाव के समय मानसिक शांति मिलती है, जबकि सिर्फ 2% ने माना कि जरूरत के समय उनसे आर्थिक मदद मिली है। @बिहार.. - बिहार सेे देश की राय में राय मिलाते हुए 14.58% लोगों का मानना रहा कि महंगे प्रचार-प्रसार से बाबाओं की छवि बनी है। वहीं, 33% का मानना रहा कि बाबाओं की छवि चमत्कारों की चर्चा से बनती है। नेताओं, एक्टर-एक्ट्रेस और खिलाड़ियों के आने-जाने से छवि चमकने की राय के पक्ष में 27% लोग रहे। @झारखंड.. - झारखंड में 4% लोगों ने माना कि उन्होंने बाबा के चमत्कार होते हुए देखे हैं। ऐसे सामने आई सर्वे में शामिल लोगों की राय ऐसे सामने आई सर्वे में शामिल लोगों की राय.. - भास्कर ने 12 से 15 सितंबर के बीच देशव्यापी सर्वे कर जाना कि ताजा हालात में लोग बाबाओं के मुद्दे पर क्या सोच रहे हैं। जिन राज्यों में भास्कर है, वहां अखबार के जरिए सर्वे फॉर्म पहुंचाकर लोगों की राय जानी गई। - इसके अलावा मोबाइल मिस्ड काल, DainikBhaskar.com और फेसबुक पर लिंक देकर भी लोगों को सर्वे में शामिल किया गया। - इन सभी माध्यमों से 56 हजार 338 लोगों ने बाबाओं से जुड़े 15 सवालों पर अपना मत रखा। इस डाटा के एनालिसिस के आधार पर ये स्पेशल रिपोर्ट तैयार की गई है। - शहरों में रायशुमारी में एक बहुत ही इंटरेस्टिंग ट्रेंड सामने आया है। यह मोटिवेशनल-धर्म गुरु को सामाज के लिए बेहतर मानने की संख्या को लेकर है। जहां 63.87% युवा मोटिवेशनल गुरुओं के पक्ष में खड़े हैं, वहीं बुजुर्गों में यह घटकर 57.55% है। - इससे उलट धार्मिक गुरुओं को समाज के लिए बेहतर मानने वाले युवा 18.56% थे। सीनियर सिटिजन्स तक जाते-जाते संख्या 25% हो गई। 1965 की जंग के हीरो मार्शल अर्जन को ऐसे दी गई आखिरी विदाई 18 September 2017 नई दिल्ली.एयरफोर्स के इकलौते मार्शल अर्जन सिंह सोमवार को दिल्ली के बरार चौक पर पंचतत्व में विलीन हो गए। फ्लाईपास्ट और 21 तोपों की सलामी से उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उनके सम्मान में राजधानी में राष्ट्रध्वज आधा झुका दिया गया। अंतिम विदाई देने वालों में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए। शनिवार को उनका निधन हो गया था। वे 98 साल के थे। हार्ट अटैक के बाद सिंह को आर्मी हॉस्पिटल लाया गया था। बता दें कि 1965 की जंग के हीरो अर्जन सिंह महज 44 साल की उम्र में एयरफोर्स चीफ बने थे। पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग में उतरी एयरफोर्स की कमान उनके ही हाथों में थी। देश की तीनों सेनाओं में अब तक तीन मार्शल हुए हैं। अर्जन सिंह उनमें से एक थे। उन्हें 5 स्टार रैंक हासिल करने का गौरव मिला। प्रेसिडेंट बोले- वे हीरो थे...... - प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने कहा, "भारतीय वायु सेना के बहादुर वॉरियर के निधन पर मुझे गहरा दुख है। उनके परिवार और IAF कम्युनिटी के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। वे वर्ल्ड वार-2 के हीरो थे। उन्होंने 1965 की जंग में अपनी लीडरशिप की बदौलत देश में अपने लिए सम्मान हासिल किया।" मोदी ने साझा की यादें. - नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "इंडियन एयरफोर्स के मार्शल अर्जन सिंह के निधन पर भारत में गहरा दुख है। हम देश के लिए उनके शानदार योगदान को याद रखेंगे। सिंह का फोकस IAF की ताकत को बढ़ाने पर था। उन्होंने देश की रक्षा क्षमता में बहुत इजाफा किया। मैं उनसे कुछ अरसा पहले मिला था। तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने खड़े होकर सैल्यूट करने की कोशिश की, जबकि मैंने उन्हें ऐसा करने से मना किया। उनमें सैनिक अनुशासन भरा हुआ था। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और उन लोगों के साथ हैं, जिन्हें दुख पहुंचा है। सिंह एक बेहतरीन एयर वॉरियर और शानदार इंसान थे।" - मोदी ने कहा, "1965 की जंग में एयर मार्शल अर्जन सिंह की शानदार लीडरशिप को भारत कभी नहीं भूलेगा। ये वो मौका था जब IAF ने अपना मजबूत इरादे दिखाए।" उनका जीवन मिसाल था- डिफेंस मिनिस्टर.. - निर्मला सीतारमण ने कहा, "अर्जन सिंह का जीवन एक मिसाल था। उन्होंने कई लड़ाइयां लड़ीं। ये भारी क्षति है। उन्होंने जिस तरह का जीवन जिया और आदर्श पेश किए उन्हें पीढ़ियों तक याद किया जाएगा।" मार्शल कभी रिटायर नहीं होते हैं. - देश में अब तक एयर मार्शल अर्जन सिंह, फील्ड मार्शल मानेकशॉ और केएम करियप्पा को ही 5 स्टार रैंक मिली है, मार्शल कभी सेना से रिटायर नहीं होते। अर्जन सिंह 2002 में 5 स्टार रैंक के लिए प्रमोट हुए। उन्हें पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। व्हील चेयर पर आए और खड़े होकर कलाम को किया था सैल्यूट उनका जीवन मिसाल था- डिफेंस मिनिस्टर.. - 27 जुलाई, 2015 को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लाया गया। तब कलाम के अंतिम दर्शन के लिए राष्ट्रपति और पीएम समेत कई नेता पहुंचे थे। लेकिन सबकी नजरें कांपते हाथों से सैल्यूट करते योद्धा अर्जन सिंह पर थीं। वे आए तो व्हीलचेयर पर थे, लेकिन कलाम को देखते ही खुद चलकर पास आए और तनकर सलामी भी दी थी। अविभाजित भारत मेें जन्मे अर्जन सिंह.. - अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को अविभाजित भारत के लायलपुर में हुआ था। ये जगह अब पाकिस्तान के फैसलाबाद में है। 1938 में 19 साल की उम्र में RAF क्रेनवेल में उनका सिलेक्शन एम्पायर पायलट ट्रेनिंग के लिए हुआ। उनकी पहली पोस्टिंग नॉर्थ वेस्टर्न फ्रंटियर प्रॉविंस में वेस्टलैंड वापिटी बाइप्लेंस उड़ाने के लिए हुई। वे IAF की नंबर वन स्क्वॉड्रन के मेंबर थे। उन्हें कुछ वक्त के लिए नंबर 2 स्क्वॉड्रन में भी भेजा गया था। लेकिन, जब नंबर वन स्क्वॉड्रन को हॉकर हरिकेन प्लेन मिले तो सिंह को वापस बुला लिया गया। 1944 में उन्हें स्क्वॉड्रन लीडर बनाया गया और उन्होंने अराकान कैंपेन के दौरान जापानियों के खिलाफ टीम को लीड किया। बर्मा, इम्फाल में सक्सेसफुल कैंपेन लीड करने की वजह से 1944 में सिंह को डिस्टिंगुइश्ड फ्लाइंग क्रॉस (DFC) दिया गया। आजादी के दिन 100 प्लेन्स का फ्लाई-पास्ट लीड किया.. - 15 अगस्त 1947 को सिंह को एक और सम्मान दिया गया। उन्हें दिल्ली के लाल किले के ऊपर से 100 IAF एयरक्राफ्ट्स के फ्लाई-पास्ट को लीड करने का मौका दिया गया। विंग कमांडर प्रमोट होने के बाद सिंह यूके के स्टाफ कॉलेज में भी गए और आजादी के तुरंत बाद उन्हें अंबाला में एयर ऑफिसर कमांडिंग बना दिया गया। - 1949 में एयर कोमोडोर प्रमोट किए जाने के बाद सिंह ने एयर ऑफिसर कमांडिंग ऑफ ऑपरेशनल कमांड का जिम्मा संभाला। इसे ही बाद में वेस्टर्न एयर कमांड कहा गया। सिंह लगातार प्रमोट होते रहे और 1962 की जंग खत्म होते-होते उन्हें DCAS बनाया गया और 1963 में वे VCAS बन गए। जिहादी हूं, अब गया में सीरियल ब्लास्ट का प्लान था: ATS से बोला आतंकी तौसिफ 15 September 2017 पटना.गुजरात के अहमदाबाद में 9 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड तौसिफ खान समेत 3 आतंकियों को बिहार एटीएस ने गिरफ्तार किया। तौसिफ गया के एक स्कूल में टीचर बनकर छिपा हुआ था। उसने मशहूर विष्णुपद मंदिर क्षेत्र समेत तीन जगहों पर तीर्थयात्रियों को टारगेट कर सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच ली थी। इसके लिए पिछले कुछ दिनों से रेकी भी कर रहा था। तौसिफ आतंकी साचिश का हर अपडेट इंटरनेट कैफे से मेल कर अपने हैंडलर्स को भेज रहा था। गुरुवार को पूछताछ में आतंकी तौसिफ ने बिहार एटीएस से कहा- ''हां मैं जिहादी हूं और जिहाद करने आया हूं। टारगेट एक्सपर्ट हूं, जहां भी टारगेट किया, कामयाब रहा। अब गया में ब्लास्ट का प्लान था।'' एनआईए समेत कई एजेंसियां आतंकियों से पूछताछ के लिए गया पहुंच चुकी हैं। तीनों के आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़े होने का शक है। सिमी आतंकी से गया में मिला था तौसिफ.... - खुफिया एजेंसी के मुताबिक, पकड़े गए दूसरे आतंकी गुलाम सरवर का कनेक्शन सिमी से रहा है। 2008 में अहमदाबाद ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद तौसिफ सबसे पहले गया में आकर इसी से मिला था। - वहीं तीसरा आतंकी शहंशाह उर्फ सानू खां है, जो करमौनी का रहने वाला है। गया के एक स्कूल में टीचर बनकर पनाह पाने वाला तौसिफ इस कदर कट्टरपंथी है, कि उससे जुड़ने वाला हर शख्स जेहादी बन जाता है। साइबर कैफे से रोज भेजता था अपडेट... - तौसिफ अपनी रोज की एक्टिविटीज का मेल के जरिए जवाब देता था। गया के साइबर कैफे से ही वह मेल भेजता था। टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम ने एक कैफे से कंप्यूटर को जब्त किया है, जिसमें मेल तौसिफ से जुड़ी कई जानकारी हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि आतंकी किसी चांद नाम के हैंडलर को मेल करता था, जिनमें पाकिस्तानी नारे और आतंकवाद से जुड़ीं बातें हुआ करती थीं। आतंकियों के टारगेट पर थीं गया की 3 जगह... - गया की तीन खास जगहें आतंकियों के निशाने पर थीं। देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए आस्था का केन्द्र विष्णुपद मंदिर के मेला क्षेत्र, महाबोधि मंदिर के अलावा गया जंक्शन को मुख्य रूप से टारगेट पर रखा गया था। - आतंकी तौसिफ विष्णुपद मेला में ब्लास्ट की प्लानिंग कर चुका था। इसके लिए कई महीनों से मेला क्षेत्र की रेकी भी कर रहा था। गया के ही दो संदिग्धों की मदद से वह आसानी से वहां पहुंच पाता था। 12 सांसदों को भेजा था IS से जुड़ा मेल... - पटना एडीजी एसके सिंघल के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकियों का कनेक्शन कई सांसदों और अफसरों से होने की बात सामने आई है। तौसिफ के ईमेल से खुलासा हुआ है कि वह इंटरनेट के जरिए आतंकी संगठन IS का प्रचार कर रहा था। उसने अलग-अलग राज्यों के 12 सांसदों को आईएस से जुड़ा मेल भेजा था, जिसमें आईएस के आदर्शों को बेहतर बताया गया। - बिहार एटीएस लगातार गुजरात की एजेंसी से बात कर रही है। आतंकी तौसिफ के मोबाइल का सीडीआर खंगाला जा रहा। इससे कई बड़े खुलासे की उम्मीद है। 9 साल से गया में था तौसिफ खान, खड़ा किया IS मॉड्यूल!.... # नाम-तौसिफ खान उर्फ अतीक। उम्र-35 वर्ष। रंग गेहुंआ और दिमाग शैतानी। पता-अहमदाबाद का जूहापुरा, यूनाइटेड अपार्टमेंट (फ्लैट नंबर ए-15)...। - कभी आईएम (इंडियन मुजाहिदीन) की टॉप आतंकियों में शामिल रहे तौसिफ की यही पहचान है। इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद वह आतंक की दुनिया में पहुंच गया। ‘अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट’ को अंजाम देने के बाद तौसिफ भाग कर अगस्त, 2008 में गया पहुंचा। फिर डोभी थाने के करमौनी गांव में नाम बदल कर अतीक के रूप में अंडरग्राउंड हो गया। पहले से संपर्क में रहे यहां के सना खान की मदद से उसे करमौनी के मुमताज पब्लिक हाईस्कूल में टीचर की नौकरी मिल गई। - तौसिफ गणित या साइंस के अलावा बाकी सब्जेक्ट पढ़ाता था। सैलरी के नाम पर एक-दो हजार रुपए ही मिलते थे। 3 साल बाद स्कूल की नौकरी छोड़कर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा। हालांकि, गिरफ्तारी के बाद जब उसका भंडा फूटा तो पता चला कि तौसिफ आईएसआईएस के प्रचार में लगा था। माना जा रहा है कि एजुकेशन की आड़ में उसने आईएस का गया मॉड्यूल तैयार कर लिया हो। हालांकि, एडीजी (हेडक्वार्टर) संजीव कुमार सिंघल ने कहा कि फिलहाल एजेंसियां जांच कर रही हैं। DUSU इलेक्शन रिजल्ट: प्रेसिडेंट पोस्ट पर NSUI और सेक्रेटरी पर ABVP की जीत 13 September 2017 नई दिल्ली.दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) इलेक्शन में एनएसयूआई ने प्रेसिडेंट पोस्ट पर कब्जा कर लिया और ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर आगे है। वहीं, एबीवीपी को सेक्रेटरी पोस्ट पर जीत मिली है और वाइस प्रेसिडेंट पर बढ़त बनाए हुए है। वोटों की गिनती नॉर्थ कैंपस के कम्युनिटी हॉल में वोटों में चल रही है। बीजेपी की स्टूडेंट विंग एबीवीपी 4 साल से प्रेसिडेंट पोस्ट पर काबिज थी, लेकिन इस बार एनएसयूआई कैंडिडेट रॉकी तुषीद को जीत मिली। इलेक्शन के लिए मंगलवार को 43% वोटिंग हुई। इसमें 50 से ज्यादा कॉलेजों के 1 लाख 30 हजार स्टूडेंट्स ने वोट डाला। वहीं, कॉलेज यूनियन के चुनावों के नतीजे का एलान मंगलवार देर रात ही कर दिया गया। ज्यादातर में एबीवीपी को जीत हासिल हुई।अपडेट्स... - न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनएसयूआई के प्रेसिडेंट कैंडिडेट रॉकी तुषीद को जीत मिली। सेक्रेटरी पोस्ट पर एबीवीपी की महामेधा नागर को जीत मिली। - , फिलहाल एनएसयूआई प्रेसिडेंट और ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर आगे है, जबकि एबीवीपी को वाइस प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी पोस्ट पर बढ़त मिलती दिख रही है। - DainikBhaskar.com के सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर एबीवीआगे चल रही थी, लेकिन 7वें और 8वें राउंड में अचानक एनएसयूआई को प्रेसिडेंट समेत तीन सीटों पर बढ़त मिल गई। - इस बार प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए ABVP की ओर से रजत चौधरी, NSUI की ओर से रॉकी तुषीर, आइसा के पॉल चौहा, निर्दलीय राजा चौधरी और अल्का चुनाव मैदान में हैं। # कौन-कौन चुनाव मैदान में.. पोस्ट NSUI ABVP कौन जीता प्रेसिडेंट रॉकी तुषीद रजत चौधरी NSUI वाइस प्रेसिडेंट कुनाल सहरावत पार्थ राणा ---- सेक्रेटरी मीनाक्षी मीणा महामेधा नागर ABVP ज्वाइंट सेक्रेटरी अविनाश यादव उमा शंकर ---- ABVP जश्न की तैयारियों में. - पिछले चार साल से डूसू इलेक्शन में परचम लहराने वाली एबीवीपी नतीजों से पहले अपनी जीत पक्की मान रही है। इसलिए पहले से जश्न की तैयारी भी कर ली गई है। - बता दें कि पिछले साल एबीवीपी ने प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी पोस्ट पर कब्जा किया था। जबकि एनएसयूआई को ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर जीत मिली थी। ज्यादातर कॉलेज काउंसिल में ABVP की जीत. - डूसू के अलावा कॉलेज काउंसिल के चुनावों में एबीवीपी ने जीत दर्ज की है। कॉलेज काउंसिल के नतीजे मंगलवार को ही देर रात घोषित कर दिए गए। कुल 18 में से 10 कालेजों में प्रेसिडेंट पोस्ट पर एबीवीपी का कब्जा रहा। इसके अलावा 8 कॉलेजों में वाइस प्रेसिडेंट, 9 कॉलेजों में सेक्रेटरी, 6 कॉलेजों में असिस्टेंट सेक्रेटरी पोस्ट पर एबीवीपी के कैंडिडेट्स ने बाजी मारी। - विवेकानंद लेडी कॉलेज की सातों सीटों पर एबीवीपी ने जीत हासिल की है। एबीवीपी ने इसे राष्ट्र की जीत बताया। वहीं, खालसा कॉलेज में इस बार भी शिरोमणी अकाली दल की स्टूडेंट विंग (सोई) का दबदबा रहा। साेई ने सभी छह सीटों पर जीत हासिल की। PGDAV में पहली बार स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल.. - डीयू के पीजीडीएवी कॉलेज (सांध्य) ने वोट देने वाले कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए स्मार्ट कार्ड जारी किया था। बिना इसके किसी भी स्टूडेंट्स को इंट्री नहीं दी गई। प्रिंसिपल डॉ. रवींद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि ऐसा प्रयोग पहली बार किया गया। पान की पीक जमीन पर थूककर हमें वंदे मातरम् बोलने का हक नहीं: मोदी 11 September 2017 नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशभर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के स्टूडेंट्स को सम्बोधित किया। मोदी ने कहा कि दुनिया को 2001 से पहले 9/11 के महत्व के बारे पता नहीं था। 125 साल पहले इसी दिए स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण देकर सबको चौंका दिया था। सफाई पर मोदी ने कहा, ''पान की पिचकारी धरती पर फेंकने वालों को वंदे मातरम् कहने का हक नहीं है। गांधीज-नेहरू, विवेकानंद, भगत सिंह के सपनों का हिंदुस्तान बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। आज भारत को देखने का दुनिया का नजरिया बदल चुका है। विवेकानंद में एक ताकत थी, एक आग थी... मोदी ने कहा, "मैं युवा साथियों का अभिनंदन करता हूं। आज 11 सितंबर है। विश्व को 2001 से पहले ये पता नहीं था कि 9/11 का महत्व क्या है। दोष दुनिया का नहीं था, उन्हें ये पता ही नहीं था। दोष हमारा था कि हमने ही उसे भुला दिया था। और हम न भुला देते तो शायद 21वीं सदी का 9/11 नहीं होता।" सवा सौ साल पहले भी एक 9/11 था, जिस दिन एक नौजवान ने, करीब-करीब आपकी उम्र का, गेरुआ कपड़ों में, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। गुलाम भारत में उसके चिंतन और भाषण में ये कहीं नहीं दिखती थी।" - "हजार साल की गुलामी के बाद भी उसके मन में विचार उमड़ रहे थे। हमारे देश में ये बात है कि चाहे कितनी भी नेगेटिव बातें क्यों न हों, इस महापुरुष में आखिर कौन सी ताकत थी कि उसके अंदर आग धधक रही थी। और वो दुनिया को एक सार्थक रास्ता दिखाने का प्रयास करता है।" - "दुनिया को ये पता भी नहीं था कि लेडीज एंड जेंटेलमेंट के अलावा भी कोई शब्द हो सकते हैं। लेकिन जिस वक्त माई ब्रदर्स एंड सिस्टर्स शब्द निकले, हर किसी का दिल जीत लिया।" विवेकानंद ने हमेशा भारत का महिमामंडन किया. - मोदी ने कहा, "इस महापुरुष ने पल दो पल में हजारों सालों में पनपी सभ्यताओं को अपना बना लिया था। 21वीं सदी की शुरुआत के इस 9/11 में उन्होंने प्रेम और करुणा का संदेश दिया था। उसी अमेरिका में उसी दिन हमला हुआ। तब सबको याद आया कि भारत के दिखाए रास्ते पर न चलकर किस तरह से विकृतिया आ जाती हैं।" - "विवेकानंद जी के दो रूप देखने को मिलते हैं। जहां भी गए पूरे विश्वास के साथ भारत के महिमामंडन करने में कभी थकते नहीं थे। दूसरे रूप में जब भारत में बात करते थे तो हमारे समाज की बुराईयों पर कठोराघात करते थे। आवाज उठाते थे। तब पूजा-पाठ, अंध परंपराएं थीं।" - "एक 30 साल का नौजवान ऐसे वक्त में ये कहने कि हिम्मत दिखाता था कि पूजा-पाठ से कोई भगवान नहीं मिलता है। जाओ गरीबों की सेवा करो।" आज हम लड़कियों को सम्मान से देखते हैं क्या?. - मोदी ने कहा, "संत परंपरा में वे गुरु खोजने नहीं निकले थे। वे सिर्फ सत्य की खोज कर रहे थे। रामकृष्ण परमहंस उन्हें मां काली के पास भेजते हैं। वो कौन सा लौह तत्व होगा उनके अंदर, जिन्होंने मां काली से भी कुछ नहीं मांगा।" - "अमेरिका में ब्रदर्स एंड सिस्टर्स कहने वाले विवेकानंद की तरह हम आज भारत में लड़कियों को आदर से देखते हैं क्या? जो देखते हैं उन्हें सौ बार नमन करता हूं। अगर नहीं देखते हैं तो विवेकानंद के शब्दों पर हमें तालियां बजाने का हक नहीं है। हम सोंचे कि जन सेवा प्रभु सेवा है। 30 साल का एक नौजवान दुनिया में जय जयकार करके आया हो।" - "उस वक्त दो घटनाएं हुई। एक ये और दूसरी जब रवींद्रनाथ टैगोर को नोबेल प्राइज मिला। दोनों बंगाल की संतान थीं। मुझे गर्व होता है कि भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश का राष्ट्रगान बनाने वाले मेरे देश के थे।" ...तो वंदेमातरम कहने का हक नहीं. - मोदी ने कहा, "पूरे हिन्दुस्तान से पूछ रहा हूं कि क्या हमें वंदेमातरम् कहने का हक है। मैं जानता हूं कि मेरी बात हजारों लोगों को चोट पहुंचाएगी। हम लोग पान खाकर भारत मां थूंके और कूड़ा कचरा फेंके और फिर वंदेमातरम् बोले, इसके लिए देश में पहला हक किसी को है तो भारत मां के उन सच्चे लोगों को है जो सफाई करते हैं।" - "इसलिए हम ये जरूर सोचें कि ये हमारी भारत माता सुजलाम सुफलाम भारत माता है। हम सफाई करें या नहीं, लेकिन गंदगी करने का हक नहीं है। गंगा की सफाई करें, स्नान करें लेकिन कोई ये सोचता है कि इसमें कचरा ना डालें। अगर आज विवेकानंद होते तो क्या हमें ये सब करने पर नहीं डांटते?" - "आज हम स्वस्थ हैं क्योंकि कोई सफाई करने वाला कर्मचारी हमारे आसपास है। इसीलिए मैंने बोल दिया पहले शौचालय फिर देवालय। बहुत लोगों ने मेरे बाल खींच लिए। मुझे खुशी है कि देश में आज ऐसी भी बेटियां हैं, जो शौचालय नहीं होने पर शादी नहीं करती हैं।" - "स्वामी विवेकानंद ने लोगों को देश की ताकत बताई। हिन्दुस्तान को दुनिया सांप-सपेरों का देश समझते थे। अहम ब्रह्मास्मि और कृणवंतो विश्व आर्यम ये आर्यम शब्द का मतलब है कि हम दुनिया को सुसंस्कृत करेंगे।" - "विवेकानंद की सफलता का भाव ये था कि उनके अंदर आत्मसम्मान और देश के गौरव का भाव था। तभी देश को रिप्रेजेंट कर पाए। आज हम कोई काम करने जाते हैं तो पहले सोचते हैं कि लगता नहीं है कि ये मुझसे हो पाएगा।" कुछ लोग मेक इन इंडिया का विरोध करते हैं - मोदी ने कहा, "जब मैं मेक इन इंडिया कहता हूं तो कई लोग इसका विरोध करते हैं। अगर कोई विवेकानंद और जमशेद जी टाटा के बीच पत्र व्यवहार को देखें तो आप पाएंगे कि विवेकानंद उनसे कहते हैं कि भारत में उद्योग लगाओ ना।" - "देश में कृषि को वैज्ञानिक ढंग से करने के लिए स्वामीजी उस दौर में करते थे। पहला इंस्टीट्यूट उन्हीं के नाम पर है।" - "आज आचार्य विनोबा भावे की भी जयंती है। हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शताब्दी समारोह मना रहे हैं। विनोबा जी के करीबी थे दादा धर्माधिकारी जी।" - "उन्होंने लिखा है कि एक युवा सिफारिश के लिए आया तो पूछा कि तुम्हें क्या आता है तो बोला मैं ग्रेजुएट हूं। पूछा टाइपिंग, खाना बनाना आता है तो फिर बोला मैं तो ग्रेजुएट हूं। इसीलिए विवेकानंद ने कहा है कि इंसान के दिल दिमाग में लाइब्रेरी भरी पड़ी है, जो पांच स्किल्स को लेकर जीता है। उसी का महत्व है।" - "उन्होंने स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया। हमने यही किया है, इसके लिए अलग से एक मिनिस्ट्री बनाई। मेरे देश का नौजवान नौकरी लेने वाला नहीं, देने वाला बनना चाहिए।" समाज के अंतिम व्यक्ति को भी फायदा मिले. - मोदी ने कहा, "पंडित दीनदयालजी ने भी अंत्योदय की बात कही थी, वे समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति को फायदा पहुंचाने की बात करते थे। विवेकानंद जी का सपना था कि भारत एक दिन विश्व गुरु बनेगा। अगर हम रूल फॉले करेंगे तब।" - "आज विवेकानंद, विनोबा भावे और भयानक 9/11 हादसे को याद करने का दिन है। नदियों को मां और पेड़ पौधों को पूजने वाले हम लोग संकटों को दूर करने के लिए कोशिश करें। लेकिन मेरे नौजवानों 2022 में रामकृष्ण मिशन के 125 साल, आजादी के 75 साल पूरे होने पर संकल्प लें।" - "हमारे देश में कॉलेजों की छात्र राजनीति करने वाले लोगों ने चुनाव में कभी कैंपस की सफाई की बात नहीं कहीं। आज देख सकते हैं कि छात्र राजनीति कहां से कहां पहुंच गई है। चुनाव के बाद वहां कचरा पड़ा होता है। अगर गांधी, विवेकानंद के सपनों का भारत बनाना है तो सफाई का संकल्प लेना होगा। अगर सवा सौ करोड़ देशवासी एक कदम चलें तो हिन्दुस्तान सवा सौ करोड़ कदम चलेगा।" किसी भी डे मनाने का विरोध क्यों? - मोदी ने कहा, "मैंने देखा है कि कुछ लोग कॉलेजों में डे मनाते हैं, आज रोज डे है। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं। मैं विरोधी नहीं हूं। कॉलेज विचार व्यक्त करने का स्थान है।" - "क्या हरियाणा का कॉलेज तय करता है कि आज तमिल डे या पंजाब का कॉलेज केरल डे मनाएगा। वहां की संस्कृति को जिएं। क्या इससे एक भारत श्रेष्ठ भारत नहीं बनेगा। हम देश की हर भाषा और लोगों के सम्मान का भाव पैदा करनी चाहिए। हम पंजाब के सिख गुरुओं का डे भी मना सकते हैं। हम रोबोट नहीं बन सकते। क्रिएटिविटी के बिना जीवन संभव नहीं है।" - "विवेकानंद कुए के मेंढक की कथा सुनाते थे। हम जय जगत वाले लोग हैं। उपनिषद् से उपग्रह तक की हमारी यात्रा पूरी हो गई है। हम कभी डरे नहीं हैं। जो भी आया उसे गले लगा लिया। मैं दूसरे देशों में जाता हूं तो देखता हूं कि हिन्दुस्तान को देखने का दुनिया का नजरिया बदल चुका है।" - "ये ताकत राजनीति से नहीं आप लोगों से हैं। हमें अपने अंदर की बुराइयों से लड़ना है। हमें देश को सबसे आगे रखना है। क्यों न मेरा नौजवान इसमें भागीदार बनें।" स्पीच के लिए उत्सुक हूं - स्पीच से पहले मोदी ने रविवार को ट्वीट कर बताया, ''कल यंग इंडिया-न्यू इंडिया के तहत स्टूडेंट्स को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं। स्वामी विवेकानंद के विचारों के प्रेरणा मिलती है। हमें वक्त रहते उठकर जागने और सपनों को पूरा करने की इच्छा शक्ति मिलती है। उन्होंने युवा शक्ति को देश को आगे ले जाने के लिए बड़ी ताकत बताया था।'' - मोदी की इस स्पीच को 'Young lndia, New lndia- A Resurgent Nation: from Sankalp to Sidhhi' टाइटल दिया गया है। - बता दें कि 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (अमेरिका) के विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था। सोमवार को इसके 125 साल पूरे हो रहे हैं। माना जा रहा है कि पीएम इस दौरान यंग इंडिया के लिए विवेकानंद की सीखों पर मैसेज दे सकते हैं। - लाइव स्पीच सुनने के लिए एचआरडी मिनिस्ट्री ने भी एक लिंक जारी किया है। इसके अलावा यूजीसी ने लाइव टेलिकास्ट के लिए सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को जरूरी इंतजाम पहले से करने का ऑर्डर दिया था। दिल्ली का सबसे महंगा बंगला, 476 करोड़ में बिका और 22 करोड़ में हुई रजिस्ट्री 9 September 2017 नई दिल्ली.डीएलएफ के चेयर मैन केपी सिहं की पोती डॉ. अनुष्का सिंह ने नई दिल्ली नगर पालिका (लुटियन जोन) के पृथ्वीराज रोड पर दिल्ली एनसीआर में 476.50 करोड़ रुपए में दिल्ली की सबसे मंहगा बंगला खरीदा है। बताया जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर में अब तक किसी भी घर को खरीदने के लिए यह सबसे अधिक कीमत है। डीएलएफ चेयरमैन केपी सिंह की पोती ने खरीदा. यह बंगला 7,143 मीटर में बना हुआ है और इसका बिल्ट अप एरिया 780 वर्ग मीटर का है जिसे दिवंगत एयर चीफ मार्शल प्रताप चंद लाल का परिवार बेच रहा है। बताया जा रहा है कि यह प्लॉट 6.36 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर के दर पर बेचा गया इस बंगले की रजिस्ट्री के लिए 22 करोड़ रुपए की स्टैंप ड्यूटी पेड पूर्व एयर मार्शल के तरफ से की गई है। बताया जा रहा है कि सर्कल रेट के दर से इस बंगले की कीमत 554 करोड़ रुपए होगी पहले से हैं इनके यहां कोरोड़ों के दो बंगले. चर्चा है कि इस बंगले की डील सर्कल रेट से कम दर पर हुई है। इस बारे में डीएलएफ के चेयरमैन से लेकर डा. अनुस्का तक इस बंग्ला और खरीद के रकम पर बात करने से दूरी बना रखी है। ज्ञात हो कि इससे पहले भी केपी सिंह की बेटी रेणुका तलवार ने वर्ष 2016 में 435 करोड़ रुपए में पृथ्वीराज सिहं रोड पर ही 4,925 मीटर में बना बंगला खरीदी थी। उस समय इस बंगले के प्रति वर्ग मीटर की कीमत 8.8 लाख रुपए लगाई गई थी। रेणुका ने इस बंगला को डीटीआई इंफोकॉर्प के मैनेजिंग डायरेक्टर कमल तनेजा ने बेचा था। गौरतलब है कि डीएलएफ के चेयरमैन केपी सिंह के पास डा. अब्दुल कलाम आजाद मार्ग पर दो बंगले जिसकी कीमत करोड़ों में है। मोदी ने म्यांमार के काली मंदिर में की पूजा, बहादुर शाह की मजार पर भी गए 7 September 2017 यंगून.नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय म्यांमार दौरा खत्म हो गया। गुरुवार को उन्होंने यहां 2500 साल पुराने श्वेदागॉन पैगोडा का दर्शन किया। वे बहादुर शाह जफर की मजार पर भी गए। इससे पहले, मोदी ने काली बाड़ी मंदिर में पूजा की। फिर आंग सान म्यूजियम गए। म्यूजियम में मोदी के साथ स्टेट काउंसलर आंग सान सू की भी थीं। बुधवार को मोदी बागान गए थे, जहां उन्होंने आनंद मंदिर का दौरा किया था। बाद में मोदी ने यंगून में भारतीय कम्युनिटी के लोगों को संबोधित किया था। अंग्रेजों ने यंगून में ही बहादुर शाह को कैद किया था... - बहादुर शाह जफर की मौत यंगून में ही हुई थी। मोदी ने बहादुर शाह की मजार पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। म्यांमार में ही 1857 के विद्रोह के अगुआ और आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर को कैद कर रखा गया था और उन्हें यहीं दफनाया भी गया। अंग्रेजों ने गुलाम भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों को यंगून (पुराना नाम रंगून) और मांडले की जेलों में कैद किया था। - मोदी से पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह और कांग्रेस लीडर सलमान खुर्शीद भी बहादुर शाह जफर की मजार पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित कर चुके हैं। पैगोडा कैम्पस में बोधि पौधा भी लगाया. - श्वेदागॉन पैगोडा को म्यांमार की सांस्कृतिक विरासत का शिखर कहा जाता है। मोदी ने पैगोडा के परिसर में एक बोधि पौधा भी लगाया। पैगोडा में भगवान बुद्ध के बाल और अन्य पवित्र अवशेष सुरक्षित रखे गए हैं। पैगोडा यंगून में रॉयल लेक के वेस्ट में स्थित है। पैगोडा की शुरुआत में लंबाई 8.2 मीटर थी, लेकिन आज ये 110 मीटर लंबा है। इसमें सोने की 100 प्लेट्स लगी हैं। स्तूप के शिखर पर 4,531 लगे हैं, इनमें सबसे बड़ा हीरा 72 कैरेट का है। हमारी सीमाएं ही नहीं, भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं.. बुधवार को भारतीय कम्युनिटी को एड्रेस करते हुए मोदी ने कहा था, "इस जगह का भारत से पुराना नाता भी है। मोदी ने कहा, "हमारी सीमाएं ही नहीं, भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं। मोदी ने कहा- हम देश के लिए बड़े और कड़े फैसले लेते हैं। हमारे लिए दल से बड़ा देश है।" दोनों देशों के बीच 11 करार.. - बुधवार को मोदी ने ने स्टेट काउंसर आंग सान सू की से पहली बाइलेट्रल बातचीत की। - दोनों देशों ने मैरिटाइम सिक्युरिटी और रिश्तों को मजबूत करने के लिए 11 समझौतों पर साइन किए। - भारत और म्यांमार के बीच डेमोक्रेटिक इंस्टीटयूट्शन को और मजबूत करना, इलेक्शन कमीशन एंड यूनियन इलेक्शन ऑफ म्यांमार, नेशनल लेवल इलेक्टोरल कमीशन ऑफ म्यांमार के मुद्दे पर हुए। - 2017 से 2020 के बीच कल्चर एक्सचेंज प्रोग्राम, म्यांमार प्रेस काउंसिल एंड प्रेस कॉउंसिल ऑफ इंडिया के बीच सहयोग, आईटी स्किल को बढ़ावा देने के लिए भारत और म्यांमार सेंटर स्थापित करने के लिए एग्रीमेंट और हेल्थ एंड मेडिसिन शामिल हैं। - दोनों देशों ने यामेंथिन में वुमंस पुलिस को ट्रेनिंग सेंटर को अपग्रेड करने पर भी करार किया। भारत-चीन के लिए अहम है म्यांमार. - म्यांमार को भारत के लिए साउथ-ईस्ट एशिया का एंट्री गेट माना जाता है। - चीन के लिए भी यह रणनीतिक अहमियत रखता है, ऐसे में भारत ही नहीं, बल्कि चीन भी यहां अपना दायरा बढ़ाने में जुटा हुआ है। म्यांमार चीन के वन बेल्ट-वन रोड (OBOR) प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है। लिहाजा भारत-चीन दोनों चाहेंगे कि म्यांमार उनके साथ खड़ा हो। मोदी का मिशन-350+, यूपी-बिहार समेत तटीय राज्यों की 270 सीटों पर रखा फोकस 4 September 2017 नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के चुनाव में जाने से पहले अपनी ड्रीम टीम चुन ली है। इसमें उन्होंने जातिगत, क्षेत्रीय और चुनावी राज्यों को एक साथ साधने की कोशिश की है। एक साथ चार ब्यूरोक्रैट को लाकर अटके पड़े विकास कार्यों मे तेजी लाने का भी संकेत दिया है। पढ़िए पूरा एनालिसिस... #उत्तर प्रदेश: - दोनों राज्यों में 120 लोकसभा सीट हैं। यूपी से 12 और बिहार से मंत्री। यूपी में सवर्ण मतदाताओं को साधने की कोशिश। - ब्राह्मण नेता कलराज मिश्र और महेंद्र नाथ पांडे के इस्तीफे लिए गए। पर महेंद्र नाथ पांडे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। - गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिद्वंद्वी राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला को मंत्री बनाया गया है। - जाट नेता संजीव बाल्यान की जगह उन्हीं की कम्युनिटी से आने वाले सत्यपाल सिंह को मंत्री पद में जगह दी गई। #बिहार: -बिहार से आर के सिंह और अश्विनी कुमार चौबे को मंत्री बनाया गया है। सिंह राजपूत और चौबे ब्राह्मण समाज से आते हैं। यानी सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश। - पार्टी का यहां पिछड़ों-दलितों में पकड़ रखने वाले जदयू, लोजपा, रालोसपा व हम से गठबंधन है। यानी यूपी की तर्ज पर सवर्ण, पिछड़े और दलितों का मजबूत संगठन बनाने की कोशिश। #दक्षिण और तटीय क्षेत्रों में फोकस - भाजपा ने 120 ऐसी सीटों पर फोकस किया है, जिसमें उसने कभी जीत हासिल नहीं की है। इसमें ज्यादातर सीटें दक्षिण और तटीय इलाकों से हैं। - ओडिशा के धर्मेंद्र प्रधान, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से संबंध रखने वाली निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाया है। इससे वो तीसरी बड़ी नेता हो गई हैं। #मोदी के सामने 4 बड़ी चुनौतियां 1. रेल को पटरी पर लाना: दो साल में 346 रेल हादसे और 277 मौतें। बुलेट ट्रेन शुरू करना। इसलिए प्रभु की जगह गोयल को जिम्मेदारी। 2. गंगा सफाई: 20 हजार करोड़ का मिशन। 12,500 करोड़ की 160 परियोजनाएं मंजूर हो चुकी हैं, पर 40 ही अब तक पूरी हो पाई। 3. नौकरियां: हर साल एक करोड़ नौकरी देने का वादा। पर सफलता नहीं मिली। 4. रक्षा: पाकिस्तान और चीन से भी निपटने की चुनौती। अरुण जेटली अतिरिक्त प्रभार के तौर पर देख रहे थे। सेना का मॉडर्नाइजेशन करना। #76 में से 73 कैबिनेट मंत्रियों की कुल संपत्ति 952 करोड़ रुपए, औसत 12.5 करोड़ - मोदी कैबिनेट के 9 नए मंत्रियों में से 7 की कुल संपत्ति 36.36 करोड़ रुपए है। यानी इनकी औसत संपत्ति 5.19 करोड़ है। दो मंत्री अभी सांसद नहीं हैं। इस कारण उनकी संपत्ति सार्वजनिक नहीं है। - इनमें सबसे अमीर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (14 करोड़) और सबसे कम संपत्ति (87 लाख) विरेंद्र कुमार की है। - पिछली मोदी कैबिनेट के 78 मंत्रियों की कुल संपत्ति करीब 1009 करोड़ रु. थी। मौजूदा 76 में से 73 मंत्रियों की संपत्ति 952 करोड़ और औसत 12.53 करोड़ है। पिछली कैबिनेट से 57 करोड़ रुपए कम। - मोदी सरकार के 43 मंत्रियों की उम्र 60 साल या इससे ज्यादा है। जबकि, पीएम मोदी समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों की औसत उम्र 59.19 साल है। - विरेंद्र सिंह और रामविलास पासवान की उम्र 71 साल। इनके अलावा 17 और मंत्री 65 या ज्यादा साल के हैं मंत्रिमंडल में। - 60 से 65 साल तक के 24 मंत्री हैं। 50 या इससे ज्यादा उम्र के 20 मंत्री हैं। - 50 साल से कम के 12 मंत्री हैं। सबसे कम 36 साल की मंत्री अनुप्रिया पटेल हैं। - मोदी की उम्र 66 साल है। इनके अलावा कैबिनेट में 7 और ऐसे मंत्री हैं, जिनकी उम्र 66 साल है। #उम्र- मोदी कैबिनेट की औसत उम्र 59.19 साल - मोदी के 76 सदस्यीय मंत्रिमंडल की औसत उम्र 59.19 साल है। जबकि यूपीए-2 के 77 सदस्यीय मंत्रिमंडल की औसत उम्र 65.3 साल थी। - यानी मोदी कैबिनेट अपनी पूर्ववर्ती कैबिनेट से 6.11 साल युवा है। #वुमन पावर- मोदी कैबिनेट में 22% महिलाएं - 76 सदस्यीय मोदी मंत्रिमंडल में 27 कैबिनेट मंत्री हैं। इनमें से छह महिलाएंं हैं। यानी 22%। वैसे मंत्रिमंडल में 9 महिलाएं हैं। - यानी 11.8%। जबकि यूपीए-2 सरकार में 77 लोगों की मंत्रिपरिषद में सिर्फ 7 महिलाएं थीं। #क्राइम: 21 मंत्रियों के खिलाफ केस, पिछली बार से तीन कम - पिछली मोदी कैबिनेट में 78 में से 24 मंत्रियों के क्रिमनल केस चल रहे थे। इस नई कैबिनेट में 76 में से 21 मंत्रियों के खिलाफ क्रिमनल केस हैं। - 7 नए मंत्रियों में से सिर्फ एक मंत्री खिलाफ क्रिमनल केस है। शिव प्रताप शुक्ला पर दो केस दर्ज हैं। #मोदी ने शेखावत को 2 मिनट दिए थे, पर 30 सेकंड में बात रख जीता दिल - गजेंद्र सिंह शेखावत क्षेत्र की समस्या लेकर मोदी के पास गए थे। दो मिनट का वक्त मिला, पर 30 सेकंड में ही बात पूरी कर दी। - मोदी ने पूछा तो सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को जोड़कर नए भारत निर्माण की योजना बताई। - मोदी करीब 7 मिनट तक उन्हें सुनते रहे। उसी शाम पीएमओ से फोन आया। बाद में प्रजेंटेशन के दौरान वे मोदी की निगाह में आए। - Quora पर शेखावत के 55,600 फॉलोअर हैं। ओबामा भी पीछे हैं। मोदी सरकार में तीसरा बड़ा फेरबदल, 9 मंत्रियों की होगी छुट्टी 2 September 2017 नई दिल्ली ।मोदी सरकार में रविवार सुबह तीसरा बड़ा फेरबदल होगा। करीब 9 मंत्रियों की छुट्टी होगी। नए मंत्री रविवार सुबह 10 बजे शपथ लेंगे। इनमें एनडीए के नए नवेले सहयोगी जदयू और अन्नाद्रमुक के भी नेता शामिल रहेंगे। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति भवन में सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण समारोह की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। .. अभी तक हो चुके है इतने इस्तीफे - शुक्रवार शाम श्रम एवं रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय ने भी इस्तीफा दे दिया। अभी तक बंडारू के अलावा राजीव प्रताप रूड़ी, संजीव कुमार बालियान, फग्गन सिंह कुलस्ते और महेंद्र नाथ पांडेय भी इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, उमा भारती और कलराज मिश्र ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। कम से कम दो और इस्तीफों की अटकलें हैं। - भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अभी संघ की बैठक में वृंदावन गए हैं। वह शनिवार शाम लौटेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह शनिवार शाम बैठक कर नए मंत्रियों के नाम फाइनल करेंगे। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद रविवार दोपहर 12 बजे मोदी चीन रवाना हो जाएंगे। मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री सहित 73 मंत्री हैं। यह संख्या 81 तक हो सकती है। मोदी के नए मंत्री.. - मंत्रिमंडल में कुछ पद खाली हैं, जबकि कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के पास दो-दो मंत्रालय हैं। अरुण जेटली वित्त और रक्षा मंत्रालय संभाल रहे हैं। - हर्षवर्धन, स्मृति ईरानी और नरेंद्र सिंह तोमर के पास भी अतिरिक्त कार्यभार है। सुरेश प्रभु बन सकते हैं पर्यावरण मंत्री... - लगातार बढ़ते रेल हादसों से विपक्ष के निशाने पर आए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने इस्तीफे की पेशकश की थी। - सूत्रों के अनुसार उन्हें पर्यावरण मंत्रालय सौंपा जा सकता है। रेल मंत्रालय परिवहन मंत्री को दिया जा सकता है। - रेलवे को परिवहन मंत्रालय के साथ ही जोड़ा जा सकता है। इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह सहित कुछ और मंत्रियों के भी पोर्टफोलियो बदले जा सकते हैं। मंत्रियों के कामकाज का ऑडिट कर लिए गए इस्तीफे.. -प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंत्रियों के काम का ऑडिट किया था। सबका रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया। - इसमें मंत्रालय से जुड़ी योजनाएं लागू करने से लेकर पार्टी की जिम्मेदारियों का लेखा-जोखा शामिल था। - एक्सल शीट पर तैयार इस आॅडिट के आधार पर ही कैबिनेट में फेरबदल किया जा रहा है। देश के बड़े मुस्लिम संगठनों ने की अपील, बकरीद पर सड़कों पर कुर्बानी न दें 30 Aug 2017 नई दिल्ली. देश के सभी बड़े मुस्लिम संगठनों ने समुदाय के लोगों से अपील की है कि बकरीद के दौरान सड़कों पर पशुओं की कुर्बानी न दें और साफ-सफाई बनाए रखें। दूसरे धर्मों को मानने वालों की आस्था का भी सम्मान करें और ऐसा कुछ भी न करें, जिससे लोगों को शिकायत का मौका मिले। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमात-ए-इस्लामी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशवरत और मरकाजी जमियत अहले हदीस ने साझा बयान में मुस्लिम समुदाय से यह अपील की है। इसमें कहा गया है, ‘पशुओं की कुर्बानी सड़कों के बजाय खुली और साफ-सुथरी जगह पर करें। बकरीद 2 सितंबर को देशभर में मनाई जानी है। असेंबली बाइपोल: दिल्ली की बवाना सीट AAP की झोली में, गोवा में पर्रिकर जीते 28 Aug 2017 नई दिल्ली.आंध्र प्रदेश, गोवा और दिल्ली की चार असेंबली सीटों पर हुए उपचुनाव के नजीते सोमवार को आए। दिल्ली में बवाना सीट पर 2 साल बाद आम आदमी पार्टी को फिर से जीत मिली। आप कैंडिडेट रामचंद्र ने बीजेपी के वेदप्रकाश को 24 हजार वोट से हराया। पार्टी से निकाले गए पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने तंज कसते हुए अरविंद केजरीवाल को जीत की बधाई दी। वहीं, गोवा की दोनों सीटें बीजेपी के खाते में आईं। पणजी में सीएम मनोहर पर्रिकर और वालपेई में विश्वजीत राणे को जीते। उधर, आंध्र की नंदयाल सीट पर टीडीपी के भुमा ब्रह्मानंद रेड्डी को जीत मिली। इन चारों सीटों पर 23 अगस्त को वोट डाले गए थे। बवाना:AAP को 24052 वोट से जीत मिली। शुरुआती दौर में पीछे चल रहे आप कैंडिडेट रामचंद्र को 59,886 वोट मिले। वहीं, बीजेपी के वेद प्रकाश 35,834 वोट के साथ दूसरे और कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र कुमार 31,919 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे। वहीं, 1413 लोगों ने नोटा को चुना। आप सपोर्टर्स ने जश्न शुरू कर दिया है। - AAP के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने सीएम केजरीवाल पर ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने लिखा- ''बवाना में जीत की बधाई @ArvindKejriwal, मेरे प्रयासों में कमी रही, आपके घोटालों को घर-घर तक नहीं पहुंचा सका, भ्रष्टाचार से जंग जारी रहेगी।'' - नंदयाल:टीडीपी कैंडिडेट भुमा ब्रह्मानंद रेड्डी ने 27,466 वोट से वाईएसआर कांग्रेस के कैंडिडेट शिल्पा मोहन रेड्डी को हराया। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा- ''आंध्र प्रदेश की जनता ने फिर डेवलपमेंट और गुड गवर्नेंस पर भरोसा जताया है।'' - पणजी:मनोहर पर्रिकर ने पहले राउंड से ही बढ़त जारी रखी। कुल तीन राउंड के बाद उन्होंने 4,803 वोट से जीत दर्ज की। इसके बाद पर्रिकर ने कहा है कि वो अगले हफ्ते राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा देंगे। - वालपेई:कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विश्वजीत राणे को जीत 10,066 वोट से जीत मिल गई है। वो पहले इसी सीट पर कांग्रेस के विधायक थे। चारों सीटों का क्या है हाल?.. # दिल्ली- बवाना सीट - नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली की इस सीट पर पिछले चुनाव में 62% के मुकाबले सिर्फ 45% वोट पड़े। यहां करीब 3 लाख वोटर हैं। - बीजेपी ने आप के टिकट पर 2015 में जीत दर्ज करने वाले वेद प्रकाश को कैंडिडेट बनाया। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मार्च में बीजेपी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार को टिकट दिया है। आप ने रामचंद्र को चुनाव मैदान में उतारा है। - 2015 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली आप के लिए बवाना में चुनाव अहम है। आप को गोवा और पंजाब के असेंबली, एमसीडी और राजौरी गार्डन असेंबली सीट पर हार मिली। इसके बाद सीएम केजरीवाल और पार्टी नेताओं ने तय किया था कि अब फोकस दिल्ली पर होगा। # गोवा- पणजी और वालपेई सीट. -यहां पणजी सीट पर 70% और वालपेई में 80% वोटिंग हुई। पणजी सीट पर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर चुनाव मैदान में उतरे। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के गिरीश चोडांकर और गोवा सुरक्षा मंच (GSM) के आनंद शिरोडकर से था। बीजेपी विधायक सिद्धार्थ कुनकालीनेकर के इस्तीफा देने के बाद ये सीट खाली हुई। - बुधवार को वोट करने के बाद पर्रिकर ने कहा था, 'मैं कोई अनुमान नहीं लगाऊंगा, लेकिन जीत काफी मजबूत होगी।' अब वे अगले हफ्ते राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा देंगे। - वालपेई सीट पर कांग्रेस से बीजेपी में आए विश्वजीत राणे ने जीत दर्ज की है। मई में गोवा असेंबली के फ्लोर टेस्ट के वक्त उन्होंने इस्तीफे दे दिया था। # आंध्र प्रदेश- नंदयाल सीट. - नंदयाल सीट पर 72% वोटिंग हुई। टीडीपी विधायक भुमा नागिरेड्डी के निधन के बाद कुरनूल जिले की नंदयाल सीट पर चुनाव हो रहा है। यहां कुल 2.19 लाख वोटर हैं। - सीएम चंद्रबाबू नायडू के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस ने इस चुनाव को सरकार के 3 साल के कामकाज की परीक्षा बताया है। वाईएसआर ने शिल्पा मोहन रेड्डी को टिकट दिया है। पार्टी प्रेसिडेंट जगनमोहन रेड्डी खुद यहां प्रचार कर चुके हैं। - यहां एक रैली में जगमोहन रेड्डी ने सीएम नायडू के लिए आपत्तिजनक बयान दिया था। इस पर इलेक्शन कमीशन ने सख्स रुख अख्तियार करते हुए आंध्र प्रदेश ईसी को फौरन कार्रवाई का ऑर्डर दिए। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। क्यों हुए उपचुनाव?. - बवाना:इस सीट से 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज कर विधायक बने वेद प्रकाश ने इस्तीफा देकर मार्च में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। - पणजी:यहां के बीजेपी विधायक सिद्धार्थ कुनकालीनेकर ने इस्तीफा देकर सीएम मनोहर पर्रिकर के लिए सीट छोड़ी। पर्रिकर को सीएम बनने के बाद 6 महीने असेंबली मेंबर बनना जरूरी था। - वालपेई:यहां से कांग्रेस के टिकट पर लड़े विश्वजीत राणे ने जीत दर्ज की थी। मई में गोवा असेंबली के फ्लोर टेस्ट के वक्त उन्होंने नाटकीय तरीके से विधायकी और पार्टी से इस्तीफे दे दिया था। - नंदयाल: कुरनूल जिले की ये सीट टीडीपी विधायक भुमा नागिरेड्डी के निधन के बाद खाली हो गई थी। स्मृति ने राज्यसभा सांसद के तौर पर संस्कृत में ली शपथ, शाह ने भी संभाली जिम्मेदारी 25 Aug 2017 नई दिल्ली.अमित शाह और स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली। ईरानी ने शपथ संस्कृत में पढ़ी। बता दें कि हाल ही में गुजरात की तीन सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में दोनों बीजेपी नेताओं ने जीत दर्ज की थी। दोनों नेताअों को 46-46 वोट मिले थे। तमाम विवादों के बीच कांग्रेस लीडर अहमद पटेल को भी तीसरी सीट से जीत हासिल हुई थी। सुषमा, उमा हर्षवर्धन ने भी संस्कृत में ली थी शपथ... - इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद सुषमा स्वराज, उमा भारती और हर्षवर्धन ने भी संस्कृत में शपथ ली थी। - उस वक्त डीवी सदानंद गौड़ा, अनंत कुमार और जीएम सिद्धेश्वर में कन्नड़ में, सर्वानंद सोनोवाल ने असमी और जुआल ओराम ने उड़िया में शपथ ली थी। UP में 12 विधायकों ने संस्कृत में ली थी शपथ...... - उत्तर प्रदेश में इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के 12 विधायकों ने संस्कृत में शपथ ली थी। इनमें संजय शर्मा, अनुपमा जयसवाल, सतीश द्विवेदी, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, पवन केडिया, धनंजय कनौजिया, आनंद स्वरूप शुक्ला, सुनील वर्मा, महेंद्र सिंह, सुरेश श्रीवास्तव, नीरज वोरा और शशांक त्रिवेदी शामिल थे। गुजरात में काउंटिंग के वक्त 8 घंटे चला था ड्रामा.... - गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की सीट को लेकर विवाद की स्थित बन गई थी। 8 अगस्त को वोटिंग विवाद पर करीब 8 घंटे तक काउंटिंग रुकी रही थी। - देर रात इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस की मांग पर कांग्रेस के दो एमएलए के वोट रद्द कर दिए, जिसके बाद फिर काउंटिंग शुरू हुई। कांग्रेस के अहमद पटेल अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। पटेल ने बीजेपी कैंडिडेट बलवंत सिंह को मात दी थी। कैसे आसान हुई अहमद पटेल की जीत ?.. - मंगलवार को 176 विधायकों ने वोट डाले। इस हिसाब से अहमद पटेल को जीत के लिए 45 वोट चाहिए थे। रात को कांग्रेस की शिकायत के बाद इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस के दो विधायकों के वोट रद्द कर दिए। - इसके बाद कुल विधायकों की संख्या घटकर 174 हो गई। अब जीत के लिए अहमद पटेल को 44 वोट की जरूरत थी, जो उन्हें मिल गए। नियमों के मुताबिक एक कैंडिडेट को जीत के लिए कुल वोट का एक चौथाई वोट जरूरी होता है। - पहले विधायकों का यह समीकरण था- गुजरात असेंबली में कुल 182 सीटें हैं। 6 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी है। सभी विधानसभा से भी इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद असेंबली में 176 MLA बचे । बीजेपी के 121 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के पास 51 विधायक हैं। इनमें से 6 विधायक बागी हो गए थे। विधानसभा उपचुनाव: दोपहर 1 बजे तक बवाना में 27%, पणजी सीट पर 35% वोटिंग 23 Aug 2017 नई दिल्ली.आंध्र प्रदेश, गोवा और दिल्ली की चार असेंबली सीटों के उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है। गोवा की दो सीटों में से एक पर खुद सीएम मनोहर पर्रिकर चुनाव मैदान में हैं। वहीं, दिल्ली की बवाना सीट पर आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला कड़ा है। आंध्र की नंदयाल सीट पर चुनाव जीतने के लिए सीएम चंद्रबाबू नायडू भी प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। दिल्ली में दोपहर 1 बजे तक 27% वोटिंग हुई। वहीं, गोवा में दोपहर 1 बजे तक पणजी सीट पर 35% और वालपेई सीट पर 40% वोटिंग हुई। आंध्र प्रदेश की नंदयाल सीट पर 10 बजे तक 30% वोटिंग दर्ज की गई थी। चारों सीटों के नतीजे नतीजे 28 अगस्त को आएंगे। VVPAT का इस्तेमाल....... # दिल्ली- बवाना सीट - वोटिंग के लिए वोटर वेरिफायड पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) से लैस ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। मतदान की रफ्तार थोड़ी सुस्त है। नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली की इस सीट पर कुल 379 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। यहां करीब 3 लाख वोटर हैं। - बीजेपी ने आप के टिकट पर 2015 में जीत दर्ज करने वाले वेद प्रकाश को कैंडिडेट बनाया है। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मार्च में बीजेपी में शामिल हो गए। कांग्रेस ने तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार को टिकट दिया है। आप ने रामचंद्र को चुनाव मैदान में उतारा है। - 2015 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी के लिए बवाना सीट पर चुनाव अहम माना जा रहा है। आप को गोवा और पंजाब के असेंबली, एमसीडी और राजौरी गार्डन असेंबली सीट पर हार मिली। इसके सीएम अरविंद बाद केजरीवाल और पार्टी नेताओं ने तय किया कि अब पूरा फोकस दिल्ली पर ही होगा। इसके लिए केजरीवाल समेत कई बड़े नेताओं ने बवाना में प्रचार किया। # गोवा- पणजी और वालपेई सीट VVPAT का इस्तेमाल....... - गोवा की पणजी सीट पर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के मैदान में उतरने से इस चुनाव पर सबकी निगाहें हैं। यहां पर्रिकर का मुकाबला कांग्रेस के गिरीश चोडांकर और गोवा सुरक्षा मंच (GSM) के आनंद शिरोडकर से है। बीजेपी विधायक सिद्धार्थ कुनकालीनेकर के इस्तीफा देने के बाद ये सीट खाली हुई। - बुधवार को वोट डालने के बाद पर्रिकर ने कहा, 'मैं कोई अनुमान नहीं लगाऊंगा, लेकिन जीत काफी मजबूत होगी।' दूसरी सीट वालपेई कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। - दोपहर 12 बजे तक पणजी सीट पर 34% और वालपेई सीट पर 40% वोटिंग हुई। # आंध्र प्रदेश- नंदयाल सीट.... - टीडीपी विधायक भुमा नागिरेड्डी के निधन होने के कारण कुरनूल जिले की नंदयाल सीट पर चुनाव हो रहा है। सीएम चंद्रबाबू नायडू के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस ने इस चुनाव को सरकार के 3 साल के कामकाज की परीक्षा बताया है। वाईएसआर ने शिल्पा मोहन रेड्डी को टिकट दिया है। पार्टी प्रेसिडेंट जगनमोहन रेड्डी खुद यहां प्रचार कर चुके हैं। - 10 बजे तक 30% वोटिंग हुई। केजरीवाल ने मानहानि केस में BJP नेता से माफी मांगी, कोर्ट को सौंपा लेटर 21 Aug 2017 नई दिल्ली.अरविंद केजरीवाल ने अपने खिलाफ दायर एक मानहानि केस में बीजेपी नेता से माफी मांग ली। उन्होंने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट को सौंपे लेटर में कहा कि मेरे कुछ पूर्व साथियों ने हरियाणा के बीजेपी नेता और पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना के भष्टाचार में लिप्त होने की जानकारी दी थी। इसके बाद मेरी ओर से उनके लिए कहे गए शब्दों और बयान पर खेद जताता हूं। ये जानकारी बाद में झूठी निकली। बता दें कि बीजेपी नेता ने 2014 में मानहानि केस फाइल कर 1 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा था। केजरी ने बीजेपी नेता के लिए क्या कहा.... - बीजेपी नेता भड़ाना का आरोप है कि दिल्ली के सीएम ने 31 जनवरी, 2014 को उनके लिए आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने कहा था कि अवतार सिंह भड़ाना देश के सबसे भ्रष्ट लोगों में से एक हैं। - इसके बाद उन्होंने केजरीवाल को लीगल नोटिस भेजकर बयान पर माफी मांगने के लिए कहा। नोटिस में भड़ाना ने कहा था कि आपके कमेंट से समाज में मेरे मान-सम्मान और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। बयान वापस लेकर माफी मांग लें। लेकिन ऐसा नहीं करने पर उन्होंने आम आदमी के चीफ के खिलाफ 1 करोड़ की मानहानि का केस दायर कर दिया माफीनामे में क्या लिखा? केजरीवाल ने कोर्ट को दिए लेटर में कहा, ''अवतार सिंह भड़ाना की ओर से दायर मानहानि केस में कोर्ट को बताना चाहता हूं कि कुछ पूर्व साथियों के दिए इनपुट के आधार पर मेरे द्वारा बीजेपी नेता के खिलाफ बयान दिया गया। इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। मुझे बाद में पता चला है कि उन पर लगाए आरोप झूठे निकले। बयान पर मुझे खेद है, चाहता हूं कि केस वापल ले लिया जाए।'' क्या जेटली से माफी मांगेंगे? - डीडीसीए में करप्शन के आरोप लगाने के बाद अरुण जेटली ने भी केजरीवाल समेत 5 आप नेताओं के खिलाफ के 10-10 करोड़ के दो मानहानि केस फाइल किए हैं। - इस मामले में सीनियर वकील राम जेठमलानी केजरीवाल की पैरवी कर रहे थे, लेकिन कुछ दिन पहले उन्होंने केस से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद जेठमलानी ने केजरीवाल को एक लेटर लिखा और वित्त मंत्री से माफी मांगने की सलाह दी है। राजधानी एक्सप्रेस में 25 पैसेंजर्स का सामान चोरी, रेलवे स्टाफ के शामिल होने का आरोप 17 Aug 2017 नई दिल्ली.मुंबई से दिल्ली आ रही अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस में बुधवार रात 25 पैसेंजर्स का सामान गायब हो गया। बदमाशों ने रतलाम स्टेशन के पास चलती ट्रेन में वारदात को अंजाम दिया। पैसेंजर्स की शिकायत के मुताबिक, करीब 10-15 लाख रुपए का सामान चोरी हुआ।दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन पर जीआरपी थाने में पैसेंजर्स ने केस दर्ज कराया है। बदमाशों ने 7 VIP कोच को निशाना बनाया....... - रेल मंत्रालय की ओर से दी गई शुरूआती जानकारी के मुताबिक, राजधानी एक्सप्रेस के 7 कोच (A1, A3, B6, B7, B9, B10 and B5) और AC-2 और AC-3 क्लास के सभी कोच बदमाशों के निशाने पर रहे। चोरी और लूटपाट की घटना रात करीब 2 से 3 बजे के बीच हुई। एक सीनियर अफसर ने न्यूज एजेंसी से कहा कि रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) के तीन अफसरों की टीम इस मामले की जांच कर रही है। - रेलवे के स्पोक्सपर्सन अनिल कुमार सक्सेना ने बताया कि घटना का खुलासा उस वक्त हुआ, जब ट्रेन राजस्थान के कोटा स्टेशन पर पहुंची। पैसेंजर्स ने अपने पर्स, मोबाइल और बैग देखे तो सब गायब थे, बाद में बाथरूम के पास पर्स और बैग खाली पड़े मिले। आरपीएफ ने लोगों से कोटा में एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा, लेकिन ज्यादातर ने फैसला किया कि वे निजामुद्दीन स्टेशन पर ही केस दर्ज कराएंगे। इस मामले में अब तक 11 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। रेलवे स्टाफ की मिलीभगत का आरोप - शिकायत में पैसेंजर्स ने बताया कि उनके पर्स में रखा कैश-ज्वैलरी, स्मार्टफोन-आईफोन और आधार कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज गायब हुए हैं। वारदात का शिकार हुए पैसेंजर्स का आरोप है कि रेलवे स्टाफ के साथ मिलकर बदमाशों ने उन्हें कोई नशीली चीज खिलाई, जिससे सभी गहरी नींद में सो गए। - रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि घटना में किसी रेलवे स्टाफ के शामिल होने की भी जांच कराई जा रही है। अगर कुछ भी ऐसा पता चला तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सीसीटीवी लगेंगे: प्रभु - रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, ''शुरुआत में डकैती की खबर मिली थी, लेकिन अब ऐसा सामने नहीं आया, ये दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए सभी कोच में सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। बेगमपुर इलाके में रेप का विरोध करने पर आरोपियों ने लड़की को चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया। 14 Aug 2017 नई दिल्ली.बेगमपुर इलाके में रेप का विरोध करने पर आरोपियों ने लड़की को चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया। लड़की फिलहाल हॉस्पिटल में भर्ती है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की मानें तो लड़की के सिर में 14 टांके आए हैं और कई हड्डियां टूट चूकी हैं। हालत में सुधार नहीं आने से उसकी सर्जरी नहीं हो पा रही हैं। फिलहाल डॉक्टर उसके होश में आने का इंतजार कर रहे हैं। आरोपी पहले लड़की के साथ काम करता था। फाइल स्टार होटल में जॉब करती है लड़की.... - उधर, मामले में पुलिस ने लड़की के दोस्तों और परिजनों की शिकायत के बाद आरोपी विकास को गिरफ्तार कर और उससे पूछताछ शुरू कर दी है। मामले में पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि 21 साल की लड़की फैमिली के साथ कीर्ति नगर में रहती है। वह रोहिणी के एक फाइव स्टार होटल में नौकरी करती है। - गुरुवार को वह अपने दो दोस्तों (एक लड़का और लड़की) के साथ घूमने निकली थी। उनके साथ दीपक भी आ गया, जो पहले उनके साथ होटल में नौकरी करता था। चारों कनॉट प्लेस जाने के लिए दीपक की एक ही बाइक पर बैठकर निकले। पंजाबी बाग में उनकी बाइक को पुलिस ने रोका और जब्त कर लिया। इसके बाद वह एक ऑटो में बैठकर लौटने लगे। लड़की को अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में ले गया आरोपी - रामा विहार इलाके में लड़की को साथ लेकर दीपक ऑटो से उतर गया। उसने बताया कि वह अपने घर से कार की चाबी लेकर आ रहा है। अपनी कार में वह उन्हें घर छोड़ देगा। लड़की को अपने घर ले जाने की वजाय वह एक अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर ले गया। उधर, ऑटो में बैठे साथी दोनों के आने का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने लोगों के चिल्लाने की आवाज सुनी। लोग एक बिल्डिंग की तरफ भाग रहे थे। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बताया कि एक लड़की को छत से फेंककर आरोपी फरार हो गया है। पेट के कीड़े मारने की सरकारी दवा खाने से 75 बच्चे बीमार, हालत खतरे से बाहर 10 Aug 2017 नई दिल्ली.नोएडा सेक्टर-53 के एक स्कूल में सरकारी दवा खाने के बाद 75 बच्चे बीमार हो गए। गुरुवार को सभी स्टूडे्ंट्स को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बच्चों को यूपी हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से मुफ्त में कीड़े मारने की दवा खिलाने के लिए कैंप लगाया गया था। बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बता दें कि हर साल 10 अगस्त को नेशनल डीवार्मिंग डे मनाया जाता है। इस मौके पर बच्चों को सरकारी दवाई खिलाई जाती है। बच्चों ने की सिरदर्द और उल्टी की शिकायत... - जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-53 के मदन मोहन मालवीय स्कूल में नेशनल डीवार्मिंग डे पर बच्चों को दवा खिलाई गई। इसके बाद कई बच्चों की तबीयत खराब होने लगी। ज्यादातर स्टूडेंट्स ने सिर दर्द और उल्टी की शिकायत की। - इसकी जानकारी मिलते ही स्टूडेंट्स को सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टर ने बताया कि एलबेंडाजोल की खुराक देने से सिर दर्द, उल्टी होना आम बात है। जांच के बाद सभी बच्चों की हालत ठीक है। स्कूल मैनेजमेंट ने क्या कहा? - स्कूल मैनेजमेंट ने बताया कि स्कूल में 5th क्लास तक के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा दी गई। जैसे ही कुछ बच्चों ने सिरदर्द की शिकायत की तो तुरंत एम्बुलेंस बुलाई गई। सभी स्टूडेंट खतरे से बाहर हैं। - बता दें कि हर साल 10 अगस्त को नेशनल डीवार्मिंग डे मनाया जाता है। इस मौके पर बच्चों को सरकारी दवाई खिलाई जाती है। पहले भी बच्चों की तबीयत बिगड़ने के मामले सामने आ चुके हैं। देश में ऐसे भी तत्व रहे जिनका आजादी दिलाने में कोई योगदान नहीं रहा: सोनिया 9 Aug 2017 नई दिल्ली. भारत छोड़ो आंदोलन की 75th एनिवर्सरी पर बुलाए गए संसद के स्पेशल सेशन में सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा कि गांधीजी सांप्रदायिकता के खिलाफ थे। लेकिन आज भी ये बात दिखाई देती है। जेल में सबसे लंबा वक्त बिताने वाले नेता नेहरू थे। वहीं देश में कुछ तत्व ऐसे भी रहे जिनका आजादी दिलाने में कोई योगदान नहीं रहा। देशवासियों में आज भी शंका.. - सोनिया ने कहा, ''प्रदर्शनकारी निडर रहे और झुके नहीं। भारतीय आंदोलन मिसाल बन गया लेकिन इसके लिए हमें अनगिनत कुर्बानियां देनी पड़ीं। आज वही कुर्बानियां हमें वह मौका देती हैं कि हम उन्हें आदर के साथ याद करें। आज जब हम उन शहीदों का नमन कर रहे हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उस दौर में ऐसे संगठन और व्यक्ति भी थे, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था। उन तत्वों का हमारे देश को आजादी दिलाने में कोई योगदान नहीं रहा।'' - ''देशवासियों को आज शंका भी है। जहां आजादी का माहौल था, वहां भय नहीं फैल रहा है। जो विचारों की आजादी, स्वेच्छा की आजादी, आस्था और समानता की आजादी कानून पर आधारित है, भारत छोड़ो आंदोलन हम सभी को इसकी याद दिलाता है कि हम भारत के विचारों को संकीर्ण विचारों वाले, साम्प्रदायिक तत्वों का कैदी नहीं बनने दे सकते।'' - ''हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने न्यायसंगत भारत के लिए लड़ाई लड़ी। ऐसा लगता है कि आज नफरत और विभाजन की राजनीति के बादल छा गए हैं। ऐसा लगता है कि सेकुलर, लोकतांत्रिक और उदारवादी मूल्य खतरे में पड़ते जा रहे हैं। पब्लिक स्पेस में विचारों की आजादी कम होती जा रही है। कानून के राज पर गैर-कानूनी शक्तियां हावी होती दिखाई देती हैं।'' - ''भारत छोड़ो आंदोलन हम सभी को प्रेरणा देता है कि अगर हमें अपनी आजादी को सुरक्षित रखना है तो हमें हर तरह की दमनकारी शक्ति के खिलाफ संघर्ष करना होगा चाहे वे कितनी भी समर्थ और सक्षम हों। हमें आज भी उस भारत के लिए लड़ना है, जिस भारत में हम विश्वास रखते हैं। जो भारत हमें प्यारा है, जिस भारत में जन-जन आजाद है, जिसकी आजादी निर्विवाद है।'' सोनिया ने कहा- गांधीजी के शब्दों ने पूरे देश को आंदोलित किया - यूपीए चेयरपर्सन ने कहा, ''आज हम यहां 75 साल पुरानी भारत छोड़ो आंदोलन की यादें ताजा करने इकट्ठा हुए हैं। मुझे गर्व है कि मैं यहां खड़े होकर इंडियन नेशनल कांग्रेस के हजारों महिला-पुरुष कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दे रही हूं। आज ही के दिन महात्मा गांधी ने मुंबई में जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के प्रस्तावित संकल्प को स्वीकार किया। उसमें अंग्रेजी हुकूमत से देश छोड़ने को कहा गया था। इस संकल्प के पारित होने के बाद महात्मा गांधी ने अपने भाषण के अंत में जो कहा, मैं उसे दोहरा रही हूं। '' - ''गांधीजी ने कहा था कि मैंने कांग्रेस को प्रतिज्ञा दिलाई है कि वह करे या मरे। इन शब्दों ने पूरे देश को आंदोलित कर दिया। अंग्रेजों ने कांग्रेस नेताओं को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। हजारों लोगों को दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने तक जेल में रखा गया। नेहरू ने देश में अपना सबसे लंबा समय बिताया। कुछ कांग्रेस नेता तो बीमारी की वजह से जेल से जिंदा भी बाहर नहीं आ सके।'' - ''इस आंदोलन को जिंदा रखने के लिए कई महिलाओं-पुरुषों को अंडरग्राउंड होना पड़ा। अंग्रेजों ने दमन किया। कार्यकर्ताओं पर गोलियां बरसाईं। अंग्रेजों के आदेशों को नहीं मानने वालों पर कोड़े बरसाए गए। राष्ट्रवादी अखबारों पर पाबंदियां लगाई गईं। पुलिस ने महिलाओं का उत्पीड़न किया। कैदियों की बर्बरतापूर्वक पिटाई की। उन्हें बर्फ की सिल्लियों पर निर्वस्त्र कर तब तक रखा गया, जब तक वे बेहोश नहीं हो गए।'' करेंगे या मरेंगे - मोदी ने कहा, "इतिहास की घटनाएं हमारे लिए आज किस प्रकार सार्थक बने, इसका प्रयास रहना चाहिए।" - "आजादी के आंदोलन में कई उतार-चढ़ाव आए। भारत छोड़ो आंदोलन अंतिम व्यापक जनसंग्रह था। 1942 में ऐसी पीठिका तैयार हुई थी कि देश के हर कोने में लोगों में आजादी की अलख जग गई थी।" - "तिलक ने पूर्ण स्वराज का नारा दिया था। 1920 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन चलाया। भगत सिंह, राजगुरु, चापेकर बंधुओं ने अलग-अलग समय पर बलिदान दिया।" - "गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन में शब्द गूंजे- करेंगे या मरेंगे। देश के लिए ये अजूबा था। गांधीजी ने कहा था कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता से कम में संतुष्ट होने वाला नहीं हूं।" - "जंजीरें और किताबें बुक में लिखा है- हर व्यक्ति उस वक्त नेता बन गया। हर घर भारत छोड़ो आंदोलन का ऑफिस बन गया था। हर व्यक्ति में भारत छोड़ो की बात घर कर चुकी थी। 1942 के बाद जहां-जहां उपनिवेशवाद के खिलाफ क्रांति भड़की, उसका श्रेय भारत को जाता है।" जेटली बोले- सद्भावना बनी रहे - जेटली ने कहा, "आज भी हजारों लोग गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे हैं। देश की सुरक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन के लिए और साधन डालने की जरूरत है।" - "अलग-अलग जातियां, धर्म इस देश का अंग हैं। जरूरी ये है कि सद्भावना बनी रहे। आज की तारीख में जागरूकता और अकाउंटेबिलिटी बढ़ी है। अगर हम चाहते हैं कि हम दुनिया में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनें तो इसके लिए देश में मेलजोल और एकता बनी रहनी चाहिए।" - "आज का ये दिन इतिहास का प्रतिनिधि है। लिहाजा हम देश को न्यायसंगत और प्रगतिशील बनाएं। इस दिन हमें प्रस्तावना करनी चाहिए कि देश को इस दिशा में लेकर जाएंगे।" मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव पर राज्यसभा में हंगामा 4 Aug 2017 नई दिल्ली. राज्यसभा में शुक्रवार को मुगल सराय स्टेशन का नाम बदलने पर हंगामा हुआ। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार पहचान बदलना चाहती है। मुगल सराय को पूरी दुनिया में लोग जानते हैं। जवाब में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "वो लोग मुगलों के नाम पर स्टेशन का नाम रख लेंगे, दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर नहीं रखेंगे।" बता दें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव भेजा था। अपोजिशन सुषमा के बयान पर भी हंगामा कर सकता है। विपक्ष की सुषमा के इस बयान पर भी नाराजगी है, "नेहरू ने व्यक्तिगत रूप से सम्मान कमाया लेकिन मोदी ने पूरे देश को सम्मान दिलाया। पाक से रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं...... - न्यूज एजेंसी के मुताबिक सुषमा ने गुरुवार को संसद में कहा था, "2014 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम पड़ोसी नेताओं के साथ नवाज शरीफ को भी न्योता भेजा गया था। तब से लेकर आज तक पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं।" - "जब मैं 9 दिसंबर, 2015 को हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान गई थी, तब शरीफ ने नए सिरे से बातचीत शुरू करने की बात कही थी। इसे हमने कॉन्प्रीहेंसिव बाइलेट्रल डायलॉग कहा था।" - "पाकिस्तान से रिलेशन उस वक्त ऊंचाई पर पहुंच गए, जब 25 दिसंबर, 2015 को मोदी प्रोटोकॉल को दरकिनार कर शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने लाहौर पहुंच गए। नवाज ने उन्हें बुलाया तो पीएम चले गए। पीएम का काबुल से लाहौर तक जाना सब पब्लिक डोमैन में है।" - "1 जनवरी 2016 को पठानकोट पर आतंकी हमला हुआ। इसके बाद भी दोस्ती बदरंग नहीं नहीं हुई। पाक ने पहले की तरह ही इससे पल्ला झाड़ा और एक जांच टीम गठित कर दी।" - "कहानी वहां बदली, जब हिजबुल मुजाहिदीन नाम का हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर एनकाउंटर में मारा गया और पाक ने उसे शहीद घोषित कर दिया। और क्या बोलीं थी सुषमा? - सुषमा ने कहा, "18 सांसदों ने चर्चा में भाग लिया। आनंद शर्मा जी का शुक्रिया। उन्हें टोन सेट किया। नेहरू ने देश का मान बढ़ाया, ये सच है। नेहरू ने व्यक्तिगत तौर पर सम्मान कमाया और मोदी ने देश को सम्मान दिलाया। अब सरकार का दृष्टिकोण सुनिए। सबने कहा कि हमारे पड़ोसियों से रिश्ते खराब हैं। पाकिस्तान, चीन और रूस मुद्दा उठा। इजराइल का भी जिक्र हुआ।" - "जहां तक पड़ोसी देशों का संबंध है। हम किसे मित्र कहते हैं? जो संकट में मदद करें। मालदीव का पानी संकट आया। मैंने तीन घंटे में रेल नीर भेजा। श्रीलंका में मदद की। नेपाल में भी किया। डोनर कॉन्फ्रेंस में भारत ने 1 बिलियन डॉलर दिए। 17 साल तक भारत का कोई पीएम नेपाल नहीं किया। 11 साल तक कांग्रेस की सरकार थी। राजीव जी की सरकार के वक्त क्या हुआ? जो पीएम ना जाए तब अच्छा और जो दो पीएम दो-दो बार जाए वो संबंध खराब। चीन ने पाकिस्तान और श्रीलंका में पोर्ट कब बनाए? 2008 में तब किसकी सरकार थी? कोलंबो में 2011 में शुरू हुआ 2014 में पूरा हुआ? अगर आप इतने परेशान हैं तो देश के सामने 2008 का जिक्र क्यों नहीं। जो चिंताए आप बता रहे हैं तो उसके जन्मदाता आप हैं। आज हम पर आरोप ना लगाएं। हमने तो इसे सिक्योर किए। श्रीलंका ने चीन से कहा है कि कंट्रोल श्रीलंका का रहेगा।" - "रामगोपाल जी से कहना चाहूंगी कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। सेना तो युद्ध के लिए ही होती है। इसके बाद भी तो बात करनी पड़ती है। डिप्लोमैटिक चैनल्स खुले हैं। आज आर्थिक ताकत जरूरी है। मैं शरद जी की बात से सहमत हूं। पड़ोसियों को साथ रखना जरूरी है। मोदी कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास का मतलब पड़ोसियों के विकास से भी है। हमारी जो आर्थिक क्षमता है, वही हमें आगे लेकर जाएगी।" चोटी काटने के शक में 3 बहुरूपियों को गांववालों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा 2 Aug 2017 नई दिल्ली.दक्षिण-पश्चिम जिले के छावला इलाके में तीन महिलाओं की चोटी काटने की घटना के बाद गांव में इस कदर डर का माहौल है कि वह हर किसी को शक की निगाह से देख रहे हैं। गांव वालों के शक ने मंगलवार को तीन लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी। बता दें कि पिछले कई दिनों राजस्थान, हरियाणा, वेस्ट यूपी और दिल्ली में चोटी काटाने की घटनाएं सामने आई हैं। वहीं, लोग इसे भूत आत्माओं का काम मान रहे हैं और बचाव के लिए घरों के दरवाजों पर नीबू, मिर्च, प्याज और नीम की पत्तियां लटका रहे हैं। बहुरूपियों को पुलिस ने पकड़ा..... - दरअसल, तीनों लोग बहुरूपिया बन कर हुई कमाई से अपना गुजारा करते हैं। मंगलवार सुबह गांव के बाहर खेत के पास तीनों अपना भेष बदल कर मेकअप कर रहे थे। तभी गांव के कुछ युवकों उन्हें पकड़ लिया। इसी दौरान इस बाबत किसी ने पुलिस को सूचित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस तीनों को थाने लेकर आई। पुलिस को पूछताछ में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। जिसके बाद तीनों को जाने की इजाजत दे दी गई। अब पालम में आया चोटी काटने का मामला छावला में चोटी काटने का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि मंगलवार को पालम के साध नगर में रहने वाली महिला ने अपनी चोटी कटने का दावा किया है। महिला का दावा है कि वह अपने पौत्र को स्कूल से लेकर घर पहुंची थी कि उसका सिर काफी भारी होने लगा। जिसके चलते वह सोफे पर लेट गई। इसी दौरान रेवाड़ी में रहने वाली उनकी बहन का फोन आया। वह मोबाइल फोन पर बात करते हुए घर से बाहर निकल गई, जब सिर पर हाथ फेरा तो पता चला कि उनकी चोटी कटी हुई है। महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। सरकार VHP, बजरंग दल जैसे संगठनों और गोभक्तों को बढ़ावा देती है: कांग्रेस 31 July 2017 नई दिल्ली. संसद में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। अपोजिशन ने सरकार को विधायकों की खरीद-फरोख्त और भीड़ की हिंसा के मुद्दे पर जमकर घेरा। राज्यसभा में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिस ने विधायकों को किडनैप कर लिया है। बीजेपी, कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है। वहीं, लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार परोक्ष रूप से वीएचपी, बजरंग दल जैसे गुटों और गोभक्तों को सपोर्ट करती है। 22 विधायकों को 15-15 करोड़ रुपए ऑफर किए गए... - कांग्रेस ने रविवार को बेंगलुरु में मीडिया के सामने अपने 42 विधायकों की परेड करवाई। कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने दावा किया कि सभी विधायक मर्जी से यहां आए हैं और पार्टी में कोई कलह नहीं है। - गोहिल ने आरोप लगाया कि 8 अगस्त के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए बीजेपी उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही थी। 22 विधायकों को 15-15 करोड़ रुपए ऑफर किए गए। लेकिन विधायक न तो बिके और न ही गुंडों से डरे। - उन्होंने ये भी कहा, "विधायक मौज-मस्ती के लिए यहां नहीं आए। हम लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ रहे हैं।" - बता दें कि गुजरात में कांग्रेस के 7 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पार्टी ने सभी MLAs को शुक्रवार रात बेंगलुरू भेज दिया। कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वो पैसे और ताकत के दम पर उनके विधायकों को प्रभावित कर रही है। अपोजिशन लगातार कर रहा हंगामा... - राज्यसभा में बुधवार को सत्ता पक्ष और अपोजिशन के बीच स्थगन प्रस्ताव को लेकर तीखी बहस हुई थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की स्पीच पर भी हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा। - अरुण जेटली ने कहा कि पब्लिसिटी के लिए स्थगन प्रस्ताव का गलत इस्तेमाल किया रहा है। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को दरकिनार करने का काम कर रही है। राष्ट्रपति ने अपनी स्पीच में पं. दीनदयाल उपाध्याय की तुलना महात्मा गांधी से की। बता दें कि रामनाथ कोविंद ने अपनी स्पीच में महात्मा गांधी, दीनदयाल उपाध्याय, राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे कलाम और प्रणब मुखर्जी का जिक्र किया था। ऐसे गरमाया मामला राज्यसभा में मामला तब गरमाया जब उपसभापति पीजे कुरियन ने कांग्रेस के आनंद शर्मा को अपनी बात नियम 267 के अंतर्गत रखने के लिए कहा। - जेटली ने कहा, "हम देख रहे हैं कि मामलों को नियम 267 के तहत नहीं लाया जाता। इसका गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। शून्यकाल का इस्तेमाल टीवी कैमरों पर फायदा पाने के लिए नहीं किया जा सकता। शर्माजी के बयान को कार्यवाही से हटा देना चाहिए। अगर कोई मेंबर समझौता ब्लास्ट का मामला लाना चाहता है, तो उसकी अनुमति देनी चाहिए।" - जेटली ने ये भी कहा कि कुछ मेंबर्स ने शून्यकाल में नोटिस दिए थे। उपसभापति को उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की बात पर सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए। विपक्ष ने लगाए ये आरोप... - गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार गांधी-नेहरू जैसे नेताओं का अपमान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी। जिन लोगों की शताब्दी मनाई जा रही है, उनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा। सरकार अपने आप से ही फैसला से रही है। - कुरियन ने कहा कि नियम 267 के तहत सभी नोटिस खारिज किए जाते हैं। मुझे अधिकार है किसकी बात को सुना जाए। क्या बोले थे कोविंद?.. - 14वें राष्ट्रपति कोविंद ने मंगलवार को शपथ ग्रहण के बाद पहली स्पीच में बताया कि राष्ट्र निर्माता कौन कहलाता है। उन्होंने 8 नेताओं- महात्मा गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सरदार पटेल, भीमराव अंबेडकर, दीनदयाल उपाध्याय, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी का नाम लिया। - राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "आज पूरे विश्व में भारत के दृष्टिकोण का महत्व है। विश्व समुदाय हमारी तरफ देख रहा है। हम तेजी से विकसित होने वाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था है। हमें समान मूल्यों वाले अवसर का निर्माण करना होगा। ऐसा समाज जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय ने की थी।" - "संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल तत्वों का पालन किया जाता है। मैं भी यही करूंगा। 125 करोड़ नागरिकों ने जो विश्वास जताया, उस पर खरा उतरने का वचन देता हूं। मैं डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. राधाकृष्ण, डॉ. कलाम और प्रणब मुखर्जी जिन्हें हम प्रणब दा कहते हैं, उनके पदचिह्नों पर चलने जा रहा हूं।" - कोविंद ने कहा, "महात्मा गांधीजी ने हमें मार्ग दिखाया। सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया। वे राजनीतिक स्वतंत्रता से संतुष्ट नहीं थे। वे करोड़ों लोगों की आर्थिक स्वतंत्रता का लक्ष्य चाहते थे।" आप हमारी PM होतीं तो ये देश बदल गया होता: PAK की महिला ने सुषमा से कहा 28 July 2017 नई दिल्ली. फॉरेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज मदद मांगने वालों को सोशल मीडिया पर तुरंत जवाब देती हैं। उनके इस बर्ताव की पाकिस्तान की एक महिला ने तारीफ की है। हिजाब आसिफ नाम की पाकिस्तानी महिला ने सुषमा के एक ट्वीट के जवाब में लिखा है, "आपको यहां से ढेर सारा प्यार और सम्मान। काश आप हमारी प्रधानमंत्री होतीं, तो ये देश बदल गया होता। इलाज के लिए मांगा है भारत का वीजा....... - दरअसल हिजाब आसिफ ने भारत में इलाज कराने के लिए एक पाकिस्तानी सिटीजन के एप्लिकेशन पर सुषमा को ट्वीट कर मदद मांगी थी। पाकिस्तानी शख्स भारत आना चाहता है, लेकिन उसे मेडिकल वीजा नहीं मिल पा रहा है। - सुषमा ने हिजाब को निराश नहीं किया और उन्होंने इस्लामाबाद में इंडियन हाई कमीशन को पाकिस्तानी सिटीजन को भारत का वीजा देने का निर्देश दिया है आपको क्या कहूं- सुपरवुमन या भगवान सुषमा के इस बर्ताव की तारीफ में हिजाब ने एक अन्य ट्वीट भी किया। लिखा, "आपको मैं क्या कहूं? सुपरवुमन? या भगवान? आपकी उदारता का बखान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। लव यू मैम, मेरी आंखों में आंसू हैं, आपकी तारीफ से खुद को रोक नहीं सकती।" सुषमा ने सरताज अजीज पर निशाना साधा..... - इस मामले के बहाने सुषमा ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज पर निशाना साधा। सुषमा ने हिजाब आसिफ को टैग करते हुए ट्वीट किया और लिखा, "क्या आप जैसे सीरियस केस में भी सरताज अजीज साहिब ने चिट्ठी देने से मना कर दिया?" - जवाब में हिजाब आसिफ ने लिखा, "मैम हमारी सरकार में आप जैसा कोई नहीं है, हमारे पास सरताज अजीज हैं, पर कोई नहीं जानता वे हैं भी या नहीं।" - हिजाब ने कहा, "हमारी सरकार करप्ट है, हम भारत से नफरत नहीं करते, मैं भारत और भारतीयों से प्यार करती हूं, वास्तव में यहां सभी करते हैं।" - दरअसल, कुछ समय पहले सुषमा ने कहा था कि पाकिस्तानी सिटीजंस को इलाज के लिए भारत आने की इजाजत मिलती रहेगी, लेकिन अपने वीजा एप्लिकेशन के साथ उन्हें पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से जारी सिफारशी चिट्ठी भी देनी होगी। जाधव को फांसी की सजा के बाद से मेडिकल वीजा प्रॉसेस में देरी.. हर साल सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तानी सिटीजन भारत में इलाज कराने आते हैं। कई हॉस्पिटल्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वे हर महीने कम से कम 500 पाकिस्तानी मरीज देखते हैं। लेकिन पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट द्वारा इंडियन सिटीजन कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने से दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव के चलते मेडिकल वीजा को मंजूरी दिए जाने की प्रॉसेस धीमी हो गई है नीतीश ने महागठबंधन को धोखा दिया, 3-4 महीने से चल रही थी प्लानिंग: राहुल 27 July 2017 नई दिल्ली. बिहार में नीतीश कुमार के बीजेपी का दामन थामने पर लालू प्रसाद के बाद अब राहुल गांधी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा नीतीश कुमार की यह प्लानिंग तीन-चार महीने से चल रही थी और उन्हें इसके बारे में पता था। इससे पहले लालू ने भी बुधवार को माना था कि बिहार में जाे कुछ हुआ उसकी स्क्रिप्ट काफी पहले लिखी जा चुकी थी। यानी कांग्रेस और आरजेडी काे सब कुछ मालूम होने के बाद भी वे महागठबंधन को बचाने में नाकाम रहीं। राहुल ने कहा- यह हिंदुस्तान की पॉलिटिक्स की प्रॉब्लम है..... - राहुल ने कहा, "3-4 महीने से हमें पता था ये प्लानिंग चल रही है। अपने स्वार्थ के लिए व्यक्ति कुछ भी कर जाता है। कोई नियम, क्रेडिबिलिटी नहीं है। सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई की वजह से नीतीश जी को बहुमत मिला था, लेकिन अब उन्होंने अपनी राजनीति के लिए उन्हीं लोगों से हाथ मिला लिया है।" नीतीश के इस्तीफे पर क्या बोले थे लालू? - लालू बोले, "नीतीश बीजेपी से मिले हुए हैं। ये सबकुछ पहले से सेट था। वे बीजेपी और आरएसएस के साथ हैं। उन्होंने कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे। बोले थे कि संघ मुक्त भारत बनाना चाहते हैं। अब देख लीजिए। खुद मर्डर के आरोपी हैं। यह बात उन्होंने खुद चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट में बताई है।" "मैंने रात को भी नीतीश से बात की थी। कहा था कि कोई गलतफहमी है, तो बैठकर तय करो कि क्या करना है? नीतीश कुमार ने 40 मिनट तक बात की। उन्होंने कहा था कि मैंने कोई इस्तीफा नहीं मांगा था। मीडिया में खुद नीतीश कुमार ने इस्तीफा ना मांगने की प्रणब मुखर्जी ने 500 पाइप दिए दान, 24 साल पहले छोड़ी थी स्मोकिंग 24 July 2017 नई दिल्ली. रविवार को प्रणब मुखर्जी की राष्ट्रपति के तौर पर औपचारिक विदाई हो गई। हालांकि उनका कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। इस दौरान उन्होंने कई यादें ताजा की। उन्होंने गिफ्ट में मिले करीब 500 पाइप राष्ट्रपति भवन के म्यूजियम में दान कर दिए। प्रणब 24 साल पहले तक स्मोकिंग करते थे। सेहत की वजह से उन्हें यह छोड़ना पड़ा। फिर उन्होंने पाइप पीना शुरू कर दिया, लेकिन बिना निकोटिन। वह भी सिर्फ इसलिए कि उनका शौक बरकरार रहे। प्रणब के पाइप के शौक से जुड़े कुछ रोचक किससे.... - प्रणब मुखर्जी ने बांग्लादेशी राष्ट्रपति अब्दुल हमीद को राष्ट्रपति भवन में स्मोकिंग की इजाजत दे दी थी, जबकि पूरा राष्ट्रपति भवन ही नो स्मोकिंग जोन है। - बाद में प्रणब की तरह हमीद ने भी स्मोकिंग छोड़ दी। इंदिरा कहती थीं- प्रणब के मुंह से राज नहीं, सिर्फ धुआं निकलेगा - इंदिरा गांधी को प्रणब मुखर्जी पर काफी भरोसा था। वे कहती थीं, ‘कोई कितनी भी शिद्दत से कोशिश कर ले। वह प्रणब के मुंह से एक शब्द नहीं निकलवा सकता। वे सिर्फ उनके पाइप से निकलता हुआ धुंआ ही देख सकते हैं।’ जेल जाने के लिए पाइप-माचिस लेकर तैयार थे प्रणब - 3 अक्टूबर 1977 को सीबीआई ने इंदिरा गांधी को बंदी बना लिया। प्रणब इस बारे में लिखते हैं- ‘मैं घर पर था। तब लगा कि मुझे भी गिरफ्तार किया जाएगा। तब मैं पाइप, तंबाकू, माचिस और छोटे बॉक्स के साथ लॉन में टहलता रहा, लेकिन पुलिस नहीं आई। - कार्टूनिस्ट पी.के. कुट्टी हमेशा प्रणब को पाइप पीते हुए ही दिखाते थे। यह उनकी पहचान बन गया था। एक बार मजाक में प्रणब ने भी कहा था इन कार्टून की वजह से ही मैंने स्मोकिंग करना छोड़ दिया। सुषमा ने कहा- चीन फौज हटाए तो हम भी अपनी सेना हटाने के लिए हैं तैयार 21 July 2017 नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि भूटान के साथ ट्राई जंक्शन के हालात में चीन एकतरफा बदलाव करना चाहता है। यह भारत की सुरक्षा के लिए चुनौती है। सिक्किम सीमा पर चीन के साथ जारी टकराव को लेकर सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद के मामले में सभी देश भारत के साथ हैं। दोनों देशों के बीच पंचशील का सिद्धांत आज भी चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘चीन भारत से लगे देशों में बंदरगाह और माल ढुलाई सेवा ढांचे के साथ ही पाकिस्तान के साथ आर्थिक गलियारा विकसित कर रहा है। वह वन बेल्ट वन रोड भी बना रहा है। चीन की इन गतिविधियों पर भारत चौकन्ना है। हमें कोई घेर नहीं सकता है।’ उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा पर एक जगह ऐसी है, जिसे ट्राई जंक्शन प्वाइंट कहते हैं। इसे लेकर भारत-चीन के बीच लिखित सहमति है। इसके पैरा 13 में लिखा है कि इससे जुड़े फैसले भारत-चीन और भूटान मिलकर करेंगे। चीन की हरकतों पर भारत के विरोध नहीं जताने के आरोप उन्होंने खारिज कर दिए। सुषमा ने कहा कि हमने तभी विरोध प्रकट किया था और मित्र देशों को भी सूचित किया था। सुषमा ने कहा कि अभी भारत-चीन सीमा तय होनी है। चीन-भूटान की सीमा भी तय होनी है। भारत-चीन विवाद का मूल कारण है कि चीन भारत-चीन और भूटान की संयुक्त सीमा डोकलाम के पास सेना लेकर पहुंच गया। इसलिए भारतीय सेना भी वहां तैनात है। चीन अगर अपनी फौज हटा ले तो हम भी अपनी सेना हटाने के लिए राजी हैं। डोवाल 27 को जाएंगे.. नई दिल्ली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल 27 जुलाई को चीन जाएंगे। वे बीजिंग में ब्रिक्स देशों की बैठक में शामिल होंगे। दोनों देशों का डिप्लाेमेटिक चैनलों से विवाद सुलझाने पर जोर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा है कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए। हम भूटान सरकार से संपर्क में हैं। हम चीन के साथ सीमा मसले को शांतिपूर्वक सुलझाना चाहते हैं। इसके लिए डिप्लोमेटिक चैनलों का उपयोग किया जा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि डिप्लोमेटिक चैनल खुले हुए हैं। लेकिन किसी भी सार्थक बातचीत के लिए भारतीय सेना को डोकलाम से हटना होगा। हिंदू राष्ट्रवाद भारत को युद्ध की तरफ ले जा सकता है : चीनी अखबार चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को कहा कि सीमा पर विवाद भारत में उभर रहे ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ का एक अंकुर है जिसने भारत की चीन नीति का अपहरण कर लिया है और इससे दोनों देशों के बीच युद्ध हो सकता है। अखबार की एक टिप्पणी के मुताबिक, ‘राष्ट्रवादी उत्साह में चीन के खिलाफ बदला लेने की मांग भारत के भीतर उठ रही है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद से देश में राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा मिला है।’ लेख में यू निंग ने कहा, ‘विदेशी संबंधों में खास तौर से चीन व पाकिस्तान जैसे देशों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठी है।’ लेख में कहा गया, ‘बढ़ता धार्मिक राष्ट्रवाद भारत के अपने हितों को खतरे में डाल देगा। भारत को सावधान रहना चाहिए और धार्मिक राष्ट्रवाद से दो देशों को युद्ध में नहीं धकेलना चाहिए।’ याकूब की फांसी का विरोध करने वाले को कांग्रेस ने VP कैंडिडेट बनाया: शिवसेना 17 July 2017 नई दिल्ली.बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने गोपालकृष्ण गांधी को विपक्ष का उपराष्ट्रपति (Vice President) उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना स्पोक्सपर्सन संजय राउत ने अपोजिशन की मीटिंग में रविवार को दिए सोनिया गांधी के बयान पर कहा, ''किसकी सोच ओछी है? मैडमजी (सोनिया गांधी) गोपालकृष्ण गांधी ने 1993 मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी का विरोध किया था। उन्होंने याकूब को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। ऐसे शख्स को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना आपकी कौन-सी मानसिकता दिखाता है। क्या इन्हें उपराष्ट्रपति बनाना चाहते हैं?'' कांग्रेस बोली- शिवसेना सबूत दे.. - राउत ने आगे कहा, ''हम विरोध नहीं करते, लेकिन जब देशहित और राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तब करना पड़ता है। याकूब ने पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकी हमले को अंजाम दिया। गोपालकृष्ण ने उसी याकूब को बचाने के लिए चलाई गई मुहिम को लीड किया। फांसी की सजा रद्द कराने के लिए राष्ट्रपति को लेटर लिखा।'' - इस पर कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा है कि गोपालकृष्ण गांधी पर सवाल उठाने से पहले शिवसेना इस बात की जानकारी दे कि उन्होंने फांसी रोकने के लिए क्या किया था। - बता दें कि गोपालकृष्ण गांधी मंगलवार को नॉमिनेशन फाइल करेंगे। इस दौरान सोनिया और राहुल गांधी समेत अपोजिशन के कई नेता उनके साथ मौजूद रहेंगे। गोपालकृष्ण सोमवार को ही नॉमिनेशन फाइल करने वाले थे, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के चलते इसे एक दिन आगे बढ़ाया गया। वहीं, आज होने वाली बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग में सरकार अपने कैंडिडेट के नाम का एलान करेंगी। ये लड़ाई ओछी और सांप्रदायिक सोच के खिलाफ - राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग से पहले सोनिया ने कहा था, ''ये लड़ाई लड़ाई ओछी और सांप्रदायिक सोच के खिलाफ है। इस चुनाव में आंकड़े हमारे खिलाफ हो सकते हैं, लेकिन हमें मजबूती से लड़ाई लड़नी चाहिए। देश-समाज को संकट से निकालने के लिए मीरा कुमार और गोपालकृष्ण गांधी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति बनाएंगे। इसके लिए हम सब साथ हैं।'' - ''राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति देश के संवैधानिक मुखिया होते हैं। संविधान और कानून की रक्षा का जिम्मा इनके पास है। हम देश को ओछी और सांप्रदायिक सोच रखने वालों के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं।'' - मानसून सेशन और चुनाव पर स्ट्रैटजी तैयार करने के लिए विपक्ष ने मीटिंग बुलाई थी। इसमें यूपीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार और उपराष्ट्रपति उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी भी शामिल हुए थे 'कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी? - 71 साल के गोपाल कृष्ण गांधी का जन्म 22 अप्रैल 1946 को हुआ। उनके पिता देवदास बापू और कस्तूरबा गांधी के सबसे छोटे बेटे थे। मां का नाम लक्ष्मी था और वो फ्रीडम फाइटर तथा कांग्रेस के सीनियर लीडर सी. राजगोपालाचारी की बेटी थीं। - गोपालकृष्ण 1968 में आईएएस बने। 2004 से 2009 के बीच वो वेस्ट बंगाल के गवर्नर रहे। ये वो दौर था जब 294 मेंबर्स वाली असेंबली में अकेले लेफ्ट के 235 विधायक थे। इसी दौरान बंगाल में सिंगूर और नंदीग्राम जैसे हिंसक आंदोलन हुए। - 2008 में जब सिंगूर हिंसा की आग में जल रहा था तब गोपालकृष्ण गांधी ही थे जिन्होंने बुद्धदेव भट्टाचार्य और ममता को बातचीत के लिए राजी किया। लेफ्ट की ताकत बंगाल में कम होती गई और ममता बनर्जी नई ताकत के तौर पर सामने आईं। - गांधी सेंट स्टीफंस कॉलेज से निकले हैं। आईएएस बनने के बाद 80 के दशक तक वो तमिलनाडु में तैनात रहे। 1985 से 1987 तक वो वाइस प्रेसिडेंट के सेक्रेटरी रहे। अगले पांच साल तक वो प्रेसिडेंट के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे। - 1992 से 2003 तक वो कई डिप्लोमैटिक पोस्ट्स पर रहे। 1996 में साउथ अफ्रीका में इंडियन हाईकमिश्नर, 1997 से 2000 तक प्रेसिडेंट के सेक्रेटरी, 2000 में श्रीलंका में हाईकमिश्नर रहे। 2002 के बाद गांधी नॉर्वे और आयरलैंड में एम्बेसडर रहे। मैं एक आम नागरिक के तौर पर जंगीपुर वापस आऊंगा: प्रणब मुखर्जी 15 Jul 2017 जंगीपुर (वेस्ट बंगाल). जंगीपुर वो जगह है, जहां से प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। शुक्रवार को वे यहां बतौर प्रेसिडेंट आखिरी बार पहुंचे, तो उनकी एक झलक पाने काे लोग बेताब हो उठे। सड़काें और खेतों में लोग मोबाइल फोन से उनकी और उनके काफिले की तस्वीरें ले रहे थे। यहां प्रेसिडेंट ने लोगों से कहा कि अब वो यहां एक आम नागरिक की तरह आएंगे। बता दें कि मुखर्जी का प्रेसिडेंट पोस्ट पर टेन्योर इसी महीने पूरा हो रहा है। केकेएम रूरल फुटबॉल टूर्नामेंट का किया इनॉगरेशन...... - यहां मेकेंजी फुटबॉल ग्राउंट पर केकेएम रूरल फुटबॉल टूर्नामेंट का इनॉगरेशन करते वक्त मुखर्जी ने कहा, अब वे यहां प्रेसिडेंट के तौर पर नहीं आएंगे, क्योंकि 10 दिन बाद उनका टर्म पूरा हो रहा है। - प्रेसिडेंट ने जब कहा कि वो देश के 130 करोड़ नागरिकों में से एक होंगे और एक आम नागरिक की तरह वापस आएंगे, इस पर लोगों ने तालियां बजाईं। - बता दें कि मुखर्जी ने अपने पिता कमाका किमकर मुखर्जी की याद में केकेएम गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट 2010 में शुरू किया था। - शुक्रवार को इस टूर्नामेंट में मोहन बागान और ईस्ट बंगाल की अंडर-19 टीम के बीच मुकाबला हुआ। एक्स्ट्रा टाइम तक चले इस मैच में मोहान बगान ने पेनाल्टी शूटआउट से जीत दर्ज की। गर्मी के बावजूद सड़कों पर उमड़ी भीड़ -- उमसभरे मौसम के बावजूद बतौर प्रेसिडेंट आखिरी बार यहां आए मुखर्जी की एक झलक पाने को लोग बेताब थे। - मुखर्जी ने भी लोगों को निराश नहीं किया और लगातार हाथ हिलाकर उनका अभिवादन करते रहे, क्योंकि इन्हीं लोगों ने उन्हें 2004, फिर 2009 में लोकसभा चुनाव जिताया था। - मुखर्जी ने 1969 में बतौर राज्यसभा मेंबर सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद वो सरकार के कई अहम पदों पर रहे। भावुक कर देने वाली थी यह यात्रा जंगीपुर में उनकी आज की यह यात्रा भावुक कर देने वाली थी। वे यहां अपने बेटे अभिजीत मुखर्जी के बनाए मकान "जंगीपुर हाउस" में लोगों से मिले। - 2012 में प्रणब मुखर्जी के प्रेसिडेंट बनने के बाद यहां से अभिजीत ने लोकसभा चुनाव जीता। - घर की ओर जाती संकरी सड़कों से जब मुखर्जी का काफिला गुजरा तो धान के खेतों में खड़ी भीड़ में से कई लोगों ने यह पल अपने मोबाइल में कैद कर लिया। 'मैंने लिखी है प्रेसिडेंट की बायोग्राफी' -- मुखर्जी का सोनातिगिरी में करीब एक एकड़ में बना बहुत साधारण सा घर है। घर के हॉल में प्रणब मुखर्जी की पत्नी सुव्रा मुखर्जी की बड़ी सी तस्वीर लगी है। - इस घर में चहल-पहल थी। लोग यहां मुखर्जी से मिलने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे। - मुखर्जी का इंतजार कर रहे सुशील भट्टाचार्य ने कहा, "मैंने प्रेसिडेंट की बायोग्राफी लिखी है। मेरे बड़े भाई उनके साथ पढ़े थे। मैं उन्हें 1970 के दशक से जानता हूं।" - एक पुराना सा एलबम और मुखर्जी पर उनकी लिखी किताब दिखाते हुए भट्टाचार्य ने अफसोस जताया कि पुलिस उन्हें अंदर नहीं जाने दे रही। हालांकि, कुछ देर बाद उन्हें अंदर जाने की इजाजत दे दी गई। - मुखर्जी के एक और पुराने दोस्त और चार बार कांग्रेस से विधायक रहे समर मुखर्जी भी उन लोगों में थे, जो प्रणब मुखर्जी से मिलने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे। - प्रणब की एक परिचित उनके लिए खीर भी लाई थी, जो उसने अभिजीत को दे दी। लाेगों को बांटेंगे LPG कनेक्शना -बता दें कि प्रेसिडेंट शनिवार को दिल्ली वापस आएंगे। इससे पहले वे नाबाग्राम में रिटायर्ड इम्प्लॉई की एक रैली को एड्रेस करेंगे और गांव वालों को एलपीजी कनेक्शन डिस्ट्रीब्यूट करेंगे उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से गोपालकृष्ण गांधी होंगे उम्मीदवार 11 Jul 2017 नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस और बाकी बड़ी अपोजिशन पार्टियों ने मंगलवार को मीटिंग की। सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में गोपालकृष्ण गांधी का नाम विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर तय किया गया। गोपालकृष्ण महात्मा गांधी के पोते हैं। वहीं, बीजेपी की ओर से कैंडिडेट 13 या 14 जुलाई को तय किए जाने की उम्मीद है। 1) 18 पार्टियों ने सर्वसम्मति से तय किया नाम... - अपोजिशन की मीटिंग पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई। जिसमें कांग्रेस, जेडीयू समेत 18 पार्टियां शामिल हुईं। सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से गांधी का नाम तय किया। मीटिंग की शुरुआत में अमरनाथ यात्रा पर हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों के लिए मौन रखा गया। - बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग 17 जुलाई को होगी। मीरा कुमार और रामनाथ कोविंद नॉमिनेशन कर चुके हैं। कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी? - गोपालकृष्ण महात्मा गांधी के पोते हैं। वे रिटायर्ड आईएएस अफसर और डिप्लोमैट भी रहे हैं। गोपालकृष्ण 2004 से 2009 तक वेस्ट बंगाल के 22वें गवर्नर भी थे। मीटिंग में नीतीश शामिल नहीं हुए उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के लिए हुई अपोजिशन की मीटिंग में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। उनकी पार्टी की ओर से इसमें सीनियर लीडर शरद यादव मौजूद रहे। - बता दें कि जेडीयू ने एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का सपोर्ट करने का एलान किया है मीटिंग में ये नेता हुए शामिल - सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, सीपीआईएम के सीताराम येचुरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, जेडीएस के देवगौड़ा, सपा के नरेश अग्रवाल, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा और आरएलडी के अजीत सिंह। इनके अलावा आरजेडी के जय प्रकाश यादव, जेएमएम के हेमंत सोरेन, सीपीआई के डी राजा के साथ ही सीएमके, एनसीपी और केरल कांग्रेस के रिप्रेजेंटेटिव्स भी शामिल हुए। मानसून सत्र के एजेंडे पर भी हुई चर्चा - अपोजीशन पार्टियों की मीटिंग में लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती के ठिकानों पर पड़े सीबीआई छापों, जीएसटी, नोटबंदी, किसानों की आत्महत्या के अलावा संसद के मानसून सत्र के एजेंडे पर भी चर्चा की गई। - संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होगा। इस दौरान अपोजीशन मीसा भारती और उनके पति के ठिकानों पर पड़े सीबीआई और ईडी के छापों पर विरोध दर्ज करा सकता है। IITs में एडमिशन पर लगी रोक SC ने हटाई, 50 हजार स्टूडेंट्स को मिली राहत 10 Jul 2017 नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) में ज्वाइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (JEE) (एडवांस) के तहत हो रही काउंसलिंग और एडमिशन पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट ने हटा ली है। SC के फैसले ने एग्जाम क्वालिफाई करने वाले 50 हजार 455 स्टूडेंटस को राहत दी है। इनमें से 33 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स अब तक एडमिशन ले चुके हैं। बता दें कि इस एग्जाम में ग्रेस मार्क्स देने को पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और आईआईटी मद्रास को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।SC ने शुक्रवार को एडमिशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। बता दें कि DainikBhaskar ने यह मुद्दा उठाया था। रोक हटाने पर क्या कहा SC ने... 1) दोबारा ऐसे हालात ना हों. - जस्टिक दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानवलकर और जस्टिस एमएम शांतानागौदार ने कहा, "ग्रेस मार्क्स देने के सिलसिले में दायर पिटीशन पर हाईकोर्ट्स दखल ना दें ताकि भ्रम की स्थिति ना हो। इस तरह की गलतियां दोबारा ना हों और ऐसे हालात ना हों जिसमें बोनस मार्क्स देने की नौबत आए।" - IITs की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि आने वाले समय में ऐसे हालात सामने नहीं आएंगे। 2) बोनस मार्क्स पर IITs की मीटिंग का जिक्र - बेंच ने कहा, "इस मामले में 2005 के गुरुनानक यूनिवर्सिटी केस के फैसले को लागू नहीं किया जा सकता है। इस मसले में बड़ी संख्या में स्टूडेंट शामिल हैं और इसके साथ-साथ एग्जाम में निगेटिव मार्किंग सिस्टम भी था। इसके अलावा IITs के एक्सपर्ट्स ने ये फैसला लेने के लिए दो बार मीटिंग की कि गलत सवालों के लिए भी बोनस मार्क्स दिए जाने चाहिए या नहीं।" - इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2005 के जजमेंट के आधार मानते हुए कहा था कि बोनस मार्क्स उन लोगों को नहीं दिए जा सकते जिन्होंने गलत सवालों के लिए क्वेश्चन अटेम्प्ट ही नहीं किया है। अटॉर्नी जनरल ने क्या जवाब दिया? - AG वेणुगोपाल ने कहा, "एग्जाम में हर गलत जवाब के लिए निगेटिव मार्किंग भी थी और ऐसे भी स्टूडेंट होंगे जिन्होंने इसके चलते क्वेश्चन अटेम्ट ना करने का फैसला किया होगा। इसलिए सभी स्टूडेंट्स को बोनस मार्क्स दिए गए।' - "एग्जाम देने वाले 2 लाख स्टूडेंट्स की कॉपी की दोबारा जांच मुश्किल थी। ऐसे में सभी को बोनस मार्क्स देना ही सबसे प्रैक्टिल सॉल्यूशन था।' पिछली सुनवाई में क्या हुआ - कोर्ट ने हाईकोर्ट के सामने पेंडिंग पिटीशन की जानकारी भी मांगी। साथ ही JEE रैंक लिस्ट को चुनौती देने वाली पिटीशंस के बारे में जानकारी देने को कहा। सरकार ने क्या जवाब दिया था?. विकास सिंह (पिटीशनर्स के वकील): सभी को ग्रेस देना बाकी स्टूडेंट्स के अधिकारों का हनन है। जस्टिस दीपक मिश्रा: समाधान एक ही है। जिन्होंने सवाल हल करने की कोशिश की उन्हें ही ग्रेस दें। हम 2005 में दिए इस कोर्ट के फैसले के मुताबिक जाएंगे। जिन्होंने कोशिश नहीं की, उन्हें बोनस मार्क्स क्यों दें? केके वेणुगोपाल (अटॉर्नी जनरल): जेईई में निगेटिव मार्किंग थी। मुमकिन है कि मार्क्स कटने के डर से कुछ स्टूडेंट्स ने गफलत वाले सवालों के जवाब न दिए हों। इसलिए सबको ग्रेस दिए। नहीं तो इन सवालों के मार्क्स हटाने पड़ते। दो लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। सबकी आंसर शीट फिर जांचना मुश्किल था। इसलिए सभी छात्रों को एक जैसे 18 ग्रेस मार्क्स देने का फैसला किया गया था। वैसे भी अब तक 33 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स दाखिला ले चुके हैं।जस्टिस मिश्रा: 33 हजार स्टूडेंट्स का फ्यूचर पहले ही अधर में लटक चुका है। आखिरी उपाय के तौर पर आईआईटी जेईई-2017 के आधार पर आगे दाखिले न करें। गलत सवालों के बोनस मार्क्स देने की लीगलिटी पर फैसले के बाद ही आईआईटी में दाखिले किए जाएं। देशभर में 3289 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट. देश में 3289 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट हैं। इनमें 23 आईआईटी, 31 एनआईटी और 19 आईआईआईटी हैं। इन इंस्टीट्यूशंस में इंजीनियरिंग की कुल 15 लाख 53 हजार 809 सीटें हैं। विवाद क्या है? - दरअसल, JEE- 2017 एडवांस के एग्जाम में उन स्टूडेंट्स को भी ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जिन्होंने सवाल को हल करने की कोशिश भी नहीं की थी। नियम के मुताबिक, ग्रेस मार्क्स सिर्फ उनको ही दिए जाते हैं, जो सवाल छोड़ने के बजाए उन्हें हल करने की कोशिश करते हैं। इस एग्जाम में सभी स्टूडेंट्स को 18 ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। - पिटीशन में यह आरोप लगाया गया था कि ग्रेस मार्क्स से एग्जाम की मेरिट लिस्ट पर असर हुआ है, इसलिए दोबारा लिस्ट तैयार की जाए। SC ने सरकार को नोटिस जारी किया था. - इस एग्जाम में बैठने वाली एक स्टूडेंट ऐश्वर्या अग्रवाल ने पिटीशन दायर कर मांग की थी कि जेईई 2017 की रैंक लिस्ट को रद्द किया जाए। - सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा था। कोर्ट ने आईआईटी मद्रास की एग्जाम कंडक्ट करने वाली बॉडी से पूछा था कि ऐसे स्टूडेंट्स को 7 एडिशनल ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए, जिन्होंने सवालों के जवाब देने की कोशिश ही नहीं की। इस एग्जाम में 50455 स्टूडेंट्स ने क्वालीफाई किया था - जेईई एडवांस्ड 2017 में 10 हजार 957 सीटों के लिए 1 लाख 59 हजार 540 स्टूडेंट्स अपीयर्ड हुए थे। इसमें 50 हजार 455 स्टूडेंट्स ने क्वालीफाई किया था। इनमें 43 हजार 318 ब्वॉयज और 7 हजार 137 गर्ल्स थीं शादी के 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य, देरी पर देना होगा जुर्माना 5 Jul 2017 नई दिल्ली. शादी का रजिस्ट्रेशन कराना जल्द ही अनिवार्य किया जा सकता है। लॉ कमीशन ने केंद्र को सलाह दी है कि विवाह के 30 दिन के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया जाए। कमीशन ने 'विवाह का अनिवार्य पंजीकरण' नाम से अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। साथ ही यह भी सिफारिश की है कि बिना किसी वाजिब वजह के विवाह के पंजीकरण में देरी के लिए 5 रुपए प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाए। कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी जोड़ा है कि जुर्माने की अधिकतम रकम 100 रुपए रखी जाए। शादी के अनिवार्य पंजीकरण के समर्थन में आयोग ने कहा है कि इससे बाल विवाह रोकने के लिए बने पहले से मौजूद कानूनों के बेहतर क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। शादी के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन से जबरन विवाह या नाबालिगों के विवाह के चलन को खत्म करने में मदद मिलेगी। शादियों में धोखाधड़ी रुकेगी। महिलाओं के हित सुरक्षित होंगे जिन्हें अक्सर शादी के दस्तावेजों के अभाव में पत्नी का दर्जा नहीं मिल पाता। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में ही शादी के पंजीकरण को अनिवार्य करने का आदेश दिया था। इसके बाद कुछ राज्य सरकार पहले ही कानून बनाकर अपने यहां विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य बना चुके हैं। SC ने 26 हफ्ते की प्रेग्नेंट महिला को दी अबॉर्शन की इजाजत, बच्चे को है बीमारी 3 Jul 2017 नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 26 हफ्ते की प्रेग्नेंट महिला को अबॉर्शन की इजाजत दी। ये महिला कोलकाता की रहने वाली है। मेडिकल रिपोर्ट्स में बच्चे को हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारी होने की जानकारी के बाद महिला और उसके पति ने अबॉर्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगर महिला को प्रेग्नेंसी खत्म करने की इजाजत नहीं दी गई तो ये उसके लिए गंभीर मानसिक चोट की तरह होगी। बता दें कि देश में 20 हफ्ते के बाद अबॉर्शन कराना गैर-कानूनी है। ऐसा करने पर 7 साल की सजा हो सकती है। ईसीजी जांच में बीमारी का पता चला... - जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एम खानविलकर की बेंच ने कहा कि अबॉर्शन की प्रॉसेस फौरन एसएसकेएम हॉस्पिटल, कोलकाता में कराई जाए। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अगर महिला को प्रेग्नेंसी खत्म करने की इजाजत नहीं देना उसके लिए गंभीर मानसिक चोट के जैसी होगी। वहीं, अगर डिलिवरी के बाद बच्चा जिंदा रहता है तो कई बार हार्ट की सर्जरी करनी पड़ेगी। - 23 जून को पिटीशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को 7 मेंबर्स का मेडिकल बोर्ड बनाने और प्रेग्नेंसी की रिपोर्ट तैयार कर पेश करने का ऑर्डर दिया। तब महिला 24 हफ्ते की प्रेग्नेंट थी। 25 मई को जांच में बच्चे को गंभीर बीमारी होने की बात पता चली थी। इसे कंफर्म करने के लिए 30 मई को दोबार ईसीजी कराई गई। - पिटीशन में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट, 1971 को भी चैलेंज किया गया, जो 20 हफ्ते से ज्यादा के अबॉर्शन की इजाजत नहीं देता है। इसमें कहा गया कि 1971 में टेक्नोलॉजी एडवांस नहीं थी, लेकिन अब 26 हफ्ते और उससे ज्यादा का अबॉर्शन आसानी से हो सकता है। 26 हफ्ते में अबॉर्शन कराने की इजाजत नहीं दी थी... - सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी महीने में एक महिला को 26 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन कराने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, "हमारे हाथों में एक जिंदगी है। हम उसे खत्म करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं।" इस केस में बच्चे को डाउन्स सिंड्रोम था। इसी आधार पर महिला ने अबॉर्शन की इजाजत मांगी थी। - सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी की हालत में 37 साल की इस मां को फिजिकली कोई खतरा नहीं। जस्टिस एसए बोबड़े और एलएन राव की बेंच ने कहा था, "हालांकि सब जानते हैं कि डाउन्स सिंड्रोम वाले बच्चे बेशक कम इंटेलिजेंट होते हैं, लेकिन बढ़िया होते हैं। मुमकिन है कि बच्चे में फिजिकली या मेंटली प्रॉब्लम्स हों, लेकिन डॉक्टरों की सलाह अबॉर्शन कराने की इजाजत नहीं देती।" ऐसे ही एक केस में दी थी अबॉर्शन की इजाजत.. - जनवरी, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में मुंबई की महिला को 24 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन की इजाजत दे दी थी। ये फैसला भी जस्टिस एसए बोबड़े और एलएन राव की बेंच ने दिया था। - महिला की मेडिकल रिपोर्ट से पता चला था होने वाले बच्चे का सिर पूरी तरह डेवलप नहीं हो पाया है और उसका बचना मुश्किल है। बेंच ने ऑर्डर दिए थे कि अबॉर्शन की प्रोसेस के लिए केईएम हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की टीम इसका पूरा रिकॉर्ड रखे। क्या है कानून?... - मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के मुताबिक, 20 हफ्ते तक अबॉर्शन की इजाजत है। संशोधित बिल में इसे बढ़ाकर 24 हफ्ते करने की सिफारिश की गई है। लेकिन, फिलहाल इसे संसद से मंजूरी नहीं मिली। आज से कई अहम चीजों के लिए ‘आधार’ जरूरी, बिना आधार भी 1 Jul 2017 नई दिल्ली. आधार कार्ड (विशिष्ट पहचान पत्र) आपके जीवन का आधार बनता जा रहा है। एक जुलाई, 2017 से कई महत्वपूर्ण चीजों के लिए ‘आधार’ देने को जरूरी बना दिया गया है। ऑनलाइन रिटर्न भरने से लेकर पासपोर्ट बनवाने तक आपको ‘आधार’ नंबर देना होगा। हालांकि कई सरकारी योजनाओं का लाभ 30 सितंबर तक बिना ‘आधार’ के भी मिलता रहेगा। केंद्र सरकार ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी है। किन-किन चीजों के लिए जरूरी हुआ ‘आधार’ नंबर देना..... सरकार ने पैन नंबर को ‘आधार’ से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। सीए हिमांशु कुमार के मुताबिक इससे सरकार-उपभोक्ता दोनों को फायदा है। पैन से दो मिनट में आयकर रिटर्न ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है। वहीं, कई लोग हैं ऐसे जो दो-तीन पैन कार्ड रखते हैं और टैक्स चोरी के लिए इनके जरिये फर्जीवाड़ा करते हैं। इस पर रोक लगेगी। पासपोर्ट के लिए.... पासपोर्ट बनवाने में ‘आधार’ को अनिवार्य करने से व्यक्ति की पहचान की सही जांच करने में आसानी होगी। बायोमैट्रिक्स जांच के होने से काम आसान हो जाएगा। फर्जी पासपोर्ट या एक ही व्यक्ति के दो पासपोर्ट बनाए जाने की संभावना खत्म होगी। स्कॉलरशिप के लिए..... सरकारी स्कूल-कॉलेज में भी ‘आधार’ से लिंक नहीं होने वाले छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाएगी। इससे स्कॉलरशिप के नाम पर घोटाला नहीं हो सकेगा। योग्य छात्र इससे वंचित नहीं हो पाएंगे। पीएफ खाते के लिए.... भविष्य निधि खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य करने से अब भविष्य निधि के सेटलमेंट की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। पीएफ का भुगतान सही व्यक्ति को ही होगा। खाते से पैसा निकालना आसान होगा। टिकट के लिए... रेलवे का रियायती टिकट लेना हो तो भी आधार जरूरी रहेगा। इससे रियायत के हकदार को ही फायदा मिलेगा। गलत पहचान देकर कोई फर्जी तरीके से रियायत नहीं ले पाएगा। दिल्ली मेट्रो की वॉयलट लाइन पर ट्रैफिक चरमराया, एक घंटे तक बंद रहे सिग्नल 30 Jun 2017 नई दिल्ली.तकनीकी खराबी के चलते शुक्रवार को मेट्रो की वॉयलट लाइन पर ट्रेन ट्रैफिक चरमरा गया। इसके चलते सुबह पीक ऑवर्स में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। डीएमआरसी के एक अफसर ने बताया, ''फरीदाबाद से कश्मीरी गेट तक मेट्रो चलाने में दिक्कत आई। सिग्नलों में खराबी आने से कंट्रोल सेंटर से ट्रेनों का कॉन्टैक्ट टूट गया।'' बता दें कि वॉयलेट लाइन सेंट्रल सेक्रेटरिएट को फरीदाबाद से जोड़ती है। ब्लू लाइन पर भी आई थी खराबी....... - डीएमआरसी के मुताबिक, खराबी के चलते सुबह 8 से 9 के बीच ट्रेनों को मैनुअली ऑपरेट करना पड़ा। एक घंटे में सिग्नल ठीक कर लिए गए। कुछ ट्रेन लेट भी हुई, लेकिन अब ट्रेन अपने टाइम पर चल रही हैं। - बता दें कि इस साल की शुरुआत में भी लगातार 2 दिन पॉवर लाइन में खराबी आने से ब्लू लाइन पर परेशानी हुई थी। तब भी सिग्नलों बंद हो गए थे और कंट्रोल सेंटर से ट्रेनों का कॉन्टैक्ट टूट गया। बाद में इन्हें मैनुअली ऑपरेट करना पड़ा था। नैचुरल गैस GST में हो सकती है शामिल, तेल-गैस सेक्टर को राहत की उम्मीद 28 Jun 2017 नई दिल्ली. तेल और गैस सेक्टर को राहत देने के लिए GST (गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स) काउंसिल नैचुरल गैस को GST के दायरे में ला सकती है। अभी पांच पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST से बाहर रखा गया है। इनमें नैचुरल गैस के अलावा क्रूड ऑयल, पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) शामिल हैं। गैस को GST में शामिल करने पर ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को फायदा मिल सकता है। मुद्दे को एजेंडे में शामिल करने का है काफी दबाव...... - एक आला अफसर ने बताया कि GST के साथ एक बात तय हुई थी कि न तो सरकार को नुकसान हो, न ही इंडस्ट्री को। लेकिन पेट्रोलियम इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है। इसलिए पेट्रोलियम मिनिस्टरी ने फाइनेंशियल मिनिस्टरी से पांचों छूट वाली चीजों को जल्दी GST में शामिल करने की रिक्वेस्ट की है। - अफसर के मुताबिक, पांचों प्रोडक्ट पर एक साथ फैसला करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस बात पर एक राय बनती लग रही है कि नैचुरल गैस को GST में शामिल कर लिया जाए। इसका ज्यादा इस्तेमाल इंडस्ट्री में ही होता है, इसलिए इसमें दिक्कत नहीं आनी चाहिए। - उन्होंने कहा कि GST काउंसिल की 30 जून को बैठक होनी है। अभी तक यह मुद्दा एजेंडे में नहीं है, लेकिन इसे शामिल करने का काफी दबाव है। गैस के बाद क्रूड ऑयल पर एक राय बनाने की कोशिश होगी क्रेडिट नहीं मिलने से एक्स्ट्रा टैक्स का बोझ. -- पेट्रोलियम कंपनियां जो भी गुड्स या सर्विसेस खरीदेंगी, उस पर तय GST रेट लगेगा, लेकिन इनकी ओर से बेची गई गैस और तेल पर अभी की तरह एक्साइज ड्यूटी और वैट लगता रहेगा। दूसरी इंडस्ट्रीज की तरह इन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा भी नहीं मिलेगा। इससे इस सेक्टर की कंपनियों पर 25,000 करोड़ रुपए का एडिशनल टैक्स का बोझ आएगा। गैस पर क्रेडिट मिलने से 20% कम होगा नुकसान. - नैचुरल गैस को GST में शामिल करने पर इनपुट पर चुकाए गए टैक्स का कंपनियों को क्रेडिट मिल जाएगा। इससे इंडस्ट्री का नुकसान 20% कम जाएगा। नहीं बढ़ेगी महंगाई: जेटली. -- फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा कि GST लागू होने के बाद शुरुआत में कुछ मुश्किलें सकती हैं, लेकिन लंबे वक्त में इससे टैक्स चोरी और महंगाई कम करने में मदद मिलेगी। - एक प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट को अगले साल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को दो साल में GST के दायरे में लाने की कोशिश होगी। - जेटली ने बताया कि पेट्रोलियम और शराब राज्यों के लिए टैक्स का बड़ा जरिया हैं। इसलिए वे इन पर टैक्स लगाने का अपना हक नहीं छोड़ना चाहते। अगर सेंट्रल गवर्नमेंट अड़ी रहती तो GST अभी लागू नहीं हो पाता। जेटली ने कहा, "निजी तौर पर मैं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के प्रपोजल से सहमत था कि रियल एस्टेट को GST के दायरे में लाया जाना चाहिए, लेकिन दूसरे राज्य इस पर सहमत नहीं थे।" इमरजेंसी आंदोलन में मेरा भी रोल, विरोधी नेता शोले के शो में शरण लेते थे: हेमा 27 Jun 2017 नई दिल्ली.बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने इमरजेंसी को लेकर नया दावा किया। सोमवार को उन्होंने कहा, ''इमरजेंसी के मुश्किल दौर में मेरी भी छोटी-सी भूमिका रही है। उस दौर में कई अपोजिशन लीडर छिपने के लिए उस सिनेमा हॉल का इस्तेमाल करते थे, जहां मेरी फिल्म दिखाई जा रही होती थी। बता दें कि इमरजेंसी के कुछ महीने बाद ही सुपरहिट 'शोले' रिलीज हुई थी।'' हेमा इमरजेंसी की 42 साल पूरे होने पर एक प्रोग्राम में बोल रही थीं। बता दें कि 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने के लिए भारत में इमरजेंसी घोषित की गई थी। कांग्रेस क्रूर थी, इसीलिए आज ये हाल है...... - हेमा ने आगे कहा, ''25 जून, 1975 को इमरजेंसी लागू की गई। इसके बाद 15 अगस्त के दिन शोले देश के तमात सिनेमाघरों में दिखाई जाने लगी। तब ये फिल्म काफी भीड़ जुटा रही थी। इन दिनों कई राजनेताओं ने इमरजेंसी का विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनकी गिरफ्तारी के ऑर्डर दे दिए थे।'' - ''तब इमरजेंसी का विरोध कर रहे नेताओं ने गिरफ्तारी से बचने के लिए खचाखच भरे सिनेमाघरों में शरण ली थी, जहां शोले के शो चल रहे थे। भीड़ के बीच पुलिस भी इन्हें खोजने में नाकाम रहती थी। इसीलिए इमरजेंसी का विरोध करने वालों में मेरी भी कुछ भूमिका जरूर रही।'' - मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा ने इमरजेंसी को देश का दुर्भाग्य बताया। उन्होंने कहा, ''तब कांग्रेस सरकार राजनेताओं और आम जनता दोनों के साथ क्रूरतापूर्ण बर्ताव कर रही थी। इसीलिए आज इस पार्टी की हालत इतनी दयनीय है।'' इमरजेंसी के खिलाफ लड़ने वाले महान: राम लाल. - बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी (संगठन) राम लाल इस प्रोग्राम में बतौर अध्यक्ष मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी एक 'काली रात' की तरह थी, जिसने इसका विरोध किया, उसे कुचल दिया गया। - ''ये भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है। इमरजेंसी के खिलाफ जेलें तोड़कर आंदोलन में शामिल होने वाले लोग महान हैं। उन्होंने ही आज लोकतंत्र को जिंदा रखा हुआ है। इमरजेंसी को भुलाया नहीं सकता: मोदी. - मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा, ''वह ऐसी काली रात थी, जिसे कोई भारतवासी भुला नहीं सकता है। देश को जेल में बदल दिया गया था। जयप्रकाश नारायण जैसे लोगों को जेल में बंद कर दिया गया था। अखबारों को पूरा बेकार कर दिया गया। पत्रकार उस काले कालखंड के प्रति जागरुकता बढ़ाने का काम करते रहें हैं।'' - "अटल जी ने अपनी कविता में उस मन:स्थित का वर्णन किया है। झुलसा जेठ मास...एक बरस बीत गया। सीखचों में सिमटा जग...। लोकतंत्र के प्रेमियों ने बड़ी लड़ाई लड़ी है और भारत जैसे विशाल देश के लोगों ने चुनाव में इस लोकतंत्र को सशक्त कर दिया।" - मोदी ने इमरजेंसी पर लिखी अटलजी की ये कविता भी सुनाई- झुलासाता जेठ मास, शरद चांदनी उदास, सिसकी भरते सावन का, अंतर्घट रीत गया, एक बरस बीत गया सीकचों मे सिमटा जग, किंतु विकल प्राण विहग, धरती से अम्बर तक, गूंज मुक्ति गीत गाया, एक बरस बीत गया।। पथ निहारते नयन, गिनते दिन पल छिन, लौट कभी आएगा, मन का जो मीत गया, एक बरस बीत गया।। राष्ट्रपति चुनाव: मोदी-आडवाणी-शाह की मौजूदगी में कोविंद ने भरा नॉमिनेशन 23 Jun 2017 नई दिल्ली. एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने संसद भवन में नॉमिनेशन फाइल कर दिया। उनके साथ नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज मौजूद थे। अमित शाह और अन्य बीजेपी नेता भी पहले ही वहां पहुंच गए थे। जेडीयू ने कोविंद को सपोर्ट दिया है, लेकिन पार्टी का कोई नेता नॉमिनेशन के वक्त नहीं था। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग 17 जुलाई होगी। काउंटिंग 20 जुलाई को कराई जाएगी। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का टेन्योर 24 जुलाई को खत्म होगा। अगर कोविंद चुने जाते हैं तो वे ऐसे पहले प्रेसिडेंट होंगे, जो यूपी से होंगे। देश में फिर प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति, दोनों यूपी से होंगे। कोविंद के खिलाफ विपक्ष ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को अपना दावेदार बनाया है। नॉमिनेशन के पहले सेट का प्रपोजल पीएम की ओर से...... - कोविंद के नॉमिनेशन के लिए बीजेपी ने चार सेट तैयार किए। पहले सेट का प्रपोजल नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की ओर से रखा गया। दूसरा सेट के लिए प्रपोजल अमित शाह और अरुण जेटली ने रखा। - तीसरे सेट का प्रापोजल शिरोमणि अकाली दल के लीडर प्रकाश सिंह बादल और वेंकैया नायडू की ओर से रखा गया। वहीं, चौथे सेट के लिए आंध्र प्रदेश के सीएम एम चंद्रबाबू नायडू और सुषमा स्वराज प्रस्तावक थे। कोविंद ने कहा- राष्ट्रपति पद दलगत राजनीति से ऊपर है. - रामनाथ कोविंद ने नॉमिनेशन भरने के बाद कहा- "मेरे मीडिया के सभी मित्रों। 125 करोड़ वाला देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकत्रंत है। राष्ट्रपति पद बेहद गरिमा वाला पद है। इस पर राजेंद्र प्रसाद, अब्दुल कलाम जैसी हस्तियां रही हैं। इसकी गरिमा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। मैं जब से बिहार गवर्नर बना तब से मेरा कोई राजनीतिक दल नहीं है। राष्ट्रपति पद दलगत राजनीति से ऊपर है। मैं पीएम, एनडीए के सभी दलों और वे दल जो एनडीए में नहीं हैं और उन्होंने भी मुझे सपोर्ट किया है मैं सबको धन्यवाद देता हूं।" - "कुछ ही सालों बाद देश आजादी के 75 साल सेलिब्रेट करने वाला है। ऐसे में वह भारत निर्माण के सपने के पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे।आज मैंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए नॉमिनेशन भरा। मैं सबको विश्वास दिलाता हूं कि इसकी गरिमा बनाए रखने की कोशिश करूंगा।" रामनाथ कोविंद v/s मीरा कुमार. रामनाथ कोविंद: सादगीभरी छवि, कानून के जानकार, संविधान की समझ (बिहार के गवर्नर रहे), कैंडिडेट के तौर पर दलित चेहरा। दो चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। मीरा कुमार: साफ-सुथरी छवि, कानून की जानकार, संविधान की जानकारी (लोकसभा स्पीकर रहीं)। विदेश नीति की जानकारी (इंडियन फॉरेन सर्विस में रहीं)। दलित चेहरा और पूर्व डिप्टी पीएम जगजीवन राम की बेटी। रामविलास पासवान और मायावती जैसे बड़े दलित लीडर्स को चुनाव में हराया। करोलबाग से 3 बार MP भी रहीं। अहमदाबाद में रामदेव-अमित शाह ने किया योग, बन सकता है वर्ल्ड रिकॉर्ड 21 Jun 2016 नई दिल्ली/अहमदाबाद.तीसरे इंटरनेशनल योग डे पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू, सीएम अरविंद केजरीवाल और एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में योग किया। वहीं, अहमदाबाद में बाबा रामदेव और अमित शाह ने एक प्रोग्राम में हिस्सा लिया। इसमें करीब सवा लाख लोग शामिल हुए। दिल्ली में लोधी गार्डन, नेहरू पार्क, तालकटोरा गार्डन और इंडिया गेट जैसी कई जगहों पर योग के प्रोग्राम हुए। दस हजार लोगों ने किया योग... - एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार ने बताया कि करीब 10 हजार लोगों ने एक साथ योगासन किए। प्रोग्राम सुबह 6 बजे से शुरू हुआ। - कनॉट प्लेस के मेन इवेंट में वेंकैया नायडू, खेल मंत्री विजय गोयल, दिल्ली के एलजी अनिल बैजल और बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी मौजूद रहे। - प्रोग्राम के चलते सुबह 11.30 बजे तक कनॉट प्लेस के इनर सर्किल में ट्रैफिक बंद रहा। पैदल आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी, दुकानें भी खुली रहीं। रामदेव अहमदाबाद में बनाएंगे रिकॉर्ड. - बाबा रामदेव ने अहमदाबाद में योग प्रोग्राम किया। इसमें 5 लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने का अनुमान है। बाबा का दावा है कि ये वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा। इस मौके पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रिप्रेंजेटेटिव्स भी मौजूद रहे। - उधर, राजकोट में भी बच्चे और महिलाएं एक्वा योग का रिकॉर्ड बना सकती हैं। इसमें 1000 महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। इस दौरान 45 से 50 मिनट तक पानी में योगासन किए गए। राजपथ पर मना था पहला योग दिवस. - बता दें कि दिसंबर, 2014 में यूएन जनरल असेंबली ने 21 जून को योग दिवस के तौर पर मनाए जाने का एलान किया था। - इसके बाद पहला योग दिवस 2015 में राजपथ पर मनाया गया, जिसमें 191 देशों के लोग शामिल हुए थे। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पहुंची CBI, पत्नी से पूछताछ 19 Jun 2016 नई दिल्ली.सीबीआई की टीम सोमवार को अरविंद केजरीवाल के करीबी मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पहुंची। जांच एजेंसी ने जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। सूत्रों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में मिनिस्टर की पत्नी से पूछताछ हुई। जैन के खिलाफ अप्रैल में प्रिलिमनरी इन्क्वायरी (प्राथमिक जांच) दर्ज की गई थी। उन पर 4.63 लाख के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है। जैन केजरीवाल सरकार में हेल्थ मिनिस्टर हैं और बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा के निशाने पर हैं। आप ने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार की साजिश बताया है। 3 दिन पहले सिसोदिया के घर भी गई थी CBI...... - न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीबीआई ने जैन की पत्नी को पूछताछ के लिए बुलाया था। इस पर मंत्री की पत्नी ने अफसरों को अपने घर पर ही जानकारी देने को कहा। -सीबीआई की कार्रवाई पर आप ने कहा- ''एक और दिन, एक और छापा। सीबीआई ने सत्येंद्र जैन के घर छापा मारा। विरोधियों को चुप करना चाहती है सरकार।'' - बता दें कि जैन पर 11.78 करोड़ के हवाले का भी आरोप है। इसमें कहा गया था कि 2010-12 के बीच उन्होंने कुछ फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। इनकम टैक्स ने नए बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत इस केस को भी सीबीआई के पास भेजा है। - 16 जून को सीबीआई डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर गई थी। केजरी सरकार के 'टॉक टू AK' कैम्पेन में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर सिसोदिया से पूछताछ कर जानकारी ली। विजिलेंस डिपार्टमेंट की शिकायत पर सीबीआई ने इस मामले में प्रिलिमनरी इन्क्वायरी दर्ज की थी। इसमें सिसोदिया के रोल की भी जांच हो रही है। कपिल मिश्रा ने ली चुटकी. - दिल्ली के जल मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने सीबीआई की कार्रवाई को लेकर सत्येंद्र जैन और केजरीवाल पर चुटकी ली। - उन्होंने ट्वीट किया- ''झूठ के पांव नहीं होते अरविंद केजरीवाल। अब तुम्हारा खेल खत्म। चोरी के इस खेल में जो भी शामिल हैं, आज वो सब @SatyendarJain के पक्ष में बयान देंगे। देखते जाओ कौन-कौन tweet करता है।'' - मिश्रा ने पहले कहा था- ''Talk to AK: पंजाब और गोवा के फेसबुक विज्ञापनों पर दिल्ली सरकार का पैसा लगाया गया। सिसोदिया ने लिखकर दिया था कि इन्हीं राज्यों में विज्ञापन किया जाए। अब सीबीआई का छापा पड़ा तो अरविंद केजरीवाल ड्रामा करके कहेंगे कि मोदी ने फंसाया, छापा नहीं पड़ा तो कहेंगे देखो, हम ईमानदार हैं।'' बड़े घोटालों से ध्यान हटाने की साजिश: सिसोदिया. - मनीष सिसोदिया ने कहा- ''माल्या, पनामा, व्यापम, डीडीसीए, आईपीएल, अरबों के इन घोटालों से ध्यान हटाने का एक ही तरीका है- रोज़ाना एक आप नेता के यहां CBI भेज दो।'' - संजय सिंह ने कहा- ''माल्या 9 हज़ार करोड़, शिवराज व्यापम, वसुंधरा आईपीएल, रमन सिंह पनामा पेपर, 31% मोदी के मंत्री आरोपी, लेकिन CBI ख़ामोश, AAP को बदनाम करने में जुटी है सीबीआई।'' दिल्ली के डिप्टी CM सिसोदिया के घर पहुंची CBI, जांच को लेकर की पूछताछ 16 Jun 2016 नई दिल्ली.सीबीआई की टीम शुक्रवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पहुंची। केजरीवाल सरकार के 'टॉक टू AK' कैम्पेन में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर जांच एजेंसी ने सिसोदिया से पूछताछ कर जानकारी मांगी है। जनवरी में विजिलेंस डिपार्टमेंट की शिकायत पर सीबीआई ने प्रिलिमनरी इन्क्वायरी दर्ज की थी। इसमें सिसोदिया के रोल की भी जांच हो रही है। सीबीआई ने कहा है कि सिसोदिया से सिर्फ डिटेल मांगी गई, ये कोई सर्च या रेड नहीं है। कैम्पेन के लिए PR कंपनी को डेढ़ करोड़ दिए..... - विजिलेंस डिपार्टमेंट ने शिकायत में कहा था कि दिल्ली सरकार ने 'टॉक टू AK' को बढ़ावा देने के लिए एक मशहूर पीआर कंपनी के कंसल्टेंट को जिम्मा सौंपा था। इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपए का प्रपोजल तैयार किया गया। - दिल्ली के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के एतराज के बावजूद तब सरकार ने प्रपोजल को आगे बढ़ाया और कंसल्टेंट ने रकम को खर्च किया। सीबीआई ने इन्हीं आरोपों और इनमें सिसोदिया और अन्य की कथित भूमिका का पता लगाने के लिए जांच शुरू की। - इसके अलावा हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या को मोहल्ला क्लिनिक प्रोजेक्ट में सरकार की एडवाइजर बनाए जाने को लेकर भी सीबीआई ने 18 जनवरी को सिसोदिया के खिलाफ जांच शुरू की थी। परिवारवाद के आरोपों को लेकर दिल्ली के उप राज्यपाल ने केजरी सरकार को लेटर लिखा था। कपिल मिश्रा ने ली चुटकी. - दिल्ली के जल मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर सिसोदिया से सीबीआई की पूछताछ पर चुटकी ली। - उन्होंने ट्वीट किया- ''Talk to AK: पंजाब और गोवा के फेसबुक विज्ञापनों पर दिल्ली सरकार का पैसा लगाया गया। सिसोदिया ने लिखकर दिया था कि इन्हीं राज्यों में विज्ञापन किया जाए। अब सीबीआई का छापा पड़ा तो अरविंद केजरीवाल ड्रामा करके कहेंगे कि मोदी ने फंसाया, छापा नहीं पड़ा तो कहेंगे देखो, हम ईमानदार हैं।'' केजरी-सिसोदिया ने किए थे ट्वीट.. - इन्क्वायरी दर्ज होने के बाद केजरीवाल ने कहा, ''वाह रे मोदीजी। रिश्वत खाओ खुद और केस करो हम पे। चोरी और सीनाजोरी। मोदीजी, इसीलिए मैं आपको कायर बोलता हूं। गोवा और पंजाब में हार रहे हो तो सीबीआई का गेम शुरू कर दिया?'' - ''ऐसा लगता है मोदीजी पूरी तरह पगला गए हैं। देश के पीएम को बस एक यही काम रह गया है। हाथ धोकर पीछे पड़ गए हैं। मनीष CBI का इंतज़ार करते रहे, लेकिन CBI नहीं आई। अभी तक लोग CBI से डरते थे। पहली बार CBI किसी से डर रही है।'' - एक ट्वीट में सिसोदिया ने कहा था- ''स्वागत है मोदीजी! आइए मैदान में। कल सुबह आपकी सीबीआई का अपने घर और दफ्तर में इंतज़ार करूंगा। देखते हैं कितना ज़ोर है आपके बाजुए कातिल में।'' ट्रम्प-मोदी के बीच 3 मुद्दों पर होगी बातचीत, 26 जून को US में होगी पहली मुलाकात 13 Jun 2016 नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी 25 जून को अमेरिका पहुंचेंगे। अगले ही दिन यानी 26 को उनकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात होगी। दोनों के बीच यह पहली मुलाकात होगी। अभी तक दोनों नेता तीन बार फोन पर बातचीत कर चुके हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, "मोदी और ट्रम्प की मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को और ज्यादा गहरा करेगी। साथ ही स्ट्रैटजिक रिलेशनशिप को भी नई दिशा देगी।" इस दौरान H1-B वीजा पर भी दोनों के बीच चर्चा हो सकती है। बता दें कि मोदी का तीन साल में यह चौथा अमेरिकी दौरा होगा इन तीन मुद्दों पर होगी चर्चा... - व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी शॉन स्पाइसर के मुताबिक, "मोदी के साथ मीटिंग में ट्रम्प आने वाले मुद्दों के बारे में चर्चा करेंगे। उन मसलों पर भी बातचीत होगी, जिनसे दोनों देशों के बाइलेटरल रिलेशन मजबूत होंगे और जो भारत-यूएस के साझा मुद्दे हैं। इन तीन मसलों पर होगी बातचीत... 1. टेररिज्म के खिलाफ जंग। 2. इकोनॉमिक ग्रोथ और रिफॉर्म्स को बढ़ावा देना। 3. इंडो-पैसिफिक रीजन में डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत करना। क्यों अहम है ये मुलाकात?... - अमेरिका हाल ही में पेरिस क्लाइमेट डील से हट गया। ट्रम्प ने कहा था कि डील से 2025 तक अमेरिका में 27 लाख नौकरियां चली जाएंगी। नौकरियां बचाने के लिए हमें इस समझौते से हटना होगा। ये भी आरोप लगाया कि पेरिस डील में भारत और चीन जैसे पॉल्यूटेड देशों के लिए कोई खास सख्ती नहीं की गई है। - एच-1बी को लेकर भी ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने सख्ती की है। भारत ने इस पर चिंता जताई थी। - ट्रम्प-मोदी की मीटिंग में डिफेंस को-ऑपरेशन, आतंकवाद के अलावा साउथ एशिया, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप्स (एनएसजी) में भारत की मेंबरशिप जैसे कई दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। फॉसिल फ्यूल पर भी दोनों देश बातचीत कर सकते हैं। - बता दें कि ट्रम्प एक्सपोर्ट बढ़ाना चाहते हैं। उनका मानना है कि विदेशी कंपनियां अमेरिका में इन्वेस्टमेंट करें और नौकरी में भी अमेरिकियों को तरजीह दें। उबर ने रेप पीड़िता के मेडिकल रिकॉर्ड हासिल करने वाले अधिकारी को निकाला 8 Jun 2016 टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी उबर ने अपने उस सीनियर अधिकारी को हटा दिया है जिसने 2014 में रेप की शिकार हुई 26 साल की एक भारतीय लड़की के मेडिकल रिकॉर्ड को कथित तौर पर हासिल कर लिया था। टेक्नोलॉजी न्यूज वेबसाइट रेकोड की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के एशिया प्रशांत के प्रेसिडेंट एरिक एलेक्जेंडर को मंगलवार को नौकरी से निकाल दिया गया है। बता दें कि उबर ने पिछले कुछ महीनों में अपने 20 कर्मचारियों को उत्पीड़न, भेदभाव और गलत व्यवहार के आरोपों पर निकाला है। उबेर ने अधिकारी को निकाला... -रिपोर्ट के मुताबिक एलेक्जेंडर ने उस महिला के मेडिकल रिकॉर्ड हासिल कर लिए थे जिसके साथ उबर ड्राइवर शिव कुमार यादव ने दिल्ली में दिसंबर 2014 में रेप किया था। -इस घटना के बाद भारत सरकार ने सख्त रवैया अपनाया था। सरकार ने जून 2015 तक उबर को दिल्ली में ऑपरेट करने से बैन कर दिया था। -2015 में दिल्ली की एक अदालत ने शिवकुमार यादव को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक एलेक्जेंडर ने कई लोगों को दिखाई मेडिकल रिपोर्ट -रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि एलेक्जेंडर ने ये मेडिकल रिपोर्ट उबर के CEO ट्राविस क्लानिक और सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट एमिल माइकल को दिखाई थी। इसके बाद कंपनी के अनेक अधिकारियों को या तो ये रिकॉर्ड दिखाए गए या उसके बारे में बताया गया था। -न्यूज वेबसाइट ने एलेक्जेंडर की इस हरकत के बारे में पूछने के लिए कंपनी से कॉन्टैक्ट किया तो उसे बताया गया कि एलेक्जेंडर अब उनकी कंपनी में नहीं है। केरला हाउस में घुसकर गौरक्षकों ने बांटा गाय का दूध, रेजिडेंट कमिश्नर ने मांगी एडिशनल प्रोटेक्शन 2 Jun 2016 नई दिल्ली। केरला हाउस के रेजिडेंट कमिश्नर ने कहा है कि उन्होंने केरला हाउस के लिए एडिशनल प्रोटेक्शन मांगी है। बता दे कि गुरूवार रात केरल में हाल में आयोजित बीफ फेस्टिवल का विरोध करने के लिए एक गौरक्षक ग्रुप के कुछ मेंबर्स कथित तौर पर जबरन घुस गए थे। रेजिडेंट कमिश्नर विश्वास मेहता ने कहा कि वे लोग बिना किसी इनफॉर्मेशन के अचानक आ गए। यह एक पॉलिटिकल चीज है, केरला हाउस जैसे इंस्टिट्यूशन को इससे दूर रखा जाना चाहिए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक पुलिस ने बताया कि खुद को भारतीय गौरक्षक क्रांति का मेंबर बताने वाले 12-14 लोग केरल हाउस में घुस गए और उन्होंने गाय का दूध बांटना शुरू कर दिया। -वे कथित तौर पर कह रहे थे कि उन्हें परमिश्न की जरूरत नहीं है क्योंकि वे धर्म के मुताबिक काम कर रहे हैं। केरल में आयोजित किए गए हैं बीफ फेस्ट -पशु बाजारों में वध के लिए मवेशियों के खरीद-फरोख्त पर रोक के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ केरल के कई हिस्सों में बीफ फेस्ट आयोजित किए गए हैं। -राज्य में कांग्रेस के कुछ वर्कर्स ने एक बछड़े को पब्लिक तौर पर काट दिया था। केरल में मुख्य तौर पर बीफ खाने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। मोदी के निर्देश के बाद शाह को खातों की डिटेल देंगे बीजेपी विधायक और सांसद, केजरीवाल ने कसा तंज 3 December 2016 नोटबंदी के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद कर रहे सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज एक बार फिर ट्विटर के जरिए हमला बोला। उन्होंने पीएम के उस निर्देश पर तंज कसा जिसमें प्रधानमंत्री ने बीजेपी के सभी सांसद-विधायकों को 8 नवंबर से 31 दिसंबर तक उनके खातों से होने वाले लेन-देन की डिटेल पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह को सौंपने को कहा है। यह डिटेल 1 जनवरी तक देने को कहा गया है। केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, 'तो अब भाजपा के MP/MLA अमित शाह को अपने बैंक डिटेल देंगे और अमित शाह काला धन की चेकिंग करेंगे?' PMने किया आयकर संशोधन विधेयक का सपोर्ट... -मोदी ने ये निर्देश भाजपा संसदीय दल की बैठक में दिया। विपक्षी दल यह आरोप लगाते रहे हैं कि नोटबंदी की फैसले के एलान से पहले बीजेपी के कुछ नेताओं और करीबियों को चुनिंदा तरीके से लीक किया गया। -पीएम ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि आयकर संशोधन विधेयक ब्लैक मनी को सफेद करने के लिए नहीं बल्कि गरीबों से लूटे गए पैसे का इस्तेमाल उनके कल्याण के लिए करने के लिए हैं। सोनिया गांधी हॉस्पिटल में एडमिट, कांग्रेस प्रेसिडेंट को वायरल इन्फेक्शन की शिकायत 2 December 2016 कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को मंगलवार दोपहर दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। जानकारी के मुताबिक, सोनिया को वायरल इन्फेक्शन है। कांग्रेस की तरफ से अभी इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। अगस्त में रोड शो के दौरान पड़ गई थीं बीमार... - यूपी में 27 साल बाद कांग्रेस सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। 3 अगस्त को वाराणसी में सोनिया ने 6.4Km का रोड शो रखा। इसे बीच में ही रोकना पड़ा था। तबीयत खराब होने पर पहले उन्हें होटल और बाद में हॉस्पिटल ले जाया गया था। - सोनिया लोकसभा चुनाव के दो साल बाद नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पहुंचीं थीं। - कांग्रेस विधायक अजय राय ने बताया था कि सोनिया को हाई फीवर, डिहाइड्रेशन और लो-ब्लड प्रेशर की शिकायत हुई थी। डॉक्टर्स ने उन्हें फौरन दिल्ली लौटने की सलाह दी थी।
नोटबंदी : करीब 160 टन नोट देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचा चुकी है इंडियन एयरफोर्स
पत्नी के बाद सिद्धू भी कांग्रेस में जा सकते हैं, नवजोत बोलीं-हम दो शरीर, एक आत्मा
AAP सरकार ने SC से कहा: शुंगलू रिपोर्ट पर जल्दबाजी में कोई एक्शन नहीं लिया जाए पंजाब जेल ब्रेकः फरार खालिस्तानी नेता हरमिंदर सिंह मिंटू 20 घंटे बाद अरेस्ट 28 November 2016 नाभा जेल ब्रेक मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू को दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से अरेस्ट कर लिया गया है। इन्हें भगाने वाले परमिंदर सिंह को उत्तर प्रदेश में शामली से पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है। बता दें कि पटियाला की नाभा जेल में रविवार सुबह कुख्यात बदमाश विक्की गोंडर के 10 साथी पुलिस की वर्दी में आए थे। वे फायरिंग करते हुए जेल में घुसे और 6 कैदियों को लेकर भाग गए। एक और खालिस्तान समर्थक कश्मीरा सिंह को पकड़ा जाना बाकी है। उधर, शहर में नाकेबंदी के दौरान पुलिस की फायरिंग में एक महिला की मौत भी हो गई है। परमिंदर के पास मिले हथियार... - उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया गया परमिंदर जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। - जिस वक्त उसे गिरफ्तार किया गया वह कार में था। उसकी कार से एक एसएलआर समेत तीन राइफल और कई राउंड कारतूस बरामद किए गए हैं।
नोटबंदी पर फिर हुआ संसद में हंगामा: सरकार बोली- ये कालेधन की नाकेबंदी का विरोध
20 दिन में 10 साल पीछे पहुंच गया देश, लोग हो रहे परेशान: केजरीवाल
SC से केजरीवाल को झटका, लोअर कोर्ट में चलता रहेगा जेटली द्वारा दायर क्रिमिनल मानहानि केस
नोटबंदी: मोदी सरकार के एलान के बाद ऐसे हुई थी काली कमाई खपाने की कोशिशें
ATM के बाहर लोगों से मिले राहुल, नोटबंदी सही या गलत- उनके सामने ही भिड़े लोग नोटबंदी: 4 महीने पहले ही Paytm का टारगेट पूरा, केजरी बोले- नोट नहीं, PM बदलो 22 November 2016 अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मोबाइल पेमेंट कंपनी पेटीएम की कमाई को मुद्दा बनाया। दिल्ली के सीएम ने ट्वीट कर पूछा, ''नोटबंदी के बाद से पेटीएम की कमाई में जबरदस्त उछाल आया। मोदीजी ने पेटीएम के लिए एड किया, पीएम और पेटीएम में क्या रिश्ता है? अब नोट नहीं, पीएम बदलो।'' बता दें कि 8 नवंबर को 500-1000 के नोट बंद करने के बाद से 4.5 करोड़ यूजर्स ने पेटीएम की सर्विस ली, जिसमें 50 लाख नए यूजर हैं। 14 तारीख तक पेटीएम के जरिए 2.5 करोड़ ऑफलाइन ट्रांजेक्शन हुआ, जिससे 150 करोड़ रु. का लेन-देन हुआ। 4 महीने पहले ही कंपनी का टारगेट पूरा हो गया है। केजरी के ट्वीट की क्या वजह... - मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दिनों कैश की दिक्कत के चलते लोगों ने कैशलेस ट्रांजेक्शन की तरफ रुख किया। जिसकी वजह से डिजिटल मोबाइल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी पेटीएम के यूजर्स अचानक बढ़े। - सोमवार को पेटीएम ने कहा, ''बीते शनिवार को कंपनी के प्लेटफॉर्म के जरिए 70 लाख कैशलेस ट्रांजेक्शन में 120 करोड़ का लेन-देन हुआ। 8 से 14 नवंबर के बीच 50 लाख नए यूजर जुड़े और पेटीएम के जरिए 2.5 करोड़ ऑफलाइन ट्रांजेक्शन हुआ, जिससे 150 करोड़ रुपए पेमेंट किए गए। कंपनी के पास फिलहाल 15 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।'' 4 महीने पहले ही पेटीएम का टारगेट पूरा - कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट, सुधांशु गुप्ता ने बताया, ''मेट्रो सिटीज में अब लोग एक कप कॉफी के पेमेंट के लिए भी पेटीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ जगहों पर किसान भी पेटीएम से खाद-बीज खरीद रहे हैं।'' - ''पेटीएम के कुल कारोबार में ऑफलाइन लेन-देन की हिस्सेदारी 65% के ऊपर पहुंच गई है, जबकि 6 महीने पहले यह 15% के करीब था। उनके प्लेटफॉर्म से बिकने वाले प्रोडक्ट्स का कुल मूल्य (GMV) 5 अरब डॉलर को पार कर गया है। इस तरह कंपनी ने 4 महीने पहले ही इस साल का टारगेट पूरा कर लिया, जो 2015 में 3 अरब डॉलर था।'' - बता दें कि GMV ऑनलाइन क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के कारोबार को मापने का पैमाना है। इसका मतलब किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बेची जाने वाले सामन के सकल मूल्य से है। पेटीएम में चीन के अलीबाबा ग्रुप की बड़ी हिस्सेदारी है। कंपनी मोबाइल वॉलेट पर लेन-देन के साथ ही अपने प्लेटफॉर्म पर ई-कॉमर्स की सर्विस भी देती है। ़ें
HC नोटबंदी के खिलाफ पिटिशन पर 8 दिसंबर को करेगा सुनवाई, 2000 का नया नोट बंद करने की मांग
केंद्र ने महिला की हत्या पर दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी
BJP सांसदों की मीटिंग में भावुक हुए मोदी: कहा- नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक ना कहें
LG हाउस के बाहर डिप्टी सीएम पर फेंकी स्याही, सिसोदिया ने कहा- BJP की साजिश प्रेस की आजादी जरूरी, सरकारों को मीडिया के काम में दखल नहीं देना चाहिए : पीएम 21 November 2016 पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि प्रेस की आजादी बेहद जरूरी है और इस पर बाहरी कंट्रोल समाज के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारों को प्रेस के कामकाज में दखल नहीं देना चाहिए। पत्रकारों की हत्या पर जताई चिंता... -पीएम ने पत्रकारों की हत्या पर चिंता जाहिर की। पीएम ने कहा कि हर मौंत चिंता पैदा करती है लेकिन सच दिखाने के लिए पत्रकारों की हत्या बहुत गंभीर विषय है। -पीएम ने कहा कि हम सबको पता है कि प्रेस काउंसिल ने किस तरह से इमरजेंसी का विरोध किया था। मोररजी भाई के पीएम बनने के बाद ही हालात नॉर्मल हुए थे। -पीएम ने कहा कि नेपाल भूकंप के बाद मीडिया ने शानदार भूमिका निभाई। मीडिया ने पूरे देश को पड़ोसी देश की मदद के लिए प्रेरित किया। -पीएम ने कहा कि मीडिया ने स्वच्छ भारत अभियान के मैसेज को फैलाने में बहुत बड़ा काम किया है।
ममता बोलीं- ATM का मतलब हो गया है 'आएगा तब मिलेगा'; नोटबंदी पर राष्ट्रपति भवन तक मार्च, नहीं मिला कांग्रेस-लेफ्ट का साथ
दिल्ली-NCR में 4.4 तीव्रता का भूकंप: हरियाणा, राजस्थान में भी महसूस हुए झटके
नोटबंदी से 7 दिन में 34 मौतें, सबसे ज्यादा मौतंे हार्ट अटैक और सुसाइड से हो रही हैं
डीयू ने कोर्ट से कहा, 'स्मृति ईरानी के 1996 के BA के दस्तावेज अब तक नहीं मिले' सातवें दिन भी बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की लंबी कतारें 17 November 2016 बड़े नोट बंद करने के सरकार के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विभिन्न दलों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया। उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान उनके साथ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के सभी सांसद, आप सांसद भगवंत मान, शिवसेना के सांसद आनंदराव अडसुल, नेशनल कांफ्रेंस नेता भी मौजूद थे। वहीं नोटबंदी के सातवें दिन भी दिल्ली की बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की भारी भीड़ रही। नोट बदलवाने के लिए लोग सुबह से ही लाइन में खड़े रहे। बुधवार को बैंकों में नोट बदलने के बाद लोगों की अंगुली पर वोट वाली स्याही भी लगाई गई, ताकि वो दोबारा नोट न निकाल सकें।
दिसंबर 15 से शुरू होंगे नर्सरी दाखिले!
VIRAL: नोट बदलने गई लड़की बैंक के बाहर हुई टॉपलेस, 10 मिनट में मिले पैसे
RBI के सामने धरने पर बैठे केजरी-ममता: रैली में बनर्जी बोलीं- सब्जी नहीं तो क्या ATM खाएगा आदमी
हुरुन की रिपोर्ट; रामदेव के शिष्य बालकृष्ण के पास 25 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी, 5 साल पहले कहा था- मेरे पास बैंक खाता तक नहीं |