जागरूक पाठको की पत्रिका 
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| सिंगापुर यात्रा: संजीव भाणावत     MMNN:25 Jun 2023 सिंगापुर का नेशनल जू अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती मना रहा है । 27 जून, 1973 में स्थापित यह जू विभिन्न जानवरों की प्रजातियों की दृष्टि से अपने आप में एक अद्भुत दर्शनीय स्थान है। सिंगापुर प्रवास के दूसरे दिन की सुबह यहां जाने का अवसर मिला। लगभग 300 प्रजातियों के विभिन्न पशु पक्षियों के 2800 जानवर यहां देश दुनिया के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित किए गए हैं। 'सिंगापुर जूलॉजिकल पार्क' के रूप में 28 प्रजातियों के 300 जानवरों तथा 50 एंक्लोजरस से स्थापित यह पार्क अपनी ऐतिहासिक यात्रा के लिए जाना जाता रहा है । सिंगापुर में वर्ष 1875 से ही इस तरह के चिड़ियाघर स्थापित करने के प्रयत्न शुरू हो गए थे । आर्थिक चुनौतियों एवं जानवरों की कमी के कारण ये प्रयास सफल- विफल होते रहे। अंततः तत्कालीन उप प्रधानमंत्री ने 27 जून,1973 को विधिवत रूप से इस जू का उद्घाटन किया। इस परियोजना के लिए सरकार ने वित्तीय सहायता के साथ-साथ 70 एकड़ भूमि भी उपलब्ध कराई। इस समय यह लगभग 26 एकड़ से अधिक विस्तृत भू-भाग में फैला हुआ है। 1982 में 'ब्रेकफास्ट विद वाइल्डलाइफ एनिमल्स योजना' प्रारंभ की गई जो बहुत लोकप्रिय है।हमने भी यहां खुले में बैठे हुए एक सर्प की एक प्रजाति के साथ फोटो खिंचवाया । कुछ पक्षियों को भी भोजन कराने की व्यवस्था थी । बंदरों के करतब रोमांचित कर रहे थे। 1985 से कुछ विशिष्ट एनिमल्स के प्रदर्शन भी अपार लोकप्रियता अर्जित कर रहे हैं। इनमें लॉयन ऑफ सी जैसे कुछ प्रदर्शन देखने का अवसर हमें भी निकाल सके। इस जू की विशेषता है इसमें एकत्रित अधिकांश जानवर पिंजड़ों में में कैद नहीं हैं। खुले एनक्लोजर में विचरण करते ये जानवर बच्चों को बहुत अधिक उत्साहित एवं आनंदित करते हैं। प्रकृति और पर्यावरण के बारे में नई पीढ़ी को जागरूक करने की दृष्टि से यह प्रयास निश्चय ही अपने आप में एक विशिष्ट अनुभव रहा। शोध अनुसंधान की दृष्टि से भी यह केंद्र महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। सिंगापुर के वीजा मिलने के बाद सिंगापुर रिवॉर्डस से हमें एक प्रमोशन स्कीम के तहत फ्री टिकट्स का ऑफर दिया गया था। सीमित संख्या में टिकिट की उपलब्धता के बावजूद हम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से इन टिकट्स को प्राप्त करने में सफल रहे। फ्री टिकट्स के साथ-साथ $45 का प्रातः कालीन ब्रेकफास्ट विद वाइल्ड एनिमल्स हमें निशुल्क उपलब्ध हुआ। लगभग 5 घंटे यहां हमने व्यतीत किए। लोकल ट्रेन की यात्रा के साथ साथ विभिन्न प्रजातियों के जानवरों को को देखने अनुभव भी यादगार रहा । कुछ चित्रमय झलकियां लेखक जनसंचार विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर , के अध्यक्ष रही है। 
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